कब्ज (कोष्ठबद्धता) के लक्षण व उपचार: (http://spiritualworld.co.in)
कब्ज छोटे-बड़े सभी लोगों को हो जाता है| इसमें खाया हुआ भोजन शौच के साथ बाहर नहीं निकलता| वह आंतों में सूखने लगता है| मतलब यह कि आंतों में शुष्कता बढ़ने के कारण वायु मल को नीचे की तरफ सरकाने में असमर्थ हो जाती है| यही कब्ज की व्याधि कहलाती है|
कारण - प्रतिदिन दोनों समय मल का साफ होकर न निकलना ही कब्ज है| यदि मल त्याग के समय बल लगाना पड़े तो समझ लेना चाहिए कि कब्ज हो गया है| इसमें मल कड़ा और शुष्क हो जाता है| यह रोग वरिष्ठ भोजन, मिर्च-मसालेदार पदार्थों का अत्यधिक सेवन तथा छिलका रहित भोजन लेने, शराब पीने, व्यायाम न करने, दिनभर बैठे-बैठे काम करने आदि के कारण हो जाता है| क्रोध, लोभ, मोह, लालच आदि का भी पेट पर असर पड़ता है, जिससे कब्ज की शिकायत हो जाती है|
पहचान - कब्ज होने पर पेट में दर्द, भारीपन, भोजन में अरुचि, सुस्ती, बेचैनी आदि लक्षण दिखाई देते हैं| यदि कब्ज पुराना हो जाता है तो वायु का रोग हो जाता है| तब सिर, कमर तथा हाथ-पैरों में दर्द की शिकायत हो जाती है|
नुस्खे - रात को तांबे या मिट्टी के बरतन में पानी रखकर सुबह निहार मुंह पीने से कब्ज टूट जाता है और मल साफ आता है|
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Homemade Remedies for Constipation - 008
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कब्ज छोटे-बड़े सभी लोगो को हो जाता है| इसमे खाया
हुआ भोजन शौच के साथ बाहर नही िनकलता| वह
आंतो मे सूखने लगता है| मतलब यह िक आंतो मे
शुष्कता बढ़ने के कारण वायु मल को नीचे की तरफ
सरकाने मे असमथर हो जाती है| यही कब्ज की व्यािध
कहलाती है|
कारण - प्रतितिदिन दिोनो समय मल का साफ होकर न
िनकलना ही कब्ज है| यिदि मल त्याग के समय बल
लगाना पड़े तो समझ लेना चािहए िक कब्ज हो गया है|
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इसमे मल कड़ा और शुष्क हो जाता है| यह रोग विरष
भोजन, िमचर-मसालेदिार पदिाथो का अत्यिधक सेवन
तथा िछलका रिहत भोजन लेने, शराब पीने, व्यायाम न
करने, िदिनभर बैठे-बैठे काम करने आिदि के कारण हो
जाता है| क्रोध, लोभ, मोह, लालच आिदि का भी पेट पर
असर पड़ता है, िजससे कब्ज की िशकायत हो जाती है|
पहचान - कब्ज होने पर पेट मे दिदिर, भारीपन, भोजन
मे अरुचिच, सुस्ती, बेचैनी आिदि लक्षण िदिखाई दिेते है|
यिदि कब्ज पुराना हो जाता है तो वायु का रोग हो जाता
है| तब िसर, कमर तथा हाथ-पैरो मे दिदिर की िशकायत
हो जाती है|
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नुसखे - रात को तांबे या िमिट्टी के बरतन मिे पानी रखकर
सुबह िनहार मिुंह पीने से कब्ज टूट जाता है और मिल
साफ आता है|
• अमिलतास के फू ल तथा गूदा खाने से कब्ज टूट जाता
है|
• रात के समिय दूध मिे चार-पांच मिुनक्के डालकर सेवन
करे|
• दो अंजीर एक िगलास पानी मिे िभिगो दे| थोड़ी देर
बाद जब अंजीर फू ल जाएं तो उन्हे पानी मिे मिथकर पी
जाएं|
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• एक चुटकी हरड़ का चूण,र, दो चुटकी बहेड़ा का चूण,र
तथा एक चम्मिच आंवले का चूण,र भिोजन के बाद रात
को गरमि पानी के साथ ले|
• रात को 50 ग्रामि चने और 50 ग्रामि साबुत मिूंग
पानी मिे िभिगो दे| सुबह इन्हे चबा-चबाकर खाएं|
िफर ऊपर से उसका पानी पी ले| इससे कब्ज की
िशिकायत दूर हो जाएगी|
• भिोजन के बाद एक िगलास पपीते का रस पीने से
कब्ज दूर हो जाता है|
• रात को चार चम्मिच देशिी घी मिे एक रत्ती केसर
िमिलाकर सेवन करे|
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• छोटी हरड़ का चूण,र 3 ग्रामि, सनाय की पित्तयो का
चूण,र 5 ग्रामि और गुलाब की सुखी पित्तयां 3 ग्रामि -
सबको िमिलाकर गुनगुने पानी से सुबह-शिामि दो
मिात्राएं बनाकर सेवन करे|
• भिोजन के साथ लहसुन खाने से कब्ज और वायु की
िशिकायत नही होती|
• रात को एक चम्मिच आंवले का चूण,र दूध के साथ
सेवन करे|
• 100 ग्रामि सेब के िछलके पानी मिे उबालकर िनत्य
भिोजन के बाद िपएं|
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• 250 गाम अमरद खाकर ऊपर से आधा लीटर
दूध पी जाएं| उस िदन भोजन न करे| आंतो से मेल
िनकल जाएगा|
• एक चममच एरणड का तेल दूध मे िमलाकर सेवन
करने से कबज की िशकायत दूर होती है|
• भोजन के बाद आम खाकर दूध पीने से भी कबज
टूट जाता है|
• कची शलजम खाने से दसत साफ आता है|
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• गरम पानी मे गुलाब का एक फू ल िभगो दे| िफर
उसको मथकर शहद डालकर वह पानी पी जाएं|
• दो चममच मूंगफली के तेल मे थोड़ा-सा शहद
िमलाकर सेवन करे|
• िगलोय को कुचलकर उसमे जरा-सा गुड़ िमलाकर
सेवन करे|
• बैंगन को कुचलकर उसका रस चार चममच
िनकाले| िफर उसमे दो चममच पालक का रस
िमलाकर पी जाएं|
9. • दालचीनी, सोठ, जीरा तथा इलायची 3-3 गाम
लेकर चूण र बनाकर गरम पानी के साथ सेवन करे|
• रात को हरड़ का मुरबबा खाने से सुबह पेट साफ
हो जाता है|
• गुलकंद को दो चममच अमलतास के गूदे के साथ
सेवन करे|
• सौंफ, बनफशा, बादाम की िगरी, सनाय तथा
चीनी 5-5 गाम - सबका चूण र बनाकर गुनगुने पानी
से सेवन करे|
ितल कूटकर उसमे जरा-सी खांड़ िमलाकर सेवन करे|
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10. कया खाएं कया नही - गेहूं तथा जौ की रोटी मे चोकर
की मात्रा ज्यादा होने से कब्ज नही बनता| िजतनी
भूख हो, उससे एक या आधी रोटी कम खाने से पेट
ठीक रहता है| दालो मे मूंग और मसूर फायदेमंद है|
सिब्जयो मे तरोई, परवल, िटण्डा, लौकी, आलू,
शलजम, पालक, मेथी आिद िबना िमचर-मसाले के
खाना चािहए|
फलो मे अमरूद, आम, आंवला, अंगूर, खरबूजा,
खूबानी, पपीता, जामुन, नाशपती, बेल, मौसमी,
सेब, संतरा आिद का सेवन करे| चावल, कड़े पदाथर,
तैलीय चीजे, खटाई, रबड़ी, मेवे, पेड़ा, बेसन की
चीजे आिद का सेवन िबलकुल न करे|
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भोजन के साथ टमाटर या गाजर का रस, कब्ज वाले
मरीजो के िलए बहुत लाभकारी है| इसके अलावा
मन को शांत रखे| व्यर्थर मे क्रोध, लोभ, लालच आिद
की बाधा पास न आने दे| सुबह-शाम पैदल चलना
तथा व्यर्ायाम करना भी अच्छा रहता है|
व्यर्ायाम सदैव शारीिरक शिक के अनुसार करे|
व्यर्ायाम के आधा घंटा बाद दूध या िकसी पौिष्टिक
पदाथर का सेवन कर सकते है|