स्मृति को मापने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैज्ञानिक तकनीकों को स्मृति अध्ययन की विधियों के रूप में जाना जाता है। स्मृति को विभिन्न तरीकों से मापा जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि स्मृति विभिन्न प्रकार की होती है, इसलिए विशिष्ट प्रकार की स्मृति के मापन के लिए विशिष्ट विधि की आवश्यकता होती है।
स्मृति के अध्ययन की विधियां (Methods of studying Memory)
1. स्मृति अध्ययन की विधिय ां
डॉ राजेश वर्ाा
असिस्टेंट प्रोफे िर (र्नोसवज्ञान)
राजकीय र्हासवद्यालय आदर्पुर, सहिार, हररयाणा
2. पररचय
स्मृति को मापने के तिए इस्िेमाि की जाने वािी वैज्ञातनक िकनीकों को स्मृति
अध्ययन की तवतियों के रूप में जाना जािा है। स्मृति को तवतिन्न िरीकों से मापा जा
सकिा है। जैसा तक हम जानिे हैं तक स्मृति तवतिन्न प्रकार की होिी है, इसतिए तवतिष्ट
प्रकार की स्मृति के मापन के तिए तवतिष्ट तवति की आवश्यकिा होिी है। हरमन एत िंगहौस
(1885) (जममन मनोवैज्ञातनक) तजन्होंने पहिी ार स्मृति का व्यवतस्िि
और वैज्ञातनक अध्ययन तकया
िा, उन्होंने प्रत्याह्वान (Recall)
पद्धति का इस्िेमाि तकया और
सुझाव तिया तक अविारण
(Retention) का परीक्षण ित्काि
या तवििंत ि प्रत्याह्वान से तकया
जा सकिा है।
3. स्मृति अध्ययन की महत्िपूर्ण विधिय ां
(i) प्रत्याह्वान सवसि (तथ्यों को र्ापने के सलए)
(ii) असिज्ञान (Recognition) (प्रािंसिक स्र्ृसत)
(iii) वाक्य ित्यापन सवसि (शब्दार्ा स्र्ृसत र्ापन के सलए)
(iv) प्राइसर्ंि (वैिी िूचना के र्ापन के सलए सजिे हर् र्ौसिक रूप िे बता
नहीं िकते हैं) (for measuring information we cannot report
verbally)
(v) पुनः िीिना (Relearning)
(vi) पुनसनार्ााण (Reconstruction)
4. स्मृति अध्ययन की महत्िपूर्ण विधिय ां
(i) प्रत्याह्वान तवति (िथ्यों को मापने के तिए) – सीखी गई सामग्री की कु छ
समय ीि जाने के ाि पुनरावृति को प्रत्याह्वान कहा जािा है। सीखी गई सामग्री
का प्रत्याह्वान व्यतिगि और उद्दीपक सिं िंिी कारकों पर तनिमर करिा है। तििचस्प,
अिमपूणम, आकर्मक और नई सीखी गई सामग्री को याि रखना और
उसका प्रत्याह्वान
करना आसान
होिा है।
5. प्रत्याह्वान िो प्रकार का होिा है: -
(a) र्ुक्त प्रत्याह्वान (Free Recall)
(b) क्रसर्क प्रत्याह्वान (Serial Recall)
(a) मुि प्रत्याह्वान – इस तवति में प्रतििातगयों को कु छ िब्ि [तविेर्िः
अिमहीन] या कोई िी सूचना उन्हें याि करने के तिए िी जािी है [कु छ समय
ाि] उन्हें उस सूचना को तकसी िी क्रम
में प्रत्याह्वान में करने
के तिए कहा जािा है।
6. (b) क्रतमक प्रत्याह्वान – इस तवति की तक्रयान्वयन तवति मुि
प्रत्याह्वान तवति के समान होिी है, इसमें एकमात्र अिंिर यह
होिा है तक
प्रतििातगयों को
सीखी गई सामग्री
का उसी क्रम में
प्रत्याह्वान करना
होिा है तजस क्रम
में उसे प्रस्िुि
तकया गया िा।
7. (ii) अतिज्ञान (Recognition) (प्रासिंतगक स्मृति) – तगिफोर्म (1917)
के अनुसार अतिज्ञान उसी सामग्री को तफर से जानने से होिा है। अतिज्ञान तवति में
प्रतििातगयों को सीखने की कु छ सामग्री के साि-साि ध्यान िटकाने
(distracting) वािी सूचना (वैसी सूचना तजसे उन्होंने न िो पहिे किी पढ़ा हो
और न ही िेखा हो)
िी याि करने के
तिए िी जािी है।
तफर उन्हें सीखी
हुई [उद्दीपकों]
सूचना को
पहचानने के तिए
कहा जािा है।
8. अभिज्ञ न प्रतिशि की गर्न के भिए तनम्नभिखिि सूत्र क
उपयोग ककय ज ि है: -
अभिज्ञ न प्रतिशि = 𝑹 −
𝑾
𝑲−𝟏
𝐱
𝟏𝟎𝟎
𝐧
R= सही-सही पहचानी हुई मिों (items) की कु ि सिंख्या।
W= गिि पहचानी गयी मिों (items) की कु ि सिंख्या।
K= ध्यान िटकाने वािी मिों की कु ि सिंख्या (total no. of distractors
presented)
[सीखने के िौरान + अतिज्ञान
के िौरान]।
n= मिों की कु ि सिंख्या।
9. उिाहरण के तिए – मान िीतजये एक प्रतििागी 10 में से 6 मिों को सही ढिंग
से पहचान िेिा है। प्रयोगकिाम ने सीखने के िौरान उसे 10 ध्यान िटकाने
वािी मिें िी और अतिज्ञान के िौरान पहिी मिों से अिग 10 और ध्यान
िटकाने वािी मिें िी। उसका अतिज्ञान प्रतििि ज्ञाि
कीतजये
अभिज्ञ न प्रतिशि = 𝟔 −
𝟒
𝟐𝟎−𝟏
𝐱
𝟏𝟎𝟎
𝟏𝟎
= 6 – 4/19 x 10 = 57.89%
10. (iii) वाक्य सत्यापन तवति (िब्िािम स्मृति मापन के तिए) –– अपने
स्विाव [सामान्य ज्ञान] के कारण िब्िािम स्मृति में तवस्मरण न के रा र
होिा है। इस तवति में प्रतििातगयों को िाना होिा है तक तिए गए वाक्य
सही हैं या गिि। प्रतििातगयों द्वारा तजिनी िेज़ी से सही
प्रतितक्रया िी जािी
है उिनी ही अच्छी
उनकी िब्िािम
स्मृति होिी है।
11. (iv) प्राइतमिंग (वैसी सूचना के मापन के तिए तजसे हम मौतखक रूप से िा नहीं
सकिे हैं) (for measuring information we cannot report
verbally) – इस तवति में प्रतििातगयों को सािमक िब्िों की एक सूची तिखाई जािी है,
जैसे रसाि, मिीन, कहानी आति और तफर उन्हें इन िब्िों के कु छ तहस्सों, र, मि, कह
आति के साि अन्य नए ऐसे सािमक िब्िों के कु छ तहस्सों को तिखाया जािा है तजन्हें उन्होंने
पहिे नहीं िेखा िा। तफर प्रतििातगयों को उन तहस्सों से पहिे तिखाए गए सािमक िब्िों को
पूरा करने के तिए कहा जािा है। यह पाया गया है तक प्रतििातगयों द्वारा िेखे गए िब्िों के
तहस्सों को उन िब्िों के तहस्सों की िुिना में िेजी से पूरा तकया जो उन्होंने
नहीं िेखा िा। पूछे जाने पर, वे
अक्सर इस ाि से अनजान
होिे हैं और कहिे हैं तक
उन्होंने के वि अनुमान
िगाया है (NCERT)।
12. (v) पुनः सीखना (Relearning) – यह तवति एत िंगहॉस (1885) द्वारा सुझाई
गई िी और इसे 'बचत' तवति के रूप में िी जाना जािा है। इस तवति की सहायिा से
स्मृति की मात्रात्मक क्षमिा को मापा जािा है। प्रतििातगयों को कु छ सामग्री प्रिान की
जािी है, तफर उन्हें इसे पूरी िरह से याि करने के तिए कहा जािा है। तवतिष्ट समय अिंिराि
के ाि उसी
सामग्री को तफर से याि करने के तिए
प्रतििातगयों को तिया जािा है। प्रत्येक
प्रतििागी द्वारा तकये गए प्रयासों की
सिंख्या और समय िोनों तस्ितियों में
िजम तकये जािे हैं। और तफर चि
प्रतििि तनकािा जािा है।
13. ‘ चि प्रतििि’ [समय और परीक्षण] तनम्नतितखि सूत्र के द्वारा ज्ञाि की जािी
है: -
चि प्रतििि =
𝐎𝐋𝐓−𝐑𝐋𝐓
𝐎𝐋𝐓
𝐱𝟏𝟎𝟎
OLT = तसखने में तकये गए
प्रयासों की सिंख्या
RLT = पुनः-तसखने में तकये
गए प्रयासों की सिंख्या
उिाहरण के तिए - यति कोई
प्रतििागी तकसी मूि सामग्री
को याि करने के तिए 20
प्रयास करिा है और उसे
पुनः-तसखने के तिए 8 प्रयास
करिा है िो चि उसका
प्रतििि क्या होगा?
बचि प्रतिशि =
𝟐𝟎−𝟖
𝟐𝟎
𝐱𝟏𝟎𝟎 = 60%
14. (vi) पुनतनममामण (Reconstruction) – इस पद्धति में प्रतििातगयों को
उद्दीपकों का एक सेट पूवम-तनिामररि व्यवस्िा अिामि एक क्रम में तिया जािा है।
उसके ाि उद्दीपकों के उस सेट के क्रम को अव्यवतस्िि करके प्रतििागी को
तिया जािा है और उसे पहिे तिखाए गए क्रम में व्यवतस्िि
करने के तिए कहा
जािा है। उद्दीपकों
को तफर से सिंगतिि
करने या उसी क्रम में
व्यवतस्िि करने के
तिए तिया गया समय
ररकॉर्म तकया
जािा है।
15. सन्दिण:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. http://www.preservearticles.com/psychology/
methods-used-for-the-measurement-of-human-
memory/3926