2. संज्ञानात्र्क र्ॉडल का अर्ा
संज्ञानात्मक मॉडल एक सैद्ांजिक या वैचाररक
ढांचा होिा है िो संज्ञानात्मक जवकल्पों की श्रंखला के
संदर्भ में समजथभि सामाजिक व्यवहार को बिािा है। जकसी
की मदद करने से पहले व्यजि को जवजर्न्न प्रकार के
अजनयजमि एवं अव्यवजथथि जवचारों के बीच उलझना
पड़िा है। इन जवचारों के मंथन के आधार पर सहायिा देने
के बारे में जनर्भय जलया िािा है।
4. संज्ञानात्र्क र्ॉडल
यह मॉडल िॉन डाली और जबब लेटाने द्वारा 1970 में
प्रथिाजवि जकया गया था। 1964 में एक नसभ जकट्टी िेनोवीज़ की
हत्या ने उन्हें अध्ययन के जलए प्रेररि जकया। घटना के बाद जकये गए
शोधों से उन्होंने एक प्रर्ाव का पिा लगाया जिसे ‘दशाक प्रभाव’
कहा गया। ‘दशाक प्रभाव’ संज्ञानात्मक प्रसंथकरर् का पररर्ाम होिा
है। संज्ञानात्मक प्रसंथकरर् सहायिा करने से संबंजधि फै सला लेने में
मदद करिा है जिसे सामाजिक उन्मुख व्यवहार के संज्ञानात्मक मॉडल
के रूप में िाना िािा है।
5. सहायिापरक व्यवहार (सामाजिक उन्मुख व्यवहार)
संजचि संज्ञानात्मक जवकल्पों की श्रंखला का पररर्ाम होिा
है। सामाजिक उन्मुख व्यवहार में शाजमल होने से पहले व्यजि
प्रारंजर्क जनर्भय लेने की प्रजिया से गुिरिा है। जफर वह
जथथजि को आपािकालीन जथथजि की श्ेर्ी में वगीकर ि करिा
है। आपािकालीन जथथजि की पांच जवशेषिाओं पर जवचार
करने के बाद व्यजि जनर्भय प्रजिया के पांच चरर्ों से गुिरिा
है।
6. आपातकालीन पररवथर्वतयों की ववशेषताएं जो दशाकों के
व्यवहार को प्रभाववत करती हैं:
1. आपािकालीन पररजथथजियां अजनजिििा से र्री होिी हैं और जबना
चेिावनी के आिी हैं यानी उनकी न िो र्जवष्यवार्ी की िा सकिी है और न
ही प्रत्याशा की िा सकिी है।
2. वे असामान्य और यदा-कदा ही होिी हैं।
3. हर आपाि जथथजि की जथथजिगि मांगें जवजशष्ट होिी हैं, इसजलए हर
जथथजि से जनपटने के जलए व्यवहाररक कायभवाही र्ी अलग-अलग होिी है।
4. आपािकालीन पररजथथजियां संर्ाजवि खिरों से पररपूर्भ होिी हैं िथा
नुकसान र्ी सकिी हैं।
5. आपािकालीन पररजथथजियों में ित्काल प्रजिजिया की आवश्यकिा
होिी है।
7. आपातकालीन पररवथर्वतयों की ववशेषताएं दशाकों र्ें संज्ञानात्र्क
और व्यवहाररक प्रवतवियाओं की एक श्रंखला की शुरुआत करती हैं वजसर्ें
पांच सोपान होते हैं :
1. व्यजि देखिा है जक कु छ चल रहा है या हुआ है (कु छ घटना हुई है)।
2. व्यजि द्वारा जकसी जथथजि की एक आपाि जथथजि के रूप में व्याख्या
करना (उस जथथजि को आपािकालीन जथथजि के रूप में वगीकर ि करिा है
जिसके जलए ित्काल ध्यान देने की आवश्यकिा होिी है)।
3. जिम्मेदारी की िीव्रिा महसूस करना (जज़म्मेदारी के संदर्भ में मदद
करने की इच्छा की िीव्रिा)।
4. सहायिा का प्रकार (सहायिा कै से की िाये)।
5. सहायिापरक कायभवाही का जवकल्प (वाथिजवक समय के अनुसार
कायभवाही) लागू करिा है।
8. ‘दशाक प्रभाव’ संज्ञानात्मक रूप से इन पांच चरर्ों से
गुिरिा है। यजद आंिररक प्रजिजिया सकारात्मक होिी है िो ही
व्यजि सहायिापरक व्यवहार करिा है। इन चरर्ों से गुिरिे वि
यजद जकसी र्ी थिर पर व्यजि नकारात्मक व्यवहार के साथ
प्रजिजिया करिा है िो जनजिि रूप से सहायिापरक व्यवहार
खिरे में पड़ िािा है।
9. आपाि जथथजि के रूप में व्याख्या
करना
जिम्मेदारी की िीव्रिा महसूस
करना
सहायिा का प्रकार
सहायिापरक कायभवाही का
जवकल्प
कु छ चल रहा है या हुआ है Yes
Yes
No
No
No
10. References:
1. Darley, J. M., & Latane, B.
(1970). The unresponsive bystander: why
doesn't he help? New York, NY: Appleton
Century Crofts.
2. https://en.wikipedia.org/wiki/
Bystander_effect.