2. Dr. Virag Sontakke
!"तावना
• भारतीय इ(तहास के अ.ययन से पता चलता है 4क रा5य क6
आय का मु:य ;<ोत था।
• रा5य म@ अथA क6 Bयव;था, राजा Fवारा Gजा से कर लेकर,
क6 जाती थी।
• करH के बदले राजा रा5य म@ Bयव;था, सुरKा, शां(त तथा
सुNवधाए Gदान करता था ।
• Gाचीन काल से हQ राजकोष क6 वृFTध करे के Uलए अनेक
Gकार के कर GचUलत थे।
• Gाचीन भारतीय करH म@ भूUमकर एवं Bयापार –वाWण5य कर
Gमुख थे।
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3. Dr. Virag Sontakke
!ाचीन भारत म* कर क, जानकार/ के !मुख 34ोत
• ऋ1वेद
• अथव5वेद
• 6मृ9त;<थ
• महाभारत
• बौAध एवं जैन ;<थ
• जातक कथाये
• धम5सूI
• कौJटKय का अथ5शा6I
• मनु6मृ9त
• शुNनी9त
• अPभलेख
• ताSपI
• #वदेशी #ववरण
• इतर ;<थ, JटकायX इYयाJद 3
4. Dr. Virag Sontakke
कर) का उगम
• करों के प्राचीन प्रमाण ऋग्वेद से प्राप्त होते है।
• प्रारंभ में जब समाज में अराजकता थी तब लोगों ने प्रजा की रक्षा
करनेवाले वीर पुरुष को राजा चुना, और उसके बदले कर देने
का आरभ 4कया।
• राजा जो कर वसूल करता था वह प्रजा की रक्षा करने का पािरश्रिमक
था।
• धमAसू< म@ गौतम Uलखते है क6 Gजा राजा को इसUलए
कर देती है _यH4क राजा Gजा क6 रKा करता है।
• नारद भी कहते है क6 Gजा जो कर देती है वह राजा का
पािरश्रिमक है।
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5. Dr. Virag Sontakke
कर क# अवधारणा
• राजा जो कर वसूल करता था वह प्रजा की रक्षा करने का पािरश्रिमक था।
• राज%व तथा कर+ को, शासन के 2वारा अपने 5यि8तय+ को द: जा रह: सेवाओं
और उ@हA सुरCा Dदान करने तथा कानून 5यव%था को बनाए रखने के Iलए, कर
संKह Lकया जाता था।
• य2यMप, राज%व सभी संभव Pोत+ से एकQ Lकया जाता था परंतु, इसमA
अ@तTनUVहत धारणा लोग+ का शोषण करना या अ[धक कर थोपना नह:ं था, अMपतु,
Dजा के साथ-साथ शासन और राजा को बाहर: तथा आंत^रक खतर+ के DTतरCा
Dदान करना था। इस तर:के से एकQ राज%व को सड़कA बनाने, IशCण सं%थान+ क`
%थापना, नए गांव बसाने और समुदाय के Iलए लाभDद अ@य गTतMव[धय+ जैसी
सामािजक सेवाओं पर खचU Lकया जाता था।
• जैसे –जैसे 5यापार और वाcणdय क` DगTत हुई, वैसे कर प2धTत MवकIसत हुई।
6. Dr. Virag Sontakke
कर) के !कार
1. भूUमकर: भाग , बUल, कर ,bहरcय, धाdय
2. वाWण5य कर: शुeक, घाटकर, मFयकर इhयाbद
3. अdय कर: Gणय, Nविjट, उkंग, हUलकाकर,
मेय/तुeयमेय, bदhय, Nवमुि_त, पmरहार, दशापराध,
चौरHFधरण, दशापराध, हि;तदंड इhयाbद
7. Dr. Virag Sontakke
वै+दक काल से गु2त काल तक अ4य
मह8वपूण; कर
• अथव5वेद मX Zकसानो से “भाग” नाम का तथा ]यापा^रय_ से “शुKक”
नाम का कर Pलए जाने के उKलेख aाbत हc।
• eोण, मापक और महामाI जैसे अgधकारh कर वसूलते थे।
• #वनय #पटक के अनुसार पव5त, नदh और नगर Aवार पर चुंगीगृह होते
थे जहां पर आयात कk व6तुओं पर चुंगी लगती थी।
• गुbतकाल के अPभलेख_ मX भाग, भोग और कर शmद_ का aयोग हुआ।
• अवKगक: सेना और राजा को आNमण के समय aजा Aवारा दh जाने
वालh खाAय साम;ी तथा व6तुएँ।
• इस काल मX उप^रकर और उeंग नामक कर_ का aथमत: उKलेख aाbत
होता है।
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8. Dr. Virag Sontakke
अथ;शा> के अनुसार, कर के Aकार
1. #पpडकर: सqपूण5 ;ाम Aवारा Jदया जानेवाला कर
2. उYसंग : राजा को aजा Aवारा दh जानेवालh भXट
3. सीता : राजकkय भूPम से aाbत कर
4. सेना-भ-त: गाँव_ से गुजरने पर सेना को aAदs कर
5. औपाय9नक: उपहार
6. पाtव5 :अgधक लाभ पर अ9त^र-त कर
7. कोuटेयक : पानी भूPम पर कर।
8. मरJहनक : पशुओं Aवारा कk गयी हा9न कk v9त पू9त5 हेतु कर
9. इसके अलावा राuw, दुग5, खानX,सेतु, वन, वx (पशुधन), व{णकपथ,
शुKक (सामा<य कर), दpड जैसे अनेक कर थे।
9. Dr. Virag Sontakke
गु0तो2र क़ाल (ईसवी ६०० -१२००)
राजनी&तक स*ा का कई सा,ा-य म0 1वक0 34करण
कर एवं 8यावसा&यक ग&त1व:धय< से स>बं:धत रचनाओं का अभाव
जानकार4 हेतु अFभलेख< का बाहुIय
रा-य के Jथान पर कर< का अ:धMहन का अ:धकार सामंत< को OाPत
अ&तQरRत कर< के भार एवं दबाव म0 वृU:ध
कृ षक वगW कX दयनीय िJथ&त।
गु#तो&र क़ाल के कर
1. हFलकाकर: हल कX जुती हुई ज़मीन या हल< कX सं]याओ पर
2. मेय/तुIयमेय: वJतुओं के तौल के आधार पर
3. धाaय: अaन का भाग जो १/६, १/८, १/१० और १/१२ था।
4. iदjय: इसके बारे म0 &निlचत पता नह4ं
5. 1वमुिRत: राजा के Jथान पर सामंत को iदया जानेवाला कर।
6. पQरहार: राजा के Jथान पर सामंत को iदया जानेवाला कर।
7. दशापराध कर: दnड के pप म0 लगाए गए कर।
8. चौर<Uधरण: पुFलस Uवारा चोर< से सुरqा के बदले Fलया जानेवाला कर।
9. हिJतदंड:हा:थय< को रखने पर लगनेवाला वार।
10. वरवल4: बैलो को रखने का कर।
11. मUयक़र: मUय (शराब) पर लगने वाला कर
12. काvकर: FशिIपय< से Fलया जाने वाला कर।
13. उ3ंग: उ3ंग कर यह पुFलस या सुरqा कर होता था।
14. उपQरकर: यह अ&तQरRत कर रहा होगा।
15. शुIक: शुIक एक वाxणि-यक कर था
11. Dr. Virag Sontakke
शु@क
• शुeक एक वाWणि5यक कर था, जो BयापाmरयH से वसूला
जाता था।
• अथAशा;< म@ उeलेख है क6 अलग-अलग व;तुओं पर अलग-
अलग अंशो म@ शुeक लगाना चाbहए।
• अथAशा;< म@ इसक6 वसूलQ अTधकारQ को ”शुeका.यK” कहते
थे।
• मनु के अनुसार शुeक वसूल 4कए जाने वालQ जगह को
“शुeक;थान” कहते थे।
• समुkगुsत के tबहार ;तंभ अUभलेख म@ शुeक इ_कठा करने
वाले अTधकारQ को “शौिeकक” कहा गया है।
12. Dr. Virag Sontakke
AविCट
• Nविjट का अथA बेगार है।
• vीक लेखक एmरयन के अनुसार Uशeपी और कारQगर कर
के ;थान पर बेगारQ करते थे।
• (नwचय हQ Nविjट एक कjटदायक कर था ईसीUलए, इसे
अ(तmर_त करH क6 सूची म@ रखा गया था।
• कृ षकH, चरवाहH और मज़दूरQ करनेवालH से आवश_यता
अनुसार Nविjट लQ जा सकती थी।
• zkदामन जूनागढ अUभलेख म@ कहता है, उसने Gजा से
Nविjट कर वसूल 4कए tबना “सुदशAन झील” का (नमाAण
कायA कराया।
13. Dr. Virag Sontakke
उEसंग
• 4कसी उhसव के समय Gजा राजा को जो भ@ट देती थी उसे उhसंग
कहा गया है।
• जातको म@ वणAन है क6 राजकु मार के जdम पर Gजा-जन
म@ से Ghयेक जन एक-एक काषापAण लाया था।
• उhसव कर अ(नवायA या एि}छक था इसके बारे म@
Nववरण अGाsत है।
14. Dr. Virag Sontakke
उपHरकर
• उपmरकर गुsत युग और उसके बाद के कालH म@ वWणAत है।
• उपmरकर का _या ताhपयA था इसके Nवषय NवFवानो म@
मतभेद है।
• उपmर श•द का सं;कृ त म@ अथA होता है अ(तmर_त,
इसीUलए ये संभवतः अdय करो से अलग अ(तmर_त कर
रहा होगा।
15. Dr. Virag Sontakke
उIंग
• उkंग का का ताhपयA था इसके Nवषय म@ NवFवानो म@
मतभेद है।
• राजतरंTगणी म@ kंग पुUलस चौक6 के अथA म@ Gयु_त हुआ
है।
• एस मैती के अनुसार उkंग कर यह पुUलस कर या सुरKा
कर होता था।
16. Dr. Virag Sontakke
हKलकाकर
• घोषाल के अनुसार इसका अथA हल पे लगाया हुआ कर हो
सकता है।
• यह अ(तmर_त कर भी हो सकता है जो उस Kे< पर
लगाया जाता था, िजसक6 जुताई हल Fवारा एक ऋतु म@
क6 जाती थी।
• मैती का मत है क6, हल Fवारा जोती गयी ज़मीन पर
लगनेवाला कर।
17. Dr. Virag Sontakke
घाटकर
• नद/ को पार करने के 8लये 8लए जाने वाले कर
को घाटकर कहा जाता था।
• ऊषवदD के ना8सक गुहा अ8भलेख म* वHणJत है Lक
ऊषवदD ने Mनशु:Oक नद/ पार करने क, Pयव3था
क, थी।
• 3मृMत RSथ और अथJशा34 म* भी घाटकर को
महUवपूणJ राजक,य आय का 34ोत कहा गया है।
18. Dr. Virag Sontakke
कराधान के KसNधांत
• मनु के अनुसार कर शा;<ानुसार वसूले जाने चाbहए।
• कामdदक के अनुसार राजा को कर ‚वाले या मालQ जैसे
वसूलना चाbहए।
• नाUसक गुहा अUभलेख म@ गौतUमपु< सातकणƒ को
धमाAनुसार कर लेनेवाला कहा गया है।
• zkदामन के जूनागढ़ अUभलेख से इस बात क6 पुिjट होती
है क6 उसने सुदशAन झील के बांध का (नमाAण Gजा पे
अ(तmर_त कर लगाए tबना कराया था।
• इससे ;पjट होता है क6 Gाचीन भारत म@ करH क6 दरे
Gजाbहत .यान म@ रखकर (नधाAmरत क6 जाती थी।
19. Dr. Virag Sontakke
कर) का OनधाPरण और दरT
• कर (नधाAरण से पहले अTधकाmरयH Fवारा व;तु का GचUलत
मूeय,पू(तA और माँग का उhपन Bयय आbद अनेक बातH पर
Nवचार 4कया जाता था।
• मनु;मृ(त के अनुसार,उhपाbदत व;तुओं का †यमूeय,
Nव†यमूeय, राह के खच‡, काराTगरो के खच‡ आbद का
आकलन करके करो का (नधाAरण होना चाbहए।
• भाग: यह भू-राज;व Gमुखता से १/६ भाग होता था, कभी -
कभी १/८, १/१०, १/१२ होता था।
• शुeक: १/२० से १/५० तक होती थी।
• Nविjट: महQने म@ एक bदन क6 मज़दूरQ।
20. Dr. Virag Sontakke
अथPशा"W मT कर OनधाPरण के Oनयम
• जैसे ने बैल पर धीरे-धीरे बोझ बढ़ाते है, वैसे हQ कर को धीरे –
धीरे बढ़ाना चाbहए।
• कर उतना हो क6, बाहर के रा5य के लोग भी आकNषAत होके
आए।
• कर अTधक ना हो।
• मधुम_खी जैसे थोड़ा-थोड़ा रस छ•े के Uलए इक•ठा करती
है, वैसे हQ राजा को Gजा पर थोड़ा-थोड़ा कर लगाना चाbहए।
• ग़लत रQ(त से कर नहQं लेना चाbहए।
• आपात कर उTचत समय पर लेना चाbहए।
• अधीन;थ रा5य से भी कर लेना चाbहए।
21. Dr. Virag Sontakke
कर) का !चलन
• वैJदक और बौAध युग मX व{ण5त बPल नामक कर गुbतयुgगन अPभलेख_ मX
और धम5शा6I_ मX भी उिKल{खत है, िजससे उसके दhघ5कालhन ]यािbत
का aमाण Pमलता है।
• अथ5शा6I मX उKले{खत #पpडकर और उदकभाग नामक कर_ का मौय5
काल पt~यात कोई उKलेख aाbत नहh होता।
• उप^रकर और उeंग नामक कर गुbत काल मX aचPलत थे, और बाद
के काल_ तक चलते रहे, लेZकन इनका उKलेख गुbत काल के पूव5
नहh aाbत होता।
• मेय, तुKयमेय और JदYय नामक कर परवत€ गुbत काल के बाद हh
aचPलत हुए।
• म•य भारत मX छटh शती मX aाbत ताSपI_ मX हPलकाकर का उKलेख है।
• मुग़ल काल तक हल पर “कर” लगता था।
22. Dr. Virag Sontakke
Aाचीन भारतीय करE क# Aमुख GवशेषतायI
• राजा को &बना प*पात के कर म. वृ12ध और कटौती करने का अ2धकार था, ले<कन =ाचीन भारत के
इAतहास म. करवृ12ध करने वाले Aनरंकु श राजा का उHलेख =ाJत नहK होते।
• मMयO कालKन =णालK म., भू-राजSव कU वसूलK, राVय कU आय का एक =मुख Yोत थी।
उसके साथ जल कर, चुंगी कर, टोल तथा सीमा शुHक[ को भी लगाया जाता था। वाAनक
उपज तथा धातुओं आ]द के खनन से भी कर[ कU वसूलK कU जाती थी। नमक कर भी
राजSव का एक मह_वपूणO Yोत था तथा इसकU वसूलK, इसकU Aनकासी के Sथान पर कU
जाती थी। कौ]टHय के कराधान कU अवधारणा, कराधान कU आधुAनक =णालK के लगभग
समान थी।
• मौय`aर काल म. भी आयात व AनयाOत शुHक यथामूHय आधार पर AनधाObरत था। इसी तरह
से चुंगी, सड़क उपकर, नौका-शुHक और अdय लेवी आ]द सभी तय थे।
• <कसी भी वSतु पर कर AनधाOरण से पहले अ2धकाbरय[ 1वारा वSतु का =चeलत मूHय,पूAतO
और माँग का उ_पन gयय आ]द अनेक बात[ पर hवचार <कया जाता था।
23. Dr. Virag Sontakke
JनKकष;
• रा„य कk आय का मु…य 6Iोत राज6व था।
• aाचीन भारतीय कर ]यव6था अपने 6व†प मX एक aग9तशील ]यव6था थी।
• Pशलालेख_ मX व{ण5त है कk राजा धमा5नुसार हh कर वसूल करते थे।
• aाचीन काल मX यह •यान मX रखा जाता था कk कर_ का भुगतान
करदाता के Pलए अgधकतम सु#वधाजनक होना चाJहए।
• बीमा^रय_ से पी‡ड़त ]यि-तय_ या नाबाPलग_ और छाI_ को कर_ से छू ट aाbत
थी या उपयु-त से छू ट दh गई थी।
• aाचीन भारतीय साJहYय, धाPम5क ;ंथ, मनु 6मृ9त, कौJटKय का
अथ5शा6I, शुNनी9त तथा महाभारत मX व{ण5त है कk, कर कk वृAgध
धीरे-धीरे होनी चाJहए, ताZक क़ोष vीण ना हो और जनता मX असंतोष
ना हो।
• कर चोर_ और अ<य अपराgधय_ पर 600 पण_ तक का जुमा5ना Zकया जाता था।
• राजकkय अgधकारh समय-समय पर खेत_ कk फसल_ का सवŒvण करते थे।
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24. Dr. Virag Sontakke
सZदभP Zथ
• धमUशा%Q का इTतहास (2Mवतीय खंड)
• लेखक : भारतरjन डॉ पाlडुरंग वामन काणे
• Dाचीन भारत क` आ[थUक सं%कृ Tत
लेखक : डॉ Mवशु2धानंद पाठक
• Dाचीन भारत का आ[थUक इTतहास
लेखक : डॉ Mवशु2धानंद पाठक
• Dाचीन भारत का समािजक एवं आ[थUक इTतहास
लेखक : ओम Dकाश
• Dाचीन भारत क` अथU5यव%था
लेखक : डॉ काल Lकशोर Iमo
• भारत मA कर सुधार
लेखक : डॉ डी के नेमा
• Perspectives in Social and Economic History of Early India
Author: R. S. Sharma
• The Economic Life of Northern India C.AD 700-1200
Author: Lallanji Gopal 24