ali garh movement part2.pptx THIS movement by sir syed ahmad khan who started...
sample - Hindi Lesson Plan.docx
1. SAMPLE LESSON PLAN _-पाठ-योजना सााँचा
शिक्षिका – दिनाांक:
किा- द्वितीय विषय- दिन्िी
पाठ - सबसे तेज कौन (किानी)
विषय/उपविषय मित्िपूर्ण तथ्य/कौिल
गद्य
सबसे तेज कौन (किानी)
किानी को नाटकीय ढांग से सुनना तथा किानी में आए
कदठन िब्िों का सिी उच्चारर् करना।
छात्रों को शमत्रता का मित्ि समझाना।
2. उद्िेश्य
सामान्य उद्िेश्य छात्रों को विशिन्न जानिरों की आितों ि वििेषताओां
से अिगत कराना।
छात्रों को सच्चे शमत्र का मित्ि बताकर उनका
सांिेगात्मक ि सामाजजक विकास करना।
उद्िेश्यपूर्तण/व्याििाररक सांक
े त किानी क
े श्रिर् तथा अशिनय सदित िाचन क
े
द्िारा छात्रों में िूसरों की मिि करने की िमता
का विकास िोगा।
3. शििर् विधि र्निेिात्मक योजना
पूिण ज्ञान का मूलयाांकन प्रश्नोत्तर द्िारा –
क्या आप धचड़ियाघर गए िैं?
ििााँ कौन-2 से जानिर िेखे िैं?
सबसे तेज कौन सा जानिर िौिता िै?
पाठ पररचय आज िम चीते ि बारिशसांगे की किानी “सबसे
तेज कौन” क
े द्िारा सच्ची शमत्रता क
े विषय में
जानकारी प्राप्त करेंगे।
4. पाठ-विकास
विषय/उपविषय र्निेिात्मक
योजना
गर्तविधियााँ सिायक
सामग्री
किा कायण/गृि कायण
गद्य-किानी
(सबसे तेज़
कौन)
1) किानी का
विड़ियो
प्रस्तुर्तकरर्।
2) पाठ क
े कदठन
िब्िों क
े
उच्चारर् का
अभ्यास।
3) किानी से
सांबजन्ित प्रश्न
किा में
सच्चे शमत्र
की
वििेषताओां
पर चचाण।
धचड़ियाघर
क
े जानिरों
क
े विषय
में चचाण।
िीड़ियो
(एर्नमेिन)
Ppt
ककसने किा,ककससे
किा? ररक्त स्थान
िरो, कदठन िब्िों
क
े अथण शलखो।
पााँच जांगली ि पााँच
घरेलू जानिरों क
े
धचत्र चाटण पर
धचपकाकर उनक
े
नाम शलखो।
5. पूछना।
बोि परीिा
विषय/
उपविषय
शििर् से
तकनीक/विधियााँ
गर्तविधियाां एिां
समायािधि
सिायक
सामग्री
परीिा िेतु
कायण
गद्य
किानी
(सबसे तेज़
कौन)
प्रश्नोत्तर
चचाण
सामान्य
जीिन से
सांबजन्ित
उिािरर्
अपने शमत्र की
सिायता से
सांबजन्ित घटना का
िर्णन करो।
चीते अथिा
बारिशसांगे की
वििेषताओां क
े बारे
मे पााँच िाक्य
Ppt दिये गए िब्िों
की सिायता से
ररक्त-स्थान
िरकर किानी
बनाओ।
7. Library Resources Used:-
पुस्तक- उिान
Educational Websites:-
Reflection:-
छात्रों में एक िूसरे की सिायता की िािना का विकास।
ररक्त स्थानों की पूर्तण द्िारा छात्र सांिेप में किानी िर्णन कर सक
ें गे।
छात्रों का िािनात्मक ि सामाजजक विकास तथा उनकी अशिव्यजक्त ि सृजनिीलता का
विकास।