स्मृति के स्टेज मॉडल के अनुसार दीर्घकालिक स्मृति, स्मृति का तीसरा चरण होता है। दीर्घकालिक स्मृति (एल टी एम) में प्रवेश करने वाली सूचना वहां पर जीवन भर या स्थायी रूप से रहती है।
द्योतक सूचना (representative information) का एक संज्ञानात्मक भंडारगृह जहां प्रत्यावहन की आवृत्ति (Frequency of Recalling) इसकी अवधारण क्षमता (Retention ability)
को मजबूत करती है।
द्योतक सूचना (representative information) का एक संज्ञानात्मक भंडारगृह जहां प्रत्यावहन की आवृत्ति (Frequency of Recalling) इसकी अवधारण क्षमता (Retention ability)
को मजबूत करती है।
स्मृति के अध्ययन की विधियां (Methods of studying Memory)Dr Rajesh Verma
स्मृति को मापने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैज्ञानिक तकनीकों को स्मृति अध्ययन की विधियों के रूप में जाना जाता है। स्मृति को विभिन्न तरीकों से मापा जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि स्मृति विभिन्न प्रकार की होती है, इसलिए विशिष्ट प्रकार की स्मृति के मापन के लिए विशिष्ट विधि की आवश्यकता होती है।
स्मृति के अध्ययन की विधियां (Methods of studying Memory)Dr Rajesh Verma
स्मृति को मापने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैज्ञानिक तकनीकों को स्मृति अध्ययन की विधियों के रूप में जाना जाता है। स्मृति को विभिन्न तरीकों से मापा जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि स्मृति विभिन्न प्रकार की होती है, इसलिए विशिष्ट प्रकार की स्मृति के मापन के लिए विशिष्ट विधि की आवश्यकता होती है।
निमोनिक्स, एक ऐसी तकनीक होती है जो मूल सूचना को पहले से ज्ञात बाहरी या आंतरिक युक्तियों [संकेत, प्रतिबिंब, ध्वनि इत्यादि] के साथ संधिबद्ध करके सीखी हुई सामग्री के [सही] प्रत्याह्वान और उसके अवधरण के लिए प्रयोग की जाती है
तंत्रिका तंत्र पर योग का प्रभाव (Effect of yoga on nerves system)vishwjit verma
Effects of yoga on Nerves System ; A assignment Work Done by Dsvv M.A Human consciousness & yogic Science Student. Effect of Shatkarma , Asanas, Pranayamas, Mudra bandh, Pratyahar, dharna- Dhyana Mantra yoga, Kundalini etc On Nerves System.
visit my blog https://www.omvishwajit.blogspot.com
Anxiety based disorders. This ppt has been specifically designed for the Post Graduate Diploma in Guidance and Couselling students of GJUS&T, Hisar and affiliated College. FGM Govt. College Adampur have such diploma. the total seats are 20. We have well furnished lab. The students have exposure to various activities during their session at college. For more information and Psychology videos click on the following handle Dr. Rajesh Verma
@Psychologywala
2_Substance related and addictive disorders.pptxDr Rajesh Verma
Substance Abuse Related Disorders. this ppt is specially for students who are pursuing Post Graduate Diploma in Guidance and Counseling from GJUS&T Hisar and affiliated colleges.
Students can contact me for further discussion and doubts.
व्यावहारिक मनोविज्ञान का अर्थ इतिहास (Meaning and History of Applied Pschology)Dr Rajesh Verma
हेनरी इलियट के अनुसार “यह मनोविज्ञान की ऐसी शाखा है जिसमें शुद्ध और विशेषकर प्रायोगिक मनोविज्ञान की विधियों एवं परिणामों को व्यहारिक समस्याओं और व्यवहारिक जीवन पर प्रयोग करने का प्रयास किया जाता है”
Maulana Sayyid Abul Kalam Ghulam Muhiyuddin Ahmed bin Khairuddin Al-Hussaini Azad. मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आज़ाद।
पतंजलि के अनुसार, "पर्यावरण के साथ पूर्वव्यस्तता के बिना आत्म से सामंजस्य बनाये रखने के लिए शारीरिक, बौद्धिक और संवेगात्मक संसाधनों के इष्टतम उपयोग को स्वास्थ्य कहा जाता है" (वर्मा, 1979)। According to Patanjali, “health is the optimal utilisation of one’s physical, intellectual and emotional faculties to maintain harmony with self without undue preoccupation with the environment’ (Verma, 1979)
सामान्यता की अवधारणा व्यक्तिपरक घटना होती है। जो व्यक्ति उचित व्यवहार करते हैं, उपयुक्त कार्य करते हैं और अपना जीवन सही तरीके से जीते हैं, कमोबेश स्वयं से संतुष्ट होते हैं और जीवन यापन के लिए आवश्यक दैनिक गतिविधियों को करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं
करते हैं उन्हें आमतौर पर ‘सामान्य’ माना जाता है।
If we look at word Normal it is derived from Latin word ‘Norma’
meaning Rule. It means following or confirming to social norms or standards. “Normal means abiding by conduct and explicit or
implicit norms of the
society”
Overview of Quantitative research by Prof Rajbir Singh.Dr Rajesh Verma
In sciences we conduct research in order to determine the acceptability of hypotheses derived from theories. Having selected a certain hypothesis which seems important in a certain theory, we collect empirical data which should yield direct information on the acceptability of that hypothesis. Our decision about the meaning of the data may lead us to retain, revise, or reject the hypothesis and even the theory which was its source
मानक विचलन स्कोर्स के विस्तार की डिग्री का सूचकांक और उस जनसंख्या का जिसमे में से नमूना लिया गया है की विचलनशीलता का एक अनुमान होता है (Guilford & Fruchter, 1976)।
Standard deviation is and index of degree of dispersion and an estimate of the variability in the population from which the sample is drawn (Guilford & Fruchter, 1976).
चतुर्थक उन तीन बिंदुओं में से एक होता है जो किसी डेटा सेट को चार बराबर भागों में विभाजित करता है। या वो संख्याएँ जो डेटा को चार चतुर्थांशों में विभाजित करती हैं। प्रत्येक चतुर्थांश में आंकड़ों या डेटा की संख्या
समान होती है। चतुर्थक की गणना का आधार माध्य (Median) होता है।
One of the three points that divide a data set into four equal parts. Or the values that divide data into quarters. Each group contains equal number of observations or data. Median acts as base for calculation of quartile.
दो मनोविज्ञान के प्रोफेसर छात्रों के असाइनमेंट चेक करते हैं और 50 में से जो नंबर देते हैं उनका औसत 38 अंक आता है। इसे देखकर क्या हमें ये मान लेना चाहिए की दोनों शिक्षक एक जैसा करते मूल्यांकन हैं? (ऐसा मानना खतरनाक हो सकता है!)। मान लीजिये: -
(i) एक शिक्षक 34 से 40 के बीच अंक देता है,
(ii) और दूसरा 20 से 48 के बीच।
यदि आप अपने असाइनमेंट को चेक
करवाना चाहते हैं तो आप किस शिक्षक
को चुनेंगे?
Two psychology professors assesses students’ assignment with average 38 marks (out of 50). Does this indicate that both teachers have same evaluation temperament (assuming such may be disastrous!). Let us consider
(i) teacher A awards within 34 to 40 marks,
(ii) while teacher B awards within 20 to 48 marks.
If you are a student and seeking
to get your assignment assessed which
teacher you will prefer??
Importance of social science research 17.09.2020Dr Rajesh Verma
Quantitative research based on measurement of quantity or amount
Applies to variables that can be measured
Asks questions such as what, how much etc.
Qualitative research applies to qualitative phenomena
Asks questions as why, seeks opinions, tries to find reasons for particular behaviour or event
केंद्रीय प्रवृत्ति’ शब्द 1920 के दशक के उत्तरार्ध की देन है (wikipedia)। सांख्यिकी, विशेष रूप से सामाजिक अनुसंधान में केंद्रीय प्रवृत्ति एक प्रकार का औसत (Average) होता है। आमतौर पर औसत तीन प्रकार के होते हैं अर्थात मध्यमान, माध्य एवं बहुलक (Mean, Median, Mode)। औसत ऐसी संख्या होती है जो स्कोर या व्यक्तियों के एक समूह के केंद्रीय मूल्य को दर्शाती है (Guilford & Fruchter, 1978)।
The single numerical value that indicates the orientation
of data towards the calculated central value of distribution. This value is sometimes called as nuclear value of the data.
“No human mind is capable of
grasping in its entirety the meaning of
any considerable quantity of numerical
data. We want to be able to express all
the relevant information contained in the
mass by means of comparatively few
numerical values. This is a purely
practical need which the science of
statistics is able to some extent to
meet” (Fisher, 1950 p 7).
Maze was invented at the Lab of Edmund Sanford in Clark University in 1898-1899. They (Sanford and his students) started ‘rats-in-mazes’ tradition (Goodwin, 2012).
1898-1899 में क्लार्क विश्वविद्यालय में एडमंड सैनफोर्ड की लैब में भूलभुलैया का आविष्कार किया गया था। उन्होंने (सैनफोर्ड और उनके छात्रों ने) भूलभुलैया-में-चूहे नामक परंपरा की (गुडविन, 2012) शुरुआत की
1905 में दर्पण चित्रण की तकनीक डब्ल्यू एफ डियरबॉर्न ने प्रयास एवं त्रुटि द्वारा सीखने को दिखाने के लिए विशेष रूप से विकसित की गई थी (कारमाइकल, 2012) ।
In 1905 a technique of mirror drawing was developed by W. F. Dearborn specifically as a demonstration of trial and error learning (Carmichael, 2012).
2. स्र्ृसि का अवस्था र्ॉडल
एटक िं सन और किफरीन ा (1968) बहु-भण्डारण मॉडल
(Multi-store Model)।
3. पररचय
स्मृकि े स्टेज मॉडल े अनुसार दीर्घ ाकल स्मृकि, स्मृकि ा िीसरा चरण होिा
है। दीर्घ ाकल स्मृकि (एल टी एम) में प्रवेि रने वाली सूचना वहािं पर जीवन भर या
स्थायी रूप से रहिी है। इसमें असीम भिंडारण क्षमिा होिी है। ए सूचना कजिने अकि समय
ि अल्प ाकल या लर्ु ाकल स्मृकि में रहिी है, उिनी ही मजबूिी से वह दीर्घ ाकल
स्मृकि से सिंबद्ध हो जािी है (Atkinson and Shiffrin, 1968)।
अन्िर्ग्घथनी या
गुणसूत्रीयसिंयोजन
सिंकपण्डन (Synaptic
consolidation) े
माध्यम से सूचना ो
लर्ु ाकल स्मृकि से
दीर्घकालिक स्मृति में
स्थानाांिरिि ककया जािा है।
4. सूचना दीर्घ ाकल भिंडारण में अथघ, दृश्य और ध्वकन रूपों में ू ट-सिं े किि
हो र भिंडाररि रहिी है। यहााँ पर सूचना एनर्ग्ाम (स्मृकि कचन्ह) े रूप में अन्िर्ग्घथन
(synapse) में ू ट-सिं े किि हो जािी है कजसमे बाहरी हस्िक्षेप सिंभव नहीं होिा है
लेक न वह हेर-फे र े कलए सिंवेदनिील रहिी है। सूचना, कहप्पो ै म्पस क्षेत्र, कजसे आमिौर
पर अस्थायी पारगमन ें द्र (Transit hub) हा जािा है, े माध्यम से लर्ु ाकल
स्मृकि से दीर्घ ाकल स्मृकि ि ी
यात्रा िय रिी है। ध्यान
रहे क यह क्षेत्र अपने
आप में सूचना ो सिंर्ग्हीि
एविं भण्डाररि नहीं रिा है।
5. विशेषिाएां
1. दीर्घकालिक स्मृति, स्मृति प्रणािी का अांतिम चिण होिा
है।
2. दीर्घकालिक स्मृति की क्षमिा असीलमि होिी है।
3. दीर्घकालिक स्मृति मस्स्िष्क में स्थायी शािीरिक
परिििघनों का परिणाम
होिी है।
4. इसमें सूचना
बिकिाि िो िहिी है,
िेककन हि समय सम्पूणघ
सूचना का प्रत्यािाहन
सांभि नहीां होिा है।
6. 5. रखरखाव पूवाघभ्यास (Maintenance rehearsal) दीर्घ ाकल स्मृकि े
सबसे महत्वपूणघ सािनों में से ए होिा है।
6. दीर्घ ाकल स्मृकि में अकि ािंि सूचना छकवयों, ध्वकनयों, गिंि और स्वाद े रूप
में ू ट सिं े किि रहिी हैं (Cowan, 1988)।
7. दीर्घ ाकल स्मृकि में सूचना अथघपूणघ (अथघपूणघिा व्यकिपर होिी है) और
सिंगकिि रूप में सिंर्ग्हीि रहिी है (Ciccareli & Meyer, 2016)।
8. दीर्घ ाकल स्मृकि में
सूचना में हेर-फे र होने ी
ाफी सिंभावना होिी है।
9. दीर्घ ाकल स्मृकि में
सिंर्ग्हीि सूचना ा क्षय
कवस्मरण ा ारण
बनिा है।
7. दीर्ाकासलक स्र्ृसि के प्रकार
दीर्घ ाकल स्मृकि ो मोटे िौर पर दो प्र ारों में कवभाकजि क या जािा है अथाघि्
(i) स्पष्ट (Explicit) या र्ोषणाि्म (Declarative) और
(ii) अिंिकनघकहि (Implicit) या गैर-र्ोषणात्म या प्रकियात्म (Non declarative or
procedural)।
(i) स्पष्ट (Explicit) या र्ोषणात्म (Declarative) – िथ्यों, नामों, किकथयों आकद से
सिंबिंकिि सभी सूचना स्पष्ट स्मृकि े अिंिगघि आिी हैं। दूसरे िब्दों में, ये वो स्मृकियािं होिी हैं कजन्हें सचेिन रूप
से जागरू िा ी कस्थकि में लाया जािा है कजन्हे र्ोषणात्म स्मृकि भी
हा जािा है। इस िरह ी
स्मृकियािं कहप्पो ै म्पस द्वारा
ू ट सिं े किि ी जािी हैं और
मकस्िष् े अन्य कहस्सों द्वारा
सिंगकिि और सिंर्ग्हीि
ी जािी हैं।
8. यह प्रासिंकग (Episodic) या िब्दाथघ (Semantic) प्र ार ी हो
स िी है (Tulving, 1972)।
(a) प्रासिंकग (Episodic) – हमारे जीवन ा जीवन-वृत्ािंि
(Biography) जैसे क व्यकिगि अनुभव, ये अनुभव आम िौर पर सिंवेगात्म
होिे हैं। सिंवेग उत्पन्न रने वाले अनुभवों ो भूलना किन होिा है। प्रासिंकग स्मृकि
में वो कवचार िाकमल होिे हैं जो हमारे
सचेिन में होिे हैं कजन ी
प्र ृ कि र्ोषणात्म
होिी है।
9. (b) अथघ-सिंबिंिी (Semantic) – इस प्र ार ी स्मृकि में सामान्य ज्ञान,
अविारणाएिं, कवचार और ि घ े कनयम इत्याकद पाए जािे हैं। उदाहरण े कलए 2 +
1 = 3 या हमारे ॉलेज ा नाम आकद। इस िरह ी स्मृकि कदनािंक ि (dated)
नहीं होिी है। चूिंक िब्दाथघ स्मृकि ी सामर्ग्ी सामान्य जागरू िा
और ज्ञान े िथ्यों एविं
कवचारों से सिंबिंकिि
होने े साथ साथ
भावनात्म -िटस्थ
भी होिी है कजसे भूलने
ी सिंभावना नहीं
होिी है (NCERT)।
10. (ii) अिंिकनघकहि (Implicit) या गैर-र्ोषणात्म या प्रकियात्म (Non
declarative or procedural) – कवकभन्न ायों ो पूरा रने े कलए
प्रकियाओिं और ौिलों से सिंबिंकिि स्मृकियािं जैसे साइक ल चलाने या मोटर ौिल
(Motor skills) ी स्मृकि। दूसरे िब्दों में, यह ' ायों ो ै से रना है' ी
स्मृकि होिी है।
इसमें मुख्यिः
अचेिन कवचार
प्रकिया िाकमल
होिी है।
11. दीर्घकालिक स्मृति के अन्य िर्गीकिण
(i) आत्म थात्म स्मृकि – ये व्यकिगि स्मृकियािं होिी हैं जो प्रत्ये व्यकि े कलए
अकद्विीय होिी हैं। ये स्मृकियािं हमारे जीवन में समान रूप से कविररि नहीं होिी हैं। हमारे जीवन
ाल ी ु छ अवकियािं, दूसरी अवकियों ी िुलना में अकि स्मृकियािं सिंजोिी हैं। उदाहरण े
कलए, बचपन ी स्मृकियािं, कविेष रूप से िुरुआिी 4 से 5 वषों ी। इसे “बचपन ा स्मृकिलोप”
भी हा जािा है। िुरुआिी वयस् िा, खास र 14 से 20 वषघ ी
अवकि में, स्मृकियों में
अभूिपूवघ वृकद्ध पाई जािी है।
िायद, भावु िा, नवीनिा और
र्टनाओिं ा महत्व इसमें
योगदान देिा है।
12. (ii) फ़्लैि बल्ब स्मृकियािं – सजग रने वाली या आश्चयघजन र्टनाओिं ी
कवस्िृि स्मृकियािं। ये स्मृकियािं ै मरे े कचत्र ी िरह होिी हैं जो कविेष स्थानों,
किकथयों और समय से बिंिी होिी हैं। यकद पूछा जाए, िो व्यकि र्टना े कववरण ो
पूरी
बारी ी से समझा
स िा है, मानो
र्टना ी ोई
िस्वीर उस े
मकस्िष् े अिंदर
सजाई गई हो।
13. दीर्घकालिक स्मृति को प्रभाविि किने िािे कािक
1. िंरक्षण पूवााभ्याि (Maintenance rehearsal) – बार-बार सूचना
ो दोहराना।
2. सवस्िृि पूवााभ्याि (Elaborate rehearsal) – सूचना ो अथघ देना।
3. नींद – पररवकिघि चेिना ी ए कस्थकि जहािं स्मृकि ा सिंकपण्डन
(Consolidation)
होिा है।
4. अवधान – ए साथ
ए या ए से अकि
उद्दीप ों या र्टनाओिं पर
ध्यान ें कद्रि रने ी
क्षमिा।
14. 5. िंसिका िंरचना – ििंकत्र ा ििंत्र (एनर्ग्ाम) में ए सिंरचनात्म पररविघन
दीर्घ ाकल स्मृकि ा कनमाघण रिा है।
6. सवस्र्रण – सिंर्ग्हीि जान ारी ो प्रत्यावहन रने में असमथघिा।
7. अंिराल – सीखी गई सामकर्ग्यों े बीच ा समय-अिंिराल।
8. स्र्ृसिलोप – नई दीर्घ ाकल स्मृकि बनाने में असमथघिा।
9. जरण (Ageing) –
बढ़िी उम्र े साथ लोगों
ो प्रत्यावहन सिंबिंिी
समस्याओिं ा सामना
रना पड़िा है जो अर्ग्
पाकल (Frontal Lobe)
और कहप्पो ै म्पस क्षेत्र में
पररविघन े ारण होिा है।
15. सांदभघ:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. Atkinson, R. C. & Shiffrin, R. M. (1968). Human memory: A proposed
system and its control processes. Psychology of Learning and
Motivation. 2. pp. 89–195. doi:10.1016/s0079-7421(08)60422-3. ISBN
9780125433020.
3. Dudai, Yadin (2003). "The neurobiology of consolidations, or, how stable is
the engram?". Annual Review of Psychology. 55: 51–86.
doi:10.1146/annurev.psych.55.090902.142050. PMID 14744210.
4. Ciccarelli, S. K. & Meyer, G. E.
(2016). Psychology. New Delhi:
Pearson.