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4. वाकाटकों का उदय
• सातवाहन वं श क
े पतन क
े बाद
• म2-द34णी भारत म8 रा9
• द34ण :देश का मह;पूण=
राजवं श
• लगभग ३०० वषC तक शासन
• िवशेष सEत् का आरH नही
• गुJों क
े समकालीन
• :भावती गुJ का िववाह
LMसेन िNतीय क
े साथ
15. वाकाटकों का मूल िनवास /ान
अनु
A
मत (ान िववरण माP/अमाP
१ जायसवाल &
RSथ
झाँसी क
े ओरछा मY
“बागाट” [ाम क
े मूल
िनवासी
वाकाटकों का कोई
अ1भलेख उ_र भारत से
नही 1मला
Fवरसेन II का इंदोर
ताaप< संभवतः
खानदेश का होगा।
२ 1मराशी मeFदेश क
े बघेलख
ं ड क
े
नचना तथा गंज मY
hाiदेव क
े अ1भलेख
पृRkसेन ने मeFदेश क
े
बघेलख
ं ड का Fदेश नही
जीता था।
३ mnाo एवं वायु
पुराण:
िकलिकलों क
े बाद
िवंpqशRr राजा होगा
िवंpqशRr कK पहचान
वाकाटक Fथम राजा
िवंpqशRr से
४ 1मराशी अमरावती tूप मY
अ1भलेख मY वाकाटक
गृहपित का उuकह
आंw Fदेश यह वाकाटक
गृहपित बौy था।
19. अनु $ राजा अनु $ राजा
१ "#सेन 'थम १ सव+सेन
२ पृि0वसेन 'थम २ िवं2यसेन
३ "#सेन ि5तीय ३ 'वरसेन ि5तीय
४ 'भावती गु>ा (रानी) ४ सव+सेन ि5तीय
५ िदवाकरसेन ५ देवसेन
६ दामोदरसेन ('वरसेन ि5तीय) ६ हEरषGन
७ नरG# सेन
८ पृि0वसेन ि5तीय
नंिदवध'न शाखा व+गु. शाखा
20. िवंBशCD
• वाकाटक वं श का सव=:थम Qात राजा।
• वाकाटक वं श का संSापक
• सातवाहनों क
े सामंत
• पुराणों म8 वण=न
• अजं ता गुफा V १६ क
े अ3भलेख म8 “ िNज” कहा गया है।
• अजं ता गुफा V १६ क
े अ3भलेख म8 “वाकाटक वं श सेतु” कहा है।
• कालVम: २० साल (सं भवतः ईसवी २५०—२७०)
• अ`ेकर: िवंabशcd नाम िवं2 :देश म8 सeा का िवfार करक
े gआ
होगा।
• वाकाटक ताhपiों म8 वं शावली :वरसेन क
े नाम से तथा अजं ता
अ3भलेख म8 िवं2शcd क
े नाम क
े आगे कोई उपा3ध ना होने से
िवNान िवं2शcd को lतंi राजा नही मानते।
21. सा1ाE िवFार
• अजं ता गुफा V॰ १६ क
े अनुसार
1. अनेक युn क
े उपरांत िवं2शcd ने साhा9 िवfार िकया था।
2. इस लेख क
े अनुसार िवं2शcd ने अनेक युnों म8 िवजय :ाJ कp
थी (lबाgिवया=3जतसव=लोक)
3. ४ अrमेध यQ
4. िवं2शcd क
े पास शcdशाली सेना थी।
22. सा1ाE कG सीमाएँ
• कोई िन3sत :माण उपलt नही।
• अ`ेकर: िवं2शcd नाम क
े कारण िवं2 पव=त 4ेi तक
साhा9 कp सीमाएँ
• पुराण: वाकाटकों क
े साhा9 कp सीमाएँ िवं2 तक होगी
लेिकन यह उपलct िवं2शcd क
े पुi :वरसेन कp थी।
• िवं2शcd ने िवदभ= 4ेi तक साhा9 बढ़ाया होगा।
• 3मराशी: िवं2शcd का मूल द34ण भारत का होगा, इनकp
राजधानी चनका होगी, िवदभ= का :देश रा9 म8 3मलाया
होगा।
23. Kवरसेन Kथम
• िवं2शcd का पुi एवं वं श का :तापी राजा
• पुराणों म8 : :वीर
• कालVम: ६० साल (२७०-३३०)
• उपा3ध: सhाट,धम=महाराज
• यQ: चार अrमेध, सJ सोमयाग (अिyzोम, अ{िyzोम, उ|,
षोडशी, वाजपेय,अितराi,एवं आJोयाम=)
• साhा9 का चार िह~ों म8 िवभाजन
1. LMसेन (गौत3मपुi का पुi): नंिदवध=न, नागपुर
2. सव=सेन: व€गु, अकोला
3. 3मराशी: तीसरा पुi: उeरी क
ुं तल
4. 3मराशी: चौथा पुi: द34णी कोशल
24. सा1ाE िवFार: युMनीित
• युn क
े िन3sत :माण नही।
• पुराण: िविदशा, म2 :देश वाकाटक क
े अंतग=त था।
• 3मराशी: िविदशा क
े पास क
े पु‚रका को :वरसेन ने जीता एवं पु‚रका
को अपनी दूसरी राजधानी बनाया।
• 3मराशी: :वरसेन ने बघेलख
ं ड क
े नचना एवं गंज को जीता।
• संभवतः :वरसेन क
े काल म8 द34ण कोसल एवं आं„ का क
ु छ भाग
साhा9 म8 समािहत था।
• :वरसेन ने उeर क
ुं तल एवं महाराz† का द34ण 4ेi भी अपने
साhा9 म8 जोड़ा होगा।
• अ`ेकर: :वरसेन ने युn क
े पˆ‰ात चार अrमेध यQ िकए
25. सा1ाE िवFार : वैवािहक सOP
• :वरसेन ने साhा9 िवfार एवं सुर4ा क
े 3लए भार3शव वं श से
वैवािहक सŠ‹ :Sािपत िकए।
• भार3शव यह पŒपुर क
े :भावशाली नागों क
े वं श का राजा था।
• 9े पुi गौत3मपुi का िववाह भार3शव राजा भवनाग कp पुiी gआ।
• इस वैवािहक सŠ‹ से वाकाटकों कp cSित म8 वृ3n gई।
• नागों से संबं ध होने से वाकाटक क
ु ल कp :िता बढ़ गयी।
28. उपलCR
• वैिदक धम=नुयायी
• वैिदक धम= का उ‘ान
• :वरसेन ने अrमेध क
े साथ-साथ सJ सोमयाग = अिyzोम,
अ{िyzोम, उ|, षोडशी, वाजपेय,अितराi,एवं आJोयाम= यQ
िकए।
• पुराण: :वरसेन क
े वाजपेय यQ एवं दान कp fुित करता है।
• वा3शम ताhपi: उपा3ध: धम=महाराज एवं हरीितपुi
• उपा3ध: सhाट (वाकाटकों का एकमेव सhाट)
29. उSरा+धकारी/ शाखा
• पुराण: :वरसेन को चार पुi का उ’ेख
• :वरसेन ने िवशाल साhा9 को चार पुiों म8 िवभा3जत िकया।
• गौत3मपुi क
े पुi LMसेन ने नागपुर क
े पास नंिदवध=न शाखा (पूव=
िवदभ=)
• सव=सेन ने प3sम िवदभ= क
े वा3शम 3ज़ले म8 व€गु शाखा
• 3मराशी: तृतीय पुi ने उeरी क
ुं तल
• चतुथ= पुi ने द34ण कोसल
30. Branching of Vakataka dynasty
िवं[श]
Eवरसेन I
गौतमीपु/
Q9सेन I
नंदीवध_न शाखा नगरधन
सव_सेन
व`गुa
शाखा
वा&शम
III पु/
उbर क
ुं तल?
IV पु/
द"#ण कोसल
31. नंिदवध'न शाखा
!"सेन &थम
• :वरसेन I का पौi (गौत3मपुi का पुi)
• कालVम: ईसवी ३३०-३५ से ३५५
• समुMगुJ का समकालीन
• “भार3शव महाराज भवनाग दौिहi”
• समुMगुJ क
े :याग :शcf म8 आया=वत= क
े राजाओं म8 LMदेव का
संबं ध वाकाटक नरेश LMसेन से िकया जाता है।
• समुMगुJ क
े अ3भयान म8 संभवतः lतंi रहा होगा
• शैव धमा=नुयायी (महाभैरव भd)
• भार3शव महाराज का :भाव
• परवत• ताhपiों म8 भवनाग दौिहiका उ’ेख
32. सा1ाE िवFार
• अ`ेकर: भवनाग दौिहi क
े कारणवश मज़बूत cSित।
• संभवतः तीन शाखाओं (चाचा) से संर4ण
• नाग राजा भवनाग को कोई पुi ना होने क
े कारण वह रा9
LMसेन :थम को 3मला
• अ`ेकर: उ–ैन क
े शक, जो :वरसेन :थम क
े सामंत थे वह
lतंi हो गए थे।
33. !"सेन &थम एवं समु"गु. : गु.-वाकाटक स23
• LMसेन :थम एवं समुMगुJ समकालीन राजा
• LMसेन :थम एवं समुMगुJ क
े सं बं ध मैिiपूण= :तीत होते है।
• संभवतः समुMगुJ ने वाकाटकों से युn नही िकया
• वाकाटकों का भौगो3लक 4ेi िवfार
• शक-4iप क
े िवLn सहायता
• समुMगुJ क
े द34णापथ अ3भयान म8 वाकाटकों को 4ित gई होगी।
• वाकाटकों क
े साhा9 म8 कमी आयी होगी।
• पूव=वत• सामं त अब गुJों क
े सामं त gए होगे
• —ा˜राज (महाकांतर), द34ण कोसल आिद :देश संभवतः गुJों क
े
अधीन गए होंगे।
34. सा1ाE Qे3 िवFार
• :वरसेन :थम क
े
तुलना म8 साhा9 का
4ेi कम
• LMसेन :थम ने
समुMगुJ क
े िदc™जय
म8 अपना साव=भौम;
रखा
• 4ेi कp सुर4ा कp
• पूव• एवं उeरी िवदभ=
4ेi पर शासन
35. पृCVसेन Kथम
• LMसेन :थम का पुi
• कालVम: ईसवी ३५०-४००
• वाकाटक रा9 क
े १०० वष= पूण=
• वाकाटक लेखों म8 पृcšसेन :थम कp तुलना यु3धिzर से कp है
• युn क
े :माण नही
• साhा9 िवfार नही
• चंMगुJ िNतीय का समकालीन
• शैव धमा=नुयायी
• वैवािहक सŠ‹: LMसेन िNतीय + :भावती गुJ
36. सा1ाE िवFार
• उeर म8 गुJों कp साhा9िवfार कp नीित
• समुMगुJ क
े पˆ‰ात चंMगुJ िNतीय नया :देश साhा9 म8
सc›3लत कर रहे थे।
• पृcšसेन :थम ने द34ण भारत म8 2ान क
8 िMत िकया
• पृcšसेन :थम ने क
े वल साhा9 कp र4ा कp
• उसे बढ़ाया नही लेिकन कम भी नही िकया।
• पृcšसेन :थम ने राजधानी पु‚रका से नागपुर क
े पास नंिदवध=न म8
लायी
• उपा3ध: “क़
ुं तल8M”
40. पृCVसेन Kथम
• LMसेन :थम का पुi
• कालVम: ईसवी ३५०-४००
• वाकाटक रा9 क
े १०० वष= पूण=
• वाकाटक लेखों म8 पृcšसेन :थम कp तुलना यु3धिzर से कp है
• युn क
े :माण नही
• साhा9 िवfार नही
• चंMगुJ िNतीय का समकालीन
• शैव धमा=नुयायी
• वैवािहक सŠ‹: LMसेन िNतीय + :भावती गुJ
41. वैवािहक सOP
• चंMगुJ िNतीय कp पुiी का िववाह वाकाटकों क
े साथ gआ था।
• :भावती गुJ का िववाह पृcšसेन :थम क
े पुi LMसेन िNतीय क
े
साथ gआ।
• यह िववाह वाकाटकों का भारत कp राजनीित म8 :भाव 3सn करता
है।
• इस िववाह क
े साथ गुJों का वाकाटकों पर :भाव कp शूLवात gई
• वैव धम= का :भाव
42. क
ू टनीितक सOP
• पृcšसेन :थम ने उeर एवं द34ण भारतीय राजाओं से अžे
संबं ध रखे थे।
• वाकाटकों कp अŸ शाखा (व€गु) से भी पृcšसेन :थम
क
े सौहाद=पूण= सŠ‹ थे।
• वी॰सी॰पांडे: पृcšसेन :थम ने व€गु क
े नरेश िवं2सेन
को क
ुं तल 4ेi 3जतने म8 मदद कp।
43. X:सेन िYतीय
• पृcšसेन :थम का पुi
• कालVम: ईसवी ४००-४०५
• क
े वल ५ वषC का शासन
• :भावितगुJ का पित
• वैव धम=नुयायी
• मृ{ु समय दो पुi
1. िदवाकरसेन: ५ वष=
2. दामोदरसेन (:वरसेन िNतीय): २ वष=
• चंMगुJ िNतीय ने :भावितगुJ को राज-काज क
े 3लए मदत कp
• उसने क
ु छ िवrासपाi अ3धकारी :भावितगुJ क
े शासन म8 भेजे
44. Kभावितगु[
• अ वय¡ पुiों कp “सं र34का”
• कालVम: ईसवी ४०५-४२०
• पूना ताhपi, ‚रnपुर ताhपi (गुJ सEत् का :योग)
• का3लदास का आगमन एवं “मेघदुत” कp रचना
• वैव धम=नुयायी (रामिगरी lा3मन)
• 9े पुi िदवाकरसेन कp अ ावSा म8 मृ{ु
• दामोदर सेन (:वरसेन िNतीय) क
े 3संहासन पर बैठने तक संर34का।
• रामटेक म8 मंिदरो का िनमा=ण
• अनेक ताhपiों का :काशन
• गुJा ¢ा£ी 3लिप का उपयोग
50. Kवरसेन िYतीय (दामोदर सेन )
• LMसेन िNतीय का पुi
• :वरपुर नामक नए नगर कp Sापना
• कालVम: ईसवी ४२०-४५०
• राजधानी का Sलांतरण : नंिदवध=न से :वरपुर
• सवा=3धक ताhपiों का :काशन
• िवNान एवं िव¤ा:ेमी : सेतुबं ध का— कp रचना
• वैवािहक सŠ‹: पुi नर8Mसेन + क
ुं तल रा9 कp अc–तभ¥ा‚रका
• युn क
े :माण नही
• साhा9 िवfार नही
• शैव धम=नुयायी (परममाहेrर) तथा राम मंिदर क
े िनमा=ण एवं रामकथा
पर आधा‚रत सेतुबं ध का—
51. सा1ाE िवFार
• :वरसेन िNतीय ने अनेक Sलों से ताhपiों का
1. अमरावती
2. वधा=
3. नगरधन
4. बैतूल
5. 3छंदवाडा
6. भं डारा
7. बालाघाट
52. सा1ाE िवFार नीित: वैवािहक सOP
• गुJों क
े उeर भारत म8 :भावशाली क
े कारण द34ण भारत म8
2ान
• :वरसेन िNतीय क
े पुi नर8Mसेन का िववाह क
ुं तल नरेश कp पुiी
अ3जतभ¥ा‚रका से gआ था।
• अ`ेकर: क
ुं तल नरेश काक
ू Sवम=न था
53. Kवरसेन िYतीय का मूांकन
• उदार राजा
• किव एवं सिह{:ेमी
• :ाक
ृ त गाथा “गाथासJसित” का रचियता
• :ाक
ृ त का— “सेतुबं ध” का रचियता
• 3शव भd एवं सिहु
• Sाप{ िनमा=ता (:वरपुर म8 भ— राम मं िदर का िनमा=ता)
• सवा=3धक ताhपiों का :काशक
55. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर वाकाटक काल
56. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर वाकाटक काल
57. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर वाकाटक काल
58. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर वाकाटक काल
59. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर
वाकाटक काल
60. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर
वाकाटक काल
61. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर
वाकाटक काल
62. मनसर उ&खनन म: ;ा< ;वरपुर के =थाप&य अवशेष, रामटेक, नागपुर वाकाटक काल
63. नर]:सेन
• :वरसेन िNतीय का पुi
• कालVम: ईसवी ४५०-४७०
• उeर एवं पूव• 4ेi म8 आVमण
• बालाघाट ताhपi: कोसल, मेखला एवं मालवा क
े राजा नर8Mसेन
का आदेशों का पालन करते थे।
• यह 4ेi गुJ साhा9 क
े अधीन था।
64. सा1ाE िवFार
• नर8Mसेन क
े अंितम शासन काल म8 नल राजाओं का आVमण
• बfर क
े नल राजा भवदe वम=न ने वाकाटकों क
े 4ेi पर आVमण शूL
िकया
• भवदe वम=न ने वाकाटकों कp पुरानी राजधानी नंिदवध=न से भी
ताhपi जारी िकए
• भवदe वम=न का ‚रnपुर ताhपi से :काशन इस बात का :माण है।
• नर8Mसेन नलों पर आVमण िकया एवं नल राजा भवदe वम=न क
े
पˆ‰ात राजा अथ=पित को परा3जत िकया।
• नल राजा अथ=पित संभवतः युn म8 मारा गया
• नल राजधानी पु¦री को 3जत क
े नz िकया
• अ`ेकर: इस युn म8 कदŠ नरेश ने नर8Mसेन को मदद दी होगी।
65. पृCVसेन िYतीय
• नर8Mसेन का पुi (अ3जतभ¥ा‚रका)
• कालVम: ईसवी सन ४७०-४९०
• बालाघाट अ3भलेख म8 “िNमyवं श का उnारकता=” (दो बार
आप3e)
• पृcšसेन ने िवदभ= 4ेi म8 रा9 cSर रखते gए साhा9
िवfार िकया।
• मातृ:भाव म8 नर8Mसेन क
े वं श वृ4 म8 “कदŠ-वं श” का उ’ेख
• परमभागवत
67. िवंBशCD और +_गु[
1. िवं2शcd (२५०-२७०)
2. 3ªगुJ (275-300 CE)
3. संSापक
4. सामंत
5. मह;कां4ी
6. लगभग एक ही समय पर रा9 Sापना
7. छोटे से रा9 का कालांतर म8 िवशाल साhा9
69. X:सेन Kथम और समु:गु[
• समुMगुJ = महा पराVमी
• समुMगुJ (335-350 to 375)
• LMसेन :थम (330-35 to 355 CE)
• वाकाटक रा9 छोड़क
े द34णापथ िवजय
• नागों को हराया
• LMसेन =LMदेव से तुलना
• LMसेन :थम= lतंi शासक
70. पृCVसेन Kथम और चं:गु[ िYतीय
• चंMगुJ िNतीय ने नागों से मैिiपूण= सŠ‹ बनाए
• चंMगुJ िNतीय ने क
ु बेरनागा से िववाह िकया
• पृcšसेन :थम क
े नाना भार3शव नाग थे।
• नाग वं श सŠ‹ दोनो क
ु लों क
े 3लए सहायक 3सn gए।
• चंMगुJ िNतीय कp क
ु बेरनागा से उ«¬ पुiी :भावती का िववाह
पृcšसेन :थम क
े पुi LMसेन िNतीय से gआ।
• इस घटना से दोनो वं श क
े सं बं ध ढ़ gए।
• LMसेन कp मृ{ु पˆ‰ात गुJों का वाकाटक शासन पर :भाव
71. &वरसेन ि6तीय एवं नर:"सेन
और
क
ु मारगु. &थम एवं <
ं दगु.
• !वरसेन ि(तीय: 420-450 CE
• नर,-सेन: 450-470 CE
• क
ु मारगु3: 413-415 to 455 CE
• 4
ं दगु3 : 455-467 CE
!वरसेन ि(तीय एवं क
ु मारगु3 !थम म, मैि:पूण> स?@ रहे होंगे।
• नर,-सेन ने गु3 वं श पर पुEFम: एवं शकों क
े आHमण का फ़ायदा
उठाया ।
• नर,-सेन ने मL !देश क
े मालवा, मेखल और कोसल Pे: अपने
साRाS म, िकए।
• यह Pे: गु3ों क
े अधीन था।
• इससे नर,-सेन का !भाव !दFश>त होता है।
• बाद म, 4
ं दगु3 ने यह Pे: पुनः िवFज़त िकया।