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5. !"ावना
• क
ु षाण काल क
े बाद भारत म4 बलशाली शासन का अभाव
• स9ूण; उ=री भारत म4 राजनीितक ख़ालीपन
• पABम भारत क
े िवदेशी आDमणकारी शक, पाAथ;यन तथा क
ु षाणों
Hभावशाली Iये
• अनेक लघु तथा िवशाल गणराKों का आAधपM
• दANणी भारत म4 सातवाहनों ने राज िकया िकया.
• तीसरी शताPी ई॰ तक क
ु षाण तथा सातवाहन राजवं श समा# हो
गए.
• इसक
े पUVात भारत क
े तीन भागों म4 तीन नए राजवं शों का उदय
Iआ.
• मW देश क
े पABमी भाग म4 नाग वं श, दXन म4 वाकाटक तथा पूवZ
भारत म4 गु#वं श.
7. गु#ों का वं श प2रचय
अनु
$म
िव(ान मत सं दभ/ समी1ा
१ काशी &साद जायसवाल
(िह/0ी ऑफ़ इंिडया)
शू7/जाट कौमुदी महो=व नाटक क
े नायक
चAसेन को कारCार
&बल िनEषG नही
२ गौरीशंकर ओझा,
रमेशचं7 मजूमदार,
वासुदेव उपाNाय
चटोपाNाय
OिPय मN &देश क
े गुQ वं शीय नरेश
महाRशव गुQ से सSTUत Rसरपुर
कW &शTX है RजसमZ उसे
च[वं शीय OPीय कहा गया है.
Rलिवयों से वैवािहक सSU
वैवािहक सSU
&माण नही।
३ दशरथ शमाG aाbण &भावती गुQा का पूना ताdपट
मZ “धारण” गोP
अिgपुराण मZ “धारण” गोP क
े
aाbण कहा है।
कदंबों क
े साथ वैवािहक संबं ध
पुरोिहतों का गोP
४ एलन
(क
े टेलोग ओफ़ द कोयँस ओफ़ गुQा
डायन/ीज़ एं ड ऑफ़ शशांक)
अlेकर, रोRमला थापर, रामशरण शमाG
वैm गुQ यह नाम
िवnुपुराण:
aाbण: शमाG
OिPय: वमाG
वैm: गुQ
कौिटo: िवnुगुQ
8. गु(ों का मूल िनवास 1ान
• लगभग 275 ई० क
े आसपास गु# सााK आरंभ Iआ.
• एलन, गांगुली, मजूमदार आिद ने “इ]^ंग” क
े िववरण क
े आधार पर
गु#ों का मूल _ान बं गाल बताया है।
• मगध: िवbुपुराण म4 “Hयाग तथा गंगा क
े िकनारे क
े Hदेश म4 मगध
क
े गु# लोग शासन कर4गे।
• पूवZ उ=र Hदेश: चंdगु# क
े AसX
े , Hयाग Hश]e,
• गु# सााK का शासन सfवत: Hयाग, अयोWा, मगध तथा मW
गंगाघाटी म4 शुg िकया और धीरे-धीरे उनका Hभाव लगभग सारे
भारत म4 फ़
ै ल गया.
9. गु# वं श
अनु
Dम
राजा काल
(ईसवी सन)
सं दभ;
१ [ी-गु# २७५-३०० समुVगु# क
े ^याग ^श_`
२ घटोcच ३००-३१९
३ चंVगु# ^थम ३१९-३३५-३५० महरौली लौह `ंभलेख
४ समुVगु# ३३५-३५० से ३७५ समुVगु# क
े ^याग ^श_`
५ रामगु#
६ चंVगु# िgतीय ३७५-४१३ उदयिगरी गुहालेख
७ क
ु मारगु# ^थम ४१३-१५ से ४५५
८ 0
ं दगु# ४५५-४६७ भीतरी `i लेख, जूनागड लेख
10. !ार34क राजा
!ीगु%
1. !ीगु% : &याग &श*+ म- &थम नाम,
2. काल2म: ईसवी सन २७५-३००
3. उपा=ध: महाराज,
4. !ीगु% या गु%
5. इ*Cंग: !ीगु% को “चे=लक
े तो” कहता है।
6. कोई लेख या =सLा नही
11. घटो$च (ईसवी सन ३००-३१९)
• घटोOच, !ीगु% का पुP एवं उRरा=धकारी,
• &भावती एवं T
ं दगु% क
े लेखों म- घटोOच को गु% वं श का &थम
शासक कहा है।
• काल2म: ईसवी सन ३००-३१९
• उपा=ध: महाराज,
• भार=शवों क
े सामं त, कालांतर म- XतंP
• कोई लेख एवं =सL
े नही
12. चं7गु( !थम
• गु# युग का वा(िवक सं ,ापक
• घटो1च का पु3
• काल5म : ईसवी सन ३१९ से ३३५-३५०
• दूरदशD सEाट
• FलGिवयों क
े साथ वैवािहक सं बं ध (क
ु मारदेवी से शादी)
• वैशाली (िबहार) का राM Nा#
• OणQ FसRों पर राजा-रानी का अंकन (FलGवय:)
• गु# सUत् का NवतQक ईसवी सन ३१९-३२०
• Nथम Oतं3 राजा उपाFध: महाराजाFधराज
• चंZगु# Nथम क[ िवजयों का िववरण अNा#
• समुZगु# का उराFधकारी चयन
• नय] सं शोधन क
े अनुसार चंZगु# Nथम एवं समुZगु# क
े बीच कचगु# राजा हो
गया था।
• कचगु# क[ OणQ FसR
े Nा# `ए है।
13. राजा-रानी ^कार FसGा
मुख भाग: चंVगु# एवं क
ु मारदेवी नामों क
े साथ
पृk भाग: Fसंहवािहनी देवी एवं लेख Fलlवय:
इन FसGों को राजा चnगु# ^थम और Fलlवी राजक
ु मारी क
ु मारदेवी क
े िववाह क
े अवसर पर ढ़ाला गया था।
यह गु# सा&ा' क
े इितहास मr एक महsपूणu घटना थी और यह माना जाता है िक इससे रा' मr सौभाw कx
वृFy Bई और वे अपने सा&ा' का िव`ार करने मr सTम हो सक
े ।
23. द<=णापथ क@ िवजय
अनु
$म
द21णापथ रा7 8देश िववरण
१ कोसल का मह)* द,-णी कोसल, राजधानी 4ीपुर MP: िबलासपुर, रायपुर, दुग;
ओिड़शा: संभलपुर, गंजम
२ महाकांतर का CाDराज वेनव तट (वैनगंगा), IाJ कोसल
(पूवL कोसल)
द,-णी कोसल क
े िनकट तथा द,-ण म) CाDदेव नामक सामN राजा
३ कौराल का मंटराज क
े रल ? द,-ण भारत का कोराड? सं िदR
४ िपTपुर का मह)*िगरी िपठापुरम गोदावरी ,ज़ले क
े गोदावरी ,ज़ले
५ कोXर का Yा,मदZ मह)*िगरी क
े द,-ण पूव; म) १२ िकमी
दूर क़ोथुर ?
ओिड़शा क
े गंजाम ,ज़ले का कोठूर ? सं िदR
६ ऐर^प_ का दमन १)`aलट: खानदेश क
े ऐरोंडोल से २) डुcायल: गंजाम क
े एर^प_ी से ३) जी॰ रामदास:
िवशाखापXनम क
े
य)निडप_ी से
७ काँची का िवiुगोप काँचीपुरम, ,चंगलपेट ,ज़ला ता,मल नाड़j प_व नरेश िवiुगोप वम;न
८ अवमुm का िनलराज काँची एवं व)गी का Iदेश ता,मल नाड़j एवं कना;टक cnपुराण: गोदावरी तट
सं िदR
९ व)गी का हpवम;न गोदावरी ,ज़ला आंr Iदेश सं भवतः शालंकायन वं श का
हpीवम;न
१० पा_क का उvसेन ने_ोक ,ज़ले क
े पा_काड आंr Iदेश
११ देवराT का क
ु बेर १)`aलट, रायचौधरी: महाराTw सं भवतः िवशाखापXनम क
े आसपास का
देवराTw
सं िदR
१२ क
ु xलपुर का धनंजय उZरी अका;ट म) कXलपुर
(उYर-दFTण: िवं{ से तंगभVा
25. सीमावत: (;&ंत) रा<ों क> िवजय
अनु
5म
सीमांत राM aे3 Nदेश
१ समतट गंगा का मुहाना बं गाल
२ दवाक ढाका बांcादेश
३ कामdप असम
४ नेपाल
५ कतूQपुर पूवQ पं जाब एवं
आसपास का Nदेश
उर-पFgम Nदेश
नीित
१) िवजयों क
े पŽरणामों से अ राजा भयभीत
२) कर :
३) दान :
४) आाकारण:
५) ^णाम:
५) आगमन:
26. गण रा?ों क9 िवजय
अनु
2म
गण राd oेP &देश
१ मालव अजमेर, टोंक, मेवाड़ राज’ान
२ आजुuनायन अलवर, जयपुर राज’ान
३ यौधेय यमुना क
े पF|म से सतलज कx घाटी हŽरयाना
४ मVक रिव एवं चेनब वाय” भारत
५ आभीर झाँसी या राजपूताना उYर ^देश या राज’ान
६ ^ाजुuन नरFसंहपुर म{ ^देश
७ सनक़ािनक Fभलसा , —ाFलयर म{ ^देश
८ काक Fभलसा-िविदशा क
े पास म{ ^देश
९ खरपŽरक दमोह म{ ^देश
28. समु7गु( क9 सा>ा? िव"ार नीितयाँ
• hहण मोaानुhह- इससे ताjयQ है िक उसने राMों को जीतकर, पुराने शासकों को
ही लौटा िदये। दFaणापथ क
े राMों क
े Nित यह नीित अपनाई गयी थी।
• Nसभोmरण- इसका ताjयQ है िक समुZगु# ने नये राMों को जीतकर बलपूवQक
अपने राM म] Fमला Fलया। समुZगु# ने यह नीित आयाQवतQ क
े राMों क
े Nित
अपनायी।
• परचारक[करण- इससे ताjयQ है सेवक बनाना। इस नीित का पालन उसने मn
भारत क
े आटिवक राMों क
े साथ िकया।
• करदानाoाकरण Nणामागमन- इससे ताjयQ है कर एवं दान देना, आoा का
पालन करना। इसक
े अलावा शासकों को समुZगु# क
े पास अFभवादन हेतु आना
पड़ता था। यह नीित समुZगु# ने सीमा q,त राजाओं व गणराMों क
े Nित
अपनायी।
• भृtराMोuv राजवं श Nितwा- इससे ताjयQ है िक हारे `ए राMों को पुन:
Nितwािपत करना।
• आxिनवेदन कyोपायान गzxद{O िवषय भुq} शासन याचना- इससे
ताjयQ है िक ब`त से शासकों ने समुZगु# क
े समa समपQण िकया। क
ु छ राजाओं
ने अपनी कyाओं का िववाह िकया। उोंने अपने िवषय व भुq} (Fजला व
Nा€) म] गु#ों क[ गzड़ मुZा से अंिकत आoा-प3 क[ याचना क[। इस नीित का
पालन उसने िवदेशी राजाओं क
े साथ िकया।
32. समु7गु( : मूRांकन
• आ2ामक यु„नी त
• महान िवजेता
• भारितय इितहास म- मह…पूण` tान
• उपा=ध: सव`राजो†ेता
• समुZगु% ने शु„ सोने क
े =सL
े &च=लत िकये गये जो
कलाyक Xiप म- भी उO
ृ ‡ है।
• *ˆथ: भारत का नेपो=लयन
• मजूमदार: लगभग पाँच शता*Šयों क
े राजनीितक
िवक
- Zीकरण क
े तथा िवदेशी आ=धपƒ क
े बाद आया`वत` म-
समुZगु% क
े काल म- पुनः नैितक, बौ=„क तथा भौितक उित
कe चोटी पर जा पŒँचा।
33. रामगु(
• समु$गु& का )े+ पु-
• नए संशोधन से रामगु& क5 पहचान 8स9 (१९२४)
• ता? 8स@
े (8भलसा, एरन): रामगु&
• दुजEनपुर जैन मूितE अ8भलेख “महाराजा8धराज रामगु&”
• गु& वं शाव8लयो मM नाम नही
• संभवतः अP एवं अयशपूणE शासन
• िवशाखादR क
े “देवीचं$गु&मं ” नाटक मM वणEन
• बाण क
े हषEचVरत, राजशेखर क5 काWमीमांसा,
• राXYक
ु ट अमोघवषE क
े संजान ता?पट, गोिवंद [थम क
े का]े एवं सांगली
क
े लेखों मM रामगु& क5 चचाE है।
• जैन धमाEनुयायी
34. चं7गु( िSतीय “ िवTमािदU”
• समुZगु% का पुP (&धान मिहषी: रानी दRदेवी)
• काल2म: ३७५ से ४१३-४१५
• अ=भलेखों म- “त[kरगृहीत”: िपता ारा चुना गया
• राd को *tर िकया
• शकिवजय : िवदेशी श*v क
े साथ यु„
• चाँदी क
े =सLों का &चलन
37. चं7गु( िSतीय क9 िद3Vजय
‘ोत: मेहरौली +Ž लेख, उदयिगरी गुहा लेख
अनु
$
गणरा7 1<प पूव> 8?ं त
रा7
प2@मोBर
भारत
द21णापथ
१ मD अवEी (मालवा) 1े< समतट परवत> क
ु षाण द21ण भारत
मJ Kाित
२ खरपNरक अंितम राजा: PD2संह तृतीय
का वध िकया
दवाक वाकाटक एवं
मालवा मJ 1<प 2सVों क
े
अनुकरण पर चाँदी क
े 2सV
े
चलाएँ
कामYप वाह2लक
(सतलज से
काबुल तक)
क
ुं तल 8देशों
से स[
३०० वष_ का शासन का अंत
उपा2ध: िव$मािद?
आसाम तक
का 1े<
िवजीत िकया
बाbख़
(िहंदूक
ु श क
े
पास)
गुजरात+किठयावाड 8देश श<ुओं क
े सं घ
को हराया
38. चंBगु# िCतीय क@ साDाE िवFार नीित
1. नागवं श : चं$गु& ि_तीय का क
ु बेरनाग क5 पु-ी क
ु बेरनागा से िववाह
2. चं$गु& ि_तीय क5 पु-ी [भावतीगु& का िववाह वाकाटक `$सेन ि_तीय
से
3. चं$गु& ि_तीय क
े पु-/पौ- से क
ुं तल राज (कद]) क5 कbा का
िववाह
नागवं श वाकाटक कदH
वैवािहक स./ 0ारा
39. गु#- वाकाटक सHI
• वाकाटक द=oण-मn भारत एवं िवदभ` का
श*vशाली वं श
• समुZगु% क
े द=oणापथ अ=भयान म- भी
सुर=oत
• पूना ता~पP: &भावती गु%ा + zZसेन II
• वी *ˆथ : वाकाटकों कe मह…पूण`
भोगो=लक *tित क
े कारण चंZगु% II ने
उनसे वैवािहक स’“ बनाए जो शक िवरोधी
अ=भयान म- मह…पूण` थे।
• zZसेन ितीय ने क
े वल ५ वष” तक राज िकया
• &भावती गु% “वाकाटक संर=oका”
• पूना ता~पP म- गु%ों कe वं शावली
40. कदW सWX
• क़द’ द=oण भारत क
े शासक
• उRर कना`टक
• तालगुडा लेख: कद’ नरेश
काक
ु tवम`न कe पुPी गु% वं श
म- –ाही थी।
• भोज का !गार&काश: क
ुं तल
राजा ने चंZगु% क
े क
ं धे पर राd
का भर देक
े िन=—ंत हो गया।
41. शक-िवजय
• चं$गु& ि_तीय क5 महcपूणE उपलef।
• अ8भलेखों क
े आधार पर यु9 क
े पूवE उदयिगरी, मालवा, मh[देश iे-
को आधार बनाया होगा।
1. गु& सामंत सनकानीक महाराज का अ8भलेख (४०१ ईसवी)
2. ि_तीय सेनापित आ?कादवE का अ8भलेख साँची मM (४१२ ईसवी)
3. यु9मं-ी िवरसेन शाव का अ8भलेख उदयिगरी मM 8मलता है।
4. mतः चं$गु& ि_तीय का अ8भलेख
• शक राजा: संभवतः `$8संह ि_तीय
• चं$गु& ि_तीय ने उसे हराया एवं संभवतः मार डाला
• शकों का ३०० वषp का शासन काल समा& qआ।
• गुजरात एवं कािठयाँवाड iे- सा?ा) का भाग
• रजत 8स@
े
• 8संहिनहंता [कार क
े सुवणE 8स@
े
• उपा8ध: िवsमािदt, शकारी
45. फािहयान
(३९९-४१४):
चंVगु# िgतीय क
े
आदशu शासन कx
^शं सा, “^जा
सुखी एवं समृy थी
तथा लोग पर˜र
सौहादuपूणu रहते
थे”। अपराध कम
होते थे, राजा िबना
द‰ क
े शासन
करता था।
Foguoji (A Record of Buddhistic Kingdoms)
47. चं7गु( िSतीय का मूRांकन
1. चं$गु& ि_तीय महान िवजेता, क
ु शल शासक, क
ू टनीितu था।
2. शकों का ३०० वषp क
े शासन का अंत
3. प8vमी Wापारी iे-ों (भड़ोंच) पर अ8धकार से Wापार-वा8ण) मM वृ89
4. परमभागवत एवं सिहyु
5. mयं िव_ान एवं िव_ानों का आzयदाता: उ{ैन एवं पाट8लपु-
सां|
ृ ितक iे-
6. दरबार मM नवर}
7. फािहयान एवं का8लदास ने ुित
8. रजत 8स@ों का [चलन
9. समु$गु& ने सा?ा) क5 िनवं रखी, चं$गु& ि_तीय ने उसपर मज़बूत
महल बनाया।
48. क
ु मारगु(-!थम महZ7ािदU
• चंZगु% ितीय का šुवदेवी से उ[ पुP
• काल2म: ४१३-४१५ से ४५५ (४० वष`)
• बड़े सा~ाd का शासक
• लगभग स]ूण` भारतवष` पर अ=धकार
• यु„-िवजय क
े &माण नही
• शासन क
े अंितम काल म- पु›=मPों का िवZोह (प=—म भारत)
• œणों का आ2मण
• उपा=ध: मह-Zािदƒ, अ€मेध मह-Z, मह-Z=संह,
54. क
ु मारगु(-!थम: मूRांकन
1. िवशाल सा~ाd पे शासन
2. शांित और सुŸवtा का काल
3. दीघ`काल तक शासन
4. क
ु मारगु% ने शांित एवं सुखपूव`क राजली का उपभोग
िकया
5. समुZगु% एवं चंZगु% II ने =जस िवशाल सा~ाd का िनमा`ण
िकया उसे उसे क
ु मारगु% ने संगिठत एवं सुशा=सत बनाए
रखा।
55. [
ं दगु(
• क
ु मारगु% &थम का पुP
• संभवतः जे¡ नही (पुzगु%)।
• काल2म: ईसवी सन ४५५-४६७
• पु›=मP, œणों और आंतkरक िवZोह कe *tित
• पु›=मPों का दमन (राजपुP)
• उपा=ध: 2मािदƒ
56. <ोत
• अ=भलेख:
1. T
ं दगु% का जूनागढ़ अ=भलेख (œण िवजय)
2. भीतरी +Ž लेख (पु›=मPों पर िवजय)
3. कहौम अ=भलेख
4. सुिपया लेख
5. गढ़वा लेख ,
• =सL
े :
1. Xण`
2. रजत
61. ण -आTमण
1. जूनागढ़ अ=भलेख ४५५: शPुओं कe तुलना “मान और दप` से अपने
फ़न उठाएँ Œए सप`” इ¥- दमन करने क
े =लए, T
ं दगु% गzड़ iपी
&ितिन=धयों कe श*v का उपयोग िकया। (¦े† = œण )
2. भीतरी अ=भलेख “गु%वं श कe ली िवच=लत”, उसे tायी करने क
े
=लए उसे एक रात भू=मतल पे सोना पड़ा। T
ं दगु% ने शPु को हरा
िदया।
3. कथासkरCागर: िव2मािदƒ (T
ं दगु%) ने ¦े†ों को परा=जत
िकया।
4. चंZगभ`पाkर&ू†ा: Z§पसह्ह+ ने क
े वल १२ वष` िक आयु म- ¦े†ों
को परा=जत िकया, उसक
े िपता मह-Zसेन ने उसे राजा बनाकर
सgास ले =लया।
• यु„ tल:
1. गंगा,ल (गंगा„िन)
2. उर-पFgमी भारत
3. सतलज नदी
65. सुदश^न झील
1. सौरा‡˜ (गुजरात) क
े िगरनार म- जूनागढ म- *tत
2. मह…पूण` Ÿापाkरक oेP
3. ८०० वष” का इितहास
4. रैवतक पव`त से िनकली पला=शनी, =सकता एवं िवला=सनी निदयों
पर िनिम`त बांध
5. चंZगु% मौय` ारा िनमा`ण (पु›गु%)
6. असोक ारा पुनz„ार (तुषा¯क़)
7. शक शासक zZदामन ारा पुनिन`मा`ण
8. गु% काल म- T
ं दगु% क
े ग़ो%ा (गवन`र) पण`दR क
े पुP
च2पा=लत ने इसका पुनz„ार िकया।
66. [
ं दगु( : मूRांकन
• णों पर िवजय
• वं श क5 िवच8लत राजल‚ी को पुनः [िति+त िकया (सा?ा) को
सुर8iत रखा)
• प8vम और प8vमोRर भारत मM ग़ो&ा क5 िनयुe… (सैिनक [ांतीय
शासक)
• उRर मM िहमालय से लेकर द8iण मM नमEदा नदी तक तथा पूवE मM बं गाल
से लेकर प8vम मM सुराXY तक क
े िवृत भूभाग पर शासन करने वाला
अंितम गु& स?ाट।
• बौ9 †ंथ आयEमंजूzीमूलकP मM |
ं दगु& को zे+, बु89मान एवं
धमEवल कहा है।
• |
ं दगु& गु& वं श क
े महानतम राजाओं क5 ˆंखला मM अंितम कड़ी
था
• |
ं दगु& क5 मृtु क
े बाद गु&ों का िवघटन शु‰ qआ ।
67. गु/ राजा
अनु
5म
राजा काल (ईसवी
सन)
सं दभQ
१ पुzगु# ४६७- ४७६ ‡
ं दगु# का भाई (बौm)
२ क
ु मारगु# िˆतीय ४७७-४९५ सारनाथ बौm Nितमा
३ बुधगु# (परा5मी राजा) ४९५-५१५ पुzगु# का पु3
(सारनाथ, नालंदा)
४ नरFसंहगु# “बालािद‰”
(मगध)
Šणों पर िवजय गु# साEाM का तीन
िह‹ों म] िवभाजन
५ भानुगु#
६ वैyगु#
७ क
ु मारगु# तृतीय
८ िवुगु# ५५०
68. णों का आTमण एवं गु(ों का पतन
• णों का आsमण गु&ों क
े 8लए समŠा
• सवE[थम |
ं दगु& ने णों को परा8जत िकया, लेिकन ण पूणEतहा समा&
नही qए।
• णों का [भाव उRर-प8vम भारत मM e‹र होता रहा, जो सŒूणE भारत क
े
8लए हािनकारक था।
• |
ं दगु& ने णों का पूणE [बं ध नही िकया, जो भिव मM गु&ों क
े पतन का
कारण 8स9 qए।
• |
ं दगु& क
े पŽात क
े राजाओं ने भी णों को संपूणE उूलन क
े 8लए कोई
ठोस [बं ध नही िकये
• एरण अ8भलेख: ण राजा तोरमान ने मh [देश का भाग 8जत 8लया था
एवं गु& सामंत अब णों क
े सामंत हो गए थे।
• तोरमान क
े पु- 8मिहरक
ु ल ने गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt पे आsमण
िकया उसमM 8मिहरक
ु ल परा8जत qआ।
• ’ेन“ाँग: गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt ने 8मिहरक
ु ल को छोड़ िदया
• भानुगु& का एरण अ8भलेख: गोपराज णों क
े यु9 मM परा8जत qआ।
73. िन`ष^
• गु# काल मr कला, िवान और सािहš क
े Tे< मr ^गित Bई और इसक
े कारण इसे “›णu युग” कहा
गया।
• झांसी क
े पास देवगढ़ मr मं िदर और इलाहाबाद क
े पास गढ़वा मr मं िदर मr मूितuयां गु# कला का महsपूणu
नमूना हœ।
• —ाFलयर क
े पास बाग कx गुफाओं मr गु# काल क
े Fच<ों को देखा जाता है।
• गु#कालीन FसG
े भी उžेखनीय थे
• चंVगु# िgतीय और उसक
े उYराFधकाŽरयों ने िवFभŸ िक ों क
े सोने, चांदी और तांबे क
े FसG
े भी जारी
िकए थे
• गु# काल मr सं0
ृ त भाषा ^मुख हो गई। सवu[ेk सं0
ृ त सािहš गु# युग मr िनिमuत Bआ।
• एक महान किव समुVगु# ने हरषेण सिहत कई िवgानों को संरTण िदया था।
• चnगु# िgतीय का दरबार ^ितिkत नवर¡ों gारा सुशोFभत था। उसमr काFलदास सबसे ^मुख थे।
• पंचतं< कx कहािनयों कx रचना गु# काल क
े दौरान Bई थी।
• अपने वतuमान Iप मr पुराणों कx रचना इसी काल मr Bई थी।
• वतuमान Iप मr महाभारत और रामायण को Fलखा गया था और अंितम Iप िदया गया था और वतuमान Iप
मr Fलखा गया।
• गु# काल मr गFणत, खगोल िवान, 'ोितष और FचिकDा क
े Tे< मr एक शानदार गितिवFधयों का
सा¢ रहा है।