अतिसार दस्त के लक्षण व उपचार: (http://spiritualworld.co.in)
भोजन न पचने (अग्निमांद्य) की वजह से द्रव्य धातु से मिलकर पाखाना (मल) वायु सहित गुदा से बाहर निकलता है, इसे अतिसार या दस्त कहते हैं| यह छ: प्रकार का होता है - वातिक, पैत्तिक, श्लेष्मज, त्रिदोषज, शोकज तथा आमज| इस रोग में दस्त कई रंग के आते हैं| दस्तों के साथ पेट में मरोड़ भी होती है| पेट में शूल उठता है और रोगी को बार-बार मल त्याग करने जाना पड़ता है| इसके बाद भी उसे चैन नहीं मिलता| कभी-कभी दस्तों के साथ खून भी आता है|
कारण - यह रोग भोजन न पचने, दूषित भोजन करने, संक्रमण, आंतों में सूजन, पेचिश की बीमारी आदि से सम्बंधित है| यह ज्यादातर अजीर्ण के कारण हो जाता है| पेट में जमा हुआ मल आंतों से उखड़ कर बाहर निकलना चाहता है, किन्तु सड़न क्रिया के कारण वह पतले रूप में बाहर आता है|
पहचान - इस रोग में थोड़ी-थोड़ी देर के अन्तर से बार-बार पतला मल आता है| रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है| पेट में दर्द, मरोड़, गुड़गुड़ाहट, खट्टी डकारें आदि लक्षण साफ-साफ दिखाई देते हैं|
नुस्खे - बेल का गूदा पानी में मथकर थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर नित्य कुछ दिनों तक पीने से दस्त बंद हो जाते हैं|
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भोजन न पचने (अग्निमाग्निमांद) की वजह से द्रव धातु से
िमामलकर पाखाना (मल) वायु सिमाहत गुदा से बाहर
िमानकलता है, इसे अग्निमातसार या दस्त कहते है| यह छ:
प्रकार का होता है - वािमातक, पैिमात्तिक, श्लेष्मज, िमात्रिदोषज,
शोकज तथा आमज| इस रोग मे दस्त कई रंग के आते है|
दस्तो के साथ पेट मे मरोड़ भी होती है| पेट मे शूल
उठता है और रोगी को बार-बार मल त्याग करने जाना
पड़ता है| इसके बाद भी उसे चैन नही िमामलता| कभी-
कभी दस्तो के साथ खून भी आता है|
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कारण - यह रोग भोजन न पचने, दूिमाषत भोजन करने,
संक्रमण, आंतो मे सूजन, पेिमाचश की बीमारी आिद से
सम्बंिमाधत है| यह ज्यादातर अग्नजीणर के कारण हो जाता
है| पेट मे जमा हुआ मल आंतो से उखड़ कर बाहर
िमानकलना चाहता है, िकन्तु सड़न िक्रया के कारण वह
पतले रूप मे बाहर आता है|
पहचान - इस रोग मे थोड़ी-थोड़ी देर के अग्नन्तर से बार-
बार पतला मल आता है| रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है|
पेट मे ददर, मरोड़, गुड़गुड़ाहट, खट्टी डकारे आिद लक्षण
साफ-साफ िदखाई देते है|
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नुसखे - बेल का गूदा पानी मे मथकर थोड़ी-सी शक्कर
िमलाकर िनत्य कुछ िदनो तक पीने से दसत बंद हो जाते
है|
• पीपल के दो पत्तो को पानी मे उबालकर पानी िपएं|
• बेल का मुरब्बा सेवन करने से हर प्रकार के दसत रुक
जाते है|
• सौंफ, ईसबगोल, बेलिगरी तथा चीनी-सब 100-100
ग्राम की मात्रा मे पीसकर चूण र बनाकर कांच की शीशी
मे रख ले| इसमे से 5-5 ग्राम चूण र िनत्य सुबह-शाम मट्ठे
या ताजे पानी के साथ सेवन करे|
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• यिद दसत के साथ खून आने की िशकायत हो तो
दूब का रस आधा चम्मच सेवन करे या थोड़ी-सी दूब
का काढ़ा बनाकर िपएं|
• जामुन और आम की गुठली की िगरी पीसकर चूण र
बना ले| सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच चूण र मट्ठे या
ताजे पानी से ले|
• एक रत्ती अफीम पानी के साथ लेने से दसत रुक
जाते है|
• पके हुए फरैदा जामुन का रस पांच चम्मच लेकर
उसमे जरा-सी चीनी या गुड़ िमलाकर सेवन करे|
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• दो चम्मच रीठे का पानी पीने से हर तरह के दसत
रुक जाते है|
• थोडा-सा जायफल िसल पर िघिसे| उसमे तुलसी के
बीजो का चूण र आधे चम्मच की मात्र मे िमलाएं|
िफर इसे एक कप पानी मे घिोलकर पी जाएं|
• लौकी का रायता छाछ मे बनाकर भोजन के साथ
ले|
• रोज दो कप छाछ मे एक चम्मच शहद िमलाकर
कुछ िदनो तक सेवन करने से हर प्रकार का दसत
समाप हो जाता है|
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• आम की कोंपलों को पानी मे औटाकर छानकर
सेवन करे|
• बेल का रस एक िगिलास लेकर उसमे एक चुटकी
भुनी हुई िफिटिकरी िमलाकर सुबह-शाम िपएं|
• यदिद िकसी अंग्रेजी दवा के कारण दस्त हो तो नीबू
के रस मे थोड़ा-सा घी िमलाकर पी जाएं|
• चार बूंद अकर पुदीना ताजे पानी मे डालकर सेवन
करे|
• बथुए की सब्जी मूंगि की दाल मे िमलाकर खाने से
दस्तों मे काफिी आराम िमलता है|
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• इमली के िचयदों को पानी मे पीस ले| िफिर दो
चम्मच की मात मे मट्ठे के साथ सेवन करे|
• यदिद गिरमी के मौसम मे दस्त का रोगि हो जाए तो
चार-पांच नीम के मुलायदम पत्ते पानी मे उबाल-
छानकर थोड़ी-सी िमश्री डालकर पी जाएं|
• तुलसी के दो-चार पत्ते सुबह-शाम चबा जाएं| दस्त
रुक जाएंगिे|
• 2-3 ग्राम दालचीनी का चूणर खाकर ऊपर से पानी
पी ले|
9. • एक कप पानी मे अदरक का रस एक चम्मच तथा
चार दाने कालीिमचर औटाकर काढ़े के रूप मे सेवन
करे|
• चार पीपल, दो छोटी हरड़ तथा दो चुटकी काला
नमक पीसकर तीन खुराक करे| िदन मे तीन बार
इस चूणर को लेने से दस्त बंद हो जाते है|
• धनिनयदा का चूणर एक चम्मच की माता मे फिांककर
पानी पी ले|
• एक अखरोट की िगिरी को महीन पीसकर नािभ पर
पतला-पतला लेप करे| यदिद दस्तों मे ऐंठन यदा मरोड़
होगिी तो वह भी रुक जाएगिी|
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10. दो चम्मच खसखस थोड़े-से पानी मे पीस ले| िफिर इसे
दही मे िमलाकर खाने से मरोड़ वाले दस्त रुक जाते
है|
कया खाएं कया नही - दस्तो मे आराम पहुंचाने वाला
भोजन मूंग की दाल की पतली िखचड़ी है| यह
िखचड़ी िबिना घी डाले छाछ या मट्ठे के साथ खानी
चािहए| िमचर-मसाले वाले भोज्य पदाथो या
पकवान का प्रयोग दस्त ठीक होने तक न करे|
िदनभर तुलसी की पित्तियो का पानी िपएं| यह पानी
बिनाने के िलए एक लीटर पानी मे चार-पांच तुलसी
की पित्तियां डालकर उबिाल ले| इस पानी को तांबिे के
बिरतन मे रख ले| इसे पेट के कीड़े मारने मे भी
प्रयोग िकया जा सकता है|
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11. गरम, शुष्क तथा नशीले पदाथो का सेवन न करे|
जबि पाखाना कुछ बिंधकर आने लगे तो लौकी, िटण्डे
या तरोई की सब्जी के साथ चोकर सिहत आते की
चपाती बिनवाकर खाएं| प्रितिदन हल्का व्यायाम
करे और पेट पर पानी की धार छोड़े| नीबिू, अनार,
केला, पपीता, अमरूद आिद फिल थोड़ी मात्रा मे
लेते रहे|
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