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Sem. VI (B.A.III)
Paper c-601
Ancient Indian Polity and
Administrations
Unit IV SR.NO. 10
1
!ाचीन भारतीय सै, !ब. एवं
यु3 4वहार
Ancient Indian Military
Administration
and
Ethics of War
2
3
!6ावना
• !ाचीन काल से ही भारत म/ सुसंगिठत, यु6 कला म/ िनपुण !9श9;त
सेना थी।
• रा> क
े सात अंगो मे सेना का महA अ9धक है।
• मनु कहते है “यु6 म/ रत रहना ही शांित का सवEFम मागG है”।
• सेना क
े िनयम एवं क़ानून सदैव रा> क
े आदशM एवं 9स6ांतो से
पNरवितGत और !भािवत होते है।
• कामPक कहते है िक बलशाली सेना रहने से रा> कR सीमाएँ बढती
है, राजकोष मे वृ96 होती है और रा> क
े उYेशों कR शीZ !ा[ होती
है।
• मानवी सं]
ृ ित क
े िवकास म/ यु6 एक !मुख कारक रहा है।
• !ाचीन भारत क
े सै_ और यु6नीित क
े ऊaेख महाकाbों,
अथGशाc, शुdनीित, जैन-बौ6 fंथो, यवन fंथो, अ9भलेखों,
9शलालेखों म/ !ा होते है। 4
सै, बल/!कार
• कौिटh क
े अनुसार सेना छ: !कार कR होती है
1. मौल
2. भृj या भृतक
3. kेणी
4. 9मl
5. अ9मl
6. आटिवक
• सभापवG ने ४ सै_ बल क
े !कार (kेणी, अ9मl को छोड़कर)
• यु6काo ने सै_ बल क
े ५ !कार (kेणी को छोड़कर)
5
मौल
• मौल दल वं शपरqरानुगत होता था।
• मौल दल rायी सेना होती थी।
• कौिटh ने मौल दल को महAपूणG मना है sोंिक यह राजा tारा
!ितपा9लत होती है।
• मौल दल क
े सैिनक िनj सैिनकR अuास एवं bायाम करते
रहते थे।
6
भृ< या भृतक
• भृj दल और kेणी दल को एक दूसरे क
े समान कहा गया
है।
• यह सेना वेतन भोगी होती थी।
• आपातकालीन [rित म/ सैिनकों कR भतv कर यह सेना तैयार
कR जाती थी।
• भृj दल का उaेख वलभी क
े राजा wुवसेन !थम क
े
9शलालेख मे आया है।
7
=ेणी
• bापारी अपने सामनों कR सुर;ा क
े 9लए kेणी बल रखते थे।
• कौिटh kेणी बल को सुbव[rत सैिनकों का दल मानते है।
• kेणी बल और भृj बल को एक दूसरे क
े समान कहा गया है।
• समय पड़ने पर राजा kेणी बल को बुलाते थे।
• kेणी दल का उaेख वलभी क
े रजा wुवसेन !थम क
े 9शलालेख मे
आया है।
8
@मA
• 9मl सेना सामंतो कR सेना होती थी।
• यु6 काल मे इनकR उप[rित अिनवायG होती थी।
• आवyकता क
े अनुसार राजा 9मl/ सामंतो कR सेना को
बुला सकता था।
9
अ@मA
• अ9मl सेना मे िव9जत देश क
े सैिनक रहते थे।
• यह सैिनक दास क
े zप मे सेना म/ भतv होते थे।
• कौिटh कहते है कR िकसी अ{े सेनापित कR अ|;ता म/ अ9मl
सेना और क
ु शल होती है।
• कौिटh क
े अनुसार अ9मl सेना क
े सैिनक डाका डालने मे मािहर
रहते थे।
10
आटिवक
• यह जं गली (जाती /आिदवासी) कR सेना होती थी।
• मानसोaास क
े अनुसार आटिवक सेना म/ ~े{, िनषाद और
पहाड़ी लोग होते थे।
• कामPक क
े अनुसार आटिवक सेना म/ भावत: लोभी,
अधािमGक, अनायG लोग रहते थे।
• कौिटh क
े अनुसार आटिवक सेना ड़ाक
े जनी करने मे आतुर रहती
थी।
11
सेना क
े भाग
• !मुखता: से सेना क
े चार भाग होते है (चतुरंिगणी)।
• ह€ी (Elephants), अ (Cavalry), रथ (Chariots) और
पदाित सेना (Infantry)को चतुरंिगणी सेना कहते है।
• कामPक, सेना क
े छः अंग मानते है ह€ी, अ,रथ और पदाित
क
े अितNरƒ (कोष और आवागमन)।
• शांितपवG मे सेना क
े आठ अंग बताए है ह€ी, अ, रथ और
पदाित क
े अलावा िवि„ (बेगार), नाव, चर और दे9शक।
12
सेना का एितहा@सक सवGHण
• सामा_त: !ाचीन भारतीय भारतीय सेना चतुरंिगणी थी।
• वैिदक काल म/ rायी सेना का उaेख नही 9मलता, लेिकन पFी (पैदल
सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना/Cavelry) का उaेख 9मलता है।
• उFर वैिदक काल म/, पFी (पैदल सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना) क
े
अलावा अ और हा9थयों क
े दल का उaेख 9मलता है।
• महाभारत म/ चतुरंिगणी सेना क
े उaेख !ा होते है।
• मौयG काल म/ चतुरंिगणी सेना थी।
• 9सक
ं दर क
े समय मालव तथा शु…क क
े सेना क
े अ, ह[€, रथ एवं
गज यह चार अंग थे।
• चेिद राजा खारवेल हाथीगु†फा अ9भलेख म/ अ, ह[€, रथ एवं गज
कR िवशाल सेना से सातकणv क
े िवˆ6 आdमण का उaेख करता है।
13
गजसेना/ ह6सेना Elephants
• !ाचीन सै_ bवrा म/ गजसेना का उपयोग महAपूणG था।
• यु6 म/, िक़लेबं दी तोड़ने म/, निदयों को पार करने म/, नगरों-दुगG को
घेरा डालने म/ हाथी उपयोगी थे।
• गज को यु6 क
े 9लए !9श9;त िकया जाता था।
• !ाचीन िव म/ क
े वल भारत म/ ही हा9थयों का उपयोग यु6 म/ िकया
जाता था।
• कौिटh और कामPक ने यु6 क
े 9लए हा9थयों का उपयोग महAपूणG
माना है।
• चं…गु कR सेhूकस पर िवजय का मुŠ कारण गजसेना थी।
• अ!9श9;त हाथी यु6 म/ पराजय का कारण भी हो सकता है।
• भारत म/ गजसेना का उपयोग अंfेज आने तक होता था।
14
15
गजसेना
अJसेना Cavalry
• अ"सेना यु) म+ अ,ंत उपयोगी होती थी।
• 7सक
ं दर क
े िवजय का मु> कारण उसक@ अ"सेना थी।
• अ"सेना A
ू ितC और तेज होने से यु) म+ अित
आवFक 7स) होती थी।
• अ"सेना क
े बHउपयोग क
े कारण Iाचीन भारत म+
अ"िवLा पढ़ायी जाती थी।
• कNोज और गांधार क
े अ" यु) क
े 7लए उपयोगी थे।
16
17
अ"वसेना
रथसेना Chariots
• Iाचीन सैS TवUा म+ रथसेना को सवVW Uान था।
• यु) म+ Iयोग आने वाले रथ को “सांXा7मक” कहा जाता
था।
• 7सक
ं दर क
े साथ यु) म+ पोरस क@ रथसेना सYZ7लत Hई
थी।
• चंगु] क@ सेना म+ ८००० रथ थे।
• उ`रवतa युग म+ रथसेना का उपयोग कम हो गया.
• अbेकर क
े अनुसार हषC क
े समय तक रथसेना Iायः
समा] हो चुक@ थी।
18
19
रथसेना
पदाित सेना Infantry
• पदाित सेना हर यु6 म/ महAपूणG रहती थी।
• सेना कR !थम इकाई पदाित सेना होती थी।
• सेनाओं म/ सबसे अ9धक सैिनकों कR संŠा इी कR होती थी।
• पदाित सेना !मुखता: से चार शcों का उपयोग करते थे।
1. खड़ग
2. धनुष-बाण
3. भाला
4. करवाल
20
21
पदा,त सेना
नौसेना Navy
• नौसेना !ाचीन काल से ही सेना का महAपूणG अंग रही है।
• वैिदक सािहj और महाभारत म/ नौसेना का उaेख है।
• चं…गु मौयG क
े सेना म/ नौसेिनक बल था।
• मेगrनीज़ भी मौयG सेना क
े नौसेिनक बल का उaेख करता है।
• सातवाहन काल म/ भारत का रोम क
े साथ स भारतीय नावों कR
!गत अवrा का उदाहरण है।
• चोल राजवं श कR नौसेना अjंत !गत थी, 9जसक
े बल पर त‘ालीन
युग म/ सqूणG द9;ण-पूवG आ9शया ख
ं ड पर चोलों का !भाव था।
• भारत क
े समु…तटीय ;ेl क
े रा> कR सेना म/ नौसेना !मुख थी।
22
Ship on Satavahana coin 23
सै, संNा
• !ाचीन भारतीय राज़ा िवशाल सेना रखते थे।
• रामायण मे व9णGत है कR लवणासुर से यु6 करने क
े 9लए शlु’ ४०००
घोड़ों, २००० रथों,१०० हाथी लेक
े गये थे।
• fीक लेखकों क
े अनुसार नंद सा–ा> क
े पास २,००,००० पदाित,
३०,००० घुड़सवार, ९००० हाथी और ८००० रथ थे।
• मेगrनीज़ ने 9लखा है िक चं…गु क
े पास ६,००,००० पदाित, ३०००
अ, ९००० हाथी थे।
• पाल रा> क
े िवˆ6 आdमण क
े समय राजा हषG क
े पास ५००० हाथी,
२००० घोड़े और ५०००० पदाित थे।
24
सै, संयोजन
• शु)नीितसार क
े अनुसार सै1 संयोजन म6 :
1. ५-६ स6िनको क9 एक पं<=: उसपे प?@य अ?धकारी
2. ३० प?@पालों पर एक ग़ो?मF होता था।
3. १०० गौ?मFो पर एक शतानीक होता था। ?जसे एक अनुशितक,एक सेनानी और एक लेखक सहायता
क
े ?लए ?मलते थे।
4. २० हा?थयों या घोड़ों क
े Qामी को नायक कहा जाता था।
5. इनमे से STेक अ?धकारी अपना-अपना िबVा वXों पर लगाए रखते थे।
मेगYनीज़ मौय[ सै1 संयोजन क
े बारे म6 कहते है िक
एक Sशासक संYा सैिनक काय क9 देखभाल करती थी, ?जसम6 ६ भाग थे एवं हर भाग म6 ५ सद_ थे।
1. नौसेना
2. दूसरा भाग बैलगािड़यों का था, जो भोजनसामaी और अ1 सामान ढोने क
े ?लए
3. पैदल सेना
4. घुड़सवार
5. रथ
6. हाथी
25
अ"ोिहणी सेना का -.प
• उ"ोगपव' क
े अनुसार अ0ोिहणी सेना का 56प
• एक सेना मे
1. ५०० हाथी
2. ५०० रथ
3. १५०० घोड़?
4. २५०० पैदल सैिनक
१० सेनाओं कF १ Gूतना
१० Gूतनाओ कF १ वािहनी
१० वािहिनयों कF १ KLजनी
१० KLजनीओं कF १ चमू
और
१० चमुओ कF १ अ0ोिहणी
महाभारत क
े युc समय कौरवों क
े पास ११ तथा पाdवो क
े पास ७ अfोिहणी सेना थी।
26
सै, -@शिवर
• सेनाओं क
े ठहरने िक जगह को सै_ -9शिवर कहते थे।
• सै_ -9शिवर को उपकायाG,सेनािनवेश,कटक भी कहते है।
• सै_ -9शिवर ऊ
ँ चे rान पर बनाए जाते थे।
• सै_ -9शिवर क
े पास जल कR उपल›ता होनी चािहए।
• सै_ -9शिवर क
े पास जं गल भी उ9चत माना गया है।
• सै_ -9शिवर क
े सुर;ा का योœ !बं ध िकया जाता था।
• िवना-अनुमित पl क
े सै_ -9शिवर क
े अंदर !वेश नही था।
27
सेना क
े 4ावहाQरक िनयम
• शुd क
े अनुसार
1. सैिनकों को fाम ब€ी क
े दूर (िक
ं तु बत दूर नही) रहना चािहए।
2. fामवासीयो और सैिनकों म/ धन क
े लेन –देन नही होना चािहए।
3. सैिनकों िक 9लए राजा ने तंl दुकाने खोल क
े देनी चािहए।
4. राजा क
े अनुमित िबना सैिनक fामों क
े भीतर ना जाए।
28
सेना क
े सहायक अंग
• सेना जब यु6 पर हो तो िविवध साधनो और सहायक अंगो कR
आवyकता होती थी।
• से_-सामfी,रसद, शc ढोने क
े 9लए भारवाहक
• गुचर सहायक
• सामान ढोने क
े 9लए वाहन
• bय का िहसाब क
े 9लए 9लिपक और मंlी कायाGलय
• 9चिक€क दल और उनक
े साधन
• इं9जनीयर (रा€ों-पुल दुˆ€ करने क
े 9लए)
• सैिनकों का मनोरंजन करने क
े 9लए नतGक, वादक, वैyाय/, भांड़
इयािद।
29
सेना क
े अ@धकारी
• सेना को अनुशा9सत तथा िनयंlण म/ रखने क
े 9लए सेना म/ िविवध
अ9धकारी होते थे।
• राजा तः सवEž सेनापित होता था।
• राजा !धान सेनापित िनयुƒ करता था।
• ऋगवैिदक काल म/ सेनानी का उaेख 9मलता है।
• उFर वैिदक काल म/ सेनानी !धान सेनापित क
े zप म/ कायG करता
था।
• रामायण तथा महाभारत म/ सेना क
े िविवध अंगो एवं उनक
े !मुखों कR
चचाG कR गयी है।
• कौिटh अपने अथGशाc म/ १८ तीथM और २७ अ|; का उaेख
करता है।
30
मौयS काल मT सेना क
े अ@धकारी
• मौय' काल म? Gधान सेनापित क
े अितSरT िवLभV सेW िवभागों क
े Lलए अलग-
अलग अLधकारी थे।
• पतधX: पैदल सेना का सेनापित
• रथाLधपती: रथसेना का सेनापित
• अYाZ0: अYसेना का सेनापित
• गजाधX: गजसेना का सेनापित
• नवाZ0: नौसेना का सेनापित
इसक
े साथ साथ
नायक (यु काल म? सेना का सं चालन)
दुग'पाल (सा]ा^ क
े दुग_ कF सुर0ा)
दौवाSरक (राजा क
े अंत:पुर कF र0ा)
अ`वLश'क (राजा का अंगर0क) इनक
े उbेख Gाd होते है।
31
गुUकाल मT सेना क
े अ@धकारी
• महाबला9धक
ृ त: (राजा क
े बाद सेना का सवEž
अ9धकारी)
• महािपलुपित: (हा9थयों कR सेना का !धान)
• भटापित: (घुड़सवार कR सेना का !धान)
• रणभंडागाNरक : (सेना क
े सामनो कR bवrा
करनेवाला)
• महासं9धिवfहक़ :शांित तथा यु6 सं9ध का मंlी।
32
सेना क
े सफलता क
े त3
• सेनाओं को यु म? सफलता Gाd हो इसक
े Lलए Gाचीन fंथो मे िवLभV तg
बताए है।
1. मंi: कौिटk और कामlक यु म? वीरता क
े साथ मं i आवnक बताए है।
• 1A) काय' को Gारo करने क
े उपाय
• 1B) पु6ष और qr कF सsLt
• 1C) देश-काल िवभाग
• 1D) िवuित-Gितकार
• 1E) काय'LसL
2. क़ोष: क़ोष कF गणना रा^ क
े सात अंगो म? होती है। यु करक
े क़ोष सं fिहत
िकया जाता था।
3. िविw: xLमक, Lशyी, वाहक, Lचिकzक साथ म? रहने चािहये।
4. सैW-बल: मौल ,भृ| या भृतक, xेणी ,Lमi ,अLमi, आटिवक
33
सैिनकV योWताएँ
• ;lीय का यु6 धमG माना गया है।
• महाभारत क
े अनुसार सभी वणG क
े लोग सैिनक हो सकते है।
• शुd क
े अनुसार भी सभी वणG क
े लोग सैिनक हो सकते है, िक
ं तु वह
साहसी, िनयंिlत, शरीर से सुगिठत, िवासपाl, धािमGक और
शlुदोही होने चािहए।
• शांितपवG मे कहा गया है िक गांधार, 9संधु, यवन और द9;णी सैिनक
अ{े होते है sोंिक वह साहसी होते है।
34
यु#
$वहार
35
यु3नीित
• यु6 यह राजनीित का अ9भ¡ अंग है।
• !बल/िवज़ीिगषु राजा िनj यु6रत रहते थे।
• शlुओं का िवनाश करने क
े 9लए यु6 महAपूणG उपाय है।
• चूँ िक यु6 िवनाशकारी होता है, इसी9लए शा[¢ कR अपे;ा भी कR
जाती थी।
• कौिटh, मनु और कामPक क
े अनुसार राजा साम, दाम, दo
और भेद कR नीित से शlु को 9जतने का य£ करे।
• यु6 से दोनो प;ों का िवनाश होता है, इसी9लए अिनवायG पNर[rित
म/ ही यु6 िकया जाना चािहए, लेिकन यु6 धमG क
े अनुक
ू ल होना
चािहए।
36
यु3 क
े कारण
1. सा]ा^ िव}ार
2. यश कF Gा~d
3. Lमi कF सहायता करने क
े Lलए
4. धािम'क िया –कलाप क
े Lलए।
5. धम' कF र0ा
6. €ी Gा~d कF अLभलाषा
7. ~€यों क
े सान क
े Lलए
8. धन/क़ोष Gा~d क
े Lलए।
9. आमण से सुर0ा
10. Gितशोध कF भावना से
11. अ|ाचार से र0ा करने क
े Lलए
12. इ|ािद
37
यु3 क
े भेद
• सामा_त: दो !कार क
े यु6 क
े उaेख है।
1. धमGयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन िकया
जाता है।
2. क
ू टयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन नही
िकया जाता है।
कौिटh ने तीन !कार क
े यु6 का उaेख िकया है
1. !काशयु6
2. क
ू टयु6
3. तूषनीकयु6
38
!काशयु3
• !काशयु6 को धमGयु6 भी कहते है।
• आमने-सामने का यु6 !काशयु6 कहलाता है।
• देश,काल और पराdम का िवचार करक
े , यह यु6 िकया जाता है।
• !काशयु6 म/ एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से यु6 करता
है।
• एक क
े साथ एक यु6 होता है।
• अनेक यो6ा 9मलकर एक पर वार नही करते।
• !काशयु6 म/ यु6 िनयमो को पालन िकया जाता है।
39
क
ू टयु3
• छल और कपट से िकए गए यु) को क
ू टयु) कहते है।
• क
ू टयु) म+ धमCशाhो क
े िनयमो का पालन नही िकया जाता।
• कौिटj क
े अनुसार छल –कपट kारा भय उlmन करना,
दुगC को nं स करना क
ू टयु) है।
• अिoदाह,लूटमार,मारकाट, चोरी, िनश:h पर वार इ,ािद
क
ू टयु)क
े अंतगCत है।
40
तूषनीकयु3
• तूषनीकयु6 भी एक !कार का क
ू टयु6 है।
• तूषनीकयु6 म/ शlु प; क
े नेता, सेनापित और मंिlयो को
फोड़ने का !यास िकया जाता है।
• तूषनीकयु6 म/ गु zप से िवष tारा शlु का वध िकया जाता
है।
• कौिटh कहते है कR जब शlु बलवान हो तब तूषनीकयु6 का
उपयोग करना चािहए।
41
यु3 का उ@चत ान और समय
• यु6 क
े 9लए उ9चत देश (rान) और काल (समय) हमेशा से
महAपूणG रही है।
1. देश (rान): यु6 क
े 9लए पयाG अ-क
ृ षक जगह चािहए, जहाँ
सै_ यु6 अuास कर सक
े । उस ;ेl म/ शlु प; को भी पयाG
जगह होनी चािहए। जो जगह शlु क
े 9लए उ9चत उसे अधम कहा
गया है।(शुdनीित)
1. काल (समय): यु6 क
े 9लए शरद, हेमं ¢ और 9श9शर ऋतु योœ
माने गये है। वस¢ ऋतु का समय म|म और fी¤ का समय
अधम माना गया है।
42
यु3 िनयम
• कपटपूणG या गु आयुधों क
े साथ नही लड़ना चािहये (मनु)।
• िवषाƒ, शूलाf या जलती ई नोको वाले आयुधों से नही लड़ना
चािहये।
• िवषाƒ बाणों का !योग िनिष6 माना गया है (बौधायनसूl)।
• पानी पीते ए सैिनकों को नही मारना चािहये।
• खाना खाते ए या जूता िनकालते ए सैिनक पर वार नही करना
चािहये।
• cी, हथनी, सारथी, ¥ा¦ंण, भाट को नही मारना चािहये।
• बूढ़े और 9जसने मुँह म/ ितनका ले र¨ा है उसे नही मारना चािहए
(शांितपवG)।
• गदायु6 का िनयम था िक ना9भ क
े नीचे ना मारे।
• शांितपवG म/ कहा गया है कR, शlु प; क
े घायल सैिनकों कR
देखभाल करनी चािहये और ठीक होने पर उसे छोड़ िदया जाए।43
यु3 4वहार क
े !मुख िनयम
1. आdमण क
े अयोœ तथा अव| b[ƒ
2. शरणागत कR र;ा
3. दूत कR अव|ता
4. जनता कR र;ा
5. यो6ाओं म/ समानता
6. यु6 समय का पालन
7. िव9ज़त शlु क
े !ित उ9चत bवहार
8. यु6 िनयमो का पालन
44
आ5मण क
े अयो8 तथा अव; <=>
• [cयों, बालकों, !मFो और सोए ए b[ƒयों पर वार करना
सवGथा िनिष6 था।
• मनु क
े अनुसार नपुं सक, आ©समपGण करने वाला, सोया आ,
मू9छGत, नª, हाथ जोड़े ए b[ƒ, शcरिहत, यु6 देखने वाले
b[ƒ, अj9धक पीिड़त, घायल, यु6 ;ेl से भागता आ इjािद
पर वार नही करना चािहए।
• यु6 म/ [cयाँ और बालक अव| समझे जाते थे।
• दूत अव| होते थे।
45
शरणागत कV रHा
• यु6 म/ शरणागत कR र;ा करना धमG समझा गया है।
• जो शlु शरण म/ आए उसकR र;ा करना राजा का कतGb है।
• शरणागत का वध करना, द[oत करना महापाप माना गया है।
46
दूत कV अव_ता
• दूत कR अव|ता सभी राजनीितकरों ने मानी है।
• दूत का वध िनिष6 था।
• अि!य और अनु9चत बोलने पर भी दूत का वध नही िकया जाता
था।
• अ9धक उY¬ता करने पर भी उसका वध नही िकया जाता था ब[­
िवzप िकया जाता सकता था।
47
जनता कV रHा
• यु6 क
े समय सामा_ जनता पर !हार अनु9चत माना गया है।
• क
ृ षक, bापाNरयों पर वार अधमG कहा गया है।
• यु6 !याण करने वाली सेना भी क
ृ िष फ़सलो को कोई नुक़सान नही
करती थी।
• मेगrनीज़ ने 9लखा है कR यु6ों क
े समय म/ भी िकसान क
ृ िष करते थे
और सामा_ जीवन पर को हानी नही पँचती थी।
48
यो3ाओं मT समानता
• यो6ाओ म/ शƒी साध¯G, संतुलन और समानता होना महAपूणG
माना गया है।
• एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से ही यु6 करना चािहए ये
िनयम था।
• शुd कहते है कR गजारोही क
े साथ गजारोही, अारोही क
े साथ
अारोही और पदाित क
े साथ पदाित का यु6 होना चािहए।
• सशc क
े साथ सशc ने यु6 करना उ9चत माना गया है।
• अनेक सैिनकों tारा एक पर !हार करना िनंदनीय समझा जाता था।
49
यु3 समय का पालन
• !ाचीन भारत म/ यु6 िदन क
े !काश म/ लड़ने कR परqरा थी।
• सूयाG€ होने पर यु6 करना व9जGत था।
• रािl का यु6 रा;सी तथा अनु9चत समझा जाता था।
• लेिकन रािl यु6 क
े अनेक उदाहरण भारतीय इितहास म/ !ा होते
है।
50
िव@ज़त शAु क
े !ित उ@चत 4वहार
• Gाचीन भारतीय परsरा क
े अनुसार िवLज़त शiु क
े Gित उLचत rवहार करना धम'
माना गया है।
• कोई भी पराLजत राजा 0मा और स„नता क
े rवहार का अLधकारी है।
• मनु का मत है कF िवजीत राजा को ऐसा काय' नही करना चािहए Lजससे पराLजत
राजा और Gजा को वेदना हो।
• 0मा माँगने वाले या अधीनता 5ीकार करने वाले राजा को आदर क
े साथ रा^
वापस िकया जाता था Lजसक
े उदाहरण हम? समुqगुd क
े Gयाग Gश~} म? Lमलते
है।
51
िन#ष%
• Gाचीन काल म? भारत, सैW सं गठन, यु नीित, rूह रचना, रणनीित, सैW
तकनीक इ|ािद म? Gितभावान था।
• मौय' काल म? चतुरंिगणी सेना थी।
• गुdकाल म? रा^ कF सं गिठत सेना क
े साथ-साथ सामं ती सेना भी काम म? आने
लगी थी।
• आर~oक मZकाल म? सैW Gणाली लगभग Gाचीन पित पर ही सं गिठत थी।
• मZकालीन भारत (तुकˆ िक आमण) क
े समय भारतीय सेना (xे‰ घुड़सवार,
क
ु शल युकला, Gगत हLथयार इ|ािद) कमजोर Gतीत होती है।
• Gाचीन भारत म? युों म? िवशेष िनयमो, आचरणों और rवहारों का पालन िकए
जाने पर बल िदया जाता था।
• यु करने वाले दोनो प0ों से यह आशा कF जाती कF वे यु िनयमों का पालन करे।
• Gाचीन भारतीय यु क
े िनयम बड़े उदाt Gतीत होते है, शायद वह माने भी जाते रहे
हो, लेिकन इितहास म? चोल एवं अW राजवं श क
े यु क
े समय यु िनयमो का
पालन नही िकया गया ऐसे उदाहरण भी Gाd होते है।
52
स"दभ% &ंथ
• Military History of India,
Sir. Jadunath Sarkar
• State and Government in Ancient India
Prof. A. S. Altekar
• !ाचीन भारत क+ !शास.नक एवं राजनी.तक सं3थाये,
डॉ. कृ ;ण क
ु मार.
• !ाचीन भारतीय राजनी.तक ?वचार एवं सं3थाये,
डॉ. रामशरण शमा@.
• कौBटDय क+ राEयFयव3था,
डॉ. Gयामलाल पाJडेय.
• धम@शा3L का इ.तहास (P?वतीय खंड),
भारतरSन डॉ. पाJडुरंग वामन काणे. 53

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Military Administration and Ethics of War

  • 1. Sem. VI (B.A.III) Paper c-601 Ancient Indian Polity and Administrations Unit IV SR.NO. 10 1
  • 2. !ाचीन भारतीय सै, !ब. एवं यु3 4वहार Ancient Indian Military Administration and Ethics of War 2
  • 3. 3
  • 4. !6ावना • !ाचीन काल से ही भारत म/ सुसंगिठत, यु6 कला म/ िनपुण !9श9;त सेना थी। • रा> क े सात अंगो मे सेना का महA अ9धक है। • मनु कहते है “यु6 म/ रत रहना ही शांित का सवEFम मागG है”। • सेना क े िनयम एवं क़ानून सदैव रा> क े आदशM एवं 9स6ांतो से पNरवितGत और !भािवत होते है। • कामPक कहते है िक बलशाली सेना रहने से रा> कR सीमाएँ बढती है, राजकोष मे वृ96 होती है और रा> क े उYेशों कR शीZ !ा[ होती है। • मानवी सं] ृ ित क े िवकास म/ यु6 एक !मुख कारक रहा है। • !ाचीन भारत क े सै_ और यु6नीित क े ऊaेख महाकाbों, अथGशाc, शुdनीित, जैन-बौ6 fंथो, यवन fंथो, अ9भलेखों, 9शलालेखों म/ !ा होते है। 4
  • 5. सै, बल/!कार • कौिटh क े अनुसार सेना छ: !कार कR होती है 1. मौल 2. भृj या भृतक 3. kेणी 4. 9मl 5. अ9मl 6. आटिवक • सभापवG ने ४ सै_ बल क े !कार (kेणी, अ9मl को छोड़कर) • यु6काo ने सै_ बल क े ५ !कार (kेणी को छोड़कर) 5
  • 6. मौल • मौल दल वं शपरqरानुगत होता था। • मौल दल rायी सेना होती थी। • कौिटh ने मौल दल को महAपूणG मना है sोंिक यह राजा tारा !ितपा9लत होती है। • मौल दल क े सैिनक िनj सैिनकR अuास एवं bायाम करते रहते थे। 6
  • 7. भृ< या भृतक • भृj दल और kेणी दल को एक दूसरे क े समान कहा गया है। • यह सेना वेतन भोगी होती थी। • आपातकालीन [rित म/ सैिनकों कR भतv कर यह सेना तैयार कR जाती थी। • भृj दल का उaेख वलभी क े राजा wुवसेन !थम क े 9शलालेख मे आया है। 7
  • 8. =ेणी • bापारी अपने सामनों कR सुर;ा क े 9लए kेणी बल रखते थे। • कौिटh kेणी बल को सुbव[rत सैिनकों का दल मानते है। • kेणी बल और भृj बल को एक दूसरे क े समान कहा गया है। • समय पड़ने पर राजा kेणी बल को बुलाते थे। • kेणी दल का उaेख वलभी क े रजा wुवसेन !थम क े 9शलालेख मे आया है। 8
  • 9. @मA • 9मl सेना सामंतो कR सेना होती थी। • यु6 काल मे इनकR उप[rित अिनवायG होती थी। • आवyकता क े अनुसार राजा 9मl/ सामंतो कR सेना को बुला सकता था। 9
  • 10. अ@मA • अ9मl सेना मे िव9जत देश क े सैिनक रहते थे। • यह सैिनक दास क े zप मे सेना म/ भतv होते थे। • कौिटh कहते है कR िकसी अ{े सेनापित कR अ|;ता म/ अ9मl सेना और क ु शल होती है। • कौिटh क े अनुसार अ9मl सेना क े सैिनक डाका डालने मे मािहर रहते थे। 10
  • 11. आटिवक • यह जं गली (जाती /आिदवासी) कR सेना होती थी। • मानसोaास क े अनुसार आटिवक सेना म/ ~े{, िनषाद और पहाड़ी लोग होते थे। • कामPक क े अनुसार आटिवक सेना म/ भावत: लोभी, अधािमGक, अनायG लोग रहते थे। • कौिटh क े अनुसार आटिवक सेना ड़ाक े जनी करने मे आतुर रहती थी। 11
  • 12. सेना क े भाग • !मुखता: से सेना क े चार भाग होते है (चतुरंिगणी)। • ह€ी (Elephants), अ (Cavalry), रथ (Chariots) और पदाित सेना (Infantry)को चतुरंिगणी सेना कहते है। • कामPक, सेना क े छः अंग मानते है ह€ी, अ,रथ और पदाित क े अितNरƒ (कोष और आवागमन)। • शांितपवG मे सेना क े आठ अंग बताए है ह€ी, अ, रथ और पदाित क े अलावा िवि„ (बेगार), नाव, चर और दे9शक। 12
  • 13. सेना का एितहा@सक सवGHण • सामा_त: !ाचीन भारतीय भारतीय सेना चतुरंिगणी थी। • वैिदक काल म/ rायी सेना का उaेख नही 9मलता, लेिकन पFी (पैदल सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना/Cavelry) का उaेख 9मलता है। • उFर वैिदक काल म/, पFी (पैदल सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना) क े अलावा अ और हा9थयों क े दल का उaेख 9मलता है। • महाभारत म/ चतुरंिगणी सेना क े उaेख !ा होते है। • मौयG काल म/ चतुरंिगणी सेना थी। • 9सक ं दर क े समय मालव तथा शु…क क े सेना क े अ, ह[€, रथ एवं गज यह चार अंग थे। • चेिद राजा खारवेल हाथीगु†फा अ9भलेख म/ अ, ह[€, रथ एवं गज कR िवशाल सेना से सातकणv क े िवˆ6 आdमण का उaेख करता है। 13
  • 14. गजसेना/ ह6सेना Elephants • !ाचीन सै_ bवrा म/ गजसेना का उपयोग महAपूणG था। • यु6 म/, िक़लेबं दी तोड़ने म/, निदयों को पार करने म/, नगरों-दुगG को घेरा डालने म/ हाथी उपयोगी थे। • गज को यु6 क े 9लए !9श9;त िकया जाता था। • !ाचीन िव म/ क े वल भारत म/ ही हा9थयों का उपयोग यु6 म/ िकया जाता था। • कौिटh और कामPक ने यु6 क े 9लए हा9थयों का उपयोग महAपूणG माना है। • चं…गु कR सेhूकस पर िवजय का मुŠ कारण गजसेना थी। • अ!9श9;त हाथी यु6 म/ पराजय का कारण भी हो सकता है। • भारत म/ गजसेना का उपयोग अंfेज आने तक होता था। 14
  • 16. अJसेना Cavalry • अ"सेना यु) म+ अ,ंत उपयोगी होती थी। • 7सक ं दर क े िवजय का मु> कारण उसक@ अ"सेना थी। • अ"सेना A ू ितC और तेज होने से यु) म+ अित आवFक 7स) होती थी। • अ"सेना क े बHउपयोग क े कारण Iाचीन भारत म+ अ"िवLा पढ़ायी जाती थी। • कNोज और गांधार क े अ" यु) क े 7लए उपयोगी थे। 16
  • 18. रथसेना Chariots • Iाचीन सैS TवUा म+ रथसेना को सवVW Uान था। • यु) म+ Iयोग आने वाले रथ को “सांXा7मक” कहा जाता था। • 7सक ं दर क े साथ यु) म+ पोरस क@ रथसेना सYZ7लत Hई थी। • चंगु] क@ सेना म+ ८००० रथ थे। • उ`रवतa युग म+ रथसेना का उपयोग कम हो गया. • अbेकर क े अनुसार हषC क े समय तक रथसेना Iायः समा] हो चुक@ थी। 18
  • 20. पदाित सेना Infantry • पदाित सेना हर यु6 म/ महAपूणG रहती थी। • सेना कR !थम इकाई पदाित सेना होती थी। • सेनाओं म/ सबसे अ9धक सैिनकों कR संŠा इी कR होती थी। • पदाित सेना !मुखता: से चार शcों का उपयोग करते थे। 1. खड़ग 2. धनुष-बाण 3. भाला 4. करवाल 20
  • 22. नौसेना Navy • नौसेना !ाचीन काल से ही सेना का महAपूणG अंग रही है। • वैिदक सािहj और महाभारत म/ नौसेना का उaेख है। • चं…गु मौयG क े सेना म/ नौसेिनक बल था। • मेगrनीज़ भी मौयG सेना क े नौसेिनक बल का उaेख करता है। • सातवाहन काल म/ भारत का रोम क े साथ स भारतीय नावों कR !गत अवrा का उदाहरण है। • चोल राजवं श कR नौसेना अjंत !गत थी, 9जसक े बल पर त‘ालीन युग म/ सqूणG द9;ण-पूवG आ9शया ख ं ड पर चोलों का !भाव था। • भारत क े समु…तटीय ;ेl क े रा> कR सेना म/ नौसेना !मुख थी। 22
  • 24. सै, संNा • !ाचीन भारतीय राज़ा िवशाल सेना रखते थे। • रामायण मे व9णGत है कR लवणासुर से यु6 करने क े 9लए शlु’ ४००० घोड़ों, २००० रथों,१०० हाथी लेक े गये थे। • fीक लेखकों क े अनुसार नंद सा–ा> क े पास २,००,००० पदाित, ३०,००० घुड़सवार, ९००० हाथी और ८००० रथ थे। • मेगrनीज़ ने 9लखा है िक चं…गु क े पास ६,००,००० पदाित, ३००० अ, ९००० हाथी थे। • पाल रा> क े िवˆ6 आdमण क े समय राजा हषG क े पास ५००० हाथी, २००० घोड़े और ५०००० पदाित थे। 24
  • 25. सै, संयोजन • शु)नीितसार क े अनुसार सै1 संयोजन म6 : 1. ५-६ स6िनको क9 एक पं<=: उसपे प?@य अ?धकारी 2. ३० प?@पालों पर एक ग़ो?मF होता था। 3. १०० गौ?मFो पर एक शतानीक होता था। ?जसे एक अनुशितक,एक सेनानी और एक लेखक सहायता क े ?लए ?मलते थे। 4. २० हा?थयों या घोड़ों क े Qामी को नायक कहा जाता था। 5. इनमे से STेक अ?धकारी अपना-अपना िबVा वXों पर लगाए रखते थे। मेगYनीज़ मौय[ सै1 संयोजन क े बारे म6 कहते है िक एक Sशासक संYा सैिनक काय क9 देखभाल करती थी, ?जसम6 ६ भाग थे एवं हर भाग म6 ५ सद_ थे। 1. नौसेना 2. दूसरा भाग बैलगािड़यों का था, जो भोजनसामaी और अ1 सामान ढोने क े ?लए 3. पैदल सेना 4. घुड़सवार 5. रथ 6. हाथी 25
  • 26. अ"ोिहणी सेना का -.प • उ"ोगपव' क े अनुसार अ0ोिहणी सेना का 56प • एक सेना मे 1. ५०० हाथी 2. ५०० रथ 3. १५०० घोड़? 4. २५०० पैदल सैिनक १० सेनाओं कF १ Gूतना १० Gूतनाओ कF १ वािहनी १० वािहिनयों कF १ KLजनी १० KLजनीओं कF १ चमू और १० चमुओ कF १ अ0ोिहणी महाभारत क े युc समय कौरवों क े पास ११ तथा पाdवो क े पास ७ अfोिहणी सेना थी। 26
  • 27. सै, -@शिवर • सेनाओं क े ठहरने िक जगह को सै_ -9शिवर कहते थे। • सै_ -9शिवर को उपकायाG,सेनािनवेश,कटक भी कहते है। • सै_ -9शिवर ऊ ँ चे rान पर बनाए जाते थे। • सै_ -9शिवर क े पास जल कR उपल›ता होनी चािहए। • सै_ -9शिवर क े पास जं गल भी उ9चत माना गया है। • सै_ -9शिवर क े सुर;ा का योœ !बं ध िकया जाता था। • िवना-अनुमित पl क े सै_ -9शिवर क े अंदर !वेश नही था। 27
  • 28. सेना क े 4ावहाQरक िनयम • शुd क े अनुसार 1. सैिनकों को fाम ब€ी क े दूर (िक ं तु बत दूर नही) रहना चािहए। 2. fामवासीयो और सैिनकों म/ धन क े लेन –देन नही होना चािहए। 3. सैिनकों िक 9लए राजा ने तंl दुकाने खोल क े देनी चािहए। 4. राजा क े अनुमित िबना सैिनक fामों क े भीतर ना जाए। 28
  • 29. सेना क े सहायक अंग • सेना जब यु6 पर हो तो िविवध साधनो और सहायक अंगो कR आवyकता होती थी। • से_-सामfी,रसद, शc ढोने क े 9लए भारवाहक • गुचर सहायक • सामान ढोने क े 9लए वाहन • bय का िहसाब क े 9लए 9लिपक और मंlी कायाGलय • 9चिक€क दल और उनक े साधन • इं9जनीयर (रा€ों-पुल दुˆ€ करने क े 9लए) • सैिनकों का मनोरंजन करने क े 9लए नतGक, वादक, वैyाय/, भांड़ इयािद। 29
  • 30. सेना क े अ@धकारी • सेना को अनुशा9सत तथा िनयंlण म/ रखने क े 9लए सेना म/ िविवध अ9धकारी होते थे। • राजा तः सवEž सेनापित होता था। • राजा !धान सेनापित िनयुƒ करता था। • ऋगवैिदक काल म/ सेनानी का उaेख 9मलता है। • उFर वैिदक काल म/ सेनानी !धान सेनापित क े zप म/ कायG करता था। • रामायण तथा महाभारत म/ सेना क े िविवध अंगो एवं उनक े !मुखों कR चचाG कR गयी है। • कौिटh अपने अथGशाc म/ १८ तीथM और २७ अ|; का उaेख करता है। 30
  • 31. मौयS काल मT सेना क े अ@धकारी • मौय' काल म? Gधान सेनापित क े अितSरT िवLभV सेW िवभागों क े Lलए अलग- अलग अLधकारी थे। • पतधX: पैदल सेना का सेनापित • रथाLधपती: रथसेना का सेनापित • अYाZ0: अYसेना का सेनापित • गजाधX: गजसेना का सेनापित • नवाZ0: नौसेना का सेनापित इसक े साथ साथ नायक (यु काल म? सेना का सं चालन) दुग'पाल (सा]ा^ क े दुग_ कF सुर0ा) दौवाSरक (राजा क े अंत:पुर कF र0ा) अ`वLश'क (राजा का अंगर0क) इनक े उbेख Gाd होते है। 31
  • 32. गुUकाल मT सेना क े अ@धकारी • महाबला9धक ृ त: (राजा क े बाद सेना का सवEž अ9धकारी) • महािपलुपित: (हा9थयों कR सेना का !धान) • भटापित: (घुड़सवार कR सेना का !धान) • रणभंडागाNरक : (सेना क े सामनो कR bवrा करनेवाला) • महासं9धिवfहक़ :शांित तथा यु6 सं9ध का मंlी। 32
  • 33. सेना क े सफलता क े त3 • सेनाओं को यु म? सफलता Gाd हो इसक े Lलए Gाचीन fंथो मे िवLभV तg बताए है। 1. मंi: कौिटk और कामlक यु म? वीरता क े साथ मं i आवnक बताए है। • 1A) काय' को Gारo करने क े उपाय • 1B) पु6ष और qr कF सsLt • 1C) देश-काल िवभाग • 1D) िवuित-Gितकार • 1E) काय'LसL 2. क़ोष: क़ोष कF गणना रा^ क े सात अंगो म? होती है। यु करक े क़ोष सं fिहत िकया जाता था। 3. िविw: xLमक, Lशyी, वाहक, Lचिकzक साथ म? रहने चािहये। 4. सैW-बल: मौल ,भृ| या भृतक, xेणी ,Lमi ,अLमi, आटिवक 33
  • 34. सैिनकV योWताएँ • ;lीय का यु6 धमG माना गया है। • महाभारत क े अनुसार सभी वणG क े लोग सैिनक हो सकते है। • शुd क े अनुसार भी सभी वणG क े लोग सैिनक हो सकते है, िक ं तु वह साहसी, िनयंिlत, शरीर से सुगिठत, िवासपाl, धािमGक और शlुदोही होने चािहए। • शांितपवG मे कहा गया है िक गांधार, 9संधु, यवन और द9;णी सैिनक अ{े होते है sोंिक वह साहसी होते है। 34
  • 36. यु3नीित • यु6 यह राजनीित का अ9भ¡ अंग है। • !बल/िवज़ीिगषु राजा िनj यु6रत रहते थे। • शlुओं का िवनाश करने क े 9लए यु6 महAपूणG उपाय है। • चूँ िक यु6 िवनाशकारी होता है, इसी9लए शा[¢ कR अपे;ा भी कR जाती थी। • कौिटh, मनु और कामPक क े अनुसार राजा साम, दाम, दo और भेद कR नीित से शlु को 9जतने का य£ करे। • यु6 से दोनो प;ों का िवनाश होता है, इसी9लए अिनवायG पNर[rित म/ ही यु6 िकया जाना चािहए, लेिकन यु6 धमG क े अनुक ू ल होना चािहए। 36
  • 37. यु3 क े कारण 1. सा]ा^ िव}ार 2. यश कF Gा~d 3. Lमi कF सहायता करने क े Lलए 4. धािम'क िया –कलाप क े Lलए। 5. धम' कF र0ा 6. €ी Gा~d कF अLभलाषा 7. ~€यों क े सान क े Lलए 8. धन/क़ोष Gा~d क े Lलए। 9. आमण से सुर0ा 10. Gितशोध कF भावना से 11. अ|ाचार से र0ा करने क े Lलए 12. इ|ािद 37
  • 38. यु3 क े भेद • सामा_त: दो !कार क े यु6 क े उaेख है। 1. धमGयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन िकया जाता है। 2. क ू टयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन नही िकया जाता है। कौिटh ने तीन !कार क े यु6 का उaेख िकया है 1. !काशयु6 2. क ू टयु6 3. तूषनीकयु6 38
  • 39. !काशयु3 • !काशयु6 को धमGयु6 भी कहते है। • आमने-सामने का यु6 !काशयु6 कहलाता है। • देश,काल और पराdम का िवचार करक े , यह यु6 िकया जाता है। • !काशयु6 म/ एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से यु6 करता है। • एक क े साथ एक यु6 होता है। • अनेक यो6ा 9मलकर एक पर वार नही करते। • !काशयु6 म/ यु6 िनयमो को पालन िकया जाता है। 39
  • 40. क ू टयु3 • छल और कपट से िकए गए यु) को क ू टयु) कहते है। • क ू टयु) म+ धमCशाhो क े िनयमो का पालन नही िकया जाता। • कौिटj क े अनुसार छल –कपट kारा भय उlmन करना, दुगC को nं स करना क ू टयु) है। • अिoदाह,लूटमार,मारकाट, चोरी, िनश:h पर वार इ,ािद क ू टयु)क े अंतगCत है। 40
  • 41. तूषनीकयु3 • तूषनीकयु6 भी एक !कार का क ू टयु6 है। • तूषनीकयु6 म/ शlु प; क े नेता, सेनापित और मंिlयो को फोड़ने का !यास िकया जाता है। • तूषनीकयु6 म/ गु zप से िवष tारा शlु का वध िकया जाता है। • कौिटh कहते है कR जब शlु बलवान हो तब तूषनीकयु6 का उपयोग करना चािहए। 41
  • 42. यु3 का उ@चत ान और समय • यु6 क े 9लए उ9चत देश (rान) और काल (समय) हमेशा से महAपूणG रही है। 1. देश (rान): यु6 क े 9लए पयाG अ-क ृ षक जगह चािहए, जहाँ सै_ यु6 अuास कर सक े । उस ;ेl म/ शlु प; को भी पयाG जगह होनी चािहए। जो जगह शlु क े 9लए उ9चत उसे अधम कहा गया है।(शुdनीित) 1. काल (समय): यु6 क े 9लए शरद, हेमं ¢ और 9श9शर ऋतु योœ माने गये है। वस¢ ऋतु का समय म|म और fी¤ का समय अधम माना गया है। 42
  • 43. यु3 िनयम • कपटपूणG या गु आयुधों क े साथ नही लड़ना चािहये (मनु)। • िवषाƒ, शूलाf या जलती ई नोको वाले आयुधों से नही लड़ना चािहये। • िवषाƒ बाणों का !योग िनिष6 माना गया है (बौधायनसूl)। • पानी पीते ए सैिनकों को नही मारना चािहये। • खाना खाते ए या जूता िनकालते ए सैिनक पर वार नही करना चािहये। • cी, हथनी, सारथी, ¥ा¦ंण, भाट को नही मारना चािहये। • बूढ़े और 9जसने मुँह म/ ितनका ले र¨ा है उसे नही मारना चािहए (शांितपवG)। • गदायु6 का िनयम था िक ना9भ क े नीचे ना मारे। • शांितपवG म/ कहा गया है कR, शlु प; क े घायल सैिनकों कR देखभाल करनी चािहये और ठीक होने पर उसे छोड़ िदया जाए।43
  • 44. यु3 4वहार क े !मुख िनयम 1. आdमण क े अयोœ तथा अव| b[ƒ 2. शरणागत कR र;ा 3. दूत कR अव|ता 4. जनता कR र;ा 5. यो6ाओं म/ समानता 6. यु6 समय का पालन 7. िव9ज़त शlु क े !ित उ9चत bवहार 8. यु6 िनयमो का पालन 44
  • 45. आ5मण क े अयो8 तथा अव; <=> • [cयों, बालकों, !मFो और सोए ए b[ƒयों पर वार करना सवGथा िनिष6 था। • मनु क े अनुसार नपुं सक, आ©समपGण करने वाला, सोया आ, मू9छGत, नª, हाथ जोड़े ए b[ƒ, शcरिहत, यु6 देखने वाले b[ƒ, अj9धक पीिड़त, घायल, यु6 ;ेl से भागता आ इjािद पर वार नही करना चािहए। • यु6 म/ [cयाँ और बालक अव| समझे जाते थे। • दूत अव| होते थे। 45
  • 46. शरणागत कV रHा • यु6 म/ शरणागत कR र;ा करना धमG समझा गया है। • जो शlु शरण म/ आए उसकR र;ा करना राजा का कतGb है। • शरणागत का वध करना, द[oत करना महापाप माना गया है। 46
  • 47. दूत कV अव_ता • दूत कR अव|ता सभी राजनीितकरों ने मानी है। • दूत का वध िनिष6 था। • अि!य और अनु9चत बोलने पर भी दूत का वध नही िकया जाता था। • अ9धक उY¬ता करने पर भी उसका वध नही िकया जाता था ब[­ िवzप िकया जाता सकता था। 47
  • 48. जनता कV रHा • यु6 क े समय सामा_ जनता पर !हार अनु9चत माना गया है। • क ृ षक, bापाNरयों पर वार अधमG कहा गया है। • यु6 !याण करने वाली सेना भी क ृ िष फ़सलो को कोई नुक़सान नही करती थी। • मेगrनीज़ ने 9लखा है कR यु6ों क े समय म/ भी िकसान क ृ िष करते थे और सामा_ जीवन पर को हानी नही पँचती थी। 48
  • 49. यो3ाओं मT समानता • यो6ाओ म/ शƒी साध¯G, संतुलन और समानता होना महAपूणG माना गया है। • एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से ही यु6 करना चािहए ये िनयम था। • शुd कहते है कR गजारोही क े साथ गजारोही, अारोही क े साथ अारोही और पदाित क े साथ पदाित का यु6 होना चािहए। • सशc क े साथ सशc ने यु6 करना उ9चत माना गया है। • अनेक सैिनकों tारा एक पर !हार करना िनंदनीय समझा जाता था। 49
  • 50. यु3 समय का पालन • !ाचीन भारत म/ यु6 िदन क े !काश म/ लड़ने कR परqरा थी। • सूयाG€ होने पर यु6 करना व9जGत था। • रािl का यु6 रा;सी तथा अनु9चत समझा जाता था। • लेिकन रािl यु6 क े अनेक उदाहरण भारतीय इितहास म/ !ा होते है। 50
  • 51. िव@ज़त शAु क े !ित उ@चत 4वहार • Gाचीन भारतीय परsरा क े अनुसार िवLज़त शiु क े Gित उLचत rवहार करना धम' माना गया है। • कोई भी पराLजत राजा 0मा और स„नता क े rवहार का अLधकारी है। • मनु का मत है कF िवजीत राजा को ऐसा काय' नही करना चािहए Lजससे पराLजत राजा और Gजा को वेदना हो। • 0मा माँगने वाले या अधीनता 5ीकार करने वाले राजा को आदर क े साथ रा^ वापस िकया जाता था Lजसक े उदाहरण हम? समुqगुd क े Gयाग Gश~} म? Lमलते है। 51
  • 52. िन#ष% • Gाचीन काल म? भारत, सैW सं गठन, यु नीित, rूह रचना, रणनीित, सैW तकनीक इ|ािद म? Gितभावान था। • मौय' काल म? चतुरंिगणी सेना थी। • गुdकाल म? रा^ कF सं गिठत सेना क े साथ-साथ सामं ती सेना भी काम म? आने लगी थी। • आर~oक मZकाल म? सैW Gणाली लगभग Gाचीन पित पर ही सं गिठत थी। • मZकालीन भारत (तुकˆ िक आमण) क े समय भारतीय सेना (xे‰ घुड़सवार, क ु शल युकला, Gगत हLथयार इ|ािद) कमजोर Gतीत होती है। • Gाचीन भारत म? युों म? िवशेष िनयमो, आचरणों और rवहारों का पालन िकए जाने पर बल िदया जाता था। • यु करने वाले दोनो प0ों से यह आशा कF जाती कF वे यु िनयमों का पालन करे। • Gाचीन भारतीय यु क े िनयम बड़े उदाt Gतीत होते है, शायद वह माने भी जाते रहे हो, लेिकन इितहास म? चोल एवं अW राजवं श क े यु क े समय यु िनयमो का पालन नही िकया गया ऐसे उदाहरण भी Gाd होते है। 52
  • 53. स"दभ% &ंथ • Military History of India, Sir. Jadunath Sarkar • State and Government in Ancient India Prof. A. S. Altekar • !ाचीन भारत क+ !शास.नक एवं राजनी.तक सं3थाये, डॉ. कृ ;ण क ु मार. • !ाचीन भारतीय राजनी.तक ?वचार एवं सं3थाये, डॉ. रामशरण शमा@. • कौBटDय क+ राEयFयव3था, डॉ. Gयामलाल पाJडेय. • धम@शा3L का इ.तहास (P?वतीय खंड), भारतरSन डॉ. पाJडुरंग वामन काणे. 53