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अध्याय 1
1 नबूकोदोनोसोरक शासनक बारहम वर्ष मे, जे महान नगर नीनवे मे
राज क
े लनन। अर्ाषक्सादक समय मे, जे एकबतान मे मादी पर राज
करैत छल।
2 एकबतान मे चारू कात तीन हाथ चौडा आ छह हाथ नमहर
पाथरक देबाल बनौलनन आ देबालक ऊ
ँ चाई सत्तर हाथ आ चौडाई
पचास हाथ बनौलनन।
3 ओकर र्ाटक पर ओकर बुजष सभ सय हाथ ऊ
ँ च आ नीींव मे सानि
हाथ चौडाई राखि नदयौक।
4 ओ ओकर र्ाटक सभ क
ेँ सत्तरर हाथ ऊ
ँ च र्ाटक बनौलनन आ
ओकर चौडाई चालीस हाथ छलैक, जानह सँ ओकर पराक्रमी सेना
सभक बाहर ननकलबाक आ अपन पैदल सैननक सभक नसलनसला मे
बैसबाक लेल।
5 ओनह समय मे राजा नबूचोदोनोसोर राजा अर्ाषक्सद सँ ओनह
महान मैदान मे युद्ध कयलनन, जे रगौक सीमा मे मैदान अनछ।
6 पहाडी इलाका मे रहननहार सभ लोक, यूफ्र
े नटस, टाइनिस आ
नहदास्पेस, एलीनमयाक राजा अररओकक मैदान मे रहननहार सभ आ
क
े लोदक बहुत रास जानत हुनका लग जमा भ’ गेलाह युद्ध क
े नलये।
7 तिन अश्शूरक राजा नबूकदोनोसोर र्ारस मे रहननहार सभ,
पनिम नदस रहननहार सभ, नकनलनसया, दनमश्क, नलबानस,
एीं टीनलबानस आ समुद्रक कात मे रहननहार सभ क
ेँ पिौलनन।
8 कमेल, गलाद, उपर गलील आ एस्द्द्रेलोमक महान मैदानक जानत मे
सँ लोक सभ क
ेँ ।
9 सामररया आ ओकर नगर सभ मे, यरदन नदीक ओनह पार
यरूशलेम, बेताने, चेलुस, कादेस, नमस्रक नदी, तर्नेस, रामसे आ
पूरा गेसेम देश धरर।
10 जाबत धरर अहाँ सभ तननस आ मेखफर्सक ओनह पार आ नमस्रक
समस्त ननवासी सभक बीच ननह पहुँचब, जाबत धरर अहाँ सभ
इनथयोनपयाक सीमा मे ननह पहुँचब।
11 मुदा ओनह देशक सभ ननवासी अश्शूरक राजा नबूकोदोनोसोरक
आज्ञा क
ेँ हल्लुक कयलनन आ ने हुनका सींग युद्ध मे गेलाह। नकएक तँ
ओ सभ हुनका सँ डरैत ननह छलनन।
12 एनह लेल नबूकदोनोसोर एनह समस्त देश पर बहुत क्रोनधत भऽ
अपन नसींहासन आ राज्यक शपथ लेलनन जे ओ नकनलनसया, दनमश्क
आ अररयाक ओनह समस्त तट पर बदला लेत आ ओनह मे रहननहार
सभ लोक क
ेँ तलवार सँ मारर देत मोआब देश, अम्मोनक सन् तान,
समस्त यहूनदया आ नमस्र मे रहननहार सभ, जाबत अहाँ दुनू समुद्रक
सीमा मे ननह पहुँचब।”
13 तिन ओ सत्रहम वर्ष मे अपन शखिक सींग राजा अर्ाषक्सदक
नवरुद्ध युद्ध मे सजल छलाह आ अपन युद्ध मे नवजयी भेलाह, नकएक
तँ ओ अर्ाषक्सदक समस्त शखि आ अपन सभ घुडसवार आ अपन
सभ रथ क
ेँ उिानड र्
े नक देलनन।
14 ओ अपन नगर सभक मानलक बनन एकबताने पहुँचलाह आ बुजष
सभ क
ेँ पकनड लेलनन आ ओकर गली-गली सभ क
ेँ लूनट लेलनन आ
ओकर सुन्दरता क
ेँ लज्जा मे बदनल देलनन।
15 ओ रगौक पहाड मे अर्
ष क्सद क
ेँ सेहो पकनड लेलक आ ओकरा
बाण सँ मारर देलक आ ओनह नदन ओकरा एकदम सँ नष्ट कऽ
देलक।
16 तकर बाद ओ नीनवे घुरर गेलाह, ओ आ ओकर समस्त जानतक
दल दुनू गोटे बहुत बेसी युद्धक लोक छल, आ ओतनह ओ अपन सेना
आ अपन सेना दुनू गोटे एक सय बीस नदन धरर भोज-भात कयलनन।
अध्याय 2
1 अिारहम वर्ष मे, पनहल मासक दू -बीसम नदन, अश्शूरक राजा
नबूकोदोनोसोरक घर मे चचाष भेल जे ओ जेना कहलनन, पूरा पृथ्वी पर
अपन बदला लेनथ।
2 तिन ओ अपन सभ अनधकारी आ अपन सभ क
ु लीन लोक क
ेँ
हुनका सभ क
ेँ बजा कऽ हुनका सभ सँ अपन गुप्त सलाह देलनन आ
समस्त पृथ्वीक कष्ट क
ेँ अपन मुँह सँ समाप्त कयलनन।
3 तिन ओ सभ ओनह सभ प्राणी क
ेँ नष्ट करबाक आज्ञा देलनथन जे
हुनकर मुँहक आज्ञा ननह मानैत छल।
4 जिन ओ अपन सलाह समाप्त कऽ कऽ अश्शूरक राजा
नबूकोदोनोसोर अपन सेनाक प्रमुि सेनापनत होलोर्नेस क
ेँ बजा
कऽ कहलनथन।
5 महान राजा, समस्त पृथ्वीक स्वामी ई कहैत छनथ, “देिू, अहाँ
हमरा सोझाँ सँ ननकनल जायब आ अपन शखि पर भरोसा करयवला
लोक क
ेँ अपना सींग ल’ जायब, पैदल चलननहार मे सँ एक लाि
बीस हजार। आ घोडाक सींख्या अपन सवारक सींग बारह हजार।
6 अहाँ पनिमक समस्त देशक नवरुद्ध जायब, नकएक तँ ओ सभ हमर
आज्ञाक आज्ञा ननह मानलक।
7 ओ सभ हमरा लेल मानट आ पानन तैयार कऽ कऽ कहब, नकएक तँ
हम हुनका सभक नवरुद्ध अपन क्रोध मे ननकलब आ अपन सेनाक
पएर सँ पूरा धरती क
ेँ झाँनप देब आ ओकरा सभ क
ेँ लूट मे दऽ देब
हुनकर:
8 जानह तरहेँ ओकर सभक मारल गेल लोक ओकर घाटी आ धार
सभ क
ेँ भरर देत आ नदी ओकर मृत् यु सँ भरर जायत जाबत धरर ओ
उमनड ननह जायत।
9 हम ओकरा सभ क
ेँ बींदी बना कऽ समस्त पृथ्वीक अन्त्य भाग धरर
लऽ जायब।
10 तेँ अहाँ आगू बढ़ब। आ हमरा लेल पनहने सँ ओकर सभक समस्त
क्षेत्र लऽ नलअ।
11 मुदा नवद्रोह करयवला सभक नवर्य मे अहाँक नजरर ओकरा सभ
क
ेँ ननह दया। मुदा ओकरा सभ क
ेँ वध मे राखि नदयौक आ जतय
जाउ, ओकरा सभ क
ेँ लूनट नदयौक।”
12 हम जनहना जीबैत छी आ अपन राज्यक सामर्थ्षक कारणेँ जे
नकछु कहलहुँ, से हम अपन हाथ सँ करब।
13 अहाँ सावधान रहू जे अहाँ अपन प्रभुक कोनो आज्ञाक उल्लींघन
ननह करू, बल् नक हमरा आज्ञा जकाँ पूणष रूप सँ पूरा करू आ
ओकरा पूरा करबा मे स्द्थनगत ननह करू।
14 तिन होलोर्नेस अपन मानलकक सोझाँ सँ ननकनल गेलाह आ
अस्सूरक सभ गवनषर आ सेनापनत सभ आ सेनापनत सभ क
ेँ
बजौलनन।
15 ओ अपन मानलकक आज्ञाक अनुसार चुनल लोक सभ क
ेँ युद्धक
लेल एक लाि बीस हजार आ घोडा पर सवार बारह हजार धनुधषर
धरर जमा कयलनन।
16 ओ ओकरा सभ क
ेँ ओनहना राखि देलक जेना युद्धक लेल एकटा
पैघ सेना क
ेँ आदेश देल गेल छै क।
17 ओ बहुत पैघ सींख्या मे ऊ
ँ ट आ गदहा क
ेँ गाडी मे ल’ लेलनन।
आ अपन भरण-पोर्णक लेल भेँडा-बकरी आ बकरी सभ अननगनत।
18 सेनाक प्रत्येक आदमीक लेल भरपूर भोजन आ राजाक घर सँ
बहुत रास सोना-चानी।
19 तिन ओ अपन समस्त शखिक सींग यात्रा मे राजा
नबूकोदोनोसोरक आगू बनढ़ गेलाह आ पनिम नदस अपन रथ,
घुडसवार आ अपन चुनल पैदल सैननक सँ पनिम नदसक समस्त
भूभाग क
ेँ झाँनप देलनन।
20 बहुतो लोक ओकरा सभक सींग नटड्डी आ पृथ् वीक बालु जकाँ
आनब गेल।
21 ओ सभ नीनवे सँ तीन नदनक यात्रा पर बेखिलेथक मैदान नदस
बढ़लाह आ बेखिलेथ सँ ऊपर नकनलनसयाक बामा कातक पहाडक
समीप िाढ़ भऽ गेलाह।
22 तिन ओ अपन सभ सेना, पैदल सवार, घुडसवार आ रथ क
ेँ लऽ
कऽ ओतय सँ पहाडी इलाका मे चनल गेलाह।
23 र्
ु द आ लूद क
ेँ नष्ट कऽ देलक आ चेनलयनक देशक दनक्षण मे
जींगल नदसक सभ रास आ इस्राएलक सन् तान सभ क
ेँ लूनट लेलक।
24 तिन ओ यूफ्र
े नटस पार कऽ मेसोपोटानमया होइत गेल आ अबोनै
नदीक समस्त ऊ
ँ च नगर सभ क
ेँ नष्ट कऽ देलक जाबत धरर अहाँ सभ
समुद्र मे ननह पहुँचब।
25 ओ नकनलनसयाक सीमा क
ेँ पकनड लेलक आ ओकर नवरोध
करयवला सभ क
ेँ मारर देलक आ यार्
े तक सीमा मे पहुँनच गेल जे
दनक्षण नदस अरबक सामने छल।
26 ओ मदीयानक सभ सन् तानक चारू कात घुनम कऽ ओकर
सभक तम्बू सभ जरा देलक आ ओकर सभक भेँडाक घर लूनट
लेलक।
27 तिन ओ गहूम कटबाक समय मे दनमश्कक मैदान मे उतरर
गेलाह, ओकर सभ िेत क
ेँ जरा देलनन, ओकर भेँडा आ भेँडा क
ेँ नष्ट
क’ देलनन, ओकर सभक नगर सभ क
ेँ लूनट लेलनन, ओकर सभक
देश क
ेँ एकदम बबाषद क’ देलनन आ ओकर सभ युवक क
ेँ मारर
देलनन तलवारक धार।
28 एनह लेल समुद्रक कात मे रहननहार सभ नसदोन आ सोर मे
रहननहार, सुर आ ओसीना मे रहननहार आ यम्नान मे रहननहार सभ
लोक पर हुनका भय आ भय भऽ गेलनन। अजोतुस आ अस्कलोन मे
रहननहार लोक सभ हुनका सँ बहुत डरैत छल।
अध्याय 3
1 ओ सभ हुनका लग राजदू त पिौलनथन जे ओ सभ शान् नतक सींग
रहनथ।
2 देिू, हम सभ महान राजा नबूकोदोनोसोरक सेवक सभ अहाँक
सोझाँ पडल छी। हमरा सभ क
ेँ ओनहना उपयोग करू जेना अहाँक
नजरर मे नीक होयत।
3 देिू, हमर सभक घर-घर, हमरा सभक सभ िाम, हमरा सभक
सभ गहूमक िेत, भेँडा-बदल आ भेँडा-बदल आ हमर सभक डेराक
सभटा िे हुन अहाँक सोझाँ पडल अनछ। जेना अहाँक इच्छा हो,
ओकर उपयोग करू।
4 देिू, हमरा सभक नगर आ ओनह मे रहननहार सभ सेहो अहाँक
सेवक अनछ। आऊ आ ओकरा सभक सींग जेना नीक लागय, तेना
व्यवहार करू।”
5 ओ लोक सभ होलोर्नेस लग आनब कऽ हुनका एनह तरहेँ
सुनौलनन।
6 तिन ओ आ अपन सेना दुनू समुद्रक कात मे उतरर कऽ ऊ
ँ च नगर
सभ मे सेना रिलक आ ओनह मे सँ चुनल-चुनल लोक सभ क
ेँ
सहायताक लेल ननकानल लेलक।
7 तेँ ओ सभ आ चारू कातक लोक सभ हुनका सभ क
ेँ माला, नाच-
गान आ धुन-धना सँ स्वागत कयलनन।
8 तइयो ओ हुनका सभक सीमा क
ेँ र्
े नक देलनन आ ओकर सभक
बगीचा सभ क
ेँ कानट देलनन, नकएक तँ ओ एनह देशक सभ देवता क
ेँ
नष्ट करबाक आज्ञा देने छलाह जे सभ जानत मात्र नबूकोदोनोसोरक
आराधना करनथ आ सभ भार्ा आ गोत्र हुनका देवता बनन पुकारनथ।
9 ओ यहूनदयाक समीप एस्द्द्रेलोनक ओनह पार आनब गेलाह।
10 ओ गेबा आ खस्कथोपोनलसक बीच मे िसिस िाढ़ कयलनन आ
ओतनह एक मास भरर रहलाह जानह सँ ओ अपन सेनाक सभ गाडी क
ेँ
एक िाम जमा कऽ सकनथ।
अध्याय 4
1 यहूनदया मे रहननहार इस्राएलक लोक सभ सुनलक जे अश्शूरक
राजा नबूकोदोनोसोरक प्रमुि सेनापनत होलोर्नेस जानत सभक सींग
क
े ने छल आ ओकरा सभक सभ मखन्दर क
ेँ लूनट कऽ ओकरा सभ क
ेँ
अनवनाशी कऽ देलक।
2 तेँ ओ सभ हुनका सँ बहुत भयभीत भऽ गेलाह आ यरूशलेम आ
अपन परमेश् वर परमेश् वरक मन् नदरक लेल त्रस्त भऽ गेलाह।
3 ओ सभ बींदी मे सँ नव-नव घुरल छल आ यहूनदयाक सभ लोक सभ
जखिये एक िाम जमा भऽ गेल छल।
4 तेँ ओ सभ सामररयाक समस्त प्रदेश, गाम-घर, बेथोरोन, बेलमेन,
यरीहो, चोबा, एसोरा आ सलेम घाटी मे पिा देलक।
5 ओ सभ ऊ
ँ च पहाडक सभ चोटी पर पनहने सँ अपना क
ेँ अपना क
ेँ
अपना मे समेनट लेलनन आ ओनह गाम सभ क
ेँ मजबूत कऽ लेलनन आ
युद्धक पोर्णक लेल भोजन-पानी जमा कयलनन।
6 ओनह समय मे यरूशलेम मे महापुरोनहत योआसीम बेतुनलया आ
बेतोमेस्टम मे रहननहार लोक सभ क
ेँ पत्र नलखि देलनथन जे
एस्द्द्रेलोनक सामने अनछ, जे दोथैमक समीप अनछ।
7 हुनका सभ क
ेँ पहाडी इलाकाक बाट सभ क
ेँ सुरनक्षत रिबाक
आज्ञा दैत छलनन, नकएक तँ हुनका सभक द्वारा यहूनदया मे प्रवेश
करबाक द्वार छल, आ ऊपर आबय बला सभ क
ेँ रोकब आसान छल,
कारण ओ बाट सोझ छल, बेसी सँ बेसी दू गोटेक लेल।
8 इस्राएलक सन् तान सभ यरूशलेम मे रहननहार सभ इस्राएलक
प्राचीन लोक सभक सींग जेना महापुरोनहत योआसीम आज्ञा देने
छलाह, तेना कयलक।
9 तिन इस्राएलक प्रत् येक मनुर्् य बहुत जोर सँ परमेश् वर सँ
पुकारलनन आ बहुत जोर सँ अपन प्राण क
ेँ नम्र कयलनन।
10 ओ सभ, स् त्रीगण, सींतान, माल-जाल, सभ परदेशी आ भाडा-
करकट आ अपन नोकर सभ जे पाइ सँ कीनैत छल, दुनू गोटे अपन
कमर मे बोरा पनहरने छलाह।
11 एनह तरहेँ सभ स्त्री-पुरुर् आ छोट-छोट बच्चा आ यरूशलेमक
ननवासी मखन्दरक सोझाँ िनस पडलाह आ अपन माथ पर राि
र्
े कलनन आ प्रभुक मुँह पर अपन बोरा पसारर देलनन।
12 ओ सभ इस्राएलक परमेश् वर सँ एक सहमनत सँ पुकारलनन जे
ओ हुनका सभक सींतान क
ेँ लूट मे ननह देनथन, आ हुनकर स् त्री क
ेँ
लूट मे ननह दऽ देताह, आ हुनकर सभक उत्तरानधकारक नगर सभ
क
ेँ नवनाश मे ननह दऽ देताह, आ पनवत्र स्द्थान क
ेँ अपनवत्र आ ननन्दा मे
ननह दऽ देताह जानत-जानत सभक
ेँ आनखन्दत करबाक लेल।
13 परमेश् वर हुनका सभक प्राथषना सुनलनन आ हुनका सभक कर्् ट
सभ नदस तकलनन, नकएक तँ लोक सभ पूरा यहूनदया आ यरूशलेम
मे सवषशखिमान प्रभुक पनवत्र स्द्थानक समक्ष बहुत नदन धरर उपवास
करैत रहलाह।
14 महापुरोनहत योआसीम आ प्रभुक समक्ष िाढ़ सभ पुरोनहत आ
प्रभुक सेवा करननहार सभ अपन कमर मे बोरा पनहरने छलाह आ
लोक सभक प्रनतज्ञा आ मुफ्त उपहारक सींग ननत्य होमबनल चढ़बैत
छलाह।
15 ओ सभ ओकरा सभक छाती पर राखि कऽ अपन समस्त सामथ्ष
य सँ प्रभु सँ पुकारलनन जे ओ सभ इस्राएलक वींशज क
ेँ क
ृ पापूवषक
देिनथ।
अध्याय 5
1 तिन अस्सूरक सेनाक प्रमुि होलोर्नेस क
ेँ ई बात कहल गेलनन
जे इस्राएलक सन्तान सभ युद्धक लेल तैयार भऽ गेल अनछ आ पहाडी
इलाकाक बाट सभ क
ेँ बींद कऽ देने अनछ आ ऊ
ँ च पहाड सभक सभ
चोटी क
ेँ मजबूत कऽ देने अनछ आ ओकरा सभ लग अनछ
चैंनपयननशप देशोीं में बाधा नबछाया:
2 एनह बात पर यीशु बहुत क्रोनधत भऽ मोआबक समस्त राजक
ु मार
सभ, अम्मोनक सेनापनत सभ आ समुद्रक कातक समस्त राज्यपाल
सभ क
ेँ बजौलनन।
3 ओ हुनका सभ क
ेँ कहलनथन, “हे कनानक सन्तान सभ, हमरा कहू
जे ई पहाडी इलाका मे रहय बला लोक क
े अनछ आ ओ सभ कोन-
कोन शहर मे रहैत अनछ आ ओकर सेना क
े सींख्या क
े हन अनछ आ
ओकर सभक सेना कतय अनछ।” शखि आ सामर्थ्ष, आ ओकरा
सभ पर कोन राजा, वा ओकरा सभक सेनाक कप्तान रािल गेल
अनछ।
4 पनिमक सभ ननवासी सँ बेसी ओ सभ नकएक ननणषय कऽ लेने छनथ
जे हमरा सँ भेंट करय लेल ननह आओत।
5 तिन अम्मोनक समस्त पुत्र सभक सेनापनत अकीओर कहलनथन,
“हमर मानलक आब अहाँक सेवकक मुँह सँ कोनो बात सुननथ आ हम
अहाँ क
ेँ एनह लोकक नवर्य मे सत्‍
य बता देब जे अहाँक लग मे रहैत
अनछ आ पहाडी इलाका मे रहैत अनछ।” : आ तोहर नोकरक मुँह
सँ कोनो झूि ननह ननकलत।
6 ई लोक किीक वींशज अनछ।
7 ओ सभ एिन धरर मेसोपोटानमया मे प्रवास करैत रहलाह, कारण
ओ सभ अपन पूवषजक देवता सभक पालन ननह करय चाहैत छलाह
जे कखिया देश मे छलाह।
8 ओ सभ अपन पूवषजक बाट छोनड स् वगषक परमेश् वरक आराधना
कयलनन, नजनका ओ सभ जनैत छलाह।
9 तिन हुनका सभक परमेश् वर हुनका सभ क
ेँ आज्ञा देलनथन जे ओ
सभ जतऽ प्रवासी छलाह, ओनह िाम सँ चनल कऽ कनान देश मे
जाउ।
10 मुदा जिन पूरा कनान देश मे अकाल पनड गेल तिन ओ सभ
नमस्र देश मे जा कए ओतनह प्रवास कयलनन, जिन नक ओ सभ
पोसैत रहलाह आ ओतय बहुत रास भीड भ’ गेलाह, जानह सँ नकयो
अपन राष्टर क नगनती ननह क’ सकलाह।
11 तेँ नमस्रक राजा हुनका सभक नवरुद्ध उनि कऽ हुनका सभक सींग
छल-प्रपींच कयलनन आ ईींटाक पररश्रम मे हुनका सभ क
ेँ नीचाँ उतारर
कऽ हुनका सभ क
ेँ गुलाम बना देलनन।
12 तिन ओ सभ अपन परमेश् वर क
ेँ पुकारलनन आ ओ सभ नमस्र
देश क
ेँ असाध्य नवपनत्त सँ मारर देलनन।
13 परमेश् वर हुनका सभक सामने लाल समुद्र क
ेँ सुिाय देलनन।
14 ओ सभ ओकरा सभ क
ेँ सीना आ कादेस-बाने पवषत पर लऽ गेल
आ जींगल मे रहननहार सभ क
ेँ र्
े नक देलक।
15 ओ सभ अमोरी सभक देश मे रनह गेल आ अपन सामथ्ष य सँ
एसेबोनक सभ लोक क
ेँ नष्ट कऽ देलक आ यरदन पार करैत सभ
पहाडी इलाका पर कब्जा कऽ लेलक।
16 ओ सभ कनानी, र्रेजी, यबूसी, सुक
े मी आ समस्त गेगेसी क
ेँ
अपना सभक सोझाँ मे र्
े नक देलनथन आ ओ सभ ओनह देश मे बहुत
नदन धरर रहलाह।
17 जाबत ओ सभ अपन परमेश् वरक समक्ष पाप ननह कयलनन,
तिन ओ सभ सर्ल भेलाह, नकएक तँ अधमष सँ घृणा करयवला
परमेश् वर हुनका सभक सींग छलाह।
18 मुदा जिन ओ सभ ओनह बाट सँ नवदा भेलाह, तिन ओ सभ
बहुतो युद्ध मे बहुत कष्ट मे नष्ट भऽ गेलाह आ बींदी बना कऽ ओनह
देश मे लऽ गेलाह जे हुनका लोकननक ननह छलनन, आ हुनका
लोकननक परमेश् वरक मन् नदर जमीन पर र्
े नक देल गेलनन आ
हुनकर सभक शहर सभ सेहो भ’ गेलनन दुश्मन द्वारा लेल गेल।
19 मुदा आब ओ सभ अपन परमेश् वर लग घुरर गेल छनथ आ जतऽ
ओ सभ नछनडयाएल छलाह, ओनह िाम सँ चनढ़ कऽ यरूशलेम पर
कब्जा कऽ लेने छनथ, जतऽ हुनका सभक पनवत्र स्द्थान अनछ आ
पहाडी इलाका मे बैसल छनथ। नकएक तँ उजाड भऽ गेल छल।
20 आब, हमर मानलक आ राज्यपाल, जँ एनह लोक सभक नवरुद्ध
कोनो गलती भऽ जाय आ ओ सभ अपन परमेश् वरक नवरुद्ध पाप
करनथ तँ हम सभ ई मानब जे ई हुनका सभक नवनाश होयत आ हम
सभ चनढ़ कऽ ओकरा सभ पर नवजय पानब सकब।
21 मुदा जँ हुनका सभक जानत मे कोनो अधमष ननह होयत तँ हमर
प्रभु आब ओनह िाम सँ गुजरर जाउ, जानह सँ हुनकर प्रभु हुनका
सभक रक्षा ननह करनथ आ हुनकर परमेश् वर हुनका सभक लेल ननह
रहनथ आ हम सभ सींसारक समक्ष अपमाननत ननह बनन जायब।
22 अकीओर ई सभ बात समाप्त कऽ कऽ डेराक चारू कात िाढ़
सभ लोक बडबडाइत रहलाह आ होलोर्नेसक मुखिया आ समुद्रक
कात मे आ मोआब मे रहननहार सभ लोक सभ हुनका मारर देबाक
लेल कहलनथन।
23 ओ सभ कहैत छनथ जे, हम सभ इस्राएलक सन् तान सभक मुँह सँ
ननह डेरब, नकएक तँ ई एहन लोक अनछ जकरा मे कोनो सामथ्ष य आ
ने सामथ्ष य युद्धक सामथ्ष य अनछ
24 आब, प्रभु होलोर्नेस, हम सभ चढ़ब, आ ओ सभ अहाँक समस्त
सेनाक नशकार भऽ जायत।
अध्याय 6
1 जिन पररर्द् मे बैसल लोक सभक हींगामा समाप्त भऽ गेल तिन
अस्सूरक सेनाक प्रमुि होलोर्नेस आन जानतक समस्त दलक समक्ष
अकीओर आ समस्त मोआबी लोकनन क
ेँ कहलनथन।
2 अकीओर आ एप्रैमक मजदू र सभ क
े छी जे आइ जेकाँ हमरा
सभक नवरुद्ध भनवष्यवाणी कऽ कऽ कहलहुँ जे हम सभ इस्राएलक
लोक सभक सींग युद्ध ननह करब, नकएक तँ ओकर सभक परमेश् वर
ओकरा सभक रक्षा करताह? आ नबूचोदोनोसोर छोनड परमेश् वर क
े
छनथ?
3 ओ अपन सामथ्ष य पिाओत आ पृथ् वी पर सँ ओकरा सभ क
ेँ नष्ट
कऽ देतैक, आ ओकर सभक परमेश् वर ओकरा सभ क
ेँ ननह
बचाओत। कारण ओ सभ हमरा सभक घोडाक सामर्थ्ष क
ेँ नटकय मे
सक्षम ननह अनछ।
4 नकएक तँ ओकरा सभक सींग हम सभ ओकरा सभक
ेँ पएर नीचाँ
चढ़ब, ओकर सभक पहाड ओकर सभक िूनसँ नशा मे धुत्त भऽ
जायत, ओकर सभक िेत ओकर सभक मृत शरीरसँ भरर जायत, आ
ओकर सभक कदम हमरा सभक सोझाँ िाढ़ ननह भऽ सक
ै त अनछ,
नकएक तँ ओ सभ एकदम नाश भऽ जायत। राजा नबूकोदोनोसोर,
समस्त पृथ्वीक मानलक कहैत छनथ, कारण ओ कहलनन जे, “हमर
कोनो बात व्यथष ननह होयत।”
5 अहाँ अम्मोनक भाडा-करकट अकीओर, जे अहाँक अधमषक नदन
ई बात कहने छी, आइ सँ आब हमर मुँह ननह देिब, जाबत हम नमस्र
सँ ननकलल एनह जानत सँ बदला ननह लेब।
6 तिन हमर सेनाक तलवार आ हमर सेवा करननहार सभक भीड
अहाँक कात मे सँ गुजरत आ जिन हम घुरैत छी तिन अहाँ हुनका
सभक मारल गेल लोकक बीच िनस पडब।
7 आब हमर सेवक सभ अहाँ क
ेँ पहाडी इलाका मे वापस आनन देत
आ अहाँ क
ेँ ओनह मागषक कोनो शहर मे बैसा देत।
8 जाबत धरर अहाँ हुनका सभक सींग नष्ट ननह भऽ जायब ताबत धरर
अहाँ नष्ट ननह होयब।
9 जँ अहाँ अपना क
ेँ मने-मन बुझबैत छी जे ओ सभ पकडल जायत,
तँ अहाँक मुँह ननह िसय।
10 तिन होलोर्नेस अपन डेरा मे प्रतीक्षा मे रहननहार सेवक सभ क
ेँ
आज्ञा देलनथन जे अनकओर क
ेँ पकनड कऽ बेतुनलया मे आनन कऽ
इस्राएलक सन् तान सभक हाथ मे सौींप नदअ।
11 तिन हुनकर नोकर सभ हुनका लऽ कऽ डेरासँ बाहर मैदानमे
लऽ गेलनन आ मैदानक बीचसँ पहाडी इलाकामे जा कऽ बेतुनलयाक
नीचाँक र्व्वारा सभ लग पहुँनच गेलाह।
12 जिन नगरक लोक सभ ओकरा सभ क
ेँ देखि, ओ सभ अपन
हनथयार उिा कऽ नगर सँ बाहर पहाडीक चोटी पर चनल गेल।
13 मुदा ओ सभ गुप्त रूप सँ पहाडक नीचाँ पहुँनच कऽ अनकओर क
ेँ
बाखि कऽ नीचाँ र्
े नक देलक आ पहाडक पाँनत मे छोनड अपन
मानलक लग घुरर गेल।
14 इस्राएली सभ अपन नगर सँ उतरर हुनका लग आनब गेलाह आ
हुनका िोनल कऽ बेतुनलया लऽ गेलनन आ नगरक गवनषर सभक
समक्ष राखि देलनथन।
15 ओनह समय मे नशमोनक वींशक मीकाक पुत्र ओनजयास आ
गोथोनीएलक पुत्र कानिस आ मल्कीएलक पुत्र करमीस छलाह।
16 ओ सभ नगरक सभ प्राचीन लोक सभ क
ेँ एक िाम बजा लेलक
आ ओकर सभ युवा आ अपन स् त्रीगण सभ क
ेँ एक सींग दौनड कऽ
सभा मे आनब गेल। तिन ओनजयास ओकरासँ पुछलक
ै जे की भेलै।
17 ओ उत्तर देलनथन आ हुनका सभ क
ेँ होलोर्नेसक पररर्द् क
वचन आ अस्सूरक राजक
ु मार सभक बीच जे नकछु कहने छलाह आ
जे नकछु होलोर्नेस इस्राएलक वींशक नवरुद्ध गवषपूवषक कहलनन से
सुनौलनन।
18 तिन लोक सभ िनस कऽ परमेश् वरक आराधना कयलक आ
परमेश् वर सँ पुकारल। कहैत,
19 हे स् वगषक परमेश् वर, हुनका सभक घमींड क
ेँ देिू आ हमरा
सभक जानतक नीचता पर दया करू, आ आइ जे सभ अहाँ क
ेँ पनवत्र
कयल गेल अनछ, हुनकर सभक मुँह देिू।
20 तिन ओ सभ अनकओर क
ेँ सान्त्वना देलक आ ओकर बहुत
प्रशींसा कयलक।
21 ओनजयास हुनका सभा मे सँ बाहर लऽ कऽ अपन घर मे लऽ
गेलाह। ओ सभ ओनह रानत भरर इस्राएलक परमेश् वर सँ सहायताक
लेल पुकारलनन।
अध्याय 7
1 दोसर नदन होलोर्नेस अपन सभ सेना आ हुनकर सभ लोक जे
हुनकर भाग लेबाक लेल आयल छल, से आज्ञा देलनथन जे ओ सभ
अपन डेरा बेतुनलयाक नवरुद्ध हनट जाय, जे पहाडी इलाकाक
चढ़ाईक स्द्थान पनहने सँ पकनड लेनथ आ इस्राएलक सन् तान सभक
नवरुद्ध युद्ध करनथ .
2 ओनह नदन ओकर सभक बलवान सभ अपन डेरा हटा देलक, आ
युद्धकमीक सेना मे एक लाि सत्तरर हजार पैदल सैननक आ बारह
हजार घुडसवार, सामानक बगल मे आ आन लोक सभ छल जे
ओकरा सभक बीच पैदल चलैत छल, बहुत पैघ भीड .
3 ओ सभ बेतुनलयाक लगक घाटी मे, र्व्वारा लग डेरा िसा लेलक
आ दोथाइम सँ बेलमैम धरर आ बेथुनलया सँ लमहर मे एस्द्डरेलोनक
समक्ष नसनामोन धरर पसरल।
4 इस्राएलक लोक सभ हुनका सभक भीड देखि बहुत घबरा गेल आ
सभ अपन-अपन पडोसी क
ेँ कहलनथन, “आब ई लोक सभ पृथ् वी क
ेँ
चानट लेत। कारण, ने ऊ
ँ च पहाड, ने उपत्यका, आ ने पहाडी अपन
भार उिा सक
ै त अनछ।
5 तिन एक-एक गोटे अपन-अपन युद्धक हनथयार उिौलनन आ
अपन-अपन बुजष पर आनग लगा कऽ ओनह रानत भरर देिैत रहलाह।
6 मुदा दोसर नदन होलोर्नेस अपन सभ घुडसवार क
ेँ बेतुनलया मे
रहननहार इस्राएलक सन् तान सभक सोझाँ अनलनन।
7 ओ शहर नदसक बाट सभ देखि ओकर सभक पानन सभक र्व्वारा
नदस आनब ओकरा सभ क
ेँ पकनड लेलक आ ओकरा सभ पर युद्धक
सैननक सभक सेना लगा देलक आ ओ स्वयीं अपन लोक नदस चनल
गेल।
8 तिन एसावक सभ मुखिया, मोआबक समस्त राज्यपाल आ
समुद्रक कातक सेनापनत सभ हुनका लग आनब कहलनथन।
9 हमरा सभक प्रभु आब एकटा बात सुनू जे अहाँक सेना मे कोनो
उिानड ननह पडय।
10 नकएक तँ इस्राएलक सन्तानक लोकसभ अपन भालापर भरोसा
ननह करैत छनथ, अनपतु पहाडक ऊ
ँ चाईमे जतय ओ रहैत छनथ,
नकएक तँ अपन पहाडक चोटी धरर आबब आसान ननह अनछ।
11 तेँ आब, हमर प्रभु, हुनका सभक सींग युद्धक नसलनसला मे ननह
लडू , आ अहाँक प्रजा मे सँ एको आदमीक नाश ननह होयत।
12 अपन डेरा मे रहू, आ अपन सेनाक सभटा आदमी क
े रािू आ
अहाँक सेवक सभ पाननक र्व्वारा अपन हाथमे आनब जाय, जे
पहाडक तलहटी सँ ननकलैत अनछ।
13 नकएक तँ बेतुनलयाक सभ लोकक पानन ओतनह सँ भेटैत अनछ।
तनहना प्यास ओकरा सभ क
ेँ मारर देतैक आ ओ सभ अपन शहर
छोनड देतैक, आ हम सभ आ हमर लोक सभ लगक पहाड सभक
चोटी पर चनढ़ कऽ ओकरा सभ पर डेरा िसा देब जे शहर सँ नकयो
बाहर ननह ननकनल जाय।”
14 तेँ ओ सभ आ ओकर स् त्रीगण आ सींतान सभ आनग मे भस्म भऽ
जेताह आ तलवार हुनका सभ पर अयबा सँ पनहने ओ सभ ओनह गली
मे उिानड देल जेताह।
15 एनह तरहेँ अहाँ हुनका सभ क
ेँ अधलाह र्ल देबनन। नकएक तँ ओ
सभ नवद्रोह क
े लक आ अहाँ सभक सींग शाखन्तपूवषक ननह भेंट क
े लक।
16 ई बात होलोर्नेस आ ओकर सभ सेवक सभ क
ेँ नीक लागल आ
ओ सभ अपन बातक अनुसार काज करबाक लेल ननयुखि कयलनन।
17 अम्मोनक डेरा आ अश्शूरक पाँच हजार लोकक सींग नवदा भऽ
गेल आ ओ सभ घाटी मे डेरा िसा लेलक आ इस्राएलक पानन आ
पानन सभक र्व्वारा सभ क
ेँ पकनड लेलक।
18 तिन एसावक लोक सभ अम्मोनक सन् तान सभक सींग चनढ़
कऽ दोथैमक समक्ष पहाडी इलाका मे डेरा िसा लेलक आ नकछु
गोटे क
ेँ दनक्षण नदस आ पूब नदस एकरेबेलक ओनह पार पिा देलक जे
चूसीक समीप अनछ मोचमुर धार पर; अश्शूरक शेर् सेना मैदान मे
डेरा िसा लेलक आ पूरा देश क
ेँ झाँनप देलक। आ हुनका लोकननक
डेरा आ गाडी सभ बहुत पैघ भीडक लेल िाढ़ भ’ गेल छलनन।
19 तिन इस्राएलक लोक सभ अपन परमेश् वर परमेश् वर सँ
पुकारलनन, नकएक तँ हुनका सभक मोन क्षीण भऽ गेलनन, नकएक तँ
हुनका सभक सभ शत्रु हुनका सभ क
ेँ चारू कात घेरने छलनन आ
हुनका सभक बीच सँ बचबाक कोनो उपाय ननह छलनन।
20 एनह तरहेँ असूरक समस्त दल, अपन पैदल सैननक, रथ आ
घुडसवार दुनू गोटे चारर-तीस नदन धरर हुनका सभक चारूकात रहल,
जानह सँ हुनका सभक सभ जलक पात्र बेथुनलयाक सभ ननरोधक सभ
क
ेँ क्षीण कऽ देलक।
21 क
ुँ हा सभ िाली भऽ गेल छल आ एक नदन धरर हुनका सभ लग
पेट पीबय लेल पानन ननह छलनन। नकएक तँ ओ सभ नाप-जोि मे
हुनका सभ क
ेँ पीबैत छलाह।
22 एनह लेल हुनका सभक छोट-छोट बच्चा सभक मोन मे उत्कर्ष भऽ
गेल छलनन आ ओकर सभक स्त्री-युवक सभ प्यास सँ बेहोश भऽ
गेलाह आ नगरक गली-गली मे आ र्ाटक सभक बाट मे िनस
पडलाह आ हुनका सभ मे आब कोनो शखि ननह रनह गेलनन।
23 तिन सभ लोक ओनजयास आ नगरक मुखिया, युवक-युवती आ
बच्चा सभ लग जमा भ’ गेल आ जोर-जोर सँ नचनचया उिल आ सभ
बुजुगष सभक सोझाँ कहलक।
24 परमेश् वर हमरा सभ आ अहाँ सभक बीच न्याय करनथ, नकएक
तँ अहाँ सभ हमरा सभ क
ेँ बहुत दुर्् ट कऽ देलहुँ जे अहाँ सभ
अस्सूरक सन् तान सभ सँ शाखन्त ननह माँगलहुँ।
25 आब हमरा सभक कोनो सहायक ननह अनछ, मुदा परमेश् वर
हमरा सभ क
ेँ हुनका सभक हाथ मे बेनच देलनन, जानह सँ हमरा सभ
क
ेँ प्यास आ बहुत नवनाशक सींग हुनका सभक सोझाँ र्
े नक देल
जाय।
26 आब ओकरा सभ क
ेँ अहाँ सभ लग बजाउ आ पूरा नगर क
ेँ
होलोर्नेसक लोक आ ओकर समस्त सेना क
ेँ लूट मे सौींनप नदयौक।
27 नकएक तँ प्यासक कारणेँ मरबासँ नीक जे हम सभ हुनका सभक
लेल लूट बनन जायब, नकएक तँ हम सभ हुनकर दास बनब जानहसँ
अपन प्राण जीनवत रहब आ ने अपन नशशु सभक मृत्यु हमरा सभक
आँखिक सोझाँ ननह देिब आ ने अपन स् त्रीगणक सोझाँ हमर बच्चा
सभ क
े मरय लेल।
28 हम सभ अहाँ सभक नवरुद्ध आकाश-पृथ्वी आ अपन परमेश् वर
आ हमरा सभक पूवषजक प्रभु, जे हमरा सभक पाप आ हमरा सभक
पूवषजक पापक अनुसार दींनडत करैत छनथ, तकरा अहाँ सभक नवरुद्ध
गवाही दैत छी जे ओ आइ जेना कहलहुँ, तेना ननह करैत छनथ।
29 तिन सभा मे एक सहमनत सँ बहुत कानब भेल। ओ सभ जोर-
जोर सँ प्रभु परमेश् वर सँ पुकारलनन।
30 तिन ओनजयास हुनका सभ क
ेँ कहलनथन, “हे भाइ लोकनन,
साहस करू, हम सभ एिन धरर पाँच नदन धरर सहन करी, जानह
काल मे हमर सभक परमेश् वर प्रभु हमरा सभ पर अपन दया घुमा
सकनथ। नकएक तँ ओ हमरा सभ क
ेँ एकदम ननह छोडत।”
31 जँ ई नदन बीनत गेल आ हमरा सभक कोनो सहायता ननह आओत
तँ हम अहाँक वचनक अनुसार काज करब।
32 ओ लोक सभ क
ेँ अपन-अपन आज्ञाक अनुसार नततर-नबतर कऽ
देलनथन। ओ सभ अपन नगरक देबाल आ बुजष पर जा कऽ स्त्रीगण
आ बच्चा सभ क
ेँ अपन घर मे पिा देलक।
अध्याय 8
1 ओनह समय मे जूनडथ ई बात सुनलीह जे यूसुर्क पुत्र बैल क
े र पुत्र
मेरारीक पुत्र छलीह, ओजेल क
े र पुत्र छलाह, जे एखियाक पुत्र छलाह,
जे अनननयाक पुत्र छलाह, जे रर्ाइमक पुत्र नगदोनक पुत्र छलाह ,
अनसथोक पुत्र, एनलयाबक पुत्र, एनलयाबक पुत्र, नतनएलक पुत्र,
सामएलक पुत्र, इस्राएलक पुत्र सलासादालक पुत्र।
2 मनशस हुनकर पनत छलनन, जे हुनकर गोत्र आ पररजन मे छलाह,
जे जौक र्सल मे मरर गेलाह।
3 जिन ओ िेत मे गुच्छा बािननहार सभक देिरेि मे िाढ़ छलाह
तिन हुनकर माथ पर गमी आनब गेलनन आ ओ अपन नबछाओन पर
िनस पडलाह आ बेतुनलया नगर मे मरर गेलाह .
4 जूनडथ तीन वर्ष चारर मास धरर अपन घर मे नवधवा छलीह।
5 ओ अपन घरक चोटी पर एकटा डेरा बनौलनन आ कमर मे बोरा
पनहरर कऽ अपन नवधवाक वस्त्र पनहरने छलीह।
6 ओ अपन नवधवाक सभ नदन उपवास करैत रहलीह, नसवाय
नवश्राम-नवश्राम-नदन, अमावस्याक पूवष सींध्या, अमावस्या आ
इस्राएलक घरानाक पवष आ गींभीर नदनक।
7 ओ सुन्दर चेहराक छलीह आ देिबा मे बहुत सुन्दर छलीह। ओ
ओकरा सभ पर रनह गेलीह।
8 नकयो एहन ननह छल जे ओकरा अधलाह बात कहलक। जेना ओ
भगवान् सँ बहुत डरैत छलीह।
9 जिन ओ राज्यपालक नवरुद्ध लोक सभक अधलाह बात सुनलीह
जे ओ सभ पाननक अभाव मे बेहोश भऽ गेलाह। कारण, जूदीत
ओनजयास द्वारा कहल गेल सभ बात सुनने छलाह आ पाँच नदनक
बाद शहर क
ेँ अश्शूर सभक हाथ मे सौींपबाक शपथ लेने छलाह।
10 तिन ओ अपन प्रतीक्षारत मनहला क
ेँ पिौलनन जे हुनका लग सभ
नकछु क शासन छलनन जे ओनजयास आ चानिस आ चनमषस क
ेँ शहरक
प्राचीन लोक कहनथन।
11 ओ सभ हुनका लग आनब गेलाह आ ओ हुनका सभ क
ेँ कहलनथन,
“हे बेथुनलयाक ननवासी सभ, आब हमर बात सुनू, नकएक तँ अहाँ सभ
आइ लोकक समक्ष जे बात कहलहुँ से िीक ननह अनछ परमेश् वर आ
अहाँ सभक बीच, आ वचन देने छी जे एनह नगर क
ेँ हमरा सभक शत्रु
सभक हाथ मे ननह दऽ देब, जाबत धरर एनह नदन सभक भीतर प्रभु
अहाँक मदनद ननह करनथ।
12 आब अहाँ सभ क
े छी जे आइ परमेश् वरक परीक्षा कयलहुँ आ
मनुर्् यक सन् तान सभक बीच परमेश् वरक बदला मे िाढ़ छी?
13 आब सवषशखिमान प्रभुक परीक्षण करू, मुदा अहाँ सभ कनहयो
कोनो बात ननह बुझब।
14 नकएक तँ अहाँ सभ मनुर्् यक हृदयक गहीींरता ननह पानब सक
ै त
छी आ ने ओकर नवचार क
ेँ बुनझ सक
ै त छी। हे भाइ लोकनन, हमरा
सभक परमेश् वर परमेश् वर क
ेँ क्रोनधत ननह करू।
15 जँ ओ एनह पाँच नदनक भीतर हमरा सभक सहायता ननह करताह
तँ ओकरा सभ नदन जिन चाहनथ तिन हमरा सभक रक्षा करबाक
सामर्थ्ष छनन वा शत्रु सभक समक्ष हमरा सभ क
ेँ नष्ट करबाक
अनधकार छनन।
16 हमरा सभक परमेश् वर परमेश् वरक नवश् वास क
ेँ ननह बान् बू,
नकएक तँ परमेश् वर मनुि जकाँ ननह छनथ जानह सँ हुनका
धमकाबय पडय। आ ने मनुर्् यक पुत्र जकाँ अनछ जे ओ डगमगाइत
रहय।
17 तेँ हम सभ हुनकर उद्धारक प्रतीक्षा करू आ हुनका अपना सभक
सहायता करबाक लेल आह्वान करी आ जँ हुनका नीक लागय तँ ओ
हमरा सभक आवाज सुनताह।
18 हमरा सभक युग मे नकयो एहन ननह भेल अनछ आ ने आइ-काखि
मे ने कोनो गोत्र, ने क
ु ल, आ ने लोक आ ने शहर, जे पनहने जकाँ हाथ
सँ बनल देवता सभक आराधना करैत अनछ।
19 एनह कारणेँ हमरा सभक पूवषज तलवार आ लूट लेल चढ़ाओल
गेलाह आ हमरा सभक शत्रु सभक सामने बहुत िनस पडलाह।
20 मुदा हम सभ कोनो आन देवता क
ेँ ननह जनैत छी, तेँ हमरा सभ क
ेँ
भरोसा अनछ जे ओ हमरा सभ क
ेँ आ ने हमरा सभक कोनो जानत क
ेँ
नतरस्क
ृ त करत।
21 जँ हमरा सभ क
ेँ एना पकडल जाय तँ पूरा यहूनदया उजाड भऽ
जायत आ हमर सभक पनवत्र स्द्थान लूनट जायत। आ ओ हमरा सभक
मुँह पर एकर अपनवत्रताक माँग करताह।
22 हमरा सभक भाइ सभक वध, देशक बींदी आ हमरा सभक
उत्तरानधकारक उजाड, ओ हमरा सभक माथ पर गैर-यहूदी सभक
बीच घुमा देत, जतय हम सभ दासता मे रहब। आ हमरा सभ क
ेँ जे
सभ हमरा सभ क
ेँ अपना मे बैसल अनछ, तकरा सभक लेल हम सभ
अपराध आ ननन्दा बनन जायब।
23 कारण, हमरा सभक दासता अनुिह नदस ननह होयत, बल् नक प्रभु
परमेश् वर एकरा अपमाननत कऽ देनथन।
24 हे भाइ लोकनन, आब हम सभ अपन भाय सभ क
ेँ एकटा
उदाहरण देिाउ, नकएक तँ हुनकर सभक मोन हमरा सभ पर ननभषर
अनछ, पनवत्र स्द्थान, घर आ वेदी हमरा सभ पर अनछ।
25 हम सभ अपना सभ परमेश् वर परमेश् वर क
ेँ धन्यवाद दी, जे
हमरा सभक पूवषज सभ जकाँ हमरा सभ क
ेँ परीक्षा दैत छनथ।
26 मोन रािू जे ओ अिाहमक सींग क
े हन काज क
े ने छलाह, इसहाक
क
ेँ कोना परीक्षा लेलनन, आ अरामक मेसोपोटानमया मे याक
ू बक सींग
की भेल छलनन, जिन ओ अपन मायक भाय लाबानक भेँडा सभ क
ेँ
पोसैत छलाह।
27 नकएक तँ ओ हमरा सभ क
ेँ आनग मे परीक्षा ननह देलक जेना
ओकरा सभक हृदयक परीक्षण करबाक लेल ओ हमरा सभक
प्रनतशोध ननह लेलक।
28 ओनजयास ओकरा कहलनथन, “अहाँ जे नकछु कहलहुँ से सभ
नीक मोन सँ बाजल छी, मुदा अहाँक बात क
ेँ नवरोध करयवला नकयो
ननह अनछ।”
29 नकएक तँ ई पनहल नदन ननह अनछ जिन अहाँक बुखद्ध प्रगट
होयत। मुदा तोहर नदनक प्रारींभ सँ सभ लोक अहाँक समझ क
ेँ जनैत
अनछ, नकएक तँ अहाँक हृदयक स्वभाव नीक अनछ।
30 मुदा लोक सभ बहुत प्यासल छल आ हमरा सभ क
ेँ बाध्य कऽ
देलक जे हम सभ जेना कहने छी तेना ओकरा सभक सींग करऽ आ
अपना पर शपथ आनब, जकरा हम सभ ननह तोडब।
31 तेँ आब अहाँ हमरा सभक लेल प्राथषना करू, नकएक तँ अहाँ
परमेश् वरक भक
् त स् त्री छी, आ प्रभु हमरा सभक क
ुीं ड सभ क
ेँ
भरबाक लेल बरिा पिौताह आ हम सभ आब बेहोश ननह रहब।
32 तिन जूनडथ हुनका सभ क
ेँ कहलनथन, “हमर बात सुनू, हम
एकटा एहन काज करब जे सभ पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमरा सभक जानतक
सन् तान सभक बीच चलत।”
33 अहाँ सभ आइ रानत र्ाटक मे िाढ़ रहब आ हम अपन प्रतीक्षारत
मनहलाक सींग ननकलब।
34 मुदा अहाँ सभ हमर काजक नवर्य मे ननह पूछ
ू , नकएक तँ जा धरर
हम जे काज कऽ रहल छी से पूरा ननह भऽ जायत, ताबत धरर हम
अहाँ सभ क
ेँ ई बात ननह कहब।
35 ओनजयास आ राजक
ु मार सभ हुनका कहलनथन, “शाींनत सँ जाउ,
आ प्रभु परमेश् वर अहाँक समक्ष रहनथ, जानह सँ हमरा सभक शत्रु
सभक प्रनतशोध ली।”
36 ओ सभ डेरा पर सँ घुरर कऽ अपन-अपन वाडष मे चनल गेलाह।
अध्याय 9
1 जूनडथ मुँह पर िनस पडलीह आ माथ पर राि राखि कऽ ओनह
बोरा क
ेँ िोनल लेलनन जानह सँ ओ पनहरने छलीह। जिन ओनह
साँझक धूप यरूशलेम मे प्रभुक घर मे चढ़ाओल गेल छल, ओनह
समय मे जूदीत जोर-जोर सँ नचनचया उिलीह।
2 हे हमर नपता नशमोनक परमेश् वर परमेश् वर, नजनका अहाँ
परदेशी सभक प्रनतशोध लेबाक लेल तलवार दऽ देनलयैक, जे एकटा
दासी क
ेँ अशुद्ध करबाक लेल ओकर पट्टी क
ेँ ढीला कऽ देलक आ
ओकर लाजक लेल जाँघक पता लगा देलक आ ओकर क
ु माररव क
ेँ
ओकर अपमाननत कऽ देलक। नकएक तँ अहाँ कहलहुँ जे, “एना ननह
होयत।” आ तैयो ओ सभ एना क
े लनन।
3 तेँ अहाँ हुनका सभक शासक सभ क
ेँ मारर देबाक लेल देनलयैक,
जानह सँ ओ सभ धोिा िा कऽ अपन नबछौन क
ेँ िून सँ रींनग देलक
आ अपन मानलक सभक सींग नोकर सभ क
ेँ आ नसींहासन पर बैसल
मानलक सभ क
ेँ मारर देलक।
4 अपन स् त्री सभ क
ेँ नशकार बना कऽ अपन बेटी सभ क
ेँ बींदी बना
कऽ दऽ देने छनथ आ अपन सभटा लूट-पाट क
ेँ अहाँक नप्रय सींतान
सभक बीच बाँनट देलहुँ। जे सभ तोहर उत्साह सँ भावुक भऽ गेल छल,
आ अपन िूनक प्रदू र्ण सँ घृणा करैत छल, आ अहाँ क
ेँ सहायताक
लेल पुकारैत छल, हे परमेश् वर, हे हमर परमेश् वर, हमर नवधवा
सेहो सुनू।
5 नकएक तँ अहाँ मात्र ओनह काजे ननह, बल् नक पनहने जे काज भऽ
गेल छल आ ओकर बादक काज सेहो क
े लहुँ। अहाँ एिन जे नकछु
अनछ आ आबय बला बात पर नवचार क
े ने छी।
6 हँ, जे बात अहाँ ननधाषररत क
े लहुँ से सभ तैयार भऽ गेल छल आ
कहलक जे, “देिू, हम सभ एतय छी, नकएक तँ अहाँक सभ बाट
तैयार भऽ गेल अनछ आ अहाँक न् याय अहाँक पूवष ज्ञान मे अनछ।”
7 देिू, अश्शूर सभक सामथ्ष य बनढ़ गेल अनछ। घोडा आ मनुक्खक
सींग ऊ
ँ च कयल जाइत छनथ। अपन पैदल चलननहारक बल पर घमींड
करैत छनथ। ढाल, भाला, धनुर् आ गोर्न पर भरोसा करैत छनथ। आ
ई ननह जानन जे अहाँ युद्ध तोडय बला प्रभु छी।
8 हुनका सभक सामथ्ष य क
ेँ अपन सामथ्ष य मे र्
े नक नदयौक आ
हुनका सभक सामथ्ष य क
ेँ अपन क्रोध मे उतारर नदयौक, नकएक तँ
ओ सभ अहाँक पनवत्र स्द्थान क
ेँ अशुद्ध करबाक आ अहाँक
गौरवशाली नामक स् न् ता क
ेँ अशुद्ध करबाक आ अहाँक वेदीक
सीींग क
ेँ तलवार सँ र्
े नक देबाक योजना बनौने छनथ।
9 हुनका सभक घमींड देिू, आ अपन क्रोध हुनका सभक माथ पर
पिाउ।
10 हमर िोरक छल सँ नौकर क
ेँ राजक
ु मारक सींग आ राजक
ु मार क
ेँ
नौकर क
ेँ मारर नदयौक।
11 नकएक तँ तोहर सामथ्ष य भीड मे िाढ़ ननह अनछ आ ने बलवान
लोक मे, नकएक तँ अहाँ दुुः िी सभक परमेश् वर छी, दबल-क
ु चलल
लोकक सहायक, कमजोर लोकक सहारा, नवरि लोकक रक्षक आ
आशाहीन लोकक उद्धारकताष छी .
12 हे हमर नपताक परमेश् वर आ इस्राएलक उत्तरानधकारक परमेश्
वर, आकाश आ पृथ् वीक प्रभु, जलक सृनष्टकताष, सभ प्राणीक राजा,
हमर प्राथषना सुनू।
13 हमर बात आ छल क
ेँ हुनका सभक घाव आ चोट बनाउ, जे सभ
अहाँक वाचा आ अहाँक पनवत्र घर आ नसयोनक चोटी आ अहाँक
सन्तान सभक सम्पनत्तक घरक नवरुद्ध क्र
ू र काज करबाक योजना
बनौने छनथ।
14 आ सभ जानत आ गोत्र क
ेँ ई स्वीकार कराउ जे अहाँ सभ सामथ्ष य
आ सामथ्ष यक परमेश् वर छी, आ अहाँ छोनड इस्राएलक लोक
सभक रक्षा करयवला आन नकयो ननह अनछ।
अध्याय 10
1 ओकर बाद ओ इस्राएलक परमेश् वर लग पुकारब छोनड देलक
आ एनह सभ बात क
ेँ समाप्त कऽ लेलक।
2 ओ जतय िसल छलीह ओतय उनि कऽ अपन दासी क
ेँ बजा कऽ
ओनह घर मे उतरर गेलीह जानह मे ओ नवश्राम-नदन आ पाबनन मे रहैत
छलीह।
3 ओ जे बोरा पनहरने छलीह से उतारर कऽ अपन नवधवाक वस्त्र
उतारर कऽ अपन शरीरक चारू कात पानन सँ धो लेलनन आ अनमोल
मरहम सँ अनभर्ेक कयलनन आ माथक क
े श क
ेँ बेनी कऽ टायर
पनहरर लेलनन ओ अपन हर्षक वस्त्र पनहरने छलीह, जे ओ अपन पनत
मनशक जीवन मे पनहरने छलीह।
4 ओ अपन पएर पर चप्पल लऽ कऽ अपन क
ीं गन, जींजीर, अींगूिी,
झुमका आ सभटा आभूर्ण पनहरर कऽ बहादुरी सँ सजौलीह, जानह सँ
हुनका देिय बला सभ लोकक आँखि लोभाबय।
5 तिन ओ अपन नौकरानी क
ेँ मनदराक बोतल आ तेलक एकटा
क्र
ू स देलनथन आ एकटा झोरा मे सुिायल धान, अींजीरक गाींि आ
नीक रोटी भरर देलनन। तेँ ओ एनह सभ वस्तु क
ेँ एक िाम मोनड कऽ
अपन ऊपर राखि देलनन।
6 एनह तरहेँ ओ सभ बेतुनलया नगरक र्ाटक नदस बढ़लाह आ
ओनजयास आ ओनह नगरक प्राचीन लोक सभ, चानिस आ चनमषस क
ेँ
िाढ़ भेटलाह।
7 जिन ओ सभ ओकरा देिलक जे ओकर चेहरा बदनल गेल छलैक
आ ओकर पररधान बदनल गेलैक तऽ ओकर सुन्दरता पर बहुत
आियषचनकत भऽ ओकरा कहलक
ै क।
8 परमेश् वर, हमरा सभक पूवषज सभक परमेश् वर, अहाँ पर क
ृ पा
करनथ आ इस्राएलक सन् तान सभक मनहमा आ यरूशलेमक
उदात्तताक लेल अपन काज पूरा करू। तिन भगवानक आराधना
क
े लनन।
9 ओ हुनका सभ क
ेँ कहलनथन, “नगरक र्ाटक हमरा लेल िुजबाक
आज्ञा नदअ जानह सँ हम जे बात अहाँ सभ हमरा सँ कहलहुँ से पूरा
करबाक लेल ननकनल सकब।” तेँ ओ सभ युवक सभ क
ेँ आज्ञा
देलनथन जे, जेना ओ कहने छलीह, हुनका सामने िोनल नदयौक।
10 ओ सभ एना कऽ कऽ जूनडथ आ ओकर दासी आ ओकरा सींग
बाहर ननकनल गेलीह। नगरक लोक सभ ओकरा ताबत धरर देिैत
रहल, जाबत धरर ओ पहाड पर सँ ननह उतरर गेल आ जाबत धरर ओ
घाटी सँ ननह गुजरर गेल आ ओकरा आब ननह देखि सकल।
11 एनह तरहेँ ओ सभ सोझे घाटी मे नवदा भेलाह।
12 ओ ओकरा पकनड कऽ पुछलनथन, “अहाँ कोन लोकक छी?” आ
अहाँ कतय सँ आयल छी? आ अहाँ कतय जा रहल छी? ओ बजलीह,
“हम इिानी सभक स् त्री छी आ ओकरा सभ सँ भानग गेल छी।
13 हम अहाँक सेनाक प्रमुि होलोर्नेसक सोझाँ आनब रहल छी जे
सत्यक बात कहब। हम ओकरा एकटा एहन बाट देिा देबनन जानह
सँ ओ जा कऽ पूरा पहाडी इलाका क
ेँ जीत लेत, नबना कोनो आदमीक
शरीर आ प्राण गमा लेने।
14 लोक सभ हुनकर बात सुनन हुनकर चेहरा देखि हुनकर सुन्दरता
देखि बहुत आियषचनकत भऽ हुनका कहलनथन।
15 अहाँ हमरा सभक प्रभुक सानिध मे जिबाजी मे उतरर कऽ अपन
जान बचा लेलहुँ।
16 जिन अहाँ हुनका सोझाँ िाढ़ रहब तँ अपन मोन मे ननह डेराउ,
बल् नक हुनका अपन वचनक अनुसार देिाउ। ओ तोरा नीक जकाँ
नवनती करत।
17 तिन ओ सभ ओकरा आ ओकर दासी क
ेँ सींग देबाक लेल ओनह
मे सँ एक सय आदमी क
ेँ चुनलनन। ओ सभ ओकरा होलोर्नेसक
डेरा मे अनलनन।
18 तिन पूरा डेरा मे जमा भेल, नकएक तँ डेरा सभक बीच मे हुनकर
आगमनक हल्ला होइत छल आ ओ सभ हुनका चारू कात घुनम
रहल छल, जाबत धरर ओ होलोर्नेसक डेराक बाहर िाढ़ छलीह।
19 ओ सभ ओकर सौन्दयष देखि आियषचनकत भऽ ओकरा कारणेँ
इस्राएलक सन् तान सभक प्रशींसा कयलक आ सभ अपन पडोसी क
ेँ
कहलक, “एनह लोक क
ेँ क
े तुच्छ बुझत, जकरा मे एहन स् त्रीगण
अनछ?” नननित रूप सँ ई नीक बात ननह जे हुनका सभ मे सँ एक
आदमी छोनड देल जाय जे छोनड देल गेल अनछ जे पूरा पृथ्वी क
ेँ धोिा
द' सकय।
20 होलोर्नेसक समीप पडल लोक सभ आ हुनकर सभ नोकर आ
ओ सभ हुनका डेरा मे अनलनन।
21 होलोर्नेस अपन नबछौन पर बैंगनी, सोना, पिा आ कीमती पाथर
सँ बुनल गेल छत्ताक नीचाँ बैसल छलाह।
22 ओ सभ हुनका हुनकर नवर्य मे देिौलनन। ओ चानीक दीप ल' क'
अपन डेराक आगू बढ़लाह।
23 जिन जूदीत हुनका आ हुनकर नोकर सभक सोझाँ आनब गेलीह
तिन ओ सभ हुनकर चेहराक सुन्दरता देखि आियषचनकत भ’
गेलाह। ओ मुँह पर िनस पडलीह आ हुनका आदर कयलनन।
अध्याय 11
1 तिन होलोर्नेस ओकरा कहलनथन, “हे नारी, सान्त्वना रहू, हृदय
मे ननह डेराउ, नकएक तँ हम कनहयो एहन ककरो चोट ननह पहुँचेलहुँ
जे समस्त पृथ्वीक राजा नबूकोदोनोसोरक सेवा करऽ चाहैत छल।”
2 आब, जँ अहाँक लोक जे पहाड पर रहैत अनछ, जँ हमरा द्वारा
इजोत ननह देल गेल रहैत तऽ हम हुनका सभक नवरुद्ध अपन भाला
ननह उिौने रनहतहुँ।
3 मुदा आब हमरा कहू जे अहाँ हुनका सभ सँ नकएक भानग गेलहुँ आ
हमरा सभ लग नकएक आनब गेलहुँ, नकएक तँ अहाँ रक्षाक लेल
आयल छी। सान्त्वना रािू, अहाँ आइ रानत आ परलोक मे जीनवत
रहब।
4 नकएक तँ क
े ओ तोरा चोट ननह पहुँचाओत, बल् नक तोरा नीक जकाँ
नवनती करत, जेना हमर मानलक राजा नबूकोदोनोसोरक सेवक सभ
करैत अनछ।
5 तिन जूनडथ हुनका कहलनथन, “अपन नौकरक बात िहण करू
आ अपन दासी क
ेँ अहाँक सोझाँ मे बाज’ नदयौक, आ हम आइ
रानत अपन मानलक क
ेँ कोनो झूि ननह बाजब।”
6 जँ अहाँ अपन दासीक बातक पालन करब तँ परमेश् वर अहाँक
लग मे ओ बात क
ेँ पूणष रूप सँ पूरा कऽ देनथन। आ हमर प्रभु अपन
उद्देश्य सँ नवर्ल ननह होयत।
7 जेना समस्त पृथ्वीक राजा नबूकोदोनोसोर जीनवत छनथ आ हुनकर
सामथ्ष य जीनवत छनथ, जे अहाँ क
ेँ सभ जीव-जन्तुक भरण-पोर्णक
लेल पिौने छनथ, नकएक तँ अहाँक द्वारा मात्र लोक हुनकर सेवा ननह
करत, बल् नक िेतक जानवर आ पशु-पक्षी सेहो। आ आकाशक
नचडै सभ, नबूकोदोनोसोर आ ओकर समस्त घरक अधीन अहाँक
सामर्थ्ष सँ जीनवत रहत।
8 हम सभ अहाँक बुखद्ध आ अहाँक नीनत सभक नवर्य मे सुनने छी
आ समस्त पृथ्वी मे ई िबरर भेटैत अनछ जे अहाँ मात्र राज्य मे श्रेष्ठ छी,
ज्ञान मे पराक्रमी छी आ युद्धक पराक्रम मे अद् भुत छी।
9 अकीयोर जे बात अहाँक पररर्द् मे कहलनन, तानह नवर्य मे हम
सभ हुनकर बात सुनलहुँ। नकएक तँ बेतुनलयाक लोक सभ हुनका
उद्धार कयलनन आ ओ हुनका सभ क
ेँ ओ सभ बात सुनौलनन जे ओ
अहाँ सँ कहने छलाह।
10 तेँ हे प्रभु आ राज्यपाल, हुनकर वचनक आदर ननह करू। मुदा
एकरा अपन हृदय मे रािू, नकएक तँ ई सत् य अनछ, नकएक तँ हमरा
सभक जानत क
ेँ सजा ननह भेटतैक आ ने तलवार ओकरा सभ पर
हावी भऽ सक
ै त छै क, जाबत ओ सभ अपन परमेश् वरक नवरुद्ध पाप
ननह करत।”
11 आ आब, जिन हमर मानलक अपन उद्देश्य सँ परानजत आ
नवर्ल ननह भ’ जाय, आब हुनका सभ पर मृत्यु सेहो पनड गेल अनछ,
आ हुनका सभक पाप हुनका सभ पर आनब गेल अनछ, जानह सँ ओ
सभ जिन किनो ओ सभ एहन काज करत जे ओ सभ अपन
परमेश् वर क
ेँ क्रोनधत करताह कयल गेल:
12 नकएक तँ हुनका सभक अि-पानन ितम भऽ जाइत छनन आ सभ
पानन कम भऽ जाइत छनन, आ ओ सभ अपन मवेशी पर हाथ
रिबाक ननणषय कएने छनथ आ ओनह सभ वस्तु सभ क
ेँ भस्म करबाक
योजना बना लेने छनथ, जे परमेश् वर हुनका सभ क
ेँ अपन ननयमक
अनुसार भोजन करबा सँ मना कऽ देने छनथ।
13 हम सभ सींकखित छी जे ओ सभ मनदरा आ तेलक दसम भागक
पनहल र्ल िचष करब, जकरा ओ सभ पनवत्र कएने छलाह आ हमरा
सभक परमेश् वरक सामने यरूशलेम मे सेवा करयवला पुरोनहत
सभक लेल सुरनक्षत कएने छलाह। जे बात कोनो लोकक लेल एतेक
जायज ननह अनछ जे हाथ सँ छ
ू ब।
14 नकएक तँ ओ सभ नकछु गोटे क
ेँ यरूशलेम पिौने छनथ, नकएक तँ
ओतऽ रहननहार सभ सेहो एनह तरहक काज कएने छनथ जे हुनका
सभ क
ेँ सीनेट सँ लाइसेंस अनबाक लेल।
15 जिन ओ सभ हुनका सभ क
ेँ िबरर आनत तिन तुरन्त ई काज
कऽ लेताह आ ओही नदन अहाँ क
ेँ नष्ट करबाक लेल देल जायत।
16 तेँ हम अहाँक दासी ई सभ जानन हुनका सभक सोझाँ सँ भानग गेल
छी। परमेश् वर हमरा अहाँक सींग एहन काज करबाक लेल पिौलनन
अनछ, जानह सँ समस्त पृथ्वी आियषचनकत भऽ जायत आ जे क
े ओ
सुनत।”
17 नकएक तँ अहाँक सेवक धमषपरायण अनछ आ नदन-रानत स् वगषक
परमेश् वरक सेवा करैत अनछ किन ओ सभ अपन पाप क
े ने छनथ से
हमरा कहताह।
18 हम आनब कऽ अहाँ क
ेँ ई बात देिा देब, तिन अहाँ अपन समस्त
सेनाक सींग ननकनल जायब, आ ओनह मे सँ नकयो अहाँक नवरोध ननह
करत।
19 हम अहाँ क
ेँ यहूनदयाक बीच मे ताबत धरर लऽ जायब जाबत धरर
अहाँ यरूशलेमक समक्ष ननह पहुँचब। हम अहाँक नसींहासन ओकर
बीच मे रािब। अहाँ ओकरा सभ क
ेँ ओनह भेँडा जकाँ भगा देब
जकरा चरबाह ननह छै क, आ क
ु क
ु र अहाँ पर मुँह तक ननह िोलत,
नकएक तँ ई सभ बात हमरा पूवषज्ञानक अनुसार कहल गेल छल आ ई
सभ हमरा बताओल गेल छल आ हम ई कहबाक लेल पिाओल गेल
छी।” तोरा।
20 तिन ओकर बात होलोर्नेस आ ओकर सभ नौकर सभ क
ेँ नीक
लागल। ओ सभ हुनकर बुखद्ध पर आियषचनकत भऽ कहलनथन।
21 पृथ् वीक एक छोर सँ दोसर छोर धरर एहन स् त्री ननह अनछ, जे
मुि-सुन्दरता आ बातक बुखद्ध दुनू अनछ।
22 तनहना होलोर्नेस ओकरा कहलनथन। परमेश् वर नीक कयलनन
जे अहाँ क
ेँ लोक सभक सोझाँ पिा देलनन, जानह सँ हमरा सभक हाथ
मे सामथ्ष य आ हमर प्रभु क
ेँ हल्लुक बुझननहार सभ पर नवनाश हो।
23 आब अहाँ अपन चेहरा मे सुन्दर आ अपन बात मे चुटीला दुनू छी,
जँ अहाँ जेना कहलहुँ तेना करब तँ अहाँक परमेश् वर हमर परमेश्
वर हेताह आ राजा नबूकोदोनोसोरक घर मे रहब आ पूरा तरहेँ
प्रनसद्ध भऽ जायब धरती.
अध्याय 12
1 तिन ओ आज्ञा देलनथन जे जतऽ हुनकर थारी रािल गेल छलनन,
ओतनह हुनका भीतर आनन देल जाय। आ आदेश देलनथन जे ओ सभ
हुनका लेल हुनकर अपन भोजन तैयार करनथन आ ओ हुनकर मनदरा
सँ पीबनथन।
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  • 1.
  • 2. अध्याय 1 1 नबूकोदोनोसोरक शासनक बारहम वर्ष मे, जे महान नगर नीनवे मे राज क े लनन। अर्ाषक्सादक समय मे, जे एकबतान मे मादी पर राज करैत छल। 2 एकबतान मे चारू कात तीन हाथ चौडा आ छह हाथ नमहर पाथरक देबाल बनौलनन आ देबालक ऊ ँ चाई सत्तर हाथ आ चौडाई पचास हाथ बनौलनन। 3 ओकर र्ाटक पर ओकर बुजष सभ सय हाथ ऊ ँ च आ नीींव मे सानि हाथ चौडाई राखि नदयौक। 4 ओ ओकर र्ाटक सभ क ेँ सत्तरर हाथ ऊ ँ च र्ाटक बनौलनन आ ओकर चौडाई चालीस हाथ छलैक, जानह सँ ओकर पराक्रमी सेना सभक बाहर ननकलबाक आ अपन पैदल सैननक सभक नसलनसला मे बैसबाक लेल। 5 ओनह समय मे राजा नबूचोदोनोसोर राजा अर्ाषक्सद सँ ओनह महान मैदान मे युद्ध कयलनन, जे रगौक सीमा मे मैदान अनछ। 6 पहाडी इलाका मे रहननहार सभ लोक, यूफ्र े नटस, टाइनिस आ नहदास्पेस, एलीनमयाक राजा अररओकक मैदान मे रहननहार सभ आ क े लोदक बहुत रास जानत हुनका लग जमा भ’ गेलाह युद्ध क े नलये। 7 तिन अश्शूरक राजा नबूकदोनोसोर र्ारस मे रहननहार सभ, पनिम नदस रहननहार सभ, नकनलनसया, दनमश्क, नलबानस, एीं टीनलबानस आ समुद्रक कात मे रहननहार सभ क ेँ पिौलनन। 8 कमेल, गलाद, उपर गलील आ एस्द्द्रेलोमक महान मैदानक जानत मे सँ लोक सभ क ेँ । 9 सामररया आ ओकर नगर सभ मे, यरदन नदीक ओनह पार यरूशलेम, बेताने, चेलुस, कादेस, नमस्रक नदी, तर्नेस, रामसे आ पूरा गेसेम देश धरर। 10 जाबत धरर अहाँ सभ तननस आ मेखफर्सक ओनह पार आ नमस्रक समस्त ननवासी सभक बीच ननह पहुँचब, जाबत धरर अहाँ सभ इनथयोनपयाक सीमा मे ननह पहुँचब। 11 मुदा ओनह देशक सभ ननवासी अश्शूरक राजा नबूकोदोनोसोरक आज्ञा क ेँ हल्लुक कयलनन आ ने हुनका सींग युद्ध मे गेलाह। नकएक तँ ओ सभ हुनका सँ डरैत ननह छलनन। 12 एनह लेल नबूकदोनोसोर एनह समस्त देश पर बहुत क्रोनधत भऽ अपन नसींहासन आ राज्यक शपथ लेलनन जे ओ नकनलनसया, दनमश्क आ अररयाक ओनह समस्त तट पर बदला लेत आ ओनह मे रहननहार सभ लोक क ेँ तलवार सँ मारर देत मोआब देश, अम्मोनक सन् तान, समस्त यहूनदया आ नमस्र मे रहननहार सभ, जाबत अहाँ दुनू समुद्रक सीमा मे ननह पहुँचब।” 13 तिन ओ सत्रहम वर्ष मे अपन शखिक सींग राजा अर्ाषक्सदक नवरुद्ध युद्ध मे सजल छलाह आ अपन युद्ध मे नवजयी भेलाह, नकएक तँ ओ अर्ाषक्सदक समस्त शखि आ अपन सभ घुडसवार आ अपन सभ रथ क ेँ उिानड र् े नक देलनन। 14 ओ अपन नगर सभक मानलक बनन एकबताने पहुँचलाह आ बुजष सभ क ेँ पकनड लेलनन आ ओकर गली-गली सभ क ेँ लूनट लेलनन आ ओकर सुन्दरता क ेँ लज्जा मे बदनल देलनन। 15 ओ रगौक पहाड मे अर् ष क्सद क ेँ सेहो पकनड लेलक आ ओकरा बाण सँ मारर देलक आ ओनह नदन ओकरा एकदम सँ नष्ट कऽ देलक। 16 तकर बाद ओ नीनवे घुरर गेलाह, ओ आ ओकर समस्त जानतक दल दुनू गोटे बहुत बेसी युद्धक लोक छल, आ ओतनह ओ अपन सेना आ अपन सेना दुनू गोटे एक सय बीस नदन धरर भोज-भात कयलनन। अध्याय 2 1 अिारहम वर्ष मे, पनहल मासक दू -बीसम नदन, अश्शूरक राजा नबूकोदोनोसोरक घर मे चचाष भेल जे ओ जेना कहलनन, पूरा पृथ्वी पर अपन बदला लेनथ। 2 तिन ओ अपन सभ अनधकारी आ अपन सभ क ु लीन लोक क ेँ हुनका सभ क ेँ बजा कऽ हुनका सभ सँ अपन गुप्त सलाह देलनन आ समस्त पृथ्वीक कष्ट क ेँ अपन मुँह सँ समाप्त कयलनन। 3 तिन ओ सभ ओनह सभ प्राणी क ेँ नष्ट करबाक आज्ञा देलनथन जे हुनकर मुँहक आज्ञा ननह मानैत छल। 4 जिन ओ अपन सलाह समाप्त कऽ कऽ अश्शूरक राजा नबूकोदोनोसोर अपन सेनाक प्रमुि सेनापनत होलोर्नेस क ेँ बजा कऽ कहलनथन। 5 महान राजा, समस्त पृथ्वीक स्वामी ई कहैत छनथ, “देिू, अहाँ हमरा सोझाँ सँ ननकनल जायब आ अपन शखि पर भरोसा करयवला लोक क ेँ अपना सींग ल’ जायब, पैदल चलननहार मे सँ एक लाि बीस हजार। आ घोडाक सींख्या अपन सवारक सींग बारह हजार। 6 अहाँ पनिमक समस्त देशक नवरुद्ध जायब, नकएक तँ ओ सभ हमर आज्ञाक आज्ञा ननह मानलक। 7 ओ सभ हमरा लेल मानट आ पानन तैयार कऽ कऽ कहब, नकएक तँ हम हुनका सभक नवरुद्ध अपन क्रोध मे ननकलब आ अपन सेनाक पएर सँ पूरा धरती क ेँ झाँनप देब आ ओकरा सभ क ेँ लूट मे दऽ देब हुनकर: 8 जानह तरहेँ ओकर सभक मारल गेल लोक ओकर घाटी आ धार सभ क ेँ भरर देत आ नदी ओकर मृत् यु सँ भरर जायत जाबत धरर ओ उमनड ननह जायत। 9 हम ओकरा सभ क ेँ बींदी बना कऽ समस्त पृथ्वीक अन्त्य भाग धरर लऽ जायब। 10 तेँ अहाँ आगू बढ़ब। आ हमरा लेल पनहने सँ ओकर सभक समस्त क्षेत्र लऽ नलअ। 11 मुदा नवद्रोह करयवला सभक नवर्य मे अहाँक नजरर ओकरा सभ क ेँ ननह दया। मुदा ओकरा सभ क ेँ वध मे राखि नदयौक आ जतय जाउ, ओकरा सभ क ेँ लूनट नदयौक।” 12 हम जनहना जीबैत छी आ अपन राज्यक सामर्थ्षक कारणेँ जे नकछु कहलहुँ, से हम अपन हाथ सँ करब। 13 अहाँ सावधान रहू जे अहाँ अपन प्रभुक कोनो आज्ञाक उल्लींघन ननह करू, बल् नक हमरा आज्ञा जकाँ पूणष रूप सँ पूरा करू आ ओकरा पूरा करबा मे स्द्थनगत ननह करू। 14 तिन होलोर्नेस अपन मानलकक सोझाँ सँ ननकनल गेलाह आ अस्सूरक सभ गवनषर आ सेनापनत सभ आ सेनापनत सभ क ेँ बजौलनन। 15 ओ अपन मानलकक आज्ञाक अनुसार चुनल लोक सभ क ेँ युद्धक लेल एक लाि बीस हजार आ घोडा पर सवार बारह हजार धनुधषर धरर जमा कयलनन। 16 ओ ओकरा सभ क ेँ ओनहना राखि देलक जेना युद्धक लेल एकटा पैघ सेना क ेँ आदेश देल गेल छै क। 17 ओ बहुत पैघ सींख्या मे ऊ ँ ट आ गदहा क ेँ गाडी मे ल’ लेलनन। आ अपन भरण-पोर्णक लेल भेँडा-बकरी आ बकरी सभ अननगनत। 18 सेनाक प्रत्येक आदमीक लेल भरपूर भोजन आ राजाक घर सँ बहुत रास सोना-चानी। 19 तिन ओ अपन समस्त शखिक सींग यात्रा मे राजा नबूकोदोनोसोरक आगू बनढ़ गेलाह आ पनिम नदस अपन रथ, घुडसवार आ अपन चुनल पैदल सैननक सँ पनिम नदसक समस्त भूभाग क ेँ झाँनप देलनन। 20 बहुतो लोक ओकरा सभक सींग नटड्डी आ पृथ् वीक बालु जकाँ आनब गेल। 21 ओ सभ नीनवे सँ तीन नदनक यात्रा पर बेखिलेथक मैदान नदस बढ़लाह आ बेखिलेथ सँ ऊपर नकनलनसयाक बामा कातक पहाडक समीप िाढ़ भऽ गेलाह। 22 तिन ओ अपन सभ सेना, पैदल सवार, घुडसवार आ रथ क ेँ लऽ कऽ ओतय सँ पहाडी इलाका मे चनल गेलाह।
  • 3. 23 र् ु द आ लूद क ेँ नष्ट कऽ देलक आ चेनलयनक देशक दनक्षण मे जींगल नदसक सभ रास आ इस्राएलक सन् तान सभ क ेँ लूनट लेलक। 24 तिन ओ यूफ्र े नटस पार कऽ मेसोपोटानमया होइत गेल आ अबोनै नदीक समस्त ऊ ँ च नगर सभ क ेँ नष्ट कऽ देलक जाबत धरर अहाँ सभ समुद्र मे ननह पहुँचब। 25 ओ नकनलनसयाक सीमा क ेँ पकनड लेलक आ ओकर नवरोध करयवला सभ क ेँ मारर देलक आ यार् े तक सीमा मे पहुँनच गेल जे दनक्षण नदस अरबक सामने छल। 26 ओ मदीयानक सभ सन् तानक चारू कात घुनम कऽ ओकर सभक तम्बू सभ जरा देलक आ ओकर सभक भेँडाक घर लूनट लेलक। 27 तिन ओ गहूम कटबाक समय मे दनमश्कक मैदान मे उतरर गेलाह, ओकर सभ िेत क ेँ जरा देलनन, ओकर भेँडा आ भेँडा क ेँ नष्ट क’ देलनन, ओकर सभक नगर सभ क ेँ लूनट लेलनन, ओकर सभक देश क ेँ एकदम बबाषद क’ देलनन आ ओकर सभ युवक क ेँ मारर देलनन तलवारक धार। 28 एनह लेल समुद्रक कात मे रहननहार सभ नसदोन आ सोर मे रहननहार, सुर आ ओसीना मे रहननहार आ यम्नान मे रहननहार सभ लोक पर हुनका भय आ भय भऽ गेलनन। अजोतुस आ अस्कलोन मे रहननहार लोक सभ हुनका सँ बहुत डरैत छल। अध्याय 3 1 ओ सभ हुनका लग राजदू त पिौलनथन जे ओ सभ शान् नतक सींग रहनथ। 2 देिू, हम सभ महान राजा नबूकोदोनोसोरक सेवक सभ अहाँक सोझाँ पडल छी। हमरा सभ क ेँ ओनहना उपयोग करू जेना अहाँक नजरर मे नीक होयत। 3 देिू, हमर सभक घर-घर, हमरा सभक सभ िाम, हमरा सभक सभ गहूमक िेत, भेँडा-बदल आ भेँडा-बदल आ हमर सभक डेराक सभटा िे हुन अहाँक सोझाँ पडल अनछ। जेना अहाँक इच्छा हो, ओकर उपयोग करू। 4 देिू, हमरा सभक नगर आ ओनह मे रहननहार सभ सेहो अहाँक सेवक अनछ। आऊ आ ओकरा सभक सींग जेना नीक लागय, तेना व्यवहार करू।” 5 ओ लोक सभ होलोर्नेस लग आनब कऽ हुनका एनह तरहेँ सुनौलनन। 6 तिन ओ आ अपन सेना दुनू समुद्रक कात मे उतरर कऽ ऊ ँ च नगर सभ मे सेना रिलक आ ओनह मे सँ चुनल-चुनल लोक सभ क ेँ सहायताक लेल ननकानल लेलक। 7 तेँ ओ सभ आ चारू कातक लोक सभ हुनका सभ क ेँ माला, नाच- गान आ धुन-धना सँ स्वागत कयलनन। 8 तइयो ओ हुनका सभक सीमा क ेँ र् े नक देलनन आ ओकर सभक बगीचा सभ क ेँ कानट देलनन, नकएक तँ ओ एनह देशक सभ देवता क ेँ नष्ट करबाक आज्ञा देने छलाह जे सभ जानत मात्र नबूकोदोनोसोरक आराधना करनथ आ सभ भार्ा आ गोत्र हुनका देवता बनन पुकारनथ। 9 ओ यहूनदयाक समीप एस्द्द्रेलोनक ओनह पार आनब गेलाह। 10 ओ गेबा आ खस्कथोपोनलसक बीच मे िसिस िाढ़ कयलनन आ ओतनह एक मास भरर रहलाह जानह सँ ओ अपन सेनाक सभ गाडी क ेँ एक िाम जमा कऽ सकनथ। अध्याय 4 1 यहूनदया मे रहननहार इस्राएलक लोक सभ सुनलक जे अश्शूरक राजा नबूकोदोनोसोरक प्रमुि सेनापनत होलोर्नेस जानत सभक सींग क े ने छल आ ओकरा सभक सभ मखन्दर क ेँ लूनट कऽ ओकरा सभ क ेँ अनवनाशी कऽ देलक। 2 तेँ ओ सभ हुनका सँ बहुत भयभीत भऽ गेलाह आ यरूशलेम आ अपन परमेश् वर परमेश् वरक मन् नदरक लेल त्रस्त भऽ गेलाह। 3 ओ सभ बींदी मे सँ नव-नव घुरल छल आ यहूनदयाक सभ लोक सभ जखिये एक िाम जमा भऽ गेल छल। 4 तेँ ओ सभ सामररयाक समस्त प्रदेश, गाम-घर, बेथोरोन, बेलमेन, यरीहो, चोबा, एसोरा आ सलेम घाटी मे पिा देलक। 5 ओ सभ ऊ ँ च पहाडक सभ चोटी पर पनहने सँ अपना क ेँ अपना क ेँ अपना मे समेनट लेलनन आ ओनह गाम सभ क ेँ मजबूत कऽ लेलनन आ युद्धक पोर्णक लेल भोजन-पानी जमा कयलनन। 6 ओनह समय मे यरूशलेम मे महापुरोनहत योआसीम बेतुनलया आ बेतोमेस्टम मे रहननहार लोक सभ क ेँ पत्र नलखि देलनथन जे एस्द्द्रेलोनक सामने अनछ, जे दोथैमक समीप अनछ। 7 हुनका सभ क ेँ पहाडी इलाकाक बाट सभ क ेँ सुरनक्षत रिबाक आज्ञा दैत छलनन, नकएक तँ हुनका सभक द्वारा यहूनदया मे प्रवेश करबाक द्वार छल, आ ऊपर आबय बला सभ क ेँ रोकब आसान छल, कारण ओ बाट सोझ छल, बेसी सँ बेसी दू गोटेक लेल। 8 इस्राएलक सन् तान सभ यरूशलेम मे रहननहार सभ इस्राएलक प्राचीन लोक सभक सींग जेना महापुरोनहत योआसीम आज्ञा देने छलाह, तेना कयलक। 9 तिन इस्राएलक प्रत् येक मनुर्् य बहुत जोर सँ परमेश् वर सँ पुकारलनन आ बहुत जोर सँ अपन प्राण क ेँ नम्र कयलनन। 10 ओ सभ, स् त्रीगण, सींतान, माल-जाल, सभ परदेशी आ भाडा- करकट आ अपन नोकर सभ जे पाइ सँ कीनैत छल, दुनू गोटे अपन कमर मे बोरा पनहरने छलाह। 11 एनह तरहेँ सभ स्त्री-पुरुर् आ छोट-छोट बच्चा आ यरूशलेमक ननवासी मखन्दरक सोझाँ िनस पडलाह आ अपन माथ पर राि र् े कलनन आ प्रभुक मुँह पर अपन बोरा पसारर देलनन। 12 ओ सभ इस्राएलक परमेश् वर सँ एक सहमनत सँ पुकारलनन जे ओ हुनका सभक सींतान क ेँ लूट मे ननह देनथन, आ हुनकर स् त्री क ेँ लूट मे ननह दऽ देताह, आ हुनकर सभक उत्तरानधकारक नगर सभ क ेँ नवनाश मे ननह दऽ देताह, आ पनवत्र स्द्थान क ेँ अपनवत्र आ ननन्दा मे ननह दऽ देताह जानत-जानत सभक ेँ आनखन्दत करबाक लेल। 13 परमेश् वर हुनका सभक प्राथषना सुनलनन आ हुनका सभक कर्् ट सभ नदस तकलनन, नकएक तँ लोक सभ पूरा यहूनदया आ यरूशलेम मे सवषशखिमान प्रभुक पनवत्र स्द्थानक समक्ष बहुत नदन धरर उपवास करैत रहलाह। 14 महापुरोनहत योआसीम आ प्रभुक समक्ष िाढ़ सभ पुरोनहत आ प्रभुक सेवा करननहार सभ अपन कमर मे बोरा पनहरने छलाह आ लोक सभक प्रनतज्ञा आ मुफ्त उपहारक सींग ननत्य होमबनल चढ़बैत छलाह। 15 ओ सभ ओकरा सभक छाती पर राखि कऽ अपन समस्त सामथ्ष य सँ प्रभु सँ पुकारलनन जे ओ सभ इस्राएलक वींशज क ेँ क ृ पापूवषक देिनथ। अध्याय 5 1 तिन अस्सूरक सेनाक प्रमुि होलोर्नेस क ेँ ई बात कहल गेलनन जे इस्राएलक सन्तान सभ युद्धक लेल तैयार भऽ गेल अनछ आ पहाडी इलाकाक बाट सभ क ेँ बींद कऽ देने अनछ आ ऊ ँ च पहाड सभक सभ चोटी क ेँ मजबूत कऽ देने अनछ आ ओकरा सभ लग अनछ चैंनपयननशप देशोीं में बाधा नबछाया: 2 एनह बात पर यीशु बहुत क्रोनधत भऽ मोआबक समस्त राजक ु मार सभ, अम्मोनक सेनापनत सभ आ समुद्रक कातक समस्त राज्यपाल सभ क ेँ बजौलनन। 3 ओ हुनका सभ क ेँ कहलनथन, “हे कनानक सन्तान सभ, हमरा कहू जे ई पहाडी इलाका मे रहय बला लोक क े अनछ आ ओ सभ कोन- कोन शहर मे रहैत अनछ आ ओकर सेना क े सींख्या क े हन अनछ आ ओकर सभक सेना कतय अनछ।” शखि आ सामर्थ्ष, आ ओकरा
  • 4. सभ पर कोन राजा, वा ओकरा सभक सेनाक कप्तान रािल गेल अनछ। 4 पनिमक सभ ननवासी सँ बेसी ओ सभ नकएक ननणषय कऽ लेने छनथ जे हमरा सँ भेंट करय लेल ननह आओत। 5 तिन अम्मोनक समस्त पुत्र सभक सेनापनत अकीओर कहलनथन, “हमर मानलक आब अहाँक सेवकक मुँह सँ कोनो बात सुननथ आ हम अहाँ क ेँ एनह लोकक नवर्य मे सत्‍ य बता देब जे अहाँक लग मे रहैत अनछ आ पहाडी इलाका मे रहैत अनछ।” : आ तोहर नोकरक मुँह सँ कोनो झूि ननह ननकलत। 6 ई लोक किीक वींशज अनछ। 7 ओ सभ एिन धरर मेसोपोटानमया मे प्रवास करैत रहलाह, कारण ओ सभ अपन पूवषजक देवता सभक पालन ननह करय चाहैत छलाह जे कखिया देश मे छलाह। 8 ओ सभ अपन पूवषजक बाट छोनड स् वगषक परमेश् वरक आराधना कयलनन, नजनका ओ सभ जनैत छलाह। 9 तिन हुनका सभक परमेश् वर हुनका सभ क ेँ आज्ञा देलनथन जे ओ सभ जतऽ प्रवासी छलाह, ओनह िाम सँ चनल कऽ कनान देश मे जाउ। 10 मुदा जिन पूरा कनान देश मे अकाल पनड गेल तिन ओ सभ नमस्र देश मे जा कए ओतनह प्रवास कयलनन, जिन नक ओ सभ पोसैत रहलाह आ ओतय बहुत रास भीड भ’ गेलाह, जानह सँ नकयो अपन राष्टर क नगनती ननह क’ सकलाह। 11 तेँ नमस्रक राजा हुनका सभक नवरुद्ध उनि कऽ हुनका सभक सींग छल-प्रपींच कयलनन आ ईींटाक पररश्रम मे हुनका सभ क ेँ नीचाँ उतारर कऽ हुनका सभ क ेँ गुलाम बना देलनन। 12 तिन ओ सभ अपन परमेश् वर क ेँ पुकारलनन आ ओ सभ नमस्र देश क ेँ असाध्य नवपनत्त सँ मारर देलनन। 13 परमेश् वर हुनका सभक सामने लाल समुद्र क ेँ सुिाय देलनन। 14 ओ सभ ओकरा सभ क ेँ सीना आ कादेस-बाने पवषत पर लऽ गेल आ जींगल मे रहननहार सभ क ेँ र् े नक देलक। 15 ओ सभ अमोरी सभक देश मे रनह गेल आ अपन सामथ्ष य सँ एसेबोनक सभ लोक क ेँ नष्ट कऽ देलक आ यरदन पार करैत सभ पहाडी इलाका पर कब्जा कऽ लेलक। 16 ओ सभ कनानी, र्रेजी, यबूसी, सुक े मी आ समस्त गेगेसी क ेँ अपना सभक सोझाँ मे र् े नक देलनथन आ ओ सभ ओनह देश मे बहुत नदन धरर रहलाह। 17 जाबत ओ सभ अपन परमेश् वरक समक्ष पाप ननह कयलनन, तिन ओ सभ सर्ल भेलाह, नकएक तँ अधमष सँ घृणा करयवला परमेश् वर हुनका सभक सींग छलाह। 18 मुदा जिन ओ सभ ओनह बाट सँ नवदा भेलाह, तिन ओ सभ बहुतो युद्ध मे बहुत कष्ट मे नष्ट भऽ गेलाह आ बींदी बना कऽ ओनह देश मे लऽ गेलाह जे हुनका लोकननक ननह छलनन, आ हुनका लोकननक परमेश् वरक मन् नदर जमीन पर र् े नक देल गेलनन आ हुनकर सभक शहर सभ सेहो भ’ गेलनन दुश्मन द्वारा लेल गेल। 19 मुदा आब ओ सभ अपन परमेश् वर लग घुरर गेल छनथ आ जतऽ ओ सभ नछनडयाएल छलाह, ओनह िाम सँ चनढ़ कऽ यरूशलेम पर कब्जा कऽ लेने छनथ, जतऽ हुनका सभक पनवत्र स्द्थान अनछ आ पहाडी इलाका मे बैसल छनथ। नकएक तँ उजाड भऽ गेल छल। 20 आब, हमर मानलक आ राज्यपाल, जँ एनह लोक सभक नवरुद्ध कोनो गलती भऽ जाय आ ओ सभ अपन परमेश् वरक नवरुद्ध पाप करनथ तँ हम सभ ई मानब जे ई हुनका सभक नवनाश होयत आ हम सभ चनढ़ कऽ ओकरा सभ पर नवजय पानब सकब। 21 मुदा जँ हुनका सभक जानत मे कोनो अधमष ननह होयत तँ हमर प्रभु आब ओनह िाम सँ गुजरर जाउ, जानह सँ हुनकर प्रभु हुनका सभक रक्षा ननह करनथ आ हुनकर परमेश् वर हुनका सभक लेल ननह रहनथ आ हम सभ सींसारक समक्ष अपमाननत ननह बनन जायब। 22 अकीओर ई सभ बात समाप्त कऽ कऽ डेराक चारू कात िाढ़ सभ लोक बडबडाइत रहलाह आ होलोर्नेसक मुखिया आ समुद्रक कात मे आ मोआब मे रहननहार सभ लोक सभ हुनका मारर देबाक लेल कहलनथन। 23 ओ सभ कहैत छनथ जे, हम सभ इस्राएलक सन् तान सभक मुँह सँ ननह डेरब, नकएक तँ ई एहन लोक अनछ जकरा मे कोनो सामथ्ष य आ ने सामथ्ष य युद्धक सामथ्ष य अनछ 24 आब, प्रभु होलोर्नेस, हम सभ चढ़ब, आ ओ सभ अहाँक समस्त सेनाक नशकार भऽ जायत। अध्याय 6 1 जिन पररर्द् मे बैसल लोक सभक हींगामा समाप्त भऽ गेल तिन अस्सूरक सेनाक प्रमुि होलोर्नेस आन जानतक समस्त दलक समक्ष अकीओर आ समस्त मोआबी लोकनन क ेँ कहलनथन। 2 अकीओर आ एप्रैमक मजदू र सभ क े छी जे आइ जेकाँ हमरा सभक नवरुद्ध भनवष्यवाणी कऽ कऽ कहलहुँ जे हम सभ इस्राएलक लोक सभक सींग युद्ध ननह करब, नकएक तँ ओकर सभक परमेश् वर ओकरा सभक रक्षा करताह? आ नबूचोदोनोसोर छोनड परमेश् वर क े छनथ? 3 ओ अपन सामथ्ष य पिाओत आ पृथ् वी पर सँ ओकरा सभ क ेँ नष्ट कऽ देतैक, आ ओकर सभक परमेश् वर ओकरा सभ क ेँ ननह बचाओत। कारण ओ सभ हमरा सभक घोडाक सामर्थ्ष क ेँ नटकय मे सक्षम ननह अनछ। 4 नकएक तँ ओकरा सभक सींग हम सभ ओकरा सभक ेँ पएर नीचाँ चढ़ब, ओकर सभक पहाड ओकर सभक िूनसँ नशा मे धुत्त भऽ जायत, ओकर सभक िेत ओकर सभक मृत शरीरसँ भरर जायत, आ ओकर सभक कदम हमरा सभक सोझाँ िाढ़ ननह भऽ सक ै त अनछ, नकएक तँ ओ सभ एकदम नाश भऽ जायत। राजा नबूकोदोनोसोर, समस्त पृथ्वीक मानलक कहैत छनथ, कारण ओ कहलनन जे, “हमर कोनो बात व्यथष ननह होयत।” 5 अहाँ अम्मोनक भाडा-करकट अकीओर, जे अहाँक अधमषक नदन ई बात कहने छी, आइ सँ आब हमर मुँह ननह देिब, जाबत हम नमस्र सँ ननकलल एनह जानत सँ बदला ननह लेब। 6 तिन हमर सेनाक तलवार आ हमर सेवा करननहार सभक भीड अहाँक कात मे सँ गुजरत आ जिन हम घुरैत छी तिन अहाँ हुनका सभक मारल गेल लोकक बीच िनस पडब। 7 आब हमर सेवक सभ अहाँ क ेँ पहाडी इलाका मे वापस आनन देत आ अहाँ क ेँ ओनह मागषक कोनो शहर मे बैसा देत। 8 जाबत धरर अहाँ हुनका सभक सींग नष्ट ननह भऽ जायब ताबत धरर अहाँ नष्ट ननह होयब। 9 जँ अहाँ अपना क ेँ मने-मन बुझबैत छी जे ओ सभ पकडल जायत, तँ अहाँक मुँह ननह िसय। 10 तिन होलोर्नेस अपन डेरा मे प्रतीक्षा मे रहननहार सेवक सभ क ेँ आज्ञा देलनथन जे अनकओर क ेँ पकनड कऽ बेतुनलया मे आनन कऽ इस्राएलक सन् तान सभक हाथ मे सौींप नदअ। 11 तिन हुनकर नोकर सभ हुनका लऽ कऽ डेरासँ बाहर मैदानमे लऽ गेलनन आ मैदानक बीचसँ पहाडी इलाकामे जा कऽ बेतुनलयाक नीचाँक र्व्वारा सभ लग पहुँनच गेलाह। 12 जिन नगरक लोक सभ ओकरा सभ क ेँ देखि, ओ सभ अपन हनथयार उिा कऽ नगर सँ बाहर पहाडीक चोटी पर चनल गेल। 13 मुदा ओ सभ गुप्त रूप सँ पहाडक नीचाँ पहुँनच कऽ अनकओर क ेँ बाखि कऽ नीचाँ र् े नक देलक आ पहाडक पाँनत मे छोनड अपन मानलक लग घुरर गेल। 14 इस्राएली सभ अपन नगर सँ उतरर हुनका लग आनब गेलाह आ हुनका िोनल कऽ बेतुनलया लऽ गेलनन आ नगरक गवनषर सभक समक्ष राखि देलनथन।
  • 5. 15 ओनह समय मे नशमोनक वींशक मीकाक पुत्र ओनजयास आ गोथोनीएलक पुत्र कानिस आ मल्कीएलक पुत्र करमीस छलाह। 16 ओ सभ नगरक सभ प्राचीन लोक सभ क ेँ एक िाम बजा लेलक आ ओकर सभ युवा आ अपन स् त्रीगण सभ क ेँ एक सींग दौनड कऽ सभा मे आनब गेल। तिन ओनजयास ओकरासँ पुछलक ै जे की भेलै। 17 ओ उत्तर देलनथन आ हुनका सभ क ेँ होलोर्नेसक पररर्द् क वचन आ अस्सूरक राजक ु मार सभक बीच जे नकछु कहने छलाह आ जे नकछु होलोर्नेस इस्राएलक वींशक नवरुद्ध गवषपूवषक कहलनन से सुनौलनन। 18 तिन लोक सभ िनस कऽ परमेश् वरक आराधना कयलक आ परमेश् वर सँ पुकारल। कहैत, 19 हे स् वगषक परमेश् वर, हुनका सभक घमींड क ेँ देिू आ हमरा सभक जानतक नीचता पर दया करू, आ आइ जे सभ अहाँ क ेँ पनवत्र कयल गेल अनछ, हुनकर सभक मुँह देिू। 20 तिन ओ सभ अनकओर क ेँ सान्त्वना देलक आ ओकर बहुत प्रशींसा कयलक। 21 ओनजयास हुनका सभा मे सँ बाहर लऽ कऽ अपन घर मे लऽ गेलाह। ओ सभ ओनह रानत भरर इस्राएलक परमेश् वर सँ सहायताक लेल पुकारलनन। अध्याय 7 1 दोसर नदन होलोर्नेस अपन सभ सेना आ हुनकर सभ लोक जे हुनकर भाग लेबाक लेल आयल छल, से आज्ञा देलनथन जे ओ सभ अपन डेरा बेतुनलयाक नवरुद्ध हनट जाय, जे पहाडी इलाकाक चढ़ाईक स्द्थान पनहने सँ पकनड लेनथ आ इस्राएलक सन् तान सभक नवरुद्ध युद्ध करनथ . 2 ओनह नदन ओकर सभक बलवान सभ अपन डेरा हटा देलक, आ युद्धकमीक सेना मे एक लाि सत्तरर हजार पैदल सैननक आ बारह हजार घुडसवार, सामानक बगल मे आ आन लोक सभ छल जे ओकरा सभक बीच पैदल चलैत छल, बहुत पैघ भीड . 3 ओ सभ बेतुनलयाक लगक घाटी मे, र्व्वारा लग डेरा िसा लेलक आ दोथाइम सँ बेलमैम धरर आ बेथुनलया सँ लमहर मे एस्द्डरेलोनक समक्ष नसनामोन धरर पसरल। 4 इस्राएलक लोक सभ हुनका सभक भीड देखि बहुत घबरा गेल आ सभ अपन-अपन पडोसी क ेँ कहलनथन, “आब ई लोक सभ पृथ् वी क ेँ चानट लेत। कारण, ने ऊ ँ च पहाड, ने उपत्यका, आ ने पहाडी अपन भार उिा सक ै त अनछ। 5 तिन एक-एक गोटे अपन-अपन युद्धक हनथयार उिौलनन आ अपन-अपन बुजष पर आनग लगा कऽ ओनह रानत भरर देिैत रहलाह। 6 मुदा दोसर नदन होलोर्नेस अपन सभ घुडसवार क ेँ बेतुनलया मे रहननहार इस्राएलक सन् तान सभक सोझाँ अनलनन। 7 ओ शहर नदसक बाट सभ देखि ओकर सभक पानन सभक र्व्वारा नदस आनब ओकरा सभ क ेँ पकनड लेलक आ ओकरा सभ पर युद्धक सैननक सभक सेना लगा देलक आ ओ स्वयीं अपन लोक नदस चनल गेल। 8 तिन एसावक सभ मुखिया, मोआबक समस्त राज्यपाल आ समुद्रक कातक सेनापनत सभ हुनका लग आनब कहलनथन। 9 हमरा सभक प्रभु आब एकटा बात सुनू जे अहाँक सेना मे कोनो उिानड ननह पडय। 10 नकएक तँ इस्राएलक सन्तानक लोकसभ अपन भालापर भरोसा ननह करैत छनथ, अनपतु पहाडक ऊ ँ चाईमे जतय ओ रहैत छनथ, नकएक तँ अपन पहाडक चोटी धरर आबब आसान ननह अनछ। 11 तेँ आब, हमर प्रभु, हुनका सभक सींग युद्धक नसलनसला मे ननह लडू , आ अहाँक प्रजा मे सँ एको आदमीक नाश ननह होयत। 12 अपन डेरा मे रहू, आ अपन सेनाक सभटा आदमी क े रािू आ अहाँक सेवक सभ पाननक र्व्वारा अपन हाथमे आनब जाय, जे पहाडक तलहटी सँ ननकलैत अनछ। 13 नकएक तँ बेतुनलयाक सभ लोकक पानन ओतनह सँ भेटैत अनछ। तनहना प्यास ओकरा सभ क ेँ मारर देतैक आ ओ सभ अपन शहर छोनड देतैक, आ हम सभ आ हमर लोक सभ लगक पहाड सभक चोटी पर चनढ़ कऽ ओकरा सभ पर डेरा िसा देब जे शहर सँ नकयो बाहर ननह ननकनल जाय।” 14 तेँ ओ सभ आ ओकर स् त्रीगण आ सींतान सभ आनग मे भस्म भऽ जेताह आ तलवार हुनका सभ पर अयबा सँ पनहने ओ सभ ओनह गली मे उिानड देल जेताह। 15 एनह तरहेँ अहाँ हुनका सभ क ेँ अधलाह र्ल देबनन। नकएक तँ ओ सभ नवद्रोह क े लक आ अहाँ सभक सींग शाखन्तपूवषक ननह भेंट क े लक। 16 ई बात होलोर्नेस आ ओकर सभ सेवक सभ क ेँ नीक लागल आ ओ सभ अपन बातक अनुसार काज करबाक लेल ननयुखि कयलनन। 17 अम्मोनक डेरा आ अश्शूरक पाँच हजार लोकक सींग नवदा भऽ गेल आ ओ सभ घाटी मे डेरा िसा लेलक आ इस्राएलक पानन आ पानन सभक र्व्वारा सभ क ेँ पकनड लेलक। 18 तिन एसावक लोक सभ अम्मोनक सन् तान सभक सींग चनढ़ कऽ दोथैमक समक्ष पहाडी इलाका मे डेरा िसा लेलक आ नकछु गोटे क ेँ दनक्षण नदस आ पूब नदस एकरेबेलक ओनह पार पिा देलक जे चूसीक समीप अनछ मोचमुर धार पर; अश्शूरक शेर् सेना मैदान मे डेरा िसा लेलक आ पूरा देश क ेँ झाँनप देलक। आ हुनका लोकननक डेरा आ गाडी सभ बहुत पैघ भीडक लेल िाढ़ भ’ गेल छलनन। 19 तिन इस्राएलक लोक सभ अपन परमेश् वर परमेश् वर सँ पुकारलनन, नकएक तँ हुनका सभक मोन क्षीण भऽ गेलनन, नकएक तँ हुनका सभक सभ शत्रु हुनका सभ क ेँ चारू कात घेरने छलनन आ हुनका सभक बीच सँ बचबाक कोनो उपाय ननह छलनन। 20 एनह तरहेँ असूरक समस्त दल, अपन पैदल सैननक, रथ आ घुडसवार दुनू गोटे चारर-तीस नदन धरर हुनका सभक चारूकात रहल, जानह सँ हुनका सभक सभ जलक पात्र बेथुनलयाक सभ ननरोधक सभ क ेँ क्षीण कऽ देलक। 21 क ुँ हा सभ िाली भऽ गेल छल आ एक नदन धरर हुनका सभ लग पेट पीबय लेल पानन ननह छलनन। नकएक तँ ओ सभ नाप-जोि मे हुनका सभ क ेँ पीबैत छलाह। 22 एनह लेल हुनका सभक छोट-छोट बच्चा सभक मोन मे उत्कर्ष भऽ गेल छलनन आ ओकर सभक स्त्री-युवक सभ प्यास सँ बेहोश भऽ गेलाह आ नगरक गली-गली मे आ र्ाटक सभक बाट मे िनस पडलाह आ हुनका सभ मे आब कोनो शखि ननह रनह गेलनन। 23 तिन सभ लोक ओनजयास आ नगरक मुखिया, युवक-युवती आ बच्चा सभ लग जमा भ’ गेल आ जोर-जोर सँ नचनचया उिल आ सभ बुजुगष सभक सोझाँ कहलक। 24 परमेश् वर हमरा सभ आ अहाँ सभक बीच न्याय करनथ, नकएक तँ अहाँ सभ हमरा सभ क ेँ बहुत दुर्् ट कऽ देलहुँ जे अहाँ सभ अस्सूरक सन् तान सभ सँ शाखन्त ननह माँगलहुँ। 25 आब हमरा सभक कोनो सहायक ननह अनछ, मुदा परमेश् वर हमरा सभ क ेँ हुनका सभक हाथ मे बेनच देलनन, जानह सँ हमरा सभ क ेँ प्यास आ बहुत नवनाशक सींग हुनका सभक सोझाँ र् े नक देल जाय। 26 आब ओकरा सभ क ेँ अहाँ सभ लग बजाउ आ पूरा नगर क ेँ होलोर्नेसक लोक आ ओकर समस्त सेना क ेँ लूट मे सौींनप नदयौक। 27 नकएक तँ प्यासक कारणेँ मरबासँ नीक जे हम सभ हुनका सभक लेल लूट बनन जायब, नकएक तँ हम सभ हुनकर दास बनब जानहसँ अपन प्राण जीनवत रहब आ ने अपन नशशु सभक मृत्यु हमरा सभक आँखिक सोझाँ ननह देिब आ ने अपन स् त्रीगणक सोझाँ हमर बच्चा सभ क े मरय लेल। 28 हम सभ अहाँ सभक नवरुद्ध आकाश-पृथ्वी आ अपन परमेश् वर आ हमरा सभक पूवषजक प्रभु, जे हमरा सभक पाप आ हमरा सभक पूवषजक पापक अनुसार दींनडत करैत छनथ, तकरा अहाँ सभक नवरुद्ध गवाही दैत छी जे ओ आइ जेना कहलहुँ, तेना ननह करैत छनथ।
  • 6. 29 तिन सभा मे एक सहमनत सँ बहुत कानब भेल। ओ सभ जोर- जोर सँ प्रभु परमेश् वर सँ पुकारलनन। 30 तिन ओनजयास हुनका सभ क ेँ कहलनथन, “हे भाइ लोकनन, साहस करू, हम सभ एिन धरर पाँच नदन धरर सहन करी, जानह काल मे हमर सभक परमेश् वर प्रभु हमरा सभ पर अपन दया घुमा सकनथ। नकएक तँ ओ हमरा सभ क ेँ एकदम ननह छोडत।” 31 जँ ई नदन बीनत गेल आ हमरा सभक कोनो सहायता ननह आओत तँ हम अहाँक वचनक अनुसार काज करब। 32 ओ लोक सभ क ेँ अपन-अपन आज्ञाक अनुसार नततर-नबतर कऽ देलनथन। ओ सभ अपन नगरक देबाल आ बुजष पर जा कऽ स्त्रीगण आ बच्चा सभ क ेँ अपन घर मे पिा देलक। अध्याय 8 1 ओनह समय मे जूनडथ ई बात सुनलीह जे यूसुर्क पुत्र बैल क े र पुत्र मेरारीक पुत्र छलीह, ओजेल क े र पुत्र छलाह, जे एखियाक पुत्र छलाह, जे अनननयाक पुत्र छलाह, जे रर्ाइमक पुत्र नगदोनक पुत्र छलाह , अनसथोक पुत्र, एनलयाबक पुत्र, एनलयाबक पुत्र, नतनएलक पुत्र, सामएलक पुत्र, इस्राएलक पुत्र सलासादालक पुत्र। 2 मनशस हुनकर पनत छलनन, जे हुनकर गोत्र आ पररजन मे छलाह, जे जौक र्सल मे मरर गेलाह। 3 जिन ओ िेत मे गुच्छा बािननहार सभक देिरेि मे िाढ़ छलाह तिन हुनकर माथ पर गमी आनब गेलनन आ ओ अपन नबछाओन पर िनस पडलाह आ बेतुनलया नगर मे मरर गेलाह . 4 जूनडथ तीन वर्ष चारर मास धरर अपन घर मे नवधवा छलीह। 5 ओ अपन घरक चोटी पर एकटा डेरा बनौलनन आ कमर मे बोरा पनहरर कऽ अपन नवधवाक वस्त्र पनहरने छलीह। 6 ओ अपन नवधवाक सभ नदन उपवास करैत रहलीह, नसवाय नवश्राम-नवश्राम-नदन, अमावस्याक पूवष सींध्या, अमावस्या आ इस्राएलक घरानाक पवष आ गींभीर नदनक। 7 ओ सुन्दर चेहराक छलीह आ देिबा मे बहुत सुन्दर छलीह। ओ ओकरा सभ पर रनह गेलीह। 8 नकयो एहन ननह छल जे ओकरा अधलाह बात कहलक। जेना ओ भगवान् सँ बहुत डरैत छलीह। 9 जिन ओ राज्यपालक नवरुद्ध लोक सभक अधलाह बात सुनलीह जे ओ सभ पाननक अभाव मे बेहोश भऽ गेलाह। कारण, जूदीत ओनजयास द्वारा कहल गेल सभ बात सुनने छलाह आ पाँच नदनक बाद शहर क ेँ अश्शूर सभक हाथ मे सौींपबाक शपथ लेने छलाह। 10 तिन ओ अपन प्रतीक्षारत मनहला क ेँ पिौलनन जे हुनका लग सभ नकछु क शासन छलनन जे ओनजयास आ चानिस आ चनमषस क ेँ शहरक प्राचीन लोक कहनथन। 11 ओ सभ हुनका लग आनब गेलाह आ ओ हुनका सभ क ेँ कहलनथन, “हे बेथुनलयाक ननवासी सभ, आब हमर बात सुनू, नकएक तँ अहाँ सभ आइ लोकक समक्ष जे बात कहलहुँ से िीक ननह अनछ परमेश् वर आ अहाँ सभक बीच, आ वचन देने छी जे एनह नगर क ेँ हमरा सभक शत्रु सभक हाथ मे ननह दऽ देब, जाबत धरर एनह नदन सभक भीतर प्रभु अहाँक मदनद ननह करनथ। 12 आब अहाँ सभ क े छी जे आइ परमेश् वरक परीक्षा कयलहुँ आ मनुर्् यक सन् तान सभक बीच परमेश् वरक बदला मे िाढ़ छी? 13 आब सवषशखिमान प्रभुक परीक्षण करू, मुदा अहाँ सभ कनहयो कोनो बात ननह बुझब। 14 नकएक तँ अहाँ सभ मनुर्् यक हृदयक गहीींरता ननह पानब सक ै त छी आ ने ओकर नवचार क ेँ बुनझ सक ै त छी। हे भाइ लोकनन, हमरा सभक परमेश् वर परमेश् वर क ेँ क्रोनधत ननह करू। 15 जँ ओ एनह पाँच नदनक भीतर हमरा सभक सहायता ननह करताह तँ ओकरा सभ नदन जिन चाहनथ तिन हमरा सभक रक्षा करबाक सामर्थ्ष छनन वा शत्रु सभक समक्ष हमरा सभ क ेँ नष्ट करबाक अनधकार छनन। 16 हमरा सभक परमेश् वर परमेश् वरक नवश् वास क ेँ ननह बान् बू, नकएक तँ परमेश् वर मनुि जकाँ ननह छनथ जानह सँ हुनका धमकाबय पडय। आ ने मनुर्् यक पुत्र जकाँ अनछ जे ओ डगमगाइत रहय। 17 तेँ हम सभ हुनकर उद्धारक प्रतीक्षा करू आ हुनका अपना सभक सहायता करबाक लेल आह्वान करी आ जँ हुनका नीक लागय तँ ओ हमरा सभक आवाज सुनताह। 18 हमरा सभक युग मे नकयो एहन ननह भेल अनछ आ ने आइ-काखि मे ने कोनो गोत्र, ने क ु ल, आ ने लोक आ ने शहर, जे पनहने जकाँ हाथ सँ बनल देवता सभक आराधना करैत अनछ। 19 एनह कारणेँ हमरा सभक पूवषज तलवार आ लूट लेल चढ़ाओल गेलाह आ हमरा सभक शत्रु सभक सामने बहुत िनस पडलाह। 20 मुदा हम सभ कोनो आन देवता क ेँ ननह जनैत छी, तेँ हमरा सभ क ेँ भरोसा अनछ जे ओ हमरा सभ क ेँ आ ने हमरा सभक कोनो जानत क ेँ नतरस्क ृ त करत। 21 जँ हमरा सभ क ेँ एना पकडल जाय तँ पूरा यहूनदया उजाड भऽ जायत आ हमर सभक पनवत्र स्द्थान लूनट जायत। आ ओ हमरा सभक मुँह पर एकर अपनवत्रताक माँग करताह। 22 हमरा सभक भाइ सभक वध, देशक बींदी आ हमरा सभक उत्तरानधकारक उजाड, ओ हमरा सभक माथ पर गैर-यहूदी सभक बीच घुमा देत, जतय हम सभ दासता मे रहब। आ हमरा सभ क ेँ जे सभ हमरा सभ क ेँ अपना मे बैसल अनछ, तकरा सभक लेल हम सभ अपराध आ ननन्दा बनन जायब। 23 कारण, हमरा सभक दासता अनुिह नदस ननह होयत, बल् नक प्रभु परमेश् वर एकरा अपमाननत कऽ देनथन। 24 हे भाइ लोकनन, आब हम सभ अपन भाय सभ क ेँ एकटा उदाहरण देिाउ, नकएक तँ हुनकर सभक मोन हमरा सभ पर ननभषर अनछ, पनवत्र स्द्थान, घर आ वेदी हमरा सभ पर अनछ। 25 हम सभ अपना सभ परमेश् वर परमेश् वर क ेँ धन्यवाद दी, जे हमरा सभक पूवषज सभ जकाँ हमरा सभ क ेँ परीक्षा दैत छनथ। 26 मोन रािू जे ओ अिाहमक सींग क े हन काज क े ने छलाह, इसहाक क ेँ कोना परीक्षा लेलनन, आ अरामक मेसोपोटानमया मे याक ू बक सींग की भेल छलनन, जिन ओ अपन मायक भाय लाबानक भेँडा सभ क ेँ पोसैत छलाह। 27 नकएक तँ ओ हमरा सभ क ेँ आनग मे परीक्षा ननह देलक जेना ओकरा सभक हृदयक परीक्षण करबाक लेल ओ हमरा सभक प्रनतशोध ननह लेलक। 28 ओनजयास ओकरा कहलनथन, “अहाँ जे नकछु कहलहुँ से सभ नीक मोन सँ बाजल छी, मुदा अहाँक बात क ेँ नवरोध करयवला नकयो ननह अनछ।” 29 नकएक तँ ई पनहल नदन ननह अनछ जिन अहाँक बुखद्ध प्रगट होयत। मुदा तोहर नदनक प्रारींभ सँ सभ लोक अहाँक समझ क ेँ जनैत अनछ, नकएक तँ अहाँक हृदयक स्वभाव नीक अनछ। 30 मुदा लोक सभ बहुत प्यासल छल आ हमरा सभ क ेँ बाध्य कऽ देलक जे हम सभ जेना कहने छी तेना ओकरा सभक सींग करऽ आ अपना पर शपथ आनब, जकरा हम सभ ननह तोडब। 31 तेँ आब अहाँ हमरा सभक लेल प्राथषना करू, नकएक तँ अहाँ परमेश् वरक भक ् त स् त्री छी, आ प्रभु हमरा सभक क ुीं ड सभ क ेँ भरबाक लेल बरिा पिौताह आ हम सभ आब बेहोश ननह रहब। 32 तिन जूनडथ हुनका सभ क ेँ कहलनथन, “हमर बात सुनू, हम एकटा एहन काज करब जे सभ पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमरा सभक जानतक सन् तान सभक बीच चलत।” 33 अहाँ सभ आइ रानत र्ाटक मे िाढ़ रहब आ हम अपन प्रतीक्षारत मनहलाक सींग ननकलब। 34 मुदा अहाँ सभ हमर काजक नवर्य मे ननह पूछ ू , नकएक तँ जा धरर हम जे काज कऽ रहल छी से पूरा ननह भऽ जायत, ताबत धरर हम अहाँ सभ क ेँ ई बात ननह कहब।
  • 7. 35 ओनजयास आ राजक ु मार सभ हुनका कहलनथन, “शाींनत सँ जाउ, आ प्रभु परमेश् वर अहाँक समक्ष रहनथ, जानह सँ हमरा सभक शत्रु सभक प्रनतशोध ली।” 36 ओ सभ डेरा पर सँ घुरर कऽ अपन-अपन वाडष मे चनल गेलाह। अध्याय 9 1 जूनडथ मुँह पर िनस पडलीह आ माथ पर राि राखि कऽ ओनह बोरा क ेँ िोनल लेलनन जानह सँ ओ पनहरने छलीह। जिन ओनह साँझक धूप यरूशलेम मे प्रभुक घर मे चढ़ाओल गेल छल, ओनह समय मे जूदीत जोर-जोर सँ नचनचया उिलीह। 2 हे हमर नपता नशमोनक परमेश् वर परमेश् वर, नजनका अहाँ परदेशी सभक प्रनतशोध लेबाक लेल तलवार दऽ देनलयैक, जे एकटा दासी क ेँ अशुद्ध करबाक लेल ओकर पट्टी क ेँ ढीला कऽ देलक आ ओकर लाजक लेल जाँघक पता लगा देलक आ ओकर क ु माररव क ेँ ओकर अपमाननत कऽ देलक। नकएक तँ अहाँ कहलहुँ जे, “एना ननह होयत।” आ तैयो ओ सभ एना क े लनन। 3 तेँ अहाँ हुनका सभक शासक सभ क ेँ मारर देबाक लेल देनलयैक, जानह सँ ओ सभ धोिा िा कऽ अपन नबछौन क ेँ िून सँ रींनग देलक आ अपन मानलक सभक सींग नोकर सभ क ेँ आ नसींहासन पर बैसल मानलक सभ क ेँ मारर देलक। 4 अपन स् त्री सभ क ेँ नशकार बना कऽ अपन बेटी सभ क ेँ बींदी बना कऽ दऽ देने छनथ आ अपन सभटा लूट-पाट क ेँ अहाँक नप्रय सींतान सभक बीच बाँनट देलहुँ। जे सभ तोहर उत्साह सँ भावुक भऽ गेल छल, आ अपन िूनक प्रदू र्ण सँ घृणा करैत छल, आ अहाँ क ेँ सहायताक लेल पुकारैत छल, हे परमेश् वर, हे हमर परमेश् वर, हमर नवधवा सेहो सुनू। 5 नकएक तँ अहाँ मात्र ओनह काजे ननह, बल् नक पनहने जे काज भऽ गेल छल आ ओकर बादक काज सेहो क े लहुँ। अहाँ एिन जे नकछु अनछ आ आबय बला बात पर नवचार क े ने छी। 6 हँ, जे बात अहाँ ननधाषररत क े लहुँ से सभ तैयार भऽ गेल छल आ कहलक जे, “देिू, हम सभ एतय छी, नकएक तँ अहाँक सभ बाट तैयार भऽ गेल अनछ आ अहाँक न् याय अहाँक पूवष ज्ञान मे अनछ।” 7 देिू, अश्शूर सभक सामथ्ष य बनढ़ गेल अनछ। घोडा आ मनुक्खक सींग ऊ ँ च कयल जाइत छनथ। अपन पैदल चलननहारक बल पर घमींड करैत छनथ। ढाल, भाला, धनुर् आ गोर्न पर भरोसा करैत छनथ। आ ई ननह जानन जे अहाँ युद्ध तोडय बला प्रभु छी। 8 हुनका सभक सामथ्ष य क ेँ अपन सामथ्ष य मे र् े नक नदयौक आ हुनका सभक सामथ्ष य क ेँ अपन क्रोध मे उतारर नदयौक, नकएक तँ ओ सभ अहाँक पनवत्र स्द्थान क ेँ अशुद्ध करबाक आ अहाँक गौरवशाली नामक स् न् ता क ेँ अशुद्ध करबाक आ अहाँक वेदीक सीींग क ेँ तलवार सँ र् े नक देबाक योजना बनौने छनथ। 9 हुनका सभक घमींड देिू, आ अपन क्रोध हुनका सभक माथ पर पिाउ। 10 हमर िोरक छल सँ नौकर क ेँ राजक ु मारक सींग आ राजक ु मार क ेँ नौकर क ेँ मारर नदयौक। 11 नकएक तँ तोहर सामथ्ष य भीड मे िाढ़ ननह अनछ आ ने बलवान लोक मे, नकएक तँ अहाँ दुुः िी सभक परमेश् वर छी, दबल-क ु चलल लोकक सहायक, कमजोर लोकक सहारा, नवरि लोकक रक्षक आ आशाहीन लोकक उद्धारकताष छी . 12 हे हमर नपताक परमेश् वर आ इस्राएलक उत्तरानधकारक परमेश् वर, आकाश आ पृथ् वीक प्रभु, जलक सृनष्टकताष, सभ प्राणीक राजा, हमर प्राथषना सुनू। 13 हमर बात आ छल क ेँ हुनका सभक घाव आ चोट बनाउ, जे सभ अहाँक वाचा आ अहाँक पनवत्र घर आ नसयोनक चोटी आ अहाँक सन्तान सभक सम्पनत्तक घरक नवरुद्ध क्र ू र काज करबाक योजना बनौने छनथ। 14 आ सभ जानत आ गोत्र क ेँ ई स्वीकार कराउ जे अहाँ सभ सामथ्ष य आ सामथ्ष यक परमेश् वर छी, आ अहाँ छोनड इस्राएलक लोक सभक रक्षा करयवला आन नकयो ननह अनछ। अध्याय 10 1 ओकर बाद ओ इस्राएलक परमेश् वर लग पुकारब छोनड देलक आ एनह सभ बात क ेँ समाप्त कऽ लेलक। 2 ओ जतय िसल छलीह ओतय उनि कऽ अपन दासी क ेँ बजा कऽ ओनह घर मे उतरर गेलीह जानह मे ओ नवश्राम-नदन आ पाबनन मे रहैत छलीह। 3 ओ जे बोरा पनहरने छलीह से उतारर कऽ अपन नवधवाक वस्त्र उतारर कऽ अपन शरीरक चारू कात पानन सँ धो लेलनन आ अनमोल मरहम सँ अनभर्ेक कयलनन आ माथक क े श क ेँ बेनी कऽ टायर पनहरर लेलनन ओ अपन हर्षक वस्त्र पनहरने छलीह, जे ओ अपन पनत मनशक जीवन मे पनहरने छलीह। 4 ओ अपन पएर पर चप्पल लऽ कऽ अपन क ीं गन, जींजीर, अींगूिी, झुमका आ सभटा आभूर्ण पनहरर कऽ बहादुरी सँ सजौलीह, जानह सँ हुनका देिय बला सभ लोकक आँखि लोभाबय। 5 तिन ओ अपन नौकरानी क ेँ मनदराक बोतल आ तेलक एकटा क्र ू स देलनथन आ एकटा झोरा मे सुिायल धान, अींजीरक गाींि आ नीक रोटी भरर देलनन। तेँ ओ एनह सभ वस्तु क ेँ एक िाम मोनड कऽ अपन ऊपर राखि देलनन। 6 एनह तरहेँ ओ सभ बेतुनलया नगरक र्ाटक नदस बढ़लाह आ ओनजयास आ ओनह नगरक प्राचीन लोक सभ, चानिस आ चनमषस क ेँ िाढ़ भेटलाह। 7 जिन ओ सभ ओकरा देिलक जे ओकर चेहरा बदनल गेल छलैक आ ओकर पररधान बदनल गेलैक तऽ ओकर सुन्दरता पर बहुत आियषचनकत भऽ ओकरा कहलक ै क। 8 परमेश् वर, हमरा सभक पूवषज सभक परमेश् वर, अहाँ पर क ृ पा करनथ आ इस्राएलक सन् तान सभक मनहमा आ यरूशलेमक उदात्तताक लेल अपन काज पूरा करू। तिन भगवानक आराधना क े लनन। 9 ओ हुनका सभ क ेँ कहलनथन, “नगरक र्ाटक हमरा लेल िुजबाक आज्ञा नदअ जानह सँ हम जे बात अहाँ सभ हमरा सँ कहलहुँ से पूरा करबाक लेल ननकनल सकब।” तेँ ओ सभ युवक सभ क ेँ आज्ञा देलनथन जे, जेना ओ कहने छलीह, हुनका सामने िोनल नदयौक। 10 ओ सभ एना कऽ कऽ जूनडथ आ ओकर दासी आ ओकरा सींग बाहर ननकनल गेलीह। नगरक लोक सभ ओकरा ताबत धरर देिैत रहल, जाबत धरर ओ पहाड पर सँ ननह उतरर गेल आ जाबत धरर ओ घाटी सँ ननह गुजरर गेल आ ओकरा आब ननह देखि सकल। 11 एनह तरहेँ ओ सभ सोझे घाटी मे नवदा भेलाह। 12 ओ ओकरा पकनड कऽ पुछलनथन, “अहाँ कोन लोकक छी?” आ अहाँ कतय सँ आयल छी? आ अहाँ कतय जा रहल छी? ओ बजलीह, “हम इिानी सभक स् त्री छी आ ओकरा सभ सँ भानग गेल छी। 13 हम अहाँक सेनाक प्रमुि होलोर्नेसक सोझाँ आनब रहल छी जे सत्यक बात कहब। हम ओकरा एकटा एहन बाट देिा देबनन जानह सँ ओ जा कऽ पूरा पहाडी इलाका क ेँ जीत लेत, नबना कोनो आदमीक शरीर आ प्राण गमा लेने। 14 लोक सभ हुनकर बात सुनन हुनकर चेहरा देखि हुनकर सुन्दरता देखि बहुत आियषचनकत भऽ हुनका कहलनथन। 15 अहाँ हमरा सभक प्रभुक सानिध मे जिबाजी मे उतरर कऽ अपन जान बचा लेलहुँ। 16 जिन अहाँ हुनका सोझाँ िाढ़ रहब तँ अपन मोन मे ननह डेराउ, बल् नक हुनका अपन वचनक अनुसार देिाउ। ओ तोरा नीक जकाँ नवनती करत।
  • 8. 17 तिन ओ सभ ओकरा आ ओकर दासी क ेँ सींग देबाक लेल ओनह मे सँ एक सय आदमी क ेँ चुनलनन। ओ सभ ओकरा होलोर्नेसक डेरा मे अनलनन। 18 तिन पूरा डेरा मे जमा भेल, नकएक तँ डेरा सभक बीच मे हुनकर आगमनक हल्ला होइत छल आ ओ सभ हुनका चारू कात घुनम रहल छल, जाबत धरर ओ होलोर्नेसक डेराक बाहर िाढ़ छलीह। 19 ओ सभ ओकर सौन्दयष देखि आियषचनकत भऽ ओकरा कारणेँ इस्राएलक सन् तान सभक प्रशींसा कयलक आ सभ अपन पडोसी क ेँ कहलक, “एनह लोक क ेँ क े तुच्छ बुझत, जकरा मे एहन स् त्रीगण अनछ?” नननित रूप सँ ई नीक बात ननह जे हुनका सभ मे सँ एक आदमी छोनड देल जाय जे छोनड देल गेल अनछ जे पूरा पृथ्वी क ेँ धोिा द' सकय। 20 होलोर्नेसक समीप पडल लोक सभ आ हुनकर सभ नोकर आ ओ सभ हुनका डेरा मे अनलनन। 21 होलोर्नेस अपन नबछौन पर बैंगनी, सोना, पिा आ कीमती पाथर सँ बुनल गेल छत्ताक नीचाँ बैसल छलाह। 22 ओ सभ हुनका हुनकर नवर्य मे देिौलनन। ओ चानीक दीप ल' क' अपन डेराक आगू बढ़लाह। 23 जिन जूदीत हुनका आ हुनकर नोकर सभक सोझाँ आनब गेलीह तिन ओ सभ हुनकर चेहराक सुन्दरता देखि आियषचनकत भ’ गेलाह। ओ मुँह पर िनस पडलीह आ हुनका आदर कयलनन। अध्याय 11 1 तिन होलोर्नेस ओकरा कहलनथन, “हे नारी, सान्त्वना रहू, हृदय मे ननह डेराउ, नकएक तँ हम कनहयो एहन ककरो चोट ननह पहुँचेलहुँ जे समस्त पृथ्वीक राजा नबूकोदोनोसोरक सेवा करऽ चाहैत छल।” 2 आब, जँ अहाँक लोक जे पहाड पर रहैत अनछ, जँ हमरा द्वारा इजोत ननह देल गेल रहैत तऽ हम हुनका सभक नवरुद्ध अपन भाला ननह उिौने रनहतहुँ। 3 मुदा आब हमरा कहू जे अहाँ हुनका सभ सँ नकएक भानग गेलहुँ आ हमरा सभ लग नकएक आनब गेलहुँ, नकएक तँ अहाँ रक्षाक लेल आयल छी। सान्त्वना रािू, अहाँ आइ रानत आ परलोक मे जीनवत रहब। 4 नकएक तँ क े ओ तोरा चोट ननह पहुँचाओत, बल् नक तोरा नीक जकाँ नवनती करत, जेना हमर मानलक राजा नबूकोदोनोसोरक सेवक सभ करैत अनछ। 5 तिन जूनडथ हुनका कहलनथन, “अपन नौकरक बात िहण करू आ अपन दासी क ेँ अहाँक सोझाँ मे बाज’ नदयौक, आ हम आइ रानत अपन मानलक क ेँ कोनो झूि ननह बाजब।” 6 जँ अहाँ अपन दासीक बातक पालन करब तँ परमेश् वर अहाँक लग मे ओ बात क ेँ पूणष रूप सँ पूरा कऽ देनथन। आ हमर प्रभु अपन उद्देश्य सँ नवर्ल ननह होयत। 7 जेना समस्त पृथ्वीक राजा नबूकोदोनोसोर जीनवत छनथ आ हुनकर सामथ्ष य जीनवत छनथ, जे अहाँ क ेँ सभ जीव-जन्तुक भरण-पोर्णक लेल पिौने छनथ, नकएक तँ अहाँक द्वारा मात्र लोक हुनकर सेवा ननह करत, बल् नक िेतक जानवर आ पशु-पक्षी सेहो। आ आकाशक नचडै सभ, नबूकोदोनोसोर आ ओकर समस्त घरक अधीन अहाँक सामर्थ्ष सँ जीनवत रहत। 8 हम सभ अहाँक बुखद्ध आ अहाँक नीनत सभक नवर्य मे सुनने छी आ समस्त पृथ्वी मे ई िबरर भेटैत अनछ जे अहाँ मात्र राज्य मे श्रेष्ठ छी, ज्ञान मे पराक्रमी छी आ युद्धक पराक्रम मे अद् भुत छी। 9 अकीयोर जे बात अहाँक पररर्द् मे कहलनन, तानह नवर्य मे हम सभ हुनकर बात सुनलहुँ। नकएक तँ बेतुनलयाक लोक सभ हुनका उद्धार कयलनन आ ओ हुनका सभ क ेँ ओ सभ बात सुनौलनन जे ओ अहाँ सँ कहने छलाह। 10 तेँ हे प्रभु आ राज्यपाल, हुनकर वचनक आदर ननह करू। मुदा एकरा अपन हृदय मे रािू, नकएक तँ ई सत् य अनछ, नकएक तँ हमरा सभक जानत क ेँ सजा ननह भेटतैक आ ने तलवार ओकरा सभ पर हावी भऽ सक ै त छै क, जाबत ओ सभ अपन परमेश् वरक नवरुद्ध पाप ननह करत।” 11 आ आब, जिन हमर मानलक अपन उद्देश्य सँ परानजत आ नवर्ल ननह भ’ जाय, आब हुनका सभ पर मृत्यु सेहो पनड गेल अनछ, आ हुनका सभक पाप हुनका सभ पर आनब गेल अनछ, जानह सँ ओ सभ जिन किनो ओ सभ एहन काज करत जे ओ सभ अपन परमेश् वर क ेँ क्रोनधत करताह कयल गेल: 12 नकएक तँ हुनका सभक अि-पानन ितम भऽ जाइत छनन आ सभ पानन कम भऽ जाइत छनन, आ ओ सभ अपन मवेशी पर हाथ रिबाक ननणषय कएने छनथ आ ओनह सभ वस्तु सभ क ेँ भस्म करबाक योजना बना लेने छनथ, जे परमेश् वर हुनका सभ क ेँ अपन ननयमक अनुसार भोजन करबा सँ मना कऽ देने छनथ। 13 हम सभ सींकखित छी जे ओ सभ मनदरा आ तेलक दसम भागक पनहल र्ल िचष करब, जकरा ओ सभ पनवत्र कएने छलाह आ हमरा सभक परमेश् वरक सामने यरूशलेम मे सेवा करयवला पुरोनहत सभक लेल सुरनक्षत कएने छलाह। जे बात कोनो लोकक लेल एतेक जायज ननह अनछ जे हाथ सँ छ ू ब। 14 नकएक तँ ओ सभ नकछु गोटे क ेँ यरूशलेम पिौने छनथ, नकएक तँ ओतऽ रहननहार सभ सेहो एनह तरहक काज कएने छनथ जे हुनका सभ क ेँ सीनेट सँ लाइसेंस अनबाक लेल। 15 जिन ओ सभ हुनका सभ क ेँ िबरर आनत तिन तुरन्त ई काज कऽ लेताह आ ओही नदन अहाँ क ेँ नष्ट करबाक लेल देल जायत। 16 तेँ हम अहाँक दासी ई सभ जानन हुनका सभक सोझाँ सँ भानग गेल छी। परमेश् वर हमरा अहाँक सींग एहन काज करबाक लेल पिौलनन अनछ, जानह सँ समस्त पृथ्वी आियषचनकत भऽ जायत आ जे क े ओ सुनत।” 17 नकएक तँ अहाँक सेवक धमषपरायण अनछ आ नदन-रानत स् वगषक परमेश् वरक सेवा करैत अनछ किन ओ सभ अपन पाप क े ने छनथ से हमरा कहताह। 18 हम आनब कऽ अहाँ क ेँ ई बात देिा देब, तिन अहाँ अपन समस्त सेनाक सींग ननकनल जायब, आ ओनह मे सँ नकयो अहाँक नवरोध ननह करत। 19 हम अहाँ क ेँ यहूनदयाक बीच मे ताबत धरर लऽ जायब जाबत धरर अहाँ यरूशलेमक समक्ष ननह पहुँचब। हम अहाँक नसींहासन ओकर बीच मे रािब। अहाँ ओकरा सभ क ेँ ओनह भेँडा जकाँ भगा देब जकरा चरबाह ननह छै क, आ क ु क ु र अहाँ पर मुँह तक ननह िोलत, नकएक तँ ई सभ बात हमरा पूवषज्ञानक अनुसार कहल गेल छल आ ई सभ हमरा बताओल गेल छल आ हम ई कहबाक लेल पिाओल गेल छी।” तोरा। 20 तिन ओकर बात होलोर्नेस आ ओकर सभ नौकर सभ क ेँ नीक लागल। ओ सभ हुनकर बुखद्ध पर आियषचनकत भऽ कहलनथन। 21 पृथ् वीक एक छोर सँ दोसर छोर धरर एहन स् त्री ननह अनछ, जे मुि-सुन्दरता आ बातक बुखद्ध दुनू अनछ। 22 तनहना होलोर्नेस ओकरा कहलनथन। परमेश् वर नीक कयलनन जे अहाँ क ेँ लोक सभक सोझाँ पिा देलनन, जानह सँ हमरा सभक हाथ मे सामथ्ष य आ हमर प्रभु क ेँ हल्लुक बुझननहार सभ पर नवनाश हो। 23 आब अहाँ अपन चेहरा मे सुन्दर आ अपन बात मे चुटीला दुनू छी, जँ अहाँ जेना कहलहुँ तेना करब तँ अहाँक परमेश् वर हमर परमेश् वर हेताह आ राजा नबूकोदोनोसोरक घर मे रहब आ पूरा तरहेँ प्रनसद्ध भऽ जायब धरती. अध्याय 12 1 तिन ओ आज्ञा देलनथन जे जतऽ हुनकर थारी रािल गेल छलनन, ओतनह हुनका भीतर आनन देल जाय। आ आदेश देलनथन जे ओ सभ हुनका लेल हुनकर अपन भोजन तैयार करनथन आ ओ हुनकर मनदरा सँ पीबनथन।