प्रस्तावना
यदि नारियां ऐसा सोचती हैं कि आधुनिक चिकित्सकों ने उनकी लैंगिक समस्याओं को अनदेखा किया है, उनके लैंगिक कष्टों के निवारण हेतु समुचित अनुसंधान नहीं किये हैं तो वे सही हैं। सचमुच हमें स्त्रियों के लैंगिक विकारों की बहुत ही सतही और ऊपरी जानकारी है। हम उनकी अधिकतर समस्याओं को कभी भूत प्रेत की छाया तो कभी उसकी बदचलनी का लक्षण या कभी मनोवैज्ञानिक मान कर उन्हें ज़हरीली दवायें खिलाते रहे, झाड़ फूँक करते रहे, प्रताड़ित करते रहे, जलील करते रहे, त्यागते रहे और वो अबला जलती रही, कुढ़ती रही, घुटती रही, रोती रही, सुलगती रही, सिसकती रही, सहती रही..............
लेकिन अब समय बदल रहा है। यह सदी नारियों की है। अब जहाँ नारियाँ स्वस्थ, सुखी और स्वतंत्र रहेंगी, वही समाज सभ्य माना जायेगा। अब शोधकर्ताओं ने उनकी¬ समस्याओं पर संजीदगी से शोध शुरू कर दी है। देर से ही सही आखिरकार चिकित्सकों ने नारियों की समस्याओं के महत्व को समझा तो है। ये स्त्रियों के लिये आशा की किरण है। 1999 में अमेरिकन मेडीकल एसोसियेशन के जर्नल (JAMA) में प्रकाशित लेख के अनुसार 18 से 59 वर्ष के पुरुषों और स्त्रियों पर सर्वेक्षण किये गये और 43% स्त्रियों और 31% पुरुषों में कोई न कोई लैंगिक विकार पाये गये। 43% का आंकड़ा बहुत बड़ा है जो दर्शाता है कि समस्या कितनी गंभीर है।
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स्त्री मौन विकाय
प्रस्त्तािना
मदद नारयमाॊ ऐसा सोचती हैं कि आधुननि चचकित्सिों ने उनिी रैंचिि सभस्माओॊ िो अनदेखा किमा है, उनिे रैंचिि िष्टों िे
ननवायण हेतु सभुचचत अनुसॊधान नहीॊ किमे हैं तो वे सही हैं। सचभुच हभें स्त्स्िमों िे रैंचिि वविायों िी फहुत ही सतही औय ऊऩयी
जानिायी है। हभ उनिी अचधितय सभस्माओॊ िो िबी बूत प्रेत िी छामा तो िबी उसिी फदचरनी िा रऺण मा िबी भनोवैऻाननि
भान िय उन्हें ज़हयीरी दवामें खखराते यहे, झाड़ पूॉ ि ियते यहे, प्रताडड़त ियते यहे, जरीर ियते यहे, त्मािते यहे औय वो अफरा जरती
यही, िु ढ़ती यही, घुटती यही, योती यही, सुरिती यही, सससिती यही, सहती यही..............
रेकिन अफ सभम फदर यहा है। मह सदी नारयमों िी है। अफ जहाॉ नारयमाॉ स्वस्थ, सुखी औय स्वतॊि यहेंिी, वही सभाज सभ्म भाना
जामेिा। अफ शोधितााओॊ ने उनिी सभस्माओॊ ऩय सॊजीदिी से शोध शुरू िय दी है। देय से ही सही आखखयिाय चचकित्सिों ने नारयमों
िी सभस्माओॊ िे भहत्व िो सभझा तो है। मे स्त्स्िमों िे सरमे आशा िी कियण है। 1999 भें अभेरयिन भेडीिर एसोससमेशन िे
जनार (JAMA) भें प्रिासशत रेख िे अनुसाय 18 से 59 वषा िे ऩुरुषों औय स्त्स्िमों ऩय सवेऺण किमे िमे औय 43 % स्त्स्िमों औय 31%
ऩुरुषों भें िोई न िोई रैंचिि वविाय ऩामे िमे। 43% िा आॊिड़ा फहुत फड़ा है जो दशााता है कि सभस्मा कितनी िॊबीय है।
मौन उत्तेजना चक्र (Female Sexual Response Cycle)
स्त्स्िमों िे मौन योिों िो बरी-बाॊनत सभझने िे सरए हभें स्त्स्िमों िे प्रजनन तॊि िी सॊयचना औय मौन उत्तेजना चक्र िो ठीि से
सभझना होिा। मौन उत्तेजना चक्र िो हभ चाय अवस्थाओॊ भें फाॊट सिते हैं।
उत्तेजना (Excitement) ऩहरी अवस्था है जो स्ऩशा, दशान, श्रवण, आसरॊिन, चुॊफन मा अन्म अनुबूनत से शुरू होती है। इस
अवस्था भें िई बावनात्भि औय शायीरयि ऩरयवतान जैसे मोनन स्नेहन मा Lubrication (मोनन िा फथोसरन तथा अन्म ग्रॊचथमों िे स्राव
से नहा जाना), जननेस्त्न्िमों भें यक्त-सॊचाय फड़ी तेजी से फढ़ता है। सॊबोि बी शयीय ऩय एि प्रिाय िा बौनति औय बावनात्भि आघात
ही है औय इसिे प्रत्मुत्तय भें यक्तचाऩ व रृदमिनत फढ़ जाती है औय साॊस तेज चरने रिती है। साथ ही बिसशश्न मा Clitoris (मह
स्त्स्िमों भें सशश्न िा प्रनतरूऩ भाना जाता है ) भें यक्त िा सॊचम फढ़ जाने से मह फड़ा ददखाई देने रिता है, मोनन सूजन तथा पै राव
िे िायण फड़ी औय रॊफी हो जाती है। स्तन फड़े हो जाते हैं औय स्तनाग्र तन िय िड़े हो जाते हैं। उऩयोक्त भें से िई ऩरयवतान
अनतशीघ्रता से होते हैं जैसे मौनउत्तेजना िे 15 सेिण्ड फाद ही यक्त सॊचम फढ़ने से मोनन भें ऩमााप्त िीराऩन आ जाता है औय
िबााशम थोड़ा फड़ा हो िय अऩनी स्त्स्थनत फदर रेता है। यक्त िे सॊचम से बिोष्ठ, बिसशश्न, मोननभुख आदद िी त्वचा भें रासरभा
आ जाती है।
दूसयी अवस्था उत्तेजना िी ऩयाकाष्ठा (Plateau) है । मह उत्तेजना िी ही अिरी स्त्स्थनत है स्त्जसभें मोनन ( Vagina), बिसशश्न
(Clitoris), बिोष्ठ (Labia) आदद भें यक्त िा सॊचम अचधितभ सीभा ऩय ऩहुॉच जाता है, जैसे जैसे उत्तेजना फढ़ती जाती है मोनन िी
सूजन तथा पै राव, रृदमिनत, ऩेसशमों िा तनाव फढ़ता जाता है। स्तन औय फड़े हो जाते हैं, स्तनाग्रों (Nipples) िा िड़ाऩन तननि औय
फढ़ जाता है औय िबााशम ज्मादा अॊदय धॊस जाता है। रेकिन मे ऩरयवतान अऩेऺािृ त धीभी िनत से होते हैं।
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तीसयी अवस्था चयभ-आनंद ( Orgasm) िी है स्त्जसभें मोनन, उदय औय
िुदा िी ऩेसशमों िा क्रभफद्ध रहय िी रम भें सॊिु चन होता है औय प्रचॊड
आनॊद िी अनुबूनत होती है। मह अवस्था अनततीव्र ऩय ऺखणि होती है। िई
फाय स्िी िो चयभ-आनॊद िी अनुबूनत बिसशश्न िे उिसाव से होती है। िई
स्त्स्िमों िो बफना बिसशश्न िो सहरामे चयभ-आनॊद िी अनुबूनत होती ही नहीॊ
है। िु छ स्त्स्िमों िो सॊबोि भें िबााशम िी ग्रीवा ( Cervix) ऩय आघात होने ऩय
िहये चयभ-आनॊद िी अनुबूनत होती है। दूसयी ओय िु छ स्त्स्िमों िो िबााशम
िी ग्रीवा ऩय आघात अवप्रम रिता है औय सॊबोि िे फाद बी एॊठन यहती है। ऩुरुषों िी बाॊनत स्त्स्िमाॊ चयभ-आनॊद िे फाद बी ऩूणात्
सशचथर नहीॊ ऩड़ती, औय मदद उत्तेजना मा सॊबोि जायी यहे तो स्त्स्िमाॊ एि िे फाद दूसया कपय तीसया इस तयह िई फाय चयभ-आनॊद
प्राप्त ियती हैं। ऩहरे चयभ-आनॊद िे फाद अक्सय बिसशश्न िी सॊवेदना औय फढ़ जाती है औय दफाव मा घषाण से ददा बी होता है।
चयभ-आनॊद िे ऩश्चात अॊनतभ अवस्था सभाऩन (Resolution) है स्त्जसभें मोनन, बिसशश्न, बिोष्ट आदद भें एिबित यक्त वाऩस
रौट जाता है, स्तन व स्तनाग्र साभान्म अवस्था भें आ जाते हैं औय रृदमिनत, यक्तचाऩ औय श्वसन साभान्म हो जाता है। मानी सफ
िु छ ऩूवा अवस्था भें आ जाता है।
सबी स्त्स्िमों भें उत्तेजना चक्र िा अनुबव अरि-अरि तयीिे से होता है, जैसे िु छ स्त्स्िमाॊ उत्तेजना िी अवस्था से फहुत जल्दी चयभ-
आनॊद प्राप्त िय रेती हैं। दूसयी ओय िई स्त्स्िमाॊ साभान्म अवस्था भें आने िे ऩहरे िई फाय उत्तेजना िी ऩयािाष्ठा औय चयभ-आनॊद
िी अवस्था भें आिे-ऩीछे होती यहती हैं औय िई फाय चयभ-आनॊद प्राप्त ियती हैं।
विभबन्न रैंगगक विकाय
सन् 1999 भें अभेरयिन पाउन्डेशन ऑप मूयोरोजीिर डडजीज़ ने स्त्स्िमों िे सेक्स योिों िा नमे ससये से विीियण किमा है, इस प्रिाय
है।
भहिरा अध्सक्रक्रमता मौन इच्छा विकाय (Hypoactive Sexual Desire Disorder)
इस वविाय भें स्िी िो अक्सय मौन ववचाय नहीॊ आते औय सॊबोि िी इच्छा बी िबी नहीॊ होती मा िबी िबाय ही होती है। इस योि
भें स्िी दुखी मा िुॊ दठत यहती ही है औय
अऩने साथी से सॊफन्ध बी प्रबाववत होते
हैं। िु छ स्त्स्िमों भें मह वविाय अस्थाई
होता है औय िु छ सभम फाद ठीि हो
जाता है। इसिी व्माऩिता दय 10% से
41% आॊिी िई है।
भहिरा मौन घ्रणा विकाय
(Sexual Adversion Disorder)
इस वविाय भें स्िी िो मौन-सॊफन्ध
तननि बी रुचचिय नहीॊ रिता है।
भदहरा सॊबोि से फचने िे सरए हय
सॊबव प्रमत्न ियती है। मदद उसिा
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साथी शायीरयि सॊफन्ध फनाने िी िौसशश ियता है तो वह तनाव भें आ जाती है, डय जाती है, उसिा जी घफयाने रिता है, ददर
धड़िने रिता है, महाॉ ति कि वह फेहोश बी हो जाती है। साथी से साभना न हो इससरए वह जल्दी सो जाती है, स्वमॊ िो साभास्त्जि
मा अन्म िामों भें व्मस्त यखती है मा कपय किसी बी ऊॊ च-नीच िी ऩयवाह किमे बफना घय ति छोड़ देती है।
मौन उत्तेजना चक्र भें विभबन्न िाभोन्स औय नाडी संदेशिािकों की बूभभका
सेक्स िाभोन
/ नाडी
संदेशिािक
रैंगगक कामय घनात्भक
/ऋणात्भक
विियण
डोऩाभीन िाभेच्छा,
िाभोत्तेजना
घनात्भि रैंचिि सॊसिा िी शुरुआत िो ऩूया ियने िी रारसा
ईस्रोजन िाभोत्तेजना,
िाभेच्छा
घनात्भि ईस्रोजन िी िभी होने ऩय मोनन िा अऩऺम, स्नेहन,
सॊवेदना औय यक्त-सॊिु रन िभ होना
नाइदरि
ऑक्साइड
बिसशश्न भें
यक्त िा बयाव
घनात्भि नाइदरि ऑक्साइड द्वाया यक्त-सॊग्रह (Vasocongestion) िे
सरए ईस्रोजन औय टेस्टोस्त्स्टयोन िी ऩमााप्त भािा आवश्मि
होती है।
नोयइवऩनेफ्रीन िाभोत्तेजना घनात्भि —
ऑस्त्क्सटोससन सॊवेदना,
चयभानॊद
घनात्भि चयभानॊद भें भूराधाय िी ऩेसशमों िे क्रभफद्ध सॊिु चन भें
सहामि
प्रोजेस्रोन सॊवेदना घनात्भि सॊबवत् ईस्रोजनयोधी
प्रोरेस्त्क्टन िाभोत्तेजना ऋणात्भि —
सीयोटोननन िाभोत्तेजना,
िाभेच्छा
घनात्भि/
ऋणात्भि
नोयइवऩनेफ्रीन औय डोऩाभीन िे स्राव ऩय ऋणात्भि प्रबाव,
चयभानॊद भें िबााशम िे सॊिु चन भें सहामि रेकिन अन्म
तयीिों से चयभानॊद भें अवयोध
टेस्टोस्त्स्टयोन िाभेच्छा, रैंचिि
सॊसिा
घनात्भि —
भहिरा काभोत्तेजना विकाय (Sexual Arousal Disorder)
इस स्त्स्थनत भें स्िी िो वाॊनछत मौन उत्तेजना नहीॊ होती है मा उत्तेजना ऩमााप्त अवचध ति नहीॊ फनी यहती है। परस्वरूऩ न मोनन,
बिसशश्न, बिोष्ठ आदद भें ऩमााप्त यक्त िा सॊचम होता है औय न ही मोनन भें यसों िा ऩमााप्त स्राव तथा सूजन होता है मा अन्म
शायीरयि ऩरयवतान होता हैं। इससे स्िी िो ग्रानन होती है, साथी से भधुयता िभ होती है। इसिा िायण िोई भानससि योि मा दवा
नहीॊ है। इस योि भें स्त्स्िमाॊ सॊबोि िा ऩूया आनॊद तो रेती हैं ऩय वे दुखी यहती हैं कि उन्हें मौन उत्तेजना नहीॊ हुई औय मोनन भें
सॊबोि िे सरए आवश्मि यसों िा स्राव नहीॊ हो सिा। इस वविाय िी व्माऩिता दय बी 6% से 21% है।
भहिरा चयभ-आनंद विकाय (Orgasmic Disorder)
मदद स्िी िो सॊबोि ियने ऩय मौन उत्तेजना िे फाद चयभ-आनॊद िी प्रास्त्प्त िबी बी मा अक्सय न होती हो मा फड़ी िदठनाई औय फड़े
ववरॊफ से होती हो तो उसे भदहरा चयभ-आनॊद वविाय िहते हैं। ऐसा किसी भानससि योि मा दवा िे िायण नहीॊ होता है। चयभ-आनॊद
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न सभरने से स्िी िो सदभा होता है। इसिी दय 5 % से 42% है। रिबि 5% स्त्स्िमों िो जीवन भें िबी चयभ-आनॊद सभरता ही नहीॊ
है।
रैंगगक ददय विकाय (Sexual Pain Disorders)
िष्टप्रद सॊबोि (Dysperunia) भें सॊबोि ियते सभम िबी िबी मा ननयॊतय ददा होता है।
मोनन आकर्य (Vaginismus) भें हभेशा मा िबी िबाय जैसे ही मोनन भें सशश्न िा प्रवेश होता है मोनन िे अग्र बाि भें अचानि
सॊिु चन होने िे िायण सशश्न िा प्रवेश िष्टप्रद हो जाता है, स्त्जससे स्िी िो बी िापी शायीरयि औय भानससि वेदना होती है।
इसिी दय बी 3% से 46% है।
िष्टप्रद सॊबोि बौनति वविायों जैसे मोनन-प्रघाण शोथ ( Vestibulitis), मोनन ऺम ( Vaginal Atrophy) मा सॊक्रभण मा भनोवैऻाननि
िायणों से बी हो सिता है। मोनन आिषा मोनन भें सशश्न िे िष्टदामि प्रवेश िी प्रनतकक्रमा िे परस्वरूऩ मा भनोवैऻाननि िायणों से
हो सिता है।
भहिरा सेक्स विकाय के कायण
स्त्री मौन विकाय के कायण औय रक्षण
कायण विियण रक्षण
हाभोन
सॊफन्धी
हाइऩोथेरेसभि वऩट्मुइटयी एस्त्क्सस दोष, औषचध मा शल्मकक्रमा द्वाया
वॊध्मियण, यजोननवृस्त्त्त, रॊफे सभम ति िबाननयोधि िोसरमों िा सेवन,
वप्रभेच्मौय ओवेरयमन पे ल्मय
िाभेच्छा वविाय, शुष्ि मोनन,
िाभोत्तेजना दोष
भाॊसऩेशीजननत श्रोखण िी भाॊसऩेसशमों िी अनत-तनावता मा अल्ऩ-तनावता अनत-तनावता: रैंचिि ददा-वविाय, मोनन
आिषा
अल्ऩ-तनावता: मोनन अल्ऩसम्वेददता,
चयभानॊद वविाय, सॊबोि भें भूि-
असॊमभता
नाड़ीजननत सुषुम्ना नाड़ी आघात; िे न्िीम नाड़ी तॊि मा ऩरयधीम नाड़ी तॊि सॊफन्धी योि
जैसे डामबफटीज, उच्च प्रेयि नाड़ी योि
चयभानॊद वविाय
भनोवैऻाननि आऩसी भतबेद, शायीरयि दोष, आत्भ स्वासबभान भें िभी, भनोदशा दोष,
भनोयोि िी औषचधमों िे िु प्रबाव
िाभेच्छा वविाय, िाभोत्तेजना दोष,
अल्ऩसम्वेददता, चयभानॊद वविाय
वादहिीम ऐथेयोस्त्स्क्रयोससस िे िायण यक्त प्रवाह भें िभी, हाभोन स्राव भें िभी ,
आघात
शुष्ि मोनन , िष्टप्रद सॊसिा
यक्त संचाय संफन्धी योग
उच्च यक्तचाऩ, िॉरेस्रोर ज्मादा होना, डॉमबफटीज, धूम्रऩान औय रृदमयोि भें स्त्स्िमों िो सेक्स सॊफन्धी वविाय होते ही हैं। ऩेस्त्ल्वस मा
जनस्त्न्न्िमों भें चोट रिना, ऩेस्त्ल्वस िी हड्डी टूट जाना, जननेस्त्न्िमों भें िोई शल्मकक्रमा मा अचधि सामकिर चराने से मोनन तथा
बिसशश्न भें यक्त प्रवाह िभ हो सिता है स्त्जससे सेक्स वविाय हो सिते हैं।
नाडी योग
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जो नाड़ी योि ऩुरूषों भें स्तॊबन दोष ऩैदा ियते हैं वे स्त्स्िमों भें बी सेक्स वविाय ऩैदा ियते हैं। भेरुयज्जु आघात (Spinal cord Injury) मा
डामबफटीज सभेत नाड़ी योि स्त्स्िमों भें सेक्स सॊफॊधी दोष ऩैदा िय सिते हैं। उन स्त्स्िमों िो चयभ-आनॊद िी प्रास्त्प्त फहुत भुस्त्श्िर होती
है स्त्जन्हें भेरुयज्जु भें चोट रिी हो।
िाभोन
हाइऩोथेरेसभि वऩट्मुइटयी एस्त्क्सस दोष, औषचध मा शल्मकक्रमा द्वाया वॊध्मियण (Castration), यजोननवृस्त्त्त, वप्रभेच्मोय ओवेरयमन पे ल्मय
औय िबा-ननयोधि िोसरमाॊ स्िी सेक्स वविाय िे हाभोन सॊफन्धी िायण हैं, स्त्जनभें भुख्म रऺण शुष्ि मोनन (Dry Vagina), मौन-इच्छा
वविाय औय िाभोत्तेजना वविाय हैं।
और्गधमां
िई तयह िी औषचधमाॊ ववशेषतौय ऩय भनोयोि भें दी जाने वारी सीयोटोननन रयअऩटेि इस्त्न्हबफटसा (SSRI) स्त्स्िमों भें सेक्स सॊफन्धी
वविाय िा भहत्वऩूणा िायण है।
मौन उत्तेजना चक्र को प्रबावित कयने िारे योग
आर्थ्ायइहिस
मदद स्िी िो जोड़ों भें ददा औय सूजन हो तो भुक्त रैंचिि-सॊसिा भें िु छ अड़चन मा ददा होना तो स्वबाववि है, रेकिन सॊबोिऩूवा ददा
ननवायि दवा, स्नेहन िव्म (Lubricant) मा िभा ऩानी िी थैरी औय सॊबोि िी आसान भुिाओॊ (स्त्जनिे प्रमोि से ददा िय यहे जोड़ों ऩय
दफाव न ऩड़े) िा प्रमोि ियिे सॊबोि िा आनॊद सरमा जा सिता है।
हृदमयोग
रृदमयोि भें अचधि श्रभ ियने ऩय छाती भें ददा होना मा ऩैयों भें यक्त-प्रवाह िभ होना साभान्म रऺण हैं। रेकिन स्त्स्िमों िो रैंचिि
सॊसिा भें इतना श्रभ नहीॊ होता है कि वे सॊबोि न िय ऩाएॊ। जैसा बी हो चचकित्सि िी याम रे रेनी चादहमे।
डामबफिीज
डामबफटीज से ऩीडड़त स्त्स्िमों िी नाडड़माॊ ऺनतग्रस्त होना शुरू हो जाती हैं, स्त्जससे उन्हें िाभोत्तेजना देय से होना, चयभ-आनॊद सभरने भें
िदठनाई आदद रऺण होना साभान्म है। डामबफटीज िो ननमॊिण भें यखने से मे वविाय ठीि हो जाते हैं मा इनिे सरए उऩचाय सरमा जा
सिता है।
एऩीरेप्सी
एऩीरेप्सी भस्त्स्तष्ि िो जाने वारे नाड़ी सॊदेशों िा शोटा सकिा ट िय देती है स्त्जससे मौन-इच्छा औय िाभोत्तेजना दोष होना स्वाबाववि
है।
िृक्कयोग
किडनी भें िोई वविाय होने ऩय भूिऩथ औय जननेस्त्न्िमों भें सॊक्रभण ( UTI) होना स्वाबाववि है। स्त्स्िमों िा भूिऩथ अऩेऺािृ त छोटा
होता है। हभेशा जननेस्त्न्िमों िो स्वच्छ यखना चादहमे औय सॊक्रभण से फचना चादहमे।
भेरुयज्जु आघात
स्ऩाइनर िोडा भें िोई बी आघात होने ऩय रैंचिि सॊसिा (Sexual Intercourse) प्रबाववत होना स्वाबाववि फात है। इससे जननेस्त्न्िमों िी
नाडड़माॊ ऺनतग्रस्त हो जाती हैं स्त्जससे मोनन भें स्नेहन िव्म िा स्राव िभ होता है, हाराॊकि वे सॊसिा भें चयभ-आनॊद प्राप्त ियती यहती
हैं।
स्त्रोक
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भस्त्स्तष्ि िी वादहिाएॊ अवरुद्ध होने ऩय हाथ ऩैयों भें रिवा ऩड़ना, ऩेसशमों िा िभजोय होना, हाथ ऩैयों भें हयित न होना जैसी तिरीपें
होती हैं। इनिे िायण रैंचिि सॊसिा प्रबाववत होिा ही। रेकिन नाडड़माॊ ऺनतग्रस्त नहीॊ होती है, इससरए हल्िे -पु ल्िे फदराव औय जुिाड़
िे साथ सॊबोि किमा जा सिता है।
थामयॉमड योग
थामयॉमड हाभोन िे असॊतुरन से भाससि धभा सॊफन्धी अननमसभतताएॊ, मौन-इच्छा दोष हो सिता है तथा अन्म सह-घटि बी सेक्स
िो प्रबाववत ियते हैं। थामयॉमड योि िे उऩचाय से मौन वविाय बी ठीि हो जाते हैं।
यजोननिृत्त्त (Menopause)
यजोननवृस्त्त्त भें स्िी िे अॊडाशम ईस्रोजन हाभोन फनाना फॊद िय देते हैं स्त्जसिे परस्वरूऩ शयीय भें िई ऩरयवतान होते हैं, जो उसिे
रैंचिि सॊसिा िो बी प्रबाववत ियते हैं। एि भुख्म ऩरयवतान मोनन िा शुष्ि होना है। मोनन भें चचिने स्राव न होने से सॊबोि िष्टप्रद
हो जाता है। ईस्रोजन िभ होने से मोनन िी ऩेसशमाॊ ससिु ड़ जाती हैं औय जख्भ रिने िी सॊबावना ज्मादा यहती है। इसिे उऩचाय हेतु
ईस्रोजन िी िोसरमाॊ मा क्रीभ दी जाती हैं।
साभान्मत् यजोननवृस्त्त्त भें स्त्स्िमों िी िाभ-इच्छा प्रबाववत नहीॊ होती है औय वे जीवन िे आखखयी ऩड़ाव भें बी रॊफे सभम ति रैंचिि
सॊसिा िा आनॊद रेती यहती हैं, फशते स्वास््म अच्छा फना यहे औय अऩने जीवनसाथी से सॊफन्धों भें भधुयता फनी यहे।
कपय बी उम्र ढरने िे साथ साथ स्िी िे रैंचिि व्मवहाय भें पिा तो आता है, जैसे उसे उत्तेस्त्जत होने भें ज्मादा सभम रिता है औय
चयभ-आनॊद िी प्रास्त्प्त बी थोड़ी िदठनाई तथा ववरॊफ से होती है। िई स्त्स्िमों िो चयभ-आनॊद िी स्त्स्थनत भें मोनन िी ऩेसशमों िे
सॊिु चन बी अऩेऺािृ त िभ होते हैं। दूसयी ओय इस उम्र ति आते आते उनिे साथी बी स्तॊबनदोष िे सशिाय हो ही जाते हैं औय िई
फाय ऐसे दम्ऩस्त्त्त रैंचिि सॊसिा िे स्थान ऩय हाथों मा भुख से एि दूसये िी जननेस्त्न्िमों िो उत्तेस्त्जत ियिे मा अऩने मौनाॊिों िो
साथी िे मौनाॊिों से यिड़ िय ही अऩनी वऩऩासा शाॊत िय रेते हैं। इस तयह इस उम्र भें बी िई दम्ऩस्त्त्त ननमसभत मौन कक्रड़ाएॊ ियते
हैं औय सॊतुष्ट होते हैं।
यजोननिृत्त्त भें शायीरयक ऩरयितयन
त्वचा
स्वेदन औय सेफेसशमस ग्रॊचथमों िा स्राव िभ होना, स्ऩशा से िाभोत्तेजना िभ होना।
स्तन
स्तन भें पै ट िी भािा िभ होना, मौन-उत्तेजना होने ऩय स्तनों भें पु राव औय स्तनाग्रों भें सॊिु चन िभ होना।
मोनन
मोनन िे भाॊसर खोर िी रॊफाई औय रचीराऩन िभ होना, मोनन िे िीरेऩन भें िभी, मोनन िा ऩीएच जो साभान्मत् 3.5 से 4.5 िे
फीच यहता है फढ़ िय 5 मा ज्मादा हो जाना औय मोनन िी आॊतरयि खझल्री िा ऩतरा हो जाना।
आॊतरयि जननेस्त्न्िमाॊ
डडम्फाशम ( Ovary) औय डडम्फवाही नसरमों ( Fallopian tubes) िा छोटा होना, डडम्फाशम िू ऩ अवववयता ( Ovarian Follicular Atresia),
िबााशम िा वजन 30% से 50% िभ होना, िबााशम िी ग्रीवा िा आिषा औय श्रेष्भा (Mucous) िा स्राव िभ होना।
भूिाशम
7. 7 | P a g e
भूि नसरिा (Ureter) औय भूिाशम बििोण (Trigone of bladder) िा अवववयता।
िैं सय
िैं सय िा तो आिभन ही स्िी िो आतॊकित, आशॊकित औय आहत िय देता है। उसे अऩना रैंचिि आनॊद तो अॊधिायभम ददखाई देता ही
है साथ भें अऩना आत्भ-स्वासबभान, सौंदमा, आिषाण मा शयीय िाई अॊि खो जाने िी िल्ऩना बी बमबीत ियती यहती है। एि ओय
भृत्मु औय ऩनत िे फेवपा हो जाने खौफ़ फना यहता है तो दूसयी ओय सजायी, िीभो औय येडडमो िी बिधायी तरवाय चौफीसों घॊटे ससय ऩय
रटिी यहती है। दुख िी इस घड़ी भें ऩनत िे प्माय िी एि झप्ऩी जादू िे सभान िाभ ियती है।
भहिरा सेक्स विकाय के भनोिैज्ञाननक ऩिरू
स्िी रैंचिि वविाय िे िायणों भें बौनति ऩहरुओॊ िे साथ साथ भनोवैऻाननि ऩहरू बी फहुत भहत्व यखते हैं।
व्मत्क्तगत
धासभाि वजाना, साभास्त्जि प्रनतफॊध, अहॊिाय, हीन बावना।
ऩुयाने किु अनुबि
ऩूवा रैंचिि, शास्त्ददि मा शायीरयि प्रताड़ना, फरात्िाय, सेक्स सॊफन्धी
अऻानता।
साथी से भतबेद
सॊफन्धों भें िटुता, वववाहेतय रैंचिि सॊफन्ध, वताभान रैंचिि, शास्त्ददि
मा शायीरयि प्रताड़ना, िाभेचछा भतबेद , वैचारयि भतबेद,
सॊवादहीनता।
दुननमादायी
आचथाि, िाभ-िाज मा ऩारयवारयि सभस्माएॊ, ऩरयवाय भें किसी िी
फीभायी मा भृत्मु, अवसाद (Depression)।
ननदान
स्त्स्िमों िे सेक्स वविायों िे िायण औय उऩचाय िे भाभरे भें चचकित्सि दो खेभों भें फॊट िमे हैं। हभें दोनों ऩय ध्मान देना है औय दोनों
िे दहसाफ से ही उऩचाय ियना है।
ऩिरा खेभा वादहिीम ऩरयिल्ऩना िो भहत्व देता है औय भानता है कि किसी फीभायी (जैसे डामबफटीज औय एथयोस्त्स्क्ियोससस),
प्रौढ़ता मा तनाव िी वजह से जननेस्त्न्िमों भें यक्तप्रवाह िभ होने से मोनन भें सूखाऩन आता है तथा बिसशश्न िी सॊवेदना िभ होती
है स्त्जससे मौन उत्तेजना प्रबाववत होती है। मे रोि ऐसी औषचधमों औय भयहभ प्रमोि ियने िी सराह देते हैं जो जननेस्त्न्िमों भें
यक्तप्रवाह फढ़ाती हैं।
दूसया खेभा हाभोन िी ्मोयी ऩय ज्मादा ववश्वास यखता है। उम्र फढ़ने िे साथ-साथ स्त्स्िमों िे शयीय भें स्िी हाभोन ईस्रोजन औय
ऩुरूष हाभोन टेस्टोस्टीयोन िा स्राव िभ होने रिता है। ईस्रोजन िे िायण ही स्त्स्िमों भें मौन-इच्छा ऩैदा होती है। टेस्टोस्त्स्टयोन ऩुरुष
हाभोन है रेकिन मह स्त्स्िमों भें बी िई भहत्वऩूणा िामा ियता है। स्त्स्िमों भें इसिा स्राव ऩुरूषों िे भुिाफरे 5 % ही होता है। मह
मौवन िे आिभन िे सरए उत्तयदामी है स्त्जसभें किशोय रड़किमों िे जननेस्त्न्िमों औय फिर भें फार आने शुरू हो जाते हैं। स्तन औय
जननेस्त्न्िमाॉ सॊवेदनशीर हो जाती हैं औय इनभें िाभ-उत्तेजना होने रिती है।
8. 8 | P a g e
ऩुरुष हाभोन्स िो एन्रोजन िे नाभ से बी जाना जाता है। मे स्त्स्िमों भें िाभोत्तेजना िे सरए प्रभुख हाभोन हैं। साथ ही मह स्त्स्िमों भें
हड्डडमों िे वविास औय घनत्व फनामे यखने िे सरए बी अत्मॊत आवश्मि हैं।
स्त्स्िमों िे शयीय भें सफसे ज्मादा टेस्टोस्त्स्टयोन िा स्राव प्रजनन िार भें होता है। इस हाभोन िी अचधितय भािा एि ववसशष्ट
फॊधनिायी ग्रोदमुसरन से जुड़ी यहती है। इसिा भतरफ उऩयोक्त भहत्वऩूणा िामों िे सरए इसिी एि सससभत भािा ही यक्त भें
ववद्मभान यहती है। यक्त िे ऩयीऺण द्वाया हभ यक्त भें भुक्त औय फॊचधत टेस्टोस्त्स्टयोन िा स्तय जान सिते हैं औय सही ननदान िय
सिते हैं।
यजोननवृस्त्त्त भें स्त्स्िमों िे अॊडाशम ईस्रोजन औय टेस्टोस्त्स्टयोन दोनों िा ही स्राव िभ िय देते हैं। टेस्टोस्त्स्टयोन िी िभी िे भुख्म
रऺण मौन इच्छा िभ होना, रैंचिि िल्ऩनाएॊ, स्वप्न औय ववचाय िभ आना, स्तनाग्र, मोनन औय बिसशश्न िी स्ऩशा सॊवेदना िभ
होना है। स्वाबाववि है कि िाभ-उत्तेजना औय चयभ-आनॊद िी अनुबूनत बी प्रबाववत होिी।
साथ ही शयीय िी भाॊस-ऩेसशमाॊ बी ऩतरी होने रिती हैं, जननेस्त्न्िमों िे फार िभ होने रिते हैं औय प्रजनन अॊि ससिु ड़ने शुरू हो
जाते हैं। मोनन औय आसऩास िे ऊति घटने रिते हैं। सॊबोि भें ददा होने रिता है औय ससय िे फार बी ऩुरुषों िी बाॊनत िभ होने
रिते हैं।
एि तीसया ससद्धाॊत औय साभने आमा है स्त्जसे अतृत्प्त मा असंतोर् ऩरयकल्ऩना िहते हैं, इसे बी ठीि से सभझना जरूयी है। िई
स्त्स्िमों भें रैंचिि सभस्माओॊ िा िायण हाभोन्स िी िभी मा जननेस्त्न्िमों भें यक्त िा िभ प्रवाह न होना होिय सॊबोि िे सभम
बिसशश्न औय मोनन िा ऩमााप्त घषाण नहीॊ होना है। मुवा स्त्स्िमों भें मह फहुत भहत्वऩूणा है। िई फाय स्िी औय ऩुरूष सेक्स िे भाभरे
भें खुरिय वातााराऩ नहीॊ ियते हैं। स्त्जससे वे एि दूसये िी इच्छाओॊ, ऩसॊद नाऩसॊद, वयीमताओॊ से अनसबऻ यहते हैं। ऩुरूष िो भारूभ
नहीॊ हो ऩाता कि वह स्िी िो किस तयह िाभोत्तेस्त्जत िये, स्िी िो िौनसी मौन-कक्रड़ाएॊ ज्मादा बड़िाती हैं, उसिे शयीय िे िौन से ऺेि
वासनोत्तेजि ( Erogenous) हैं औय िौनसी रैंचिि भुिाएॊ उसे जल्दी चयभ-आनॊद देती हैं। इस तयह स्िी िो सभरती है सेक्स भें
असॊतुस्त्ष्ट, आत्भग्रानन, अवसाद औय रैंचिि सॊसिा से ववयस्त्क्त। मदद सभम यहते सभस्मा िा ननदान औय उऩचाय न हो ऩामे तो ऩहरे
आऩस भें तियाय, कपय सॊफॊधों भें दयाय, आिे चर िय वववाहेतय सम्फॊध औय तराि होने भें बी देय नहीॊ रिती।
िु छ ही वषों ऩहरे ति भाना जाता था कि अचधितय (90% से ज्मादा) स्िी रैंचिि योि भनोवैऻाननि िायणों से होते हैं। रेकिन आज
धायणामें फदर िमी हैं। अॊतत् चचकित्सि औय शोधिताा इसिे ननदान औय उऩचाय िे नमे-नमे आमाभ ढ़ूॊढ यहे हैं। आजिर देखा जा
यहा है कि स्िी रैंचिि योि िे ज्मादातय भाभरे किसी न किसी शायीरयि योि िे िायण हो यहे हैं, न कि भनोवैऻाननि िायणों से।
इससरए उऩचाय बी सॊबव हो सिा है।
चचकित्सि िो चादहमे कि वह एिाॊत औय शाॊत ऩयाभशा िऺ भें स्िी िो अऩने ऩूये ववश्वास भें रेिय सहज बाव से ववस्ताय भें ऩूछताछ
िये। योिी से उसिी भाहवायी, रैंचिि सॊसिा, व्मस्त्क्तित मा ऩारयवारयि सूचनाएॊ, वताभान मा अतीत भें हुई िोई रैंचिि मा अन्म प्रताड़ना
आदद िे फाये भें फायीिी से ऩूछा जाना चादहमे। योिी िे साथी से बी अच्छी तयह ऩूछताछ िी जानी चादहमे। एि ही प्रश्न िई तयीिे
से ऩूछना चादहमे ताकि योिी िी सभस्मा िो सभझने भें िोई िरती न हो। फातचीत िे दौयान उसे फीच-फीच भें योिी िी आॉखों भें
आॉखे डार िय फात ियनी चादहमे औय शायीरयि भुिाओॊ ऩय बी ऩूया ध्मान यखना चादहमे। स्िी िो बी बफना िु छ छु ऩामे अऩनी सभस्मा
स्ऩष्ट तयीिे से चचकित्सि िो फता देनी चादहमे। चचकित्सि िो उन सायी औषचधमों िे फाये भें बी फता देना चादहमे स्त्जनिा वह सेवन
िय यही है। हो सिता है उसिी सायी तिरीप िोई दवा िय यही हो औय भाि एि दवा फदरने से ही उसिी सायी तिरीप सभट जामे।
इसिे फाद चचकित्सि िो फड़े ध्मान से योिी िा क्रभफद्ध तयीिे से ऩयीऺण ियना चादहमे ताकि िी योि महीॊ चचस्त्न्हत िय सरए जामें।
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मंरों द्िाया मोनन ऩयीक्षण
मोनन भें यक्त िे प्रवाह औय सॊचम िो पोटोप्रेथीस्भोग्रापी द्वाया नाऩा जाता है। इसभें एि टेम्ऩून िे आिाय िा एकक्रसरि मॊि मोनन
भें डारा जाता है जो प्रिाश िी कियणों द्वाया यक्त िे फहाव औय ताऩभान िो नाऩता है। रेकिन मह चयभ-आनॊद िी अवस्था भें फहाव
औय ताऩभान िो नाऩने भें असभथा है। मोनन िा ऩीएच रेवर बी नाऩा जाता है। मूयोरोस्त्जस्ट ऩीएच नाऩ िय मोनन भें सॊक्रभण ियने
वारे िीटाणुओॊ िा अनुभान रिा रेते हैं। यजोननवृस्त्त्त भें हाभोन औय मोनन भें स्राव िी भािा िभ होने से ऩीएच फढ़ िय 5 मा ज्मादा
ज्मादा हो जाता है। बिसशश्न तथा बिोष्ठ िी दफाव औय ताऩभान िे प्रनत सॊवेदना िो फामोथीससमोभीटय नाभि मॊि द्वाया नाऩा है।
उऩचाय
िई फाय स्त्स्िमों िी सेक्स सभस्माओॊ िे उऩचाय िी आवश्मिता ही नहीॊ होती है। फस आऩ अऩनी सभस्मा खुर िय साथी िो फताते
यहें, आऩिे साथी से तारभेर अच्छा हो तो छोटी भोटी सभस्माएॊ आऩ सभर िय ही हर िय रेंिे। जरूयत ससपा अऩनी नीयस औय
फोरयॊि हो चरे सेक्स रूटीन भें जोश औय योभाॊस िा तड़िा रिाने औय छोटी छोटी फुननमादी फातों िो व्मवहाय भें राने िी है।
फुननमादी उऩचाय सूर
भशक्षा
जननेस्त्न्िमों िी सॊयचना औय िामाप्रणारी, भाहवायी, िबाावस्था, यजोननवृस्त्त्त, प्रौढ़ता आदद िे फाये भें स्त्स्िमों िो किताफों, प्रदशाननमों औय
टीवी िे जरयमे ऩूयी जानिायी दी जानी चादहमे। जफ बी योिी िो िोई नई फीभायी िा ननदान हो मा नई दवा दी जामे मा िोई
शल्मकक्रमा हो तो उसे सॊफस्त्न्धत रैंचिि भुद्दों िे फाये चचाा िी जानी चादहमे।
तौयतयीकों भें फदराि
रैंचिि सॊसिा िे सभम फातचीत ियें, एिदूसये िी ऩसॊद नाऩसॊद, वयीमताएॊ जानें औय एिदूसये िी उत्तेजना बड़िाने वारी मौन-कक्रमाएॊ
भारूभ ियें। रैंचिि सॊसिा िी भुिाएॊ, सभम औय स्थान फदर िय जीवन भें नमाऩन रामें। िबी िबी योभाॊस िे सरए एि ददन
ननस्त्श्चत ियें, शहय से फाहय ननिरें, सैय-सऩाटा भौज भस्ती ियें औय किसी योभाॊदटि रयसोटा भें यात िी ऩायी खेरें।
इन्िें बी आजभामें
िबी-िबी सप्ताहाॊत भें दोनों साथी रूभानी हो जामे, अियफत्ती जरा िय कपजा िो भहिामे,
शभाॊ जरा िय ददव्म भाहौर फनामे, सऩनों िी दुननमा सजामें, फायी-फायी से एि दूसये िा
प्माय से किसी अच्छे हफार तेर द्वाया भसाज ियें, िुफ्तिू ियें। एि दूसये िो फतामें कि
उन्हें िहाॉ औय िै सा स्ऩशा अच्छा रिता है। ऐसा भसाज से दम्ऩस्त्त्तमों िे ऊजाा चक्र खुर
जाते हैं औय वे एि दूजे भें खो जाते हैं।
कीगर व्मामाभ
राब
भूराधाय िी ऩेसशमाॊ भजफूत होती हैं।
चयभ-आनॊद िी तीवृता फढ़ती है।
चयभ-आनॊद िे सभम भूि ननिर जाने िी सभस्मा ठीि होती है।
सॊबोि िे सभम ध्मान िा वविषाण (Distraction) होता है।
11. 11 | P a g e
सॊबोि िे आनॊद िी अनुबूनत फढ़ती है।
विगध
ववचध सयर है स्िी मोनन भें अऩनी अॊिुरी डार िय भूराधाय ( Perineum) िी भाॊसऩेसशमों िो उसी तयह धीये धीये दस ति चिनते हुए
ससिोड़ें भानो भूि-त्माि िी कक्रमा िो योिना हो , कपय तीन चिनने ति भाॊसऩेसशमों िो ससिोड़ें यहें औय उसी तयह धीये धीये दस ति
चिनते हुए भाॊसऩेसशमों िो ढीरा छोड़ें। इसे दस से ऩॊिह फाय योज ियें। फाद भें इसे किसी बी सभम, िहीॊ बी, किसी बी भुिा भें किमा
जा सिता है।
मौन-इच्छा विकाय
मौन-उच्छा वविाय िा उऩचाय आसान नहीॊ है। यजोननवृस्त्त्त-ऩूवा मौन-इच्छा वविाय िई फाय आधुननि जीवनशैरी िे घटिों जैसे फच्चों
िी ऩढ़ाई मा स्त्जम्भेदारयमों िा फोझ, ऑकपस िे िाभों िा भनोवैऻाननि दफाव, दवाइमाॊ मा अन्म सेक्स वविाय आदद िे िायण बी
होता है। िई फाय रैंचिि सॊसिा भें आई उिताहट से बी मौन-इच्छा िभ हो जाती है। यजोननवृस्त्त्त िे दौयान मौन-इच्छा वविाय िे
उऩचाय हेतु ईस्रोजन िा प्रमोि किमा जाता है।
काभोत्तेजना विकाय
िाभोत्तेजना वविाय िे उऩचाय भें अच्छे स्नेहन िव्म प्रमोि ियने िी सराह दी जाती है। ज्मादा उम्र िी स्त्स्िमों भें िई फाय अऩमााप्त
घषाण िे िायण उत्तेजना नहीॊ होती है। तफ चचकित्सि उन्हें भैथुनऩूवा िभा शावय रेने, भैथुनऩूवा िाभकक्रड़ाएॊ फढ़ाने आदद िी सराह देते
हैं।
चयभ-आनंद विकाय (Anorgasmia)
ऐनोिेस्त्ज्भमा िा उऩचाय सॊऻानात्भि व्मवहाय चचकित्सा औय सेन्सेट पोिस द्वाया किमा जाता है। इसिे औषधीम उऩचाय भें
ससरडेनाकपर औय फूप्रोवऩमोन िा प्रमोि किमा जाता है। रेकिन इनिे नतीजे फहुत अच्छे नहीॊ हैं औय मे एप.डी.ए. द्वाया प्रभाखणत बी
नहीॊ है।
कष्िप्रद संबोग
िे िई बौनति िायण हो सिते हैं औय उनिा सभाधान उऩचाय िा ऩहरा िदभ होना चादहमे। मदद िायण भारूभ न हो सिे मा
अस्ऩष्ट हो तो उऩचाय फहु-आमाभी औय फहु-ववषमि होना चादहमे। आवश्मितानुसाय भनोचचकित्सा बी देनी चादहमे स्त्जसभें ऩुरुष िो बी
साथ यखना चादहमे औय शायीरयि, बावनात्भि औय आऩसी तारभेर सॊफन्धी सबी भुद्दों िे सभाधान हो जाने चादहमे।
रैंचिि ददा वविाय िे िु छ िायणों जैसे वरवय वेस्त्स्टदमुराइदटस औय वेजीननसभस िे उऩचाय भें कपस्त्जमोथैयेऩी (आऩसी प्रनतकक्रमा,
श्रोखण िी ऩेसशमों िा ववद्मुत उत्तेजन, श्रोखण िा सोनोग्राभ, वेजाइनर डाइरेटसा) िापी राबदामि है।
मोनन आिषा िे उऩचाय भें भनोचचकित्सि धीये धीये योिी िो ववश्वास भें रेता है। मोनन िा ऩयीऺण मह िह िय ियता है कि ददा
होने ऩय ऩयीऺण योि देिा औय आदहस्ता आदहस्ता मोनन िो पै रा देता है। इस तयह योिी िा डय ननिार देता है।
वेजीननसभस िे औषधीम उऩचाय हेतु वेजाइनर एरोपी भें ईस्रोजन, वल्वोवेजाइनर िे न्डामससस भें पॊ िसयोधी औय वरवय
वेस्त्स्टदमुराइदटस भें एन्टीडडप्रेसेन्ट आदद प्रमोि ियते हैं।
12. 12 | P a g e
और्गधमां
मदद आऩिी सभस्मा किसी बौनति िायण से है तो चचकित्सि आऩिे उऩचाय िी मोजना फतरा देिा। मोजना भें दवाइमाॊ, जीवनशैरी
भें छोटा-भोटा फदराव मा शल्मकक्रमा िा सुझाव बी हो सिता है। हो सिता है वह आऩिो भनोचचकित्सि से बी सॊऩिा ियने िो िहे।
िु छ प्रबावशारी उऩचाय इस तयह हैं।
मोनन स्त्नेिन द्रव्म
शुष्ि मोनन िे उऩचाय हेतु फाजाय भें ववसबन्न स्नेहन क्रीभ, जेर मा सऩोजीटयी सभरते है। मे बफना चचकित्सि प्रऩि िे बी खयीदे जा
सिते हैं। ऩानी भें घुरनशीर क्रीभ मा जेर अच्छे यहते है। रेटेक्स यफय िे फने िॊ डोभ तेर भें घुरनशीर स्रेहन िव्म जैसे ऩेरोसरमभ
जैरी, सभनयर तेर मा फेफी ऑमर से कक्रमा िय पट सिते हैं।
ईस्त्रोजन क्रीभ
यजोननवृस्त्त्त िे फाद होने वारी शुष्ि मोनन तथा मोनन ऺम भें ईस्रोजन क्रीभ िा प्रमोि िापी राबप्रद यहता है।
भसरडेनाक्रपर
ससरडेनाकपर ऩुरुषों िे स्तॊबनदोष भें िापी प्रमोि िी जाती है। स्त्स्िमों भें िाभ-उत्तेजना ऩैदा ियने िे सरए एरोऩैथी िे ऩास अबी
िोई दवा नहीॊ है। इससरए ससरडेनाकपर िो स्त्स्िमों भें बी जुिाड़ िे रूऩ भें प्रमोि किमा िमा है, ऩय नतीजे ज्मादा अच्छे नहीॊ हैं। िु छ
ही स्त्स्िमों िी िाभ-उत्तेजना भें राब देखा िमा है। एप.डी.ए. ने बी इसे स्त्स्िमों भें प्रमोि ियने िे सरए प्रभाखणत नहीॊ किमा है। इसिे
ऩाश्वाप्रबाव ससयददा, जुिाभ, चेहये ऩय रासरभा, असाभान्म दृस्त्ष्ट, अऩच आदद हैं। िबी-िबी उसिे प्रमोि से यक्तचाऩ इतना िभ हो
सिता है कि घाति ददर िा दौया ऩड़ सिता है। नाइरेट सेवन ियने वारों िो ससरडेनाकपर रेना जानरेवा साबफत हो सिता है।
िोभोन प्रनतस्त्थाऩना उऩचाय (Hormone Replacement Therapy)
यजोननवृस्त्त्त से होने वारे वविायों िे उऩचाय हेतु होभोन्स िा प्रमोि किमा जाता है। अिे रा ईस्रोजन उन स्त्स्िमों िो ददमा जाता है
स्त्जनिा िबााशम शल्मकक्रमा द्वाया ननिार ददमा िमा है जफकि िबााशम िो साथ सरए जी यही स्त्स्िमों िो ईस्रोजन-प्रोजेस्त्स्टन (िृ बिभ
प्रोजेस्रोन हाभोन) ददमा जाता है क्मोंकि प्रोजेस्त्स्टन ईस्रोजन िी अचधिता िे दुष्प्रबाव (िबााशम िैं सय) से िबााशम िी सुयऺा ियते
हैं। वषों ति मह सभझा जाता यहा कि यजोननवृस्त्त्त भें ईस्रोजन-प्रोजेस्त्स्टन उऩचाय स्त्स्िमों िो रृदमयोि, उच्च-िॉरेस्टेयोर, िैं सय आॊत,
एल्झाइभय योि औय अस्त्स्थऺम (Osteoporosis) से फचाता है। ऩयॊतु 2002 भें हुई खोज िे अनुसाय यजोननवृस्त्त्त भें ईस्रोजन मा
इस्रोजन-प्रोजेस्त्स्टन उऩचाय से स्तन िैं सय, रृदमाघात, स्रोि औय अॊडाशम िैं सय िा जोखखभ फहुत फढ़ जाता है। होभोन उऩचाय उन
स्त्स्िमों िो फहुत याहत देता है स्त्जनिो यजोननवृस्त्त्त िे िायण शुष्ि मोनन मा सॊबोि भें ददा होता है साथ भें हॉट फ्रशेज औय अननिा
भें बी राब सभरता है। अनुसॊधानिताा छोटे अॊतयार िे सरए ददमे िमे होभोन उऩचाय िो तो सुयक्षऺत भानते हैं रेकिन रॊफे सभम ति
होभोन उऩचाय देने िे ऩऺ भें नहीॊ हैं। ऩाॊच वषा िे फाद होभोन उऩचाय फॊद िय ददमा जाना चादहमे। स्त्स्िमों भें होभोन उऩचाय शुरू
ियने िा ननणाम सोच सभझ िय सरमा जाना चादहमे औय योिी िो इसिे पामदे नुिसान अच्छी तयह सभझा देने चादहमे।
13. 13 | P a g e
िेस्त्िोत्स्त्ियोन
वैऻाननिों िे ऩास ऩमााप्त सफूत हैं कि स्त्स्िमों भें िाभ-इच्छा, िाभ-ज्वारा औय रैंचिि सॊसिा िे स्वप्न औय ववचायों िो बड़िाने भें
टेस्टोस्त्स्टयोन फहुत ही भहत्वऩूणा है। इसीसरए इसे स्त्स्िमों िे सरए हाभोन ऑप डडजामय िहा जाता है । अफ प्रश्न मह है कि इसे िफ
देना चादहमे। अनुबवी चचकित्सि िहते हैं कि यजोननवृस्त्त्त भें मदद िाभ-इच्छा िा अबाव हो औय यक्त भें टेस्टोस्त्स्टयोन िा स्तय बी
िभ हो तो इसे अवश्म देना चादहमे।
इसिे सरए त्वचा ऩय चचऩिाने वारे टेस्टोस्टीयोन िे ऩेच सभरते हैं। इसिी भािा 300 भाइक्रोग्राभ प्रनत ददन है औय इसे तीन भहीनें ति
आजभाना चादहए। मदद तीन भहीनें भें पामदा न हो तो फन्द िय दें। इसिे ऩाश्वा प्रबाव जैसे ससय िे फार उड़ना, दाड़ी भूॉछ उि आना, भदों जैसी आवाज
हो जाना आदद जैसे ही ददखे, इसिा सेवन फन्द िय देना चादहए। वैसे भैं आऩिो टेस्टोस्टीयोन रेने िी सराह नहीॊ दूॊिा, क्मोंकि राब िी सॊबावना
िभ औय ऩाश्वा प्रबावों िी सॊबावना ज्मादा यहती है। वैसे बी मह स्त्स्िमों भें एप.डी.ए. द्वाया प्रभाखणत नहीॊ है।
ऩीिी-141 नेजर स्त्प्रे
पीभेर ववमाग्रा िे नाभ से चचचात ऩीटी-141 नेजर स्प्रे ऩेरेदटन टेक्नोरोजीज जोय शोय से फाजाय भें उतायने िी तैमायी िय
यही थी औय िहा जा यहा था कि जैसे ही सस्रमाॊ अऩने नाि भें इसिा स्प्रे रेंिी, 15 सभनट भें उनिी िाभेच्छा एिदभ
बड़ि उठेिी। रेकिन रृदम ऩय इसिे इतने घाति िु प्रबाव देखे िमे कि इसिी शोध ऩय तुयॊत योि रिानी ऩड़ी।
कपय बी िु छ रोि इसे फेच यहे हैं अत् आऩ इसे बूर िय बी नहीॊ खयीदें।
िैकत्ल्ऩक गचक्रकत्सा
आऩने ऊऩय ऩढ़ा है कि ऐरोऩैथी भें स्िी मौन वविायों िा उऩचाय ऩूणातमा वविससत नहीॊ हुआ है औय अबी प्रमोिात्भि अवस्था भें ही
है। रेकिन आमुवेद मौन योिों भें 5000 वषा ऩूवा से शतावयी, सशराजीत, अश्विॊधा, जटाभानसी, सपे दभूसरी जैसी भहान औषचधमाॉ प्रमोि
िय यहा है। मे ऩूणात् ननयाऩद औय सुयक्षऺत हैं औय जादू िी तयह िामा ियती हैं।
संबोग से सभागध की ओय रे जामे अरसी
अरसी आधुननि मुि भें स्त्स्िमों िी मौन-इच्छा, िाभोत्तेजना, चयभ-आनॊद वविाय,
फाॊझऩन, िबाऩात, दुग्धअल्ऩता िी भहान औषचध है। स्त्स्िमों िी सबी रैंचिि सभस्माओॊ
िे साये उऩचायों से सवाश्रेष्ठ औय सुयक्षऺत है अरसी। “व्हाई वी रव” औय “ऐनाटॉभी
ऑप रव” िी भहान रेखखिा, शोधिताा औय चचॊति हेरन कपशय बी अरसी िो
प्रेभ, िाभ-वऩऩासा औय रैंचिि सॊसिा िे सरए आवश्मि सबी यसामनों जैसे
डोऩाभीन, नाइदरि ऑक्साइड, नोयइवऩनेफ्रीन, ऑस्त्क्सटोससन, सीयोटोननन,
टेस्टोस्त्स्टयोन औय पे योभोन्स िा प्रभुख घटि भानती है।
अरसी भें ओभेिा-3 पै ट, आस्त्जानीन, सेरेननमभ , स्त्जॊि औय भेिनीसशमभ
होते हैं जो स्िी हाभोन्स, टेस्टोस्त्स्टयोन औय पे योभोन्स ( आिषाण िे हाभोन) िे ननभााण िे भूरबूत घटि हैं। टेस्टोस्त्स्टयोन
आऩिी िाभेच्छा िो चयभ स्तय ऩय यखता है।
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इसिे अरावा मे सशचथर ऩड़ी ऺनतग्रस्त नाडड़मों िा िामािल्ऩ ियती हैं स्त्जससे भस्त्स्तष्ि औय जननेस्त्न्िमों िे फीच सूचनाओॊ
एवॊ सॊवेदनाओॊ िा प्रवाह दुरुस्त हो जाता है। नाडड़मों िो स्वस्थ यखने भें अरसी भें ववद्मभान रेसीचथन, ववटासभन फी ग्रुऩ, फीटा
िे योटीन, पोरेट, िॉऩय आदद िी भहत्वऩूणा बूसभिा होती है।
अरसी भें ववद्मभान ओभेिा-3 पै ट एवॊ सरिनेन जननेस्त्न्िमों भें यक्त िे प्रवाह िो फढ़ा ती हैं, स्त्जससे िाभोत्तेजना फढ़ती है औय
प्रेभ िी रीरा सजती है। देह िे साये चक्र खुर जाते हैं, ऩूये शयीय भें दैववि ऊजाा िा प्रवाह होता है औय सॊबोि सशव औय उभा
िी यनत-क्रीड़ा िा उत्सव फन जाता है, सभाचध फन जाती है।