चतुर्थक विचलन
डॉ राजेश िर्ाथ
अविस्टेंट प्रोफे िर (र्नोविज्ञान)
राजकीय र्हाविद्यालय आदर्पुर, वहिार, हररयाणा
चतुर्थक का अर्थ
चतुर्थक उन तीन ब िंदुओिं में से एक होता है जो बकसी डेटा सेट को चार रा र
भागों में बिभाबजत करता है। या िो सिंख्याएँ जो डेटा को चार चतुर्ाांशों में बिभाबजत
करती हैं। प्रत्येक चतुर्ाांश में
आिंकड़ों या डेटा
की सिंख्या
समान होती है।
चतुर्थक की
गणना का
आधार माध्य
(Median)
होता है।
चतुर्थक विचलन: पररभाषा
चतुर्थक बिचलन पहले चतुर्थक (Q1) और तृतीय चतुर्थक (Q3) के ीच के अिंतर
का आधा होता है। इसे प्रसार को चतुर्थक गुणािंक (quartile coefficient of
dispersion) के रूप में भी जाना जाता है।
QD =
𝑸𝟑−𝑸𝟏
𝟐
“प्रसार का एक ऐसा माप बजसे पहले और तीसरे चतुर्थक (यानी, अिंतःचतुर्थक प्रसार
का आधा) के अिंतर के आधे भाग के रूप में पररभाबित बकया जाता है। इसे अधथ-अिंतःचतुर्थक
प्रसार (Semi Interquartile Range) भी कहा जाता है” (APA).
गैरेट (2014) के अनुसार, "चतुर्थक बिचलन या Q, आिृबि बितरण के 75 िें और
25 िें प्रबतशत के ीच
की आधी दूरी होती है"।.
बगलफोडथ (1963) के अनुसार बकसी
बितरण के मध्य के 50 प्रबतशत स्कोसथ के
प्रसार का आधा भाग अधथ-अिंतःचतुर्थक
प्रसार (Q) होता है ।
व्याख्या
तो, इस तरह हमारे पास तीन चतुर्थक होंगे अर्ाथत् Q1, Q2 और Q3।
(i) Q1 – यह बनम्नतम 50% डेटा का मध्य ब िंदु होता है और इसे बनम्नतम चतुर्थक या प्रर्म
चतुर्थक के नाम से भी जाना जाता है।
(ii) Q2 – यह बकसी बदए गए डेटा का मध्य ब िंदु या माध्य होता है और इसे बितीयक चतुर्थक
के रूप में भी जाना जाता है।
(iii) Q3 – यह उच्चतम 50% डेटा का मध्य ब िंदु होता है और इसे उच्चतम चतुर्थक या
तृतीयक
चतुर्थक के नाम से भी
जाना जाता है।
अतः, चतुर्थक डेटा को
चार समान भागों में बिभाबजत
करके माध्य के 25% ऊपर
और 25%नीचे के स्कोसथ के
प्रसार को मापते हैं।
र्ोडा िा पररचय
कोई भी डेटा-सेट जो सामान्य बितरण की मान्यताओिं को पूरा करता है, के मध्य
में स्कोर की अबधकतम आिृबि पाई जाती है। उस आिृबत में पाये जाने िाले बिचलन को
मापने के बलए चतुर्थक बिचलन नामक सािंबख्यकी तकनीक का प्रयोग बकया जाता है।
यह ीच के 50% डेटा के प्रसार का आधा बहस्सा होता है और इसे अधथ-अिंतःचतुर्थक
प्रसार के रूप में भी जाना जाता है। चतुर्थक बिचलन (Q) डेटा सेट के मध्य
भाग के प्रसार का बनरपेक्ष मापक होता है।
ध्यान देने योग्य ात: छात्रों को चतुर्थक
और चतुर्ाांश के बीच अंतर का ज्ञान
होना चावहए। चतुर्थक डेटा िेट पर
एक वबंदु होता है जबवक चतुर्ाांश
1/4th वहस्िा होता है। आप चतुर्ाांश
के अंदर हो िकते हैं पर चतुर्थक
के नही।
चतुर्थक विचलन की विशेषताएं
1. माध्य (Median) चतुर्थक बिचलन का आधार होता है।
2. चतुर्थक बिचलन डेटा-सेट के चरम आकड़ों (Extreme values) से
प्रभाबित नहीं होता है ।
3. समबमत बितरण (Symmetrical Distribution) में Q1 और Q3
माध्य (माध्य -Q1 = Q3- माध्य) से समान दूरी पर होते हैं।
4. चतुर्थक बिचलन ओपन एिंडेड बितरण के प्रसार का स से उिम माप होता है।
5. चतुर्थक, बितरण
पर तीन ब िंदु होते हैं जो
उसे चार समान भागों
(चतुर्ाांश ) में
बिभाबजत
करते हैं।
6. Q1 और Q3 बितरण ीच के 50% स्कोसथ की बनम्नतम और उच्चिम
सीमाएिं होते हैं।
7. यह बितरण के मध्य के स्कोर-घनत्ि का सूचकािंक होता है।
8. बितरण में बिचलनशीलता बजतनी ज्यादा होगी, Q का मान भी उतना ही
अबधक होगा और कम भी।
9. सामान्य बितरण में चतुर्थक बितरण (Q) को सिंभाव्यता त्रुबट
(Probability
Error, PE)
कहा जाता
है।
चतुर्थक विचलन की गणना
अनग्रुप्ड डेटा (काल्पवनक डेटा)
(i) यवद डेटा विषर् िंख्या र्ें है तो
जैसे – 12, 54, 32, 51, 24, 60, 21, 44, 31, 48, 50
चरण I – डेटा को आरोही क्रर् र्ें व्यिवस्र्त कीवजये।
अतः, 12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 50, 51, 54, 60
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11
चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए।
व्यिबस्र्त बितरण में (Q1) =
𝑵+𝟏
𝟒
िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात कीबजए।
अतः, Q1=11+1/4
= 3rd position तीसरी
पोजीशन पर सिंख्या है 24
अतः Q1 = 24
(12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 50, 51, 54, 60)
चरण III – Q3 ज्ञात कीवजए
व्यिबस्र्त बितरण में (Q3) =
𝟑 𝑵+𝟏
𝟒
िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात
कीबजए।
अतः, Q3 = (11+1)3/4 = 9िीं पोजीशन (9th position) पर सिंख्या है 51,
अतः Q3 = 51
चरण IV – अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार या Q ज्ञात कीबजए
Q =
𝑸𝟑−𝑸𝟏
𝟐
अतः,
=
𝟓𝟏−𝟐𝟒
𝟐
= 27/2= 13.5
(i) यवद डेटा िर् िंख्या र्ें है तो
जैसे – 12, 54, 32, 51, 24, 60, 21, 44, 31, 48
चरण I – डेटा को आरोही क्रर् र्ें व्यिवस्र्त कीवजये।
अतः, 12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 51, 54, 60
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10
चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए।
व्यिबस्र्त बितरण में (Q1) =
𝑵+𝟏
𝟒
िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात
कीबजए।
अतः, Q1 = 11/4 = 2.75िीं पोजीशन,
अतः => 2सरी सिंख्या + .75 (3सरी सिंख्या - 2सरी सिंख्या),
=> 21+.75(24-21) = 21+ 1.5
=> 22.5
(12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 51, 54, 60)
चरण III – Q3 ज्ञात कीवजए।
व्यिबस्र्त बितरण में (Q3) =
𝟑 𝑵+𝟏
𝟒
िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात
कीबजए। Q3 = (10+1)3/4 = 8.25िीं पोजीशन,
अतः => 8िीं सिंख्या+.25(9िीं सिंख्या – 8िीं सिंख्या)
=> 51+.25(54-51)
=> 51+.25(3)
=> 51+.75 = 51.75
चरण IV – अधथ-अिंतःचतुर्थक
प्रसार या Q ज्ञात कीबजए।
Q =
𝑸𝟑−𝑸𝟏
𝟐
अतः =>
𝟓𝟏.𝟕𝟓−𝟐𝟐.𝟓
𝟐
=> 29.25/2
=> 14.625
ग्रुप्ड डेटा (काल्पवनक डेटा)
चरण I –
𝒏
𝟒
ज्ञात कीबजए, => 50/4 = 12.5
इसबलए, 20-24 िह िगथ अिंतराल है बजसमें 12.5 चतुर्थक
बनबहत है
चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए
𝑸𝟏 =
𝒍 + 𝒊(
𝒏
𝟒
− 𝒇 𝒄)
𝒇 𝒒
जिंहा,
l = उस िगथ अिंतराल की सटीक बनम्नतम सीमा बजसमें चतुर्थक
बनबहत है।
i = िगथ अिंतराल का आकार
𝒇 𝒄 = चतुर्थक िाले िगथ अिंतराल के पहले िाले िगथ अिंतराल की
सिंचयी आिृबि।
fq = चतुर्थक िाले िगथ अिंतराल की आिृबि
n = स्कोसथ की कु ल सिंख्या या आिृबियों का कु ल योग।
गणना : - l = 19.5, i = 5, 𝒇 𝒄 = 10, fq = 6, n = 50
𝑸𝟏 =
𝒍+𝒊(
𝒏
𝟒
−𝒇 𝒄)
𝒇 𝒒
फॉमूथले में बनधाथररत मान प्रबतस्र्ापन करने पर,
=
𝟏𝟗.𝟓+𝟓(
𝟓𝟎
𝟒
−𝟏𝟎)
𝟔
=
𝟏𝟗.𝟓+𝟓(𝟏𝟐.𝟓−𝟏𝟎)
𝟔
=
𝟏𝟗.𝟓+𝟓(𝟐.𝟓)
𝟔
=
𝟏𝟗.𝟓+𝟏𝟐.𝟓
𝟔
=
𝟑𝟐
𝟔
= 5.33
चरण III –
𝟑𝒏
𝟒
ज्ञात कीवजए
=>
𝟑𝐱𝟓𝟎
𝟒
= 150/4 = 37.5
इसबलए, 35-39 िगथ अिंतराल िह है बजसमें चतुर्थक बनबहत है
चरण IV – वनम्नवलवित फॉर्मथले द्वारा Q3 ज्ञात कीवजए 𝑸𝟑 =
𝒍+𝒊(
𝟑𝒏
𝟒
−𝒇 𝒄)
𝒇 𝒒
गणना: - l = 34.5, i = 5, 𝒇 𝒄 = 35, fq = 6, n = 50
𝑸𝟑 =
𝒍+𝒊(
𝟑𝒏
𝟒
−𝒇 𝒄)
𝒇 𝒒
फॉमूथले में बनधाथररत मान प्रबतस्र्ापन करने पर,
=
𝟑𝟒.𝟓+𝟓(
𝟑(𝟓𝟎)
𝟒
−𝟑𝟓)
𝟔
=
𝟑𝟒.𝟓+𝟓(𝟑𝟕.𝟓−𝟑𝟓)
𝟔
=
𝟑𝟒.𝟓+𝟓(𝟐.𝟓)
𝟔
=
𝟑𝟒.𝟓+𝟏𝟐.𝟓
𝟔
=
𝟒𝟕
𝟔
= 7.83
फॉमूथले में बनधाथररत मान प्रबतस्र्ापन करने पर,
𝑸 या 𝑸𝑫 =
𝑸𝟑−𝑸𝟏
𝟐
,
=
𝟕.𝟖𝟑−𝟓.𝟑𝟑
𝟐
=
𝟐.𝟓
𝟐
= 1.25
तो, हमारे काल्पबनक ग्रुप्ड डेटा का चतुर्थक बिचलन है 1.25
िन्दभथ :
1. https://dictionary.apa.org/quartile-deviation.
2. Guilford, J. P. and Fruchter, B. (1978). Fundamental Statistics in
Psychology and Education, 6th ed. Tokyo: McGraw-Hill.
3. https://todayinsci.com/M/Mahalanobis_Prasanta/
MahalanobisPrasanta-Quotations.htm.
4. Garrett, H. E. (2014). Statistics in Psychology and Education. New
Delhi: Pragon International.
5. Levin, J. & Fox, J. A.
(2006). Elementary Statistics.
New Delhi: Pearson.
vermasujit@yahoo.com
अगली चचाथ
र्ानक विचलन

चतुर्थक विचलन (quartile deviation)

  • 1.
    चतुर्थक विचलन डॉ राजेशिर्ाथ अविस्टेंट प्रोफे िर (र्नोविज्ञान) राजकीय र्हाविद्यालय आदर्पुर, वहिार, हररयाणा
  • 2.
    चतुर्थक का अर्थ चतुर्थकउन तीन ब िंदुओिं में से एक होता है जो बकसी डेटा सेट को चार रा र भागों में बिभाबजत करता है। या िो सिंख्याएँ जो डेटा को चार चतुर्ाांशों में बिभाबजत करती हैं। प्रत्येक चतुर्ाांश में आिंकड़ों या डेटा की सिंख्या समान होती है। चतुर्थक की गणना का आधार माध्य (Median) होता है।
  • 3.
    चतुर्थक विचलन: पररभाषा चतुर्थकबिचलन पहले चतुर्थक (Q1) और तृतीय चतुर्थक (Q3) के ीच के अिंतर का आधा होता है। इसे प्रसार को चतुर्थक गुणािंक (quartile coefficient of dispersion) के रूप में भी जाना जाता है। QD = 𝑸𝟑−𝑸𝟏 𝟐 “प्रसार का एक ऐसा माप बजसे पहले और तीसरे चतुर्थक (यानी, अिंतःचतुर्थक प्रसार का आधा) के अिंतर के आधे भाग के रूप में पररभाबित बकया जाता है। इसे अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार (Semi Interquartile Range) भी कहा जाता है” (APA). गैरेट (2014) के अनुसार, "चतुर्थक बिचलन या Q, आिृबि बितरण के 75 िें और 25 िें प्रबतशत के ीच की आधी दूरी होती है"।. बगलफोडथ (1963) के अनुसार बकसी बितरण के मध्य के 50 प्रबतशत स्कोसथ के प्रसार का आधा भाग अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार (Q) होता है ।
  • 4.
    व्याख्या तो, इस तरहहमारे पास तीन चतुर्थक होंगे अर्ाथत् Q1, Q2 और Q3। (i) Q1 – यह बनम्नतम 50% डेटा का मध्य ब िंदु होता है और इसे बनम्नतम चतुर्थक या प्रर्म चतुर्थक के नाम से भी जाना जाता है। (ii) Q2 – यह बकसी बदए गए डेटा का मध्य ब िंदु या माध्य होता है और इसे बितीयक चतुर्थक के रूप में भी जाना जाता है। (iii) Q3 – यह उच्चतम 50% डेटा का मध्य ब िंदु होता है और इसे उच्चतम चतुर्थक या तृतीयक चतुर्थक के नाम से भी जाना जाता है। अतः, चतुर्थक डेटा को चार समान भागों में बिभाबजत करके माध्य के 25% ऊपर और 25%नीचे के स्कोसथ के प्रसार को मापते हैं।
  • 5.
    र्ोडा िा पररचय कोईभी डेटा-सेट जो सामान्य बितरण की मान्यताओिं को पूरा करता है, के मध्य में स्कोर की अबधकतम आिृबि पाई जाती है। उस आिृबत में पाये जाने िाले बिचलन को मापने के बलए चतुर्थक बिचलन नामक सािंबख्यकी तकनीक का प्रयोग बकया जाता है। यह ीच के 50% डेटा के प्रसार का आधा बहस्सा होता है और इसे अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार के रूप में भी जाना जाता है। चतुर्थक बिचलन (Q) डेटा सेट के मध्य भाग के प्रसार का बनरपेक्ष मापक होता है। ध्यान देने योग्य ात: छात्रों को चतुर्थक और चतुर्ाांश के बीच अंतर का ज्ञान होना चावहए। चतुर्थक डेटा िेट पर एक वबंदु होता है जबवक चतुर्ाांश 1/4th वहस्िा होता है। आप चतुर्ाांश के अंदर हो िकते हैं पर चतुर्थक के नही।
  • 6.
    चतुर्थक विचलन कीविशेषताएं 1. माध्य (Median) चतुर्थक बिचलन का आधार होता है। 2. चतुर्थक बिचलन डेटा-सेट के चरम आकड़ों (Extreme values) से प्रभाबित नहीं होता है । 3. समबमत बितरण (Symmetrical Distribution) में Q1 और Q3 माध्य (माध्य -Q1 = Q3- माध्य) से समान दूरी पर होते हैं। 4. चतुर्थक बिचलन ओपन एिंडेड बितरण के प्रसार का स से उिम माप होता है। 5. चतुर्थक, बितरण पर तीन ब िंदु होते हैं जो उसे चार समान भागों (चतुर्ाांश ) में बिभाबजत करते हैं।
  • 7.
    6. Q1 औरQ3 बितरण ीच के 50% स्कोसथ की बनम्नतम और उच्चिम सीमाएिं होते हैं। 7. यह बितरण के मध्य के स्कोर-घनत्ि का सूचकािंक होता है। 8. बितरण में बिचलनशीलता बजतनी ज्यादा होगी, Q का मान भी उतना ही अबधक होगा और कम भी। 9. सामान्य बितरण में चतुर्थक बितरण (Q) को सिंभाव्यता त्रुबट (Probability Error, PE) कहा जाता है।
  • 8.
    चतुर्थक विचलन कीगणना अनग्रुप्ड डेटा (काल्पवनक डेटा) (i) यवद डेटा विषर् िंख्या र्ें है तो जैसे – 12, 54, 32, 51, 24, 60, 21, 44, 31, 48, 50 चरण I – डेटा को आरोही क्रर् र्ें व्यिवस्र्त कीवजये। अतः, 12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 50, 51, 54, 60 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए। व्यिबस्र्त बितरण में (Q1) = 𝑵+𝟏 𝟒 िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात कीबजए। अतः, Q1=11+1/4 = 3rd position तीसरी पोजीशन पर सिंख्या है 24 अतः Q1 = 24
  • 9.
    (12, 21, 24,31, 32, 44, 48, 50, 51, 54, 60) चरण III – Q3 ज्ञात कीवजए व्यिबस्र्त बितरण में (Q3) = 𝟑 𝑵+𝟏 𝟒 िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात कीबजए। अतः, Q3 = (11+1)3/4 = 9िीं पोजीशन (9th position) पर सिंख्या है 51, अतः Q3 = 51 चरण IV – अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार या Q ज्ञात कीबजए Q = 𝑸𝟑−𝑸𝟏 𝟐 अतः, = 𝟓𝟏−𝟐𝟒 𝟐 = 27/2= 13.5
  • 10.
    (i) यवद डेटािर् िंख्या र्ें है तो जैसे – 12, 54, 32, 51, 24, 60, 21, 44, 31, 48 चरण I – डेटा को आरोही क्रर् र्ें व्यिवस्र्त कीवजये। अतः, 12, 21, 24, 31, 32, 44, 48, 51, 54, 60 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए। व्यिबस्र्त बितरण में (Q1) = 𝑵+𝟏 𝟒 िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात कीबजए। अतः, Q1 = 11/4 = 2.75िीं पोजीशन, अतः => 2सरी सिंख्या + .75 (3सरी सिंख्या - 2सरी सिंख्या), => 21+.75(24-21) = 21+ 1.5 => 22.5
  • 11.
    (12, 21, 24,31, 32, 44, 48, 51, 54, 60) चरण III – Q3 ज्ञात कीवजए। व्यिबस्र्त बितरण में (Q3) = 𝟑 𝑵+𝟏 𝟒 िीं बस्र्बत पर कौन सी सिंख्या है, ज्ञात कीबजए। Q3 = (10+1)3/4 = 8.25िीं पोजीशन, अतः => 8िीं सिंख्या+.25(9िीं सिंख्या – 8िीं सिंख्या) => 51+.25(54-51) => 51+.25(3) => 51+.75 = 51.75 चरण IV – अधथ-अिंतःचतुर्थक प्रसार या Q ज्ञात कीबजए। Q = 𝑸𝟑−𝑸𝟏 𝟐 अतः => 𝟓𝟏.𝟕𝟓−𝟐𝟐.𝟓 𝟐 => 29.25/2 => 14.625
  • 12.
    ग्रुप्ड डेटा (काल्पवनकडेटा) चरण I – 𝒏 𝟒 ज्ञात कीबजए, => 50/4 = 12.5 इसबलए, 20-24 िह िगथ अिंतराल है बजसमें 12.5 चतुर्थक बनबहत है चरण II – Q1 ज्ञात कीवजए 𝑸𝟏 = 𝒍 + 𝒊( 𝒏 𝟒 − 𝒇 𝒄) 𝒇 𝒒 जिंहा, l = उस िगथ अिंतराल की सटीक बनम्नतम सीमा बजसमें चतुर्थक बनबहत है। i = िगथ अिंतराल का आकार 𝒇 𝒄 = चतुर्थक िाले िगथ अिंतराल के पहले िाले िगथ अिंतराल की सिंचयी आिृबि। fq = चतुर्थक िाले िगथ अिंतराल की आिृबि n = स्कोसथ की कु ल सिंख्या या आिृबियों का कु ल योग।
  • 13.
    गणना : -l = 19.5, i = 5, 𝒇 𝒄 = 10, fq = 6, n = 50 𝑸𝟏 = 𝒍+𝒊( 𝒏 𝟒 −𝒇 𝒄) 𝒇 𝒒 फॉमूथले में बनधाथररत मान प्रबतस्र्ापन करने पर, = 𝟏𝟗.𝟓+𝟓( 𝟓𝟎 𝟒 −𝟏𝟎) 𝟔 = 𝟏𝟗.𝟓+𝟓(𝟏𝟐.𝟓−𝟏𝟎) 𝟔 = 𝟏𝟗.𝟓+𝟓(𝟐.𝟓) 𝟔 = 𝟏𝟗.𝟓+𝟏𝟐.𝟓 𝟔 = 𝟑𝟐 𝟔 = 5.33
  • 14.
    चरण III – 𝟑𝒏 𝟒 ज्ञातकीवजए => 𝟑𝐱𝟓𝟎 𝟒 = 150/4 = 37.5 इसबलए, 35-39 िगथ अिंतराल िह है बजसमें चतुर्थक बनबहत है चरण IV – वनम्नवलवित फॉर्मथले द्वारा Q3 ज्ञात कीवजए 𝑸𝟑 = 𝒍+𝒊( 𝟑𝒏 𝟒 −𝒇 𝒄) 𝒇 𝒒
  • 15.
    गणना: - l= 34.5, i = 5, 𝒇 𝒄 = 35, fq = 6, n = 50 𝑸𝟑 = 𝒍+𝒊( 𝟑𝒏 𝟒 −𝒇 𝒄) 𝒇 𝒒 फॉमूथले में बनधाथररत मान प्रबतस्र्ापन करने पर, = 𝟑𝟒.𝟓+𝟓( 𝟑(𝟓𝟎) 𝟒 −𝟑𝟓) 𝟔 = 𝟑𝟒.𝟓+𝟓(𝟑𝟕.𝟓−𝟑𝟓) 𝟔 = 𝟑𝟒.𝟓+𝟓(𝟐.𝟓) 𝟔 = 𝟑𝟒.𝟓+𝟏𝟐.𝟓 𝟔 = 𝟒𝟕 𝟔 = 7.83
  • 16.
    फॉमूथले में बनधाथररतमान प्रबतस्र्ापन करने पर, 𝑸 या 𝑸𝑫 = 𝑸𝟑−𝑸𝟏 𝟐 , = 𝟕.𝟖𝟑−𝟓.𝟑𝟑 𝟐 = 𝟐.𝟓 𝟐 = 1.25 तो, हमारे काल्पबनक ग्रुप्ड डेटा का चतुर्थक बिचलन है 1.25
  • 17.
    िन्दभथ : 1. https://dictionary.apa.org/quartile-deviation. 2.Guilford, J. P. and Fruchter, B. (1978). Fundamental Statistics in Psychology and Education, 6th ed. Tokyo: McGraw-Hill. 3. https://todayinsci.com/M/Mahalanobis_Prasanta/ MahalanobisPrasanta-Quotations.htm. 4. Garrett, H. E. (2014). Statistics in Psychology and Education. New Delhi: Pragon International. 5. Levin, J. & Fox, J. A. (2006). Elementary Statistics. New Delhi: Pearson.
  • 18.