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​ ​आर. एच . टॉनी क
े राजनी तक वचार
[1880-1962]
वारा- डॉ टर ममता उपा याय
एसो सएट ोफ
े सर, राजनी त व ान
क
ु मार मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय, बादलपुर, गौतम बुध नगर
उ दे य-
● आर. एच . टॉनी क
े वचार क
े संदभ म पूंजीवाद औ यो गक समाज का व लेषण
● नै तक या इसाई समाजवाद क धारणा का ान
● मा सवाद समाजवाद एवं नै तक समाजवाद का तुलना मक व लेषण
● टोनी क
े वचार क
े संदभ म समाजवाद समाज क
े व प का व लेषण
● समसाम यक नव उदारवाद समाज क वृ य क
े संदभ म एक याय पूण
समाज व रा य यव था क
े वकास क
े न म चंतन को ो सा हत करना
आर. एच . टॉनी बीसवीं शता द क
े अं ेज आ थक इ तहासकार, समाज यव था क
े
आलोचक,मह वपूण श ा वद , नै तक समाजवाद दाश नक है ,िजनक
े वचार ने
समसाम यक राजनी तक सामािजक और शै क जीवन क
े इ तहास को न मत करने म
भावी भू मका नभाई है। टॉनी क इ तहास संबंधी रचनाएं मानव स यता क
े आ थक
इ तहास म उनक नै तक तब धता को दशाती ह। उनक च मै स वेबर वारा
तपा दत इस स धांत म भी थी क ‘’ ोटे टट धम ने पूंजीवाद क
े वकास म योगदान
दया है। ‘’ उनका यह व वास क 17 वीं शता द म इं लड म गृह यु ध को ज म देने म
आम जनता क अहम भू मका थी, 1940 -50 क
े दशक म इस वषय पर होने वाले वाद
ववाद को ो सा हत कया, िजसे ‘ टॉम ओवर द ज ’ क
े नाम से जाना जाता है। टोनी
एक स धांत कार होने क
े साथ-साथ एक भावी राजनी त भी थे। ए यन हेि टंगस ने
लखा है, ‘’ मह वपूण काशन क सूची क
े पीछे ऐसे यि त का मि त क संल न है
िजसने सरकार को, मजदूर आंदोलन को, चच को और श क समुदाय को एक ऐसे नए
समाज क थापना क दशा म अथक प से नद शत कया जो एक साथ ह पूणतः
जनतां क, समाजवाद और ईसाई धम क
े व वास क
े अनु प हो । बु धजी वय क
े
श द म कहा जाए तो यह संदेहा पद ह है क उनक
े समय क पीढ़ म उनक
े समान ऐसा
कोई यि त होगा िजसने टश समाज क
े वकास को इतनी मुखता क
े साथ भा वत
कया। ‘’ बत रश वेब ने उ हे ‘समाजवाद का संत’ कहा है ।
जीवन एवं यि त व-
30 नवंबर 1880 को टश भारत क
े कोलकाता शहर म ज मे टॉनी सं कृ त क
े व वान
चा स हेनर टॉनी क
े पु थे। र बी क
ू ल म श ा ा त करने क
े बाद टॉनी ने ऑ सफोड
क
े बै लयोल कॉलेज म आधु नक इ तहास का अ ययन कया। समाज सेवा क
े नै तक
मू य क
े त कॉलेज क तब धता ने उनक
े अंदर सामािजक उ रदा य व क भावना
का वकास कया । अपने म व लयम बेव रज क
े साथ टॉयनबी हॉल जो उस समय
‘वकस एजुक
े शनल एसो सएशन’ का कायालय था, मे नवास करते हुए उ ह ने अनुभव
कया क गर ब क
े लए सामािजक याय ा त करने हेतु दान से अिजत संप अपया त
है और इस दशा म मह वपूण संरचना मक प रवतन क आव यकता है। वकस
एजुक
े शनल एसो सएशन म यूटर क
े प म क
ु छ समय तक काय करने क
े बाद टॉनी ने
ला गो यू नव सट म अथशा क
े व ता क
े प म अंशका लक नयुि त ा त क ।
एसो सएशन क
े मा यम से टोनी को बुनकर , म ट क
े बतन का नमाण करने वाले
क
ु हार , खदान मजदूर और इंजी नयस क
े म य काय करने का अनुभव ा त हुआ और
राजनी त व ान एवं अथशा क सम याओं को समझने का अवसर मला, जो मा
कताब से नह ं समझी जा सकती थी।
टॉनी ईसाई धमावलंबी थे, कं तु इसाई धम क
े त अपनी आ था को उ ह ने
अपने नजी जीवन तक सी मत रखा। थम व व यु ध क
े समय उ ह ने सेना म अपनी
सेवा द कं तु अपने राजनी तक व वास क
े कारण पुनः वकस एजुक
े शनल एसो सएशन
म लौट आए । सामािजक याय क ाि त क
े लए उ ह ने अथ पूण सामािजक, आ थक व
राजनी तक प रवतन क त काल आव यकता अनुभव क । 1918 म उ ह ने
‘ ि चय नट एंड इंडि यल ॉ ल स’, फ थ रपोट क रचना क जो समाजवाद म
उनक च को दशाती है। यह रपोट यु ध र काल क
े समाजवाद चंतन का आधार
बनी। 1917 से 1931 तक ‘लंदन क
ू ल ऑफ़ इकोनॉ म स’ मे उ ह ने या याता क
े प
म काय कया और 1926 म ‘इकोना मक ह सोसाइट ’ क
े गठन म व लयम फ
ै सले क
े
साथ मलकर योगदान दया तथा इसक
े वारा का शत शोध प का ‘ द इकोनॉ मक
ह र यू’ क
े संयु त संपादक बने। अवकाश ाि त तक ‘लंदन क
ू ल ऑफ़
इकोनॉ म स’ म कायरत रहने क
े बाद 1949 म वे इसक
े एमे रटस ोफ
े सर बने।
ऑ सफोड, मैनचे टर, ब मघम, शेफ ड, लंदन, शकागो ,मेलबॉन और पे रस
व व व यालय ने उ ह डॉ टरेट क मानद उपा ध दान क ।
1906 मे टोनी ने ‘ फ
े बयन सोसाइट ’ क सद यता ा त क और 1921 से लेकर
1933 तक इसक
े कायकार सद य क
े प म चुने गए। 1918 म लेबर पाट मूवीका
सद य बनने क
े बाद तीन बार कॉम स सभा क
े चुनाव म उ मीदवार क
े प म खड़े हुए
,हालां क वे चुनाव जीत नह ं सक
े । उ योग और श ा से संबं धत कई सरकार सं थान
म उ ह ने भागीदार नभाई एवं मह वपूण सुझाव दए । 16 जनवर , 1962 को लंदन म
उनक मृ यु हुई।
रचनाएं -
1. ए े रयन ॉ लम इन द 16 सचुर [ 1912 ]
2. रल जन एंड द राइज ऑफ़ क
ै पट ल म [ 1926 ]
3. एि विज टव सोसायट [ 1920 ]
4. इ वा लट
5. सेकडर एजुक
े शन फॉर ऑल[ 1922]
6. लेबर एंड द नेशन [ 1928 ]
7. एजुक
े शन; द सोश ल ट पॉ लसी [ 1924 ]
8. लड एंड लेबर इन चाइना [ 1932 ]
9. रे डकल ेडीशन;12 एसेज ऑन पॉ ल ट स,
​ राजनी तक वचार
1. सामािजक आलोचना-
अपनी दो मह वपूण पु तक ‘ एि विज टव सोसाइट ’ और ‘ इ वा लट ’ म टॉनी ने
त काल न पूंजीवाद समाज क भावी आलोचना तुत क है और उसक वाथ परक
यि तवाद वृ को घातक बताया है । सो क
े समान उ ह ने भी पूंजीवाद क
उपभो तावाद वृ त क
े कारण उसक आलोचना क और यह तपा दत कया क यह
वृ समाज म यि त को ट बनाती है ।टॉनी ने न नां कत आधार पर आधु नक
पूंजीवाद समाज क आलोचना क है -
● पूंजीवाद बना सामािजक दा य व क
े आ थक शि त को ो सा हत करता है । यह
यि त को अ धका धक संप अिजत करने क दौड़ मे इतना अ धक त पध
एवं आ म क त बना देता है क यि त यह भूल जाता है क वह एक सामािजक
ाणी है , उसक
े यि त व क
े नमाण मे समाज का भी योगदान है , प रणामतः
वह समाज क
े त अपने दा य व को नजरंदाज करने लगता है। पूंजीवाद
अथ यव था क इस कमी को दूर करते हुए आज क
े नाव उदारवाद समाज मे
उ योगप तय क
े सामािजक दा य व कानून बनाकर नि चत कये जा रहे ह ।
● टॉनी ने पूंजीवाद क
े इस ि टकोण क भी आलोचना क क यि तय क
े म य
यो यता संबंधी असमानता ाकृ तक और यायो चत है। इसक
े थान पर उ ह ने
तक दया क एक समतावाद समाज म यो यताओं क व भ नता को सामा य
हत क ाि त क ि ट से ो सा हत कया जाना चा हए। यो यताओं क
भ नता का लाभ पूरे समाज को मलना चा हए।
● पूंजीवाद यव था म नै तक ि ट से भी कमी दखाई देती है, य क यह
आ थक समृ ध क ाि त क
े लए यि त को यि त क
े शोषण का मा यम
बनाकर मानवीय संबंध को ट बनाती है। टोनी क
े श द म,’’ पूंजीवाद यव था
म धन एवं सफलता क ाि त एक दै य क
े प म है िजसक
े उपि थ त हमारे
दल और दमाग स हत सभी थान पर है, समाजवा दय को इन े म अपनी
पकड़ मजबूत बनानी है। ‘’
एक इसाई समाजवाद क
े प म टोनी ने तपा दत कया क पूंजीवाद यव था समाज
म धनी और नधन दोन वग म लालच क
े भाव को बढ़ाती है, िजसे पूरा करने क
े लए
दोन ह वग क
े लोग ट एवं अनै तक साधन का सहारा लेते ह। यापार वग क
े वारा
क जाने वाल मलावट खोर , जमाखोर , र वतखोर एवं नधन वग क
े वारा इनका
वरोध न कर आ थक समृ ध क
े नधा रत तर को ा त करने क
े लए उस म भागीदार
बन जाना इसक
े उदाहरण है। उ लेखनीय है क ईसाई धम क मा यताओं क
े अनुसार
लालच करना एक पाप है और पूंजीवाद समाज इस लालच को ो सा हत कर पाप को
ो सा हत करता है।
प ट है काल मा स और एंजे स म जहां पूंजीवाद क आलोचना उसक
े शोषणकार
व प और आ थक वषमता को ो सा हत करने क
े कारण क है, वह टोनी ने नै तक
आधार पर इसक आलोचना क है।
2. समाजवाद समाज क प रक पना-
पूंजीवाद समाज क
े आलोचक होने क
े साथ-साथ टॉनी एक समतापूण समाज क
थापना का ल य रखते ह। इ तहास कार िजयो े फ
ू टे ने टोनी क
े समाजवाद वचार म
प रवतन को इं गत कया है। उनक ि ट म 1921 म टोनी का झुकाव ेणी समाजवाद
क तरफ था, िजसक
े अंतगत औ यो गक मक क छोट -छोट े णयां बनाकर उन क
े
मा यम से उ योग पर मजदूर क
े नयं ण क थापना क बात कह गई, तो वह 1928
तक वे वैि वक समाजवाद क
े आलोचक बन गए और 1950 तक आते-आते एक संशोधन
वाद समाजवाद क
े प म दखाई देते ह। फ
ू टे यह भी मानते ह क टॉनी ने कसी वशेष
कार क राजनी तक ि थ त से बचते हुए एक सहज समाजवाद दशन तुत कया ।
ऑ सफ़ोड ड शनर ऑफ बायो ाफ क
े पूव संपादक गो डमैन क भी
मा यता है क टॉनी क
े समाजवाद वचार म 1919 क
े बाद एक मोड़ आया। इससे पूव
टॉनी लोग को ता कक आधार पर और रजामंद क
े आधार पर समाजवाद क तरफ
आक षत करने पर जोर देते थे। 1919 क
े बाद उनका जोर रा य नयं त समाजवाद पर
हो गया, िजसक
े अंतगत बल पूवक समाजवाद लाने का समथन कया गया। मु य जोर
उ योग क
े वा म व और साझेदार पर हो गया। गो डमैन इसे ‘दो टॉनी’ क
े प म देखते
ह और ाथ मक वचार वाले टॉनी को वा त वक टॉनी मानते ह, िजसका समाजवाद
नै तक और आ याि मक मा यताओं पर आधा रत था और िजसने अपने वचार क
े
अनुसार मक को श त कयाऔर इस बात पर जोर दया क मक और
उ योगप तय क
े आपसी सहयोग और सेवा क भावना क
े आधार पर ग ठत समुदाय का
वकास कर समाज का पुनगठन और सुधार कया जाना चा हए। टोनी क
े अनुसार
समाजवाद का संबंध मानवीय यवहार से है और इसी लए उ ह ने मा सवाद क
े आ थक
न चयवाद को अ वीकार कया। उनका तक था क आ थक वशेषा धकार इस लए नह ं
समा त कए जाने चा हए य क इससे संप क
े वकास म बाधा पहुंचती है, बि क इसे
समा त कया जाना चा हए क इससे समाज म धूतता को बढ़ावा मलता है। नजी
संप को बढ़ाने क चाह म यि त अनै तक साधन का योग करने लगता है, िजसका
अनुकरण नधन वग क
े लोग भी करने लगते ह और पूरे समाज म टाचार या त हो
जाता है। जी. ई. अलमर क
े अनुसार ,’’ टोनी म से पहले एक ईसाई, फर जातं वाद
और त प चात एक समाजवाद थे। ‘’ टॉनी क पु तक
े ‘एि विज टव सोसाइट ’ और ‘द
इ वा लट ’ उनक
े समाजवाद वचार म प रवतन क योतक ह । इन पु तक म उनका
मु य जोर समाज क
े अ भजन वग पर क
ु ठाराघात करने पर है, न क समाज क
े कमजोर
वग क
े उ थान पर। यह तक दया जाता है क बाद वाले टॉनी यादा यथाथवाद ह, कं तु
गो डमैन यह मानते ह क ‘’ युवा टॉ नी मौ लक वचारक ह और वे दल से समाजवाद
ह, न क दमाग से। ‘’ सं ेप म समाजवाद समाज क थापना क
े वषय म टोनी क
े
वचार का सार न नां कत बंदुओं म तुत कया जा सकता है-
● याय एवं समानता पर आधा रत समाज पूंजीवाद समाज क बुराइय से मु त
होगा। ऐसे समाज को ह आदश मानते हुए काय कया जाना चा हए।
● समाजवाद समाज मा स क
े समान आ थक समानता पर आधा रत समाज ह
नह ं होगा, बि क उ योगप तय और मक क
े आपसी सहयोग और स भावना
पर आधा रत होगा।
● समाजवाद समाज क थापना हंसक ां त क
े मा यम से नह ं बि क मक
सुधारो एवं शोषणकार प रि थ तय पर धीरे-धीरे नयं ण था पत करक
े क जा
सकती है।
● मा सवाद वचारधारा क
े वपर त टोनी समाजवाद समाज म रा य क
अनुपि थ त क अपे ा नह ं करते, बि क रा य क
े नेतृ व म संप क
े सामू हक
वा म व क थापना पर जोर देते ह। वशेषकर अपने जीवन क
े उ राध काल म
टॉनी समाजवाद क थापना क
े लए इसी रणनी त पर जोर देते ह।
● ेणी समाज वा दय क तरह टोनी यह तपा दत करते ह क समाज म
औ यो गक े णय का वकास कया जाना चा हए, िजसम उ योगप तय क
े
साथ मक क भी भागीदार हो, ता क उ योग पर नयं ण कार शि त मक
को भी ा त हो सक
े । ऐसे नयं ण क
े मा यम से वे अ याय और शोषण क
ि थ तय से बचने म सफल ह गे।
● ले नन क समाजवाद धारणा िजसम दल क
े नेतृ व म ां त क
े मा यम से रा य
यव था पर मजदूर का एका धकार था पत कर रा य वारा समानता आरो पत
कए जाने क बात कह गई है, टोनी एक पता क
े थान पर समाज म
व भ नताओं को ो सा हत करने पर जोर देते ह, य क भ न- भ न ने
यो यताओं और गुण से ह समाज का वकास होता है, कं तु ऐसी व भ न ताओं
को ो सा हत करने का ल य अ धका धक लोक क याण क साधना होनी
चा हए। प ट है क टॉनी ने वतं ता और समानता क
े म य सामंज य था पत
करने का सुझाव दया है। वे न तो उदार वा दय क तरह पूणतः वतं ता क
े
समथक ह और न ह मा सवाद क
े समान पूण समानता क
े ।
● टॉनी का समाजवाद आ थक समाजवाद न होकर, नै तक समाजवाद है जो समाज
का पुनगठन ईसाई धम क
े नै तक मू य क
े आधार पर करना चाहता है।
3. श ा मे सुधार का समथन-
उ च श ा क
े वषय म टॉनी क
े वचार और उनक
े सुधारा मक उपाय क
े वषय म लोग
को अपे ाकृ त कम जानकार है, कं तु यह एक त य है क अपने जीवन क
े उ राध म
टॉनी ने वयं को श ा क
े े म सुधार क
े लए सम पत कया। वशेषकर मा य मक
श ा क
े े म सुधार पर टॉ नी वारा जोर दया गया। अनेक शै णक संगठन क
े
सद य क
े प म इनक
े वारा मह वपूण सुझाव श ा क
े े म सुधार क
े लए दए गए
। वकस एसो सएशन म श ा दान करते समय टॉनी ने यह अनुभव कया क टेन मे
मा य मक श ा का तर अ यंत खराब है, अतः थम महायु ध क
े बाद उ ह ने अपना
पूरा समय श ा क
े ढांचे को पूण बनाने म लगा दया । इं लड म च लत श ा क
े
तर य ढांचे [ ामर क
ू ल,टेि नकल सेकडर क
ू ल, सेकडर मॉडन क
ू ल] को
अ भजनवाद मानते हुए टॉनी ने उसम न न ल खत सुधार क
े सुझाव दए।
1. मा य मक श ा सभी क
े लए अ नवाय बनाई जाए।
2. रा य वारा नशु क मा य मक श ा क यव था क जाए।
3. थानीय आव यकताओं और वशेषताओं को यान म रखते हुए क
ू ल क
े व प म
भ नता लाई जाए, कं तु यह भ नता समाज म वग वभाजन को ो सा हत करने
वाल नह ं होनी चा हए।
ारंभ म अ नवाय नशु क श ा क
े वचार को रा य क
े लए अ धक खच ला बताते हुए
अ वीकार कया गया, कं तु टेन म मजदूर दल क
े वारा अपने एजडा म थान दया
गया और आगे चलकर शै णक नी तय का नधारण इन सुझाव क
े आधार पर कया
गया।
References and suggested Reading
1. Alasdair Macintyre,The Socialism of R. H. Tawney, The New
York Review,July 30,1964
2. biography,​www.britannica.com
3. Ross Terrill,R. H.Tawneyand His Times,Harvard University
Press,1973
4. The Life OF R. H. Tawney;Socialism and History/ Reviews In
History dx.doi.org
न-
नबंधा मक-
1. आर.एच. टॉनी एक नै तक समाजवाद ह, ववेचना क िजए।
2. पूंजीवाद समाज क
े वषय म टोनी वारा तुत क गई आलोचना का मू यांकन
क िजए।
3. श ा यव था क
े संबंध म टोनी क
े वारा दए गए सुझाव क ववेचना क िजए।
व तु न ठ न-
1. टोनी क
े वारा पूंजीवाद समाज क आलोचना कस आधार पर क गई है।
[ अ ] आ थक [ ब ] सामािजक [ स ] नै तक [ द ] राजनी तक
2. टॉनी क
े वारा पूंजीवाद क
े वकास क
े लए कसे उ रदाई बताया गया।
[ अ ] ईसाई धम [ ब ] ोटे टट धम [ स ] औ यो गक ां त [ द ] उपयु त सभी को।
3. न न ल खत म से कस संगठन क
े साथ टोनी का घ न ठ संबंध रहा है।
[ अ ] वकस एजुक
े शन एसो सएशन [ ब ] फ
े बयन सोसायट [ स ] लेबर पाट [ द ]
उपयु त सभी से।
4. टोनी क
े समाजवाद वचार का प रचय कन पु तक से मलता है।
[ अ ] एि विज टव सोसायट [ ब ] इ वा लट [ स ] उपयु त दोन [ द ] उपयु त म से
कोई नह ं
5. टोनी को ‘समाजवाद का संत’ कसने कहा है।
[ अ ] बत रश वेब [ ब ] गो डमैन [ स ] अलमर [ द ] सडनी वेब
6. श ा यव था म सुधार हेतु मह वपूण सुझाव टोनी वारा या दया गया।
[ अ ] श ा क यव था रा य क
े वारा नशु क और अ नवाय प से क जाए।
[ब ] श ा क
े व प म व भ नता को ो सा हत कया जाए
[ स ] श ा समाजवाद समाज क
े मू य क
े अनु प हो।
[ द ] उपयु त सभी
7. टोनी समाजवाद समाज क थापना क
े लए कौन सा साधन अपनाने का सुझाव देते
ह।
[ अ ] ां तकार [ ब ] औ यो गक े णय क
े मा यम से मजदूर और उ योगप तय म
सहयोगी संबंध क थापना एवं उ योग पर मजदूर क
े नयं ण क
े मा यम से
[ स ] रा य क
े मा यम से आ थक समानता था पत करना
[द ] उपयु त सभी
उ र- 1. स 2. ब 3. स 4. स 5. अ 6. द 7. ब

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  • 1. ​ ​आर. एच . टॉनी क े राजनी तक वचार [1880-1962] वारा- डॉ टर ममता उपा याय एसो सएट ोफ े सर, राजनी त व ान क ु मार मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय, बादलपुर, गौतम बुध नगर उ दे य- ● आर. एच . टॉनी क े वचार क े संदभ म पूंजीवाद औ यो गक समाज का व लेषण ● नै तक या इसाई समाजवाद क धारणा का ान ● मा सवाद समाजवाद एवं नै तक समाजवाद का तुलना मक व लेषण ● टोनी क े वचार क े संदभ म समाजवाद समाज क े व प का व लेषण ● समसाम यक नव उदारवाद समाज क वृ य क े संदभ म एक याय पूण समाज व रा य यव था क े वकास क े न म चंतन को ो सा हत करना आर. एच . टॉनी बीसवीं शता द क े अं ेज आ थक इ तहासकार, समाज यव था क े आलोचक,मह वपूण श ा वद , नै तक समाजवाद दाश नक है ,िजनक े वचार ने समसाम यक राजनी तक सामािजक और शै क जीवन क े इ तहास को न मत करने म भावी भू मका नभाई है। टॉनी क इ तहास संबंधी रचनाएं मानव स यता क े आ थक इ तहास म उनक नै तक तब धता को दशाती ह। उनक च मै स वेबर वारा तपा दत इस स धांत म भी थी क ‘’ ोटे टट धम ने पूंजीवाद क े वकास म योगदान दया है। ‘’ उनका यह व वास क 17 वीं शता द म इं लड म गृह यु ध को ज म देने म आम जनता क अहम भू मका थी, 1940 -50 क े दशक म इस वषय पर होने वाले वाद ववाद को ो सा हत कया, िजसे ‘ टॉम ओवर द ज ’ क े नाम से जाना जाता है। टोनी एक स धांत कार होने क े साथ-साथ एक भावी राजनी त भी थे। ए यन हेि टंगस ने लखा है, ‘’ मह वपूण काशन क सूची क े पीछे ऐसे यि त का मि त क संल न है िजसने सरकार को, मजदूर आंदोलन को, चच को और श क समुदाय को एक ऐसे नए
  • 2. समाज क थापना क दशा म अथक प से नद शत कया जो एक साथ ह पूणतः जनतां क, समाजवाद और ईसाई धम क े व वास क े अनु प हो । बु धजी वय क े श द म कहा जाए तो यह संदेहा पद ह है क उनक े समय क पीढ़ म उनक े समान ऐसा कोई यि त होगा िजसने टश समाज क े वकास को इतनी मुखता क े साथ भा वत कया। ‘’ बत रश वेब ने उ हे ‘समाजवाद का संत’ कहा है । जीवन एवं यि त व- 30 नवंबर 1880 को टश भारत क े कोलकाता शहर म ज मे टॉनी सं कृ त क े व वान चा स हेनर टॉनी क े पु थे। र बी क ू ल म श ा ा त करने क े बाद टॉनी ने ऑ सफोड क े बै लयोल कॉलेज म आधु नक इ तहास का अ ययन कया। समाज सेवा क े नै तक मू य क े त कॉलेज क तब धता ने उनक े अंदर सामािजक उ रदा य व क भावना का वकास कया । अपने म व लयम बेव रज क े साथ टॉयनबी हॉल जो उस समय ‘वकस एजुक े शनल एसो सएशन’ का कायालय था, मे नवास करते हुए उ ह ने अनुभव कया क गर ब क े लए सामािजक याय ा त करने हेतु दान से अिजत संप अपया त है और इस दशा म मह वपूण संरचना मक प रवतन क आव यकता है। वकस एजुक े शनल एसो सएशन म यूटर क े प म क ु छ समय तक काय करने क े बाद टॉनी ने ला गो यू नव सट म अथशा क े व ता क े प म अंशका लक नयुि त ा त क । एसो सएशन क े मा यम से टोनी को बुनकर , म ट क े बतन का नमाण करने वाले क ु हार , खदान मजदूर और इंजी नयस क े म य काय करने का अनुभव ा त हुआ और राजनी त व ान एवं अथशा क सम याओं को समझने का अवसर मला, जो मा कताब से नह ं समझी जा सकती थी। टॉनी ईसाई धमावलंबी थे, कं तु इसाई धम क े त अपनी आ था को उ ह ने अपने नजी जीवन तक सी मत रखा। थम व व यु ध क े समय उ ह ने सेना म अपनी सेवा द कं तु अपने राजनी तक व वास क े कारण पुनः वकस एजुक े शनल एसो सएशन म लौट आए । सामािजक याय क ाि त क े लए उ ह ने अथ पूण सामािजक, आ थक व राजनी तक प रवतन क त काल आव यकता अनुभव क । 1918 म उ ह ने ‘ ि चय नट एंड इंडि यल ॉ ल स’, फ थ रपोट क रचना क जो समाजवाद म
  • 3. उनक च को दशाती है। यह रपोट यु ध र काल क े समाजवाद चंतन का आधार बनी। 1917 से 1931 तक ‘लंदन क ू ल ऑफ़ इकोनॉ म स’ मे उ ह ने या याता क े प म काय कया और 1926 म ‘इकोना मक ह सोसाइट ’ क े गठन म व लयम फ ै सले क े साथ मलकर योगदान दया तथा इसक े वारा का शत शोध प का ‘ द इकोनॉ मक ह र यू’ क े संयु त संपादक बने। अवकाश ाि त तक ‘लंदन क ू ल ऑफ़ इकोनॉ म स’ म कायरत रहने क े बाद 1949 म वे इसक े एमे रटस ोफ े सर बने। ऑ सफोड, मैनचे टर, ब मघम, शेफ ड, लंदन, शकागो ,मेलबॉन और पे रस व व व यालय ने उ ह डॉ टरेट क मानद उपा ध दान क । 1906 मे टोनी ने ‘ फ े बयन सोसाइट ’ क सद यता ा त क और 1921 से लेकर 1933 तक इसक े कायकार सद य क े प म चुने गए। 1918 म लेबर पाट मूवीका सद य बनने क े बाद तीन बार कॉम स सभा क े चुनाव म उ मीदवार क े प म खड़े हुए ,हालां क वे चुनाव जीत नह ं सक े । उ योग और श ा से संबं धत कई सरकार सं थान म उ ह ने भागीदार नभाई एवं मह वपूण सुझाव दए । 16 जनवर , 1962 को लंदन म उनक मृ यु हुई। रचनाएं - 1. ए े रयन ॉ लम इन द 16 सचुर [ 1912 ] 2. रल जन एंड द राइज ऑफ़ क ै पट ल म [ 1926 ] 3. एि विज टव सोसायट [ 1920 ] 4. इ वा लट 5. सेकडर एजुक े शन फॉर ऑल[ 1922] 6. लेबर एंड द नेशन [ 1928 ] 7. एजुक े शन; द सोश ल ट पॉ लसी [ 1924 ] 8. लड एंड लेबर इन चाइना [ 1932 ] 9. रे डकल ेडीशन;12 एसेज ऑन पॉ ल ट स, ​ राजनी तक वचार
  • 4. 1. सामािजक आलोचना- अपनी दो मह वपूण पु तक ‘ एि विज टव सोसाइट ’ और ‘ इ वा लट ’ म टॉनी ने त काल न पूंजीवाद समाज क भावी आलोचना तुत क है और उसक वाथ परक यि तवाद वृ को घातक बताया है । सो क े समान उ ह ने भी पूंजीवाद क उपभो तावाद वृ त क े कारण उसक आलोचना क और यह तपा दत कया क यह वृ समाज म यि त को ट बनाती है ।टॉनी ने न नां कत आधार पर आधु नक पूंजीवाद समाज क आलोचना क है - ● पूंजीवाद बना सामािजक दा य व क े आ थक शि त को ो सा हत करता है । यह यि त को अ धका धक संप अिजत करने क दौड़ मे इतना अ धक त पध एवं आ म क त बना देता है क यि त यह भूल जाता है क वह एक सामािजक ाणी है , उसक े यि त व क े नमाण मे समाज का भी योगदान है , प रणामतः वह समाज क े त अपने दा य व को नजरंदाज करने लगता है। पूंजीवाद अथ यव था क इस कमी को दूर करते हुए आज क े नाव उदारवाद समाज मे उ योगप तय क े सामािजक दा य व कानून बनाकर नि चत कये जा रहे ह । ● टॉनी ने पूंजीवाद क े इस ि टकोण क भी आलोचना क क यि तय क े म य यो यता संबंधी असमानता ाकृ तक और यायो चत है। इसक े थान पर उ ह ने तक दया क एक समतावाद समाज म यो यताओं क व भ नता को सामा य हत क ाि त क ि ट से ो सा हत कया जाना चा हए। यो यताओं क भ नता का लाभ पूरे समाज को मलना चा हए। ● पूंजीवाद यव था म नै तक ि ट से भी कमी दखाई देती है, य क यह आ थक समृ ध क ाि त क े लए यि त को यि त क े शोषण का मा यम बनाकर मानवीय संबंध को ट बनाती है। टोनी क े श द म,’’ पूंजीवाद यव था म धन एवं सफलता क ाि त एक दै य क े प म है िजसक े उपि थ त हमारे दल और दमाग स हत सभी थान पर है, समाजवा दय को इन े म अपनी पकड़ मजबूत बनानी है। ‘’
  • 5. एक इसाई समाजवाद क े प म टोनी ने तपा दत कया क पूंजीवाद यव था समाज म धनी और नधन दोन वग म लालच क े भाव को बढ़ाती है, िजसे पूरा करने क े लए दोन ह वग क े लोग ट एवं अनै तक साधन का सहारा लेते ह। यापार वग क े वारा क जाने वाल मलावट खोर , जमाखोर , र वतखोर एवं नधन वग क े वारा इनका वरोध न कर आ थक समृ ध क े नधा रत तर को ा त करने क े लए उस म भागीदार बन जाना इसक े उदाहरण है। उ लेखनीय है क ईसाई धम क मा यताओं क े अनुसार लालच करना एक पाप है और पूंजीवाद समाज इस लालच को ो सा हत कर पाप को ो सा हत करता है। प ट है काल मा स और एंजे स म जहां पूंजीवाद क आलोचना उसक े शोषणकार व प और आ थक वषमता को ो सा हत करने क े कारण क है, वह टोनी ने नै तक आधार पर इसक आलोचना क है। 2. समाजवाद समाज क प रक पना- पूंजीवाद समाज क े आलोचक होने क े साथ-साथ टॉनी एक समतापूण समाज क थापना का ल य रखते ह। इ तहास कार िजयो े फ ू टे ने टोनी क े समाजवाद वचार म प रवतन को इं गत कया है। उनक ि ट म 1921 म टोनी का झुकाव ेणी समाजवाद क तरफ था, िजसक े अंतगत औ यो गक मक क छोट -छोट े णयां बनाकर उन क े मा यम से उ योग पर मजदूर क े नयं ण क थापना क बात कह गई, तो वह 1928 तक वे वैि वक समाजवाद क े आलोचक बन गए और 1950 तक आते-आते एक संशोधन वाद समाजवाद क े प म दखाई देते ह। फ ू टे यह भी मानते ह क टॉनी ने कसी वशेष कार क राजनी तक ि थ त से बचते हुए एक सहज समाजवाद दशन तुत कया । ऑ सफ़ोड ड शनर ऑफ बायो ाफ क े पूव संपादक गो डमैन क भी मा यता है क टॉनी क े समाजवाद वचार म 1919 क े बाद एक मोड़ आया। इससे पूव टॉनी लोग को ता कक आधार पर और रजामंद क े आधार पर समाजवाद क तरफ आक षत करने पर जोर देते थे। 1919 क े बाद उनका जोर रा य नयं त समाजवाद पर हो गया, िजसक े अंतगत बल पूवक समाजवाद लाने का समथन कया गया। मु य जोर उ योग क े वा म व और साझेदार पर हो गया। गो डमैन इसे ‘दो टॉनी’ क े प म देखते
  • 6. ह और ाथ मक वचार वाले टॉनी को वा त वक टॉनी मानते ह, िजसका समाजवाद नै तक और आ याि मक मा यताओं पर आधा रत था और िजसने अपने वचार क े अनुसार मक को श त कयाऔर इस बात पर जोर दया क मक और उ योगप तय क े आपसी सहयोग और सेवा क भावना क े आधार पर ग ठत समुदाय का वकास कर समाज का पुनगठन और सुधार कया जाना चा हए। टोनी क े अनुसार समाजवाद का संबंध मानवीय यवहार से है और इसी लए उ ह ने मा सवाद क े आ थक न चयवाद को अ वीकार कया। उनका तक था क आ थक वशेषा धकार इस लए नह ं समा त कए जाने चा हए य क इससे संप क े वकास म बाधा पहुंचती है, बि क इसे समा त कया जाना चा हए क इससे समाज म धूतता को बढ़ावा मलता है। नजी संप को बढ़ाने क चाह म यि त अनै तक साधन का योग करने लगता है, िजसका अनुकरण नधन वग क े लोग भी करने लगते ह और पूरे समाज म टाचार या त हो जाता है। जी. ई. अलमर क े अनुसार ,’’ टोनी म से पहले एक ईसाई, फर जातं वाद और त प चात एक समाजवाद थे। ‘’ टॉनी क पु तक े ‘एि विज टव सोसाइट ’ और ‘द इ वा लट ’ उनक े समाजवाद वचार म प रवतन क योतक ह । इन पु तक म उनका मु य जोर समाज क े अ भजन वग पर क ु ठाराघात करने पर है, न क समाज क े कमजोर वग क े उ थान पर। यह तक दया जाता है क बाद वाले टॉनी यादा यथाथवाद ह, कं तु गो डमैन यह मानते ह क ‘’ युवा टॉ नी मौ लक वचारक ह और वे दल से समाजवाद ह, न क दमाग से। ‘’ सं ेप म समाजवाद समाज क थापना क े वषय म टोनी क े वचार का सार न नां कत बंदुओं म तुत कया जा सकता है- ● याय एवं समानता पर आधा रत समाज पूंजीवाद समाज क बुराइय से मु त होगा। ऐसे समाज को ह आदश मानते हुए काय कया जाना चा हए। ● समाजवाद समाज मा स क े समान आ थक समानता पर आधा रत समाज ह नह ं होगा, बि क उ योगप तय और मक क े आपसी सहयोग और स भावना पर आधा रत होगा। ● समाजवाद समाज क थापना हंसक ां त क े मा यम से नह ं बि क मक सुधारो एवं शोषणकार प रि थ तय पर धीरे-धीरे नयं ण था पत करक े क जा सकती है।
  • 7. ● मा सवाद वचारधारा क े वपर त टोनी समाजवाद समाज म रा य क अनुपि थ त क अपे ा नह ं करते, बि क रा य क े नेतृ व म संप क े सामू हक वा म व क थापना पर जोर देते ह। वशेषकर अपने जीवन क े उ राध काल म टॉनी समाजवाद क थापना क े लए इसी रणनी त पर जोर देते ह। ● ेणी समाज वा दय क तरह टोनी यह तपा दत करते ह क समाज म औ यो गक े णय का वकास कया जाना चा हए, िजसम उ योगप तय क े साथ मक क भी भागीदार हो, ता क उ योग पर नयं ण कार शि त मक को भी ा त हो सक े । ऐसे नयं ण क े मा यम से वे अ याय और शोषण क ि थ तय से बचने म सफल ह गे। ● ले नन क समाजवाद धारणा िजसम दल क े नेतृ व म ां त क े मा यम से रा य यव था पर मजदूर का एका धकार था पत कर रा य वारा समानता आरो पत कए जाने क बात कह गई है, टोनी एक पता क े थान पर समाज म व भ नताओं को ो सा हत करने पर जोर देते ह, य क भ न- भ न ने यो यताओं और गुण से ह समाज का वकास होता है, कं तु ऐसी व भ न ताओं को ो सा हत करने का ल य अ धका धक लोक क याण क साधना होनी चा हए। प ट है क टॉनी ने वतं ता और समानता क े म य सामंज य था पत करने का सुझाव दया है। वे न तो उदार वा दय क तरह पूणतः वतं ता क े समथक ह और न ह मा सवाद क े समान पूण समानता क े । ● टॉनी का समाजवाद आ थक समाजवाद न होकर, नै तक समाजवाद है जो समाज का पुनगठन ईसाई धम क े नै तक मू य क े आधार पर करना चाहता है। 3. श ा मे सुधार का समथन- उ च श ा क े वषय म टॉनी क े वचार और उनक े सुधारा मक उपाय क े वषय म लोग को अपे ाकृ त कम जानकार है, कं तु यह एक त य है क अपने जीवन क े उ राध म टॉनी ने वयं को श ा क े े म सुधार क े लए सम पत कया। वशेषकर मा य मक श ा क े े म सुधार पर टॉ नी वारा जोर दया गया। अनेक शै णक संगठन क े सद य क े प म इनक े वारा मह वपूण सुझाव श ा क े े म सुधार क े लए दए गए
  • 8. । वकस एसो सएशन म श ा दान करते समय टॉनी ने यह अनुभव कया क टेन मे मा य मक श ा का तर अ यंत खराब है, अतः थम महायु ध क े बाद उ ह ने अपना पूरा समय श ा क े ढांचे को पूण बनाने म लगा दया । इं लड म च लत श ा क े तर य ढांचे [ ामर क ू ल,टेि नकल सेकडर क ू ल, सेकडर मॉडन क ू ल] को अ भजनवाद मानते हुए टॉनी ने उसम न न ल खत सुधार क े सुझाव दए। 1. मा य मक श ा सभी क े लए अ नवाय बनाई जाए। 2. रा य वारा नशु क मा य मक श ा क यव था क जाए। 3. थानीय आव यकताओं और वशेषताओं को यान म रखते हुए क ू ल क े व प म भ नता लाई जाए, कं तु यह भ नता समाज म वग वभाजन को ो सा हत करने वाल नह ं होनी चा हए। ारंभ म अ नवाय नशु क श ा क े वचार को रा य क े लए अ धक खच ला बताते हुए अ वीकार कया गया, कं तु टेन म मजदूर दल क े वारा अपने एजडा म थान दया गया और आगे चलकर शै णक नी तय का नधारण इन सुझाव क े आधार पर कया गया। References and suggested Reading 1. Alasdair Macintyre,The Socialism of R. H. Tawney, The New York Review,July 30,1964 2. biography,​www.britannica.com 3. Ross Terrill,R. H.Tawneyand His Times,Harvard University Press,1973 4. The Life OF R. H. Tawney;Socialism and History/ Reviews In History dx.doi.org
  • 9. न- नबंधा मक- 1. आर.एच. टॉनी एक नै तक समाजवाद ह, ववेचना क िजए। 2. पूंजीवाद समाज क े वषय म टोनी वारा तुत क गई आलोचना का मू यांकन क िजए। 3. श ा यव था क े संबंध म टोनी क े वारा दए गए सुझाव क ववेचना क िजए। व तु न ठ न- 1. टोनी क े वारा पूंजीवाद समाज क आलोचना कस आधार पर क गई है। [ अ ] आ थक [ ब ] सामािजक [ स ] नै तक [ द ] राजनी तक 2. टॉनी क े वारा पूंजीवाद क े वकास क े लए कसे उ रदाई बताया गया। [ अ ] ईसाई धम [ ब ] ोटे टट धम [ स ] औ यो गक ां त [ द ] उपयु त सभी को। 3. न न ल खत म से कस संगठन क े साथ टोनी का घ न ठ संबंध रहा है। [ अ ] वकस एजुक े शन एसो सएशन [ ब ] फ े बयन सोसायट [ स ] लेबर पाट [ द ] उपयु त सभी से। 4. टोनी क े समाजवाद वचार का प रचय कन पु तक से मलता है। [ अ ] एि विज टव सोसायट [ ब ] इ वा लट [ स ] उपयु त दोन [ द ] उपयु त म से कोई नह ं 5. टोनी को ‘समाजवाद का संत’ कसने कहा है। [ अ ] बत रश वेब [ ब ] गो डमैन [ स ] अलमर [ द ] सडनी वेब 6. श ा यव था म सुधार हेतु मह वपूण सुझाव टोनी वारा या दया गया। [ अ ] श ा क यव था रा य क े वारा नशु क और अ नवाय प से क जाए। [ब ] श ा क े व प म व भ नता को ो सा हत कया जाए [ स ] श ा समाजवाद समाज क े मू य क े अनु प हो। [ द ] उपयु त सभी 7. टोनी समाजवाद समाज क थापना क े लए कौन सा साधन अपनाने का सुझाव देते ह।
  • 10. [ अ ] ां तकार [ ब ] औ यो गक े णय क े मा यम से मजदूर और उ योगप तय म सहयोगी संबंध क थापना एवं उ योग पर मजदूर क े नयं ण क े मा यम से [ स ] रा य क े मा यम से आ थक समानता था पत करना [द ] उपयु त सभी उ र- 1. स 2. ब 3. स 4. स 5. अ 6. द 7. ब