निमोनिक्स, एक ऐसी तकनीक होती है जो मूल सूचना को पहले से ज्ञात बाहरी या आंतरिक युक्तियों [संकेत, प्रतिबिंब, ध्वनि इत्यादि] के साथ संधिबद्ध करके सीखी हुई सामग्री के [सही] प्रत्याह्वान और उसके अवधरण के लिए प्रयोग की जाती है
1. स्मरक या स्मृति सहायक (तिमोतिक्स)
Pandit Badri Prasad Har Har Bole
पंडित बद्री प्रसाद हर-हर बोले
िॉ राजेश वर्ाा
अडसस्टेंट प्रोफे सर (र्नोडवज्ञान)
राजकीय र्हाडवद्यालय आदर्पुर, डहसार, हररयाणा
2. अर्थ
‘Mnemonics’ का उच्चारण– /nɪˈmɒnɪks/ (निमोनिक्स)
सानिनयिक अर्थ – स्मृनि में सुधार और सिाििा के निए प्रणानििों का निकास और
अध्ििि।
मिोनिज्ञाि की दृनि से अर्थ – एक ऐसी िकिीक जो सूचिा के अिधारण और
प्रयिाह्वाि में
सिािक िोिी
िै।
3. पररभाषा
“िि एक िकिीक िोिी िै, जैसे नक एक अिुप्रास (rhyme) िा
प्रनिनबिंब, नजसमें नकसी सूचिा की भिंडारण अिनध को बढािे और उसे िाद रखिे के
निए पििे से ज्ञाि सािचिों का उपिोग नकिा जािा िै”।(Solso, 2006).
"निमोनिक्स, एक ऐसी िकिीक
िोिी िै जो मूि सूचिा को पििे से
ज्ञाि बािरी िा आिंिररक िुनििों
[सिंके ि, प्रनिनबिंब, ध्िनि इयिानद]
के सार् सिंनधबद्ध करके सीखी
िुई सामग्री के [सिी] प्रयिाह्वाि
और उसके अिधरण के निए
प्रिोग की जािी िै"।
4. पररचय
स्मरक, निस्मरणीि सूचिा (forgettable information) को िाद करिे
िोग्ि बिािे की एक िकिीक िोिी िै। िे सीखी गई सूचिा का प्रयिाह्वाि आसाि
बिािे िैं। इि िकिीकों को कभी-कभी आिंिररक िुनििों के रूप में भी जािा जािा
िै जो जनिि से जनिि सूचिा को सिीकिा के सार् सिी क्रम में सिंग्रिीि करिे और
िाद करिे में मदद करिे िैं। स्मरक, व्ििनस्र्ि प्रनक्रिाएिं
िोिी िैं जो सूचिा
का प्रभािी ढिंग से
कू ि-सिंके िि
करिी िैं नजससे
उसके प्रयिाह्वाि
में मदद नमििी
िै।
5. स्मरक (Mnemonics) के मियिपूणथ प्रकार: -
(i) िाक्ि स्मरक (Sentence mnemonics) जो ििथिी (Spelling) में
िोिे िािी त्रुनििों को रोकिे में मदद करिे िैं।
(ii) पररिणी शब्द स्मरक (Acronyms mnemonics) जो सूचिा को क्रम
में िाद रखिे में मदद करिे िैं जैसे VIBGYOR।
(iii) सिंगीनिक स्मरक (Musical
mnemonics) जो अनधगम को
बेििर बिािे िैं।
(iv) मॉडि स्मरक (Model
mnemonics) जैसे नक ग्राफ़, चािथ,
आरेख, सिंज्ञािायमक िक्शे आनद।
6. (v) िाक्िािंश स्मरक (Phrase mnemonics) जैसे “नमत्र अिरा मुझसे
कििा िै मैं अपिे छ: बागों में आम की उपज उगाऊिं ”।
(vi) प्रनिनबम्ब स्मरक (Image mnemonics)।
मि मिजोरि क के रल छः छत्तीसगढ प पंजाब
त्र त्रत्रपुरा ह हररयाणा बा त्रबहार ज जम्िू - कश्िीर
अ असि ते तेलंगाना गों गोवा उ उड़ीसा
त तमिलनाडू है हहिाचल िें िध्यप्रदेश गा गुजरात
रा राजस्थान िें िेघालय आ आंध्रप्रदेश ऊं उत्तरप्रदेश
िु िणणपुर अ अरूणाचल ि िहाराष्ट्र
झ झारखंड प प. बंगाल की कनााटक
से मसक्ककि ने नागालैंड उ उत्तराखंड
7. स्र्रकों की डवशेषताएं
1. स्मरक स्मृनि सिािक िोिे िैं।
2. स्मरक निस्मरण को िाकाम करिे िैं।.
3. िे सिंज्ञािायमक क्षमिा का बेििर उपिोग करिे में सिािक िोिे िैं।
4. िे छनि, स्पशथ, ध्िनि, स्िाद िा गिंध के रूप में िो सकिे िैं। दूसरे शब्दों में िे
एक िा एक से अनधक सिंिेदी प्रणानििों से सिंबिंनधि िो सकिे िैं।
5. स्मरक सूचिा को
अपेनक्षि क्रम में
व्ििनस्र्ि करिे
में मदद करिे िैं।
8. स्र्रकों की डवडियां
स्मरकों की निम्िनिनखि निनधिािं िोिी िैं: -
(i) िोकाई (स्र्ि) निनध (Method of Loci),
(ii) शिंकु िा खूिंिी शब्द प्रणािी (Peg Word System),
(iii) कुिं जी शब्द निनध (Key Word Method),
(iv) सिंगठिायमक पद्धनि
(Organizational
schemes), एििं
(v) पररिणी शब्द एििं
अक्षरबद्ध (Acronym &
Acrostic)।
9. (i) िोकाई (नठकािा) निनध (Method of Loci) – िोकाई,
िोकस का बिुिचि िोिा िै अर्थ नजसका अर्थ िोिा िै स्र्ि िा स्र्ाि। इस
पद्धनि में िाद की जािे िािी सामग्री को पररनचि स्र्ािों िा स्र्िों पर रखे
जािे की कल्पिा की जािी िै। सूचिा को काल्पनिक िात्रा के सीमानचन्िों पर
रखा
जािा िै। एक इस
निनध में एक स्मृनि
मिि बिािा जािा िै
और निर उसके
निनभन्ि स्र्ािों पर
सूचिा को रखा
जािा िै।
10. (ii) शिंकु िा खूिंिी शब्द प्रणािी (Peg Word System) – इस
प्रणािी में िए शब्द िा अिधारणाएिं पििे से िी ज्ञाि शब्दों की सूची के
सार् जोड़ी जािी िैं। शिंकु शब्द प्रणािी में पििे से िी ज्ञाि सूचिा (जैसे
सिंख्िा िा िणथमािा) को सीखी जािे िािी सूचिा के सार् अिुक्रनमि
नकिा जािा िै। उदािरण के निए, एक-अिेक,
दो-मोि,
िीि-दीि-िीि,
चार-आिार
आनद।
11. अब िनद िम उिके जन्म के िर्थ के अिुसार भारिीि िैज्ञानिकों पी सी
रे, एस रामािुजि, सी िी रमि, एस एि बोस आनद के िाम िाद रखिा चाििे िैं
िो इस निनध का प्रिोग कर सकिे िैं, जैसे
(a) पी सी रे िे अिेक मियिपूणथ प्रिोग नकिे,
(b) एस रामािुजि को नकसी से मोि ििीं र्ा,
(c) सी िी रमि को दीि-िीिों से बिुि प्रेम र्ा आनद।
12. (iii) कुिं जी शब्द निनध – कुिं जी शब्द निनध का उपिोग मािनसक-दशथि
(visualization) के माध्िम से शब्दों के अर्थ को िाद करिे के निए नकिा
जािा िै, निशेर् रूप िि निनध निदेशी भार्ा सीखिे में बिुि उपिोगी िै। िि दो
अिग-अिग प्रकार की सूचिाओिं को जोड़िे की एक प्रणािी िै।
िि एक प्रकार का निस्िृि पूिाथभ्िास िोिा िै जो निम्िनिनखि दो चरणों में
नकिा जािा िै।
(a) एक ऐसा
शब्द चुिें (कुिं जी
शब्द) जो उस
शब्द (उद्दीपक)
की िरि िगिा िै
नजसका अर्थ
आपको िाद
करिा िै।
13. (b) कुिं जी शब्द और उद्दीपक शब्द के बीच एक छनि के रूप में सािचिथ की
कल्पिा करें।
उदािरण के निए, िनद आपसे अिंग्रेजी भार्ा का ‘अडरिटी’ (Alacrity)
शब्द सीखिे को किा जाए। एक समाि ध्िनि िािा नििंदी कुिं जी शब्द चुिें जैसे
“कृ डत”. अब इि दोिों शब्दों को एक िाक्ि
द्वारा जोड़ दें जैसे नक
“भगवान ने कृ डत को
सजीव और उत्सुक
नार्क गुणों से नवाजा
है”। इस िरि िम
अल्के ररिी के अर्थ
“सजीििा और उयसुकिा”
िाद रख सकिे िैं।
14. (iv) सिंगठिायमक पद्धनि (Organizational schemes) – इस
पद्धनि में सूचिा को शब्दार्थ की श्रेनणिों में व्ििनस्र्ि नकिा जािा िै नजिको
प्रयिाह्वाि करिे समि सिंके ि के रूप में प्रिोग नकिा जािा िै। चुिंनकिं ग
(Chunking) सिंगठिायमक पद्धनि के प्रिोग का का सबसे अच्छा उदािरण
िोिा िै। आपस में असिंबिंनधि जािकारी को िाद करिे के
निए सबसे
पििे इसे
समाि
श्रेनणिों में
व्ििनस्र्ि
नकिा जािा िै।
15. उदािरण के निए िनद िमें इि शब्दों को िाद करिा जरूरी िो िो: -
िािाब आम पेि
रबड़ मिासागर िड्डू
रोिी िदी पेंनसि
इि शब्दों को स्िेशिरी, भोजि और जि निकािों जैसी श्रेनणिों में
व्ििनस्र्ि करके
इिको िाद करिा
आसाि िो जािा
िै।
16. (v) पररिणी शब्द एििं अक्षरबद्ध (Acronyme and Acrostic) –
पररिणी शब्द एक ऐसा शब्द िोिा िै जो िाक्िािंशों में प्रिुि शब्दों के प्रर्म अक्षरों
को िेकर बिािा जािा िै जैसे नक NOIDA (New Okhla Industrial
Development Authority)। OKHLA (Old Canal Housing
& Land Authority)। िैं ि मजेदार?
एक शब्द के पििे अक्षर से िाक्िािंश
िा िाक्ि का निमाथण करिा
अक्षरबद्ध (Acrostic) कििािा।
17. स्र्रकों के उपयोग
1. स्मरक शैक्षनणक उपिनब्धिों को बेििर बिािे में सिािक पाए जािे िैं।
2. नशक्षण में बिुि उपिोगी िोिे िैं।
3. सीखिे सम्बन्धी समस्िाओिं िािे छात्रों के निए बिुि उपिोगी िोिे िैं।
4. िाददाश्ि
में सुधार।
5. निदेशी भार्ा
सीखिे में मददगार।
6. अनधगम
रणिीनि बिािे
में मददगार।
18. संदभा:
1. NCERT, XI Psychology
Text book.
2. Solso, R. S . (2006).
Cognitive Psychology. New
Delhi: Pearson.