ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश.
अहिंसा
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
Violence happening since day one then why why doesnt govt take actionmolitics
हसं ा केवल लाठ भांजना, गोल चलाना नहं होती। अपनेअधकार का ग़लत योग करके दसू र के अधकार का हनन भी हसं ा है।
सं थाओंके ज़रए सं वधान समत सघं षक ग़लत छव पेश करना भी हसं ा है। अपनेह देश के नागरक को कभी खालतानी,
कभी पाकतानी, कभी गदार बता देना और आम लोग के बीच इस राय को फैलानेक कोशश भी हसं ा है।
अहिंसा
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
Violence happening since day one then why why doesnt govt take actionmolitics
हसं ा केवल लाठ भांजना, गोल चलाना नहं होती। अपनेअधकार का ग़लत योग करके दसू र के अधकार का हनन भी हसं ा है।
सं थाओंके ज़रए सं वधान समत सघं षक ग़लत छव पेश करना भी हसं ा है। अपनेह देश के नागरक को कभी खालतानी,
कभी पाकतानी, कभी गदार बता देना और आम लोग के बीच इस राय को फैलानेक कोशश भी हसं ा है।
भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग दलित, कमजोर, मजदूर तथा महिला वर्ग को “डॉक्टर अंबेडकर प्रतिष्ठान” के द्वारा “सामाजिक न्याय संदेश” नाम की मासिक पत्रिका के माध्यम से सजग, सशक्त एवं श्रेष्ठ बनाने का महत्वपूर्ण कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है जिसके लिए प्रतिष्ठान में सहयोग करने वाले सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं ।
लेखक इस पत्रिका का नियमित अध्ययन करते हैं । लेखक ने अपने विचारों को एक शक्ल देने की कोशिश की है और उनको कविताओं के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत किया है । ये लेखक की अपनी मौलिक रचनायें हैं
लेखक किसी भी वर्ग, जाति, के लोगों को दुख नहीं पहुँचना चाहता है | इतनी सावधानी रखने पर भी अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचती है तो लेखक क्षमा प्रार्थी है |
धन्यवाद
हरी सिंह किन्थ,
(सेवानिवृत) अधिशासी अभियन्ता
रचनायें चिनगारी (समाज और प्रक्रति की तस्वीर) - Part 1princeonly
भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग दलित, कमजोर, मजदूर तथा महिला वर्ग को “डॉक्टर अंबेडकर प्रतिष्ठान” के द्वारा “सामाजिक न्याय संदेश” नाम की मासिक पत्रिका के माध्यम से सजग, सशक्त एवं श्रेष्ठ बनाने का महत्वपूर्ण कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है जिसके लिए प्रतिष्ठान में सहयोग करने वाले सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं ।
लेखक इस पत्रिका का नियमित अध्ययन करते हैं । लेखक ने अपने विचारों को एक शक्ल देने की कोशिश की है और उनको कविताओं के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत किया है । ये लेखक की अपनी मौलिक रचनायें हैं
लेखक किसी भी वर्ग, जाति, के लोगों को दुख नहीं पहुँचना चाहता है | इतनी सावधानी रखने पर भी अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचती है तो लेखक क्षमा प्रार्थी है |
धन्यवाद
हरी सिंह किन्थ,
(सेवानिवृत) अधिशासी अभियन्ता
Complete details about Yug Nirmaan Yojna
How to Participate in Yug NIrmaan Yojna
How to make World out of this dark age and create heaven on earth.
The total solution to all problems of the world.
1. The document discusses Maharishi Mahesh Yogi inaugurating the Dawn of the Age of Enlightenment on January 12, 1975 in Switzerland and embarking on a global tour to inaugurate it on all five continents.
2. It provides messages of support and blessings for the Annual Gyan 2023 event from various governors, chief ministers, legislative assembly speakers, and other dignitaries from different Indian states.
3. Maharishi speaks about the purpose of education being to develop one's full potential and how his Science of Creative Intelligence fulfills the need of education by establishing awareness in pure consciousness.
1. The document discusses the ancient Indian tradition of Gurus and how their teachings provide complete knowledge and guidance for living a happy, prosperous, peaceful and enlightened life.
2. It highlights how the practice of Heartfulness meditation as taught by Gurudev Shri Ram Chandra Ji Maharaj and Shri Ram Chandra Mission president Kamlesh Patel provides a simple, natural and effortless technique for accessing a state of pure consciousness and inner peace.
3. Scientific research from over 700 studies across 35 countries has validated the physical and mental health benefits of Heartfulness meditation, such as reduced stress, anxiety and crime. The summary emphasizes how following this tradition can help develop one's full potential as well
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भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग दलित, कमजोर, मजदूर तथा महिला वर्ग को “डॉक्टर अंबेडकर प्रतिष्ठान” के द्वारा “सामाजिक न्याय संदेश” नाम की मासिक पत्रिका के माध्यम से सजग, सशक्त एवं श्रेष्ठ बनाने का महत्वपूर्ण कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है जिसके लिए प्रतिष्ठान में सहयोग करने वाले सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं ।
लेखक इस पत्रिका का नियमित अध्ययन करते हैं । लेखक ने अपने विचारों को एक शक्ल देने की कोशिश की है और उनको कविताओं के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत किया है । ये लेखक की अपनी मौलिक रचनायें हैं
लेखक किसी भी वर्ग, जाति, के लोगों को दुख नहीं पहुँचना चाहता है | इतनी सावधानी रखने पर भी अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचती है तो लेखक क्षमा प्रार्थी है |
धन्यवाद
हरी सिंह किन्थ,
(सेवानिवृत) अधिशासी अभियन्ता
रचनायें चिनगारी (समाज और प्रक्रति की तस्वीर) - Part 1princeonly
भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग दलित, कमजोर, मजदूर तथा महिला वर्ग को “डॉक्टर अंबेडकर प्रतिष्ठान” के द्वारा “सामाजिक न्याय संदेश” नाम की मासिक पत्रिका के माध्यम से सजग, सशक्त एवं श्रेष्ठ बनाने का महत्वपूर्ण कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है जिसके लिए प्रतिष्ठान में सहयोग करने वाले सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं ।
लेखक इस पत्रिका का नियमित अध्ययन करते हैं । लेखक ने अपने विचारों को एक शक्ल देने की कोशिश की है और उनको कविताओं के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत किया है । ये लेखक की अपनी मौलिक रचनायें हैं
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धन्यवाद
हरी सिंह किन्थ,
(सेवानिवृत) अधिशासी अभियन्ता
Complete details about Yug Nirmaan Yojna
How to Participate in Yug NIrmaan Yojna
How to make World out of this dark age and create heaven on earth.
The total solution to all problems of the world.
1. The document discusses Maharishi Mahesh Yogi inaugurating the Dawn of the Age of Enlightenment on January 12, 1975 in Switzerland and embarking on a global tour to inaugurate it on all five continents.
2. It provides messages of support and blessings for the Annual Gyan 2023 event from various governors, chief ministers, legislative assembly speakers, and other dignitaries from different Indian states.
3. Maharishi speaks about the purpose of education being to develop one's full potential and how his Science of Creative Intelligence fulfills the need of education by establishing awareness in pure consciousness.
1. The document discusses the ancient Indian tradition of Gurus and how their teachings provide complete knowledge and guidance for living a happy, prosperous, peaceful and enlightened life.
2. It highlights how the practice of Heartfulness meditation as taught by Gurudev Shri Ram Chandra Ji Maharaj and Shri Ram Chandra Mission president Kamlesh Patel provides a simple, natural and effortless technique for accessing a state of pure consciousness and inner peace.
3. Scientific research from over 700 studies across 35 countries has validated the physical and mental health benefits of Heartfulness meditation, such as reduced stress, anxiety and crime. The summary emphasizes how following this tradition can help develop one's full potential as well
Dear Friends, It is a rare opportunity to attend Shri Guru Purnima celebration, attend course of Vedic Knowledge, receive a new Vedic Divine Technique from Brahmachari Girish Ji, enjoy daily Rudrabhishek and relax with total bliss. Please find time to attend. Thanks. Jai Guru Dev. Jai Maharishi
Maharishi Vidya Mandir Hissar.
महर्षि संस्थान के सभी विद्यालयों में आज 21 जून 2021 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
कोरोना महामारी के चलते बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए महर्षि विद्या मंदिर स्कूल गंगवा हिसार में प्रधानाचार्या श्रीमति शिप्रा शर्मा ने सभी स्टाफ मेंबर और बच्चों को योग दिवस के महत्त्व के बारे में बताया और ऑनलाइन योग दिवस में भाग लेकर सभी बच्चों और उनके अभिभावकों को भी योग से जुड़ने के लिए और अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए प्रेरित किया। इस दिन ऑनलाइन रूप से योगासन, ध्यान और प्राणायाम बच्चों को करवाया गया स्कूल के नर्सरी से बारहवीं कक्षा के सभी बच्चों ने योग दिवस के प्रति अपनी रुचि दिखाते हुए उसमें भाग लिया और सभी बच्चों के माता पिता ने भी उनका और स्कूल का भरपूर साथ दिया। अंत में प्रधानाचार्या महोदया ने सभी को योग दिवस शुभकामना दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
E-Gyan Newsletter - Monthly Digital Newsletter of Maharishi Organisations - India.
Maharishi Vidya Mandir
Maharishi Centre for Educational Excellence
Maharishi School of Excellence
Maharishi Centre for Excellence
Maharishi Mahesh Yogi Vedic Vishwavidyalaya
Maharishi University of Management and Technology
Time is the greatest teacher and is teaching many valuable lessons during the coronavirus pandemic. It is reminding us that life is fragile and no one knows when their time will come. It is showing who has been sincere in their duties and who has been opportunistic. Relationships are changing as people come together to help those in need. Time is demonstrating how technology like mobile phones can be used constructively when applied properly. It is teaching the importance of maintaining balance and humility. Overall, time's lessons show how to live virtuously and find inner peace despite challenges.
समय की सीख समय पर ले लेनी चाहिए, ऐसा वयोवृद्ध और ज्ञानी महापुरुषों का मार्गदर्शन है।
कहते हैं समय बहुत बलवान होता है, अपने-अपने समय के बड़े-बड़े सूरमाओं का आज नामोनिशान नहीं है।
अतः पहली बात यह कि अपने जीवन के कर्तव्यों को ऐसा निभाया जाये कि करने को कुछ शेष कभी भी न रह जाये। जब बुलावा आये, चल पड़े।
दूसरी आवश्यक बात यह है कि सदा सत्कर्म ही करें।
तीसरी बात समय से अपने जीवन का अंकेक्षण कराना सीख लें। जीवन में कौन हमारा सबसे निकट है, कौन दूर है, कौन शत्रु है और कौन हितशत्रु हैं यह हमें समय ही सिखाता है।
Brahmachari Girish Ji Message 14-04-2020 Drishya va adrishya shatru se rakshaMaharishi Sansthan
इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-9893700746, 9425675485, 9425008470 ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, माँ कष्चित् दुःखभाग्भवेत् ।।
जय गुरु देव, जय महर्षि
विनीत
ब्रह्मचारी गिरीश
अध्यक्ष- महर्षि शिक्षा संस्थान समूह
१. साधना और आराधना में सबसे अधिक समय लगाएं, सकारात्मक और सार्थक समय व्यतीत करने का यही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
२. टीवी समचार प्रातः संध्या १०-१० मिनट देख लें बाकी समय टीवी बंद रखें। इतने से ही दिन भर के सब समाचार प्राप्त हो जाते हैं। शेष समय इन्ही समाचारों की दिन भर पुनरावत्ति होती हैं. दिन भर नकारात्मक समाचार देखने से मन, मष्तिष्क, ह्रदय, शरीर में तनाव बढ़ता हैं, चिंता बढ़ती है और यही तनाव मानसिक और शारीरिक रोगों का कारण बनता है। यह समय अपने आप को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वास्थ्य व शक्तिशाली रखने का है, दुर्बल करने का नहीं। आप सब भी देख रहे होंगे कि कुछ सन्देश व समाचार, भ्रम और भय फ़ैलाने, दुर्बलता व नकारात्मकता बढाने वाले दुष्प्रचार में संलग्न हैं, इनसे सावधान रहें।
३. कोरोना से बचाव सम्बन्धी केवल सरकारी सर्कुलर्स और नोटिफिकेशंस पर ध्यान दें, डॉक्टर्स की सलाह को मानें, "नीम हकीम खतरे जान" की कहावत को याद रखें।
४. लॉक डाउन तथा आपके शहर में व्यवस्था सम्बन्धी स्थानीय प्रशासन के आदेशों का कड़ाई से पालन करें। इन नियमों के पालन से ही कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा। जितनी शीघ्रता से कोरोना के प्रसार पर विजय पाएंगे उतनी शीघ्रता से लॉक डाउन से मुक्ति पाएंगे।
५. अपना ध्यान व समय केवल सकारात्मक विषयों व बातों में लगायें। विद्यार्थी इंडोर गेम्स खेलें। अपने माता पिता, दादा दादी, नाना नानी या अन्य बड़ों को मोबाइल फ़ोन के फीचर्स सिखाएं, इनमें एस एम एस सन्देश भेजना, वाट्सअप चलना, ऑडियो या वीडिओ कॉल्स करना, इंटरनेट सर्फिंग करना हो सकता है. युवा या बड़ी आयु के व्यक्ति अच्छी पुस्तकें या इंटरनेट से अच्छी सामग्री पढ़कर अपना ज्ञान वर्धन कर सकते हैं।
६. अपने परिचित या अपने क्षेत्र के समाजसेवी, पुलिसकर्मी, पैरा मिलिट्री फ़ोर्स, डॉक्टर्स, नर्सेज, स्वच्छ्ताकर्मी, घर घर जाकर सामान वितरित करने वाले कार्यकर्ताओं, सेनिटाईजेशन करने वालों जैसे सेवारत व्यक्तियों को फ़ोन करके उनका धन्यवाद करें। ध्यान रखें कि उनके ही जोखिम भरे अथक परिश्रम से हम सब सुरक्षित हैं।
७. आपके क्षेत्र में यदि किन्हीं व्यक्तियों को भोजन की आवश्यकता हो तो सरकारी अथवा स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से उनकी सहायता करें। यदि संभव हो तो आप स्वयं उनकी मदद करें. यह अत्यंत पुण्य का कार्य है।
८. ऐसे राष्ट्रिय और वैश्विक संकट के समय समाज को विभिन्न वर्गों, जाति, धर्म के आधार पर बांटकर अवयवस्था फ़ैलाने वालों, अनुचित लाभ लेने वालों, और घृणा का वातावरण फ़ैलाने वालों से सावधान रहें, और इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें।
९. अपने घर में, परिवार में, अपने क्षेत्र में परस्पर प्रेम, सामंजस्य, सौहार्द्र और शांति का वातावरण बनाये रखें. किसी भी कारण से परेशान व्यक्तियों को सांत्वना दें और यथासंभव उनकी सहायता करें। स्वयं प्रसन्न रहें व अपने आसपास सबको प्रसन्न रखें।
१०. आपकी तरफ से उठाये गए ये छोटे छोटे सावधानी के कदम हमारे भारतवर्ष के माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार, हमारी प्रांतीय सरकारों व स्थानीय प्रशासन को सुदृढ़ता व् सम्बल प्रदान करेंगे, जिसकी उन्हें वर्तमान में बहुत अधिक आवश्यकता है।
The document discusses the benefits of exercise for mental health. Regular physical activity can help reduce anxiety and depression and improve mood and cognitive functioning. Exercise causes chemical changes in the brain that may help protect against mental illness and improve symptoms.
Maharishi World Peace Assembly 3. Year 2020
In order to enjoy the ‘Bliss’ in the life, to create atmosphere of peace within and in the society, Maharishi World Peace Assemblies are being organised in January 2020 at green and serene campus of Maharishi Centre for Educational Excellence, Bhopal.
Three Maharishi World Peace Assemblies aim to create influence of peace in collective consciousness of India and the world.
Assembly (1) : December 31, 2019 -- January 12, 2020 (13 days )
Assembly (2) : January 08 -- January 12, 2020 (05 days)
Assembly (3) : January 10 -- January 12, 2020 (03 days )
(For Directors, Principals, Faculty Members and Teachers of Maharishi Institutions, TM Teachers, Practitioners of TM and TM-Siddhi Programme and other Members of Maharishi Organisation)
Kindly inform to mvmchairmanoffice1@gmail.com about the course, which is being selected by you before 25th December 2019.
E-Gyan July 2019 Guru Purnima Celebration Coverage Special Edition.Maharishi Sansthan
E-Gyan Monthly Newsletter of Maharishi Organisation's India. This edition covering Guru purnima celebrations organised in Maharishi Vidya Mandir Schools and other different Maharishi Organisation in India.
1. The passage discusses the benefits of meditation and the ancient Indian guru tradition. It explains how meditation can help develop complete knowledge, health, peace and happiness for all of humanity.
2. It describes the research done on Maharishi Patanjali's technique of Transcendental Meditation, which has been scientifically verified in over 600 studies. The research shows wide-ranging benefits from reduced stress and anxiety to improved social behavior.
3. Regular practice of Transcendental Meditation by even 1% of a population can create a "coherent effect" of reduced social problems and prevalence of positive qualities according to studies on quantum physics theories.
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
ब्रह्मचारी गिरीश
कुलाधिपति, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय
एवं महानिदेशक, महर्षि विश्व शांति की वैश्विक राजधानी
भारत का ब्रह्मस्थान, करौंदी, जिला कटनी (पूर्व में जबलपुर), मध्य प्रदेश
1. प्रार्थना में ‘दया’ का महत्व
आधुनिक वैनिक समाज में चहुं और ईर्ष्ाा, वैर-नवरोध और न ुंसा व्याप्त ै। सब मािवता
को भूलते जा र े ै या ऐेसा प्रतीत ोता ै नक समाज के लोगोुं िे मािवता को जािा ी
ि ीुं ै। भारतीय वैनिक परुंपरा में िया का म त्वपूर्ा स्थाि ै। िया ी मािव को
मािवता की ओर ले जाती ै अथाात्
सामुन कता की ओर ले जाती ै।
मुझे ज्ञात ै म नषा क ा करते थे नक
‘‘जब व्यक्ति स्वयुं के भले की
सोचता ै तो ईिर उसका साथ ि ीुं
िेता नकुं तु जब म सामुन क न त
या समाज के कल्यार् की ओर
प्रयास करते ैं तो ईिर में शक्ति
प्रिाि करते ैं और में ऐसी
अिुभूनत ोती ै नक एक परमशक्ति
आपका उत्सा वधाि करते हए आपका मागािशाि कर र ी ै।” इनत ास में ऐसी कई
घटिाएुं ै नजिके मूल में िया का बीज था जो समाज के उत्थाि के रूप में फनलत हआ।
नसद्धाथा का बुि् धु ो जािा भी ऐसी ी एक घटिा ै। जी ााँ, गौतम बुद्ध का वास्तनवक
िाम ‘‘नसद्धाथा” था और उिके नपता चा ते थे नक व आगे चलकर म ाि राजा बिें। नकुं तु
साुंसाररक जीवि पर आगे बढ़ते हए नसद्धाथा िे पाया नक सुंसार में चहुं ओर िुुःख व्याप्त
ै। उन्ोुंिे कु छ ऐसी घटिाओुं को घनटत ोते िेखा नजससे वे इि साुंसाररक िुुःखोुं के
कारर्ोुं को खाजिे की ओर प्रवृत्त हए और 29 वषा की आयु में एक निि, रानि के समय
अचािक इि िुुःखोुं के कारर्ोुं और सत्य को खोजिे के नलए समस्त साुंसाररक बुंधिोुं को
तोड़कर निकल पड़े और बौनधसत्व की प्राक्तप्त के पश्चात् ‘‘गौतम बुद्ध” क लाए। यनि
नसद्धाथा के हृिय में समाज के िुुःखोुं को िेख िया उत्पन्न ि ोती तो व बुद्ध ि ोते। तब
स्पष्ट ै नक नसद्धाथा को ‘गौतम बुद्ध’ नकसिे बिाया। व थी उिके हृिय में समाज के
नलए ‘िया’ तो, बुद्ध ोिे के नलए हृिय में िया का भाव ोिा आवश्यक ै। निि-प्रनतनिि
मारे चारोुं ओर नवनभन्न प्रकार की घटिाएुं घनटत ोती ैं और उन्ें िेखिे और समझिे
की सभी की अपिी दृनष्ट ोती ै। प्रायुः म य िेखते ैं नक मागा में यनि नकसी व्यक्ति के
साथ कु छ िुघाटिा घनटत ो जाये तो उसे िेखिे वाले प्रत्येक व्यक्ति की प्रनतनिया नभन्न
ोती ै। उिा र्ाथा यनि कोई व्यक्ति व्यायाम के उद्देश्य से घर से निकलता ै मागा के
बीचोुं-बीच पड़े पत्थर से उसे ठोकर लगती ै और व नगर जाता ै। जब य घटिा घनटत
ोती ै तो तीि प्रकार के व्यक्ति मारे सामिे आते ैं। एक प्रकार के तो के वल घटिा
स्थल के मूक िशाक बिे र ते ैं। नितीय प्रकार के व्यक्ति घटिा की गुंभीरता को िेखकर
Brahmachari Girish
2. तुरुंत र सुंभव स ायता करते ैं। अुंततुः तृतीय या उत्तम प्रकार के व्यक्ति घटिा की
गुंभीरता को िेखकर तुरुंत र सुंभव स ायता करते ै और मागा से उस पत्थर को भी टा
िेते ैं नजससे भनवर्ष् में और नकसी भी व्यक्ति के साथ उि घटिा का पुिाघटि ि ो।
य तीिोुं प्रनतनियाएुं स्वाभानवक ैं। यनि म घनटत घटिा को िेखकर प्रथम प्रकार के
व्यक्ति के व्यव ार का आकलि करें तो म पायेंगे नक प्रथम व्यक्ति के मि में िया भाव
शून्य ै, व घटिा को घनटत ोते िेख माि िशाक ी बिा र ता ै। नितीय व्यक्ति
िुघाटिा ग्रस्त व्यक्ति को िेखता ै तो उसके मि में िया भाव उत्पन्न ोता ै तथा व
स ायता करता ै और तृतीय, उत्तम पुरूष उि घटिािम में स ायता करिे के पश्चात्
घटिा के कारर् को जाििे का प्रयास करता ै और उसका निवारर् करता ै। य ाुं िया,
उत्थाि का कारर् बि जाती ै। प्रत्येक प्रगनतशील समाज में ियाभाव का ोिा इसीनलए
आवश्यक ै जो वतामाि समय में कम ी दृनष्टगत ोता ै। िया से मारे हृिय में करूर्ा
उत्पन्न ोती ै जो में य प्रेरर्ा िेती ै नक म चेति अवस्था में करूर्ामय ोकर
साुंसाररक पररक्तस्थनतयोुं का सामिा करते हए उिके निवारर् ेतु प्रयत्न करें। समय-समय
पर िया भाव नलये म ापुरुषोुं िे भारत भूनम को अपिी चरर्रज से पनवि नकया ै।
अभीष्ट की प्राक्तप्त और अनिष्ट के निवारर् के नलये म आनिकाल से ी नवनभन्न िेवी-
िेवताओुं को पूजते आये ैं। भारतभूनम में ऐसी मान्यता ै नक जब-जब समाज में
िुष्प्रवृनत्तयाुं बढ़ती ैं तब-तब स्वयुं भगवाि स्वयुं साधु-सुंतोुं के रूप् में धरती पर अवतररत
ोते ैं या ऐसे मािवोुं का चुिाव करते ै नजिके हृिय में समाज के उत्थाि की इच्छा
ोती ै। और व ईिर के आशीवााि से अपिी चेतिा को जागृत कर समाज की उत्तरोत्तर
प्रगनत के नलये मागा प्रशस्त करते ैं। इसी िम में जन्म हआ ‘‘भावतीत-ध्याि योग शैली”
का। जब िािा प्रकार की समस्याओुं और िुुःखोुं से नघरे वेनिक जिसमुिाय को परमपूज्य
म नषा म ेश योगी जी िे िेखा तो उिका हृिय िया भाव भर गया और उन्ोुंिे मािव के
समस्त िुुःखोुं के निवारर् ेतु ‘‘भावातीत ध्याि योग शैली” के रूप् एक ऐसा मागा सुझाया
नजससे मािव की चेतिा जागृत ो जाती ै और समस्त िकारात्मकता, सकारात्मकता में
पररवनतात ोिे लगती ै। सत्य ी ै, एक चैतन्य मक्तस्तष्क और िया भाव से सुंतृप्त हृिय
की प्राथािाएुं भी स्वतुः ी फलीभूत ोिे लगती ैं क्ोुंनक परमनपता परमेिर भी िया रन त
हृिय से की गई प्राथािा को स्वीकाया ि ीुं करते ैं।
ब्रह्मचारी गिरीश
कु लानधपनत, म नषा म ेश योगी वैनिक नविनवद्यालय
एवुं म ानििेशक, म नषा नवि शाुंनत की वैनिक राजधािी
भारत का ब्रह्मस्थाि, करौुंिी, नजला कटिी (पूवा में जबलपुर), मध्य प्रिेश.