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4. !6ावना
• !ाचीन काल से ही भारत म/ सुसंगिठत, यु6 कला म/ िनपुण !9श9;त
सेना थी।
• रा> क
े सात अंगो मे सेना का महA अ9धक है।
• मनु कहते है “यु6 म/ रत रहना ही शांित का सवEFम मागG है”।
• सेना क
े िनयम एवं क़ानून सदैव रा> क
े आदशM एवं 9स6ांतो से
पNरवितGत और !भािवत होते है।
• कामPक कहते है िक बलशाली सेना रहने से रा> कR सीमाएँ बढती
है, राजकोष मे वृ96 होती है और रा> क
े उYेशों कR शीZ !ा[ होती
है।
• मानवी सं]
ृ ित क
े िवकास म/ यु6 एक !मुख कारक रहा है।
• !ाचीन भारत क
े सै_ और यु6नीित क
े ऊaेख महाकाbों,
अथGशाc, शुdनीित, जैन-बौ6 fंथो, यवन fंथो, अ9भलेखों,
9शलालेखों म/ !ा होते है। 4
5. सै, बल/!कार
• कौिटh क
े अनुसार सेना छ: !कार कR होती है
1. मौल
2. भृj या भृतक
3. kेणी
4. 9मl
5. अ9मl
6. आटिवक
• सभापवG ने ४ सै_ बल क
े !कार (kेणी, अ9मl को छोड़कर)
• यु6काo ने सै_ बल क
े ५ !कार (kेणी को छोड़कर)
5
6. मौल
• मौल दल वं शपरqरानुगत होता था।
• मौल दल rायी सेना होती थी।
• कौिटh ने मौल दल को महAपूणG मना है sोंिक यह राजा tारा
!ितपा9लत होती है।
• मौल दल क
े सैिनक िनj सैिनकR अuास एवं bायाम करते
रहते थे।
6
7. भृ< या भृतक
• भृj दल और kेणी दल को एक दूसरे क
े समान कहा गया
है।
• यह सेना वेतन भोगी होती थी।
• आपातकालीन [rित म/ सैिनकों कR भतv कर यह सेना तैयार
कR जाती थी।
• भृj दल का उaेख वलभी क
े राजा wुवसेन !थम क
े
9शलालेख मे आया है।
7
8. =ेणी
• bापारी अपने सामनों कR सुर;ा क
े 9लए kेणी बल रखते थे।
• कौिटh kेणी बल को सुbव[rत सैिनकों का दल मानते है।
• kेणी बल और भृj बल को एक दूसरे क
े समान कहा गया है।
• समय पड़ने पर राजा kेणी बल को बुलाते थे।
• kेणी दल का उaेख वलभी क
े रजा wुवसेन !थम क
े 9शलालेख मे
आया है।
8
9. @मA
• 9मl सेना सामंतो कR सेना होती थी।
• यु6 काल मे इनकR उप[rित अिनवायG होती थी।
• आवyकता क
े अनुसार राजा 9मl/ सामंतो कR सेना को
बुला सकता था।
9
10. अ@मA
• अ9मl सेना मे िव9जत देश क
े सैिनक रहते थे।
• यह सैिनक दास क
े zप मे सेना म/ भतv होते थे।
• कौिटh कहते है कR िकसी अ{े सेनापित कR अ|;ता म/ अ9मl
सेना और क
ु शल होती है।
• कौिटh क
े अनुसार अ9मl सेना क
े सैिनक डाका डालने मे मािहर
रहते थे।
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11. आटिवक
• यह जं गली (जाती /आिदवासी) कR सेना होती थी।
• मानसोaास क
े अनुसार आटिवक सेना म/ ~े{, िनषाद और
पहाड़ी लोग होते थे।
• कामPक क
े अनुसार आटिवक सेना म/ भावत: लोभी,
अधािमGक, अनायG लोग रहते थे।
• कौिटh क
े अनुसार आटिवक सेना ड़ाक
े जनी करने मे आतुर रहती
थी।
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12. सेना क
े भाग
• !मुखता: से सेना क
े चार भाग होते है (चतुरंिगणी)।
• ह€ी (Elephants), अ (Cavalry), रथ (Chariots) और
पदाित सेना (Infantry)को चतुरंिगणी सेना कहते है।
• कामPक, सेना क
े छः अंग मानते है ह€ी, अ,रथ और पदाित
क
े अितNरƒ (कोष और आवागमन)।
• शांितपवG मे सेना क
े आठ अंग बताए है ह€ी, अ, रथ और
पदाित क
े अलावा िवि„ (बेगार), नाव, चर और दे9शक।
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13. सेना का एितहा@सक सवGHण
• सामा_त: !ाचीन भारतीय भारतीय सेना चतुरंिगणी थी।
• वैिदक काल म/ rायी सेना का उaेख नही 9मलता, लेिकन पFी (पैदल
सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना/Cavelry) का उaेख 9मलता है।
• उFर वैिदक काल म/, पFी (पैदल सैिनक) तथा र9थम (रथ सेना) क
े
अलावा अ और हा9थयों क
े दल का उaेख 9मलता है।
• महाभारत म/ चतुरंिगणी सेना क
े उaेख !ा होते है।
• मौयG काल म/ चतुरंिगणी सेना थी।
• 9सक
ं दर क
े समय मालव तथा शु…क क
े सेना क
े अ, ह[€, रथ एवं
गज यह चार अंग थे।
• चेिद राजा खारवेल हाथीगु†फा अ9भलेख म/ अ, ह[€, रथ एवं गज
कR िवशाल सेना से सातकणv क
े िवˆ6 आdमण का उaेख करता है।
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14. गजसेना/ ह6सेना Elephants
• !ाचीन सै_ bवrा म/ गजसेना का उपयोग महAपूणG था।
• यु6 म/, िक़लेबं दी तोड़ने म/, निदयों को पार करने म/, नगरों-दुगG को
घेरा डालने म/ हाथी उपयोगी थे।
• गज को यु6 क
े 9लए !9श9;त िकया जाता था।
• !ाचीन िव म/ क
े वल भारत म/ ही हा9थयों का उपयोग यु6 म/ िकया
जाता था।
• कौिटh और कामPक ने यु6 क
े 9लए हा9थयों का उपयोग महAपूणG
माना है।
• चं…गु कR सेhूकस पर िवजय का मुŠ कारण गजसेना थी।
• अ!9श9;त हाथी यु6 म/ पराजय का कारण भी हो सकता है।
• भारत म/ गजसेना का उपयोग अंfेज आने तक होता था।
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16. अJसेना Cavalry
• अ"सेना यु) म+ अ,ंत उपयोगी होती थी।
• 7सक
ं दर क
े िवजय का मु> कारण उसक@ अ"सेना थी।
• अ"सेना A
ू ितC और तेज होने से यु) म+ अित
आवFक 7स) होती थी।
• अ"सेना क
े बHउपयोग क
े कारण Iाचीन भारत म+
अ"िवLा पढ़ायी जाती थी।
• कNोज और गांधार क
े अ" यु) क
े 7लए उपयोगी थे।
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18. रथसेना Chariots
• Iाचीन सैS TवUा म+ रथसेना को सवVW Uान था।
• यु) म+ Iयोग आने वाले रथ को “सांXा7मक” कहा जाता
था।
• 7सक
ं दर क
े साथ यु) म+ पोरस क@ रथसेना सYZ7लत Hई
थी।
• चंगु] क@ सेना म+ ८००० रथ थे।
• उ`रवतa युग म+ रथसेना का उपयोग कम हो गया.
• अbेकर क
े अनुसार हषC क
े समय तक रथसेना Iायः
समा] हो चुक@ थी।
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20. पदाित सेना Infantry
• पदाित सेना हर यु6 म/ महAपूणG रहती थी।
• सेना कR !थम इकाई पदाित सेना होती थी।
• सेनाओं म/ सबसे अ9धक सैिनकों कR संŠा इी कR होती थी।
• पदाित सेना !मुखता: से चार शcों का उपयोग करते थे।
1. खड़ग
2. धनुष-बाण
3. भाला
4. करवाल
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22. नौसेना Navy
• नौसेना !ाचीन काल से ही सेना का महAपूणG अंग रही है।
• वैिदक सािहj और महाभारत म/ नौसेना का उaेख है।
• चं…गु मौयG क
े सेना म/ नौसेिनक बल था।
• मेगrनीज़ भी मौयG सेना क
े नौसेिनक बल का उaेख करता है।
• सातवाहन काल म/ भारत का रोम क
े साथ स भारतीय नावों कR
!गत अवrा का उदाहरण है।
• चोल राजवं श कR नौसेना अjंत !गत थी, 9जसक
े बल पर त‘ालीन
युग म/ सqूणG द9;ण-पूवG आ9शया ख
ं ड पर चोलों का !भाव था।
• भारत क
े समु…तटीय ;ेl क
े रा> कR सेना म/ नौसेना !मुख थी।
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24. सै, संNा
• !ाचीन भारतीय राज़ा िवशाल सेना रखते थे।
• रामायण मे व9णGत है कR लवणासुर से यु6 करने क
े 9लए शlु’ ४०००
घोड़ों, २००० रथों,१०० हाथी लेक
े गये थे।
• fीक लेखकों क
े अनुसार नंद सा–ा> क
े पास २,००,००० पदाित,
३०,००० घुड़सवार, ९००० हाथी और ८००० रथ थे।
• मेगrनीज़ ने 9लखा है िक चं…गु क
े पास ६,००,००० पदाित, ३०००
अ, ९००० हाथी थे।
• पाल रा> क
े िवˆ6 आdमण क
े समय राजा हषG क
े पास ५००० हाथी,
२००० घोड़े और ५०००० पदाित थे।
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25. सै, संयोजन
• शु)नीितसार क
े अनुसार सै1 संयोजन म6 :
1. ५-६ स6िनको क9 एक पं<=: उसपे प?@य अ?धकारी
2. ३० प?@पालों पर एक ग़ो?मF होता था।
3. १०० गौ?मFो पर एक शतानीक होता था। ?जसे एक अनुशितक,एक सेनानी और एक लेखक सहायता
क
े ?लए ?मलते थे।
4. २० हा?थयों या घोड़ों क
े Qामी को नायक कहा जाता था।
5. इनमे से STेक अ?धकारी अपना-अपना िबVा वXों पर लगाए रखते थे।
मेगYनीज़ मौय[ सै1 संयोजन क
े बारे म6 कहते है िक
एक Sशासक संYा सैिनक काय क9 देखभाल करती थी, ?जसम6 ६ भाग थे एवं हर भाग म6 ५ सद_ थे।
1. नौसेना
2. दूसरा भाग बैलगािड़यों का था, जो भोजनसामaी और अ1 सामान ढोने क
े ?लए
3. पैदल सेना
4. घुड़सवार
5. रथ
6. हाथी
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26. अ"ोिहणी सेना का -.प
• उ"ोगपव' क
े अनुसार अ0ोिहणी सेना का 56प
• एक सेना मे
1. ५०० हाथी
2. ५०० रथ
3. १५०० घोड़?
4. २५०० पैदल सैिनक
१० सेनाओं कF १ Gूतना
१० Gूतनाओ कF १ वािहनी
१० वािहिनयों कF १ KLजनी
१० KLजनीओं कF १ चमू
और
१० चमुओ कF १ अ0ोिहणी
महाभारत क
े युc समय कौरवों क
े पास ११ तथा पाdवो क
े पास ७ अfोिहणी सेना थी।
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27. सै, -@शिवर
• सेनाओं क
े ठहरने िक जगह को सै_ -9शिवर कहते थे।
• सै_ -9शिवर को उपकायाG,सेनािनवेश,कटक भी कहते है।
• सै_ -9शिवर ऊ
ँ चे rान पर बनाए जाते थे।
• सै_ -9शिवर क
े पास जल कR उपल›ता होनी चािहए।
• सै_ -9शिवर क
े पास जं गल भी उ9चत माना गया है।
• सै_ -9शिवर क
े सुर;ा का योœ !बं ध िकया जाता था।
• िवना-अनुमित पl क
े सै_ -9शिवर क
े अंदर !वेश नही था।
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28. सेना क
े 4ावहाQरक िनयम
• शुd क
े अनुसार
1. सैिनकों को fाम ब€ी क
े दूर (िक
ं तु बत दूर नही) रहना चािहए।
2. fामवासीयो और सैिनकों म/ धन क
े लेन –देन नही होना चािहए।
3. सैिनकों िक 9लए राजा ने तंl दुकाने खोल क
े देनी चािहए।
4. राजा क
े अनुमित िबना सैिनक fामों क
े भीतर ना जाए।
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29. सेना क
े सहायक अंग
• सेना जब यु6 पर हो तो िविवध साधनो और सहायक अंगो कR
आवyकता होती थी।
• से_-सामfी,रसद, शc ढोने क
े 9लए भारवाहक
• गुचर सहायक
• सामान ढोने क
े 9लए वाहन
• bय का िहसाब क
े 9लए 9लिपक और मंlी कायाGलय
• 9चिक€क दल और उनक
े साधन
• इं9जनीयर (रा€ों-पुल दुˆ€ करने क
े 9लए)
• सैिनकों का मनोरंजन करने क
े 9लए नतGक, वादक, वैyाय/, भांड़
इयािद।
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30. सेना क
े अ@धकारी
• सेना को अनुशा9सत तथा िनयंlण म/ रखने क
े 9लए सेना म/ िविवध
अ9धकारी होते थे।
• राजा तः सवEž सेनापित होता था।
• राजा !धान सेनापित िनयुƒ करता था।
• ऋगवैिदक काल म/ सेनानी का उaेख 9मलता है।
• उFर वैिदक काल म/ सेनानी !धान सेनापित क
े zप म/ कायG करता
था।
• रामायण तथा महाभारत म/ सेना क
े िविवध अंगो एवं उनक
े !मुखों कR
चचाG कR गयी है।
• कौिटh अपने अथGशाc म/ १८ तीथM और २७ अ|; का उaेख
करता है।
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31. मौयS काल मT सेना क
े अ@धकारी
• मौय' काल म? Gधान सेनापित क
े अितSरT िवLभV सेW िवभागों क
े Lलए अलग-
अलग अLधकारी थे।
• पतधX: पैदल सेना का सेनापित
• रथाLधपती: रथसेना का सेनापित
• अYाZ0: अYसेना का सेनापित
• गजाधX: गजसेना का सेनापित
• नवाZ0: नौसेना का सेनापित
इसक
े साथ साथ
नायक (यु काल म? सेना का सं चालन)
दुग'पाल (सा]ा^ क
े दुग_ कF सुर0ा)
दौवाSरक (राजा क
े अंत:पुर कF र0ा)
अ`वLश'क (राजा का अंगर0क) इनक
े उbेख Gाd होते है।
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32. गुUकाल मT सेना क
े अ@धकारी
• महाबला9धक
ृ त: (राजा क
े बाद सेना का सवEž
अ9धकारी)
• महािपलुपित: (हा9थयों कR सेना का !धान)
• भटापित: (घुड़सवार कR सेना का !धान)
• रणभंडागाNरक : (सेना क
े सामनो कR bवrा
करनेवाला)
• महासं9धिवfहक़ :शांित तथा यु6 सं9ध का मंlी।
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33. सेना क
े सफलता क
े त3
• सेनाओं को यु म? सफलता Gाd हो इसक
े Lलए Gाचीन fंथो मे िवLभV तg
बताए है।
1. मंi: कौिटk और कामlक यु म? वीरता क
े साथ मं i आवnक बताए है।
• 1A) काय' को Gारo करने क
े उपाय
• 1B) पु6ष और qr कF सsLt
• 1C) देश-काल िवभाग
• 1D) िवuित-Gितकार
• 1E) काय'LसL
2. क़ोष: क़ोष कF गणना रा^ क
े सात अंगो म? होती है। यु करक
े क़ोष सं fिहत
िकया जाता था।
3. िविw: xLमक, Lशyी, वाहक, Lचिकzक साथ म? रहने चािहये।
4. सैW-बल: मौल ,भृ| या भृतक, xेणी ,Lमi ,अLमi, आटिवक
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34. सैिनकV योWताएँ
• ;lीय का यु6 धमG माना गया है।
• महाभारत क
े अनुसार सभी वणG क
े लोग सैिनक हो सकते है।
• शुd क
े अनुसार भी सभी वणG क
े लोग सैिनक हो सकते है, िक
ं तु वह
साहसी, िनयंिlत, शरीर से सुगिठत, िवासपाl, धािमGक और
शlुदोही होने चािहए।
• शांितपवG मे कहा गया है िक गांधार, 9संधु, यवन और द9;णी सैिनक
अ{े होते है sोंिक वह साहसी होते है।
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36. यु3नीित
• यु6 यह राजनीित का अ9भ¡ अंग है।
• !बल/िवज़ीिगषु राजा िनj यु6रत रहते थे।
• शlुओं का िवनाश करने क
े 9लए यु6 महAपूणG उपाय है।
• चूँ िक यु6 िवनाशकारी होता है, इसी9लए शा[¢ कR अपे;ा भी कR
जाती थी।
• कौिटh, मनु और कामPक क
े अनुसार राजा साम, दाम, दo
और भेद कR नीित से शlु को 9जतने का य£ करे।
• यु6 से दोनो प;ों का िवनाश होता है, इसी9लए अिनवायG पNर[rित
म/ ही यु6 िकया जाना चािहए, लेिकन यु6 धमG क
े अनुक
ू ल होना
चािहए।
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37. यु3 क
े कारण
1. सा]ा^ िव}ार
2. यश कF Gा~d
3. Lमi कF सहायता करने क
े Lलए
4. धािम'क िया –कलाप क
े Lलए।
5. धम' कF र0ा
6. €ी Gा~d कF अLभलाषा
7. ~€यों क
े सान क
े Lलए
8. धन/क़ोष Gा~d क
े Lलए।
9. आमण से सुर0ा
10. Gितशोध कF भावना से
11. अ|ाचार से र0ा करने क
े Lलए
12. इ|ािद
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38. यु3 क
े भेद
• सामा_त: दो !कार क
े यु6 क
े उaेख है।
1. धमGयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन िकया
जाता है।
2. क
ू टयु6 : वह यु6 9जसम/ शाcीय िनयमो का पालन नही
िकया जाता है।
कौिटh ने तीन !कार क
े यु6 का उaेख िकया है
1. !काशयु6
2. क
ू टयु6
3. तूषनीकयु6
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39. !काशयु3
• !काशयु6 को धमGयु6 भी कहते है।
• आमने-सामने का यु6 !काशयु6 कहलाता है।
• देश,काल और पराdम का िवचार करक
े , यह यु6 िकया जाता है।
• !काशयु6 म/ एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से यु6 करता
है।
• एक क
े साथ एक यु6 होता है।
• अनेक यो6ा 9मलकर एक पर वार नही करते।
• !काशयु6 म/ यु6 िनयमो को पालन िकया जाता है।
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40. क
ू टयु3
• छल और कपट से िकए गए यु) को क
ू टयु) कहते है।
• क
ू टयु) म+ धमCशाhो क
े िनयमो का पालन नही िकया जाता।
• कौिटj क
े अनुसार छल –कपट kारा भय उlmन करना,
दुगC को nं स करना क
ू टयु) है।
• अिoदाह,लूटमार,मारकाट, चोरी, िनश:h पर वार इ,ािद
क
ू टयु)क
े अंतगCत है।
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41. तूषनीकयु3
• तूषनीकयु6 भी एक !कार का क
ू टयु6 है।
• तूषनीकयु6 म/ शlु प; क
े नेता, सेनापित और मंिlयो को
फोड़ने का !यास िकया जाता है।
• तूषनीकयु6 म/ गु zप से िवष tारा शlु का वध िकया जाता
है।
• कौिटh कहते है कR जब शlु बलवान हो तब तूषनीकयु6 का
उपयोग करना चािहए।
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42. यु3 का उ@चत ान और समय
• यु6 क
े 9लए उ9चत देश (rान) और काल (समय) हमेशा से
महAपूणG रही है।
1. देश (rान): यु6 क
े 9लए पयाG अ-क
ृ षक जगह चािहए, जहाँ
सै_ यु6 अuास कर सक
े । उस ;ेl म/ शlु प; को भी पयाG
जगह होनी चािहए। जो जगह शlु क
े 9लए उ9चत उसे अधम कहा
गया है।(शुdनीित)
1. काल (समय): यु6 क
े 9लए शरद, हेमं ¢ और 9श9शर ऋतु योœ
माने गये है। वस¢ ऋतु का समय म|म और fी¤ का समय
अधम माना गया है।
42
43. यु3 िनयम
• कपटपूणG या गु आयुधों क
े साथ नही लड़ना चािहये (मनु)।
• िवषाƒ, शूलाf या जलती ई नोको वाले आयुधों से नही लड़ना
चािहये।
• िवषाƒ बाणों का !योग िनिष6 माना गया है (बौधायनसूl)।
• पानी पीते ए सैिनकों को नही मारना चािहये।
• खाना खाते ए या जूता िनकालते ए सैिनक पर वार नही करना
चािहये।
• cी, हथनी, सारथी, ¥ा¦ंण, भाट को नही मारना चािहये।
• बूढ़े और 9जसने मुँह म/ ितनका ले र¨ा है उसे नही मारना चािहए
(शांितपवG)।
• गदायु6 का िनयम था िक ना9भ क
े नीचे ना मारे।
• शांितपवG म/ कहा गया है कR, शlु प; क
े घायल सैिनकों कR
देखभाल करनी चािहये और ठीक होने पर उसे छोड़ िदया जाए।43
44. यु3 4वहार क
े !मुख िनयम
1. आdमण क
े अयोœ तथा अव| b[ƒ
2. शरणागत कR र;ा
3. दूत कR अव|ता
4. जनता कR र;ा
5. यो6ाओं म/ समानता
6. यु6 समय का पालन
7. िव9ज़त शlु क
े !ित उ9चत bवहार
8. यु6 िनयमो का पालन
44
46. शरणागत कV रHा
• यु6 म/ शरणागत कR र;ा करना धमG समझा गया है।
• जो शlु शरण म/ आए उसकR र;ा करना राजा का कतGb है।
• शरणागत का वध करना, द[oत करना महापाप माना गया है।
46
47. दूत कV अव_ता
• दूत कR अव|ता सभी राजनीितकरों ने मानी है।
• दूत का वध िनिष6 था।
• अि!य और अनु9चत बोलने पर भी दूत का वध नही िकया जाता
था।
• अ9धक उY¬ता करने पर भी उसका वध नही िकया जाता था ब[
िवzप िकया जाता सकता था।
47
48. जनता कV रHा
• यु6 क
े समय सामा_ जनता पर !हार अनु9चत माना गया है।
• क
ृ षक, bापाNरयों पर वार अधमG कहा गया है।
• यु6 !याण करने वाली सेना भी क
ृ िष फ़सलो को कोई नुक़सान नही
करती थी।
• मेगrनीज़ ने 9लखा है कR यु6ों क
े समय म/ भी िकसान क
ृ िष करते थे
और सामा_ जीवन पर को हानी नही पँचती थी।
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49. यो3ाओं मT समानता
• यो6ाओ म/ शƒी साध¯G, संतुलन और समानता होना महAपूणG
माना गया है।
• एक बलशाली यो6ा दूसरे बलशाली यो6ा से ही यु6 करना चािहए ये
िनयम था।
• शुd कहते है कR गजारोही क
े साथ गजारोही, अारोही क
े साथ
अारोही और पदाित क
े साथ पदाित का यु6 होना चािहए।
• सशc क
े साथ सशc ने यु6 करना उ9चत माना गया है।
• अनेक सैिनकों tारा एक पर !हार करना िनंदनीय समझा जाता था।
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50. यु3 समय का पालन
• !ाचीन भारत म/ यु6 िदन क
े !काश म/ लड़ने कR परqरा थी।
• सूयाG€ होने पर यु6 करना व9जGत था।
• रािl का यु6 रा;सी तथा अनु9चत समझा जाता था।
• लेिकन रािl यु6 क
े अनेक उदाहरण भारतीय इितहास म/ !ा होते
है।
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51. िव@ज़त शAु क
े !ित उ@चत 4वहार
• Gाचीन भारतीय परsरा क
े अनुसार िवLज़त शiु क
े Gित उLचत rवहार करना धम'
माना गया है।
• कोई भी पराLजत राजा 0मा और स„नता क
े rवहार का अLधकारी है।
• मनु का मत है कF िवजीत राजा को ऐसा काय' नही करना चािहए Lजससे पराLजत
राजा और Gजा को वेदना हो।
• 0मा माँगने वाले या अधीनता 5ीकार करने वाले राजा को आदर क
े साथ रा^
वापस िकया जाता था Lजसक
े उदाहरण हम? समुqगुd क
े Gयाग Gश~} म? Lमलते
है।
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52. िन#ष%
• Gाचीन काल म? भारत, सैW सं गठन, यु नीित, rूह रचना, रणनीित, सैW
तकनीक इ|ािद म? Gितभावान था।
• मौय' काल म? चतुरंिगणी सेना थी।
• गुdकाल म? रा^ कF सं गिठत सेना क
े साथ-साथ सामं ती सेना भी काम म? आने
लगी थी।
• आर~oक मZकाल म? सैW Gणाली लगभग Gाचीन पित पर ही सं गिठत थी।
• मZकालीन भारत (तुकˆ िक आमण) क
े समय भारतीय सेना (xे‰ घुड़सवार,
क
ु शल युकला, Gगत हLथयार इ|ािद) कमजोर Gतीत होती है।
• Gाचीन भारत म? युों म? िवशेष िनयमो, आचरणों और rवहारों का पालन िकए
जाने पर बल िदया जाता था।
• यु करने वाले दोनो प0ों से यह आशा कF जाती कF वे यु िनयमों का पालन करे।
• Gाचीन भारतीय यु क
े िनयम बड़े उदाt Gतीत होते है, शायद वह माने भी जाते रहे
हो, लेिकन इितहास म? चोल एवं अW राजवं श क
े यु क
े समय यु िनयमो का
पालन नही िकया गया ऐसे उदाहरण भी Gाd होते है।
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53. स"दभ% &ंथ
• Military History of India,
Sir. Jadunath Sarkar
• State and Government in Ancient India
Prof. A. S. Altekar
• !ाचीन भारत क+ !शास.नक एवं राजनी.तक सं3थाये,
डॉ. कृ ;ण क
ु मार.
• !ाचीन भारतीय राजनी.तक ?वचार एवं सं3थाये,
डॉ. रामशरण शमा@.
• कौBटDय क+ राEयFयव3था,
डॉ. Gयामलाल पाJडेय.
• धम@शा3L का इ.तहास (P?वतीय खंड),
भारतरSन डॉ. पाJडुरंग वामन काणे. 53