Teaching: Meaning, Definition, Nature, Characteristics and Aims.
1. शिक्षण : अर्थ, परिभाषाएँ, प्रकृ ति,
उद्देश्य एवं वविेषिायें।
Nishat Anjum,
Research Scholar,
MJPRU, Bareilly.
2. शिक्षण का अर्थ
शिक्षण िब्द अंग्रेजी क
े टीच ंग िब्द का ह ंदी रूपांििण
ै, जजसका अर्थ ै सीखना| शिक्षण एक प्रक्रिया ै
जजसका सीधा संबंध अचधगम औि ववद्यार्ी क
े व्यव ाि
परिविथन से ोिा ै| शिक्षण प्रक्रिया िम में िर्ा
व्यवजथर्ि ोिी ै, जजसमें शिक्षक, ववद्यार्ी, पाठ्यवथिु,
संप्रेषण ववचधयां शिक्षण व्यू - ि नाएं, शिक्षण सामग्री
आहद अवयव सजममशिि ोिे ैं| शिक्षण में ववद्यार्ी
औि शिक्षक क
े मध्य अंिः क्रिया ोिी ै| जजसक
े
फिथवरूप ववद्यार्ी क
े व्यव ाि में वांतिि परिविथन
िाया जािा ै| इसशिए इसे एक सामाजजक प्रक्रिया भी
क ा जािा ै| शिक्षण का संबंध समाज में तनह ि दिथन,
मूल्यों ,संथकृ ति औि वव ािधािा से ोिा ै| जजस देि
का जैसा थवरूप ोिा ै, उसी क
े अनुरूप व ां शिक्षण
व्यवथर्ा ोिी ै|
3. एकिंत्र िासन में शिक्षण का अर्थ- इस प्रकाि की िासन
– व्यवथर्ा पिंपिागि व्यवथर्ा शसद्धांि: कायथ क
ें हिि ,,पि आधारिि
ोिी ै| एक िंत्र आत्मक िासन में शिक्षक का म त्व शिक्षण
प्रक्रिया क
े अंिगथि प्रमुख माना जािा ै|औि िात्र का थर्ान गॉड
ोिा ै इस प्रकाि क
े परिवेि में शिक्षकों आदिथ माना जािा ै | िात्र
की समथि क्रियाओं को शिक्षक हदिा प्रदान कििा ै |व क्या सो े,
क्या किें एवं क
ै से किें? िात्रों को डडथकिन िॉजजक एवं शिक्षक की
आिो ना किने का अचधकाि न ीं हदया जािा ै|
प्रजािंत्र या िोकिंत्र िासन में शिक्षण का अर्थ-
प्रजािंत्रात्मक िासन प्रणािी ''माननीय व्यवथर्ा शसद्धांि : संबंध
क
ें हिि पि आधारिि ोिी ै | इस वव ािधािा में जनिा का िासन,
जनिा क
े शिए िर्ा जनिा द्वािा, क
े वव ाि का अनुसिण क्रकया
जािा ै| इस प्रकाि की िासन व्यवथर्ा में भी व्यजक्ियों क
े वव ािों
को प्रधानिा दी जािी ै| इस व्यवथर्ा में इस वव ाि को प्रमुखिा दी
जािी ै क्रक शिक्षा की व्यवथर्ा बािक क
े शिए की गई ै| इसमें
थवयं अनुिासन को विीयिा दी जािी ै एवं अंिः क्रिया को प्रमुखिा
दी जािी ै|
4. थविंत्रात्मक िासन में शिक्षण का अर्थ- इस
प्रकाि की िासन प्रणािी ''आधुतनक व्यवथर्ा शसद्धांि :
कायथ िर्ा संबंध क
ें हिि ,,पि आधारिि ोिी ै| इसमें
शिक्षक की अपेक्षा िात्र अचधक सक्रिय ि िे ैं| िात्रों
को अपनी सृजनात्मक क्षमिाओं को प्रयोग किने का
पूिा अवसि प्रदान क्रकया जािा ै| शिक्षक एक शमत्र की
भूशमका तनभािा ै| इस शिक्षण में उच् थिि की प्राजति
की जािी ै|
5. शिक्षण की परिभाषाएं
बाटथन-" शिक्षण अचधगम ेिु उद्दीपन ,मागथ -
दिथन िर्ा हदिा बोध ै।
बी.ओ.जथमर्- "शिक्षण क्रियाओं का व समू
ै जो अचधगम को उत्पन्न किने क
े शिए प्रेरिि
कििा ै|
र्ॉमस एवं ग्रीन- "शिक्षण ,शिक्षक का व
कायथ जैसे बािक क
े ववकास क
े शिए क्रकया जािा
ै|
6. शिक्षण की प्रकृ ति
शिक्षण एक उद्देश्य पूणथ प्रक्रिया ै|
शिक्षण एक अंि: क्रिया ै|
शिक्षण किा एवं ववज्ञान दोनों ैं|
शिक्षण एक ववकासात्मक प्रक्रिया ै|
शिक्षण कौिि युक्ि प्रक्रिया ै|
शिक्षण का कायथ- ज्ञान प्रदान किना ै|
शिक्षण एक िाक्रक
थ क क्रिया ै|
शिक्षण क
े दो प्रमुख अवयव ैं- सीखने वािा
एवं शसखाने वािा|
Contd..
7. शिक्षण क
े दो प्रमुख पक्ष ैं- पाठ्य वथिु एवं संप्रेषण|
शिक्षण एक औप ारिक एवं अनौप ारिक प्रक्रिया ै|
शिक्षण 3 ध्रुवीय प्रक्रिया ै|
शिक्षण अचधगम को प्रोत्साह ि किने की प्रक्रिया
ै|
शिक्षण प्रेक्षण-योग्य, मापन-योग्य औि सुधाि-योग्य
प्रक्रिया ै|
शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया ै जजस का अविोकन औि
ववश्िेषण क्रकया जा सकिा ै|
Contd..
8. शिक्षण क
े उद्देश्य
शिक्षा क
े उद्देश्य से ी शिक्षण क
े उद्देश्यों का तनमाथण
ोिा ै| जजस प्रकाि शिक्षा क
े उद्देश्य परिविथनिीि ै
वैसे ी शिक्षण क
े भी उद्देश्य परिविथनिीि ै-
बािक को उसक
े जीवन से संबंचधि उपयोगी ज्ञान
प्रदान किाना|
शिक्षण का उद्देश्य बािक को सीखने क
े शिए प्रेरिि
किना क्योंक्रक िात्रों को प्रेरिि ना ोने पि शिक्षण
अचधगम उपयुक्ि न ीं ोगा|
बािक की मानशसक क्षमिा का ववकास किना|
बािक क
े मानवीय गुणों का ववकास किना|
Contd..
9. CONTD..
बािकों में क्रियािीििा का ववकास किना िर्ा उन् ें
क्रिया किने का अवसि प्रदान किना|
बािकों में संवेदनिीििा का ववकास किना|
बािकों में वािाविण क
े प्रति समायोजन की क्षमिा
प्रदान किना|
बािकों में आत्मववश्वास िर्ा आत्मानुभूति किने
योग्य बनाना|
बािकों में सृजनात्मक क्षमिा का ववकास किना
िर्ा सृजनात्मक कायथ किने क
े शिए प्रेरिि किना|
10. शिक्षण की वविेषिाएं
शिक्षण से शिक्षा क
े उद्देश्यों की प्राजति ोिी ै|
शिक्षण सीखने क
े तनयमों पि आधारिि ोिा ै|
शिक्षण बािक की क्रियाओं से पूवथ ोिा ै|
य प्रेिणात्मक एवं सृजनात्मक ोिा ै|
य व्यजक्ि की ववशभन्न नेिाओं पि आधारिि ोिा
ै|
य यनात्मक ोिा ै|
य स ानुभूति पूणथ ोिा ै औि बािक क
े स योग
से आगे बढ़िा ै|
य पूणथ रूप से व्यवजथर्ि एवं जनिांत्रत्रक ोिा ै|