This Presentation is prepared for Graduate Students. A presentation consisting of basic information regarding the topic. Students are advised to get more information from recommended books and articles. This presentation is only for students and purely for academic purposes. The pictures/Maps included in the presentation are taken/copied from the internet. The presenter is thankful to them and herewith courtesy is given to all. This presentation is only for academic purposes.
3. प्रस्तावना
• गुप्त काल : राजनीतिक एकीकरण एवं
सुव्यवस्र्ा का काल
• भारिीय इतिहास का स्वणथ युग ?
• सुदृढ़ अर्थव्यवस्र्ा : राज्य का आधार
• तवतवध क्षेत्रं पर आधाररि अर्थव्यवस्र्ा
• व्यवसायरं का बाहुल्य
• तिल्प कलाओं में प्रगति
5. गुप्त अर्थव्यवस्र्ा क
े आधार
Agriculture Art & Crafts
Industry Trade
Economy
Animal
Domestication
6. क
ृ ति
• कातलदास : क
ृ ति = राष्ट्र ीय समृत्वि का महिपूणथ साधन
• नारद : धन कमाने क
े 7 साधनरं में क
ृ ति भी
• अमरकरि : कई प्रकार की क
ृ ति एवं क
ृ िकरं का उल्लेख
• गुप्त अतभलेख : कई प्रकार की भूतम-
a) क्षेत् = क
ृ ति की गई भूतम
b) त्वखल = भूतम तजस पर क
ृ ति नहीं
c) अप्रतहि = जंगली भूतम
d) वस्ती = रहने यरग्य भूतम
• त्वखल भूतम कर क
ृ ति यरग्य भूतम बनाने हेिु तनरंिर प्रयास
• खेिरं कर खाली छरड़ना अनुतिि एवं हातनकारक
• भूतम मापन हेिु तवतभन्न मानदंड
• फसल की सुरक्षा की समुतिि व्यवस्र्ा करना उनक
े स्वातमयरं का उत्तरदातयि
• अमरकरि : कई प्रकार क
े हलरं क
े तववरण- हल, लांगल, सीर, गरदारण
• बृहस्पति : हल क
े आकार-प्रकार की ििाथ
• वराहतमतहर :सालाना दर फसल-पवथसस्य(पिझड़ में िैयार=धान), अपरसस्य(ग्रीष्म में िैयार=
गेंहू,जौ)
8. तसंिाई
• अमरकरि: क
ृ ति हेिु तसंिाई आवश्यक
• राज्य में तसंिाई क
े पयाथप्त साधनरं की व्यवस्र्ा करना
धमथतनष्ठ राजा की तविेििा
• स्क
ं दगुप्त का जूनागढ़ अतभलेख : मौयथ काल में
तनतमथि सुदिथन झील, अिरक क
े प्रांिातधकारी द्वारा
नहररं का तनमाथण, महाक्षत्प रुद्रदामन क
े काल मे
जीणोिार, गुप्त अतधकारी पणथदत्त िर्ा उसक
े पुत्
िक्रपातलि द्वारा पुनरुिार
9. तसंिाई क
े साधन
• मुख्यिः विाथ पर आधाररि
• अमरकरि : विाथ क
े क
ृ ति मे महि पर गहन ििाथ
• क
ु एं क
े माध्यम से
• विथ क
े जल कर िालाबरं, जलाियरं में संतिि कर क
े
• बांधरं क
े माध्यम से
• नारद : तसंिाई हेिु 1 िड़ाग, क
ु एं से सौ गुणा अतधक महिपूणथ
• कात्यायन : िड़ाग क
े सीमा एवं प्रयरग तववादरं की ििाथ
10. क
ृ िक
• अमरकरि : क
ृ िक क
े 4 नाम- क्षेत्ाजीव,किथक, क
ृ तिक, क
ृ तिवल
• अन्य कालरं की अपेक्षा, क
ृ िकरं की त्वस्र्ति में तगरावट
• भूतम दान की प्रर्ा से क
ृ िक प्रभातवि
• कररं की संख्या में वृत्वि
• वृतष्ट् = बेगार का प्रिालन
11. पिुपालन
• सातहत्वत्यक साक्ष्य : िरवाहा = गरप, गरसंख्य, गरपालक, वल्लभ, आभीर
• पिु उत्पादरं का उपभरग, यािायाि-बरझा ढरने में प्रयरग,बाजी लगाकर पिुओं क
े
युि,तिकार
• कमंदक, कात्यायन : पिुपालन वैश्य वणथ का प्रमुख व्यवसाय
• नारद : पिुपालन से अतजथि धन = श्वेि धन
• वराहतमतहर : गुप्त काल मे पिुओं की अच्छी त्वस्र्ति
• कात्यायन : पाररवाररक संपतत्त क
े तवभाजन पर िरागाह का बंटवारा नहीं
• पिु िररी पर दंड का तवधान
• अमरकरि : 9 प्रकार क
े मवेिी, 13 प्रकार क
े घरड़े, 9 प्रकार क
े बैल, 15 प्रकार क
े हार्ी
12. कला एवं तिल्प
• नए तिल्प एवं उद्यरगरं मे उन्नति
• तित्वल्पयरं कर िूद्ररं की श्रेणी मे रखा गया परंिु उनक
े प्रति उदार दृतष्ट्करण रखने की बाि
• तित्वल्पयरं की त्वस्र्ति में सुधार
• अपराध करने पर उनक
े उपकरण लेने का वैधातनक अतधकार नहीं
• बृहस्पति : सरने, िांदी, धागे, लकड़ी, पत्थर, िमथ से तभन्न वस्तुएाँ बनाने वाला = तिल्पी
• कात्यायन : 4 प्रकार क
े तिल्पी - अंिेवासी, क
ु छ प्रतितक्षण प्राप्त तिल्पी, दक्ष तिल्पी, गुरु
तिल्पी
• बृहस्पति : तिल्प की तिक्षा तनतिि कालावधी में आिायथ क
े पास रहकर प्राप्त
13. कलात्मक वस्तुओं क
े प्रकार
•मृदभांड,
फनीिर ,
टरकररयााँ,
पकी तमट्टी का सामान,
कांि का सामान,
धािु का सामान इत्यातद
दैतनक-
सामान्य
प्रयरजन
हार्ीदांि की वस्तुएं ,
बहुमूल्य मनक
े
स्वणथ आभूिण
िंख की िूतड़यााँ,
मलमल,
रेिम
तवलातसिा
पूणथ
प्रयरजन
15. वस्त्र उद्यरग
• अमरकरि : िार प्रकार क
े वस्त्र वतणथि- छाल से बने, फल क
े रेिे से बने, रेिमी वस्त्र,
पिमीना
• गुप्त कालीन सातहत्य : वस्त्र तनमाथण िकनीक , जुलाहे एवं करघे का उल्लेख
• नारद स्मृति : पहाड़ी बकरे क
े ऊन से तनतमथि क
ं बल का उल्लेख
• अमरकरि : क
ं बल क
े प्रकार – भेड़ क
े बालरं का, खरगरि क
े बालरं का
• रेिम, कपास क
े कई प्रकार ज्ञाि
• रेिमी वस्त्ररं की मांग बढ़ी
• मंदसौर अतभलेख : िंिुवाय श्रेणी का उल्लेख
• कपास क
े तलए प्रतसि : मर्ुरा, बंगाल, गुजराि ितमलनाडु
16. धािु-खतनज उद्यरग
• धािु वस्तुओं का बहुिायि मे उत्पाद
• स्वणथ, रजि, िाम्र, लौह, सीसा इत्यातद
• वात्स्यायन : 64 कलाओं में एक धािुकमथ
• कई धािुओं मे तसक्क
े प्राप्त
• तमतश्रि धािु का ज्ञान : धािु कमथ का तवतिष्ट् ज्ञान
• पुरािात्विक उत्खनन : धािुकमथ से संबंतधि गुप्त कालीन भतट्टयााँ प्राप्त
• अमरकरि : स्वणथ कारीगरी का उत्क
ृ ष्ट् स्तर
• महरौली का स्तम्भ : लौह िकनीक का सवोच्च उदाहरण
17. Amarkosh: 7 names of iron
Mehrouli Iron Pillar.
Excavations Remains:
A) Agricultural Tools
B) Weapons
C) Daily use
D) Carpentry Tools:
plough, chain, sickle, axes,
adze, scissors, utensils,
sword, knife
Amarkosh: 6 names
of copper
Excessive use of
copper plates
Coper coins:
(Chandragupt II,
Ramagupt &
Kumaragupt)
Bronze images:
Bihar, UP, MH
Sultanganj bronze
image
Silver: Roupya
Varahmihir: silver
extract from mines
Silver coins
Silver pots
Silver implements
Amarkosh: 19 names
of copper
Shudrak: difficult to
find loyal gold smith
Gold coins
Gold ornaments
Mrucchkatikam
Drama: Gold
jewellery shops in
Ujjayani
Bhita: gold ring and
ornament
लौह िाम्र स्वणथ
रजि
25. स्र्ापत्य एवं मूतिथ तनमाथण उद्यरग
• गुप्त मूतिथ कला : श्रेष्ठ, पररष्क
ृ ि, सुंदर, समृि
• तवतभन्न माध्यम : पािाण, धािु
• गुप्त कालीन कई मूतिथयााँ प्राप्त
• सारनार् कला क
ें द्र : पािाण मूतिथ तनमाथण
• धािु की ढली मूतिथयााँ
• Faxian : 25 मी. ऊ
ं िी बुि की िाम्र मूतिथ का उल्लेख
• गुप्त काल : मंतदर तनमाथण का प्रारंभ
• सांिी का मंतदर संख्या 17, नािना क
ु ठार, देवगढ़ मंतदर, मतनयार मठ, भीिरगॉव मंतदर
इत्यातद
26.
27. तित्कला
• तवलक्षण तित्कला
• प्रतितक्षि –दक्ष तित्कार
• तित्कला की उन्नि िकनीक
= फ्र
े स्कर
• प्राक
ृ तिक रंगरं का प्रयरग
• बाघ गुहाएाँ
• अजंिा की कला पर
प्रभाव?
29. कर व्यवस्र्ा
29
• Tax was major source of Revenue collection
• Tax was lesser than Mauryan period
• Inscriptions: 1/6 % of agricultural tax
• Bhag, Bhog and Kar = main taxes
• भाग : Agricultural tax 1/6
• भरग : Periodic taxes in from of fruits, flowers, milk and dairy products
• कर : Not clearly identified.
• तहरण्य : Either cash or collected from cash crop
• िुल्क : Bihar pillar inscription mentions “Shoulkik” an officer who collect this tax.
• उपररकर व उद्रन्ग : new taxes started from this period.
30. श्रेणी संगठन क
े प्रमाण
1. Raghuvansh: Architect Shreni (vastukar)
2. Mudrarakshas: Gold Smiths
3. Varahmihir: Carpenter, Weavers, Leather worker, painter,
4. Indore copper plate of Skandgupta period: Guild of oil-men endowment for
maintenance of oil lamp in sun temple.
5. Mandsore inscription
6. Seals-sealing
a) Bhita: Kulik nigam
b) Vaishali: Shreshthi nigam
c) Basadh (Vaishali): Shershthi-Kulik nigam.
d) Basadh (Vaishali): Shreshthi-Sarthvaha-kulik nigam (joint organization)
31. व्यापार एवं वातणज्य
• स्र्ल एवं जल मागों का प्रयरग
• पूवी एवं पतिमी देिरं से व्यापार
• पतिम : Sri Lanka, Persia, Arabia, Byzantine
Empire, Africa, and even further west.
• पूवथ : China, Burma, and South East Asia
and Sri lanka.
• प्रमुख वस्तुएाँ : रेिम, मसाले, वस्त्र, धािु,
हार्ीदांि, समुद्रीय वस्तुएाँ
33. आंिररक व्यापार
1. Vaishyas were associated in trade
2. Weekly markets
3. Market known as “Vidani”, where traders assembled
4. Amarkosh: Roads had shops at both sides
5. Excavations at Bhita: Remains of Market area
6. South India: Spices
7. Himalaya: Saffron
8. Elephants: Kalinga, Assam
9. Horse: Kamboj
10. Salt: Sea, Mines
11. Silk: Bengal
12. Wool: Himalayas, Maharashtra
34. तवदेिी व्यापार
• Western coast: Egypt, central Asia, Europe & Africa
• Gupta Gold coin found in Madagaskar
• Eastern coast: South-east Asia, China, Java etc
• पत्तन : Deval, Bhadoch, Shurparak (west) and Kalyan, Tamralipti, Kangod ,Brighukachchha
(east)
• Well connected through inland routes from all parts of India.
• India, a part of an international trade network which included other great classical empires of
the day, the Han Dynasty (China) in the east and the Roman empire in the west.
35. तनष्किथ
• Gupta period: a sophisticated culture with innovative advances in literature, arts, and sciences.
• The rulers sponsored advances in science, painting, textiles, architecture, and literature.
• Economy prosperous.
• Agriculture = main source of revenue.
• Beginning of Feudalism.
• Increase in Art & craft faction of economy.
• Slight decline of International trade.