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पियाजे का संज्ञानात्मक पिकास ससद्धान्त
डॉ. संपर्
क आचार्क
पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास
ससद्धान्त
• जीन पपर्ाजे द्िारा प्रततपादित संज्ञानात्मक पिकास ससद्धान्त (theory of
cognitive development) मानि बुद्धध र्ी प्रर्ृ तत एिं उसर्
े पिर्ास से
सम्बन्न्धत एर् पिशि ससद्धान्त है। पपर्ाजे र्ा मानना था कर् व्र्न्तत र्
े
पिर्ास में उसर्ा बचपन एर् महत्िपूर्क भूसमर्ा अिा र्रता है। पपर्ाजे र्ा
ससद्धान्त, पिकासी अिस्था ससद्धान्त (developmental stage theory)
र्हलाता है। र्ह ससद्धान्त ज्ञान र्ी प्रर्ृ तत र्
े बारे में है और बतलाता है
कर् मानि र्
ै से ज्ञान र्ा क्रमशः अजकन र्रता है, र्
ै से इसे एर्-एर् र्र
जोड़ता है और र्
ै से इसर्ा उपर्ोग र्रता है।
पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास
ससद्धान्त
• व्र्न्तत िातािरर् र्
े तत्िों र्ा प्रत्र्क्षीर्रर् र्रता है; अथाकत् पहचानता है,
प्रतीर्ों र्ी सहार्ता से उन्हें समझने र्ी र्ोसशश र्रता है तथा संबंधधत
िस्तु/व्र्न्तत र्
े संिभक में अमूतक धचन्तन र्रता है। उतत सभी प्रकक्रर्ाओं से
समलर्र उसर्
े भीतर एर् ज्ञान भण्डार र्ा संज्ञानात्मर् संरचना उसर्
े
व्र्िहार र्ो तनिेसशत र्रती हैं। इस प्रर्ार हम र्ह सर्ते हैं कर् र्ोई भी
व्र्न्तत िातािरर् में उपन्स्थत कर्सी भी प्रर्ार र्
े उद्िीपर्ों (न्स्िमुलैंट्स)
से प्रभापित होर्र सीधे प्रततकक्रर्ा नहीं र्रता है, पहले िह उन उद्िीपर्ों
र्ो पहचानता है, ग्रहर् र्रता है, उसर्ी व्र्ाख्र्ा र्रता है। इस प्रर्ार हम
र्ह सर्ते हैं कर् संज्ञात्मार् संरचना िातािरर् में उपन्स्थत उद्िीपर्ों और
पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास
ससद्धान्त
• जीन पपर्ाजे ने व्र्ापर् स्तर पर संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ा
अध्र्र्न कर्र्ा। पपर्ाजे र्
े अनुसार, बालर् द्िारा अन्जकत ज्ञान
र्
े भण्डार र्ा स्िरूप पिर्ास र्ी प्रत्र्ेर् अिस्था में बिलता हैं
और पररमान्जकत होता रहता है। पपर्ाजे र्
े संज्ञानात्मर्
ससद्धान्त र्ो पिकासात्मक ससद्धान्त भी र्हा जाता है। चूंकर्
उसर्
े अनुसार, बालर् र्
े भीतर संज्ञान र्ा पिर्ास अनेर्
अिस्थाओ से होर्र गुजरता है, इससलर्े इसे अिस्था
ससद्धान्त (STAGE THEORY ) भी र्हा जाता है।
संज्ञानात्मक पिकास क
े कारक
• संज्ञानात्मर् पिर्ास र्
े िल निीन तथ्र्ों एिं पिचारों र्ी जानर्ारी तर् ही
सीसमत नहीं है। पपर्ाजे र्
े अनुसार, सोचने र्ी प्रकक्रर्ा में लगातार
पररितकन आता है। र्ह पररितकन धीमी गतत से जन्म से पररपति होने तर्
चलता रहता है तर्ोंकर् हम अपने आस-पास र्
े िातािरर् र्ो समझना
चाहते हैं। पपर्ाजे र्
े अनुसार ऐसे चार र्ारर् हैं न्जनमे परस्पर सम्बन्ध
एिं प्रभाि से संज्ञानात्मर् पिर्ास होता है-
• जैपिर् पररपतिता (Biological Maturation)
• गततपिधध (Activity)
• सामान्जर् अनुभि (Social Experiences)
जैपिक िररिक्िता (Biological Maturation)
• िातािरर् र्ो समझने हेतु सबसे महत्िपूर्क र्ारर् है
जैि पररपतिता। र्ह अनुिांसशर् रूप से उपन्स्थत
जैपिर् पररितकनों र्
े र्ारर् होती है। असभभािर्ों एिं
सशक्षर्ों र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास र्
े इस पहलू पर
बहुत ही र्म प्रभाि पड़ता है। िे र्
े िल बच्चों र्
े सलए
पोषर् एिं िेखभाल र्ा ध्र्ान रख सर्ते हैं।
गततपिधध (Activity)
• गततपिधध भी संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ा एर्
अतत महत्िपूर्क तनर्ामर् है। शारीररर्
पररपतिता र्
े साथ-साथ िातािरर् में गतत
र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास होता है, जैसे-
अिलोर्न, अन्िेषर्, परीक्षर् एिं अंत में ज्ञान
र्ा संगठन। इसी र्
े र्ारर् बच्चोँ र्
े ज्ञान में
सामाजजक अनुभि (Social Experiences)
• जैसे जैसे बालर् बड़ा होता जाता है, िह अपने आस-
पास र्
े लोगों र्
े संपर्
क में आता है। पपर्ाजे र्
े
अनुसार संज्ञानात्मर् पिर्ास में सामान्जर् अनुभि
अथाकत िूसरों से सीखने र्ा बहुत महत्त्ि है। बबना
सामान्जर् प्रसरर् र्
े हमें हमारी संस्र्ृ तत और समाज
र्ो प्रारंभ से समझने र्ा प्रर्त्न र्रना पड़ेगा। हमें
सिैि शून्र् से शुरुआत र्रनी पड़ेगी।
संतुलीकरण (Equilibration)
• समाज से सीखना इस बात पर तनभकर
र्रता है र्ी हम संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ी
कर्स अिस्था में हैं? पररपतिता,
गततपिधध एिं सामान्जर् प्रसरर् सभी र्
े
मध्र् संतुसलर्रर् ही संज्ञानात्मर् पिर्ास
संगठन (Organization)
संगठन ज्ञान और अनुभिों र्ो मानससर् तंत्र में सुव्र्िन्स्थत र्रने र्ी सतत प्रकक्रर्ा है। मानि में
पिचारों र्ी प्रकक्रर्ा र्
े संगठनों र्ो मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं में ढालने र्ी जन्मजात प्रिृपि
होती है। इन मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं र्
े द्िारा ही हम िातािरर् र्ो समझते हैंतथा उससे
जुड़ पाते हैं। सामान्र् संरचनाएं धीरे-धीरे जुडती चली जाती हैं और समन्न्ित होर्र जदिल
एिंप्रभाव्शाली हो जाती हैं। पपर्ाजे ने इन मानससर् संरचनाओं एिं प्रत्र्क्षीर्रर् तथा अनुभिों
र्
े समूह र्ो स्र्ीमा (SCHEMA) र्ा नाम दिर्ा था। स्र्ीम पिचारों र्ी मूलभूत इर्ाई है। र्ह
कक्रर्ाओं एिं पिचारों र्ी एर् सुव्र्िन्स्थत प्रर्ाली है न्जसर्
े द्िारा हम संसार र्ी िस्तुओं एिं
घिनाओं र्
े बारे में सोच पाते हैं तथा मन्स्तष्र् में उसर्ी एर् छपि बना पाते हैं। स्र्ीम बहुत
ही छोिे और पिसशष्ि तथा बहुत बड़े और पिस्तृत भी हो सर्ते हैं। जैसे-जैसे मानि र्
े पिचार
र्ी प्रकक्रर्ा संगदठत होती है और नए स्र्ीम र्ा पिर्ास होता है, िैसे ही उसर्ा व्र्िहार
अधधर् पररपति, जदिल एिं अनुर्
ू सलत होता जाता है।
अनुक
ू लन
• मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं र्ो संगदठत र्रने र्ी प्रिृपि र्
े साथ ही बच्चे में
िातािरर् र्
े अनुर्
ू ल होने र्ी प्रिृपि भी होती है। पपर्ाजे र्ा र्ह पिशस
था कर् पौधों और पशुओं र्ी तरह ही मनुष्र् भी अपने भौततर् और
सामान्जर् िातािरर् र्
े साथ, न्जसमे िे रहते हैं, अपने र्ो अनुर्
ू सलत
र्रते हैं। पपर्ाजे ने अनुर्
ू लन र्ो िो मूल प्रकक्रर्ाओं र्
े रूप में सलर्ा-
• समािेशन (Assimilation)
• समार्ोजन (Accomodation)
समािेशन (Assimilation)
• समािेशन उस प्रकक्रर्ा र्ो र्हते हैं, न्जसर्
े
द्िारा निीन िस्तुएं एिं घिनाएं ग्रहर् र्ी
जाती हैं और ितकमान संरचनाओं अथिा स्र्ीम
र्
े क्षेत्र में समापिष्ि कर्र्ा जाता है।
समायोजन (Accomodation)
• समार्ोजन िह प्रकक्रर्ा है , न्जसर्
े द्िारा नर्ी िस्तु र्ा घिना र्ो सीधे-सीधे ग्रहर्
र्रने र्ा समापिष्ि र्रने में होने िाले प्रततरोध र्ो िूर र्रने र्
े सलए पहले से
मौजूि संज्ञानात्मर् स्र्ीम र्ा संरचना र्ो पररमान्जकत कर्र्ा जाता है। मान लीन्जर्े
एर् छः महीने र्ी आर्ु र्ा बच्चा हाथ बढ़ार्र िस्तु र्ो पर्ड़ने र्ा अभ्र्स्त है।
अगली बार िह एर् बड़े आर्ार र्ी िस्तु र्ो पर्ड़ने र्ा प्रर्ास र्रता है। र्दि
बच्चा सफलतापूिकर् नर्ी िस्तु तर् पहुुँच जाता है और उसे ग्रहर् र्र लेता है तो
पपर्ाजे र्
े अनुसार नर्ी िस्तु सफलतापूिकर् समापिष्ि र्र ली गर्ी है। चूुँकर् नर्ी
िस्तु पहले िाली िास्तु से बड़े आर्ार र्ी है तो बच्चे र्ो र्
ु छ अधधर् श्रम र्रना
होगा। उसे हथेली र्ो चौड़ा र्र फ
ै लाना होगा, अन्र्था उसर्ी र्ोसशश सफल नहीं
होगी। इस तरह नर्ी िस्तु र्
े सलए पहले से मौजूि स्र्ीमा में पररितकन र्रना
होगा। पपर्ाजे मानससर् संरचना र्
े इस तरह र्
े आतंररर् पररितकन र्ो समार्ोजन
संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ी अिस्थाएुँ
जीन प्र्ाजे ने संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ो चार अिस्थाओं में
पिभान्जत कर्र्ा है-
1. संिेदिर् पेशीर् अिस्था (Sensory Motor) : जन्म र्
े 2 िषक
2. पूिक-संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Pre-operational) : 2-7 िषक
3. मूतक संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Concrete Operational) : 7 से12
िषक
4. अमूतक संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Formal Operational) : 12से
संिेदी िेशीय अिस्था
जन्म क
े 2 िर्ष
• इस अिस्था में बालर् र्
े िल अपनी संिेिनाओं और शारीररर्
कक्रर्ाओं र्ी सहार्ता से ज्ञान अन्जकत र्रता है। बच्चा जब
जन्म लेता है तो उसर्
े भीतर सहज कक्रर्ाएुँ (Reflexes) होती
हैं। इन सहज कक्रर्ाओं और ज्ञानन्न्िर्ों र्ी सहार्ता से बच्चा
िस्तुओं ध्ितनओं, स्पशक, रसो एिं गंधों र्ा अनुभि प्राप्त
र्रता है और इन अनुभिों र्ी पुनरािृपि र्
े र्ारर् िातािरर्
में उपन्स्थत उद्िीपर्ों र्ी र्
ु छ पिशेषताओं से पररधचत होता
संिेदी िेशीय अिस्था
जन्म क
े 2 िर्ष
• संज्ञानात्मर् पिर्ास र्
े प्रारंसभर् र्ाल र्ो संिेिी पेशीर् अिस्था र्हते हैं। इस
अिस्था में बच्चा अपनी सम्िेदिर् इन्न्िर्ों (िेखना, सुनना, चलना, छ
ू ना, चखना
आदि) एिं पेशीर् गततपिधधर्ों द्िारा सीखता है। इस अिस्था में बच्चा िस्तु
स्थातर्त्ि (Object Permanence) र्
े पिर्ास र्ो िशाकते हैं। बच्चा र्ह समझने लगता
है र्ी र्दि र्ोई िस्तु उसर्
े सामने उपन्स्थत नहीं है तो भी उसर्ा अन्स्तत्ि रह
सर्ता है, र्द्र्पप बच्चा उसर्ा इन्न्िर्ों से अनुभि नहीं र्र पाता है। र्हीं से बच्चे
र्ा मानससर् तनरूपर् (Mental Representation) र्ी क्षमता र्ा पिर्ास होता है।
िस्तु स्थातर्त्ि से पहले बच्चों से चीजें लेर्र छ
ु पाना बहुत आसान होता है लेकर्न
इसर्
े पिर्ास र्
े पश्चात् बच्चे तछपाई हुर्ी िस्तु र्ो र्हाुँ-िहां िेखने और खीजने
र्ा प्रर्ास र्रते अदहं। इससे र्ह पता लगता है कर् बच्चे र्ो र्ह समझ है कर् िह
संिेदी िेशीय अिस्था
जन्म क
े 2 िर्ष
• संिेि पेशीर् अिस्था र्ी एर् मुख्र् उपलन्धध र्ह भी है कर्
इसमें उद्िेश्र्पूर्क र्ार्ों र्ी शुरुआत होती है। इस अिस्था में
बच्चे बड़ों र्
े व्र्िहार र्ो िोहराते हैं। बड़ों र्ी र्ही हुर्ी बातों
र्ो र्ाि रखर्र उन्ही र्
े व्र्िहार र्ो उनर्ी अनुपन्स्थतत में
िोहराते हैं। नक़ल उतरने जैसा व्र्िहार र्रते हैं । िे रोजाना
दिखने िाली गततपिधधर्ों र्ी नक़ल भी उतारते हैं तथा
र्ाल्पतनर् गततपिधधर्ाुँ भी र्रते हैं। जैसे खाना बनाने र्ा
संिेदी िेशीय अिस्था
जन्म क
े 2 िर्ष
• इस अिस्था र्ो छः उपिस्था मे बािा है ~
1- सहज कक्रर्ाओ र्ी अिस्था (जन्म से 30 दिन तर्)
2- प्रमुख िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 1 माह से 4 माह)
3- गौर् िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 4 माह से 8 माह)
4- गौर् न्स्र्मेिा र्ी समन्िर् र्ी अिस्था ( 8 माह से 12 माह )
5- तृतीर् िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 12 माह से 18 माह )
6- मानससर् सहर्ोग द्िारा नर्े साधनों र्ी खोज र्ी अिस्था ( 18 माह से 24
माह )
िूिष-संक्रियात्मक अिस्था
2-7 िर्ष
• इस अिस्था में बालर् स्िर्
े न्न्ित ि स्िाथी न होर्र िूसरों र्
े सम्पर्
क से
ज्ञान अन्जकत र्रता है। अब िह खेल, अनुर्रर्, धचत्र तनमाकर् तथा भाषा र्
े
माध्र्म से िस्तुओं र्
े संबंध में अपनी जानर्ारी अधधर्ाधधर् बढ़ाता है।
धीरे-धीरे िह प्रतीर्ों र्ो ग्रहर् र्रता है कर्न्तु कर्सी भी र्ार्क र्ा तर्ा
संबंध होता है तथा ताकर्
क र् धचन्तन र्
े प्रतत अनसभज्ञ रहते हैं। इस अिस्था
में अनुक्रमर्शीलता पार्ी जाती है। इस अिस्था मे बालर् र्
े अनुर्रर्ो मे
पररपतिता आ जाती है।
िूिष-संक्रियात्मक अिस्था
2-7 िर्ष
इस अिस्था मे प्रर्ि होने िाले लक्षर् िो प्रर्ार र्
े होने से इसे िो भागों में बांिा गर्ा है।
1. पूिक प्रत्र्ात्मर् र्ाल: (2-4 िषक)
2. अंतः प्रज्ञर्र्ाल: / अन्तिकसशक अिधध (4-7 िषक)
– 1-प्रार् संकक्रर्ात्मर्:बालर् संर्
े त तथा धचन्ह र्ो मन्स्तष्र् में ग्रहर् र्रते हैं।
तनजीि िस्तुओं र्ो सजीि समझते हैं। बालर् आत्मर्
ें दित हो जाता है । संर्
े तों एिं
भाषा र्ा पिर्ास तेज होने लगता है।
– 2-अन्तःप्रज्ञार्ाल:
बालर् छोिी छोिी गर्नाओं जैसे जोड़ घिाओ आदि सीख लेता है।संख्र्ा प्रर्ोग र्रने
लगता है। इसमें क्रमबद्ध तर्
क नही होता है।
िूिष-संक्रियात्मक अिस्था
2-7 िर्ष
• संिेि पेशीर् अिस्था र्
े अंत तर् बच्चे बहुमुखी कक्रर्ाएं र्रने लगते हैं।
इस अिस्था में बच्चे मानससर् संकक्रर्ाएं र्रना प्रारंभ र्रते हैं। मानससर्
संकक्रर्ा से असभप्रार् है कर् सोच र्
े साथ कक्रर्ाएं र्रना एिं मन-मन्स्तष्र्
में समस्र्ा र्ो हल र्रने र्ा प्रर्ास र्रना। पूिक संकक्रर्ात्मर् अिस्था में
बच्चे तनपुर्ता र्ी ओर बढ़ते है परन्तु अभी पूर्क मानससर् संकक्रर्ाओं र्
े
उपर्ोग में तनपुर् नहीं होते इससलए इसे पूिक संकक्रर्ात्मर् अिस्था र्हते
हैं।
मूतष संक्रियात्मक अिस्था
7-12 िर्ष
इस अिस्था में बालर् पिद्र्ालर् जाना प्रांरभ र्र लेता है एिं
िस्तुओं एि घिनाओं र्
े बीच समानता, सभन्नता समझने र्ी
क्षमता उत्पन हो जाती है इस अिस्था में बालर्ों में संख्र्ा
बोध, िगीर्रर्, क्रमानुसार व्र्िस्था कर्सी भी िस्तु ,व्र्न्तत
र्
े मध्र् पारस्पररर् संबंध र्ा ज्ञान हो जाता है। िह तर्
क र्र
सर्ता है। संक्षेप में िह अपने चारों ओर र्
े पर्ाकिरर् र्
े साथ
अनुर्
ू ल र्रने र्
े सलर्े अनेर् तनर्म र्ो सीख लेता है|
औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था
12-15 िर्ष
• र्ह अिस्था 12 िषक र्
े बाि र्ी है इस अिस्था र्ी पिशेषता
तनम्न है :-
• ताकर्
क र् धचंतन र्ी क्षमता र्ा पिर्ास
• समस्र्ा समाधान र्ी क्षमता र्ा पिर्ास
• िास्तपिर्-आिास्तपिर् में अन्तर समझने र्ी क्षमता र्ा
पिर्ास
औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था
12-15 िर्ष
• पररर्ल्पना पिर्ससत र्रने र्ी क्षमता र्ा
पिर्ास
• पिसंगंततर्ों र्
े संबंध में पिचार र्रने र्ी
क्षमता र्ा पिर्ास
• जीन पपर्ाजे ने इस अिस्था र्ो अतंज्ञाकन र्हा
औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था
12-15 िर्ष
• पररर्ल्पना पिर्ससत र्रने र्ी क्षमता र्ा
पिर्ास
• पिसंगंततर्ों र्
े संबंध में पिचार र्रने र्ी
क्षमता र्ा पिर्ास
• जीन पपर्ाजे ने इस अिस्था र्ो अतंज्ञाकन र्हा

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Piagets theory of cognitive development

  • 1. पियाजे का संज्ञानात्मक पिकास ससद्धान्त डॉ. संपर् क आचार्क
  • 2. पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास ससद्धान्त • जीन पपर्ाजे द्िारा प्रततपादित संज्ञानात्मक पिकास ससद्धान्त (theory of cognitive development) मानि बुद्धध र्ी प्रर्ृ तत एिं उसर् े पिर्ास से सम्बन्न्धत एर् पिशि ससद्धान्त है। पपर्ाजे र्ा मानना था कर् व्र्न्तत र् े पिर्ास में उसर्ा बचपन एर् महत्िपूर्क भूसमर्ा अिा र्रता है। पपर्ाजे र्ा ससद्धान्त, पिकासी अिस्था ससद्धान्त (developmental stage theory) र्हलाता है। र्ह ससद्धान्त ज्ञान र्ी प्रर्ृ तत र् े बारे में है और बतलाता है कर् मानि र् ै से ज्ञान र्ा क्रमशः अजकन र्रता है, र् ै से इसे एर्-एर् र्र जोड़ता है और र् ै से इसर्ा उपर्ोग र्रता है।
  • 3. पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास ससद्धान्त • व्र्न्तत िातािरर् र् े तत्िों र्ा प्रत्र्क्षीर्रर् र्रता है; अथाकत् पहचानता है, प्रतीर्ों र्ी सहार्ता से उन्हें समझने र्ी र्ोसशश र्रता है तथा संबंधधत िस्तु/व्र्न्तत र् े संिभक में अमूतक धचन्तन र्रता है। उतत सभी प्रकक्रर्ाओं से समलर्र उसर् े भीतर एर् ज्ञान भण्डार र्ा संज्ञानात्मर् संरचना उसर् े व्र्िहार र्ो तनिेसशत र्रती हैं। इस प्रर्ार हम र्ह सर्ते हैं कर् र्ोई भी व्र्न्तत िातािरर् में उपन्स्थत कर्सी भी प्रर्ार र् े उद्िीपर्ों (न्स्िमुलैंट्स) से प्रभापित होर्र सीधे प्रततकक्रर्ा नहीं र्रता है, पहले िह उन उद्िीपर्ों र्ो पहचानता है, ग्रहर् र्रता है, उसर्ी व्र्ाख्र्ा र्रता है। इस प्रर्ार हम र्ह सर्ते हैं कर् संज्ञात्मार् संरचना िातािरर् में उपन्स्थत उद्िीपर्ों और
  • 4. पपर्ाजे र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास ससद्धान्त • जीन पपर्ाजे ने व्र्ापर् स्तर पर संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ा अध्र्र्न कर्र्ा। पपर्ाजे र् े अनुसार, बालर् द्िारा अन्जकत ज्ञान र् े भण्डार र्ा स्िरूप पिर्ास र्ी प्रत्र्ेर् अिस्था में बिलता हैं और पररमान्जकत होता रहता है। पपर्ाजे र् े संज्ञानात्मर् ससद्धान्त र्ो पिकासात्मक ससद्धान्त भी र्हा जाता है। चूंकर् उसर् े अनुसार, बालर् र् े भीतर संज्ञान र्ा पिर्ास अनेर् अिस्थाओ से होर्र गुजरता है, इससलर्े इसे अिस्था ससद्धान्त (STAGE THEORY ) भी र्हा जाता है।
  • 5. संज्ञानात्मक पिकास क े कारक • संज्ञानात्मर् पिर्ास र् े िल निीन तथ्र्ों एिं पिचारों र्ी जानर्ारी तर् ही सीसमत नहीं है। पपर्ाजे र् े अनुसार, सोचने र्ी प्रकक्रर्ा में लगातार पररितकन आता है। र्ह पररितकन धीमी गतत से जन्म से पररपति होने तर् चलता रहता है तर्ोंकर् हम अपने आस-पास र् े िातािरर् र्ो समझना चाहते हैं। पपर्ाजे र् े अनुसार ऐसे चार र्ारर् हैं न्जनमे परस्पर सम्बन्ध एिं प्रभाि से संज्ञानात्मर् पिर्ास होता है- • जैपिर् पररपतिता (Biological Maturation) • गततपिधध (Activity) • सामान्जर् अनुभि (Social Experiences)
  • 6. जैपिक िररिक्िता (Biological Maturation) • िातािरर् र्ो समझने हेतु सबसे महत्िपूर्क र्ारर् है जैि पररपतिता। र्ह अनुिांसशर् रूप से उपन्स्थत जैपिर् पररितकनों र् े र्ारर् होती है। असभभािर्ों एिं सशक्षर्ों र्ा संज्ञानात्मर् पिर्ास र् े इस पहलू पर बहुत ही र्म प्रभाि पड़ता है। िे र् े िल बच्चों र् े सलए पोषर् एिं िेखभाल र्ा ध्र्ान रख सर्ते हैं।
  • 7. गततपिधध (Activity) • गततपिधध भी संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ा एर् अतत महत्िपूर्क तनर्ामर् है। शारीररर् पररपतिता र् े साथ-साथ िातािरर् में गतत र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास होता है, जैसे- अिलोर्न, अन्िेषर्, परीक्षर् एिं अंत में ज्ञान र्ा संगठन। इसी र् े र्ारर् बच्चोँ र् े ज्ञान में
  • 8. सामाजजक अनुभि (Social Experiences) • जैसे जैसे बालर् बड़ा होता जाता है, िह अपने आस- पास र् े लोगों र् े संपर् क में आता है। पपर्ाजे र् े अनुसार संज्ञानात्मर् पिर्ास में सामान्जर् अनुभि अथाकत िूसरों से सीखने र्ा बहुत महत्त्ि है। बबना सामान्जर् प्रसरर् र् े हमें हमारी संस्र्ृ तत और समाज र्ो प्रारंभ से समझने र्ा प्रर्त्न र्रना पड़ेगा। हमें सिैि शून्र् से शुरुआत र्रनी पड़ेगी।
  • 9. संतुलीकरण (Equilibration) • समाज से सीखना इस बात पर तनभकर र्रता है र्ी हम संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ी कर्स अिस्था में हैं? पररपतिता, गततपिधध एिं सामान्जर् प्रसरर् सभी र् े मध्र् संतुसलर्रर् ही संज्ञानात्मर् पिर्ास
  • 10. संगठन (Organization) संगठन ज्ञान और अनुभिों र्ो मानससर् तंत्र में सुव्र्िन्स्थत र्रने र्ी सतत प्रकक्रर्ा है। मानि में पिचारों र्ी प्रकक्रर्ा र् े संगठनों र्ो मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं में ढालने र्ी जन्मजात प्रिृपि होती है। इन मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं र् े द्िारा ही हम िातािरर् र्ो समझते हैंतथा उससे जुड़ पाते हैं। सामान्र् संरचनाएं धीरे-धीरे जुडती चली जाती हैं और समन्न्ित होर्र जदिल एिंप्रभाव्शाली हो जाती हैं। पपर्ाजे ने इन मानससर् संरचनाओं एिं प्रत्र्क्षीर्रर् तथा अनुभिों र् े समूह र्ो स्र्ीमा (SCHEMA) र्ा नाम दिर्ा था। स्र्ीम पिचारों र्ी मूलभूत इर्ाई है। र्ह कक्रर्ाओं एिं पिचारों र्ी एर् सुव्र्िन्स्थत प्रर्ाली है न्जसर् े द्िारा हम संसार र्ी िस्तुओं एिं घिनाओं र् े बारे में सोच पाते हैं तथा मन्स्तष्र् में उसर्ी एर् छपि बना पाते हैं। स्र्ीम बहुत ही छोिे और पिसशष्ि तथा बहुत बड़े और पिस्तृत भी हो सर्ते हैं। जैसे-जैसे मानि र् े पिचार र्ी प्रकक्रर्ा संगदठत होती है और नए स्र्ीम र्ा पिर्ास होता है, िैसे ही उसर्ा व्र्िहार अधधर् पररपति, जदिल एिं अनुर् ू सलत होता जाता है।
  • 11. अनुक ू लन • मनोिैज्ञातनर् संरचनाओं र्ो संगदठत र्रने र्ी प्रिृपि र् े साथ ही बच्चे में िातािरर् र् े अनुर् ू ल होने र्ी प्रिृपि भी होती है। पपर्ाजे र्ा र्ह पिशस था कर् पौधों और पशुओं र्ी तरह ही मनुष्र् भी अपने भौततर् और सामान्जर् िातािरर् र् े साथ, न्जसमे िे रहते हैं, अपने र्ो अनुर् ू सलत र्रते हैं। पपर्ाजे ने अनुर् ू लन र्ो िो मूल प्रकक्रर्ाओं र् े रूप में सलर्ा- • समािेशन (Assimilation) • समार्ोजन (Accomodation)
  • 12. समािेशन (Assimilation) • समािेशन उस प्रकक्रर्ा र्ो र्हते हैं, न्जसर् े द्िारा निीन िस्तुएं एिं घिनाएं ग्रहर् र्ी जाती हैं और ितकमान संरचनाओं अथिा स्र्ीम र् े क्षेत्र में समापिष्ि कर्र्ा जाता है।
  • 13. समायोजन (Accomodation) • समार्ोजन िह प्रकक्रर्ा है , न्जसर् े द्िारा नर्ी िस्तु र्ा घिना र्ो सीधे-सीधे ग्रहर् र्रने र्ा समापिष्ि र्रने में होने िाले प्रततरोध र्ो िूर र्रने र् े सलए पहले से मौजूि संज्ञानात्मर् स्र्ीम र्ा संरचना र्ो पररमान्जकत कर्र्ा जाता है। मान लीन्जर्े एर् छः महीने र्ी आर्ु र्ा बच्चा हाथ बढ़ार्र िस्तु र्ो पर्ड़ने र्ा अभ्र्स्त है। अगली बार िह एर् बड़े आर्ार र्ी िस्तु र्ो पर्ड़ने र्ा प्रर्ास र्रता है। र्दि बच्चा सफलतापूिकर् नर्ी िस्तु तर् पहुुँच जाता है और उसे ग्रहर् र्र लेता है तो पपर्ाजे र् े अनुसार नर्ी िस्तु सफलतापूिकर् समापिष्ि र्र ली गर्ी है। चूुँकर् नर्ी िस्तु पहले िाली िास्तु से बड़े आर्ार र्ी है तो बच्चे र्ो र् ु छ अधधर् श्रम र्रना होगा। उसे हथेली र्ो चौड़ा र्र फ ै लाना होगा, अन्र्था उसर्ी र्ोसशश सफल नहीं होगी। इस तरह नर्ी िस्तु र् े सलए पहले से मौजूि स्र्ीमा में पररितकन र्रना होगा। पपर्ाजे मानससर् संरचना र् े इस तरह र् े आतंररर् पररितकन र्ो समार्ोजन
  • 14. संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ी अिस्थाएुँ जीन प्र्ाजे ने संज्ञानात्मर् पिर्ास र्ो चार अिस्थाओं में पिभान्जत कर्र्ा है- 1. संिेदिर् पेशीर् अिस्था (Sensory Motor) : जन्म र् े 2 िषक 2. पूिक-संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Pre-operational) : 2-7 िषक 3. मूतक संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Concrete Operational) : 7 से12 िषक 4. अमूतक संकक्रर्ात्मर् अिस्था (Formal Operational) : 12से
  • 15. संिेदी िेशीय अिस्था जन्म क े 2 िर्ष • इस अिस्था में बालर् र् े िल अपनी संिेिनाओं और शारीररर् कक्रर्ाओं र्ी सहार्ता से ज्ञान अन्जकत र्रता है। बच्चा जब जन्म लेता है तो उसर् े भीतर सहज कक्रर्ाएुँ (Reflexes) होती हैं। इन सहज कक्रर्ाओं और ज्ञानन्न्िर्ों र्ी सहार्ता से बच्चा िस्तुओं ध्ितनओं, स्पशक, रसो एिं गंधों र्ा अनुभि प्राप्त र्रता है और इन अनुभिों र्ी पुनरािृपि र् े र्ारर् िातािरर् में उपन्स्थत उद्िीपर्ों र्ी र् ु छ पिशेषताओं से पररधचत होता
  • 16. संिेदी िेशीय अिस्था जन्म क े 2 िर्ष • संज्ञानात्मर् पिर्ास र् े प्रारंसभर् र्ाल र्ो संिेिी पेशीर् अिस्था र्हते हैं। इस अिस्था में बच्चा अपनी सम्िेदिर् इन्न्िर्ों (िेखना, सुनना, चलना, छ ू ना, चखना आदि) एिं पेशीर् गततपिधधर्ों द्िारा सीखता है। इस अिस्था में बच्चा िस्तु स्थातर्त्ि (Object Permanence) र् े पिर्ास र्ो िशाकते हैं। बच्चा र्ह समझने लगता है र्ी र्दि र्ोई िस्तु उसर् े सामने उपन्स्थत नहीं है तो भी उसर्ा अन्स्तत्ि रह सर्ता है, र्द्र्पप बच्चा उसर्ा इन्न्िर्ों से अनुभि नहीं र्र पाता है। र्हीं से बच्चे र्ा मानससर् तनरूपर् (Mental Representation) र्ी क्षमता र्ा पिर्ास होता है। िस्तु स्थातर्त्ि से पहले बच्चों से चीजें लेर्र छ ु पाना बहुत आसान होता है लेकर्न इसर् े पिर्ास र् े पश्चात् बच्चे तछपाई हुर्ी िस्तु र्ो र्हाुँ-िहां िेखने और खीजने र्ा प्रर्ास र्रते अदहं। इससे र्ह पता लगता है कर् बच्चे र्ो र्ह समझ है कर् िह
  • 17. संिेदी िेशीय अिस्था जन्म क े 2 िर्ष • संिेि पेशीर् अिस्था र्ी एर् मुख्र् उपलन्धध र्ह भी है कर् इसमें उद्िेश्र्पूर्क र्ार्ों र्ी शुरुआत होती है। इस अिस्था में बच्चे बड़ों र् े व्र्िहार र्ो िोहराते हैं। बड़ों र्ी र्ही हुर्ी बातों र्ो र्ाि रखर्र उन्ही र् े व्र्िहार र्ो उनर्ी अनुपन्स्थतत में िोहराते हैं। नक़ल उतरने जैसा व्र्िहार र्रते हैं । िे रोजाना दिखने िाली गततपिधधर्ों र्ी नक़ल भी उतारते हैं तथा र्ाल्पतनर् गततपिधधर्ाुँ भी र्रते हैं। जैसे खाना बनाने र्ा
  • 18. संिेदी िेशीय अिस्था जन्म क े 2 िर्ष • इस अिस्था र्ो छः उपिस्था मे बािा है ~ 1- सहज कक्रर्ाओ र्ी अिस्था (जन्म से 30 दिन तर्) 2- प्रमुख िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 1 माह से 4 माह) 3- गौर् िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 4 माह से 8 माह) 4- गौर् न्स्र्मेिा र्ी समन्िर् र्ी अिस्था ( 8 माह से 12 माह ) 5- तृतीर् िृिीर् अनुकक्रर्ाओ र्ी अिस्था ( 12 माह से 18 माह ) 6- मानससर् सहर्ोग द्िारा नर्े साधनों र्ी खोज र्ी अिस्था ( 18 माह से 24 माह )
  • 19. िूिष-संक्रियात्मक अिस्था 2-7 िर्ष • इस अिस्था में बालर् स्िर् े न्न्ित ि स्िाथी न होर्र िूसरों र् े सम्पर् क से ज्ञान अन्जकत र्रता है। अब िह खेल, अनुर्रर्, धचत्र तनमाकर् तथा भाषा र् े माध्र्म से िस्तुओं र् े संबंध में अपनी जानर्ारी अधधर्ाधधर् बढ़ाता है। धीरे-धीरे िह प्रतीर्ों र्ो ग्रहर् र्रता है कर्न्तु कर्सी भी र्ार्क र्ा तर्ा संबंध होता है तथा ताकर् क र् धचन्तन र् े प्रतत अनसभज्ञ रहते हैं। इस अिस्था में अनुक्रमर्शीलता पार्ी जाती है। इस अिस्था मे बालर् र् े अनुर्रर्ो मे पररपतिता आ जाती है।
  • 20. िूिष-संक्रियात्मक अिस्था 2-7 िर्ष इस अिस्था मे प्रर्ि होने िाले लक्षर् िो प्रर्ार र् े होने से इसे िो भागों में बांिा गर्ा है। 1. पूिक प्रत्र्ात्मर् र्ाल: (2-4 िषक) 2. अंतः प्रज्ञर्र्ाल: / अन्तिकसशक अिधध (4-7 िषक) – 1-प्रार् संकक्रर्ात्मर्:बालर् संर् े त तथा धचन्ह र्ो मन्स्तष्र् में ग्रहर् र्रते हैं। तनजीि िस्तुओं र्ो सजीि समझते हैं। बालर् आत्मर् ें दित हो जाता है । संर् े तों एिं भाषा र्ा पिर्ास तेज होने लगता है। – 2-अन्तःप्रज्ञार्ाल: बालर् छोिी छोिी गर्नाओं जैसे जोड़ घिाओ आदि सीख लेता है।संख्र्ा प्रर्ोग र्रने लगता है। इसमें क्रमबद्ध तर् क नही होता है।
  • 21. िूिष-संक्रियात्मक अिस्था 2-7 िर्ष • संिेि पेशीर् अिस्था र् े अंत तर् बच्चे बहुमुखी कक्रर्ाएं र्रने लगते हैं। इस अिस्था में बच्चे मानससर् संकक्रर्ाएं र्रना प्रारंभ र्रते हैं। मानससर् संकक्रर्ा से असभप्रार् है कर् सोच र् े साथ कक्रर्ाएं र्रना एिं मन-मन्स्तष्र् में समस्र्ा र्ो हल र्रने र्ा प्रर्ास र्रना। पूिक संकक्रर्ात्मर् अिस्था में बच्चे तनपुर्ता र्ी ओर बढ़ते है परन्तु अभी पूर्क मानससर् संकक्रर्ाओं र् े उपर्ोग में तनपुर् नहीं होते इससलए इसे पूिक संकक्रर्ात्मर् अिस्था र्हते हैं।
  • 22. मूतष संक्रियात्मक अिस्था 7-12 िर्ष इस अिस्था में बालर् पिद्र्ालर् जाना प्रांरभ र्र लेता है एिं िस्तुओं एि घिनाओं र् े बीच समानता, सभन्नता समझने र्ी क्षमता उत्पन हो जाती है इस अिस्था में बालर्ों में संख्र्ा बोध, िगीर्रर्, क्रमानुसार व्र्िस्था कर्सी भी िस्तु ,व्र्न्तत र् े मध्र् पारस्पररर् संबंध र्ा ज्ञान हो जाता है। िह तर् क र्र सर्ता है। संक्षेप में िह अपने चारों ओर र् े पर्ाकिरर् र् े साथ अनुर् ू ल र्रने र् े सलर्े अनेर् तनर्म र्ो सीख लेता है|
  • 23. औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था 12-15 िर्ष • र्ह अिस्था 12 िषक र् े बाि र्ी है इस अिस्था र्ी पिशेषता तनम्न है :- • ताकर् क र् धचंतन र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • समस्र्ा समाधान र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • िास्तपिर्-आिास्तपिर् में अन्तर समझने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास
  • 24. औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था 12-15 िर्ष • पररर्ल्पना पिर्ससत र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • पिसंगंततर्ों र् े संबंध में पिचार र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • जीन पपर्ाजे ने इस अिस्था र्ो अतंज्ञाकन र्हा
  • 25. औिचाररक या अमूतष संक्रियात्मक अिस्था 12-15 िर्ष • पररर्ल्पना पिर्ससत र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • पिसंगंततर्ों र् े संबंध में पिचार र्रने र्ी क्षमता र्ा पिर्ास • जीन पपर्ाजे ने इस अिस्था र्ो अतंज्ञाकन र्हा