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5. Tailapa II 957–997
Satyashraya 997–1008
Vikramaditya V 1008–1015
Jayasimha II 1015–1042
Someshvara I 1042–1068
Someshvara II 1068–1076
Vikramaditya VI 1076–1126
Someshvara III 1126–1138
Jagadhekamalla II 1138–1151
Tailapa III 1151–1164
Jagadhekamalla III 1163–1183
Someshvara IV 1184–1200
राजवं श प(रचय
6. Kannada inscription dated 1028 CE from the rule of
King Jayasimha II at the Praneshvara temple
in Talagunda, Shivamogga district
Kannada inscription dated 1057 AD of King Someshvara I at Kalleshwara
Temple, Hire Hadagali in Bellary district
12. Western Chalukyas of Kalyana, coin of
King Somesvara I(1043-1068).
Temple façade / Ornate floral ornament
Somesvara IV (1181-4/1189).
Garuda, with prominent beak, running right
14. तैलप ि-तीय
• क"ाणी राजवं श क
े ,मब/ इितहास का 5ारंभ
• क"ाणी चालु: का महान स<ाट
• िव,मािद? चतुथA का कलचुरी राजक
ु मारी बोCा से
उEF पुH
• 5ारI मJ राKLक
ू टों का सामंत
• सामंत NेH: तडAवाडी (बीजापुर)
• राKLक
ू ट शासक कP पुHी से िववाह
• ईसवी ९५७ क
े अVभलेख मJ तैलप II को नाड का
सामंत
• ईसवी ९६५ क
े अVभलेख मJ “
महासामंतVधपतीआहवमतैलपरस”
• दुबAल राKLक
ू ट कक
A ि]तीय क
े काल मJ श_` वधAन
• ईसवी ९७३-७४ मJ राKLक
ू ट राजा को पराVजत कर नए
सा<ाd का अVधपित
15. तैलप ि-तीय का रा2 िव"ार
गंग
• गंग: Vमुख श<ु (रा,-क
ू टों क
े सामंत),
• पाँचालदेव गंग शासक शXYशाली बना, जो तैलप
क
े Gलए ख़तरा था।
• तैलप ि]तीय ने पाँचालदेव को युR मH हराया एवं मार
डाला
• इस िवजय क
े उपल` मH “पांचालमद=नपं चानन”
उपाGध ली
16. तैलप ि-तीय का रा2 िव"ार
• उEमचोल:
• ईसवी ९८० क
े आसपास तैलप ि]तीय ने उEमचोल को पराGजत िकया
• Gशलाहार :
• उEमचोल क
े बाद तैलप ि]तीय ने कोंकण क
े शासक को पराGजत िकया एवं उसे अGधनe
िकया
• सेउण शासक:
• सेउण शासक Gभfम ि]तीय को अGधनe िकया
• लाट:
• दG;णी गुजरात को अGधक
ृ त कर अपने सेनानायक बाडप को Vांतीय शासक िनयुY िकया।
17. तैलप ि-तीय का मालवा क
े परमारों से यु8
• तैलप ि]तीय का मालवा क
े परमारों से युR
दीघ=काल चलता रहा।
• तैलप ि]तीय ने मालवा पर ६ बार आTमण
िकए, जो िवफल रहे
• परमार राजा मुंज ने गोदावरी पर कर तैलप
ि]तीय पर आTमण िकया
• GजसमH मुंज बं दी बनाया गया
• ईसवी ९९५ मH तैलप ि]तीय ने मुंज का वध
िकया
19. तैलप ि-तीय का मू<ांकन
• वं श का संmापक
• महान शासक
• साnाo िनमा=ता
• दूरदशp
20. स=ा>य
• तैलप ि]तीय का पु<
• ईसवी ९९७ मH राजा बना
• Vारr मH परमारो से युR: Vित]ंदी
• बाद मH चोलों से युR
21. स=ा>य x परमार
• परमार शासक Gसंधुराज ने उEरी ;े< पर आTमण िकया
• तैलप ि]तीय ]ारा िवGजत ;े< परमारों ने Gछन Gलए
22. स=ा>य x चोल सं घषB
• ईसवी १००७-०८ मH चोल युवराज राजHu Vथम ने चालु*ों ;े< पर आTमण िकया
• युवराज राजHu Vथम ने ९,००,००० सेना क
े साथ दG;ण ;े< िवGजत िकया
• युवराज राजHu Vथम ने चालु* नरेश को पराGजत िकया
• िवपुल धन-सvGE अGज=त कw
• कई xी, बyे एवं zा{ण को मौत क
े घाट उतारा
• राजराज क
े तंजोर अGभलेख: चालु* ;े< से जीती सvGE तंजौर क
े मंिदर मH समिप=त कर दी
गयी।
• इस युR से चालु* का दG;णी ;े< चोलों क
े अधीन }आ
• चालु*वं श को हािन }यी।
23. स=ा>य क
े उDराEधकारी
१ िवTमािद~ पंचम:
स~ाय का भतीजा
ईसवी १००८ मH राजा बना
उसने १०१५ तक राज िकया।
२ अण ि]तीय:
िवTमािद~ पंचम का अनुज
उसने क
े वल एक या दो माह शासन िकया
३ जयGसंह ि]तीय :
अण ि]तीय का अनुज
24. जयEसंह ि-तीय
• जयGसंह ि]तीय ईसवी १०१५ क
े आसपास राजा
बना
• वं श का महानतम शासक
• जयGसंह ि]तीय ने ईसवी १०१५ से १०४३ तक
राo िकया
• सvूण= जीवन युR मH Pतीत
• १०१० क
े बेलगवे अGभलेख: “राजHu चोल„पी
हाथी क
े Gलए Gसंह क
े समान”
• उEर: परमार
• दG;ण: चोल
• जयGसंह ि]तीय ने राजधानी क"ाणी
mानांतUरत कw (वत=मान िबदर क
े क"ाण)
25. जयEसंह ि-तीय x चोल
• १०१० क
े बेलगवे अVभलेख: “राजJh चोलiपी
हाथी क
े Vलए Vसंह क
े समान”
• १०२१ क
े अVभलेख मJ राजJh चोल को िवजेता कहा
गया है।
• राजJh चोल ने रlपािड पर अVधकार िकया
• राजJh चोल ने चालु: क़ोष से ७,००,००० क़ोष
को अपoत करने का उेख
• बाद मJ जयVसंह ि]तीय ने चोलों को पीछे धक
े ला
• जयVसंह ि]तीय ने राजJh चोल का चेर राd तक
पीछा िकया
• जयVसंह ि]तीय ने ]ारसमुh (हलेिबड़) तथा
वलेयवrन को भी लूटा
• एवं तुंगभhा नदी दोनो वं शो कP सीमा िनVsत tई।
26. जयEसंह ि-तीय x भोज
1. ईसवी १०२४ क
े Gमराज ताnप<: जयGसंह ि]तीय
ने परमार भोज को हराया
2. जयGसंह ि]तीय क
े सामं तो ने इसमH मह…पूण=
योगदान िदया
3. कद† वं शीय सामं त ने मालव नरेश को हराया
4. उसक
े शौय= से VसN होकर जयGसंह ि]तीय ने उसे
“अGध~कापाल” उपाGध दी।
5. दूसरे सेनानायक क
ु ‡म ने भोज क
े हाGथयों को
क
ु चला था।
27. सोमेJर !थम
• जयGसंह ि]तीय का पु<
• ईसवी १०४३ मH राजा बना
• काय=काल: १०४३-१०६८= २५ वष=
• वं श का महानतम शासकों मH से एक
• उEर मH परमार
• दG;ण मH चोल
• जीवन भर युRरत
29. सोमेJर !थम x परमार, एवं मP भारत
•ईसवी १९६० क
े आसपास सोमे0र 2थम ने मालवराज पर आ7मण
िकया
•मालवा क
े उ<ियनी को => िकया
•िव7मांकदेवचBरत: जब सोमे0र 2थम ने मालवा पर आ7मण िकया तो
मालवराज भाग गया।
•सोमे0र 2थम ने कई बार भोज पर िवजये 2ाH कI थी।
•सोमे0र 2थम ने कलचुरी राजा कणK को भी पराLजत करने का वणKन है।
•सोमे0र 2थम ने दLOण कोसल क
े राजाओं को हराया
•नमKदा नदी क
े दLOण क
े सQूणK OेS का अLधपित
30. सोमेJर !थम x चोल
• दीघ?काल संघष?
• अ2धकांश Gितर<ाHक
• युJ Kम म@ अिन2Lतता
• चोल िवजयी
• चोलों Mारा युJ नीित का Nाग
• मं िदरों का िवनाश
• नगरों का नाश
31. चोल आ%मण
• सोमे%र राजा बनते ही चोलों ने आ2मण िकया
• इस यु9 म: सोमे%र ;थम परा>जत ?आ
• चोल युवराज राजा>धराज ने चालुB राजधानी कCाणी को DE िकया
• चालुB राजधानी म: राज;ासाद को नG िकया
• कCाणी क
े बाद राजा>धराज कोHIपाJ
े कK और बढ़ा
• वहा िफर चोल एं ड चालुB म: यु9 ?आ
• इस यु9 म: राजा>धराज ने सोमे%र ;थम को अनेक सामंतो क
े साथ परा>जत िकया
• ईसवी १०४७ म: पुनः राजा>धराज ने सोमे%र ;थम को परा>जत िकया
• इस यु9 म: राजा>धराज ने कHX>ल को अ>धक
ृ त िकया, अनेक सेनापितयों को मार डाला, चालुB सेना से हाथी एवं अ% >छने,
सोमे%र क
े दूतों को अपमािनत िकया गया उनक
े शरीर पर “आहवमI घृ>णत एवं कायर है”>लखा गया।
• ईसवी १०५१-५२ म: राजा>धराज ने अपने भाई िवरराज:f क
े साथ सोमे%र ;थम पर तीसरा आ2मण िकया (कोgम)
• इस यु9 म: भी चोल िवजयी रहे, सोमे%र ने सं>ध क
े >लए २ दूत भेजे, >जसका अपमान िकया गया। एक को hी क
े वh पहनाए गए
(आहवमIी) और दूसरे का >सर मुंिडत िकया गया (आहवमI)
• इस यु9 म: राजा>धराज वीरगित को ;ाi ?आ।
• यु9 उपरांत चोलों ने कCाणी को लूटा, राजा>धराज ने वहा अपना िवरा>भषेक कारकर “िवजय राज:f” का िवlद धारण िकया।
• िवर राज:f ने १०६७ क
े आसपास चालुBों पर आ2मण िकया एवं सोमे%र ;थम कK पnीयाँ, राजकोष एवं राजकKय >चp हEगत
िकए। इस यु9 म: मारे गए सेनापितयों क
े >सर, चोल राजधानी म: लटका रखे थे।
• क
ू डलसंगम म: शHq परीrण
32. सोमेJर !थम क
े चोलों पर आRमण
• सोमे‰र Vथम ने भी चोलों पर कई आTमण िकए
• १०५८ तथा १०६१ मH सोमे‰र Vथम ने चोलों पर दो आTमण िकए।
• लेिकन अनेक युRों मH वह चोलों ]ारा पराGजत }आ।
• िवरराजHu क
े अGभलेख अनुसार उसने सोमे‰र Vथम कw ५ बार पीठ देखी थी।
• ईसवी १०६३-६४ मH सोमे‰र Vथम ने पुनः चोल पर आTमण िकया, हारा गया
• १०६७-६८ मH िवTमािद~ षŒ ने चोल राजधानी गंगैकोंडचोलपुरम मH घुसकर तोड़फोड़ कw,
• िवTमािद~ षŒ ने शहर क
े ]ार उखाड़ क
े अपने साथ ले आया
33. सोमेJर !थम का मू<ांकन
• िनरतर युR मH पराजय क
े बाद भी सोमे‰र Vथम चोलों से युR करता रहा
• Gचर Vित]ंदी चोलों क
े िवR डटा रहा
• युR हािन क
े बाद भी चालु* साnाo को अGधक ;ित नही }ई
• युR Vेमी तथा अनुपम शौय=
• िवद: राजनारायण, िवरमातŽड, <ैलो*मf
• कला सािह~ को Vोाहन
• क"ाणी नगर कw mापना एवं िवकास
• अनेक भP भवनो का िनमा=ता
• २९ माच= १०६८ मH सोमे‰र Vथम ने तुंगभuा नदी मH जलसमाGध ली
34. सोमेJर ि-तीय
• सोमे‰र Vथम का पु<
• ईसवी १०६८ मH राजा बना
• सोमे‰र ि]तीय ने अपने छोटे भाई िवTमािद~ षŒ को गंगवाडी का शासक
िनयुY िकया
• अंतग=त गृहयुR का Vारr
35. सोमेJर ि-तीय x िवRमािद= षU: १
• सोमे‰र ि]तीय का अनुज िवTमािद~ षŒ अ~ंत मह…कां;ी था
• वह राजा बनना चाहता था
• िपता क
े रहते वह युवराज िनयुY था
• वं श क
े वाeिवक राजा सोमे‰र ि]तीय को हटाने का Vयास करने लगा
• िवTमािद~ षŒ ने चोल राजक
ु मारी िवरराजHu कw पु<ी से िववाह िकया था।
• अपने जामाता को राजा बनाने क
े Gलए िवरराजHu ने चालु* नरेश सोमे‰र ि]तीय पर आTमण
िकया।
• इस युR मH सोमे‰र ि]तीय ने चोलों को पराGजत िकया।
• सोमे‰र ि]तीय ने िवTमािद~ षŒ क
े Vित सौहाद= बनाए रखा
• िवTमािद~ षŒ को राजा क
े नीचे का (Vशासन मH ि]तीय) mान दे िदया।
• ईसवी १०७४ तक दो भाई साथ मH थे।
36. सोमेJर ि-तीय x िवRमािद= षU: २
• १०७५ मH पुनः िवTमािद~ षŒ आTामक हो गया
• िवTमािद~ षŒ का भाई जयGसंग भी उसक
े साथ था।
• िवTमािद~ षŒ ने चोलों क
े साथ, कद†, पां, होयसल आिद कw सहायता Vा‘ कw
• िवTमािद~ षŒ क
े गड़ग अGभलेख: सोमे‰र ि]तीय को िनरंक
ु श एवं ’, कहा गया
• िवTमांकदेवचUरत: सोमे‰र ि]तीय को बं दी बनाया गया
• सोमे‰र ि]तीय कw छिव ख़राब िदखायी गयी।
• सोमे‰र ि]तीय का िववरण अितरंGजत है
• सोमे‰र ि]तीय कw सं भवतः कारागृह मH ही मौत हो गयी।
37. िवRमािद= षU
• ईसवी १०७६ मH भाई सोमे‰र ि]तीय को
बलपूव=क अप“त करक
े राजा बना
• राoारोहण क
े समय िवTमािद~ षŒ ने अपने
नाम से चालु* िवTम सं वत चलाया
A Hero stone with Kannada inscription (1115 CE) during
the rule of Vikarmaditya VI at the Kedareshvara temple in
Balligavi
39. िवRमािद= षU x चोल: १
• चोल साnाo १०७० मH िवरराजHu क
े बाद उसका पु< अGधराजHu राजा बना
• वह िवTमािद~ षŒ का साला था
• वHगी शासक क
ु लोंतुंग Vथम उसे हटाने क
े Gलए Vय”Gशल था
• इसGलए िवTमािद~ षŒ चोल राजधानी गंगेयकोंडचोलपुरम गया एवं अGधराजHu का
राoGभषेक करवाया।
• लेिकन िवuोह मH अGधराजHu मH मारा गया और क
ु लोंतुंग Vथम चोल शासक बना
• इसGलए युR िनGlत हो गया
• िवTमािद~ षŒ कw ओर से होयसल एवं पां शासक क
ु लोंतुंग Vथम क
े िवR युR मH भाग
Gलया
• इस युR मH क
ु लोंतुंग Vथम पराGजत }आ॰॰
• चोल शासक को पEों क
े वx पहनने क
े Gलए बा˜ िकया गया
40. िवRमािद= षU x वXगी एवं चोल
• ईसवी १०८५ मH िवTमािद~ षŒ ने चोल ;े< पर आTमण िकया
• िवTमािद~ षŒ ने काँची पर अGधकार िकया
• १०९१-१०९३ मH िवTमािद~ षŒ ने वHगी को जला िदया एवं आं™ क
े शासक को पराGजत
िकया।
• १०९९ मH क
ु लोंतुंग Vथम ने वHगी मH चालु* कw अGधसEा समा‘ कw
• लेिकन िफर िवTमािद~ षŒ ने वHगी पर अGधकार िकया
• ईसवी ११२४ तक वHगी िवTमािद~ षŒ क
े आGधप~ मH रहा
41. िवRमािद= षU x होयसल
• ]ारसमुh क
े होयसल चालु:ों क
े सामंत थे
• होयसलों ने श_` वधAन करते tए चालु:ों
क
े िवx/ Vसर उठाया
• १११८ क
े {वणबेलगोला अVभलेख:
िव|ुवधAन क
े सेनापित गंगराज ने
िव,मािद? ष} कP सेना पर रात मJ हमला
िकया।
• इस अनपेVNत हमले मJ होयसलो कP Vजत
tयी
• बाद मJ िव,मािद? ष} क
े १२ सामंतो ने
होयसलो क
े िवx/ मोचाA खोला
• VजसमJ होयसल पराVजत tए।
• होयसल ने िव,मािद? ष} का आVधप?
~ीकार िकया
42. िवRमािद= षU x जयEसंह
• सोमे‰र II क
े िवR िवTमािद~ षŒ क
े अनुज जयGसंह ने उसका साथ िदया था।
• जयGसंह और िवTमािद~ षŒ का संबं ध काफ़w वष= मधुर रहा
• िक
ं तु बाद मH दोनो मH अनबन हो गयी
• िवTमांकदेवचUरत: िवTमािद~ षŒ को जब जयGसंह क
े िवuोह का पता चला, तब वह
तुरंत क
ृ ›ा नदी तक गया एवं जयGसंह को संदेश भेजा।
• िवTमािद~ षŒ ओर जयGसंह मH युR }आ
• इस युR मH िवTमािद~ षŒ कw िवजय }ई
44. िवRमािद= षU का मू<ांकन
• धूतA एवं महकांNी राजा
• वैवािहक संबं धो से भिव€ को मज़बूत िकया
• उसको ११ से अVधक रािनयाँ थी
• इनमJ से क
ु छ रािनयाँ 5शासन मJ सि,य थी
• नए नगर कP ƒापना: िव,मपुर
• िव]ानो का सं रNक
• िबuन (िव„ापित) का िव,मांकदेवच…रत का नायक
िव,मािद? ष} था
• या†व‡ ˆृित का टीकाकार िव†ानेŠर (VमताNरा)
िव,मािद? ष} का मं Hी था
• िव,मािद? ष} ने ताVमल ‹ाŒणों को िवशेष प{य िदया
• उपाVध: पेरमािडदेव, किविव,म, िHभुवनम
• Vसंहल क
े साथ मैिHपूणA सं बं ध (१०८३ मJ दूत भेजा)
46. सोमेJर तृतीय
• िवKमािदN षO का पुP िवKमािदN षO ११२६ म@ राजा बना
• उसने भूलोकमW नामक नये संवत कX शूYवात कX
• MारसमुZ क
े होयसल चालुों क
े िवYJ हो गए थे
• होयसलों ने सोमे^र तृतीय क
े िवYJ िवZोह िकया
• इसम@ सामं तो कX सहायता से सोमे^र तृतीय िवजयी aआ
• व@गी चालुों क
े Gभाव से मुc हो गया था
• सोमे^र तृतीय कX अंितम dात ित2थ ११३८ कX है।
47. जगदेकमZ ि-तीय
• सोमे^र तृतीय का पुP एवं उ9रा2धकारी ११३८ म@ राजा aआ
• जगदेकमW िMतीय ने अपने पूव?वतi राजाओं कX तरह नये संवत का Gारk
• जगदेकमW िMतीय क
े काल म@ होयसल, कदl एवं अm सामंतो ने िवZोह िकया
• अपने सेनापित कX सहायता से िवZोह का दमन
• ११४३ म@ जगदेकमW िMतीय ने परमार क
े मालवा पर आKमण िकया
• परमार शासक जयवम?न को राज2संहासन से हटा कर बWाल को राजा बनाया
• लाट क
े चालु शासक को परा2जत िकया
• सामंत जगदेकमW िMतीय का आदेश नाममाP मानते रहे
• अंितम dात ित2थ ११५१
48. तैल तृतीय
• जगदेकम ि]तीय का छोटा भाई ११४९ क
े आसपास राजा बना
• सामंत-िवhोह का काल
• चालु: वं श क
े िवघटन का 5ारI
• काकितयों ने िवhोह िकया
• काकितय सामं त 5ोल ने तैल तृतीय को यु/ मJ पराVजत िकया एवं बŽी बनाया
• तैल तृतीय क"ाणी मJ क़
ै द रहा, जो बाद मJ मु` िकया गया
• इस घटना से तैल तृतीय एवं चालु: वं श को गहरा आघात tआ
• इस पराभव क
े बाद तैल तृतीय क"ाणी नही गया
• ११६१ तक तैल तृतीय नाममाH राजा बना रहा
• कलचुरी सामं त “िबल” तैल तृतीय का सामं त था
• िबल ने अपना संवत 5ारI िकया एवं श_`शाली बन गया
• तैल तृतीय क
े पराभव का फ़ायदा उठाते tए िबल ने चालु: सrा पे अVधकार जमाया
• तैल तृतीय कP अंितम ितVथ ११६३ है
49. सोमेJर चतुथB
• चालु* राo पर ११६२ से ११८२ तक कलचूUरयो कw सEा रही
• इस काल मH राजनीितक अPवmा Pा‘ थी
• िबŸल कw मृ~ु क
े बाद उसक
े चार पु<ों मH गृहयुR }आ
• ११८५ मH सोमे‰र चतुथ= ने िबŸल क
े पु< आहवमf को पराGजत कर पैतृक राo ले Gलया
• ११८४: चालु*भरणGसरीमाति<लो*मfभजबलािवर (चालु* वं श का आभूषण एवं
बा}वीय= वाला)
• ११८५: कलचुय=क
ु लिनमू=लना
• ११८६ क
े िकसी अGभलेख मH क"ाणी नगर का उfेख नही
• राजधानी: जयंतीपुर
• देविगरी क
े यादव ने िवuोह िकया
• यादव Gभfम को “कना=टीवfभ” कहा गया है
• ईसवी १२०० क
े बाद सोमे‰र चतुथ= का कोई उfेख Vा‘ नही।