2. १ डॉ. मोटूरी सत्यिारायण :जीवि की आव्यश््ताओिं की पूनति के शलए उपयोग में लायी जािे वाली हहिंदी ही
प्रयोजिमूलक हहिंदी है |
२ डॉ. रघुवीर सहाय: प्रयोजिमूलक हहिंदी की पररकल्पिा यह मािकर चलती है कक वह एक ऐसी शब्दावली
होगी जो ज्ञाि के सम्प्रेषण में काम आएगी और इसशलए बाकी शब्दावली से शिन्ि होगी या उसपर आश्रित
िहीिं होगी |
३ प्रोफ. ि. वी. राजगोपालि : प्रयोजिमूलक िाषा, िाषा का वह रूप है, जजसका प्रयोग ककसी प्रयोग
त्तवशेष अथवा कायि त्तवशेष के सिंदिि में होता है |
४ डॉ. शशवेंद्र वमाि : प्रयोंमुलक हहिंदी से तात्पयि त्तवषयबद्ध एविं पररजस्थनतबद्ध हहिंदी िाषा रूप से है |
५ डॉ. महेंद्रशसिंह राणा : प्रयोजिमूलक हहिंदी से तात्पयि है – हहिंदी का वह प्र्युज्तपकि त्तवशशष्ट रूप जो
त्तवषयगत, िूशमकागत, सिंदििगत प्रयोजि के शलए त्तवशशष्ट िात्तषक सिंरचिा में प्रयु्त ककया जाता है और
जो प्रशासि, त्तवज्ञाि तथा प्रौद्योश्रगकी के अिेक त्तवश्रध क्षेत्रों का कथ्य को अशिव्यिंजजत करिे में सक्षम है |
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3. हहिंदी जैसे बोली जाती है , वैसे ही शलखी जाती है एक शास्त्रीय िाषा का यह
महत्वपूणि मािक है।
उसी प्रकार िाषा को हर व्यज्त अपिे अिुिव एवम ज्ञाि के अिुरूप समझाता
है।
मिोत्तवज्ञािी होवाडि गाडििर जी िे िाषा को त्तवशेष बुद्श्रध के रूप में मािा है।
आधुनिक शशक्षात्तवद िी िाषा के अब िए शसरे से पढ़ािे की बात मि रहे है। बहुत
बार देखा गया है की शब्दोंका स्वतिंत्र अजस्तत्व होिे के बावजूत , वशशष्ट सन्दिि
में उसके अथि बदल जाते है।
4. अिंग्रेजी में सेल - बेचिा , जेल , कोशशका ,कक्ष,कोठरी, बैटरी, कोजष्ठका, कोशाणु, खािा, खोह, मण्डप, रिंध्र,
गुट्ट, कोटर, बबल, गोदाम, तहखािा, छोटा कमरा, झोपड़ी, प्रकोष्ठ आहद शब्दोंका अथि निकलता है।
कौिसे स्थाि पर कौिसा अथि चुििा चाहहए इस ककये िाषा के प्रयोजि को सीखिा आवश्यक है।
हम हहिंदी का प्रयोग आम तौर पर साहहत्य रचिे के शलए करते है , लेककि आज का युग सम्प्रेषण का मि
जाता है। जब हम िाषा की बबिा अधूरे हो जाते है।
बेटा अपिे पररवार के शलए जो िाव है वह शब्दों में व्य्त करता है ,वैज्ञानिक अपिी अशमट खोज को शब्द
बद्ध करता है , कवी साहहत्य सागर के मोती अपिी रचिा में लाते है।
अत्तपतु दफ्तरों , कारखािों , प्रशासि एवम व्यवसाय करते समय के वल साहहजत्यक ही िहीिं बजल्क तकनिकी
िाषा का प्रयोग करिा पड़ता है।
इसी शलए बहुत से महात्तवद्यालयों एवम त्तवश्वत्तवद्यालयों में िाषा का कायाित्मक (फिं ्शिल) रूप पढ़ाया
जाता है , ताकक पाठक एक और साहहत्य से िाविाओिंको समझे उसी के साथ व्यवहार में दक्ष बिा रहे।
इसी की शरुवात प्रथम अिंग्रेजी में हुई और कफर धीरे धीरे वह हहिंदी में प्रयोजि मूलक हहिंदी के िाम से पढ़ाई
जािे लगी।
5. प्रयोजि मूलक हहिंदी -
त्तवशशष्ट हेतु के साथ हहिंदी िाषा को पढिा -
उश्रचत सन्दिि के साथ हहिंदी पढ़िा-
साहहत्य के अलावा दूसरे त्तवषय समझिे के शलए
रोजमराि के व्यावसानयक कायि करिे के शलए
दफ्तरों के कायों को समझिे के शलए
ब्लॉग लेखक रत्तवन्द्र कु मार खरे अपिे लेख में हहिंदी को उद्देश्य के अिुसार
१. सामान्य बोलचाल और व्यवहार की हहन्दी
२. साहहजत्यक हहन्दी
३. प्रयोजिमूलक हहन्दी
ऐसा त्तविाजजत करते है।
6. शशक्षात्तवद िी मातृ िाषा में शशक्षा का प्रोत्साहि देते है।
त्तवज्ञाििं एवम तकनिकी आज हहिंदुस्ताि के स्वतिंत्रता के ७० साल तक िी अिंग्रेजी में पढाये जाते
है।
आज सिंगणक क्षेत्र िी हहिंदी को अपिा चूका है , त्तवश्व हहिंदी सीखिे के शलए लालानयत है , तो
कफर हम ्यों ि हहिंदी में पत्र शलखे , शशक्षा का माध्यम हहिंदी चुिकर ज्ञाि - त्तवज्ञाििं - तकनिकी
को अपिी िाषा में पढ़े , समझे । अिुसन्धाि की िाषा अगर हहिंदी बि जाये तो इस क्षेत्र में
प्रगनत हो जाएगी। हमारे मोबाइल के व्हाट्स एप की िाषा हहिंदी बि जाय।
आज िाषा का जो प्रदूषण हो रहा है , कोई िी अपिी िाषा को शुद्धता से िहीिं बोल पा रहा है।
हहिंदी अिंग्रेजी के साथ या तो प्रदेश त्तवशेष की िाषा के साथ बोली जा रही है। इससे हहिंदी के सादगी
को खो सकते है।
िाषा में समय अिुरूप पररवतिि आते है लेककि उसमे निखार आिे के शलए प्रयोजि मूलक हहिंदी
प्रिावी ढिंग से व्यावसानयक , वैज्ञानिक , तकनिकी , सािंस्कृ नतक, दशिि , खेल , दूरदशिि , रेडडयो
प्रसारण में प्रयोग करिी चाहहए।
तिी तो हम अच्छे वैज्ञानिक , अशियिंता , वैज्ञानिक , अिुसिंधाता , व्यवसानयक , पेशेवर वकील
, निवेदक , कलाकार , िाषािंतरकार साहहजत्यक, आहद बिा पाएिंगे।
7. १. हहिंदी िाषा को वश्रधिष्णु बिािा
२. हहिंदी िाषा की उपयोश्रगता को बढ़ािा
३. राष्र िाषा के रूप में हहिंदी की स्थापिा करिा
४. हहिंदी को तकनिकी की िाषा बिािा
५. हहिंदी में ज्ञाि - त्तवज्ञाि को बढ़ावा देिा
६. हहिंदी िाषा में उच्च शशक्षा प्रदाि करिा
७. हहिंदी िाषा में अिुसन्धाि एविं त्तवकास योजिाएँ बिािा
८. िाषा प्रदुषण कम करिा
९. हहिंदी िाषा को व्यवहार में बिाए रखिा
१०. हहिंदी को जिमािस की िाषा बिािा
११. हहिंदी की प्रनतष्ठा बढ़ािा
8. १. राजिाषा और उससे सबिंद्ध क्षेत्र (कामकाजी क्षेत्र)
२. पत्रकाररता
३. िाव्य माध्यम
४. दूरदशिि और चलश्रचत्र
५. अिुवाद और उसके माध्यम के त्तवज्ञाि, तकिीक और व्यापार।
६. शशक्षा
७. अिुसन्धाि एविं निमािण कायि