3. ावना
• जब वैिदक कमकांड और याि क अनु ानो का मह कम आ और
भ एवं उपासना क धानता ई तब वै व धम म अवतारवाद क
क ना क गयी।
• िव ु से स ं धत धम “वै व धम”
• वै व धम म अवतार को अ धक मह
• अवतार: ऊपर से नीचे आना, उतरना, शरीर धारण करना, ज हण
करना, ितकृ ित, नक़ल, ादुभाव, अवतरण और अंशो व है।
• अवतार : िव ु अथवा अ देवताओं के अवतरण के लए है।
• सवश का िवशेष उ े के लए “िव ह” धारण करना अवतार है।
• ाचीनकाल से ही मनु के क ाण के लए भगवान पृ ी पर अवत रत
होते है यह धारणा है।
• अधम का िवनाश और धम क ापना के लए अवतारवाद का योजन
िकया गया।
4. काल म
• ऋ ेद: िव ु के उ ेख ा
• ऋ ेद: म इं और िव ु को “अनेक पधारी” कहा गया है।
• वैिदक सािह म िव ु अवतारों के िव भ पों क चचा है।
• वैिदक सािह म िव ु अवतारों का स िव ु से न होके जापित से
है।
• ा ण काल म जब अवतारों का मह बढ़ने लगा तब जापित, इं , अि
इ ािद देवता िव ु म समािहत कर लए गए।
• कृ का स िव ु से जोड़ने िक बाद अवतारवाद और अवतारों क
पूजा का चलन और बढ़ गया।
• अवतारवाद का प “महाका काल” म ा होता है।
• गु काल म सािह वृ के प रणाम प िव ु के िविवध पों क
चचा।
• िव ु मंिदर – ाप , मूितकला क सूरवात
• तः गु राजा वै व धिमय “परम भागवत”
5. अवतारों क सं ा
१) महाभारत के नारायणीय अंश : ४, ६ और १० अवतार
चार: (वराह, वामन, नृ संह और वासुदेव)
छह: दाशर थ राम और रामभागव
दस: म , हंस, कम और क
२) वायु पुराण: १० और १२ अवतार
३) भागवत पुराण: २४ अवतार
४) अिहबुध संिहता: ३९ अवतार
सवा धक च लत १० अवतार
6. अवतार
1. म
2. कू म
3. वराह
4. नृ संह
5. वामन
6. परशुराम
7. राम
8. बलराम
9. कृ
10. बु
11. क
7.
8. म अवतार
• ाचीनतम अवतार
• ऋ ेद म जापित का अवतार
• श॰ ा॰: जल लय क ित म िव ु ारा म का अवतार
• जल लय क कथा िव के अ देशों (असी रया, िफ़ ल ीन,
म ) म भी च लत है।
• म पूजा के अनेक उ ेख ा होते है।
• बं गाल के बाघोरा ान से म अवतार के कमर के नीचे का भाग
म का और ऊपर का भाग चतुभुज पु ष का है।
9.
10. कू म अवतार
• ऋ ेद म जापित का अवतार
• पुरानो म “िव ु का अवतार”।
• समु मंथन के समय िव ु ने कू म के प म म रांचल को धारण
िकया था।
• शु ॰य॰: म कू म को जल का ामी कहा गया है।
• श॰ ा॰: म कू म को व ण का सहायक बताया गया है।
• काँचीपुरम के िव ु मंिदर म कू म अवतार क पूजा होती है।
11.
12.
13. वराह अवतार
• वराह का सव थम उ ेख ऋ ेद म मलता है (एमुष)।
• ऋ ेद म वराह को अनाय देवता कहा है।
• उ र वैिदक काल म वराह का स “ जापित” से जोड़ा गया है।
• वै व धम का सार होने पर िव ु को ही वराह के प म ुत
िकया गया।
• िहर ा रा स ने समु तल म फक िदया था तब िव ु ने वराह
अवतार धारण िकया था।
• गु काल म वराह अवतार ब त च लत था, उदयिगरी म इसके
माण है।
• द ण म वराह पूजा च लत थी, प व काल म मूित ा ।
14.
15.
16.
17. नृ संह अवतार
• िव ु का मानव और पशु का स म अवतार
• मुख संह का और धड़ मानव का
• िहर क प रा स के वध करने हेतु अवतार
• गु काल म नृ संह अवतार च लत था, अनेक श कला म इसके
माण है।
• वाकाटको के रामटेक, नागपुर के मंिदरो म नृ संह अवतार के दो मंिदर
है।
• गु -वाकाटक काल के प ात अनेक लोक नृ संह को इ देव
मानकर पूजने का चलन शु आ।
• महारा , द ण भारत और पंजाब म आज भी नृ संह क पूजा-अचा
क जाती है।
18.
19.
20. वामन अवतार
• वामन अवतार का उ ेख ऋ ेद म मलता है।
• तैत रय ा ण म वामन अवतार का िव ृत िववरण ा होता
है।
• कारण: ब ल राजा के उप वों को शांत करने के लए
• दो पों म श ांकन
1. बटुक वामन : बौने चारी, हाथ म कमंडल और छ
2. ि िव म मूित: िवशाल प, एक पैर पृ ी, दूसरा आकाश म
• वाकाटक काल म ि िव म मूित ा ।
• द ण भारत म च लत
21.
22.
23. परशुराम अवतार
• ा ण ऋिष जमदि के पु
• वीर के प म अ धक च लत अवतार।
• कारण: राजा कातवीय ने जमदि के साथ छल िकया, अतः परशुराम
ने कातवीय को मार िदया। कातवीय के पु ों ने जमदि को मारने के
प ात परशुराम ने ु होकर पृ ी को ि यों से शू करने का
िन य लया।
• भागवो (भृगवं शी ा ण) के अित र ई र के प म अ
च लत नही।
• परशुराम के श ों और मंिदरो का अभाव
• उषवदा के ना सक अ भलेख म रामितथ का उ ेख है, जसे
महाभारत म परशुराम का आ म कहा है।
24.
25. राम अवतार
• िव ु के अवतारों म सवा धक च लत अवतार
• ार म राम को वीर पु ष, आदश पु , ेही भाई, आदश पित,
लोक क ाणकारी राजा के प म मा ता थी।
• राम कोई धम वतक, धम पदेशक अथवा िकसी स दाय के मुख
नही थे।
• वै व धम के चलन के साथ िव ु के अवतारों म समािहत िकए
गये।
• कारण: रावण का वध करने हेतु।
• िहंदू धम के मुख देवता के ान पर िति त
• गु काल से श ांकन का सार
• एलोरा के कै लास एवं द ण भारत के अनेक मंिदरो म राम का
रामायण के कथाओं के साथ वणन।
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27. बलराम
• बलराम को संकषण के नाम से जाना जाता है।
• इनके उ ेख अनेक सािह म ा होते है।
• संकषण और कृ क पूजा साथ –साथ होती है।
• ये वृ वं श के नायक थे जनक पूजा वै व धम म क
जाती थी।
• इनका संबं ध नागों से िदखायी देता है, इनके मूित के ऊपर
सप के फण द शत होते है।
• बलराम क ाचीन मूित मथुरा से ईसवी सन पूव दूसरी शती
क है।
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29. कृ अवतार
• ऋ ेद म कृ अवतार का उ ेख नही।
• पा णिन, महाभारत और महाभा म वणन
• मथुरा के वृ वं श के वसुदेव और देवक के पु
• कारण: कं स के वध हेतु
• अ अवतारों के िव कृ को षोडश कलाओं से यु
पूण अवतार माना गया है।
• गु काल के देवगड के दशावतार मं िदर म कृ लीलाओं
का वणन है।
30.
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32. बु अवतार
• िव ु का अंितम अवतार के प म व णत ।
• बौ धिमय इसके िव
• बौ धम क लोकि यता और अ धक चलन के कारण
िव ु के अवतार म बु को समािहत िकया गया।
• गया का बौ मं िदर का िहंदु मं िदरो म सा
• बौ धम महायान स दाय के चलन के साथ ा ण
िवचारधारा का चलन
33.
34. क अवतार
• िव ु के भिव का अवतार
• क लयुग के अंितम चरण म िव ु के अवतार क क ना
• ेत अ पर, मनु प म हाथ म ख लए िव ु भिव म
“क के प म े ों का िवनाश करके नवयुग क
ापना करने अवत रत होने का वणन मलता है।
35.
36. िव ु अवतारों को िवकासवाद का म
1. म : सृि का ार जल- लय से, लय के प ात क जीव
सृि के जल म म म ाणत क क ना।
2. कू म: जल और ल पर रहने यो जीव
3. कू म: जल + ल=क चड़, क चड़ म रहनेयो
4. नृ संह: मानव के िवकास म क क ना (Human
Evalution), अधपशु और अधमानव क रचना
5. वामन: मानव स ता क सूरवात
6. परशुराम: पूण मनु लेिकन देवताओं के स ूण गुणों का अभाव
7. राम:
8. बलराम
9. कृ : सम मानवीय गुणों का संयोजन, देव
10. बु :