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3. पररचय
• भारत में समुद्री व्यापार का प्राचीन इततहास रहा है।
• भारत पूर्ग, पतिमी एर्ं दतिणी तरफ से समुद्र से तिरा हुआ है।
• समुद्री व्यापार की शुरुआत तसंधु िाटी सभ्यता द्वारा की र्ई थी।
• तसंधु िाटी सभ्यता क
े पतन क
े बाद, पुनः 6 र्ीं शताब्दी ईसा पूर्ग क
े दौरान समुद्री
व्यापार क
े साक्ष्य
• अलेक्जेंडर क
े आक्रमण क
े बाद व्यापार क
े नए िेत्र
• पहली शताब्दी ईसा पूर्ग क
े दौरान भारत-रोमन व्यापार सम्पूणग भारत को प्रभातर्त
करता है।
• प्रारंतभक मध्ययुर्ीन काल में चालुक्य और चोल मजबूत नौसैतनक शक्ति क
े उदाहरण
है।
4. तसंधु िाटी सभ्यता व्यापार
• उस समय दुतनया का सबसे अतधक िेत्र में व्याप्त संस्क
ृ तत ।
• संर्तित शहर, बहुमंतजला इमारतें, तर्शाल तसंचाई नेटर्क
ग , रास्ते-र्तलया,
सीर्र तसस्टम, दुतनया में सबसे उन्नत धातुकला आतद
• पतिमी एतशया क
े साथ समुद्री व्यापार नेटर्क
ग , मेसोपोटातमया।
• लोथल, सूिााँर्-डोर, सोख्ता खोह और बालाकोट जैसी व्यापारी बक्तस्तयां.
• लाल सार्र क
े माध्यम से तमस्र और भारत क
े बीच प्रत्यि समुद्री संपक
ग
• तनयागत: अक्कड़ क
े सरर्ोन क
े शासनकाल क
े दौरान मेसोपोटातमया में तांबा,
लकड़ी, हाथीदांत, मोती, कानेतलयन (2300 ईसा पूर्ग)।
• लैतपस लाजुली का व्यापार लोथल से मेसोपोटातमया, बहरीन और ओमान
11. तसंधु िाटी सभ्यता
का व्यापार मार्ग
• आंतररक व्यापार सड़क
मार्ों से तकया जाता था
• मुख्य (तर्देशी) व्यापार समुद्र
क
े माध्यम से होता है
• लोथल: डॉकयाडग
• मुद्रा एर्ं मुद्रंको पर पर
जहाज का तचन्ह
• तसंधु िाटी सभ्यताक
े लोर्
लकड़ी का तनयागत करते थे
• पतिमी तट: व्यापार क
ें द्र
• र्ुजरात मुख्य क
ें द्र था
12. छिी शताब्दी ईसा पूर्ग क
े दौरान
• जातक: अनेक प्रकार एर्ं आकार क
े जहाज़
• बौद्ध ग्रंथ: जहाज तजसमें बंर्ाल क
े राजा ने राजक
ु मार तर्जय को
भेजा, तजसमें 700 यात्री थे।
• र्ह जहाज तजसमें पांड्य दुल्हन को लंका लाया र्या था, उसमें 800
यात्री सर्ार थे।
• सुप्पारक जातक: बोतधसत्व क
े अर्तार में बुद्ध ने तजस जहाज में
भरूकछ से श्रीलंका तक अपनी यात्राएं कीं, उसमें खुद क
े अलार्ा
700 व्यापाररयों थे ।
• समुद्र र्तनजा जातक : एक जहाज जो एक हजार बढ़ई को
समायोतजत करता है।
•पतिमी तट: र्ुजरात और महाराष्ट्
13. व्यापार मार्ग: 6 र्ींशताब्दी ईसा पूर्ग
•बौधायन: समुद्री यात्राएं
•रामायण: र्स्तुओं क
े साथ जहाज
•तदिनीकाय: तर्देश का दौरा करने र्ाले व्यापारी
•जातक : समुद्र यात्रा क
े तलए उपयोर् तकए जाने र्ाले बड़े जहाज
•अररयन : अलेक्जेंडर को भारत क
े र्णराज्य से 30 अच्छे जहाज
तमले
14. मौयग काल
•मेर्ास्थनीज: चंद्रर्ुप्त मौयग क
े पास एक मजबूत नौसेना थी।
•चंद्रर्ुप्त मौयग क
े पतिमी देशों क
े साथ व्यापाररक एर्ं मैतत्रपूणग संबंध थे।
•सम्राट अशोक ने ग्रीस, सीररया, तमस्र आतद में राजनतयक तमशन भेजे
थे
•अथगशास्त्र: नौसेना और राज्य द्वारा बनाए र्ई नौकाओं की पूरी व्यर्स्था
की जानकारी।
•जहाज पर तर्तभन्न कतमगयों क
े कतगव्यों क
े बारे में भी जानकारी तमलती
है।
•नार्ाध्यक्ष्य: जहाज का अधीिक
15. मौयों क
े अधीन समुद्री व्यापार
• अथगशास्त्र: नौर्हन अधीिक, बंदरर्ाह आयुि, र्ातणज्य अधीिक, पथकर
अधीिक.
• अथगशास्त्र: व्यापार मार्ों का तनमागण और सुरिा
• राज्य क
े अतधकारी तनबागध व्यापार देखते थे।
• व्यापार तनयमों और तर्तनयमों का उल्लंिन करने र्ाले व्यक्ति को दंतडत तकया
जाता था।
• मेर्ास्थनीज: जहाज तनमागण उद्योर् की पुतष्ट करता है
• मेर्ास्थनीज: जहाज तनमागण उद्योर् राज्य क
े तनयंत्रण में
• कौतटल्य: स्पष्ट करता है तक, क
ै से समुद्र और नदी मार्ग भूतम मार्ों की तुलना में
सस्ते थे
• अशोक ने अपने पुत्र-पुत्री को श्रीलंका में भेजा
16. मौयग काल: जहाज और नातर्कों क
े साक्ष्य
• स्टरबो : राज्य का जहाज तनमागण में तनयंत्रण
• मेर्ास्थनीज : राज्य तकराए पर नातर्कों क
े तलए जहाज देते थे
• कौतटल्य: यतद जहाज समुद्र में ड
ू ब जाता है, तो राज्य को मातलक को मुआर्जा देना
चातहए
• तमतलंदपन्हो: जहाज मातलकों ने अपने जहाजों को तकराए पर तदया
• जातक: जहाजों क
े तर्तभन्न श्रेतणया एर्ं उनक
े प्रमुख है
• जातक: कौर्े जो तदशाओं की मदद करते हैं
• क्तिनी: कौर्ों का इस्तेमाल रास्ता खोजने क
े तलए तकया जाता था
• समुद्री व्यापार मार्ग:
• पतिमी तट: भरूकच्च, कल्याण, सूपागरक
• पूर्ी तट: ताम्रतलक्तप्त, कतलंर्पट्टनम,
17. मौयग काल क
े बाद की क्तस्थतत
• इंडो-रोमन व्यापार
• उच्च स्तरीय समुद्री
व्यापार
• दतिण भारत में
अतधक प्रभार्
• नए बंदरर्ाह
• नए शहर
• तर्चारों का आदान-
प्रदान
• पतिमी तट
• पूर्ी तट
18. व्यापार मार्ग
• समुद्री व्यापार भारतीय और
तर्देशी व्यापाररयों दोनों द्वारा
तकया जाता था
• व्यापार लाल सार्र क
े मार्ग से
तकया जाता था।
• तमस्र का क
ु छ िेत्र
• तफर भूमध्य सार्र
• अलेक्जेंतड
र या एक महत्वपूणग
क
ें द्र था।
• Arsinoe
• Berenice
• Myos Hormos
20. पेररिस क
े अनुसार
पेररिस उन र्स्तुओं की एक सूची देता है तजन्हें भारत ने रोम को तनयागत तकया
था
• मसालों की तरह
• काली तमचग
• लंबी काली तमचग
• सूखी अदरक,
• नाडग तेल,
• इलायची,
• कॉस्टस,
• हाथी दांत
• र्ोमेद
• कानेतलयन,
• सूती कपड़ा
• रेशमी कपड़ा,
• धार्ा
• लकड़ी क
े सभी प्रकार
• चंदन
• सार्ौन
• काली लकड़ी और
• तचतकत्सा और स्थापत्य प्रयोजनों क
े तलए
आबनूस,
• भारतीय पतियों और जानर्रों,
• मोती
• भारतीय जड़ी बूतटयों दर्ा क
े रूप में इस्तेमाल
तकया,
• पीतल क
े बतगनों और कई अन्य र्स्तुओं का
तनयागत तकया र्या था।
26. व्यापार मार्ग
• पेररिस:
ओसेतलस से लाल समुद्र क
े रास्ते से
मुजररस क
े तलए 40 तदन लर्ते हैं
लाल सार्र व्यापार महत्वपूणग यात्रा
मार्ग था
भारत से ऐलेक्सझंडर: तीन महीने
पेटरा और पामीरा भारतीय र्स्तुओं क
े
तलए महत्वपूणग बंदरर्ाह बन र्ए हैं
चीन और मध्य एतशया क
े तलए बैक्तरर या
महत्वपूणग क
ें द्र
27. र्ुप्त काल
• कातलदास: शहर-बाजार और इसक
े व्यार्सातयक लेनदेन का तर्र्रण।
• दो प्रकार क
े व्यापाररयों का संदभग: श्रेष्ठी और साथगर्ाह ।
• नारद और बृहस्पतत: व्यापार की रिा क
े तलए कानून और तनयम
• आंतररक व्यापार सड़कों और नतदयों द्वारा तकया जाता था
• इस काल में समुद्री व्यापार क
े तलए कई संदभग।
• फातहयान: चीन से लेकर भारत तक का रास्ता खतरों से भरा हुआ था।
• र्ुप्त काल में चीन क
े साथ भारत का व्यापार बढ़ र्या.
• चीनी रेशम, तजसे “चीनासुंक” क
े रूप में जाना जाता था, भारत में प्रतसद्ध था
• बीजाक्तिन रेशम और मसाले का व्यापार Byzantine साम्राज्य क
े साथ होता
था
30. र्ुप्त काल
• िोड़ों को उत्तर-पतिम भारत क
े साथ-साथ अरब, फारस और अफर्ातनस्तान से आयात तकया र्या था।
• चीनी इततहास: चीन और पतिमी देशों क
े बीच एक तेज व्यापार को संदतभगत करता है,
• यह व्यापार भारत से होकर र्ुजरा होर्ा ।
• अरबों और फारतस बड़ी संख्या में जहाजों को चीन भेजते थे, ये जहाज़ भारतीय बंदरर्ाहों से होकर र्ुजरते
थे
• ताम्रतलक्तप्त: बंर्ाल में महत्वपूणग बंदरर्ाह जो चीन, पूर्ी द्वीपसमूह और पतिम एतशया क
े साथ व्यापार करता
था।
• तनयागत: कपड़े, इत्र, मोती, कीमती पत्थर, इंतडर्ो, दर्ाओं, नाररयल, हाथी दांत आतद
• आयात: सोना, चांदी, तांबा, तटन, सीसा, रेशम, कपूर, खजूर और िोड़ों.
• कौसमास: भारत क
े पूर्ी और पतिमी तट क
े बंदरर्ाहों को
श्रीलंका क
े माध्यम से एक साथ जोड़ा र्या था।
• कौसमास: क
ृ ति उत्पादों, लौंर्, लकड़ी और चंदन को
भारत क
े पूर्ी तट से श्रीलंका और र्हां से पतिमी आतशया,
फारसी और इतथयोतपयाई बंदरर्ाहों को तनयागत तकया र्या
था।
• हातथदंत: इतथयोतपया से भारत को तनयागत होता था ।
31. भारतीय बंदरर्ाह
1. भारत ने तनयतमत समुद्री संबंध
बनाए रखे
2. चीन: चीन क
े साथ व्यापाररक
संबंध बढ़े। व्यापार भूतम और
समुद्री मार्ों क
े माध्यम से होता
था
3. श्रीलंका: तर्देशी और आंतररक
व्यापार दोनों में एक महत्वपूणग
भूतमका
4. फारस,
5. अरेतबया,
6. इतथयोतपया,
7. बीजाक्तिन साम्राज्य,
32. प्रारंतभक मध्ययुर्ीन
काल
• इस काल में फारस की खाड़ी और
दतिण चीन क
े बीच समुद्री व्यापार
तर्स्तृत हुआ
• भारत जो दोनों छोरों क
े बीच में था, इस
व्यापार से फायदा हुआ।
• इन शताक्तब्दयों क
े दौरान एतशयाई
व्यापार पर काफी हद तक अरबों का
प्रभुत्व था।
• अरबों ने पतिमी भारत क
े प्रमुख
बंदरर्ाहों को नष्ट कर तदया और
व्यापार को तनयंतत्रत तकया।
• हालांतक, अरबों की जोरदार प्रततस्पधाग
क
े बार्जूद, भारतीयों समुद्री व्यापार में
33. प्रारंतभक मध्ययुर्ीन काल
• अबु जैद: 12 ईसर्ी का एक अरब लेखक, फारस की खाड़ी में तसराफ का दौरा करने र्ाले
भारतीय व्यापाररयों को संदतभगत करता है,
• इब्न बतूता: १४ र्ीं शती लाल सार्र में एडेन में भारतीय व्यापाररयों की एक कॉलोनी क
े बारे में
बताती है।
• चोलों ने समुद्री व्यापार में र्हरी रुतच ली।
• मलाया और सुमात्रा में पाए र्ए ततमल तशलालेख इन िेत्रों में ततमल व्यापाररक समुदाय की
र्ातणक्तज्यक र्तततर्तधयों को इंतर्त करते हैं।
• चोलों ने आतथगक संबंधों को सुधारने क
े तलए चीन में कई राजदू त भी भेजे।
• चोलों ने ग्यारहर्ीं शताब्दी में श्रीतर्जय साम्राज्य क
े क्तखलाफ नौसैतनक अतभयान भी भेजा तातक
चीन क
े समुद्री मार्ग को अपने व्यापार क
े तलए सुरतित रखा जा सक
े ।
• क
ै म्बे, समरथ और जूनार्ढ़ में पाए र्ए अरबी तशलालेखों से पता चलता है तक फारस की खाड़ी
क
े व्यापाररयों और ने बारहर्ींऔर तेरहर्ींशताब्दी में पतिमी भारत में व्यापार करते थे
• यहूदी व्यापारी भारत क
े पतिमी तट से तमस्र क
े बाजारों में कई सामान ले जाते ।
• भारत सार्ौन की लकड़ी का तनयागत फारस की खाड़ी और दतिण अरब क
े पेड़ रतहत िेत्रों में
करता था।
• र्ुजरात क
े महीन और कढ़ाई र्ाले चमड़े क
े मैट माको पोलो क
े अनुसार अरब में अत्यतधक
लोकतप्रय एर्ं कीमती थे।
34. तनयागत और आयात की र्स्तुयें
• चीनी ग्रंथ: मालाबार तट को रेशम, चीनी तमट्टी क
े बरतन-बतगन, कपूर, लौंर् प्राप्त होते थे ।
• माको पोलो: क
ै म्बे क
े बंदरर्ाह में सोना, चांदी और तांबा, तटन दतिण-पूर्ग एतशया से भारत
आयात की जाती थी।
• पूर्ी उत्पादों क
े बदले में, भारत ने अपने एरोमैतटक्स और मसालों, और काली तमचग भेजता
था।
• माको पोलो: city of Kirisay (Hang-Chau) में एक तदन में 10,000 pounds काली तमचग का
सेर्न तकया र्या था.
• चाब-जु-क
ु आ: तेरहर्ीं शताब्दी क
े एक चीनी बंदरर्ाह क
े अतधकारी, बताते हैं तक
र्ुजरात, मालर्ा, मालाबार और कोरोमंडल से सूती कपड़ा चीन आता था।
• इब्न बतुता (CE 1333): अच्छे सूती कपड़े दुलगभ थे और चीन क
े शहरों में रेशम की तुलना
में अतधक कीमती थे।
• भारत हाथी दांत, र्ैंडों क
े सींर्, कीमती और अधग-कीमती पत्थरों को, चीन तनयागत करता
था ।
35.
36. बंदरर्ाह
• अल इदरीसी (12 र्ीं CE): देबल एक महत्वपूणग बंदरर्ाह था जहां, अरब, चीन और
भारतीय जहाज़ आते थे
• सोमनाथ: का संबंध पूर्ग में चीन और पतिम में Zanzibar (अफ्रीका में) से था।
• भरोच या प्राचीन भृर्ुकच्छ का बहुत लंबा व्यापाररक इततहास रहा है।
• क
ै म्बे को अरबी स्रोतों में खंबायत क
े रूप में जाना जाता था ।
• सोपारा और थाना भारत क
े पतिमी तट पर अन्य महत्वपूणग बंदरर्ाह थे।
• मालाबार तट पर, क्तिलोन सबसे महत्वपूणग बंदरर्ाह क
े रूप में उभरा था।
• अरब लेखक: पतिम से आने र्ाले जहाजों ताजा पानी इकट्ठा करने क
े तलए क्तिलोन क
े
बंदरर्ाह पर जाते थे
• अरबों क
े देश में जाने र्ाले चीनी व्यापाररयों को क्तिलोन में अपने जहाजों को बदलना
पड़ता था ।
• 12-14 CE क
े दौरान, कोरोमंडल तट पूर्ग और पतिम से आने र्ाले जहाजों क
े तलए एक
मरित क
ें द्र तर्कतसत हुआ।
• पुरी और कतलंर्पट्टम उड़ीसा तट पर महत्वपूणग बंदरर्ाह थे ।