Sanskrit: Bakasana/Kakasan; Bak - crane, Kak - crow, Asana - posture; Pronounced as - bahk-AHS-anna/ caw-caw-AHS-anna. The stork is an Asian symbol of happiness and youth. It also stands for longevity in Chinese symbolism. This asana is the culmination of these three symbols and by practicing it these three qualities are ensured. It takes a leap of faith to get into this asana, but once you do it, you will definitely feel lighter and blissful. This fun pose is sure to renew your attitude towards life. This asana is also known as Kakasana. There is only a slight difference between the two. While Bakasana resembles the stance of a crane, Kakasan resembles a sitting crow. This is the same posture, in which your arms are slightly bent so that the knees come close to the triceps.
What you need to know before doing asanasChinese symbolism for longevity. This asana is the culmination of these three symbols and by practicing it these three symptoms will be ensured. It takes a leap of faith to get into this asana, but once you do, you definitely feel lighter and happier. This fun pose is sure to renew your attitude towards life. This asana is also known as Kakasana. There is only a slight difference between the two. While Bakasana resembles the stance of a heron, Kakasana resembles that of a sitting crow. This is the same posture, in which your arms are slightly bent so that the knees come close to the triceps.
How to do Bakasan - Kakasana (Crane - Crow pose) and what are its Benefits
1. How to do Bakasan / Kakasana (Crane / crow pose) and what are its Benefits
एक कॉम्पैक्ट आभम फैलेंस, क्र
े न ऩॊज़ / क्रॊ ऩॊज़, जजसे संस्क
ृ त भें फाकसाना कहा जाता है, एब्स औय फाजुओं भें टॊननिंग
कॊ प्रॊत्साहहत कयता है, कॊय भें भजफूती लाता है औय भन भें पॊकस कॊ फेहतय फनाता है।
क
ै से करें बकासन / काकसाना (क्र
े न / कोवा पॊज़) और क्या हैं इसक
े फायदे
संस्क
ृ त: फाकसन / काकसन; फक - फगुला, काक - कोआ, आसन - आसन; उच्चायण क
े रूऩ भें - bahk-AHS-anna /
caw-caw-AHS-anna। फगुला खुशी औय मुवाऩन का एक एजशमाई प्रतीक है। मह चीनी प्रतीकवाद भें दीघाममु क
े जलए बी
है। मह आसन इन तीनों प्रतीकों की ऩरयणतत है औय इसका अभ्यास कयने से मह तीनों लक्षण सुननश्चित हॊ जाएंगे। इस
आसन भें जाने क
े जलए ववश्वास की एक छलांग लगती है, लेवकन एक फाय जफ आऩ ऐसा कयते हैं, तॊ आऩ ननश्चित रूऩ
से हल्का औय हवषित भहसूस कयते हैं। मह भजेदाय भुद्रा जीवन क
े प्रतत आऩक
े दृष्टिकॊण कॊ नवीनीक
ृ त कयने क
े जलए
ननश्चित है। इस आसन कॊ काकासाना बी कहा जाता है। दॊनों भें क
े वल थॊडा सा अंतय है। जफवक फकासन एक फगुला
क
े रुख से नभलता-जुलता है, काकासाना एक फैठे रृए कोवे की तयह हदखता है। मह वही आसन है, जजसभें आऩकी बुजाएं
थॊडी भुडी रृई हॊती हैं तावक घुटने त्रिजशस्क (ट्राइसेप्स) क
े कयीफ आ जाएं।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चाहहए
इस आसन का अभ्यास कयने से ऩहले आऩ अऩने ऩेट औय आंतों कॊ खाली यखना सुननश्चित कयें मा आसन कॊ कयने
से कभ से कभ चाय से छह घंटे ऩहले अऩना बॊजन कयें तावक आऩका बॊजन ऩच जाए औय अभ्यास क
े दोयान खचम
कयने क
े जलए ऩमामप्त ऊजाम हॊ। सुफह सफसे ऩहले मॊग का अभ्यास कयना सफसे अच्छा है। लेवकन अगय आऩ मह सुफह
नहीं कय सकते हैं, तॊ शाभ कॊ इसका अभ्यास कयना ठीक है।
स्तर: इंटयभीहडएट / फेजसक
शैली: हठ मॊग
अवधि: 30 से 60 सेक
ं ड
पुनरावृत्ति: कॊई नहीं
स्ट्रेच: ऊऩयी ऩीठ
मजबूती: हतथमाय, उदय, कलाई
2. क
ै से करें बकासन / काकसाना (क्र
े न / कोवा पॊज़)
1. इस आसन कॊ ऩवमत भुद्रा आकय भें शुरू कयें। अऩने ऩैयों कॊ एक साथ फंद यखें, औय अऩने हाथों कॊ पशम ऩय दृढ़ता से
यखें। आऩकॊ मह सुननश्चित कयना हॊगा वक आऩक
े हाथ क
ं धे की चोडाई से अलग हों।
2. अफ अऩने क
ू ल्हों कॊ उठाएं, औय सुननश्चित कयें वक आऩकी भुख्य भांसऩेजशमां लगी रृई हैं क्योंवक आऩक
े घुटने आऩक
े
ऊऩयी ट्राइसेप्स क
े कयीफ आते हैं। महद आऩ काकासन कयने का लक्ष्य फना यहे हैं, तॊ अऩनी कॊहनी भॊडते रृए अऩने
ऊऩयी फांहों क
े साथ एक शेल्फ फनाएं।
2. 3. आगे देखें, औय धीये से अऩने ऩैयों कॊ पशम से उठाएं। अऩने शयीय क
े वजन कॊ फाजुओं ऩय जशफ्ट कयें। क
ु छ सेक
ं ड क
े
जलए इस भुद्रा कॊ ऩकडॊ। फकासन भें आने क
े जलए अऩनी फाहों कॊ सीधा कयें।
4. एक नभनट क
े जलए भुद्रा कॊ कये। हपय, अऩने ऩैयों कॊ नीचे कयें औय उत्तानासन की कल्पना कये।
3. साविाधनयाां और अांतर्विरॊि
काऩमल टनल जसिंड्रॊभ
गबामवस्था
वतमभान मा ऩुयानी कलाई का ददम
4. शुरुआत क
े र्िप्स
शुरुआती क
े रूऩ भें, आऩ अऩने ननतंफों कॊ अऩनी एडी से दूय यखना है। लेवकन आऩकॊ इस आसन भें यहते रृए अऩनी
एडी औय ननतंफों कॊ ऩास यखना हॊगा। जफ आऩ पशम से अऩने ऩैयों कॊ धक्का देने क
े जलए तैमाय हों, तॊ अऩनी फाहों क
े
ऊऩयी बाग कॊ वऩिंडली क
े नीचे दफाएं , औय अऩनी कभय कॊ ऩेल्विस भें खींचें तावक आऩ आसानी से उठा सक
ें ।
5. एडवाांस्ट्ड पॊज़ वहरएशन्स
मह दॊ आसन की ववकजसत भुद्रा है, जॊ आसन भें यहने क
े दोयान आऩकी बुजाओं कॊ सीधा कयती है। मह ऩूणम भुद्रा है।
लेवकन इस आसन भें यहते रृए आऩकी कलाई कॊ चॊट ऩरृंचाना संबव है। तॊ क
ु छ दफाव हटाने क
े जलए, आऩ अऩनी
उंगजलमों कॊ प
ै लाने क
े फजाम पशम ऩय अऩनी उंगजलमों कॊ कलम कय सकते हैं।
6. बकासन / काकसाना (क्र
े न / कोवा पॊज़) क
े लाभ
1. मह कलाई औय बुजाओं कॊ भजफूत फनाता है
2. यीढ़ कॊ टॊन औय भजफूत वकमा जाता है।
3. ऊऩयी ऩीठ कॊ एक अच्छा ष्टखिंचाव नभलता है।
4. मह आसन आऩक
े संतुलन औय पॊकस की बावना कॊ फेहतय फनाता है।
5. आऩका भन औय शयीय चुनोततमों क
े जलए तैमाय हैं।
6. ऩेट क्षेि टोंड औय भजफूत है। इसजलए, मह आसन ऩाचन कॊ सहामता कयता है।
7. आऩकी जांघें भजफूत फनती हैं।
8. ननमनभत अभ्यास से आऩ भजफूत औय आत्मववश्वास भहसूस कयते हैं।
7. बकासन / काकसाना (क्र
े न / कोवा पॊज़) क
े पीछे का र्वज्ञान
इस आसन क
े जलए आऩक
े हाथ ऩूये शयीय कॊ ऊ
ँ चा उठाने क
े जलए ऩमामप्त भजफूत हॊना चाहहए। लेवकन ऩहली चीज जॊ
आऩकॊ कयने की ज़रूयत है वह इस गततशील भुद्रा भें अऩने चेहये ऩय फ्लैट नगयने क
े डय कॊ दूय कयना है। आऩकॊ एक
गहयी साँस लेने की ज़रूयत है, अऩनी आशंकाओं कॊ जाने दें, औय ववश्वास की छलांग लें। आऩकॊ एक भजफूत नींव यखने
की बी आवश्यकता हॊगी। आऩकी भजफूत कॊय भांसऩेजशमां इस नींव का ननभामण कयती हैं। मह आऩकॊ अऩने घुटनों कॊ
उठाने औय ऩैंतयेफाज़ी कयने भें भदद कयेगा, औय आऩकॊ उन्हें अऩनी ऊऩयी फाहों क
े कयीफ लाने भें भदद कयेगा। मह
आऩकॊ ऩूये प्रकाश भें फने यहने भें भदद कयेगा, अक
े ले कलाई ऩय बाय का फॊझ उताय देगा। हपय, ननश्चित रूऩ से, आऩकॊ
अऩने शयीय क
े वजन का सभथमन कयने क
े जलए भजफूत क
ं धों औय हतथमायों की आवश्यकता हॊगी। आऩकॊ लचीले क
ू ल्हों
की बी आवश्यकता है। इस आसन कॊ कयने क
े जलए शायीरयक औय भानजसक रूऩ से तैमाय हॊना फेहद आवश्यक है।
8. प्रारांधभक पॊज़
अधॊ भुख सवासना
फदद कॊनसाना
फालसाना
पलकासन
वीयासना
9. फॉल-अप पॊज़
अधॊ भुख सवासना
3. चतुयंग दंडासन
पलकासन
अफ जफ आऩ जानते हैं वक कोवा भुद्रा क
ै से कयता है, तॊ आऩ क्या कय यहे हैं? जफवक वे दॊनों उन्नत ऩॊज हैं,
फकासन फेहद चुनोतीऩूणम है, औय लगबग कॊई बी इसे ऩहली फाय ठीक नहीं कयता है। बले ही आऩ ठॊकय खाएं, हभेशा
माद यखें वक आऩ अच्छाई की याह ऩय हैं। अभ्यास आऩकॊ ऩरयऩूणम फनाता है - इसे हभेशा माद यखें!