6. अथ व था
पहाड़ क बफ और बफ से
पानी क फ़नल बनाने
वाली णाली ारा भू
म
क सचाई क जाती है
। मु
ख फसल जौ और गे
ं
ह। चावल पहले
ल ाखी आहार म एक ल जरी था, ले
कन, सरकार ारा स सडी, अब
एक स ता धान बन गया है
।
न न जौ (ल ाखी: नास , उ : गं
भीर ) पारं
प रक प से
ल ाख म एक
धान फसल थी। ऊ
ं
चाई क
े
साथ बढ़ते
समय म काफ अं
तर होता है
। खे
ती
क चरम सीमा पर है
Korzok , पर सो-मोरीरी 4,600 मीटर (15,100
फ ट) है
, जो ापक प से
या नया म सबसे
अ धक ेमाना जाता
है
पर, झील।
ल ाखी लोग क
े
एक अ पसं
यक को ापा रय और कारवां
क
े
ापा रय क
े प म भी नयु कया गया था, जो पं
जाब और शन जयां
ग
क
े
बीच कपड़ा, कालीन, रं
ग बनाने
और मादक पदाथ क
े ापार क
सु
वधा दान करता था । हालाँ
क, चू
ं
क चीनी सरकार ने
त बत वाय
7. े
और ल ाख क
े
बीच सीमा को बं
द कर दया था, इस लए यह
अं
तरा ीय ापार पू
री तरह से
सू
ख गया है
।
ल ाख े
म बहने
वाली सधु
नद वशाल जल व ु
त मता से
सं
प है
।
सौर और पवन ऊजा मता भी पया त ह। य प े
सभी मौसम वाली
सड़क क
े
बना एक र थ पहाड़ी े
है
, यह ेव भ नमाण
आव यकता क
े
लए थानीय तर पर उपल ध स ती बजली से
सीमट
बनाने
क
े
लए चू
ना प थर क
े
भं
डार से
भी समृहै
।
1974 से
, भारत सरकार ने
अशां
त क मीर े
से
ल ाख क
े
अपे
ाक
ृ
त
अ भा वत ेतक े
कग और अ य पयटन ग त व धय म बदलाव क
े
लए ो सा हत कया है
। य प पयटन ल ाख क क
े
वल 4% आबाद को
रोजगार दे
ता है
, ले
कन अब इस े
क
े
जीएनपी क
े
50% क
े
लए
ज मे
दार है
।
8. मु
ख थान
पयटन च क
ेथान क
े
अलावा शा मल ले
ह , ास घाट , रजी खार
(Chiktan खार), सुघाट , कार गल , Zangskar , Zangla ,
Rangdum , पदम , Phukthal, सनी मठ , Stongdey , योक घाट ,
Sankoo , नमक घाट । Markha घाट , ल ाख मठ या ा, द ण
Zangskar, ां
स-Zangskar अ भयान, पी त ल ाख, पी त Pitok को
हे
मस, को Rupshu , े
ट सा ट झील , Chadar बफ या ा
9.
10. बौ मठ
े
म फ
ै
ली व भ न दय क
े
कनारे
लगभग 35 बौ मठ ह जो पयटक और े
क
ेथानीय लोग ारा कए गए दान पर
पनपते
ह ले
कन अब सरकार क योजना है
क इन मठ को वक सत कया जाए। रा य
सरकार ने
बं
जर ेक
े
भू
नमाण क
े
लए
वशे
ष को नयुकरने
क भी योजना
बनाई है
और इस तरह का कदम क
ारा जारी कए गए धन क
े
बाद ही सं
भव था।ले
ह से
लगभग 65 कमी प म
म, ज़ां
कर नद क ओर , 3500 मीटर क ऊ
ं
चाई पर सु
मडा चु
न का गाँ
व है
।
सु
माधा-चु
न का मठ ल ाख े
क
े
सबसे
मह वपू
ण जी वत त बती बौ
मं
दर म से
एक है
।
11. प रवहन
ल ाख म लगभग 1,800 कमी (1,100 मील) सड़क ह, जनम से
800 कमी
(500 मील) फ
ै
ली ई ह।सीमा सड़क
सं
गठन ारा ल ाख क अ धकां
श सड़क
क दे
खभाल क जाती है
। ल ाख क
े
लए
तीसरी सड़क न मू
-पदम-दारचा सड़क है
,
जो नमाणाधीन है
।
क
ु
शोक बक
ु
ला र पोछे
एयरपोट
12. ले
ह म एक हवाई अ ा है
, क
ु
शोक बक
ु
ला र पोछे
हवाई अ ा , जहाँ
से
द ली क
े
लए दै
नक उड़ान और ीनगर और ज मू
क
े
लए सा ता हक उड़ान ह। सै
य
प रवहन क
े
लए दौलत बे
ग ओ डी और फ
ु
करे
म दो हवाई प ह । कार गल,
कार गल हवाई अ े
पर हवाई अ े
का उ े
य नाग रक उड़ान क
े
लए था, ले
कन
वतमान म इसका उपयोग भारतीय से
ना ारा कया जाता है
। हवाई अ ा थानीय
लोग क
े
लए एक राजनी तक मु
ा है
जो तक
दे
ते
ह क हवाई अ े
को अपने
मू
ल उ े
य क
से
वा करनी चा हए, अथात नाग रक उड़ान क
े
लए खोलना चा हए। पछले
क
ु
छ वष से
भारतीय वायु
से
ना स दय क
े
मौसम क
े
दौरान
थानीय लोग को ज मू
तक ले
जाने
क
े
लए
AN-32 एयर क
ू
रयर से
वा का सं
चालन कर
रही है
, ीनगर और चं
डीगढ़ । एक नजी हवाई जहाज क
ं
पनी एयर मं
ा ने
मु
यमं
ी उमर अ ला जै
से
गणमा य य क उप थ त म हवाई अ े
पर
१ter सीटर वमान उतारा , जो कार गल हवाई अ े
पर एक नाग रक एयरलाइन
क
ं
पनी ारा पहली बार उतरने
का तीक था।
14. पारं
प रक औष ध एवं
वा य
त बती च क सा एक हजार वष से
ल ाख क पारं
प रक वा य णाली
है
। पारं
प रक च क सा क
े
इस क
ू
ल म आयु
वद और चीनी च क सा क
े
त व
ह , जो त बती बौ धम क
े
दशन और ां
ड व ान क
े
साथ सं
युहै
।
स दय से
, लोग क
े
लए सु
लभ एकमा च क सा णाली , त बती
च क सा परं
परा का पालन करने
वाले
अमची , पारं
प रक च क सक रहे
ह।
आमची दवा सावज नक वा य का एक घटक बनी ई है
, खासकर रदराज
क
े
इलाक म।
सरकार, थानीय और अं
तररा ीय सं
गठन ारा काय म च क सा क इस
पारं
प रक णाली को वक सत करने
और फर से
जीवं
त करने
क
े
लए काम
कर रहे
ह। ल ाख क
े
लोग क
े
लए अमची च क सा क
े
बौ क सं
पदा
अ धकार क
े
सं
र ण क
ेयास चल रहे
ह । सरकार भी रस और जै
म क
े प
म समु हरन का स ग को बढ़ावा दे
ने
क को शश कर रही है
, य क क
ु
छ
का दावा है
क इसम औषधीय गु
ण ह।
15. श ा
2001 क जनगणना क
े
अनु
सार, ले
ह जले
म सम सा रता दर 62% (पु
ष क
े
लए 72% और म हला क
े
लए 50%) है
, और कार गल जले
म 58% (पु
ष
क
े
लए 74% और म हला क
े
लए 41%) है
।
परं
परागत प से
मठ को छोड़कर औपचा रक श ा क
े
मा यम से
ब त कम या
क
ु
छ भी नह था। आमतौर पर, प व पु
तक को पढ़ने
क
े
लए हर प रवार का एक
बे
टा त बती ल प म महारत हा सल करने
क
े
लए बा य था।
मोरा वयन मशन अ टू
बर 1889 म ले
ह म एक क
ू
ल खोला, और वज़ीर-ए
Wazarat ने
आदे
श दया क एक से
अ धक बाल क
े
साथ हर प रवार क
ू
ल म
उनम से
एक भे
जना चा हए। यह आदे
श थानीय लोग से
ब त तरोध क
े
साथ
मला, ज ह डर था क ब च को ईसाई धम म प रव तत होने
क
े
लए मजबू
र कया
जाएगा। क
ू
ल ने
त बती, उ , अं
े
जी, भू
गोल, व ान, क
ृ
त अ ययन, अं
कग णत,
या म त और बाइबल अ ययन पढ़ाया। यह आज भी अ त व म है
। प मी श ा
दान करने
वाला पहला थानीय क
ू
ल 1973 म "लै
मडन सोशल वे
लफ
े
यर
सोसाइट " नामक एक थानीय सोसायट ारा खोला गया था। बाद म, दलाई लामा
क
े
समथन से
और क
ु
छ अं
तररा ीय सं
गठन, क
ू
ल, जसे
अब लै
मडन मॉडल
16. सी नयर से
कडरी क
ू
ल क
े प म जाना जाता है
, कई शाखा म लगभग दो हजार
व ा थय को समायो जत करने
क
े
लए वक सत आ है
। यह ल ाखी परं
परा
और सं
क
ृ
त क
े
सं
र ण पर गव करता है
।
क
ू
ल को ल ाख म अ छ तरह से
वत रत कया जाता है
, ले
कन उनम से
75% क
े
वल
ाथ मक श ा दान करते
ह। 65% ब चे
क
ू
ल जाते
ह, ले
कन छा और श क दोन
क अनु
प थ त अ धक रहती है
। दोन जल म क
ू
ल छोड़ने
क
ेतर ( क ा X ) म
असफलता क दर कई वष क
े
लए 85-95% क
े
आसपास थी, जब क उन लोग क
े
मा यम से
प रमाजन करने
क
े
लए, कॉले
ज वे
श (क ा XII) क
े
लए अहता ा त करने
म
लगभग आधे
सफल रहे
। 1993 से
पहले
, छा को 14 वष क आयु
तक उ म पढ़ाया
20. लगानु
पात
ले
ह जले
क
े
लए लगानु
पात 1011 म हला क
े त 1000 पु
ष पर 1951 म
घटकर 2001 म 805 हो गया, जब क कार गल जले
म यह 970 से
घटकर 901
हो गया। दोन जल म शहरी लगानु
पात लगभग 640 है
। वय क वय क अनु
पात
यादातर पु
ष मौसमी और वासी मज र और ापा रय क बड़ी सं
या को
दशाता है
। ल ाख क लगभग 84% आबाद गां
व म रहती है
।
21. म हला क सामा जक थ त
ल ाखी समाज क एक वशे
षता जो इसे
रा य क
े
बाक ह स से
अलग करती है
, भारत क
े
अ य ामीण ह स क तु
लना म म हला
ारा ा त उ च थ त और सापेमु है
। सहोदर ब प त व और से
वरासत ये
ा धकार जब इन ज मू
-क मीर क सरकार ारा अवै
ध
कए गए थे
1940 क
े
दशक तक ल ाख म आम थे
। हालां
क, यह था
1990 क
े
दशक म वशे
ष प से
बु
जु
ग और अ धक पृ
थक ामीण
आबाद क
े
बीच अ त व म बनी रही। एक और था खं
ग-बू
क
े प म
जानी जाती है
, या 'छोटा घर', जसम एक प रवार क
े
बु
जु
ग, जै
से
ही
सबसे
बड़े
बे
टे
को पया त प से
प रप व कया गया है
, मामल म
भागीदारी से
से
वा नवृहोता है
, प रवार क मु
खयाता को उसक
े
पास
ले
जाता है
और अपनी जी वका क
े
लए क
े
वल पया त सं
प ले
ता है
।
23. सं
गीत और नृ
य
ल ाखी बौ मठ का योहार क
े
सं
गीत क तरह त बती सं
गीत ,
अ सर धा मक शा मल जप म त बती धम का एक अ भ अं
ग क
े प
म। ये
मंज टल ह, अ सर प व ं
थ क
े
पाठ या व भ योहार क
े
उ सव म। यां
ग जप, बना मे
कल टाइ मग क
े
कया जाता है
, अनु
नाद
म और कम, नरं
तर सले
ब स क
े
साथ होता है
। धा मक मु
खौटा नृ
य
ल ाख क
े
सां
क
ृ
तक जीवन का एक मह वपू
ण ह सा ह। हे
मस मठ ,
पा का एक मु
ख क है
बौ धम क परं
परा, सभी मु
ख ल ाखी
मठ क
े प म एक वा षक नकाबपोश नृ
य समारोह आयो जत करता
है
। नृ
य आम तौर पर अ छे
और बु
रे
क
े
बीच क लड़ाई क कहानी
सु
नाते
ह, जो पू
व क अं
तम जीत क
े
साथ समा त होती है
। बु
नाई पू
व
ल ाख म पारं
प रक जीवन का एक मह वपू
ण ह सा है
। म हला और
पु
ष दोन अलग-अलग करघे
पर बु
नाई करते
ह।