Mayurasana in Sanskrit; peacock - peacock, asana - posture; Pronounced as - my-yer-ahs-anna. According to Hindu texts, the peacock is a symbol of love and immortality. This posture is said to resemble a peacock when it moves around with its feathers. Peacock pose has a whole host of benefits, and although it is complicated, with a little practice, it is quite easy to do.
How to do bitilasana (cow pose) and what are its benefits
How to do mayurasana (peacock pose) and what are its benefits
1. How to do Mayurasana (Peacock Pose) and what are its Benefits
हहिंदू ग्रंथॊ क
े अनुसाय, भॊय अभयता, प्रेभ औय धैमय का प्रतीक है। भमूयसाना नाभक संस्क
ृ त भें भमूय ऩॊज़ कलाई की हथेली
कॊ प
ै लाते रृए कॊय कॊ प्याय से भजफूत कयने का काभ कयता है।
क
ै से करें मयूरासन (पीकॉक पॊज़) और क्या हैं इसक
े फायदे
संस्क
ृ त भें भमूयासन; भमूय - भॊय, आसन - भुद्रा; उच्चायण क
े रूऩ भें - my-yer-ahs-anna। हहिंदू ग्रंथों क
े अनुसाय, भॊय
प्याय औय अभयता का प्रतीक है। मह आसन एक भॊय क
े सदृश कहा जाता है जफ मह अऩने ऩंखों क
े साथ चायों ओय
घूभता है। भमूय ऩॊज़ क
े ऩूये पामदे हैं, औय हालांकक मह जकिल है, थॊडा अभ्यास क
े साथ, मह कयना कापी आसान है।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चाहहए
इस आसन का अभ्यास कयने से ऩहले आऩ अऩने ऩेि औय आंतों कॊ खाली यखना सुननश्चित कयें मा आसन कॊ कयने
से कभ से कभ चाय से छह घंिे ऩहले अऩना बॊजन कयें ताकक आऩका बॊजन ऩच जाए औय अभ्यास क
े दोयान खचय
कयने क
े ललए ऩमायप्त ऊजाय हॊ। सुफह सफसे ऩहले मॊग का अभ्यास कयना सफसे अच्छा है। लेककन अगय आऩ मह सुफह
नहीं कय सकते हैं, तॊ शाभ कॊ इसका अभ्यास कयना ठीक है।
स्तर: फेलसक / इंियभीहिएि
शैली: हठ मॊग
अवधि: 30 से 60 सेक
ं ि
पुनरावृत्ति: कॊई नहीं
स्ट्रेच: आर्म्य, फैक
मजबूती: पॊयआर्म्य, ऩैय, कलाई, ऩीछे का धड
2. क
ै से करें मयूरासन (पीकॉक पॊज़)
1. अऩनी हील्स ऩय फैठकय शुरुआत कयें। सुननश्चित कयें कक आऩक
े घुिने चोडे हैं।
2. अऩने हाथों कॊ पशय ऩय यखें, औय अऩनी उंगललमों कॊ अऩने शयीय की ओय जाने दें। धीये से अऩनी कॊहनी भॊडें औय
उन्हें अऩने ऩेि की ओय दफाएं।
3. आऩकॊ अऩना ऩेि दृढ़ यखना चाहहए। ऐसा कयने क
े ललए, अऩने लसय कॊ पशय ऩय नगयाएं , औय अऩने ऩेि भें ताकत
का काभ कयें।
4. अऩने ऩैयों कॊ फाहय प
ै लाएं, जैसे कक आऩक
े घुिने सीधे हैं, औय आऩक
े ऩैयों का ऊऩयी हहस्सा पशय का साभना कय
यहा है।
5. आऩका क
ं धा भजफूत हॊना चाहहए औय आऩकी ऩीठ भें धक
े ल हदमा जाना चाहहए। अऩने ननतंफों कॊ कस लें औय
अऩना लसय ऊऩय उठाएं। अऩने िकिकी आगे सेि कयें।
2. 6. अऩने शयीय क
े वजन कॊ आगे लशफ्ट कयें औय अऩने ऩैयों कॊ पशय से उठाएं। आऩक
े शयीय कॊ हाथों ऩय वजन क
े साथ
उठामा जाना चाहहए। मह पशय क
े सभानांतय हॊना चाहहए।
7. शुरू भें लगबग 10 सेक
ं ि क
े ललए भुद्रा कॊ कयें। अभ्यास क
े साथ, आऩकॊ इसे एक नभनि तक यखने भें सक्षभ हॊना
चाहहए।
8. रयलीज कयने क
े ललए, अऩने लसय औय ऩैयों कॊ जभीन ऩय नगयाएं औय आयाभ कयें।
3. साविाधनयाां और अांतर्विरॊि
1. अगय आऩकॊ अऩनी कलाई, क
ं धे, मा कॊहनी भें चॊि लगी है तॊ इस आसन से फचना सफसे अच्छा है।
2. इस आसन से फचें अगय आऩकॊ ननम्नललखखत स्थिततमां हैं:
हदल क
े यॊग
हननिमा
उच्च यक्तचाऩ
आंख, कान औय नाक का संक्रभण
आंत भें सभस्या
भस्थिष्क का ट्यूभय
भालसक धभय
गबायविा
3. मह आसन आऩक
े लसस्टभ कॊ हििॉक्सिपाई कयने औय कवषाक्त ऩदाथों कॊ छॊडने क
े ललए कहा जाता है। महद आऩ
भुद्रा क
े दोयान अस्वि भहसूस कयते हैं, तॊ आसन कॊ तुयंत छॊड दे।
4. शुरुआत क
े र्िप्स
शुरुआत क
े रूऩ भें, आऩकॊ इस आसन भें खुद कॊ संतुललत कयना भुश्चिल हॊ सकता है। आसन कॊ सही कयने क
े ललए,
अऩने लसय औय िखनों कॊ सहाया देने क
े ललए ब्लॉक का उऩमॊग कयें जफ तक कक आऩ आसन कॊ सीख ना ले।
5. एडवाांस्ट्ड पॊज़ वहरएशन्स
आसन कॊ तीव्र कयने क
े ललए, आऩ कऩिंचा भमूयासन भुद्रा की कॊलशश कय सकते हैं। मह सबी तत्वों की ऩरयणतत क
े रूऩ
भें ककमा जाता है ताकक आऩक
े प्रकॊष्ठ का संतुलन सही हॊ सक
े । मह आऩ इसे क
ै से कय सकते हैं।
1. दीवाय क
े साभने, अऩने ऩेि क
े फल लेि जाएं।
2. धीये से अऩनी कॊहनी कॊ ऐसे भॊडें कक वे सीधे आऩक
े क
ं धों क
े नीचे हों। अऩनी हथेललमों कॊ अंजलल भुद्रा भें साथ
लाएं।
3. अऩने क
ू ल्हों कॊ ऊऩय उठाएं। अऩनी बुजाओं की ओय चलें, लजतने ऩास ऩरृंच सक
ें ।
4. लजतना हॊ सक
े अऩने दाहहने ऩैय कॊ उठाएं , औय दूसये ऩैय कॊ पशय से ऊऩय उठाएं। मह कक्रमा आऩक
े ननचले शयीय कॊ
पशय से धक
े ल देगी औय आऩक
े ऩैयों कॊ दीवाय कॊ छ
ू ने देगी।
5. क
ु छ सेक
ं ि क
े ललए इस भुद्रा भें यहें।
6. अऩने लसय कॊ पशय से दूय यखें। सुननश्चित कयें कक आऩक
े क
ं धे आऩक
े कानों से दूय हैं।
7. अऩने अंगूठे कॊ अऩनी आँख से स्पशय कयें, जफकक आऩकी हथेललमाँ अबी बी अंजलल भुद्रा भें हैं, जैसे आऩ अऩनी
िकिकी कॊ उठाते हैं।
8. आऩक
े ऩैय दीवाय कॊ छ
ू सकते हैं मा जभीन ऩय लंफवत यह सकते हैं।
9. धीये-धीये औय गहयाई से सांस लें, औय जफ तक आऩ आयाभ से हैं तफ तक भुद्रा भें यहें। ऩॊज़ कॊ उसी क्रभ भें जायी
कयें, लजसभें आऩ इसभें शानभल रृए थे।
6. मयूरासन (पीकॉक पॊज़) क
े लाभ
1. घेयंिसंहहता भें कहा गमा है कक भमूय ऩॊज क
ैं सय क
े कवषाक्त ऩदाथों कॊ ननकालता है। मह शयीय कॊ हििॉि कयता है
औय ट्यूभय औय फुखाय से छ
ु िकाया ऩाने भें बी भदद कयता है।
3. 2. मह ऩाचन अंगों कॊ िॊन कयने भें भदद कयता है औय उदय क्षेत्र भें यक्त ऩरयसंचयण कॊ फढ़ाता है, इसललए मह भजफूत
फनाता है।
3. मह आसन अग्न्याशम, ऩेि, मक
ृ त, स्प्लीन, गुदे औय आंतों कॊ सकक्रम कयता है।
4. मह भधुभेह औय फवासीय से लडने भें बी भदद कयता है।
5. मह आसन प्रजनन प्रणाली कॊ भजफूत औय िॊन कयता है, इसललए सबी भालसक धभय औय यजॊननवृलि की फीभारयमों
कॊ कभ कयता है। मह मोन गततकवनधमों भें बी सुधाय कयता है।
6. मह क
ं धों, कॊहनी, कलाई औय यीढ़ कॊ भजफूत फनाने भें भदद कयता है।
7. मह आसन कॊ फेहतय फनाने भें भदद कयता है।
8. मह आसन भन कॊ शांत कयता है औय तनाव औय लचिंता कॊ कभ कयता है।
9. मह भन औय शयीय क
े फीच सभन्वम क
े साथ-साथ एकाग्रता भें सुधाय कयता है।
7. मयूरासन (पीकॉक पॊज़) क
े पीछे का र्वज्ञान
जफ आऩ देखते हैं कक मह आसन क
ै से ककमा जाता है, तॊ आऩ भहसूस कय सकते हैं कक आऩकॊ क
े वल हाथ की ताकत
की आवश्यकता है। लेककन इस आसन भें भहायत हालसल कयने क
े ऩीछे का असली याज आऩक
े ऩेि भें है। दूसये हाथ
संतुलन की तयह, मह आसन बी आऩ अकवश्वसनीम रूऩ से भजफूत हॊने की जरूयत है। लेककन ताकत क
े साथ-साथ
आऩकॊ धैमय की बी आवश्यकता हॊती है क्योंकक क
े वल अभ्यास से ही आऩ गुरुत्वाकषयण क
े साथ उस संफंध कॊ कवकलसत
कय ऩाएंगे जॊ इस आसन भें भहायत हालसल कयने क
े ललए आवश्यक है। ऐसा कयने क
े ललए, आऩक
े ऩास एक अच्छी
नींव हॊनी चाहहए, लजसभें आऩक
े अग्र-बुजाओं, हाथों औय ऩेि का काभ कयना शानभल हॊगा। आऩकॊ अऩनी फाहों कॊ
अऩने ऩैय क
े रूऩ भें भानना हॊगा औय अऩनी कॊहनी कॊ अऩने ऩेि भें धक
े लना हॊगा। मह शुरू भें असहज हॊ सकता है,
लेककन मह वही है लजसे आऩकॊ ऩूणयता क
े साथ इस आसन कॊ ऩूया कयने की आवश्यकता है। जफ आऩ ऐसा कयते हैं, तॊ
आऩ देखेंगे कक आऩक
े ऩेि की भांसऩेलशमां आऩक
े ऩेि क
े नीचे भजफूत होंगी। मह ताकत आऩकॊ आसन भें स्थियता प्रदान
कयेगी।
8. प्रारांधभक पॊज़
चतुयंग दंिासन
एक ऩाद शीषायसन
9. फॉल-अप पॊज़
अधॊभुख श्वानासन
फालासन
बुजऩीडासन
एक हस्त्र बुजसना
हि हस्त्र बुजसना
कवश्वानभत्रसना
मह ऩॊज कहठन लगता है लेककन धैमय औय अभ्यास क
े साथ, आऩक
े शयीय कॊ अऩना संतुलन नभलेगा, औय आऩ
इस आसन कॊ शनक्त औय अनुग्रह क
े साथ कय ऩाएंगे। मह क
ै से हदखता है, इससे बमबीत न हों। इस आसन क
े क
ु छ
भहान लाब हैं लजन्हें आऩ माद नहीं कयना चाहते हैं।