1. खोज अ धगम स ा त
(DISCOVERY LEARNING
THEORY)
Discovered by Bruner
Name-Kanishka
Roll. No-26
Class-B. Ed 1st year
2. प रचय (INTRODUCTION OF BRUNER)
> जेरोम ूनर (1915) अमेरकन मनोवैा नक थे। इ ह नेमानव संाना मक मनो व ान और श ा म संाना मक
अ धगम स ांत पर मह वपूण योगदान दया। ूनर ारा र चत कुछ पुतक-
1. Instruction (1966)
2. The process of education (1960)
3. The process of cognitive growth (1968)
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ज म अ टूबर/1/1915
उ 94 वष
श ा नातक डूकेव व ालय 1937
शोध हावड व व ालय 1941 (मनो व ान)
3. खोज अ धगम सेअ भ ाय
> ूनर का खोज अ धगम सेअ भ ाय सीखनेकेलए कया गया
यास जांच आधा रत और रचनावाद श ा सेसंबंधत है।
( इस कार केअ धगम केसमथक म जीन याजेजेरोम ूनर और
सैमूर पैपट केनाम मुख है।)
अ भ ाय
उ ेय
• खोज उ ेय का उ ेय बालक को वषय व तुक
साम ी उपल ध कराना नह हैब क छा ारा वयं
केयास ारा सही उ र ा त करना है
4. जेरोम ूनर क खोज अ धगम का व श प :-
श ा के ेम ूनर का खोज अ धगम अ य धक लोक य है।
खोज अ धगम 1960 केदशक म आंदोलन के प म उभरकर
आया।
( ूनर 1921 p. 126) खोज अ धगम का उ ेय बालक को
‘करकेसीखो’ मंका पालन करनेपर बल देता है।
1991 म grauer school जो कैलफो नया का नजी मा य मक
व ालय था नेknowing through learning को अपना
आदश वा य बनाया और व ान अ धगम आंदोलन को समथन
दया।
‘करकेसीखो ‘
खोज
ारा पूव
ान क
सहायता से
अ धगम
5. खोज अ धगम क प रभाषा:-
खोज अ धगम को सीखनेक
नदशन तकनीक का नाम दया जा
सकता है, अथात जब अ धगम हेतु
नदशन तकनीक केमा यम से
वयंकेयास ारा अ धगम ा त
कया जाए अ धगम कहलाता है।
जेरोम ूनर
श ा क वशेष आव यकता के ेम खोज अ धगम:-
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ान क खोज केारा श ा क वशेष आव यकता वालेेम
भी सफलतापूवक ान ा त कया जा सकता है। मौ लक अ ययन
क ा त खोज अ धगम ारा भली-भांत क जा सकती है।
इसी कार छा खोज अ धगम ारा वषय व तुक अवधारणा
को प प सेजान और समझ सकतेह। व ान, ग णत, भूगोल,
इ तहास जैसेगूढ़ वषय क ान को इस व ध ारा भावी ढंग से
समझा जा सकता है।
6. खोज अ धगम हेतुआव यक दशाएं:-
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छा का वयंक यास ारा ान को ा त करना।
छा को ान ा त हेतुश क ारा प र थ त का आदश
तुतीकरण कया जाना।
खोज अ धगम हेतुउपयु व धय का चयन-संवाद, योग, खोज,
ोजेट आ द।
‘ वयंकर क सीखो’ मंपर चलकर ान ा त करना।
नदश तकनीक को खोज को मा यम के प म योग करना।
8. या मक ढंग:-
:
इस अव था म बालक ग या मक या केमा यम से
अपनी अनुभूतय को कट करता है। वा तव म इस अव था
म सूचना का संहण मान सक नह होता, शारी रक प से
बालक या को हण और अ भ करनेका यास
करता है। व तुक यय को प करनेकेलए बालक के
सम व तुमूत प म उप थत होनी चा हए। य द बालक को(
2+2=4) होता हैक अवधारणा प करनी है, तो उसके
सामनेदो व तुएं तुत करनेकेप ात 2 और व तु को
तुत करनेकेबाद ही इस अवधारणा को प कया जा
सकता है। ूनर क यह अव था पयाजेक अव था सेसा य
रखती है।
9. तमा मक ढंग:-
बालक का वषय व तुक ान को मान सक प सेच त करनेकेमा यम सेान ा त
करना तमा आ मक ढंग कहलाता हैसीखनेका यह ढंग तीय अव था हैजो या मक
ढंग केप ात वक सत होती है2 से7 वष क अव था म यह ढंग वक सत होता हैमान सक
च केनमाण सेपूव उनका मूल प प होगा तभी त बब बनाए जा सकतेह बालक का
य द व तुक आकार सेसंबंधत गुल लंबी कोण संयय य द या मक अव था म प हो
जाता हैतो वह उनका मान सक त बब बना पानेम बालक स म होगा तमा मक अव था
म बालक को अपनेग या मक यो यता केथान पर संाना मक यो यता का योग
करना आ जाता है
10. खोज अ धगम अनुभव क योजना का या वयन :-
अनुया का चयन:- सव थम अ ययन हेतुएक सम या का चयन करना चा हए सम या
का चयन करतेसमय यान रखना चा हए क सम या ना तो अ धक सरल हो और ना ही
अ धक ज टल ता क सहजता सेसम या क योजना तैयार क जा सके।
साम ी संकलन:- सम या क चयन क प ात पया त साम ी सम या सेसंबंधत का
एक ीकरण करना चा हए, ता क आव यकता पड़नेपर अनुया क कम सेकम एक बार
पुनरावृ क जा सके।
11. तीका मक ढंग:-
अ धगम अव था क ूनर व णत यह तृतीय और उ चतम अव था है।
इस अव था का वकास या मक और तीका मक ढंग क वकास के
प ात ही होता हो पाता है। इस अव था म बालक का सीखनेका ढंग फूल
और च सेऊपर तीका मक प म वक सत हो जाता है।
बालक अपनेवचार क अ भ केलए तीका मक च ह संकेत या
भाषा का योग करनेलगतेह। बालक म अब प र थ त को समझनेके
लए संाना मक मता वक सत हो जाती है। बालक को अवधारणा
प ीकरण केलए कूल प सेव तुक उप थत रहनेक आव यकता
नह होती ह।
12. • यान क :- सम या केलए साम ी चयन केप ात्उसकेऊपर यान क त करनेक आव यकता होती है।
सम या क रोचक होनेकेकारण सम या पर यान क त करनेक अपेा सम या योजना पूण करनेपर यान
क त करना चा हए।
खोज अ धगम केलाभ:-
• स य तता:- खोज अ धगम केारा अ धगम या बालक को ान सृजन कर के
यास म त रखती है। य क बालक ान ा त केलए यहाँन य ोता मा
नह होता। बालक वयंकेयास केारा वा तव म ान क खोज करता है। अतः
बालक स य तो रहता ही हैसाथ साथ त भी रहता है।
13. खोज अ धगम केलाभ:-
ती ज ासा:- बालक म ती ज ासा पाई जाती है। अतः बालक वयंकेयास केारा
ान ा त करता है। अ यापक को धैय पूवक बालक क ज ासा को शांत करना चा हए।
द घकालीन मृत:- खोज अ धगम ारा बालक स य रहकर वयंही वषय व तुसे
संबंधत ान क खोज करता है। इस कार ा त कया गया ान थाई ान होता है।
गत अ धगम अनुभव:- खोज अ धगम वयंकेारा ान संवधन क बात पर बल देता
है। जसकेकारण येक बालक गत प अ धगम स य म संल न रहता है। अतः
इस उपागम केमा यम सेबालक गत प सेअ धगम ा त करता है।
14. खोज अ धगम केलाभ
खोज और योग आधा रत अ धगम:- बालक को पका पकाया भोजन परोसेजानेक वपरीत खोज
अ धगम वालेको को ान संवधन हेतुखोज और योग ारा ान ा त करनेपर व ास करता है
खोज अ धगम केदोष
• संाना मक भारत ारा मुख पूव अ धगम:- खोज व ध केारा छा म काय को न त अव ध म पूण करनेके
कारण अ य धक तनाव उ प हो जाता हैकभी-कभी छा क यो यता इतनी नह होती क वह वयंसारेकाय कर
सक या सम या का समाधान कर सकेअतः म क थ त उसेउ चत या का चयन करनेम बाधा उ प करती है
अ धक मान सक दबाव भी तनाव पैदा करता है
15. खोज अ धगम केदोष:-
मापन तुत केकारण षत अ धगम थ तयां:- व ाथ क या का अ यापक ारा सम
मूयांकन कया जाता हैकुछ छा कायकुशलता म अ धक यो य होतेह अतः तुलना मक था या
कायकुशलता सीखनेक थ तय पर बुरा असर डालती हैइसकेअलावा अ धगम प र थ त क षत
संरचना भी अ धगम म बाधक होती है
गलत अवधारणा का वकास:- कभी-कभी अ ानता वश या काय केगलत दशा क ओर वृ
गलत अवधारणा का वकास भी करा सकती हैछा वयंकेकाय को उ चत मान कर चलता हैइस
कार ान खतरनाक हो सकता हैइसकेअ त र कभी-कभी छा इतनी यो य नह होती क वह
वयंक खोज केारा ान का वकास कर सक