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!थम पां'
वं श का
इितहास
डॉ िवराग सोनट,
े
सहायक 1ा2ापक
1ाचीन भारतीय इितहास, सं:
ृ ित और पुरात>
बनारस िहंदू िवBिवCालय
पां$ वं श का इितहास
!"ावना
• द./ण भारत का 3ाचीन वं श
• सुदूर द./ण /े:
• ल<े समय तक अ@AB
• /े:: वतCमान तामीलनाड़E
• द./ण भारत से Fीलंका तक
3भाव
• वचCGवादी भू.मका
• 3थम पां$ वं श: ईसवी ७००-
१०००
&ोत
1. .शलालेख
2. ताNप:
3. मंिदर
4. 3वासी या:ी
5. सािहO: पंदीकोQे काR
6. .सS
े
7. संगम सािहO
!ाचीनता
1. महाभारत: पां$
2. अथCशाU : पां$
3. अशोक अ.भलेख:
4. तृतीय संगम: २० पां$ राजाओं क
े नाम
5. तृतीय संगम: .शलZि[कारम एवं म.णमेखले
6. महावं श
7. ईसवी ३००-६०० इितहास अंधकारमय
!ार,-क शासक: क
ं डुगोन
1. कल# क
े आ&मण से परेशान
2. कल#ों ने पां1ो को हराया
3. अंत म6 पां1ो ने कल#ों को परा7जत कर
ता7मल देश पर :भु= :>ािपत िकया
4. क
ं डुगोन वCुतः पां1 वं श का सं>ापक
5. उसकF राजधानी मदुरा
6. पूवJवतK पां1 शासक क
े िवषय म6
जानकारी नही
7. क
ं डुगोन सं भवतः ५८० क
े आसपास राजा
Pआ
मारवम6न अविनशूलम;ण
• क
ं डुगोन का पु:
• ईसवी ६२० क
े आसपास संभवतः राजा बना
• उसक
े काल कe कोई जानकारी नही
• उसने संभवतः २५ साल राज िकया
शे>न/शे?ण (जयंतवम6न)
• मारवमCन अविनशूलम.ण का पु:
• चेरों को हराया
• ६४० मh हेनiाँग काँची मh था, पां$ राk मh
भीषण अकाल का वणCन
• शेmन (जयंतवमCन) ने तीnनेलवे.ल .ज़ले मh
कpैयिडS
E rर.च नामक sान पर शैलक
ृ त
मंिदर का िनमाCण कराया
• उपा.ध: वानवन (क
े रल)
अBरक
े शरी मारवम6न / अBरक
े शरी परांतक
• साNाkवादी शासक
• पां$ वं श का साNाk िवAार
• पां$ x पpव संघषC का 3ारu
• द./ण-प.vम मh /े: िवAार
• वे@wिडक
ु ड़ी अ.भलेख: युxों मh िवजय
• अrरक
े शरी मारवमCन ने िहरyगभC तथा तुलाभर यz िकए
• धमC असिह{ु : पहले जैन बाद मh .शव
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े शरी मारवमCन का पु:
• रणधीर= युx 3ेमी
• चेरों एवं चोलों को हराया
• वेलिवS
| डी ताNप:: मंगलपुरम क
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े आय नामक राजा पर िवजय
• मंगलपुरम: मगलोर
• उपा.ध: मधुरकरनाटकम (कनाCटक), कोंगकोमानC (कोंगु),
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• को#डे&न रणधीर का पु/
• श12शाली शासक (७४०-७६५)
• चालु; पतन : रा=>क
ू ट
• चोल : कमजोर
• पCव: पतन
• मEास संGहालय ताJप/ : “पCकभLन"
• पCव साJाM मN गृहयुQ मN नंदीवमSन क
े भाई (Uच/माय) कV सहायता
• पCव शासक नंदीवमSन को कई युQ मN पराUजत िकया
• नंदीवमSन से हाथी, अZ एवं सित अUजSत कV
• 1]ित को मज़बूत करने क
े बाद मारवमSन राजUसंह `थम ने कोंगु `देश क
े आगे साJाM िवbार िकया
• मारवमSन राजUसंह `थम कV राM कV Uसमाए गंग शासक (वातापी चालु; क
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• मारवमSन राजUसंह `थम ने वातापी चालु; एवं गंगो कV संयु2 सेना को पराUजत िकया
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े मालवराज को पराUजत कर उसकV पु/ी से िववाह िकया
• बाद मN सं Uध क
े तहत गंग पु/ी का िववाह पांe राजक
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• वेलिव5
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े िवPQ एक संयुR मोचा%
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• जिटल परांतक ने सभी को परा(जत िकया
• 1ावणकोर क
े वेनाड क
े राजा से प(Vमी समुW तट क
े
(िव(लनम) पर क़Yज़ा
• िवPद: परमवैLव, पंिडतवZल (िव[ानो का ेही),
परांतक (श1ुओं का िवनाशक)
• ^े1 िवZार: कावेरी नदी क
े द(^ण क
े दोनो समुWों तक का
^े1
• उस समय द(^ण का श`Rशाली शासक
• ित(थ: ७६५-८१५ (५० वष%)
• मदुरै: िवLुमिदर ((शलागृहम) का िनमा%ण
• धम% सिहLु
LीमारLीवMभ
• नेडुजड़ैयन का पु/
• ईसवी ८१५ से ८६२
• gोत: दलवयपुरम तथा बृह1nशनमनूर ताJप/
• उपाUध: `ेमपा/`जाना : `जा का oेह-`ाp करने वाला
• सेन I (qीलंका) पर िवजय
• महावं श: पांe सेना ने उrरी qीलंका मN िवनाश िकया, राजा भाग गया, पांe सेना ने सUr, अZ, हाथी
अUजSत िकए
• बाद मN दोनो मN सं Uध fयी एवं qीमारqीवCभ ने qीलंका क
े राजा को िवUजत sे/ वापस िकया
• पCव शासक ने qीमारqीवCभ क
े िवtQ (गंग, रा=>क
ू ट एवं चोल) का संयु2 सं घ बनाया
• इस सं घ ने qीमारqीवCभ को पराUजत िकया
• ८५९ मN qीमारqीवCभ ने पCव शासक से हार का बदला Uलया
• महावं श: qीमारqीवCभ क
े िवtQ माया पांe नामक िवEोही राजक
ु मार ने Uसंहल क
े राजा को मदत माँगी
• qीलंका क
े शासक ने qीमारqीवCभ क
े िवtQ आyमण िकया, मदुरा शहर को न= िकया,
• इस युQ मN qीमारqीवCभ मारा गया।
• वी॰ पाठक: महावं श क
े िववरण पर `}Uच~
• नी॰शाgी: सफलता और असफलता का कायSकाल
वगु6णवम6न/ वगु6ण िOतीय
• FीमारFीवpभ का पु:
• चोलों का उदय (िवजयालय)
• चोल नरेश िवजयालय ने पां$ /े: का क
ु छ भाग अपने अधीन िकया
• वगुCण िƒतीय ने पpव नरेश नृपतुंग क
े साथ .मलकर चोलो को संभवतः हराया
• पpव शासक निदवमCन III क
े मृOु क
े बाद पpव वं श मh गृहयुx (नृपतुंग x अपरा.जत)
• वगुCण िƒतीय = नृपतुंग
• चोल (आिदO I), .संहल एवं प.vमी गंग = अपरा.जत
• इस युx मh अपरा.जत िवजयी „आ, एवं चोलों ने पां$ को परा.जत िकया
• इस युx से पां$ साNाk को काफ़e नुक़सान „आ एवं चोल वं श कe वृ.x „यी
• वगुCण िƒतीय क
े अंितम भाग मh पां$ वं श मh गृहयुx „आ
• अंत मh वगुCणवमCन क
े भाई परांतक ने उसे अपदs कर मदुरा क
े राज.संहासन पर अ.धकार कर
.लया।
परांतक/ वीरनारायण शPन
• वगुCण िƒतीय का भाई
• ८८० क
े आसपास राजा बना
• दलवयपुरम ताNप::
परांतक वीरनारायण क
े काल क
े है
• दलवयपुरम ताNप::
कोंगु 3देश का िवजेता
• कई मंिदरो का िनमाCण
• तालाबों का िनमाCण
• चेर वं शीय राजक
ु मारी से िववाह
• ९०० क
े आसपास शासन का अंत
मारवम6न राज;संह िOतीय
• परांतक वीरनारायण का पुQ
• इसक
े काल म6 (१६ वे वषJ) 7शUंमनूर ताVपQ जारी Pए थे
• चोल अ7धक शZ[शाली
• चोल राजा परांतक :थम, ने ९०७ म6 मारवमJन राज7संह ि^तीय को परा7जत िकया एवं “मदुरैकोंड”
“मधुरा`क” कF उपा7ध ली
• मारवमJन राज7संह ि^तीय ने 7संहल राजा से मदद माँगी
• दोनो कF संयु[ सेना को चोल राजा परांतक I ने ९१५ म6 परा7जत कर “मदुरैयुमइलूममकोंड” कF
उपा7ध ली
• क
ु छ समय 7संहल म6 शरण ली एवं अपना राजमुक
ु ट वही छोड़कर आया
• ९२० म6 परांतक I ने पुनः मदुरा म6 आ&मण िकया एवं राज7संह को परा7जत िकया
• पां1 राजधानी मदुरै पर चोलों का अ7धकार
• इस पराजय क
े बाद मारवमJन राज7संह ि^तीय अपने नाना क
े रल क
े शासक क
े वहा गया एवं वही रहने
लगा
वीरपांP
• मारवमCन राज.संह िƒतीय का उŠर.धकारी
• पां$ @sित मh क
ु छ सुधार
• य‹िप चोलों का मदुरा पर िनयं:ण था, लेिकन वह पां$ को पूणCतः परा.जत न कर सक
े ॰
• वीरपां$ ने चोल शासक गंडरािदO क
े िवnx िवजय 3ा कe एवं Gतं:ता घोिषत कe
• उपा.ध: चेरंतलैकोंडकोिवरपांडन (चोल शासक का .सर काटने वाला)
• बाद मh चोल राजा सुंदरचोल ने वीरपां$ को दो बार युx मh हराया
• इस युx मh .संहल शासक (मिहŽ चतुथC) ने अपने .म: पां$ राजा वीरपां$ कe सहायता कe
• ितnवलंग़ाडु अ.भलेख: सुंदरचोल क
े पु: आिदO II ने पां$ शासक वीरपां$ का .सर काट
.लया
• उपा.ध: वीरपां$तलhकोंड
• ९६६ मh वीरपां$ कe मृOु हो गयी
वीरपां' क
े बाद पां' वं श क- ./ित
• वीरपांe क
े बाद पांe वं श कV 1]ित कमजोर हो गयी
• ९६० से १२१५ तक पांe sे/ पर चोलों का अUधकार रहा
• क
N Eीय बलशाली राजा न fए
• चोलों क
े आगे पांe कमजोर सािबत fए
• चोलों ने पांe sे/ अपने अUधन िकया
• पांe sे/ को राजराजमं डलम, राजराजपांडीनाड़ जैसे नाम िदए गए
• qीलंका क
े िवtQ युQ मN पांe बं दरगाह का उपयोग चोलों ने िकया
• राजराज `थम क
े काल तक चोल वं श दUsण भारत का सवाSUधक `भावी राजवं श बना
• राजराज क
े पु/ राजNE ने मदुरा मN आyमण िकया, तो पांe शासक भाग गया (शासक का नाम नही)
• राजNE चोल ने पांe sे/ को चोल साJाM का िह‚ा बनाया
• राजNE चोल ने मदुरा मN राजभवन का िनमाSण कराया
• राजNE चोल ने अपने पु/ जटावमSन को मदुरा का शासक िनयु2 िकया
• राजराज `थम क
े काल तक पांe वं श अपना अ1bƒ बनाए रखा
• इस काल क
े पांe इितहास क
े बारे मN जानकारी का अभाव
• पांe शासक बारंबार चोल शासकों क
े िवtQ िवEोह करते रहते थे
• १२ वी शती मN होयसलो ने भी पांeो को sित पfँचायी
कोई $%?

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Early (First) Pandya Dynasty

  • 1. !थम पां' वं श का इितहास डॉ िवराग सोनट, े सहायक 1ा2ापक 1ाचीन भारतीय इितहास, सं: ृ ित और पुरात> बनारस िहंदू िवBिवCालय
  • 2. पां$ वं श का इितहास
  • 3. !"ावना • द./ण भारत का 3ाचीन वं श • सुदूर द./ण /े: • ल<े समय तक अ@AB • /े:: वतCमान तामीलनाड़E • द./ण भारत से Fीलंका तक 3भाव • वचCGवादी भू.मका • 3थम पां$ वं श: ईसवी ७००- १०००
  • 4. &ोत 1. .शलालेख 2. ताNप: 3. मंिदर 4. 3वासी या:ी 5. सािहO: पंदीकोQे काR 6. .सS े 7. संगम सािहO
  • 5.
  • 6. !ाचीनता 1. महाभारत: पां$ 2. अथCशाU : पां$ 3. अशोक अ.भलेख: 4. तृतीय संगम: २० पां$ राजाओं क े नाम 5. तृतीय संगम: .शलZि[कारम एवं म.णमेखले 6. महावं श 7. ईसवी ३००-६०० इितहास अंधकारमय
  • 7. !ार,-क शासक: क ं डुगोन 1. कल# क े आ&मण से परेशान 2. कल#ों ने पां1ो को हराया 3. अंत म6 पां1ो ने कल#ों को परा7जत कर ता7मल देश पर :भु= :>ािपत िकया 4. क ं डुगोन वCुतः पां1 वं श का सं>ापक 5. उसकF राजधानी मदुरा 6. पूवJवतK पां1 शासक क े िवषय म6 जानकारी नही 7. क ं डुगोन सं भवतः ५८० क े आसपास राजा Pआ
  • 8. मारवम6न अविनशूलम;ण • क ं डुगोन का पु: • ईसवी ६२० क े आसपास संभवतः राजा बना • उसक े काल कe कोई जानकारी नही • उसने संभवतः २५ साल राज िकया
  • 9. शे>न/शे?ण (जयंतवम6न) • मारवमCन अविनशूलम.ण का पु: • चेरों को हराया • ६४० मh हेनiाँग काँची मh था, पां$ राk मh भीषण अकाल का वणCन • शेmन (जयंतवमCन) ने तीnनेलवे.ल .ज़ले मh कpैयिडS E rर.च नामक sान पर शैलक ृ त मंिदर का िनमाCण कराया • उपा.ध: वानवन (क े रल)
  • 10. अBरक े शरी मारवम6न / अBरक े शरी परांतक • साNाkवादी शासक • पां$ वं श का साNाk िवAार • पां$ x पpव संघषC का 3ारu • द./ण-प.vम मh /े: िवAार • वे@wिडक ु ड़ी अ.भलेख: युxों मh िवजय • अrरक े शरी मारवमCन ने िहरyगभC तथा तुलाभर यz िकए • धमC असिह{ु : पहले जैन बाद मh .शव • ित.थ: संभवतः ६७०-७१०
  • 11. कोDडेEन रणधीर • अrरक े शरी मारवमCन का पु: • रणधीर= युx 3ेमी • चेरों एवं चोलों को हराया • वेलिवS | डी ताNप:: मंगलपुरम क े मराठों को हराया • मराठा: वातापी चालु~ • प.vमी समु तट क े आय नामक राजा पर िवजय • मंगलपुरम: मगलोर • उपा.ध: मधुरकरनाटकम (कनाCटक), कोंगकोमानC (कोंगु),
  • 12. मारवम6न राज;संह !थम • को#डे&न रणधीर का पु/ • श12शाली शासक (७४०-७६५) • चालु; पतन : रा=>क ू ट • चोल : कमजोर • पCव: पतन • मEास संGहालय ताJप/ : “पCकभLन" • पCव साJाM मN गृहयुQ मN नंदीवमSन क े भाई (Uच/माय) कV सहायता • पCव शासक नंदीवमSन को कई युQ मN पराUजत िकया • नंदीवमSन से हाथी, अZ एवं सित अUजSत कV • 1]ित को मज़बूत करने क े बाद मारवमSन राजUसंह `थम ने कोंगु `देश क े आगे साJाM िवbार िकया • मारवमSन राजUसंह `थम कV राM कV Uसमाए गंग शासक (वातापी चालु; क े सामंत) क े साथ आ गयी • मारवमSन राजUसंह `थम ने वातापी चालु; एवं गंगो कV संयु2 सेना को पराUजत िकया • कावेरी नदी क े पार मड़कोंगम (तंजोर) क े मालवराज को पराUजत कर उसकV पु/ी से िववाह िकया • बाद मN सं Uध क े तहत गंग पु/ी का िववाह पांe राजक ु मार से fआ • गोसहg, िहरhगभS तथा तुलाभर यi िकए • ईसवी ७६५ मN शासन का अंत
  • 13. जिटल परांतक/नेडुजड़ैयन • मारवम%न राज(संह ,थम का पु1 • वेलिव5 6 डी ता:प1: म; जानकारी • प<व शासक नंदीवम%न II पर िवजय • तगडूर (सलेम (ज़ला) क े शासक को बं दी बनाया, अF एवं हाथी ,ाH िकए • कोंगुदेश पांI राJ म; समािवK • कोंगु ,देश म; िवLु मंिदर का िनमा%ण • प<व शासक ने नेडुजड़ैयन क े िवPQ एक संयुR मोचा% बनाया • जिटल परांतक ने सभी को परा(जत िकया • 1ावणकोर क े वेनाड क े राजा से प(Vमी समुW तट क े (िव(लनम) पर क़Yज़ा • िवPद: परमवैLव, पंिडतवZल (िव[ानो का ेही), परांतक (श1ुओं का िवनाशक) • ^े1 िवZार: कावेरी नदी क े द(^ण क े दोनो समुWों तक का ^े1 • उस समय द(^ण का श`Rशाली शासक • ित(थ: ७६५-८१५ (५० वष%) • मदुरै: िवLुमिदर ((शलागृहम) का िनमा%ण • धम% सिहLु
  • 14.
  • 15. LीमारLीवMभ • नेडुजड़ैयन का पु/ • ईसवी ८१५ से ८६२ • gोत: दलवयपुरम तथा बृह1nशनमनूर ताJप/ • उपाUध: `ेमपा/`जाना : `जा का oेह-`ाp करने वाला • सेन I (qीलंका) पर िवजय • महावं श: पांe सेना ने उrरी qीलंका मN िवनाश िकया, राजा भाग गया, पांe सेना ने सUr, अZ, हाथी अUजSत िकए • बाद मN दोनो मN सं Uध fयी एवं qीमारqीवCभ ने qीलंका क े राजा को िवUजत sे/ वापस िकया • पCव शासक ने qीमारqीवCभ क े िवtQ (गंग, रा=>क ू ट एवं चोल) का संयु2 सं घ बनाया • इस सं घ ने qीमारqीवCभ को पराUजत िकया • ८५९ मN qीमारqीवCभ ने पCव शासक से हार का बदला Uलया • महावं श: qीमारqीवCभ क े िवtQ माया पांe नामक िवEोही राजक ु मार ने Uसंहल क े राजा को मदत माँगी • qीलंका क े शासक ने qीमारqीवCभ क े िवtQ आyमण िकया, मदुरा शहर को न= िकया, • इस युQ मN qीमारqीवCभ मारा गया। • वी॰ पाठक: महावं श क े िववरण पर `}Uच~ • नी॰शाgी: सफलता और असफलता का कायSकाल
  • 16. वगु6णवम6न/ वगु6ण िOतीय • FीमारFीवpभ का पु: • चोलों का उदय (िवजयालय) • चोल नरेश िवजयालय ने पां$ /े: का क ु छ भाग अपने अधीन िकया • वगुCण िƒतीय ने पpव नरेश नृपतुंग क े साथ .मलकर चोलो को संभवतः हराया • पpव शासक निदवमCन III क े मृOु क े बाद पpव वं श मh गृहयुx (नृपतुंग x अपरा.जत) • वगुCण िƒतीय = नृपतुंग • चोल (आिदO I), .संहल एवं प.vमी गंग = अपरा.जत • इस युx मh अपरा.जत िवजयी „आ, एवं चोलों ने पां$ को परा.जत िकया • इस युx से पां$ साNाk को काफ़e नुक़सान „आ एवं चोल वं श कe वृ.x „यी • वगुCण िƒतीय क े अंितम भाग मh पां$ वं श मh गृहयुx „आ • अंत मh वगुCणवमCन क े भाई परांतक ने उसे अपदs कर मदुरा क े राज.संहासन पर अ.धकार कर .लया।
  • 17. परांतक/ वीरनारायण शPन • वगुCण िƒतीय का भाई • ८८० क े आसपास राजा बना • दलवयपुरम ताNप:: परांतक वीरनारायण क े काल क े है • दलवयपुरम ताNप:: कोंगु 3देश का िवजेता • कई मंिदरो का िनमाCण • तालाबों का िनमाCण • चेर वं शीय राजक ु मारी से िववाह • ९०० क े आसपास शासन का अंत
  • 18. मारवम6न राज;संह िOतीय • परांतक वीरनारायण का पुQ • इसक े काल म6 (१६ वे वषJ) 7शUंमनूर ताVपQ जारी Pए थे • चोल अ7धक शZ[शाली • चोल राजा परांतक :थम, ने ९०७ म6 मारवमJन राज7संह ि^तीय को परा7जत िकया एवं “मदुरैकोंड” “मधुरा`क” कF उपा7ध ली • मारवमJन राज7संह ि^तीय ने 7संहल राजा से मदद माँगी • दोनो कF संयु[ सेना को चोल राजा परांतक I ने ९१५ म6 परा7जत कर “मदुरैयुमइलूममकोंड” कF उपा7ध ली • क ु छ समय 7संहल म6 शरण ली एवं अपना राजमुक ु ट वही छोड़कर आया • ९२० म6 परांतक I ने पुनः मदुरा म6 आ&मण िकया एवं राज7संह को परा7जत िकया • पां1 राजधानी मदुरै पर चोलों का अ7धकार • इस पराजय क े बाद मारवमJन राज7संह ि^तीय अपने नाना क े रल क े शासक क े वहा गया एवं वही रहने लगा
  • 19. वीरपांP • मारवमCन राज.संह िƒतीय का उŠर.धकारी • पां$ @sित मh क ु छ सुधार • य‹िप चोलों का मदुरा पर िनयं:ण था, लेिकन वह पां$ को पूणCतः परा.जत न कर सक े ॰ • वीरपां$ ने चोल शासक गंडरािदO क े िवnx िवजय 3ा कe एवं Gतं:ता घोिषत कe • उपा.ध: चेरंतलैकोंडकोिवरपांडन (चोल शासक का .सर काटने वाला) • बाद मh चोल राजा सुंदरचोल ने वीरपां$ को दो बार युx मh हराया • इस युx मh .संहल शासक (मिहŽ चतुथC) ने अपने .म: पां$ राजा वीरपां$ कe सहायता कe • ितnवलंग़ाडु अ.भलेख: सुंदरचोल क े पु: आिदO II ने पां$ शासक वीरपां$ का .सर काट .लया • उपा.ध: वीरपां$तलhकोंड • ९६६ मh वीरपां$ कe मृOु हो गयी
  • 20. वीरपां' क े बाद पां' वं श क- ./ित • वीरपांe क े बाद पांe वं श कV 1]ित कमजोर हो गयी • ९६० से १२१५ तक पांe sे/ पर चोलों का अUधकार रहा • क N Eीय बलशाली राजा न fए • चोलों क े आगे पांe कमजोर सािबत fए • चोलों ने पांe sे/ अपने अUधन िकया • पांe sे/ को राजराजमं डलम, राजराजपांडीनाड़ जैसे नाम िदए गए • qीलंका क े िवtQ युQ मN पांe बं दरगाह का उपयोग चोलों ने िकया • राजराज `थम क े काल तक चोल वं श दUsण भारत का सवाSUधक `भावी राजवं श बना • राजराज क े पु/ राजNE ने मदुरा मN आyमण िकया, तो पांe शासक भाग गया (शासक का नाम नही) • राजNE चोल ने पांe sे/ को चोल साJाM का िह‚ा बनाया • राजNE चोल ने मदुरा मN राजभवन का िनमाSण कराया • राजNE चोल ने अपने पु/ जटावमSन को मदुरा का शासक िनयु2 िकया • राजराज `थम क े काल तक पांe वं श अपना अ1bƒ बनाए रखा • इस काल क े पांe इितहास क े बारे मN जानकारी का अभाव • पांe शासक बारंबार चोल शासकों क े िवtQ िवEोह करते रहते थे • १२ वी शती मN होयसलो ने भी पांeो को sित पfँचायी