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फिलाडेल्फा क
े लोग क
े
इगेफेफि क
े पत
अधाफ 1 क
े बा
1 इग्नेशि, ज्करा क
् निशोफोरि भी कहल जाला, निता िरम्शर क
् कलीनिशा आ
हमनी क
् पभर शीेर मिीह क
् कलीनिशा क
् भ्जल् जवन एनेशा क
् नफलाड्ल्शा मे
बा। ऊ दशा िा चरकल बा, िरम्शर क
् िहमनत मे निकल बा, आ हमनी क
् पभर क
् कष
मे हम्ेा आनल्त बा, आ उनकर िरनरुान क
् दारा िूरा दशा मे िूरा हो गइल बा हर्;
खािकर अगर उ लोग नबेि, अउर प्लेिर ज् उनकरा िाि् बा, अउर ईिा मिीह
क
् मन क
् अनरिार ननशरक डीकन क
् िाि् एकता मे होख्; ज्करा क
् ऊ अिना िनवत
आता क
् दारा िूरा दृता ि् अिना मज् क
् अनरिार बिवल् बाडन।
2 जवन नबेि क
् हम जानत बानी नक ऊ तोहनी क
् बीच मे ऊ बडहन ि्वा कइल् बा,
ना त अिना ि्, ना आदमी क
् दारा, ना वि् मनहमा ि्। ल्नकन निता िरम्शर आ
हमनी क
् पभर शीेर मिीह क
् प्म ि्।
3 ज्कर िंशम क
् हम पेंिा कर्नी; ज् अिना चरपी ि् दोिरा ि् ब्िी काम कर् मे
िकम बा अिना िगरी ब्कार बात ि्. काह् नक ऊ आजा क
् अनरक
ू ल बा, जइि् वीणा
ओकरा तार िर नफि होला।
4 एही ि् हमार आता भगवान क
् पनत आिन मन क
् िबि् खरे मान्ला, काह् नक ऊ
जानत बा नक ऊ िब गरण मे फलदाशी आ निद बा। ल्रता ि् भरल, जरनून ि् मरक,
आ जीनवत भगवान क
् िभ िंशम क
् अनरिार।
5 एही ि् जइि् पकाे आ िचाई दरनो क
् िंतान होला। नवभाजन आ झूठा निदांत ि्
भागल; ल्नकन जहाँ तोहार चरवाहा बा, उहाँ तू भ्ड ननहन ओकर िीछ् -िीछ् चलत
रह।
6 काह्नक बहत िारा भ्नडशा बाड् जवन झूठा िरख ि् नवशाि कर् लाशक लाग्ल्, उ
िरम्शर क
् रासा मे दौडत लोग क
् बंदी बना द्ल्। बानकर िहमनत मे ओह लोग क
्
कवनो जगह ना नमली.
7 एह ि् बररा जडी-बूिी ि् िरह्ज करीं जवना क
् शीेर ना िनहनल् बाडन। काह् नक
अइिन निता क
् बागान ना ह। ई ना नक हमरा तोहनी मे कवनो नवभाजन नमलल बा,
बलरक हर तरह क
् िनवतता नमलल बा।
8 काह्नक ज् भी िरम्शर अउर शीेर मिीह क
् हवे, उहो अिना नबेि क
् िाि् बाड्।
आ ज्तना लोग िशाताि क
् िाि कलीनिशा क
् एकता मे वािि आ जाई, उहो लोग
िरम्शर क
् ि्वक होई, तानक उ लोग शीेर क
् अनरिार नजए।
9 भाई लोग, धोखा मत खाईं; अगर क
् ह कलीनिशा मे फ
ू ि डाल् वाला क
् िीछ् चली त
ओकरा भगवान क
् राज क
् उतरानधकार ना नमली। अगर क
् ह कवनो दोिरा राश क
्
िीछ् चल्ला त ऊ मिीह क
् जरनून ि् िहमत ना होख्.
10 एही ि् रउआ िभ् क
् एक
् िनवत शूक
् ररस मे भाग ल्व् क
् पशाि होख्।
11 काह्नक हमनी क
् पभर शीेर मिीह क
् एगो ेरीर बा। आ ओकरा खून क
् एकता मे
एक पाला। एगो व्दी क
् ;
12 जइि् नक एगो नबेि भी बाडन, उनकर प्लेि्री आ नडकन लोग क
् िाि् हमार
िािी ि्वक हवे, तानक तू जवन भी करब, ओकरा क
् िरम्शर क
् इचा क
् अनरिार
कर िकील्।
अधाफ 2 क
े बा
1 भाई लोग, तोहनी ि् हमार जवन प्म बा, उ हमरा क
् अउरी बड बना द्ला। आ
तोहरा मे बहत खरेी होक
् हम तोहरा क
् खतरा ि् बचाव् क
् कोनेे करत बानी। शानी
हम ना, बल् ईिा मिीह; ज्करा मे बानल रहला ि् हम ओतन् ड्रात बानी, काह् नक
अभी तक खाली दरख क
् रासा िर बानी।
2 ल्नकन िरम्शर ि् तोहार पाि्ना हमरा क
् निद बना नदही तानक हम उ नहसा िा
िकी, जवन िरम्शर क
् दशा ि् हमरा क
् नदहल गईल बा। आ प्ररत लोग क
् कलीनिशा
क
् प्लेि्री क
् बार् मे।
3 हमनी क
् भी भनवषवका लोग ि् प्म करीं जा, काह्नक उ लोग भी हमनी क
्
िरिमाचार क
् ओर ल् गईल्, मिीह मे आेा कर् आ उनकर उमीद कर् क
् ।
4 उनकरा िर नबिवाि करक
् उ लोग शीेर मिीह क
् एकता मे उदार िा नलहल्।
िनवत आदमी होक
् प्म कर् लाशक आ अचरज मे िडल रहल्।
5 उ लोग शीेर मिीह ि् गवाही िा ल्ल् हउवे अउर हमनी क
् िाझा आेा क
्
िरिमाचार मे नगनल गईल बानी।
6 ल्नकन अगर क
् ह तोहनी क
् शहदी वव्ा क
् पचार कर्ला त ओकर बात मत िरनी।
काह् नक खतना कइल आदमी ि् मिीह क
् निदांत क
् गहण कइल ब्हतर बा, ना नक
खतना ना कइल् वाला ि् शहदी धम् क
् ।
7 ल्नकन अगर क
् ह क
् ह मिीह शीेर क
् बार् मे ना बोल्ला त हमरा उ लोग मरअल लोग
क
् सारक आ कब ननहन लाग्ला, जवना ि निफ
् आदमी क
् नाम नलखल बा।
8 एह ि् एह िंिार क
् राजक
र मार क
् दरष कला आ जाल ि् भाग जा। कहीं कबो उनकर
धूत्ता ि् दबल क
् तू लोग अिना दान मे ठं डा मत हो जाइब। बानकर अनवभानजत नदल
ि् िब नमल क
् एक
् जगहा आ जाईं.
9 हम अिना भगवान क
् आेीर द्त बानी नक हमरा तोहनी क
् पनत अचा नवव्क बा
आ तोहनी मे ि् क
् ह क
् लग् खरल्आम भा ननजी तौर िर घमंड कर् क
् बात नइख् नक
हम ओकरा खानतर बहत क
र छ मे बोनझल बानी।
10 हम ज्करा ि् बात कइल् बानी, ओह िब ि् हम चाहत बानी नक ई बात ओह लोग
क
् लखलाफ गवाह ना होख्।
11 भल् ही क
र छ लोग हमरा क
् ेरीर क
् नहिाब ि् धोखा द्व् क
् चाहत रह्, ल्नकन
आता िरम्शर क
् ओर ि् धोखा ना नदहल जाला। काह् नक ऊ कहाँ ि् आव्ला आ
कहाँ जाला, दरनर जानत बा आ नदल क
् रहस क
् डांित बा.
12 हम तोहनी क
् बीच मे रोवत रहनी। हम जोर ि् बोलनी: नबेि, आ प्लेि्री, आ
नडकन क
् धान राखीं।
13 क
र छ लोग क
् लागत रह् नक हम ई बात एही तरह ि् कहल् बानी नक तोहनी क
् बीच
जवन बंिवारा आव् वाला बा ओकरा क
् िनहल् ि् द्खत बानी।
14 ल्नकन उ हमार गवाह ह, ज्करा खानतर हम बंधन मे बंद बानी नक हम क
् ह ि् क
र छ
ना जानत रहनी। बानकर आता एही तरह ि् कहलि नक नबेि क
् नबना क
र छ मत
करीं।
15 अिना ेरीर क
् िरम्शर क
् मंनदर क
् रि मे रखीं, एकता ि् प्म करीं। नडवीजन ि्
भागल जाला; मिीह क
् अनरशाशी बनीं, जइि् नक उ अिना निता क
् रहल्।
16 एही ि् हम एकता खानतर रनचत आदमी क
् रि मे जवन हमरा बनल रह्, उह्
कइनी। काह् नक जहाँ बंिवारा आ कोध बा, उहाँ भगवान ना रह्ल्।
17 ल्नकन पभर ओह िब लोग क
् माफ कर द्लन ज् िशाताि कर्ला, अगर उ लोग
िरम्शर क
् एकता मे आ नबेि क
् िरररद मे वािि आ जाि।
18 काह्नक हम शीेर मिीह क
् अनरगह िर भरोिा करत बानी नक उ तोहनी क
् हर
बंधन ि् मरक कर नदह्।
19 नफर भी हम तोहनी ि् ननहोरा करत बानी नक तू लोग झगडा ि् क
र छ भी मत करीं,
बल् मिीह क
् ननद्े क
् अनरिार करीं।
20 काह् नक हम क
र छ लोग क
् बार् मे िरनल् बानी ज् कहत बाड्; जबल् हमरा ई मूल मे
नलखल ना नमली, तबल् हम एकरा क
् िरिमाचार मे नलखल ना मानब। जब हम कहनी
नक नलखल बा; उ लोग अिना भष पनतशन मे जवन बात उनका िोझा रह् ओकर
जवाब द्ल्।
21 ल्नकन हमरा खानतर ईिा मिीह दरननशा क
् िब अनवनाेी सारकन क
् जगह
बाडन। ओह ननम्ल सारकन क
् िाि्, उनकर क
ू ि, आ मौत, आ िरनरुान, आ
नवशाि जवन उनकरा दारा बा; जवना ि् हम चाहत बानी नक रउरा िभ् क
् पाि्ना क
्
माधम ि् धम् ठहरावल जाव।
22 शाजक लोग िाँचह अचा हवे। बानकर बहत् बनृशा ऊ महाशाजक हवे ज्करा क
्
िनवत ्ान िौंिल गइल बा. आ ज्करा क
् अक
् ल् भगवान क
् रहस िौंिल गइल बा।
23 उ निता क
् दरआर ह। जवना ि् अबाहम, इिहाक, शाक
ू ब आ िब भनवषवका लोग
पव्े कर्ला। िाि ही प्ररत लोग, आ कलीनिशा क
् भी।
24 इ िब बात उ एकता क
् ओर बृ्ला जवन िरम्शर क
् ओर ि् बा। हालांनक
िरिमाचार मे क
र छ बा। का एकरा मे बाकी िभ पबंध ि् बहत ऊिर बा; अिा्त, हमनी
क
् उदारकता्, पभर शीेर मिीह क
् पकिीकरण, उनकर िीडा अउर िरनरुान।
25 काह् नक नपश भनवषवका लोग उनकर बात करत रहल्। ल्नकन िरिमाचार
अनवनाेी क
् निदता ह। एह ि् िब नमल क
् अचा बा, अगर तू लोग प्म ि् नवशाि
करीं।
अधाफ 3 क
े बा
1 अब अंतानकशा क
् कलीनिशा क
् बार् मे जवन िीररशा मे बा, हमरा क
् बतावल गईल
बा नक तोहनी क
् पाि्ना आ आंत क
् दारा शीेर मिीह मे ओकरा पनत जवन आंत बा,
ओकरा ि् उ ेांनत मे बा। रउआ, िरम्शर क
् कलीनिशा क
् रि मे, कवनो डीकन क
्
ननशरक करीं नक उहाँ िरम्शर क
् राजदू त क
् रि मे उहाँ जाए खानतर; तानक जब उ
लोग एक िंग् नमलि त उ लोग क
् िंग् खरे हो िक
् अवररी भगवान क
् नाम क
् मनहमा
करि।
2 शीेर मिीह मे उ आदमी क
् धन होख्, ज् अइिन ि्वा क
् लाशक िावल जाई। आ
तोहनी क
् भी मनहमा हो जाई।
3 अब अगर तू इचर क होखब त िरम्ि् वर क
् क
ृ िा ि् ई काम कइल अिंभव नइख्।
जइि् नक बाकी िडोिी कलीनिशा भी ओह लोग क
् भ्जल् बाड्, क
र छ नबेि, क
र छ
िरजारी अउर डीकन।
4 नकनलनिशा क
् डीकन नफलो क
् बार् मे, जवन एगो बहत शोग आदमी ह, उ अबनहशों
िरम्शर क
् वचन मे हमार ि्वा कर्ला, अगािोिोनलि क
् ररशाि क
् िाि्, एगो एकल
अचा वलक, ज् िीररशा ि् भी हमरा िीछ् -िीछ् चलल बा, अिना जीवन क
् बार् मे ना
तोहनी क
् गवाही भी दीं।
5 हम खरद् तोहनी खानतर िरम्शर क
् धनवाद द्त बानी नक रउआ ओह लोग क
्
ओइिहीं गहण करीं जइि् पभर रउआ क
् गहण करीहे। ल्नकन ज् उनकरा क
् ब्इजत
कईल्, उ लोग क
् शीेर मिीह क
् क
ृ िा ि् माफ कईल जाए।
6 तोआि क
् भाई लोग क
् दान तोहनी क
् नमसार करत बा, जवना ि् हम अब बरह्ि
क
् नाम ि् नलखत बानी, ज्करा क
् इनफिरि आ सना् क
् लोग हमरा िाि् आदर क
्
खानतर भ्जल् रहल्।
7 हमनी क
् पभर शीेर मिीह ओह लोग क
् आदर करि। ज्करा ि् उ लोग ेरीर,
आता आ आता दरनो मे आेा कर्ल्। नवशाि मे, प्म मे, एकता मे। मिीह शीेर मे
नवदाई हमनी क
् िाझा आेा।

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Bhojpuri - The Epistle of Ignatius to the Philadelphians.pdf

  • 1. फिलाडेल्फा क े लोग क े इगेफेफि क े पत अधाफ 1 क े बा 1 इग्नेशि, ज्करा क ् निशोफोरि भी कहल जाला, निता िरम्शर क ् कलीनिशा आ हमनी क ् पभर शीेर मिीह क ् कलीनिशा क ् भ्जल् जवन एनेशा क ् नफलाड्ल्शा मे बा। ऊ दशा िा चरकल बा, िरम्शर क ् िहमनत मे निकल बा, आ हमनी क ् पभर क ् कष मे हम्ेा आनल्त बा, आ उनकर िरनरुान क ् दारा िूरा दशा मे िूरा हो गइल बा हर्; खािकर अगर उ लोग नबेि, अउर प्लेिर ज् उनकरा िाि् बा, अउर ईिा मिीह क ् मन क ् अनरिार ननशरक डीकन क ् िाि् एकता मे होख्; ज्करा क ् ऊ अिना िनवत आता क ् दारा िूरा दृता ि् अिना मज् क ् अनरिार बिवल् बाडन। 2 जवन नबेि क ् हम जानत बानी नक ऊ तोहनी क ् बीच मे ऊ बडहन ि्वा कइल् बा, ना त अिना ि्, ना आदमी क ् दारा, ना वि् मनहमा ि्। ल्नकन निता िरम्शर आ हमनी क ् पभर शीेर मिीह क ् प्म ि्। 3 ज्कर िंशम क ् हम पेंिा कर्नी; ज् अिना चरपी ि् दोिरा ि् ब्िी काम कर् मे िकम बा अिना िगरी ब्कार बात ि्. काह् नक ऊ आजा क ् अनरक ू ल बा, जइि् वीणा ओकरा तार िर नफि होला। 4 एही ि् हमार आता भगवान क ् पनत आिन मन क ् िबि् खरे मान्ला, काह् नक ऊ जानत बा नक ऊ िब गरण मे फलदाशी आ निद बा। ल्रता ि् भरल, जरनून ि् मरक, आ जीनवत भगवान क ् िभ िंशम क ् अनरिार। 5 एही ि् जइि् पकाे आ िचाई दरनो क ् िंतान होला। नवभाजन आ झूठा निदांत ि् भागल; ल्नकन जहाँ तोहार चरवाहा बा, उहाँ तू भ्ड ननहन ओकर िीछ् -िीछ् चलत रह। 6 काह्नक बहत िारा भ्नडशा बाड् जवन झूठा िरख ि् नवशाि कर् लाशक लाग्ल्, उ िरम्शर क ् रासा मे दौडत लोग क ् बंदी बना द्ल्। बानकर िहमनत मे ओह लोग क ् कवनो जगह ना नमली. 7 एह ि् बररा जडी-बूिी ि् िरह्ज करीं जवना क ् शीेर ना िनहनल् बाडन। काह् नक अइिन निता क ् बागान ना ह। ई ना नक हमरा तोहनी मे कवनो नवभाजन नमलल बा, बलरक हर तरह क ् िनवतता नमलल बा। 8 काह्नक ज् भी िरम्शर अउर शीेर मिीह क ् हवे, उहो अिना नबेि क ् िाि् बाड्। आ ज्तना लोग िशाताि क ् िाि कलीनिशा क ् एकता मे वािि आ जाई, उहो लोग िरम्शर क ् ि्वक होई, तानक उ लोग शीेर क ् अनरिार नजए। 9 भाई लोग, धोखा मत खाईं; अगर क ् ह कलीनिशा मे फ ू ि डाल् वाला क ् िीछ् चली त ओकरा भगवान क ् राज क ् उतरानधकार ना नमली। अगर क ् ह कवनो दोिरा राश क ् िीछ् चल्ला त ऊ मिीह क ् जरनून ि् िहमत ना होख्. 10 एही ि् रउआ िभ् क ् एक ् िनवत शूक ् ररस मे भाग ल्व् क ् पशाि होख्। 11 काह्नक हमनी क ् पभर शीेर मिीह क ् एगो ेरीर बा। आ ओकरा खून क ् एकता मे एक पाला। एगो व्दी क ् ; 12 जइि् नक एगो नबेि भी बाडन, उनकर प्लेि्री आ नडकन लोग क ् िाि् हमार िािी ि्वक हवे, तानक तू जवन भी करब, ओकरा क ् िरम्शर क ् इचा क ् अनरिार कर िकील्। अधाफ 2 क े बा 1 भाई लोग, तोहनी ि् हमार जवन प्म बा, उ हमरा क ् अउरी बड बना द्ला। आ तोहरा मे बहत खरेी होक ् हम तोहरा क ् खतरा ि् बचाव् क ् कोनेे करत बानी। शानी हम ना, बल् ईिा मिीह; ज्करा मे बानल रहला ि् हम ओतन् ड्रात बानी, काह् नक अभी तक खाली दरख क ् रासा िर बानी। 2 ल्नकन िरम्शर ि् तोहार पाि्ना हमरा क ् निद बना नदही तानक हम उ नहसा िा िकी, जवन िरम्शर क ् दशा ि् हमरा क ् नदहल गईल बा। आ प्ररत लोग क ् कलीनिशा क ् प्लेि्री क ् बार् मे। 3 हमनी क ् भी भनवषवका लोग ि् प्म करीं जा, काह्नक उ लोग भी हमनी क ् िरिमाचार क ् ओर ल् गईल्, मिीह मे आेा कर् आ उनकर उमीद कर् क ् । 4 उनकरा िर नबिवाि करक ् उ लोग शीेर मिीह क ् एकता मे उदार िा नलहल्। िनवत आदमी होक ् प्म कर् लाशक आ अचरज मे िडल रहल्। 5 उ लोग शीेर मिीह ि् गवाही िा ल्ल् हउवे अउर हमनी क ् िाझा आेा क ् िरिमाचार मे नगनल गईल बानी। 6 ल्नकन अगर क ् ह तोहनी क ् शहदी वव्ा क ् पचार कर्ला त ओकर बात मत िरनी। काह् नक खतना कइल आदमी ि् मिीह क ् निदांत क ् गहण कइल ब्हतर बा, ना नक खतना ना कइल् वाला ि् शहदी धम् क ् । 7 ल्नकन अगर क ् ह क ् ह मिीह शीेर क ् बार् मे ना बोल्ला त हमरा उ लोग मरअल लोग क ् सारक आ कब ननहन लाग्ला, जवना ि निफ ् आदमी क ् नाम नलखल बा। 8 एह ि् एह िंिार क ् राजक र मार क ् दरष कला आ जाल ि् भाग जा। कहीं कबो उनकर धूत्ता ि् दबल क ् तू लोग अिना दान मे ठं डा मत हो जाइब। बानकर अनवभानजत नदल ि् िब नमल क ् एक ् जगहा आ जाईं. 9 हम अिना भगवान क ् आेीर द्त बानी नक हमरा तोहनी क ् पनत अचा नवव्क बा आ तोहनी मे ि् क ् ह क ् लग् खरल्आम भा ननजी तौर िर घमंड कर् क ् बात नइख् नक हम ओकरा खानतर बहत क र छ मे बोनझल बानी। 10 हम ज्करा ि् बात कइल् बानी, ओह िब ि् हम चाहत बानी नक ई बात ओह लोग क ् लखलाफ गवाह ना होख्। 11 भल् ही क र छ लोग हमरा क ् ेरीर क ् नहिाब ि् धोखा द्व् क ् चाहत रह्, ल्नकन आता िरम्शर क ् ओर ि् धोखा ना नदहल जाला। काह् नक ऊ कहाँ ि् आव्ला आ कहाँ जाला, दरनर जानत बा आ नदल क ् रहस क ् डांित बा. 12 हम तोहनी क ् बीच मे रोवत रहनी। हम जोर ि् बोलनी: नबेि, आ प्लेि्री, आ नडकन क ् धान राखीं। 13 क र छ लोग क ् लागत रह् नक हम ई बात एही तरह ि् कहल् बानी नक तोहनी क ् बीच जवन बंिवारा आव् वाला बा ओकरा क ् िनहल् ि् द्खत बानी। 14 ल्नकन उ हमार गवाह ह, ज्करा खानतर हम बंधन मे बंद बानी नक हम क ् ह ि् क र छ ना जानत रहनी। बानकर आता एही तरह ि् कहलि नक नबेि क ् नबना क र छ मत करीं। 15 अिना ेरीर क ् िरम्शर क ् मंनदर क ् रि मे रखीं, एकता ि् प्म करीं। नडवीजन ि् भागल जाला; मिीह क ् अनरशाशी बनीं, जइि् नक उ अिना निता क ् रहल्। 16 एही ि् हम एकता खानतर रनचत आदमी क ् रि मे जवन हमरा बनल रह्, उह् कइनी। काह् नक जहाँ बंिवारा आ कोध बा, उहाँ भगवान ना रह्ल्। 17 ल्नकन पभर ओह िब लोग क ् माफ कर द्लन ज् िशाताि कर्ला, अगर उ लोग िरम्शर क ् एकता मे आ नबेि क ् िरररद मे वािि आ जाि। 18 काह्नक हम शीेर मिीह क ् अनरगह िर भरोिा करत बानी नक उ तोहनी क ् हर बंधन ि् मरक कर नदह्। 19 नफर भी हम तोहनी ि् ननहोरा करत बानी नक तू लोग झगडा ि् क र छ भी मत करीं, बल् मिीह क ् ननद्े क ् अनरिार करीं। 20 काह् नक हम क र छ लोग क ् बार् मे िरनल् बानी ज् कहत बाड्; जबल् हमरा ई मूल मे नलखल ना नमली, तबल् हम एकरा क ् िरिमाचार मे नलखल ना मानब। जब हम कहनी नक नलखल बा; उ लोग अिना भष पनतशन मे जवन बात उनका िोझा रह् ओकर जवाब द्ल्। 21 ल्नकन हमरा खानतर ईिा मिीह दरननशा क ् िब अनवनाेी सारकन क ् जगह बाडन। ओह ननम्ल सारकन क ् िाि्, उनकर क ू ि, आ मौत, आ िरनरुान, आ नवशाि जवन उनकरा दारा बा; जवना ि् हम चाहत बानी नक रउरा िभ् क ् पाि्ना क ् माधम ि् धम् ठहरावल जाव। 22 शाजक लोग िाँचह अचा हवे। बानकर बहत् बनृशा ऊ महाशाजक हवे ज्करा क ् िनवत ्ान िौंिल गइल बा. आ ज्करा क ् अक ् ल् भगवान क ् रहस िौंिल गइल बा। 23 उ निता क ् दरआर ह। जवना ि् अबाहम, इिहाक, शाक ू ब आ िब भनवषवका लोग पव्े कर्ला। िाि ही प्ररत लोग, आ कलीनिशा क ् भी। 24 इ िब बात उ एकता क ् ओर बृ्ला जवन िरम्शर क ् ओर ि् बा। हालांनक िरिमाचार मे क र छ बा। का एकरा मे बाकी िभ पबंध ि् बहत ऊिर बा; अिा्त, हमनी क ् उदारकता्, पभर शीेर मिीह क ् पकिीकरण, उनकर िीडा अउर िरनरुान। 25 काह् नक नपश भनवषवका लोग उनकर बात करत रहल्। ल्नकन िरिमाचार अनवनाेी क ् निदता ह। एह ि् िब नमल क ् अचा बा, अगर तू लोग प्म ि् नवशाि करीं। अधाफ 3 क े बा 1 अब अंतानकशा क ् कलीनिशा क ् बार् मे जवन िीररशा मे बा, हमरा क ् बतावल गईल बा नक तोहनी क ् पाि्ना आ आंत क ् दारा शीेर मिीह मे ओकरा पनत जवन आंत बा, ओकरा ि् उ ेांनत मे बा। रउआ, िरम्शर क ् कलीनिशा क ् रि मे, कवनो डीकन क ् ननशरक करीं नक उहाँ िरम्शर क ् राजदू त क ् रि मे उहाँ जाए खानतर; तानक जब उ लोग एक िंग् नमलि त उ लोग क ् िंग् खरे हो िक ् अवररी भगवान क ् नाम क ् मनहमा करि। 2 शीेर मिीह मे उ आदमी क ् धन होख्, ज् अइिन ि्वा क ् लाशक िावल जाई। आ तोहनी क ् भी मनहमा हो जाई। 3 अब अगर तू इचर क होखब त िरम्ि् वर क ् क ृ िा ि् ई काम कइल अिंभव नइख्। जइि् नक बाकी िडोिी कलीनिशा भी ओह लोग क ् भ्जल् बाड्, क र छ नबेि, क र छ िरजारी अउर डीकन। 4 नकनलनिशा क ् डीकन नफलो क ् बार् मे, जवन एगो बहत शोग आदमी ह, उ अबनहशों िरम्शर क ् वचन मे हमार ि्वा कर्ला, अगािोिोनलि क ् ररशाि क ् िाि्, एगो एकल अचा वलक, ज् िीररशा ि् भी हमरा िीछ् -िीछ् चलल बा, अिना जीवन क ् बार् मे ना तोहनी क ् गवाही भी दीं। 5 हम खरद् तोहनी खानतर िरम्शर क ् धनवाद द्त बानी नक रउआ ओह लोग क ् ओइिहीं गहण करीं जइि् पभर रउआ क ् गहण करीहे। ल्नकन ज् उनकरा क ् ब्इजत कईल्, उ लोग क ् शीेर मिीह क ् क ृ िा ि् माफ कईल जाए। 6 तोआि क ् भाई लोग क ् दान तोहनी क ् नमसार करत बा, जवना ि् हम अब बरह्ि क ् नाम ि् नलखत बानी, ज्करा क ् इनफिरि आ सना् क ् लोग हमरा िाि् आदर क ् खानतर भ्जल् रहल्। 7 हमनी क ् पभर शीेर मिीह ओह लोग क ् आदर करि। ज्करा ि् उ लोग ेरीर, आता आ आता दरनो मे आेा कर्ल्। नवशाि मे, प्म मे, एकता मे। मिीह शीेर मे नवदाई हमनी क ् िाझा आेा।