3. प्रसिद्ध सिक्षािस्त्री हर्बर्ब स्त्पेन्िर ने सिक्षण विधध पर
विचार करते िमय सिक्षण प्रक्रिया का विश्लेषण
करते हुए,कु छ िामान्य सिक्षण िूरों की रचना
की,इनमे कई एिे िूर है ज िंका प्रयोग भाषा सिक्षण
मे भी क्रकया ाता है |
4. भाषा सिक्षण मे प्रयुक्त क्रकए ा िकने िाले सिक्षण िूर
ननम्नसलखित हैं -
1. स्त्तूल िे िूक्ष्म की ओर
2. ज्ञात िे अज्ञात की ओर
3. पूणब िे अिंि की ओर
4. प्रकनतब अथिा स्त्िभाि का अनुिरण
5. िरल िे कठिन की ओर
6. विश्लेषण िे ििंश्लेषण की ओर
7. मनोिैज्ञाननकता िे ताक्रकब कता की ओर
8. वििेष िे िामान्य की ओर
9. अननजश्चतता िे ननजश्चतता की ओर
5. 1.स्त्थूल िे िूक्ष्म की ओर:
इिे मूतब िे अमूतब की ओर भी कहते हैं|कोई िस्त्तु स्त्थूल रूप मे
ठििती है,पर उिका िूक्ष्म अथब होता है|उिाहरण के सलए “गाय”
स्त्थूल होती है, उिे िेिकर गाय का प्रत्यय र्नाया ाता है|
सिक्षण मे मॉडल,चार्ब आठि ठििाकर क्रकिी िस्त्तु का िणबन
करना आिान होता है|
6. 2.ज्ञात िे अज्ञात की ओर :
छार अगर क्रकिी विषय के र्ारे मे अधधक ानकारी
रिता है, तो अध्यापक को उि ानकारी के आधार पर
उिे नयी अथिा अज्ञात विषय का ज्ञान कराना चाठहए|
7. 3.पूणब िे अपूणब की ओर :
भाषा के ििंधाभब मे यह िूर र्हुत िर्ीक है|पहले िाक्य क्रिर िब्ि और िणब की सिक्षा
िी ाए|िाठहत्य के ििंिभब मे पेहले पूणब कविता क्रिर उिके ििंड का िाचन क्रकया
ाना उधचत होगा|
8. 4.प्रकृ नत अथिा स्त्िभाि का अनुिरण:
र्ालकों के स्त्िभाि को ानकार प्राकृ नतक
िातािरण मे सिक्षण क्रकया ाए|भाषा सिक्षण
मे इिका महत्िपूणब योगिान रहता है|
9. 5.िरल िे कठिन की ओर :
र्ालकों को िरल विषय पेहले पढ़ाया ाना चाठहए, क्रिर
कठिन विषय की ओर उन्हे ले ाना है| इििे नए र्ातों
को िीिने मे उनकी ठिलचस्त्पी र्ढ़ती है |
10. 6.विश्लेषण िे ििंश्लेषण की ओर :
भाषा सिक्षण मे िब्ि, भाि,अथब आठि का विश्लेषण करना
अननिायब है| इिकी िीि कभी भी अधूरी नहीिं होनी चाठहए
इनका ििंस्त्लेिन कर एक स्त्पष्र् विचार र्नाने की प्रेरणा
छारों को िी ाये|
11. 7.मनोिैज्ञाननकता िे ताक्रकब कता की ओर :
छारों के योग्यता और रुधच के अनुकू ल विषय को पेहले पढ़ाया
ाए|सिक्षण िामाग्री के ताक्रकब क िम पर र्ाि में ध्यान ठिया
ाये|
12. 8.वििेष िे िामान्य की ओर:
र्ालकों को पेहले उनके अपने िातािरण िे पररधचत कराने के र्ाि उन्हें
अिंतराबष्रीय ज्ञान की ओर र्ढ़ाना है| व्याकरण के उिाहरण पहले प्रस्त्तुत करे
क्रिर उनका िामान्यीकरण करें|र्लकों के िमक्ष पहले वििेष पिाथों एिुम
क्रिययोम को प्रस्त्तुत करें,इिके र्ाि िामान्य ननष्कषब पर पहुचे|
13. 9.अननजश्चतता िे ननजश्चतता की ओर :
भाषा सिक्षण मे अस्त्पष्ि िब्िाथों िे स्त्पष्र् एििं ननजश्चत
तथा िूक्ष्म पिाथों की ओर र्ढ़ा ाए|दृष्र् िस्त्तुओिं के
प्रनत र्ालक का एक अननजश्चत विचार होता है|इन
अननजश्चत विचारों के िहारे ननजश्चत विचारों की ओर
र्ढ़ा ाए |