http://spiritualworld.co.in श्री गुरु रामदास जी की दास भावना: एक दिन श्री चन्द जी गुरु रामदास जी के पास आए| ये श्री गुरु नानक साहिब के बड़े सुपुत्र थे| वे गुरु जी की महिमा सुनकर अपने गोदड़िए के कंधे पर गुरु के चक आए| जब गुरु जी को श्री चन्द जी के आने का पता लगा तो वे आगे होकर मिले व उनके चरणों पर नमस्कार की| उन्हें बड़े सत्कार के साथ लाकर प्रसाद, पानी की सेवा की| बाबा श्री चन्द जी ने पूछा कि रामदास जी! आप ने दाड़ी इतनी लम्बी क्यों बढ़ाई हुई है? तब गुरु जी ने बड़ी नम्रतापूर्वक दाड़ी हाथ में पकड़कर उत्तर दिया कि यह आप जी के चरण साफ करने के लिए बढ़ाई है| गुरु जी के ऐसे निमानेपन को देखकर बाबा श्री चन्द खुश हो गए व कहने लगे कि इन गुणों के कारण ही आपने यह उच्च पदवी पाई है| more on http://spiritualworld.co.in