कमर दर्द के लक्षण व उपचार: (http://spiritualworld.co.in)
कमर का दर्द प्राय: गलत रहन-सहन से होता है| कमर को असंतुलित अवस्था में रखना ही इस दर्द का कारण बनता है| अत: इस रोग की दवा के साथ-साथ कमर को संतुलित एवं सीधी दिशा में रखना हितकर होता है|
कारण - यह रोग ज्यादातर उन स्त्री-पुरुषों को होता है जो अधिक देर तक बैठे-बैठे या खड़े होकर कार्य करते हैं| उनकी मुद्रा गलत होती है जिसके कारण एक तरफ की नमें अकड़ जाती हैं| इसके अलावा नरम गद्दों पर सोने, ऑफिस या घर पर भारी वजन उठाने के कारण शरीर में खिंचाव उत्पन्न हो जाता है| कई बार मांसपेशियों में खिंचाव होने से भी कमर दर्द होने लगती है|
पहचना - कमर में बहुत ज्यादा दर्द, उठने-बैठने में अपार कष्ट, सुबह उठने पर कमर में दर्द तथा झुकने पर भी तेज दर्द होता है| अत: इस रोग में दवा करने के साथ-साथ कुर्सी या तख्त पर सीधे बैठने चाहिए| सोने के लिए तख्त का इस्तेमाल करें|
नुस्खे - बरगद के पेड़ से चार-पांच कोंपलें लेकर चटनी पीस लें| सुबह नाश्ते के बाद गुनगुने पानी से यह चटनी खाएं|
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कमर का दर्दर्र प्राय: गलत रहन-सहन से होता है| कमर
को असंतुलिलत अवस्था मे रखना ही इस दर्दर्र का कारण
बनता है| अत: इस रोग की दर्वा के साथ-साथ कमर को
संतुलिलत एवं सीधी िदर्शा मे रखना िहतकर होता है|
कारण - यह रोग ज्यादर्ातर उन स्त्री-पुलरुषो को होता है
जो अिधक दर्ेर तक बैठे-बैठे या खड़े होकर कायर करते है|
उनकी मुलद्रा गलत होती है िजसके कारण एक तरफ की
नमे अकड़ जाती है| इसके अलावा नरम गद्दो पर सोने,
ऑफिफस या घर पर भारी वजन उठाने के कारण शरीर मे
िखचाव उत्पन हो जाता है| कई बार मांसपेिशयो मे
िखचाव होने से भी कमर दर्दर्र होने लगती है|
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पहचना - कमर मे बहुत ज्यादा ददर, उठने-बैठने मे
अपार कष, सुबह उठने पर कमर मे ददर तथा झुकने पर
भी तेज ददर होता है| अत: इस रोग मे दवा करने के
साथ-साथ कुसी या तख्त पर सीधे बैठने चािहए| सोने के
िलिए तख्त का इस्तेमालि करे|
नुस्खे - बरगद के पेड़ से चार-पांच कोंपलिे लिेकर चटनी
पीस लिे| सुबह नाश्ते के बाद गुनगुने पानी से यह चटनी
खाएं|
• 10 गाम गवारपाठा का गूदा लिेकर रोटी के साथ
खाएं|
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• सोंठ का चूण र दो चम्मच और नािरयलि का तेलि एक
चम्मच - दोनों को एक कम पानी मे उबालिकर सेवन
करे|
• राई तथा सरसों का तेलि सम्भाग मे िमलिाकर कमर
की मािलिश करे|
• सोंठ का चूण र पानी मे उबालिकर काढ़ा बनाकर सेवन
करे|
• लिौंग का तेलि सरसों के तेलि मे िमलिाकर कमर पर मलिे|
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• राई, सरसो, ितिल तिथा कपूर - सबको समान मात्रा मे
लेकर अच्छी तिरह पीसकर िमला ले| िफिर कमर पर 10-
15 िमनट तिक मले|
• 10 ग्राम अजवायन की पोटली बांध ले| िफिर उसे तिवे
पर गरम करके 5 िमनट तिक कमर की सेकाई कम से कम
15 िदिनो तिक िनत्य करे|
• जायफिल के चूण र को सरसो के तिेल मे िमलाकर पका
ले| िफिर इस तिेल को कमर पर मले|
• असगंध और सोठ बराबर की मात्रा मे लेकर पीस ले|
रोज 2 ग्राम चूण र सुबह के समय दिूध के साथ सेवन करे|
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• दिूध मे दिो चम्मच सोठ का चूण र डालकर उबाल ले|
इस दिूध का सेवन राति को सोतिे समय करे|
• पोस्ति (खसखस) 10 ग्राम तिथा कालीिमचर 10
ग्राम - दिोनो को पीसकर चूण र बना ले| इनमे से 5
ग्राम चरुं खाकर ऊपर से दिूध पी ले|
• सिहजन के फििलयो की सब्जी खाने से कमर दिदिर मे
लाभ होतिा है|
• छुहारे मे से गुठली िनकालकर उसमे गुग्गुल भर दिे|
इसके बादि छुहारे को दिूध मे पकाएं| यह दिूध राति को
सोतिे समय सेवन करे|
• सोठ तिथा तिुलसी के बीजो का काढ़ा बनाकर सेवन
करे|
7. • सरसो के तेल मे जरा-सी अफीम डालकर पकाएं|
िफर इस तेल की मािलश कमर पर करे|
कया खाएं कया नही - कमर दर्दर्र मे सामान्यत: िकसी
भी प्रकार की खाद वस्तुएं खाई जा सकती है|
लेिकन जब वायु प्रकोप के कारण कमर दर्दर्र हो तो
वायु बनाने वाली एवं गरिरष वस्तुओ के सेवन से
बचना चािहए| इसके बजाय सुपाच्य, हल्के एवं
पौष्टिष्टिक पदर्ाथो का उपयोगर करे| सुबह हल्का
व्यायाम करना अथवा शाम को कुछ दर्ूर तक
टहलना लाभकारी होता है|
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