4. &ोत
• अ"भलेख
• मंिदर
• "स-
े : प/टंक
• सािह45क 6ंथ:
1. हेमाि8 का चतुव=ग="चंताम"ण
(@तख
ं ड)
2. "जनDभासुरी का नासककF
3. मेGतंग का Dबं ध"चंताम"ण
4. JानेKर का भगवतगीता
5. िवLनाथ का DतापGि8य
6. महानुभाव पं"थय: लीळाचOरP
• Dवासी िववरण
Hero stone (Virgal) inscription dated 1286 CE from the
rule of Yadava King Ramachandra in Kedareshvara
temple at Balligavi in Shimoga district, Karnataka state
5.
6.
7. Mahadeva (1261-1271),
Silver coin,
Obv: lion to left with fore leg raised;
Rev: Nagari legend Mahadeva followed by a
boar running to left
Singhana Deva II (1200-1247).
Silver, lion on obverse and
legend 'Sri Singha / na Deva' on
revers
8. उ*+,
• ययाित क
े पु< यदु से
• यदु वं श क
े कारण: यादव
• @भMम III: यादवनारायण
• हेमािN: चOवं शी
• PानेQर: यादव राजा रामचंN को चOवं शी
• राजकGय @चH: गIड़ (िवRु वाहन)
9. मूलिनवास
• Sारावतीपुरवरा@धQर एवं िवRुवं शोSभव
• हेमािN: द@;ण से पहले मथुरा एवं Sारका
• रजवाड़े: उDर भारत क
े मूलिनवासी
• भWारकर, वैY: महारा/0 क
े मराठा ;ि<य
• देसाई: कड़ देश
• अ^ेकर: मराठा, शासक बनने क
े बाद मथुरा क
े यदु वं श से संबं ध
• ११६९ म. यादव वं श का संcापक dढ़+हार Sारावती (क
ं िठयाँवाड) से द@;णापथ
(चंNािदhपुर)
10. !ारं+भक शासक
सुबा9 एवं ;ढ़!हार
• @तख
ं ड मQ सुबाR को यादवों का आिदपुGष
• सुबाR ने राV चार पुPों मQ िवभा"जत िकया
• इसमQ Xढ़Dहार को द"Zण का ZेP Dा[ Rआ
• परंतु यादवों क
े िकसी अ"भलेख मQ सुबाR का उ]ेख नही
• Xढ़Dहार Dथम ऐितहा"सक पुGष
• िव"धधतातीथ=कF: Xढ़Dहार ने लोगों को चोर-लुटेरों से बचाया (१,००,००० युa)
• हेमाि8: Xढ़Dहार को bीनगर का शासक
• राdeक
ू टों क
े सामंत
• अgेकर: राdeक
ू ट एवं Dितहारों क
े युa क
े पOरणामijप खानदेश ZेP पर आ"धप5
• Xढ़Dहार ने अनुमानतः ८६०-८८० तक राV िकया होगा
11. सेउणचA !थम
• dढ़+हार का पु<
• यादव वं श का शijशाली शासक
• सेउण क
े नाम पर स वं श को “सेउण राजवं श” भी कहते है।
• संगमनेर अ@भलेख: अपने नाम पर राm का नाम सेउणदेश रखा
• ना@सक से देविगरी का ;े<: सेउणदेश
• सेउणदेश: @सर, ना@सक
• क
ु छ अ@भलखो म. यादव वं श कG शूIवात dढ़+हार क
े cान पर सेउणचO से
• अ^ेकर: सेउणचO रा/0क
ू टों का सामं त होगा
• सेउणचO ने ८८०-९०० तक संभवतः राज िकया होगा
12.
13.
14. सेउणचA !थम क
े उ,रा+धकारी
• सेउणचO +थम क
े बाद ९०० से ९५० तक
1. धािडयs : वं श का दीप
2. @भMम +थम:
3. @tराज अथवा राज
4. ९५० म. बिuग राजा vआ : वह रा/0क
ू ट क
ृ R तृतीय का सामंत था
5. बिuग का पु< @भMम िSतीय राजा vआ : चालु: का सामंत (भोज को पराx
िकया)
6. वेसु या वेसुिग (@भMम िSतीय का पु<):
7. @भMम तृतीय: चालु: जय@संग I का सामंत (जय@संग I कG पु<ी से िववाह)
8. सेउणचO िSतीय: @भMम तृतीय का पु<
15. सेउणचA िEतीय
• @भMम तृतीय का पु< एवं उDरा@धकारी
• वं श का उyारकता=
• कzाणी क
े गृहयुy (सोमेQर II x िव{मािदh VI) = म. िव{मािदh का साथ
• िव{मािदh VI का सामंत
• ११९१ क
े गड़ग अ@भलेख म. सेउणचO िSतीय को वं शवृ; का +ार, सेउणचO िSतीय से
• सा|ाm ;े<: महारा/0 (अहमदनगर, ना@सक, खानदेश)
16. एरमदेव
• सेउणचO िSतीय का पु<
• िव{मािदh VI का सामं त
• १२२० आQी ता|प<: एरमदेव ने िव{मािदh VI को कzाणी क
े राज@संहासन
पर +िति~त िकया
• अ^ेकर: काल{म-१०८५ से ११०५
17. +भHम पंचम
• यादव वं श का महान शासक
• सा|ाmवादी नीित
• १० वष= युवराज
• राmारोहण वष= : ११८४/८५
• नए संवत का +वत=न
• कzाणी चालु: पतनअवcा
• उपा@ध: महाराजा@धराज, परमेQर, परमभारक
18. +भHम पंचम x चालुJ
• !भ#म पंचम क) मह+कां-ा बढ़ रही थी।
• क4ाणी का चालु8 वं श सामंतो क
े िव@ोह से परेशान था
• राजनीितक दुबDलता का फ़ायदा उठाते Iए !भ#म पंचम ने चालु8ों पर आLमण िकया
• चालु8 नरेश सोमेMर चतुथD से ११८९ क
े पूवD युR Iआ
• इस युR मT !भ#म पंचम ने चालु8 नरेश सोमेMर चतुथD को परा!जत िकया
• ११८९ क
े अिVिगरी अ!भलेख: कनाDटZीब#भ: कनाDटक का राजल[ी का िय
• परंतु: अ] सामं त जैसे
a) र_
b) !शलाहार
c) कद`
d) पांa
e) होयसल ने !भ#म पंचम क) अ!धसcा dीकार नही क)
19. +भHम पंचम कK !ारLMक युN उपलLOयाँ
• हेमािN क
े अनुसार @भMम पंचम ने
1. अंतल शासक से tीवध=न @लया : कोंकण बं दरगाह, अ^ेकर:नागपुर
2. +hंडक को परा@जत िकया: उ‚ानाबाद क
े परांडा
3. आमंगलवे/क क
े राजा िबMान कG हhा कG : शोलापुर
• शक संवत ११११ क
े मुDगे अ@भलेख:
1. मालवो क
े @लए @सरदद=
2. वरालों क
े @लए वƒ
3. क@लंगो क
े @लए @संह
4. गुज=रों, चोलों, गौडो एवं पाँचलो क
े हंस…पी शासकों क
े @लए मेघगज=न
5. अंग, वं ग, नेपाल क
े राजाओं क
े @लए काल क
े समान
• सूjमुjावली : @भMम पंचम को मM, मMुिग तथा ऐन शासकों को परा@जत
िकया (पहचान सं@ध‰)
20. +भHम पंचम x होयसल
• यादव क
े जैसे होयसल भी महŠकां;ी हो गए थे
• होयसल राजा बMाल िSतीय भी शijशाली था
• उसने यादव राm पर आ{मण िकया
• ११९२ म. होयसल राजा बMाल िSतीय ने यादव राजा
@भMम पंचम को युy म. परा@जत िकया
• ११९८ क
े बेलुर अ@भलेख: होयसल नरेश बMाल िSतीय ने
यादव राजा @भMम पंचम क
े @सर क
े रj से अपनी
तलवार को रं@जत िकया
• ११२४ क
े ह‹रहर अ@भलेख: सेउण राजा क
े २,००,०००
पदाती एवं १२,००० घुड़सवार को बMाल िSतीय ने हािन
पvँचायी
• मल+भा एवं क
ृ Rा नािदया दोनो वं शो कG सीमारेखा vयी।
21. +भHम पंचम का मूQांकन
• वं श का संcापक
• सा|ाm िनमा=ता
• यादव वं श कG cापना
• देविगरी नगर कG cापना
• @सर:अŒ राजधानी
• ;े<िवxार:
• कना=टक, महारा/0,
• (नम=दा से क
ृ Rा)
• िवशाल सेना:
22. जैतुिग
• !भ#म पंचम का पुe
• ११९३ मT राजा बना
• राg सीमा: काकतीय -ेe से लगी थी
• मनो!ल अ!भलेख: जैतुिग ने
1. गुजDरों
2. लाटों
3. पांaो
4. चोलों को परा!जत िकया
• जैतुिग क
े सेनापित ने
1. मालव
2. क!लंग
3. पंचाल
4. तुhi
5. नेपाल
23. जैतुिग x काकतीय
• यादव एवं काकतीय ;े< कG सीमा का टकराव
• जैतुिग ने काकतीय शासक महादेव पर आ{मण िकया
• इस युy म. काकतीय शासक महादेव मारा गया
• काकतीय शासक महादेव का पु< गणपित बŽी बनाया
गया
• काकतीय ;े< पर यादव अ@धसDा cािपत vयी
• आपसी तनाव को रोकने क
े @लए सं भवतः
• बाद म. गणपित को वारंगल क
े राज@संहासन पर िबठाया
गया
24. +संहण िEतीय
• जैतुिग का पु<
• @संहण िSतीय क
े काल म. यादव वं श क
े ग‹रमा म. अhा@धक वृ@y
• युवराज रहते+शासकGय अनुभव एवं सफल काकतीय आ{मण
• १२१० म. राजा बना
• अनेक युy म. सहभाग
25. +संहण िEतीय x होयसल
• होयसल यादवों क
े !लए ितjधk थे
• यादवों क
े जैसे होयसल भी द!-ण मT शlmशाली वं श बनक
े उभरा था
• १२११ क
े आसपास !संहण िoतीय ने होयसल पर आLमण िकया
• होयसल क
े अ] सामंत भी !संहण िoतीय से आ !मले
• !संहण िoतीय ने होयसलो क
े सामंत !सp पर आLमण िकया
• १२१२ मT !संहण िoतीय ओर होयसल क
े मr युR Iआ !जसमT होयसल परा!जत Iए
• १२१३ मT !संहण िoतीय, होयसल राजधानी oारसमु@ क) ओर गया
• होयसलो क
े सामंत !सp अब यादवों ले सामंत बन गए थे
• होयसलो क
े उcरी -ेe !संहण िoतीय ने अ!धनसत िकए
• १२१७ क
े गड़ग अ!भलेख: “होयसल uपी कमल क
े बगीचे को नv करनेवाला हाथी”
• होयसलो को परा!जत करने क
े बाद: शिनवार!स!R उपा!ध धारण क)
26. +संहण िEतीय x +शलाहार
• १२१६ म. कोापुर क
े @शलाहार पर आ{मण
• @शलाहार शासक भोज िSतीय कzाणी चालु:ों का सामंत
• २ वष‘ क
े युy क
े बाद @शलाहार शासक परा@जत vआ एवं
• पHाला िक़ले म. शरण ली
• “भोज …पी सप= क
े @लए गIड़”
• १२३२ क
े पुIषोDमपूरी ता|प<: @संहण िSतीय ने @शलाहार शासक को पHाला
िक़ले म. बं दी बनाकर रखा
27. +संहण िEतीय का उ,र भारत अ+भयान
• द@;ण म. icित मज़बूत कG
• मालवा क
े परमार एवं गुजरात क
े चालु:ों पर आ{मण
• सव=+थम लाट शासक (परमार सामं त) @संधुराज पर आ{मण
• १२२८क
े युy म. @संधुराज परा@जत vआ, यादव सेना भ…क• तक गयी
• क
ु छ समय बाद @संहण िSतीय ने पुनः लाट पर आ{मण िकया एवं वहा क
े शासक शं ख को
बं दी बनाया, बाद म. वह यादवों का अ@धनx vआ
• इसक
े बाद @संहण िSतीय ने गुजरात क
े वाघेलों से युy िकया जो दीघ=काल तक चला
• १२२९ म. @संहण िSतीय चालु: राm को परा@जत करने क
े उ–े— से पुनः आ{मण िकया
• इस युy म. चालु: शासक क
े पु< राम का युy म. मृhु vयी
• लेिकन २० वष‘ का +यास असफल ही रहा
• १२०६ क
े पाटन अ@भलेख: मथुरा एवं वाराणसी क
े शासक यादवों कG अ@धसDा ˜ीकार करते
थे
28. +संहण िEतीय x काकतीय
• काकतीय नरेश गणपित शijशाली हो गया था
• गणपित म. यादव ;े< पर आ{मण िकया
• १२३०-३१ म. काकतीय शासक गणपित ने देविगरी पर आ{मण िकया
• इस युy म. संभवतः @संहण िSतीय कG पराजय vई
• @संहण िSतीय को गणपित से सं @ध करनी पड़ी
• प‹रणाम˜…प बvत से धन-स™@D देनी पड़ी
31. क
ृ W
• @संहण िSतीय का पौ<
• १२४७ म. राजा बना
• क
ृ R ने अनेक युy िकए
1. मालवा क
े परमार
2. कलचुरी
3. कद¢
4. @शलाहार
5. पां£
6. चोल
32. क
ृ W का युN अ+भयान
१ मालवा: राजा बनते ही क
ृ H ने परमारो पर आJमण िकया
परमार शासक जयतुिगदेव को पराMजत कर मार डाला
११७२ क
े अMभलेख: “मालवRपी कामदेव क
े Mलए सपT”
२ मालवा क
े बाद क
ृ H ने गुजरात क
े बाघेलो क
े िवVW मोचाT खोला
बाघेल राजा िवसलदेव युW मX पराMजत Yआ
३ कलचुरी क
े पतन क
े बाद इन [ेों पर अराजकता थी
क
ृ H ने इस [े को यादवों क
े अधीन िकया
मनौली अMभलेख: “िपूर क` सेनाओं क
े Mलए िने”
४ दM[ण कोशल क
े राजाओं को हराया
५ पMdम मX कदe शासक षgदेव तृतीय को पराMजत िकया ( सेनापित बीचण)
६ कोंकण क
े Mशलाहार शासक को पराMजत िकया (सेनापित मi)
७ जटावमTन क
े नेतृ> मX पांj शklशाली हो गए थे, १२५२ मX जटावमTन ने यादव सामंत गणपित क
े िवVW
आJमण िकया, इसMलए यादव सेनापित मi ने पांj सेना पर आJमण िकया।इस युW मX पांj सेना क`
पराजय Yयी।
८ पुVषोoमपूरी ताpप: चोल शासक यादवों क` अMधसoा qीकार करते थे
33. क
ृ W का मूQांकन
• सा|ाm िवxारक
• क
ं धारपुर : राजधानी
• िवSान: सूjमुjावली žंथ कG
रचना
• िवSानो का संर;क: अमलानंद
ने वामती žंथ (िटका) @लखी,
• च{धर ने महानुभाव पंथ कG
cापना कG
• क
ृ R वैिदक धम=नुयायी था,
उसने अनेक वेिदक यPकाय=
िकए
• हxी िवYा म. पारंगत
34. महादेव
• क
ृ R का भाई
• १२६० म. राजा बना (१२५० से युवराज)
• साम‹रक एवं सािहihक गितिव@धयों का काल
• महादेव ने अनेक युyों म. भाग @लया
1. @शलाहार
2. काकतीय
3. गुजरात
4. मालवा
35. महादेव x +शलाहार
• @शलाहार राm ¤ापारी dि/कोण से
महŠपूण= था
• ;े<: ठाणा ,अलीबाग़, रािगरी,सूरत
का द@;णी ;े<
• महादेव ने @शलाहार शासक सोमेQर को
दो बार परा@जत िकया
• अंत म. महादेव ने @शलाहार राm
यादवों क
े राm म. जोड़ @लए
• वहा पर गवन=र िनयुj िकया गया
36. महादेव x काकतीय
• वारंगल म. इस समय गणपित कG पु<ी
INा¢ा शासन कर रही थी
• उसक
े िवIy आंत‹रक िवNोह होने से
यादवों क
े @लए राजनीितक अनुक
ू ल
प‹रicित थी
• महादेव ने काकतीयराm पर आ{मण
िकया एवं INा¢ा को परा@जत िकया
• इस युy म. INा¢ा ने महादेव ने बvत
हाथी, एवं पं चवाY +ा¦ िकए
• +तापच‹र< क
े अनुसार: INा¢ा ने
यादवों कG सेना का देविगरी तक पीछा
िकया एवं देविगरी म. INा¢ा ने
िवजयxंभ cािपत िकया
37. महादेव x होयसल
• महादेव ने होयसल पर आ{मण
िकया
• इस समय होयसल नरेश नर@संह
शijशाली था
• ११८६ क
े अ@भलेख म. महादेव को
“होयसलरायकोलाहल”
• संभवतः युy अिनणœत रहा हो
• दोनो प; िवजय कG चचा= करते है
38. महादेव का उ,र- प+Xमी भारत
• पैठन ता|प<:गुजरात का बाघेल शासक वीसलदेव को महादेव ने पराx िकया
• हेमािN: महादेव ने मालवा पर िवजय +ा¦ कG थी
• गौड़
• उ§ल
• कद¢
39. महादेव का मूQांकन
• अनेक युyों का िवजेता
• सा|ाm को बनाए रखा
• महान सािहhकार हेमािN +धान एवं सवा=@धकारी था
• उसने चतुव=ग=@चंताम@ण कG रचना कG
40. अYण (आमणदेव)
• महादेव का पु<
• CE 1270 म. राजा बना
• हेमािN कG राज+शxी म. अ¨ण का उMेख नही
• महादेव ने अ¨ण क
े cान पर अपने चचरे भाई रामचंN को राजा बनाना चाहता था
• अ¨ण िवला@सता ि+य शासक था
• नृh एवं संगीत +ेमी
• रामचंN ने युij से अ¨ण को बं दी बनाया एवं राज@संहासन पर अ@धकार कर @लया
• मिहंNा भ क
े लीलाच‹र<: रामचंN ने धोक
े से अ¨ण का वध िकया
• अ¨ण ने १ वष= तक शासन िकया
41. रामचं[ (रामदेव)
• अ¨ण को अपदc कर रामचंN १२७१-१२७२ म. देविगरी का राजा बना
• रामचंN ने कई युyों म. भाग @लया
1. मालवा
2. बघेल
3. होयसल
4. कलचुरी
5. काकतीय
6. वाराणसी क
े मुiŸम
42. रामचं[
१ मालवा: ठाणा अ!भलेख: “ मालवा क
े oीपों को बुझाने वाल तूफ़ान”
श॰संवत: ११९८ क
े उडzर अ!भलेख: मालवराज अजुDन क
े हा!थयों को नv करनेवाला !संह
२ बाघेल: ठाणा अ!भलेख- “गुजDरों क
े हा!थयों को नv करनेवाला !संह”
३ होयसल: १२७५ मT oारसमु@ क) सीमा पर होयसलो से युR Iआ, थम होयसलो को बढ़त !मली
लेिकन बाद मT यादवों ने बढ़त ली एवं युR मT !जत हा!सल क)। रामचं@ ने होयसल सेना अM एवं
संपती अ!जDत क)। युR िवजय क
े उपल} मT रामचं@ मT हzरनगर मT ल[ी-नारायण मिदर का
िनमाDण िकया।
४ पुhषोcमपूरी ता€पe: दहाल, भांडाग़र एवं ‚ालों क
े राजाओं को हराया एवं वƒाकर क
े शासक को
परा!जत िकया (रामचं@ क
े अ!भलेख लांजी एवं रामटेक से ा„ Iआ
a) दहाल: कलचुरी
b) भांडाग़र: भं डारा
c) ‚ालों क
े राजा: बालाघाट
d) वƒाकर: वैरागड
५ काकतीय : h@ा`ा क
े िवरोधी अ`देव क) सहायता क), लेिकन युR मT सफलता नही !मली
६ पुhषोcमपूरी ता€पe: वाराणसी से मुसलमानों को खदेड़ कर एक मिदर का िनमाDण िकया
43. रामचं[ x अHाउीन Lख़लजी
• १२९४ मQ अ]ाउqीन 4ख़लजी ने देविगरी पर आsमण िकया
• रामचं8 कt सेना उस वu द"Zण मQ थी
• इसी का फ़ायदा उठाते Rए अ]ाउqीन 4ख़लजी ने िनज=न राxे से देविगरी पRँचा
• यह रामचं8 क
े "लए अनपे"Zत था
• क
े वल ४००० सेना क
े साथ अ]ाउqीन 4ख़लजी क
े िवGa युa िकया
• इस युa मQ रामचं8 कt हार Rयी
• रामचं8 ने नव िनिम=त देविगरी क
े दुग= मQ शरण ली, "जसका Dाकार अपूण= था
• अ]ाउqीन 4ख़लजी ने देविगरी क
े दुग= मQ घेरा डाला, और रामचं8 कt रसद बं द कt
• अंत मQ रामचं8 ने अ]ाउqीन 4ख़लजी से सं"ध कर ली
• अ]ाउqीन 4ख़लजी ने बRत स|"}, अK, हाथी अ"ज=त िकए
• इसी समय रामचं8 का पुP शंकरदेव अ]ाउqीन 4ख़लजी से दुगनी सेना क
े साथ देविगरी आया
• अ]ाउqीन 4ख़लजी एवं शंकरदेव मQ युa Rआ
• संभवतः इस युa मQ शंकरदेव परा"जत Rआ
• रामचं8 अ]ाउqीन 4ख़लजी को कर देता एवं िन~ावान बना रहा।
• रामचं8 कt अंितम ित"थ १३११ कt है
44.
45.
46. शं करदेव
• रामचं@ क
े बाद १३११ मT राजा बना
• देशभm
• अ#ाउ‡ीन lख़लजी का िवरोधी
• अ#ाउ‡ीन lख़लजी क
े िवhR िव@ोह िकया
• म!लक काफ़
ू र ने शं करदेव को परा!जत िकया एवं मार डाला
• अ#ाउ‡ीन lख़लजी ने म!लक काफ़
ू र को देविगरी का शासक िनयुm िकया।
47. हरपाल देव
• १३५५ म. अMाउ–ीन iख़लजी क
े रोगžx हो जाने पर म@लक काफ़
ू र िदMी गया
• देविगरी का +शासन म@लक काफ़
ू र ने ऐन-उल-मु« क
े हाथ म. िदया
• बाद म. ऐन-उल-मु« भी क
ु छ सैŒ देविगरी छोड़ क
े िदMी चला गया
• इस प‹रicित का लाभ उठाते vए हरपालदेव ने ˜तं<ता घोिषत कG
• हरपालदेव ने दो सालों तक राज िकया
• १३१८ म. क
ु तुबु–्िहन ऐबक ने यादव राज पर आ{मण िकया एवं हरपालदेव को
मार िदया
• हरपालदेव क
े मृhु क
े साथ ही यादव वं श का अंत हो गया।