विचलनशीलता मान - विस्तार (Range), चतुर्थांश विचलन (Quartile Deviation), मध्यमान विचलन (Mean Deviation), मानक विचलन (Standard Deviation) की गणना विधि प्रस्तुत है |
Mattingly "AI & Prompt Design: The Basics of Prompt Design"
विचलनशीलता के मान
1. विचलनशीलता के मान
(Measures of Variability)
प्रो. अवमता पाण्डेय भारद्वाज
06-08-2021 1
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2. • ककसी प्रदत्त के विचलनशीलता से तात्पयय है उस
आँकडे के फै लाि से।
या
• प्रदत्तों के प्राप्ाांक अपने मध्यमान के ऊपर-नीचे
ककतना विचवलत है।
• अतः, िे सभी माप जो प्राप्ाांकों के फै लाि अथिा
िैवभन्यता को बताते है, विचलनशीलता के मान
कहलाते है।
• समूह की सजातीयता या विजातीयता के पररसूचक
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3. गैरेट
विचलनशीलता का तात्पयय प्राप्ाांकों के
वितरण या फै लाि से है जोकक प्राप्ाांकों के
प्रिृवत्त के चारों ओर होता है।
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4. विचलन मान क
े प्रकार
(i) विस्तार (Range)
(ii) चतुर्ाांश विचलन
(Quartile Deviation)
(iii) मध्यमान विचलन
(Mean Deviation)
(iv) मानक विचलन
(Standard Deviation)
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5. • विचलनशीलता का सबसे सरल माप।
• शीघ्रता से ज्ञात करने िाला विचलन मान।
• इससे समूह के अन्तगयत विद्यमान वभन्नता
का विस्तार क्षेत्र ज्ञात होता है।
• विस्तार का तात्त्पयय – प्रदत्तों में प्राप्ाांकों
का फै लाि।
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6. • उदाहरणः
A- 4, 4, 4, 4, 4 (सजातीय)
B- 2, 4, 6, 3, 5
C- 0, 2, 3, 0, 14 (विजातीय)
विस्तार (A) = 4 – 4 = 0
विस्तार (B) = 6 – 2 = 2
विस्तार (C) = 14 – 0 = 14
A- 2, 3, 5, 9, 11, 20
B- 2, 3, 3, 3, 3, 20
विस्तार (A) = 20 –2 = 18
विस्तार (B) = 20 – 2 = 18
B = सजातीय A = विजातीय
पररणाम = एक समान
अतः दोषपूणय
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7. • विस्तार की सहायता से प्रदत्तों के
सजातीय एिां विजातीय प्रकृवत का पता
चलता है।
• अविश्वसनीय तथा दोषपूणय विचलन मान
क्योंकक इसकी गणना में अांक का
अनुप्रयोग ककया जाता है।
• सूत्रः
विस्तार = उच्चतम प्राप्ाांक - वनम्नतम प्राप्ाांक
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8. विस्तार का प्रयोग कब?
• जब शीघ्रता में किसी समूह िी भिन्नता िा
अनुमान लगाना हो।
• जब किसी समूह में सबसे अधिि तथा िम
प्रापताांिों िी जानिारी आवश्यि प्रतीत हो।
• जब समूह छोटा हो।
• जब समूह ि
े प्रापताांिों िा ववतरण इस प्रिार
िा हो कि अन्य-ववचलन मानों िा प्रयोग
सम्िव न हो।
9. • ऐसा माप जो प्रदत्तों के मध्य के 50 प्रवतशत
प्राप्ाांकों का ही प्रवतवनवित्ि करता है।
• ककसी प्रदत्त को क्रमानुसार व्यिवस्थत कर
उसे चार बराबर भागों में विभक्त करना
(Q) चतुथाांश कहलाता है।
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10. • ककसी प्रदत्त के प्रथम चतुथाांश (Q1) तथा
तृतीय चतुथाांश (Q3) के मध्य अन्तर का आिा
चतुथाांश विचलन कहलाता है।
• इसे अर्द्ायन्तर चतुथाांश प्रसार (Semi-Inter
Quartile Range) भी कहते है।
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अव्यिस्स्र्त प्रदत्त से चतुर्ाांश विचलन
ज्ञात करना (Ungrouped Data)
1. प्राप्ताकों को आरोही क्रम में व्यिस्स्र्त करना |
2. सूत्र द्िारा तृतीय चतुर्ाांश (Q3) ज्ञात करना|
3. सूत्र द्िारा प्रर्म चतुर्ाांश (Q1) ज्ञात करना|
4. सूत्र द्िारा चतुर्ाांश विचलन (Q) ज्ञात करना|
सोपान
12. अव्यिवस्थत प्रदत्त सूत्रः
Q3=
𝟑𝑵
𝟒
+. 𝟓 िाँ प्राप्ाांक
Q1=
𝑵
𝟒
+. 𝟓 िाँ प्राप्ाांक
𝑸 =
𝑸𝟑 − 𝑸𝟏
𝟐
Q = चतुथाांश विचलन
Q1 = प्रथम चतुथाांश Q3 = तृतीय चतुथाांश
जब प्राप्ाांकों को
आरोही क्रम में
व्यिवस्थत ककया
हो।
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17. चतुथाांश-विचलन का प्रयोग
कब?
• जब प्राप्तांकों क
े क
े न्रिती मान की सूचना मध्यांक
मान द्िारा दी र्ई हो।
• जब प्राप्तांकों का वितरण सामान्य हो।
• जब प्राप्तांकों क
े मध्यिती 50% छात्रों क
े प्राप्तांकों
की सीमाएाँ ज्ञात करनी हों।
• जब प्राप्तांकों क
े वितरण में अधिक व्यििान हो
अर्ाात् प्राप्तांकों का वितरण क्रम-पूणा न हो।
18. जब प्राप्ाांकों का विचलन मध्यमान से वनकाल कर
उनके विचलनों के औसत िन(+) तथा ऋण (-)
वचह्नों को ध्यान कदये वबना वनकाला जाता है तो
उसे मध्यमान विचलन /औसत विचलन कहा
जाता है।
विचलन (d) = समूह के सभी प्राप्ाांकों का मध्यमान से
अन्तर (X-M)
अव्यिवस्थत प्रदत्तः
सूत्र 𝐴. 𝐷. =
σ 𝑑
𝑁
A.D.=औसत विचलन
σ = योग
𝑑 =X-M विचलन
N = सम्पूणय सांख्या
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व्यिस्स्र्त प्रदत्त से मध्यमान/औसत विचलन
ज्ञात करना (Grouped Data)
1. िर्ाांतर का आकार ज्ञात करना (i) |
2. क
ु ल संख्या ज्ञात करना (N=∑f)|
3. िर्ाांतर का मध्य बबंदु ज्ञात करना (x )|
4. आिृतत एिं मध्य बबन्दुओं का र्ुणनफल ज्ञात करना (f.x)
5.मध्यमान ज्ञात करना (M= Σfx/N)|
6.आिृतत एिं विचलन का र्ुणनफल ज्ञात करना (f.d )|
7. आिृतत एिं विचलन क
े र्ुणनफल का योर् ज्ञात करना (∑f x d )
8. सूत्र द्िारा मध्यमान विचलन ज्ञात करना A.D=
σ 𝐟𝒅
𝑵
सोपान
22. मध्यमान विचलन का
प्रयोग कब ?
• जब प्राप्तांकों का वितरण लर्भर् सामान्य हो।
• जब सािारण विश्िसनीयता की आिश्यकता हो।
• जब प्राप्तांकों से मध्यमान क
े विचलनों को आकार
क
े अनुसार व्यिस्स्र्त करने की आिश्यकता हो।
• जब प्राप्तांक अत्यंत फ
ै ले हों और स्जसक
े कारण
प्रामाणणक विचलन क
े दूवित होने की सम्भािना
विद्यमान हो।
23. • सभी प्राप्ाांकों के उनके मध्यमान से वलये गये
विचलनों के िगों के औसत के िगयमूल को
प्रामावणक या मानक विचलन कहते है।
• सदैि िनात्मक होता है।
• Symbol = S.D. or σ (वसग्मा)
अव्यिवस्थत प्रदत्तः
सूत्र 𝑆. 𝐷. 𝑜𝑟 σ =
σ 𝑑2
𝑁
IV प्रामावणक/मानक विचलन (Standard Deviation)
S.D. 𝑜𝑟 σ =मानक विचलन
σ 𝑑2 = प्राप्ाांकों का
मध्यमान से अन्तर के िगों
का योग
N = सम्पूणय सांख्या
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अव्यिस्स्र्त प्रदत्त से प्रामाणणक/मानक
विचलन ज्ञात करना (Ungrouped Data)
1. प्राप्ताकों का योर् ज्ञात करना (∑X)|
2. छात्रों की क
ु ल संख्या ज्ञात करना (N)|
3. मध्यमान ज्ञात करना M=∑X/N
4. विचलन ज्ञात करना (d)
5. विचलन का िर्ा ज्ञात करना (d)2
6. विचलनों क
े िर्ो का योर् ज्ञात करना (Σd2)
7. सूत्र द्िारा प्रामाणणक/मानक विचलन ज्ञात करना |
सोपान
30. प्रामावणक-विचलन का
प्रयोग कब?
• जब प्राप्तांकों का वितरण लर्भर् सामान्य हो।
• जब अधिक-से-अधिक विश्िसनीयता अपेक्षित हो।
• जब प्राप्तांकों क
े क
े न्रिती मान की सूचना
मध्यमान द्िारा दी जा रही हो।
• जब सांस्ख्यकी क
े अन्तर्ात अन्य विधियों जैसे
सह-सम्बन्ि, प्रामाणणक-त्रुटि आटद का प्रयोर् करना
हो।
31. • जब दो या दो से अविक आिृवत्त वितरणों के
मध्यमान (M), मानक विचलन (σ), उनके
प्राप्ाांकों की सांख्या (N) तथा मापन की
इकाईयाँ अलग-अलग हो, तब इन आिृवत्त
वितरणों के तुलनात्मक अध्ययन के वलये
विचलन गुणाांक की गणना की जाती है।
• सूत्र 𝑪. 𝑽. =
𝝈
𝑴
𝒙𝟏𝟎𝟎
विचलन गुणाांक/विचलनशीलता गुणाांक (C. V.)
C.V. = विचलन गुणाांक
σ = प्रामावणक मानक
विचलन
M = मध्यमान
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32. प्रर्म समूह द्वितीय समूह
σ1=4.68
M1=45
σ=3.25
M=48
𝐂. 𝐕. =
𝛔
𝐌
𝐱𝟏𝟎𝟎
𝐂. 𝐕. =
𝟒. 𝟔𝟖
𝟒𝟓
𝐱𝟏𝟎𝟎
𝐂. 𝐕. = 𝟏𝟎. 𝟒
𝐂. 𝐕. =
𝛔
𝐌
𝐱𝟏𝟎𝟎
𝐂. 𝐕. =
𝟑. 𝟐𝟓
𝟒𝟖
𝐱𝟏𝟎𝟎
𝐂. 𝐕. = 𝟔. 𝟕𝟕
ஃ प्रथम समूह में ववचलनशीलता द्ववतीय समूह से
अधिि है।
उदाहरण
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33. सारांश
• समूहों िी पारस्पररि भिन्नता िा अनुमान साांख्ययिी में चार तरह
ि
े मापों द्वारा लगाया जाता है। इन चारों मापों िो ववचलन-मान
ि
े नाम से पुिारा जाता है। ये माप हैं- ववस्तार, चतुथाांश ववचलन
मध्यमान-ववचलन तथा प्रामाणणि-ववचलन।
• ववचलन-मानों िा प्रयोग सिी पररख्स्थततयों में समान रूप में नहीां हो
सिता ।
• जब प्रापताांिों िा ववतरण सामान्य नहीां होता तो चतुथाांश-ववचलन
तथा ववस्तार िा प्रयोग किया जाता है।
• जब समूह में असामान्य प्रापताांिों िी अधििता हो तो मध्यमान-
ववचलन तथा प्रामाणणि ववचलन िा प्रयोग िदावप नहीां िरना चाहहए
• सामान्य पररख्स्थततयों ि
े भलए प्रामाणणि-ववचलन तथा चरता िा
प्रयोग उधचत भसद्ध होता है ।