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5. राजतरंिगणी (राजाओं क2 स4रता)
• क
ु ल ८ तरंग (Chapter)
• ८००० Cोक
• तरंग १ से ३ : कGीर का
Hाचीन इितहास
• तरंग ४ से ६: काक#ट एवं
उNल वं श का इितहास
• तरंग ७ एवं ८: लोहरवं श का
इितहास
• तरंग ४ से ८ : Hामा;णक एवं
िवPसनीय
6. &ोत: राजतरंिगणी (राजाओं क2 स4रता)
• क"ीर क
े इितहास का मह-पूण1 2ोत
• क"ीर का 4मब6 इितहास का वण1न
• लेखक (किव): क;न
• <ंथ काल4म: ११४८-४९ ईसवी
• भारत का Eथम इितहास लेखन <ंथ
1. लेखन िवषय कH सIता जानने का
EयK
2. सI कH खोज
3. िवLभM 2ोतों कH छानबीन
4. ऐितहाLसक वPुपरकता
5. पुरात- कH जानकारी
6. LसRों का उपयोग
7. ितLथयों का िनLUत काल4म
8. सवVWण
7. उ678
• कWन:
• काकAट वं श क
े पहले क"ीर मX गोणारिदZ वं श का शासन
था।
• इस वं श का अंितम शासक बालािदZ था।
• बालािदZ को पु) नही था।
• बालािदZ क4 पु)ी का पित अंत मX राजा बना एवं नए
“काकAट” वं श क4 शूरवात `ई।
• कWन: नाग वं श से संबं Eधत
8.
9. दुल<भवध<न
• काकXट वं श क
े शासक अपना संबं ध नागक
ु ल से जोड़ते थे।
• दुल1भवध1न यह इस वं श का Eथम शासक।
• चीनी <ंथ दुल1भवध1न को “ तु-लो-प” कहते है।
• चीनी <ंथ: काबूल से चीन क
े bापारी मागc का िनयंdण
• हेनeाँग (gान- hवागं) इसी क
े समय भारत मi था।
• हेनeाँग: तWLशला, उरशा (हज़ारा एवं अबोटाबाद), राजोरी आिद Wेd
दुल1भवध1न क
े अधीन थे।
• हष1 वध1न का समकालीन
• हेनeाँग: बौ6 धम1 का पतन
• सnािवत ितLथ4म: ईसवी ६२७-६४९
10. दुल<भक (!तापिद@ )
• दुलQभवधQन का पुU
• दुलQभक क
े ;स=ों पर “VीHताप” ;लखा Xआ है।
• अपने नाना क
े नाम का ]ीकार
• उसने Hतापपुर नामक शहर बसाया
• _ा`णों क
े ;लए मठ
• क(न: लोकिHय, उदार राजा
• Hतापिदb को रानी नरcdHभा से तीन पुU Xए
1. चeापीड वgािदb
2. तारापीड उhािदb
3. मुiपीड ल;लतािदb
11. चBापीड वDािद@
• jायिHय शासक
• ९ वषm का शासन (८ वषQ ८ महीने)
• अरबों तथा ितopितयों क
े िवqr सहायता क
े ;लए ईसवी ७१३ मc
चीन क
े शासक क
े पास एक दूत भेजा।
• िUभुवन]ामी क
े मं िदर का िनमाQण
• उदार एवं लोकिHय राजा
• भाई तारापीड उhािदb क
े षडयu का ;शकार एवं वध
12. तारापीड उदयािद@
• षडयu से राजा बना (चeापीड वgािदb का वध करक
े )
• क
े वल चार वषQ का शासन
• v
ू र एवं अलोकिHय शासक
• अंत मc हbा का ;शकार
13. मुGपीड ल7लतािद@
• काक#ट वं श का H;सr राजा
• राजा बनने क* ित;थ मc मतभेद
• क(न: ईसवी ६९५ अथवा ६९९
• श॰ पंिडत एवं राय : ईसवी ६९५
• किनंगहम (चीनी साyों क
े आधार पे) ७२७ ईसवी
• {ाइन, बू(र : ७२७ ईसवी
• मजूमदार : ७२४ ईसवी
• जन –यून –Xआ: ७३२-७३३ ईसवी
14. मुGपीड़ ल7लतािद@
• वं श का शbcशाली राजा
• कWन: युdिeय शासक Eजसने जीवनभर युd िकए
• अनेक युdों का िवजेता
• कWन: काबुल क
े शाही राजक
ु मार उसक
े दरबार मX नौकरी
करते थे।
• कgोज क
े राजा यशोवमJन से Eम)ता एवं श)ुता
15. यशोवम<न से युK
• यु6 क
े संभिवत कारण:
1. चीनी वृs: जालंधर (पंजाब) क
े Eदेश को राt मi Lमलाने कH होड़
2. यशोवम1न वयोवृ6 होने क
े कारण लLलतािदI कH साuाt िवPार कH
योजना
3. लLलतािदI एवं यशोवम1न मi यु6 का लvा दौर चला
4. कोई भी हल ना-िनकलने से संLध-वाता1ओं Eारn xई
5. राजतरंिगणी: िकसका नाम पहले आए पे िववाद
6. संLध-वाता1 भी असफल रही।
7. अंsत: यशोवम1न कH यु6 मi हार xई तथा उसने लLलतािदI कH
अधीनता zीकार कH।
8. का{क
ु |ज़ राt Wेd लLलतािदIक
े महल का आँगन xआ एवं यशोवम1न
लLलतािदI कH Eसं शा करने मi बा} xआ।
9. पंजाब, जालंधर, काँगड़ा और पूँच क"ीर का Wेd लLलतािदI ने अपने
अLधनP राजाओं को िदया।
10. कMोज एवं म} भारत क
े अनेक िवान क"ीर मi जा बसे
16. ल"लतािद' का पूव, भारत म0 यु3 अ"भयान
• क(न क
े अनुसार:
1. यशोवमQन को परा;जत करने क
े उपरांत ल;लतािदb क;लंग तक
गया।
2. गौड़देश क
े राजा ने उसे हाथी भcट िदए एवं ल;लतािदb क*
अधीनता ]ीकार क*।
3. ल;लतािदb ने Hाग~ोितष भी जीता
17. ल"लतािद' का द"6ण भारत म0 यु3 अ"भयान
1. कनाJट क4 रानी रhा ने लEलतािदZ क4 अधीनता &ीकार
क4
2. Goetz: रhा: राijक
ू ट नरेश इंk eथम क4 िववािहता
3. लEलतािदZ क
े सैl कावेरी नदी तक गए
4. कावेरी नदी से पEmम मX बढ़ते `ए लEलतािदZ ने
स.कोंकणो को हराते `ए oारका प`ँचा
5. दाEKणाZ राजाओं क4 शिमrदगी
18. ल7लतािद@ का प7Lम भारत मM युK अ7भयान
1. ारका से अवं ती होते Xए ल;लतािदb उ€र क* और लौटा।
19.
20. ल"लतािद' का उ*र-प"-म एवं उ*र भारत म3 यु6
अ"भयान
• क(न: काबुल क
े शाही राजक
ु मार उसक
े दरबार मc नौकरी करते
थे।
1. क‚ोज,
2. तुषार (तुक
Q ),
3. ममुिन (अरब),
4. भोटों (ितpती),
5. दरद,
6. oƒरा~,
7. उ€र-क
ु q को भी यु„्ध मc परा;जत िकया
21. ल7लतािद@ का मO ए7शया मM युK अ7भयान
• चचनामा: कGीर क
े राजा क
े अधीन स†ूणQ िहंद, मकरान
(बलू;च4ान) और तूरान (तुक
‡ ˆान) था।
• Hermann Goetz: ल;लतािदb ने कम अव;ध मc िव4ीणQ Hदेश
का िनमाQण िकया।
• ल;लतािदb क
े सा‰ा~ मc भारत, वतQमान अफगिन4ान एवं म‹
ए;शया का Hदेश था।
22.
23. ल7लतािद@ का युK अ7भयान मM मतभेद
• ल;लतािदb का काल क(न से पहले होने क
े कारण उसक
े युr
अ;भयान मc क
ु छ अितरंजकता हो सकती है
• लेिकन क(न क
े एितहा;सक कथन मc सbाथQ है।
• सुदूर द;ण क* िवजय संभवतः कoत हो
• अलबीqनी: तुषार (तुक
Q ) पर ल;लतािदb िवजय का उेख करता
है।
• भोटों (ितpती) को हराने क
े ;लए चीनी राजा क
े पास सहायता क
े
;लए दूत भेजा था।
24. ल7लतािद@ का युK अ7भयान पे
िवQानो का मत
• Goetz: क;न का लLलतािदI का
यु6 अLभयान सI Eतीत होता है
LजसकH पुि€ अ{ Eमाणों से भी
होती है।
• Goetz: लLलतािदI का िवPृत
यु6 अLभयान सफल xआ ोंिक
उस समय अ{ समकालीन
राजा/राजवं श परकHय आ4मणों से
Wित<P एवं कमजोर xए थे।
• Susan L. Huntington:
लLलतािदI का िवPृत यु6
अLभयान संभवतः “धन-लƒी
एकिdत करने कH लूटपाट योजना
थी”
25. क
ू टनीितक सTU
1. चीनी द4ावेज: ल;लतािदb ने चीनी स‰ाट क
े यहा ईसवी ७३३ मc
दूत भेजा।
2. Hथमत: ल;लतािदb एवं यशोवमQन ;मU थे।
3. दोनो ने चीनी स‰ाट को ितpितयों एवं अरबों क
े िवqr सहायता
माँगी
4. तांग राजवं श द4ावेज: ल;लतािदb को तांग राजा का सामंत कहता
है।
5. तानसेन सेन: ल;लतािदb ने चीनी राजा को ितpितयों क
े आvमण
मc सहायता क* होगी
26. ल7लतािद@ का योगदान
• मु#$म आ&मण को ल+लतािद0 ने थाम +लया
• उ6ोंने अपने परा&म और साहस से ित>ितयों, क?ोजों और तुकA को रणBेC
मD परा+जत िकया था.
• ल+लतािद0 एक बड़ा वाIु िनमाJता था।
• कLन: अनेक भवन, महल, मंिदरो का िनमाJणकताJ
• मातNड मंिदर ल+लतािद0 कP देन है।
• ल+लतािद0 ने पRरहासपुर (कSीर घाटी मD Wीनगर क
े पास एक छोटा सा शहर)
नामक नगर बसाया एवं वह रहने लगा।
• कLण ने राजतरंिगणी मD +लखा है िक ल+लतािद0 ने पRरहासपुर मD अपना
िनवास और चार मंिदर बनवाए।
• मंिदरों मD िव]ु (मु#^क
े शवा) िवशेष था। कLण क
े अनुसार स`ाट ने
मु#^क
े षवा िव]ु कP छिव बनाने क
े +लए 84,000 तोले सोने का उपयोग
िकया था।
• धािमJक bिc से उदार होने क
े कारण स`ाट ने कई बौf मठों और िहhू मं िदरों का
िनमाJण करवाया.
• उनक
े शासनकाल मD कला और jापार को महk +मला।
33. ल7लतािद@ का मूVांकन
• अपने समय का सवQHमुख भारतीय शासक
• लगभग पूरे उ€रापथ का अ;धपित
• मुo‘म आvमण को ल;लतािदb ने थाम ;लया
• ल;लतािदb ने कGीर का वैभव बढ़ाया था।
• कGीरी लोगों क
े मन मc बड़ा ˆान कर ;लया
• ल‚े समय तक कGीरी लोग ल;लतािदb को याद करते रहे, उसक*
अनुVुितयाँ वहाँ चलती रही।
• उनक
े काल मc कGीर रा~ का िव4ार म‹ ए;शया और ितpत,
चीन तक पXंच गया।
• उ“ोंने अरब क
े मुसलमान आvा”ाओं को सफलतापूवQक दबाया,
ितpती सेनाओं को पीछे धक
े ला
34. क
ु वलापीड़
• क
ु वलािपड : ल;लतािदb का पुU
• शासन काल : १ वषQ १५ िदन
• संवेदनशील –oi—
• मंUी क
े आदेश ना मानने से दुखी एवं राजbाग
35. वDािद@
• अj रानी से उN˜ ल;लतािदb का पुU
• v
ू र कायQकाल
• राजल™ी का उपभोग
• सात वषQ शासन पš›ात मृbु
36. जयपीड़
• वgािदb का पुU अनेक युr अ;भयान का उेख
• क˜ौज
• Hयाग (सेना ने आगे बढ़ने से माना)
• बं गाल
• पुंड़वधQन क
े नरेश जयंत को हराया एवं उसक* पुUी से िववाह
• गौडों क
े पाँच राजाओं को हराया
37. काकWट वं श का अंत
• उžपलिपड अंितम राजा
• दुबQल उ€रा;धकारी
• मंिUयों का वचQ]
• अशांित
• सामंतो क
े वचQ] मc वृ;r
• काक#ट क
े मंUी शूर ने उžपलिपड को राजपद से हटाया एवं
अव”ीवमQन को राजा बनाया।(ईसवी ८५५)
• काक#ट वं श का अंत।
38. समालोचन
1. काक#ट राजवं श क
े काल मc कGीर मc ˆायी राजनीितक
शांित, आ;थQक उ˜ित, सांŸ
ृ ितक िवकास का दौर था।
2. एक समय कGीर भारतीय राजनीित का क
c d था।
3. कGीर का सा‰ा~ िवशालतम था ;जसका Hभाव भारत
एवं म‹ ए;शया तक था।
4. कGीर मc सािहb एवं कला का िवकास
5. धािमQक राजनीितक काल
6. ल;लतािदb मुiापीड क* तुलना समुdगु से क* जाती
है।