Parivritta Trikonasana also known as Revolved Triangle Pose. Sanskrit: Parivrtta - rotation, Trikona - triangle, Asana - posture; Pronounced as - par-ee-vrit-tah trik-cone-AHS-anna. This asana is basically a counterpart of Utthita Trikonasana and is definitely more complex. This asana is a combination of forward bending and deep bends. It requires a good sense of balance and a sense of openness to achieve stability in the posture. This is one of the first standing postures you will learn when you enroll yourself in a yoga course. It teaches you how to work every part of your body in conjunction with one another.
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How to do parivrtta trikonasana (revolved triangle pose) and what are its benefits
1. How to do Parivrtta Trikonasana (Revolved Triangle Pose) and what are its Benefits
अऩने ननचले यीढ़, ऩेट औय श्रोणि क्षेत्र भें ऩरयसंचयि को फढ़़ाएं , संतुलन भें सुध़ाय कयें औय स्थियत़ा क़ा ननभ़ााि कयें।
क
ै से करें पररवृत्त त्रिकॊणासन (रेवॊल्वड ट्रायंगल पॊज़) और क्या हैं इसक
े फायदे
ऩरयवृत्त त्रत्रकोि़ासन जजसे येवोल्वड ट्ऱामंगल ऩोज़ क
े ऩाभ से बी ज़ाऩा ज़ात़ा है। संस्क
ृ त: ऩरयव्रत - ऩरयक्रभि, त्रत्रकोऩा -
त्रत्रकोि, आसन - भुद्ऱा; उच्च़ायि क
े रूऩ भें - par-ee-vrit-tah trik-cone-AHS-anna। मह आसन भूल रूऩ से उत्थित़ा
त्रत्रकोि़ासन क़ा प्रततरूऩ है औय ननत्थित रूऩ से अनधक जटटल है। मह आसन आगे झुकने औय गहये भोड़ क़ा संमोजन है।
मह संतुलन की एक अच्छी ब़ावऩा औय भुद्ऱा भें स्थियत़ा प्ऱाप्त कयने क
े जलए खुलेऩन की ब़ावऩा की आवश्यकत़ा है। मह
ऩहली खड़े आसनों भें से एक है जो आऩ तफ सीखेंगे जफ आऩ खुद को टकसी मोग कोसा भें द़ाखखल़ा लेंगे। मह आऩको
जसख़ात़ा है टक एक दूसये क
े स़ाथ नभलकय आऩक
े शयीय क
े हय हहस्से को क
ै से क़ाभ कयऩा है।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चारहए
इस आसन क़ा अभ्य़ास कयने से ऩहले आऩ अऩने ऩेट औय आंतों को ख़ाली यखऩा सुननत्थित कयें म़ा आसन को कयने
से कभ से कभ च़ाय से छह घंटे ऩहले अऩऩा बोजन कयें त़ाटक आऩक़ा बोजन ऩच ज़ाए औय अभ्य़ास क
े दौय़ान खचा
कयने क
े जलए ऩम़ााप्त ऊज़ाा हो। सुफह सफसे ऩहले मोग क़ा अभ्य़ास कयऩा सफसे अच्छ़ा है। लेटकन अगय आऩ मह सुफह
नहीं कय सकते हैं, तो श़ाभ को इसक़ा अभ्य़ास कयऩा ठीक है।
स्तर: फुननम़ादी
शैली: हठ मोग
अवधि: 30 सेक
ं ड
पुनरावृत्तत्त: एक फ़ाय प्रत्येक ऩक्ष ऩय
स्ट्ट्रेच: घुटने, क
ू ल्हे, क
ं धे, ज़ांघ, कशेरुक़ा स्तंब, थोयैक्स, टखने, हैभस्ट्ट्रंग, फछड़े, ग्रोइन
मजबूती: घुटनों, ज़ांघों, टखनों
2. क
ै से करें पररवृत्त त्रिकॊणासन (रेवॊल्वड ट्रायंगल पॊज़)
अऩनी चट़ाई ऩय त़ाड़़ासन भें खड़े हो।
हपय अऩने द़ाहहने ऩैय को ऩीछे की ओय यखे। दोनों ऩैय क
े फीच तीन पीट क़ा अंतय यखे औय इसे लगबग 25-
हडग्री की तयप भोड़ें। आऩक
े फ़ाएं ऩैय की उंगजलमों को आगे की ओय इश़ाय़ा कयऩा च़ाहहए। इस स्तय ऩय, आऩक
े
क
ू ल्हे को चट़ाई क
े टकऩाये की ओय होने च़ाहहमे। इसक
े अल़ाव़ा, जल्दी से अऩने ऩैयों क
े संयेखि की ज़ांच कयें।
उन्हें क
ू ल्हे की चौड़़ाई अलग-अलग होनी च़ाहहए, दोनों एड़ी एक दूसये क
े स़ाथ संयेखखत होती हैं। एड़ी औय आचा
को बी संयेखखत टकम़ा ज़ाऩा च़ाहहए।
अऩने फ़ाएं ह़ाथ को कभय ऩय यखें, औय श्व़ास लें औय अऩनी यीढ़ को ऊऩय उठ़ाते रृए अऩने द़ाहहने ह़ाथ को ऊऩय
उठ़ाएं।
2. ऩीछे क
े ऩैय फ़ाहय की ओय भजफूती से जड़ें, औय अऩने ऩेट क
े ननचले हहस्से भें खींचें त़ाटक आऩकी ऩीठ क
े ननचले
हहस्से को सह़ाय़ा नभले। स़ााँस छोड़ते रृए कभय ऩय आगे की ओय झुक
ें । सुननत्थित कयें टक द़ाहहनी बुज़ा क
े स़ाथ
आऩकी यीढ़ प
ै ल गई है।
आऩक
े लचीलेऩन औय गतत की सीभ़ा क
े आध़ाय ऩय, अऩने द़ाहहने ह़ाथ को अऩने टऩिंडली म़ा अऩने ऩैय क
े फ़ाहय
पशा ऩय ऩरृंचने की अनुभतत दें। श्व़ास लें औय जसय क
े भुक
ु ट क
े भ़ाध्यभ से टवस्त़ाय कयऩा ज़ायी यखें, सुननत्थित
कयें टक आऩकी यीढ़ लंफी है।
जल्दी से ज़ांचें टक क्य़ा द़ाहहने ऩैय क
े फ़ाहय जभीन भें भजफूती से जड़ें हैं। हपय स़ांस छोड़ें औय फ़ाईं ओय घुभ़ाएं।
फ़ामीं बुज़ा को आक़ाश की ओय त़ानें क्योंटक आऩ उस ऩय टकटकी लग़ाए रृए हैं।
क
ु छ सेक
ं ड क
े जलए भुद्ऱा को ऩकड़ते रृए धीये-धीये औय गहयी स़ांस लें।
भुद्ऱा से फ़ाहय ननकलने क
े जलए, अऩने फ़ाएं ऩैय को देखें, औय अऩने ऩेट को अंदय खींचें औय हपय धीये से उठें।
अऩने ह़ाथों को अऩनी कभय ऩय यखें औय अऩने ऩैयों को एक स़ाथ ल़ाएं। आसन को टवऩयीत हदश़ा भें दोहय़ाएं।
3. साविाधनयां और अंतत्रविरॊि
1. महद आऩको ऩीठ म़ा यीढ़ की चोट है, तो आऩको इस आसन को टकसी टवशेषज्ञ की देखयेख भें ही कयऩा च़ाहहए। महद
नहीं, तो इस आसन क
े अभ्य़ास से फचऩा सफसे अच्छ़ा है।
2. इसक
े अल़ाव़ा, इस आसन से फचें अगय आऩको ननम्नजलखखत स्थिततम़ां हैं:
कभ यक्त दफ़ाव
भ़ाइग्रेन
दस्त
सयददा
अननद्ऱा
4. शुरुआत क
े त्रिप्स
महद आऩ एक संकीिा रुख अऩऩाते हैं, तो मह आसन आस़ान हो ज़ात़ा है। इसजलए, एक शुरुआत क
े रूऩ भें, ह़ाथ को
आंतरयक ऩैय क
े कयीफ ल़ाने क
े जलए इसे अभ्य़ास कयें।
5. एडवांस्ट्ड पॊज़ वररएशन्स
भुद्ऱा को गहय़ा कयने क
े जलए, स़ाभने व़ाले ऩैय क
े फ़ाहय से नीचे क
े ह़ाथ को स़ाभने ल़ाएं , औय हपय, फ़ाहयी टऩिंडलों क
े
खखल़ाप भजफूती से दफ़ाएं। ऩैय ऩय ह़ाथ क़ा दफ़ाव धड़ क
े योटेशन को गहय़ा कयेग़ा।
6. पररवृत्त त्रिकॊणासन (रेवॊल्वड ट्रायंगल पॊज़) क
े लाभ
मह ऩैयों को एक अच्छ़ा खखिंच़ाव देत़ा है औय उन्हें भजफूत फऩात़ा है।
क
ू ल्हों औय यीढ़ को एक अच्छ़ा खखिंच़ाव नभलत़ा है।
इस आसन क़ा अभ्य़ास कयने से छ़ाती खुल ज़ाती है औय इसजलए स़ांस लेने भें सुध़ाय होत़ा है।
ऩीठ ददा से य़ाहत नभलती है।
ऩेट क
े अंगों को उत्तेजजत टकम़ा ज़ात़ा है औय इसजलए, ऩ़ाचन भें सुध़ाय होत़ा है।
संतुलन, ध्य़ान औय एक़ाग्रत़ा भें सुध़ाय होत़ा है।
7. पररवृत्त त्रिकॊणासन (रेवॊल्वड ट्रायंगल पॊज़) क
े पीछे का त्रवज्ञान
ऩरयवृत्त त्रत्रकोि़ासन से जुड़ी दो अलग-अलग ड़ामऩानभक एनजी हैं। ऩहल़ा ऩैयों को ऩृथ्वी की ओय फढ़़ा यह़ा है, औय दूसय़ा
टवस्त़ारयत बुज़ाओं क
े भ़ाध्यभ से ऊज़ाा को ऊऩय की ओय बेज यह़ा है। मह आसन प्रम़ास औय सहजत़ा क़ा एक आदशा
संगभ है। इसक
े भ़ाध्यभ से, नयभ औय कठोय, संक
ु चन औय टवस्त़ाय, अवयोही औय आयोही, औय सौय औय चंद्र जैसे अन्य
टवऩयीत बी इस आसन भें संफोनधत टकए ज़ाते हैं। ह़ाल़ांटक मह आसन एक भोड़ की तयह लगत़ा है, जफ आऩ पशा ऩय
ऩरृंचते हैं, तो आऩ भहसूस कयेंगे टक मह संतुलन क
े फ़ाये भें अनधक है। लेटकन आऩ स्थिय औय सहज भहसूस कयेंगे महद
आऩ ज़ानते हैं टक अऩने सभथान क
े जलए अऩने कोय औय ऩैय की भ़ांसऩेजशमों क़ा उऩमोग क
ै से कयें। जफ आऩ अऩने
संयेखि को सही ऩ़ाते हैं, तो आऩ लचीलेऩन औय शनक्त प्ऱाप्त कयेंगे क्योंटक आऩ अऩने आऩ को ऊज़ााव़ान औय स़ाथ ही
3. श़ायीरयक रूऩ से संतुजलत कयते हैं। इस आसन क़ा अभ्य़ास कयने से न क
े वल आऩक़ा भन स्थिय होत़ा है, फल्कि मह
आऩको स्वतंत्र होने की ब़ावऩा बी देत़ा है। हपय, जैस़ा टक एक ह़ाथ ऩृथ्वी तक ऩरृंचत़ा है, औय दूसय़ा आक़ाश की ओय
फढ़त़ा है, आऩ स्थियत़ा ऩ़ाएंगे जो आऩको वताभ़ान औय बटवष्य क
े जलए आत्मसभऩाि कयने की अनुभतत देग़ा।
8. प्रारंधभक पॊज़
फदद कोनस़ाऩा
प्रस़ारयत़ा ऩ़ादोत्त़ाऩासन
जसद्ध़ासन म़ा सुख़ासन
सुऩत़ा टवयस़ाऩा
सुऩत़ा फध़ा कोंनस़ाऩा
उत्त़ाऩासन
उत्थित़ा ऩयसोत्त़ाऩासन
उत्थित़ा ऩ़ासावकोऩासन
उत्थित़ा त्रत्रकोऩासन
वीयबद्ऱासन II
वीय़ासऩा
वृक्ष़ासन
9. फॉल-अप पॊज़
जनु जसयस़ाऩा
अधा भत्स्येन्द्ऱासन
भ़ायीचस़ाऩा III
अफ जफ आऩ ज़ानते हैं टक ऩरयवृत्त त्रत्रकोि़ासन क
ै से कयऩा है, तो आऩ टकस चीज़ क़ा इंतज़़ाय कय यहे हैं? मह
आसन टवऩयीत ऩरयस्थिततमों को संतुजलत कयने क
े फ़ाये भें है। इसभें क
ु छ फेहतयीन सफक हैं, जो सफसे भहत्वऩूिा है ऩयस्पय
टवयोधी ऊज़ााओं से ननऩटऩा। इस सयल, लेटकन भुत्थिल आसन की भह़ानत़ा भें जलप्त होकय अऩने आऩ को व़ास्तव भें
भुक्त ऩ़ाते हैं।