अधिगम अर्थ और परिभाषा (Learning: Meaning and Definition)
1. अधिगम अर्थ और पररभाषा
डॉ राजेश वमाथ
अधिस्टेंट प्रोफे िर (मनोधवज्ञान)
राजकीय महाधवद्यालय आदमपुर, धहिार, हररयाणा
2. अर्थ
अभ्यास, अनुभव, अवलोकन या ककसी से पढ़ कर ज्ञान या
कौशल प्राप्त करना।
प्राप्त ज्ञान जो
व्यवहार में स्थायी
पररवर्तन का
कारण बनर्ा है।
3. पररभाषा
“व्यवहार या व्यवहार क्षमता में अनुभव के फलस्वरूप कोई अपेक्षाकृ त
स्र्ायी पररवतथन” (NCERT, XI).
अनुभव के पररणामस्वरूप मानधिक धनरूपण (representation) या
िाहचयथ में दीर्थकाधलक पररवतथन (Ormrod, 1995).
अनुभव या अभ्याि के
कारण व्यवहार में
स्र्ायी पररवतथन।
4. पररचय
अकिगम की पररभाषा और अथत के कवश्लेषण से यह पाया गया है
कक इसके
र्ीन घटक होर्े हैं
अथातर्: -
((i) अपेक्षाकृ र् स्थायी पररवर्तन,
(ii) व्यवहार में पररवर्तन, और
(iii) अभ्यास, अनुभव एवं
अवलोकन।
5. (i) अपेक्षाकृ र् स्थायी पररवर्तन – इसका अथत होर्ा है कक जब हम
अनुभव, अवलोकन या अभ्यास के माध्यम से सूचना प्राप्त करर्े हैं, र्ो उस
सूचना का कु छ कहस्सा मकस्र्ष्क के र्ंकिका पररपथ (Neural circuit)
में पररवर्तन
के पररणामस्वरूप
स्थाई रूप से वहां
ररकॉर्त हो जार्ा
है। इसकलए, यह
कहा जा सकर्ा है
कक अकिगम
दीघतकाकलक स्मृकर्
का प्रकायत है।
6. (ii) व्यवहार में पररवर्तन – इसका अथत होर्ा है कक मकस्र्ष्क के अंदर
र्ंकिका पररपथ (Neural Circuit) में जो पररवर्तन होर्ा है, व्यवहार भी
उसके अनुरूप ही उत्पन्न होने लगर्ा है। यह व्यवहार मकस्र्ष्क में हुए काबतकनक
पररवर्तनों से पहले होने वाले व्यवहार से कभन्न होगा। पररवर्तन से पहले के
व्यवहार और पररवर्तन के बाद के व्यवहार के बीच
अंर्र को व्यवहार में
पररवर्तन के रूप में
जाना जार्ा है। अकिगम
को उन व्यवहार
पररवर्तनों से होर्ा है जो न
र्ो स्थायी और न ही सीखे
गए होर्े हैं (NCERT)।
7. (iii) अभ्यास, अनुभव एवं अवलोकन –
अभ्यास - ककसी गकर्कवकि की पुनरावृकि,
अनुभव - संवेग उत्पन्न करने वाली कोई घटना या उद्दीपक से रू-बरू,
एवं
अवलोकन - ऐसी घटना का प्रत्यक्षण जो व्यवहार में पररवर्तन लाने के कलए
समथत हो।
इसका मतलब अधिगम व्यवहार में शारीररक पररपक्वता,
थकान, शराब या ड्रग्स,
मानससक बीमारी या मनोभ्रंश
के पररणामस्वरूप होने वाले
पररवततनों को छोड़कर होने वाले
पररवततनों से होता है।
8. संकक्षप्त चचात
अकिगम दीघतकाकलक स्मृकर् का प्रकायत होर्ा है। अकिगम में मनोवैज्ञाकनक
प्रकियाओं का का एक ऐसा िम शाकमल होर्ा है जो कनम्नकलकखर् से कभन्न होर्ा है: -
(i) पररपक्वर्ा – आनुवंकशक ब्लू कप्रंट के कारण वृकि और कवकास के कारण मनो-
शारीररक पररवर्तन।
(ii) अभ्यस्र्र्ा (Habituation) – उद्दीपक से बार-बार संपकत में आने से व्यकि
में एक
प्रकार की अनैकछछक किया
के प्रकर् उन्मुखर्ा का
कवकास होर्ा है जो एक
र्रह का व्यवहार है कजसे
अभ्यस्र्र्ा के रूप में
जाना जार्ा है।
9. (iii) कनष्पादन – कनष्पादन व्यकि का देखा गया व्यवहार, प्रकर्किया या
अनुयोजन (action) होर्ा है।
अकिगम अलग-अलग र्रीकों से हो सकर्ा है। सबसे सरलर्म
प्रकार के अकिगम को अनुबंिन (कं र्ीशकनंग) कहा जार्ा है जो दो प्रकार
की होर्ी का होर्ा है अथातर् प्राचीन अनुबंिन और कियाप्रसूर् अनुबंिन।
10. अकिगम के अन्य प्रकार कनम्नकलकखर् होर्े हैं
- अवलोकन अधिगम,
- िंज्ञानात्मक अधिगम,
- शाधददक अधिगम,
- अविारणात्मक अधिगम, और
- कौशल अधिगम।
11. िन्दभथ:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. Ormrod, J. E. (2014). Human Learning (6th
Ed). New Jersey: Pearson.