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¹ãÆã.सहवता आ ेर
 पाररभाहिक शब्दावली या पररभािा कोश, "ग्लासरी" (glossary)
का प्रतिशब्द है। "ग्लासरी" मूलि: "ग्लॉस" शब्द से बना है। "ग्लॉस"
ग्रीक भाषा का glossa है तिसका प्रारंतभक अर्थ "वाणी" र्ा। बाद में
यह "भाषा" या "बोली" का वाचक हो गया। आगे चलकर इसमें और
भी अर्थपररविथन हुए और इसका प्रयोग तकसी भी प्रकार क
े शब्द
(पाररभातषक, सामान्य, क्षेत्रीय, प्राचीन, अप्रचतलि आतद) क
े तलए
होने लगा। ऐसे शब्दों का संग्रह ही "ग्लॉसरी" या "पररभाषा कोश" है।
 ज्ञान की तकसी तवशेष तवधा (कायथ क्षेत्र) में प्रयोग तकये िाने वाले
शब्दों की उनकी पररभाषा सतहि सूची पाररभाहिक
शब्दावली (glossary) या पाररभातषक शब्दकोश कहलािी है।
उदाहरण क
े तलये गतणि क
े अध्ययन में आने वाले शब्दों एवं उनकी
पररभाषा को गहित की पाररभाहिक शब्दावली कहिे हैं।
पाररभातषक शब्दों का प्रयोग ितिल तवचारों की अतभव्यक्ति को
सुचारु बनािा है।
 पाररभातषक शब्द तकसी तवशेष तवषय से संबंतधि िकनीकी शब्द होिे हैं| प्रत्येक
तवषय, िैसे कला, तवज्ञान, समाि, प्रशासन सातहत्य की अपनी तवतशष्ट शब्दावली
होिी है| उदाहरणस्वरूप तकसी एक शब्द का अर्थ सातहत्य में क
ु छ और हो
सकिा है, प्रशासन में क
ु छ और िर्ा वातणज्य में क
ु छ और संदभथ में उसका
प्रयोग तकया िा सकिा है|
 िैसे – issue
 ‘Issue’ शब्द वातणज्य में ‘िारी’ क
े तलए प्रयुि होिा है, प्रशासन में ‘नविाि
तशशु’ क
े तलए िर्ा रािनीतिक शब्दावली में ‘मुद्दा या मसला’ क
े रूप में प्रयोग
तकया िािा है|
 इन शब्दों की तवषय संबंधी एक तवशेष पररभाषा होिी है, इसतलए इन्हे
पाररभातषक शब्द कहा िािा है|
 िैसे – ‘रेक्तिि चैक’ (क्रासड चैक) का अर्थ होिा है, “वह चैक िो प्रस्तुिकिाथ क
े
िािे में ही िमा हो सकिा है| यह ‘रेक्तिि चैक’ की पररभाषा है|
 पाररभातषक शब्दों का तनमाथण यह तसद्ध करिा है तक वह भाषा अतधकातधक
वैज्ञातनक ज्ञान-तवज्ञान में प्रयुि हो रही है| तवकासशील समाि में नई िकनीक
ें
आिी हैं और उनसे िुडे पाररभातषक शब्द प्रचतलि होने लगिे हैं| पाररभातषक
शब्दावली का तववेचन भाषावैज्ञातनक और समाि भाषावैज्ञातनक दोनों स्तरों पर
संभव है|
पररभाषाएँ
 रैण्डम हाउस शब्दकोश क
े अनुसार, “तवतशष्ट तवषय, िैसे तवज्ञान
अर्वा कला, की िकनीकी अतभव्यक्ति क
े तलए तनतशचि तवतशष्ट
अर्थ में प्रयुि एक शब्द, अतधकांशि: कला का शब्द, पाररभातषक
शब्द कहलािा है|”
 गोपाल शमाथ क
े अनुसार “पाररभातषक शब्द वह होिा है िो तकसी
ज्ञान तवशेष क
े क्षेत्र में एक तनतशचि अर्थ में प्रयुि होिा हो िर्ा
तिसका अर्थ एक पररभाषा द्वारा क्तथर्र तकया गया हो |”
 भोलानार् तिवारी क
े अनुसार “पाररभातषक शब्द ऐसे शब्दों को
कहिे हैं िो रसायन, भौतिकी, दशथन, रािनीति आतद तवतभन्न तवज्ञानों
या शास्त्ों क
े शब्द होिे हैं िर्ा िो अपने-अपने क्षेत्र में तवतशष्ट अर्थ में
सुतनतिि रूप से पररभातषि होिे हैं | अर्थ और प्रयोग की दृतष्ट से
तनतिि रूप से पररभातषि होने क
े कारण ही ये शब्द पाररभातषक
शब्द कहे िािे हैं”|
 इस प्रकार कहा िा सकिा है तक पाररभातषक शब्द वे शब्द हैं िो
तकसी तवतशष्ट तवषय से संबंतधि होिे हैं और उस तवषय क
े शब्दों को
पररभातषि करिे हैं|
पाररभाहिक शब्दावली की हवशेिताएँ :-
(1)पाररभाहिक शब्द अहभधात्मक ोते ैं :-
पाररभाहिक शब्द लक्षिा और व्यिंजना शैली में न ीिं ोते ैं| य शब्द हविय हवशेि से जुडे ोते ैं
अत: उनक
े अर्थ उसी हविय को ध्यान में रखकर प्रयुक्त हकए जाते ैं| उदा रि स्वरूप ‘गधा’ शब्द
सामान्य रूप से लाक्षहिक अर्थ में हकसी मूखथ व्यक्तक्त क
े हलए प्रयुक्त ोगा परिंतु प्राहिहवज्ञान में
इसका अर्थ ‘पशु’ हवशेि का ी सूचक ोगा|
(2) य हविय सापेक्ष ोते ैं :-
प्रत्येक पाररभाहिक शब्द हकसी न हकसी शास्त्र, व्यव ाररक क्षेत्र अर्वा हवज्ञान शाखा से जुडे ोते ैं
और उस हविय क्षेत्र क
े सिंदभथ में ी उसका अर्थ हनहशचत ोता ै| पाररभाहिक शब्दोिं की बा री
सरिंचना से जो अर्थ हमलता ै उससे क ीिं ज्यादा अर्थ तकनीकी पररभािा में हनह त ोता ै|
(3) पाररभाहिक शब्दोिं क
े अर्थ रूढ़ ो जाते ैं :-
पाररभाहिक शब्द हविय क्षेत्र में व्यव ार में बने र ते ैं और अभीष्ट तकनीकी अर्ों में रूढ़ ो जाते
ैं| जो शब्द व्यव ार और प्रचलन में न ीिं आ पाते वे हनरर्थक बनकर र जाते ैं| उदा रि स्वरूप
‘रेलगाडी’ क
े हलए ‘लो पर्गाहमनी’ शब्द प्रचहलत न ीिं ो सका, इसक
े हलए ‘रेलगाडी’ ी रूढ़ ो
गया ै|
 तवशेषिाए
(4) पाररभातषक शब्दों क
े अर्ों का सूक्ष्मीकरण करिे हैं :-
पाररभातषक शब्दों क
े अर्थ तकसी ज्ञान-शािा तवशेष से िुडे होने क
े कारण
अर्थ को सीतमि या सूक्ष्म बनािे हैं| िकनीकी भाषा में मूलि: गूढ या क
ू ि
शब्द, सूत्र, रेिातचत्र, प्रिीक, संक
े िाक्षर, तवतशष्ट तचह्न आतद इसी
सूक्ष्मीकरण क
े उदाहरण है| यतद तकरण (ray), तकरणपुंि (Beam)
और तवतकरण (Radiation) में भी ित्ों क
े आधार पर अंिर तकया िािा
है|
(5) पाररभातषक शब्दों का अर्थ स्पष्ट और सुतनतिि होिा है :-
पाररभातषक शब्द तवषय में स्पष्ट और सुतनतिि अर्थ की अतभव्यक्ति करिे
हैं| उदाहरणस्वरूप-
‘Account’ – ‘िािा’
‘Allowance’ – भत्ता
‘Appointment’ – तनयुक्ति
‘Circular’ – पररपत्र आतद |
6) पाररभाहिक शब्द एकरूपता लाते ैं :-
सरलता और बोधगम्यता की दृहष्ट से समान श्रेिी क
े पाररभाहिक शब्दोिं में
एकरूपता ोना आवश्यक ै| असमान और पयाथयवाची शब्दोिं क
े प्रयोग को
इसमें स्र्ान न ी हदया जाए तो बे तर ोता ै|
(7) पाररभाहिक शब्दोिं क
े स्वतिंत्र अर्थ ोते ैं :-
पाररभाहिक शब्दोिं में प्रत्येक शब्द का स्वतिंत्र अक्तित्व ोना चाह ए| सार् ी इन
शब्दोिं में इस तर की सरिंचना ो हक उनमें उपसगथ या प्रत्यय जोडकर एक नए
शब्द का हनमाथि कर हलया जाए|
(8) पाररभाहिक शब्द अल्पाक्षर ोने चाह ए :-
पाररभाहिक शब्द अल्पाक्षर ोने चाह ए ताहक शब्द का उच्चारि प्रयोक्ता उसे
सरलता से प्रयोग कर सक
े | एक सिंकल्पना या हविय क
े शब्द को एक ी अर्थ
का पररचालक ोना चाह ए| हजतना शब्द छोटा ोगा उतना ी व्यव ाररक ोता
जाएगा|
तवशेषिाएँ
 (9) क
ु छ पाररभाहिक शब्द पूिथ पाररभाहिक और क
ु छ
अर्द्थ- पाररभाहिक ोते ैं :-
 ‘अणु’ परमाणु, िीनस, स्वतनम रूतपम िैसे शब्द तवज्ञान में
पूणथ पाररभातषि है| इसक
े तवपरीि ‘प्रिािन्त्र’ ‘अतधसूचना’,
िेंडर आतद शब्द अद्धथ- पाररभातषक हैं| इसक
े अतिररि
क
ु छ ऐसे शब्द भी हैं िो पूणथ पाररभातषि, अद्धथ-
पाररभातषक क
े सार्-सार् सामान्य श्रेणी क
े भी हैं िैसे –
‘स्पीकर’
 सामान्य अर्थ में ‘स्पीकर’ अर्ाथि विा |
 पूणथ पाररभातषक रूप में ‘लोकसभा स्पीकर’ िर्ा अद्धथ-
िकनीकी अर्थ में ‘लाउड-स्पीकर’ शब्द होगा|

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  • 3.  पाररभाहिक शब्दावली या पररभािा कोश, "ग्लासरी" (glossary) का प्रतिशब्द है। "ग्लासरी" मूलि: "ग्लॉस" शब्द से बना है। "ग्लॉस" ग्रीक भाषा का glossa है तिसका प्रारंतभक अर्थ "वाणी" र्ा। बाद में यह "भाषा" या "बोली" का वाचक हो गया। आगे चलकर इसमें और भी अर्थपररविथन हुए और इसका प्रयोग तकसी भी प्रकार क े शब्द (पाररभातषक, सामान्य, क्षेत्रीय, प्राचीन, अप्रचतलि आतद) क े तलए होने लगा। ऐसे शब्दों का संग्रह ही "ग्लॉसरी" या "पररभाषा कोश" है।  ज्ञान की तकसी तवशेष तवधा (कायथ क्षेत्र) में प्रयोग तकये िाने वाले शब्दों की उनकी पररभाषा सतहि सूची पाररभाहिक शब्दावली (glossary) या पाररभातषक शब्दकोश कहलािी है। उदाहरण क े तलये गतणि क े अध्ययन में आने वाले शब्दों एवं उनकी पररभाषा को गहित की पाररभाहिक शब्दावली कहिे हैं। पाररभातषक शब्दों का प्रयोग ितिल तवचारों की अतभव्यक्ति को सुचारु बनािा है।
  • 4.  पाररभातषक शब्द तकसी तवशेष तवषय से संबंतधि िकनीकी शब्द होिे हैं| प्रत्येक तवषय, िैसे कला, तवज्ञान, समाि, प्रशासन सातहत्य की अपनी तवतशष्ट शब्दावली होिी है| उदाहरणस्वरूप तकसी एक शब्द का अर्थ सातहत्य में क ु छ और हो सकिा है, प्रशासन में क ु छ और िर्ा वातणज्य में क ु छ और संदभथ में उसका प्रयोग तकया िा सकिा है|  िैसे – issue  ‘Issue’ शब्द वातणज्य में ‘िारी’ क े तलए प्रयुि होिा है, प्रशासन में ‘नविाि तशशु’ क े तलए िर्ा रािनीतिक शब्दावली में ‘मुद्दा या मसला’ क े रूप में प्रयोग तकया िािा है|  इन शब्दों की तवषय संबंधी एक तवशेष पररभाषा होिी है, इसतलए इन्हे पाररभातषक शब्द कहा िािा है|  िैसे – ‘रेक्तिि चैक’ (क्रासड चैक) का अर्थ होिा है, “वह चैक िो प्रस्तुिकिाथ क े िािे में ही िमा हो सकिा है| यह ‘रेक्तिि चैक’ की पररभाषा है|  पाररभातषक शब्दों का तनमाथण यह तसद्ध करिा है तक वह भाषा अतधकातधक वैज्ञातनक ज्ञान-तवज्ञान में प्रयुि हो रही है| तवकासशील समाि में नई िकनीक ें आिी हैं और उनसे िुडे पाररभातषक शब्द प्रचतलि होने लगिे हैं| पाररभातषक शब्दावली का तववेचन भाषावैज्ञातनक और समाि भाषावैज्ञातनक दोनों स्तरों पर संभव है|
  • 5. पररभाषाएँ  रैण्डम हाउस शब्दकोश क े अनुसार, “तवतशष्ट तवषय, िैसे तवज्ञान अर्वा कला, की िकनीकी अतभव्यक्ति क े तलए तनतशचि तवतशष्ट अर्थ में प्रयुि एक शब्द, अतधकांशि: कला का शब्द, पाररभातषक शब्द कहलािा है|”  गोपाल शमाथ क े अनुसार “पाररभातषक शब्द वह होिा है िो तकसी ज्ञान तवशेष क े क्षेत्र में एक तनतशचि अर्थ में प्रयुि होिा हो िर्ा तिसका अर्थ एक पररभाषा द्वारा क्तथर्र तकया गया हो |”  भोलानार् तिवारी क े अनुसार “पाररभातषक शब्द ऐसे शब्दों को कहिे हैं िो रसायन, भौतिकी, दशथन, रािनीति आतद तवतभन्न तवज्ञानों या शास्त्ों क े शब्द होिे हैं िर्ा िो अपने-अपने क्षेत्र में तवतशष्ट अर्थ में सुतनतिि रूप से पररभातषि होिे हैं | अर्थ और प्रयोग की दृतष्ट से तनतिि रूप से पररभातषि होने क े कारण ही ये शब्द पाररभातषक शब्द कहे िािे हैं”|  इस प्रकार कहा िा सकिा है तक पाररभातषक शब्द वे शब्द हैं िो तकसी तवतशष्ट तवषय से संबंतधि होिे हैं और उस तवषय क े शब्दों को पररभातषि करिे हैं|
  • 6. पाररभाहिक शब्दावली की हवशेिताएँ :- (1)पाररभाहिक शब्द अहभधात्मक ोते ैं :- पाररभाहिक शब्द लक्षिा और व्यिंजना शैली में न ीिं ोते ैं| य शब्द हविय हवशेि से जुडे ोते ैं अत: उनक े अर्थ उसी हविय को ध्यान में रखकर प्रयुक्त हकए जाते ैं| उदा रि स्वरूप ‘गधा’ शब्द सामान्य रूप से लाक्षहिक अर्थ में हकसी मूखथ व्यक्तक्त क े हलए प्रयुक्त ोगा परिंतु प्राहिहवज्ञान में इसका अर्थ ‘पशु’ हवशेि का ी सूचक ोगा| (2) य हविय सापेक्ष ोते ैं :- प्रत्येक पाररभाहिक शब्द हकसी न हकसी शास्त्र, व्यव ाररक क्षेत्र अर्वा हवज्ञान शाखा से जुडे ोते ैं और उस हविय क्षेत्र क े सिंदभथ में ी उसका अर्थ हनहशचत ोता ै| पाररभाहिक शब्दोिं की बा री सरिंचना से जो अर्थ हमलता ै उससे क ीिं ज्यादा अर्थ तकनीकी पररभािा में हनह त ोता ै| (3) पाररभाहिक शब्दोिं क े अर्थ रूढ़ ो जाते ैं :- पाररभाहिक शब्द हविय क्षेत्र में व्यव ार में बने र ते ैं और अभीष्ट तकनीकी अर्ों में रूढ़ ो जाते ैं| जो शब्द व्यव ार और प्रचलन में न ीिं आ पाते वे हनरर्थक बनकर र जाते ैं| उदा रि स्वरूप ‘रेलगाडी’ क े हलए ‘लो पर्गाहमनी’ शब्द प्रचहलत न ीिं ो सका, इसक े हलए ‘रेलगाडी’ ी रूढ़ ो गया ै|  तवशेषिाए
  • 7. (4) पाररभातषक शब्दों क े अर्ों का सूक्ष्मीकरण करिे हैं :- पाररभातषक शब्दों क े अर्थ तकसी ज्ञान-शािा तवशेष से िुडे होने क े कारण अर्थ को सीतमि या सूक्ष्म बनािे हैं| िकनीकी भाषा में मूलि: गूढ या क ू ि शब्द, सूत्र, रेिातचत्र, प्रिीक, संक े िाक्षर, तवतशष्ट तचह्न आतद इसी सूक्ष्मीकरण क े उदाहरण है| यतद तकरण (ray), तकरणपुंि (Beam) और तवतकरण (Radiation) में भी ित्ों क े आधार पर अंिर तकया िािा है| (5) पाररभातषक शब्दों का अर्थ स्पष्ट और सुतनतिि होिा है :- पाररभातषक शब्द तवषय में स्पष्ट और सुतनतिि अर्थ की अतभव्यक्ति करिे हैं| उदाहरणस्वरूप- ‘Account’ – ‘िािा’ ‘Allowance’ – भत्ता ‘Appointment’ – तनयुक्ति ‘Circular’ – पररपत्र आतद |
  • 8. 6) पाररभाहिक शब्द एकरूपता लाते ैं :- सरलता और बोधगम्यता की दृहष्ट से समान श्रेिी क े पाररभाहिक शब्दोिं में एकरूपता ोना आवश्यक ै| असमान और पयाथयवाची शब्दोिं क े प्रयोग को इसमें स्र्ान न ी हदया जाए तो बे तर ोता ै| (7) पाररभाहिक शब्दोिं क े स्वतिंत्र अर्थ ोते ैं :- पाररभाहिक शब्दोिं में प्रत्येक शब्द का स्वतिंत्र अक्तित्व ोना चाह ए| सार् ी इन शब्दोिं में इस तर की सरिंचना ो हक उनमें उपसगथ या प्रत्यय जोडकर एक नए शब्द का हनमाथि कर हलया जाए| (8) पाररभाहिक शब्द अल्पाक्षर ोने चाह ए :- पाररभाहिक शब्द अल्पाक्षर ोने चाह ए ताहक शब्द का उच्चारि प्रयोक्ता उसे सरलता से प्रयोग कर सक े | एक सिंकल्पना या हविय क े शब्द को एक ी अर्थ का पररचालक ोना चाह ए| हजतना शब्द छोटा ोगा उतना ी व्यव ाररक ोता जाएगा| तवशेषिाएँ
  • 9.  (9) क ु छ पाररभाहिक शब्द पूिथ पाररभाहिक और क ु छ अर्द्थ- पाररभाहिक ोते ैं :-  ‘अणु’ परमाणु, िीनस, स्वतनम रूतपम िैसे शब्द तवज्ञान में पूणथ पाररभातषि है| इसक े तवपरीि ‘प्रिािन्त्र’ ‘अतधसूचना’, िेंडर आतद शब्द अद्धथ- पाररभातषक हैं| इसक े अतिररि क ु छ ऐसे शब्द भी हैं िो पूणथ पाररभातषि, अद्धथ- पाररभातषक क े सार्-सार् सामान्य श्रेणी क े भी हैं िैसे – ‘स्पीकर’  सामान्य अर्थ में ‘स्पीकर’ अर्ाथि विा |  पूणथ पाररभातषक रूप में ‘लोकसभा स्पीकर’ िर्ा अद्धथ- िकनीकी अर्थ में ‘लाउड-स्पीकर’ शब्द होगा|