स्मृति के स्टेज मॉडल के अनुसार दीर्घकालिक स्मृति, स्मृति का तीसरा चरण होता है। दीर्घकालिक स्मृति (एल टी एम) में प्रवेश करने वाली सूचना वहां पर जीवन भर या स्थायी रूप से रहती है।
2. स्र्ृसि का अवस्था र्ॉडल
एटक िं सन और किफरीन ा (1968) बहु-भण्डारण मॉडल
(Multi-store Model)।
3. पररचय
स्मृकि े स्टेज मॉडल े अनुसार दीर्घ ाकल स्मृकि, स्मृकि ा िीसरा चरण होिा
है। दीर्घ ाकल स्मृकि (एल टी एम) में प्रवेि रने वाली सूचना वहािं पर जीवन भर या
स्थायी रूप से रहिी है। इसमें असीम भिंडारण क्षमिा होिी है। ए सूचना कजिने अकि समय
ि अल्प ाकल या लर्ु ाकल स्मृकि में रहिी है, उिनी ही मजबूिी से वह दीर्घ ाकल
स्मृकि से सिंबद्ध हो जािी है (Atkinson and Shiffrin, 1968)।
अन्िर्ग्घथनी या
गुणसूत्रीयसिंयोजन
सिंकपण्डन (Synaptic
consolidation) े
माध्यम से सूचना ो
लर्ु ाकल स्मृकि से
दीर्घकालिक स्मृति में
स्थानाांिरिि ककया जािा है।
4. सूचना दीर्घ ाकल भिंडारण में अथघ, दृश्य और ध्वकन रूपों में ू ट-सिं े किि
हो र भिंडाररि रहिी है। यहााँ पर सूचना एनर्ग्ाम (स्मृकि कचन्ह) े रूप में अन्िर्ग्घथन
(synapse) में ू ट-सिं े किि हो जािी है कजसमे बाहरी हस्िक्षेप सिंभव नहीं होिा है
लेक न वह हेर-फे र े कलए सिंवेदनिील रहिी है। सूचना, कहप्पो ै म्पस क्षेत्र, कजसे आमिौर
पर अस्थायी पारगमन ें द्र (Transit hub) हा जािा है, े माध्यम से लर्ु ाकल
स्मृकि से दीर्घ ाकल स्मृकि ि ी
यात्रा िय रिी है। ध्यान
रहे क यह क्षेत्र अपने
आप में सूचना ो सिंर्ग्हीि
एविं भण्डाररि नहीं रिा है।
5. विशेषिाएां
1. दीर्घकालिक स्मृति, स्मृति प्रणािी का अांतिम चिण होिा
है।
2. दीर्घकालिक स्मृति की क्षमिा असीलमि होिी है।
3. दीर्घकालिक स्मृति मस्स्िष्क में स्थायी शािीरिक
परिििघनों का परिणाम
होिी है।
4. इसमें सूचना
बिकिाि िो िहिी है,
िेककन हि समय सम्पूणघ
सूचना का प्रत्यािाहन
सांभि नहीां होिा है।
6. 5. रखरखाव पूवाघभ्यास (Maintenance rehearsal) दीर्घ ाकल स्मृकि े
सबसे महत्वपूणघ सािनों में से ए होिा है।
6. दीर्घ ाकल स्मृकि में अकि ािंि सूचना छकवयों, ध्वकनयों, गिंि और स्वाद े रूप
में ू ट सिं े किि रहिी हैं (Cowan, 1988)।
7. दीर्घ ाकल स्मृकि में सूचना अथघपूणघ (अथघपूणघिा व्यकिपर होिी है) और
सिंगकिि रूप में सिंर्ग्हीि रहिी है (Ciccareli & Meyer, 2016)।
8. दीर्घ ाकल स्मृकि में
सूचना में हेर-फे र होने ी
ाफी सिंभावना होिी है।
9. दीर्घ ाकल स्मृकि में
सिंर्ग्हीि सूचना ा क्षय
कवस्मरण ा ारण
बनिा है।
7. दीर्ाकासलक स्र्ृसि के प्रकार
दीर्घ ाकल स्मृकि ो मोटे िौर पर दो प्र ारों में कवभाकजि क या जािा है अथाघि्
(i) स्पष्ट (Explicit) या र्ोषणाि्म (Declarative) और
(ii) अिंिकनघकहि (Implicit) या गैर-र्ोषणात्म या प्रकियात्म (Non declarative or
procedural)।
(i) स्पष्ट (Explicit) या र्ोषणात्म (Declarative) – िथ्यों, नामों, किकथयों आकद से
सिंबिंकिि सभी सूचना स्पष्ट स्मृकि े अिंिगघि आिी हैं। दूसरे िब्दों में, ये वो स्मृकियािं होिी हैं कजन्हें सचेिन रूप
से जागरू िा ी कस्थकि में लाया जािा है कजन्हे र्ोषणात्म स्मृकि भी
हा जािा है। इस िरह ी
स्मृकियािं कहप्पो ै म्पस द्वारा
ू ट सिं े किि ी जािी हैं और
मकस्िष् े अन्य कहस्सों द्वारा
सिंगकिि और सिंर्ग्हीि
ी जािी हैं।
8. यह प्रासिंकग (Episodic) या िब्दाथघ (Semantic) प्र ार ी हो
स िी है (Tulving, 1972)।
(a) प्रासिंकग (Episodic) – हमारे जीवन ा जीवन-वृत्ािंि
(Biography) जैसे क व्यकिगि अनुभव, ये अनुभव आम िौर पर सिंवेगात्म
होिे हैं। सिंवेग उत्पन्न रने वाले अनुभवों ो भूलना किन होिा है। प्रासिंकग स्मृकि
में वो कवचार िाकमल होिे हैं जो हमारे
सचेिन में होिे हैं कजन ी
प्र ृ कि र्ोषणात्म
होिी है।
9. (b) अथघ-सिंबिंिी (Semantic) – इस प्र ार ी स्मृकि में सामान्य ज्ञान,
अविारणाएिं, कवचार और ि घ े कनयम इत्याकद पाए जािे हैं। उदाहरण े कलए 2 +
1 = 3 या हमारे ॉलेज ा नाम आकद। इस िरह ी स्मृकि कदनािंक ि (dated)
नहीं होिी है। चूिंक िब्दाथघ स्मृकि ी सामर्ग्ी सामान्य जागरू िा
और ज्ञान े िथ्यों एविं
कवचारों से सिंबिंकिि
होने े साथ साथ
भावनात्म -िटस्थ
भी होिी है कजसे भूलने
ी सिंभावना नहीं
होिी है (NCERT)।
10. (ii) अिंिकनघकहि (Implicit) या गैर-र्ोषणात्म या प्रकियात्म (Non
declarative or procedural) – कवकभन्न ायों ो पूरा रने े कलए
प्रकियाओिं और ौिलों से सिंबिंकिि स्मृकियािं जैसे साइक ल चलाने या मोटर ौिल
(Motor skills) ी स्मृकि। दूसरे िब्दों में, यह ' ायों ो ै से रना है' ी
स्मृकि होिी है।
इसमें मुख्यिः
अचेिन कवचार
प्रकिया िाकमल
होिी है।
11. दीर्घकालिक स्मृति के अन्य िर्गीकिण
(i) आत्म थात्म स्मृकि – ये व्यकिगि स्मृकियािं होिी हैं जो प्रत्ये व्यकि े कलए
अकद्विीय होिी हैं। ये स्मृकियािं हमारे जीवन में समान रूप से कविररि नहीं होिी हैं। हमारे जीवन
ाल ी ु छ अवकियािं, दूसरी अवकियों ी िुलना में अकि स्मृकियािं सिंजोिी हैं। उदाहरण े
कलए, बचपन ी स्मृकियािं, कविेष रूप से िुरुआिी 4 से 5 वषों ी। इसे “बचपन ा स्मृकिलोप”
भी हा जािा है। िुरुआिी वयस् िा, खास र 14 से 20 वषघ ी
अवकि में, स्मृकियों में
अभूिपूवघ वृकद्ध पाई जािी है।
िायद, भावु िा, नवीनिा और
र्टनाओिं ा महत्व इसमें
योगदान देिा है।
12. (ii) फ़्लैि बल्ब स्मृकियािं – सजग रने वाली या आश्चयघजन र्टनाओिं ी
कवस्िृि स्मृकियािं। ये स्मृकियािं ै मरे े कचत्र ी िरह होिी हैं जो कविेष स्थानों,
किकथयों और समय से बिंिी होिी हैं। यकद पूछा जाए, िो व्यकि र्टना े कववरण ो
पूरी
बारी ी से समझा
स िा है, मानो
र्टना ी ोई
िस्वीर उस े
मकस्िष् े अिंदर
सजाई गई हो।
13. दीर्घकालिक स्मृति को प्रभाविि किने िािे कािक
1. िंरक्षण पूवााभ्याि (Maintenance rehearsal) – बार-बार सूचना
ो दोहराना।
2. सवस्िृि पूवााभ्याि (Elaborate rehearsal) – सूचना ो अथघ देना।
3. नींद – पररवकिघि चेिना ी ए कस्थकि जहािं स्मृकि ा सिंकपण्डन
(Consolidation)
होिा है।
4. अवधान – ए साथ
ए या ए से अकि
उद्दीप ों या र्टनाओिं पर
ध्यान ें कद्रि रने ी
क्षमिा।
14. 5. िंसिका िंरचना – ििंकत्र ा ििंत्र (एनर्ग्ाम) में ए सिंरचनात्म पररविघन
दीर्घ ाकल स्मृकि ा कनमाघण रिा है।
6. सवस्र्रण – सिंर्ग्हीि जान ारी ो प्रत्यावहन रने में असमथघिा।
7. अंिराल – सीखी गई सामकर्ग्यों े बीच ा समय-अिंिराल।
8. स्र्ृसिलोप – नई दीर्घ ाकल स्मृकि बनाने में असमथघिा।
9. जरण (Ageing) –
बढ़िी उम्र े साथ लोगों
ो प्रत्यावहन सिंबिंिी
समस्याओिं ा सामना
रना पड़िा है जो अर्ग्
पाकल (Frontal Lobe)
और कहप्पो ै म्पस क्षेत्र में
पररविघन े ारण होिा है।
15. सांदभघ:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. Atkinson, R. C. & Shiffrin, R. M. (1968). Human memory: A proposed
system and its control processes. Psychology of Learning and
Motivation. 2. pp. 89–195. doi:10.1016/s0079-7421(08)60422-3. ISBN
9780125433020.
3. Dudai, Yadin (2003). "The neurobiology of consolidations, or, how stable is
the engram?". Annual Review of Psychology. 55: 51–86.
doi:10.1146/annurev.psych.55.090902.142050. PMID 14744210.
4. Ciccarelli, S. K. & Meyer, G. E.
(2016). Psychology. New Delhi:
Pearson.