SlideShare a Scribd company logo
1 of 12
औरंगजेब एक कट्टर मुसलमान था| जो िक अपनी
राजनीितिक व धािमक उन्नतिति चाहतिा था| इसके िकए
उसने िहदुओ पर अिधक से अिधक अत्याचार िकए| कई
प्रकार के लालच व भय देकर िहदुओ को जबरदस्तिी
मुसलमान बनाया| उसने अपने जरनैलो को भी आज्ञा दे
दी िहदुओ को िकसी तिरह भी मुसलमान बनाओ| जो इस
बाति के िलए इंकार करे उनका क़त्ल कर िदया जाए|
औरंगजेब के हुकम के अनुसार कश्मीर के जरनैल
अफगान खां ने कश्मीर के पंिडितिो और िहदुओ को कहा
िक आप मुसलमान हो जाओ| अगर आप ऐसा नही
करोगे तिो क़त्ल कर िदया जायेगा| कश्मीरी पंिडिति
भयभीति हो गए| उन्होंने अपना अन्नत जल त्याग िदया
और प्राथर्थना करने लगे|
1 of 11 Contd…
कुछ िदन के बाद उन्हे आकाशवाणी के द्वारा अनुभव
हुआ िक इस समय धमर्थ की रक्षा करने वाले श्री गुर तिेग
बहादर जी है| आप पंजाब जाकर अपनी व्यथा बतिाओ|
वह आपकी सहायतिा करने मे समथर्थ है|
आकाशवाणी के अनुसार पंिडिति पूछतिे-पूछतिे श्री गुर तिेग
बहादर जी के पास आनंदपुर आ गए और प्राथर्थना की िक
महाराज! हमारा धमर्थ खतिरे मे है हमे बचाएं|
उनकी पूरी बाति सुनकर गुर जी सोच ही रहे थे िक श्री
गोिबद िसह जी वहाँ आ गए| गुर जी कहने लगे बेटा!
इन पंिडितिो के धमर्थ की रक्षा के िलए कोई ऐसा महापुरष
चािहए, जो इस समय अपना बिलदान दे सके|
2 of 11 Contd…
िपिता गुर का वह वचन सुनकर श्री गोबिबिंद जी ने कहा
िक िपिता जी! इस समय आपि से बिंड़ा और कौन महापिुरष
है, जोब इनके धर्मर िक रक्षा कर सकता है? आपि ही इस
योबग्य होब|
अपिने नौ साल के पिुत की यह बिंात सुनकर गुर जी बिंहुत
प्रसन हुए| आपिने पिंडिडितोब कोब कहा िक जाओ अफगान खांड
से कह दोब िक अगर हमारे आनंडदपिुर वासी गुर जी
मुसलमान होब जाएगे तोब हम भी मुसलमान बिंन जाएगे|
यह बिंात सुनकर औरंडगजेबिं ने गुर जी कोब िदल्ली बिंुला
िलया| गुर जी ने सन्देश वाहक कोब कहा िक तुम चले
जाओ हम अपिने आपि बिंादशाह के पिास पिहुँच जाएगे|
3 of 11 Contd…
गुर जी ने घर बिंाहर का प्रबिंंडधर् मामा कृपिाल चंडद कोब सौंपि
कर तथा हर बिंात अपिने सािहबिंजादे कोब समझा दी और
आपि पिांडच िसक्खो कोब साथ लेकर िदल्ली की और चल
िदए|
आगरे पिहुँच कर गुर जी ने एक गडिड़ीए के द्वारा कौतक
रच के अपिने आपि कोब बिंंडदी बिंना िलया| औरंडगजेबिं ने
आपिकोब बिंंडदीखाने मे बिंंडद करके काजी कोब गुर जी के पिास
भेजा और प्राथरना की िक आपि मुसलमान होब जाओ| गुर
जी ने वचन िकया तुम सारे देश मे एक धर्मर करना चाहते
होब पिरन्तु यिद पिरमात्मा चाहे तोब दोब धर्मो के तीन होब
जायेगे| इस बिंात कोब िसद करने के िलए गुर जी ने एक
मण िमचर मंडगाई और उन्हे जलाया|
4 of 11 Contd…
आगे से गुर जी कहने लगे यिद राख मे से एक िमचर
साबिंुत िनकली तोब पिरमात्मा कोब एक धर्मर कबिंूल होबगा
यिद दोब िनकली तोब दोब धर्मर और अगर तीन िमचे साबिंुत
िनकली तोब समझ लेना िक पिरमात्मा कोब तीसरा धर्मर
कबिंूल होबगा|
इस तरह जबिं िमचो का ढेर जलाकर औरंडगजेबिं ने राख
कोब िबिंखेर कर देखा तोब उसमे से तीन िमचे साबिंुत
िनकली| यह िनणरय देखकर बिंादशाह हैरान होब गया|
इसके पिश्चात जबिं गुर जी िकसी तरह भी मुसलमान
होबना ना माने तोब उन्हे करामात िदखाने के िलए कहा
गया|
5 of 11 Contd…
गुर जी ने करामात को कहर का नाम िदिया और
करामात िदिखने से मना कर िदिया| औरंगजेब ने कहा ना
आप इस्लाम धर्मर कबूल करना चाहते है और ना ही कोई
करामात िदिखाना चाहते है तो िफिर कत्ल के िलए तैयार
हो जाइए| गुर जी ने कहा हमे आप की दिोनो बाते
स्वीकार नही परन्तु तुम्हारी तीसरी बात कत्ल होना हमे
स्वीकार है|
इस समय गुर जी के साथ पांच सेवादिार िसख
भी कै दि थे-
• भाई मित दिास
• भाई िदिआला जी
• भाई गुरिदित्ता जी
• भाई ऊदिो जी
• भाई चीमा जी 6 of 11 Contd…
जब गुर सािहब जी िकसी भी तरह ना माने तो
औरंगजेब ने गुर जी को डराने के िलए भाई मित दिास
को आरे से िसरवा िदिया और भाई िदिआले जी को पानी
की उबलती हुई दिेग मे डालकर आलू की तरह उबाल
िदिया| दिोनो िसखो ने अपने आप को हँस-हँस कर पेश
िकया| जपुजी सािहब का पाठ तथा वािह गुर का
उच्चारण करते हुए सच खंड जा िवराजे| बाकी तीन िसख
गुर जी के पास रह गए|
गुर जी ने अपना अिन्तम समय नजदिीक जानकर बाकी
तीन िसखो को वचन िकया िक तुम अपने घरो को चले
जाओ अब यहाँ रहने का कोई लाभ नही है| उन्होने
प्राथरना की िक महाराज! हमारे हाथ पैरो को बेिडयाँ
लगी हुई है, दिरवाजो पर ताले लगे हुए है हम यहाँ से
िकस तरह से िनकले|
7 of 11 Contd…
गुर जी ने वचन िकया िक आप इस शब्दि का "कटी बेडी
पगहु ते गुरकीनी बन्दि खलास" का पाठ करो| आपकी
बेिडयाँ टूट जाएगी और दिरवाजो के ताले खुल जाएगे
और तुम्हे कोई नही दिेखेगा|
गुर जी का वचन मानकर दिो िसख आज़ादि हो कर चले
गए| बादि मे भाई गुर िदित्ता ही गुर जी से पास रह गए|
गुर जी ने अपनी मस्ती मे यह शलोक पड़ा|
शलोक महला ९
संग सखा सब तिज गए कोऊ न िनबिहओ साथ||
कहु नानक इििह िबपत मै टेक एक रघुनाथ||५५||
8 of 11 Contd…
इसके पश्चात गुर जी ने अपनी माता जी व पिरिवारि को
धैर्य र देने वह प्रभु की आज्ञा को मानने के िलिए शलिोक
िलिखकरि भेजे –
गुन गोिबिंद गाइििओ नही जनमु अकारिथ कीन||
कह नानक हिरि भजु मना िजिह िविध जलि कौ मीन||१||
य हाँ से आरिमभ करिके अंत मे िलिखा –
रिाम नामु उरिरि मैर् गिहय ो जाकैर् सम नही कोइिि||
िजह िसमरित संकट िमटैर् दरिसु तुहारिो होइिि||५७||
(श्री गुर ग्रंथ सािहबिं पन्ना १४२६-१४२९)
9 of 11 Contd…
इन शालिोको के साथ ही गुर जी ने पांच पैर्से औरि
नािरिय लि एक िसख के हाथ आनंदपुरि भेज के गुर गद्दी
अपने सुपुत श्री गोिबिंद रिाय  को दे दी|
अंत मे जबिं 13 माघ (सुदी 5) संवत 1732 िवक्रमी का
अभाग्य शालिी िदन वीरिवरि आ गय ा| आप जी को चाँदनी
चौक कोतवालिी के पास सूर्य र अस्त के समय  बिंादशाह के
हक्म से जल्लिाद ने तलिवारि के एक वारि से शहीद करि
िदय ा| इस िनदरय  सके का वणनरन गुर गोिबिंद िसह जी ने
इस तरिह िकय ा-
तेग बिंहादरि के चलित भय ो जगत को शोक||
हैर् हैर् हैर् सबिं जग भय ो जैर् जैर् जैर् सुरि लिोक||१६||
(दशम ग्रंथ: िबिंिचत नाटक, ५ अध्य ाय )
10 of 11 Contd…
For more Spiritual Content Kindly visit:
http://spiritualworld.co.in 11 of 11 End
इस अत्य ाचारि के समय  इितहासकारि िलिखते है िक बिंहत
भय ानक कालिी आंधी चलिी| िजसके अंधकारि मै आपजी
का पिवत शीश भाई जैर्ता (जीऊन िसह) अपने कपड़ो मे
लिपेटकरि जल्दी-जल्दी चलिकरि आनंदपुरि लिे आय ा| य हाँ
आप जी के शीश को बिंड़े सत्कारि, वैर्रिाग्य  तथा शोक
सिहत अिग भेट िकय ा गय ा| इस स्थान गुरद्वारिा "शीश
गंज" सुशोिभत हैर्|
इसके पश्चात इस आंधी के गुबिंारि मे ही आप जी का
पिवत धड़ एक लिुबिंाणना िसख अपनी बिंैर्लि गाड़ी के मालि
मे लिे गय ा औरि अपनी कुटीरि मे रिख िदय ा| िफिरि उरसने
आग लिगाकरि धड़ को वही अिग भेट करि िदय ा| इस
स्थान परि "गुरद्वारिा रिकाबिंगंज" सुशोिभत हैर्|

More Related Content

What's hot

Lhasa ki aur by rahul sankritiyan
Lhasa ki aur by rahul sankritiyanLhasa ki aur by rahul sankritiyan
Lhasa ki aur by rahul sankritiyan
RoyB
 
Https _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
Https  _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontentHttps  _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
Https _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
Arun Kumar
 
Mini's fracture
Mini's fractureMini's fracture
Mini's fracture
Om Verma
 

What's hot (10)

Lhasa ki aur by rahul sankritiyan
Lhasa ki aur by rahul sankritiyanLhasa ki aur by rahul sankritiyan
Lhasa ki aur by rahul sankritiyan
 
Gandhi 2 movements In Hindi
Gandhi 2 movements In Hindi Gandhi 2 movements In Hindi
Gandhi 2 movements In Hindi
 
Udham singh
Udham singhUdham singh
Udham singh
 
DAHSHATGARD KAUN : WHO IS TERRORIST
DAHSHATGARD KAUN : WHO IS TERRORIST DAHSHATGARD KAUN : WHO IS TERRORIST
DAHSHATGARD KAUN : WHO IS TERRORIST
 
Https _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
Https  _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontentHttps  _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
Https _doc-0o-28-apps-viewer.googleusercontent
 
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 080
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 080Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 080
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 080
 
पांडवों और कौरवों के सेनापति
पांडवों और कौरवों के सेनापति पांडवों और कौरवों के सेनापति
पांडवों और कौरवों के सेनापति
 
guru par dohe, kabir ke dohe
guru par dohe, kabir ke doheguru par dohe, kabir ke dohe
guru par dohe, kabir ke dohe
 
Mini's fracture
Mini's fractureMini's fracture
Mini's fracture
 
Shri Guru Amar Das Ji Sakhi - 033a
Shri Guru Amar Das Ji Sakhi - 033aShri Guru Amar Das Ji Sakhi - 033a
Shri Guru Amar Das Ji Sakhi - 033a
 

Similar to Shri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Shaheedi - 099a

Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065aShri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
sinfome.com
 
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066aShri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
sinfome.com
 
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100aShri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
sinfome.com
 

Similar to Shri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Shaheedi - 099a (12)

Shri Guru Arjan Dev Ji Shaheedi - 056a
Shri Guru Arjan Dev Ji Shaheedi - 056aShri Guru Arjan Dev Ji Shaheedi - 056a
Shri Guru Arjan Dev Ji Shaheedi - 056a
 
Shri Guru Nanak Dev Ji - Passing Away
Shri Guru Nanak Dev Ji - Passing AwayShri Guru Nanak Dev Ji - Passing Away
Shri Guru Nanak Dev Ji - Passing Away
 
Shri Guru Amar Das Ji Guru Gaddi Milna - 023a
Shri Guru Amar Das Ji Guru Gaddi Milna - 023aShri Guru Amar Das Ji Guru Gaddi Milna - 023a
Shri Guru Amar Das Ji Guru Gaddi Milna - 023a
 
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065aShri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 065a
 
Shri Guru Angad Dev Ji Guru Gaddi Milna - 014a
Shri Guru Angad Dev Ji Guru Gaddi Milna - 014aShri Guru Angad Dev Ji Guru Gaddi Milna - 014a
Shri Guru Angad Dev Ji Guru Gaddi Milna - 014a
 
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066aShri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 066a
 
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 076
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 076Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 076
Shri Guru Ram Das Ji - Sakhi 076
 
Shri Guru Ram Das Ji Guru Gaddi Milna - 036a
Shri Guru Ram Das Ji Guru Gaddi Milna - 036aShri Guru Ram Das Ji Guru Gaddi Milna - 036a
Shri Guru Ram Das Ji Guru Gaddi Milna - 036a
 
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100aShri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
Shri Guru Gobind Singh Sahib Ji An Introduction - 100a
 
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 060a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 060aShri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 060a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji Sakhi - 060a
 
DOC-20230131-WA0002..pptx
DOC-20230131-WA0002..pptxDOC-20230131-WA0002..pptx
DOC-20230131-WA0002..pptx
 
Shri Guru Hargobind Sahib Ji An Introduction - 058a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji An Introduction - 058aShri Guru Hargobind Sahib Ji An Introduction - 058a
Shri Guru Hargobind Sahib Ji An Introduction - 058a
 

More from sinfome.com

Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
sinfome.com
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Dizziness - 066
Homemade Remedies for Dizziness - 066Homemade Remedies for Dizziness - 066
Homemade Remedies for Dizziness - 066
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Cough - 037
Homemade Remedies for Cough - 037Homemade Remedies for Cough - 037
Homemade Remedies for Cough - 037
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
sinfome.com
 
Homemade Remedies for Diarrhea - 004
Homemade Remedies for Diarrhea - 004Homemade Remedies for Diarrhea - 004
Homemade Remedies for Diarrhea - 004
sinfome.com
 

More from sinfome.com (20)

Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 019
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 017
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 016
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 016Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 016
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 016
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 014
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 014Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 014
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 014
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Namawali 010
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Namawali 010Shirdi Shri Sai Baba Ji - Namawali 010
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Namawali 010
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Teachings 009
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Teachings 009Shirdi Shri Sai Baba Ji - Teachings 009
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Teachings 009
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Vrat Niyam, Udhyapan Vidhi & Katha 006
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Vrat Niyam, Udhyapan Vidhi & Katha 006Shirdi Shri Sai Baba Ji - Vrat Niyam, Udhyapan Vidhi & Katha 006
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Vrat Niyam, Udhyapan Vidhi & Katha 006
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 030
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 030Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 030
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 030
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 028
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 028Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 028
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 028
 
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 023
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 023Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 023
Shirdi Shri Sai Baba Ji - Real Story 023
 
Homemade Remedies for - 093
Homemade Remedies for  - 093Homemade Remedies for  - 093
Homemade Remedies for - 093
 
Homemade Remedies for Infertility - 072
Homemade Remedies for Infertility - 072Homemade Remedies for Infertility - 072
Homemade Remedies for Infertility - 072
 
Homemade Remedies for Dizziness - 066
Homemade Remedies for Dizziness - 066Homemade Remedies for Dizziness - 066
Homemade Remedies for Dizziness - 066
 
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
Homemade Remedies for Kidney Stone - 057
 
Homemade Remedies for Asthma - 039
Homemade Remedies for Asthma - 039Homemade Remedies for Asthma - 039
Homemade Remedies for Asthma - 039
 
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
Homemade Remedies for Tuberculosis (TB) - 038
 
Homemade Remedies for Cough - 037
Homemade Remedies for Cough - 037Homemade Remedies for Cough - 037
Homemade Remedies for Cough - 037
 
Homemade Remedies for Pain in Ribs - 040
Homemade Remedies for Pain in Ribs - 040Homemade Remedies for Pain in Ribs - 040
Homemade Remedies for Pain in Ribs - 040
 
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
Homemade Remedies for Dysentery (Torsion or Mucus) - 005
 
Homemade Remedies for Diarrhea - 004
Homemade Remedies for Diarrhea - 004Homemade Remedies for Diarrhea - 004
Homemade Remedies for Diarrhea - 004
 

Shri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Shaheedi - 099a

  • 1.
  • 2. औरंगजेब एक कट्टर मुसलमान था| जो िक अपनी राजनीितिक व धािमक उन्नतिति चाहतिा था| इसके िकए उसने िहदुओ पर अिधक से अिधक अत्याचार िकए| कई प्रकार के लालच व भय देकर िहदुओ को जबरदस्तिी मुसलमान बनाया| उसने अपने जरनैलो को भी आज्ञा दे दी िहदुओ को िकसी तिरह भी मुसलमान बनाओ| जो इस बाति के िलए इंकार करे उनका क़त्ल कर िदया जाए| औरंगजेब के हुकम के अनुसार कश्मीर के जरनैल अफगान खां ने कश्मीर के पंिडितिो और िहदुओ को कहा िक आप मुसलमान हो जाओ| अगर आप ऐसा नही करोगे तिो क़त्ल कर िदया जायेगा| कश्मीरी पंिडिति भयभीति हो गए| उन्होंने अपना अन्नत जल त्याग िदया और प्राथर्थना करने लगे| 1 of 11 Contd…
  • 3. कुछ िदन के बाद उन्हे आकाशवाणी के द्वारा अनुभव हुआ िक इस समय धमर्थ की रक्षा करने वाले श्री गुर तिेग बहादर जी है| आप पंजाब जाकर अपनी व्यथा बतिाओ| वह आपकी सहायतिा करने मे समथर्थ है| आकाशवाणी के अनुसार पंिडिति पूछतिे-पूछतिे श्री गुर तिेग बहादर जी के पास आनंदपुर आ गए और प्राथर्थना की िक महाराज! हमारा धमर्थ खतिरे मे है हमे बचाएं| उनकी पूरी बाति सुनकर गुर जी सोच ही रहे थे िक श्री गोिबद िसह जी वहाँ आ गए| गुर जी कहने लगे बेटा! इन पंिडितिो के धमर्थ की रक्षा के िलए कोई ऐसा महापुरष चािहए, जो इस समय अपना बिलदान दे सके| 2 of 11 Contd…
  • 4. िपिता गुर का वह वचन सुनकर श्री गोबिबिंद जी ने कहा िक िपिता जी! इस समय आपि से बिंड़ा और कौन महापिुरष है, जोब इनके धर्मर िक रक्षा कर सकता है? आपि ही इस योबग्य होब| अपिने नौ साल के पिुत की यह बिंात सुनकर गुर जी बिंहुत प्रसन हुए| आपिने पिंडिडितोब कोब कहा िक जाओ अफगान खांड से कह दोब िक अगर हमारे आनंडदपिुर वासी गुर जी मुसलमान होब जाएगे तोब हम भी मुसलमान बिंन जाएगे| यह बिंात सुनकर औरंडगजेबिं ने गुर जी कोब िदल्ली बिंुला िलया| गुर जी ने सन्देश वाहक कोब कहा िक तुम चले जाओ हम अपिने आपि बिंादशाह के पिास पिहुँच जाएगे| 3 of 11 Contd…
  • 5. गुर जी ने घर बिंाहर का प्रबिंंडधर् मामा कृपिाल चंडद कोब सौंपि कर तथा हर बिंात अपिने सािहबिंजादे कोब समझा दी और आपि पिांडच िसक्खो कोब साथ लेकर िदल्ली की और चल िदए| आगरे पिहुँच कर गुर जी ने एक गडिड़ीए के द्वारा कौतक रच के अपिने आपि कोब बिंंडदी बिंना िलया| औरंडगजेबिं ने आपिकोब बिंंडदीखाने मे बिंंडद करके काजी कोब गुर जी के पिास भेजा और प्राथरना की िक आपि मुसलमान होब जाओ| गुर जी ने वचन िकया तुम सारे देश मे एक धर्मर करना चाहते होब पिरन्तु यिद पिरमात्मा चाहे तोब दोब धर्मो के तीन होब जायेगे| इस बिंात कोब िसद करने के िलए गुर जी ने एक मण िमचर मंडगाई और उन्हे जलाया| 4 of 11 Contd…
  • 6. आगे से गुर जी कहने लगे यिद राख मे से एक िमचर साबिंुत िनकली तोब पिरमात्मा कोब एक धर्मर कबिंूल होबगा यिद दोब िनकली तोब दोब धर्मर और अगर तीन िमचे साबिंुत िनकली तोब समझ लेना िक पिरमात्मा कोब तीसरा धर्मर कबिंूल होबगा| इस तरह जबिं िमचो का ढेर जलाकर औरंडगजेबिं ने राख कोब िबिंखेर कर देखा तोब उसमे से तीन िमचे साबिंुत िनकली| यह िनणरय देखकर बिंादशाह हैरान होब गया| इसके पिश्चात जबिं गुर जी िकसी तरह भी मुसलमान होबना ना माने तोब उन्हे करामात िदखाने के िलए कहा गया| 5 of 11 Contd…
  • 7. गुर जी ने करामात को कहर का नाम िदिया और करामात िदिखने से मना कर िदिया| औरंगजेब ने कहा ना आप इस्लाम धर्मर कबूल करना चाहते है और ना ही कोई करामात िदिखाना चाहते है तो िफिर कत्ल के िलए तैयार हो जाइए| गुर जी ने कहा हमे आप की दिोनो बाते स्वीकार नही परन्तु तुम्हारी तीसरी बात कत्ल होना हमे स्वीकार है| इस समय गुर जी के साथ पांच सेवादिार िसख भी कै दि थे- • भाई मित दिास • भाई िदिआला जी • भाई गुरिदित्ता जी • भाई ऊदिो जी • भाई चीमा जी 6 of 11 Contd…
  • 8. जब गुर सािहब जी िकसी भी तरह ना माने तो औरंगजेब ने गुर जी को डराने के िलए भाई मित दिास को आरे से िसरवा िदिया और भाई िदिआले जी को पानी की उबलती हुई दिेग मे डालकर आलू की तरह उबाल िदिया| दिोनो िसखो ने अपने आप को हँस-हँस कर पेश िकया| जपुजी सािहब का पाठ तथा वािह गुर का उच्चारण करते हुए सच खंड जा िवराजे| बाकी तीन िसख गुर जी के पास रह गए| गुर जी ने अपना अिन्तम समय नजदिीक जानकर बाकी तीन िसखो को वचन िकया िक तुम अपने घरो को चले जाओ अब यहाँ रहने का कोई लाभ नही है| उन्होने प्राथरना की िक महाराज! हमारे हाथ पैरो को बेिडयाँ लगी हुई है, दिरवाजो पर ताले लगे हुए है हम यहाँ से िकस तरह से िनकले| 7 of 11 Contd…
  • 9. गुर जी ने वचन िकया िक आप इस शब्दि का "कटी बेडी पगहु ते गुरकीनी बन्दि खलास" का पाठ करो| आपकी बेिडयाँ टूट जाएगी और दिरवाजो के ताले खुल जाएगे और तुम्हे कोई नही दिेखेगा| गुर जी का वचन मानकर दिो िसख आज़ादि हो कर चले गए| बादि मे भाई गुर िदित्ता ही गुर जी से पास रह गए| गुर जी ने अपनी मस्ती मे यह शलोक पड़ा| शलोक महला ९ संग सखा सब तिज गए कोऊ न िनबिहओ साथ|| कहु नानक इििह िबपत मै टेक एक रघुनाथ||५५|| 8 of 11 Contd…
  • 10. इसके पश्चात गुर जी ने अपनी माता जी व पिरिवारि को धैर्य र देने वह प्रभु की आज्ञा को मानने के िलिए शलिोक िलिखकरि भेजे – गुन गोिबिंद गाइििओ नही जनमु अकारिथ कीन|| कह नानक हिरि भजु मना िजिह िविध जलि कौ मीन||१|| य हाँ से आरिमभ करिके अंत मे िलिखा – रिाम नामु उरिरि मैर् गिहय ो जाकैर् सम नही कोइिि|| िजह िसमरित संकट िमटैर् दरिसु तुहारिो होइिि||५७|| (श्री गुर ग्रंथ सािहबिं पन्ना १४२६-१४२९) 9 of 11 Contd…
  • 11. इन शालिोको के साथ ही गुर जी ने पांच पैर्से औरि नािरिय लि एक िसख के हाथ आनंदपुरि भेज के गुर गद्दी अपने सुपुत श्री गोिबिंद रिाय को दे दी| अंत मे जबिं 13 माघ (सुदी 5) संवत 1732 िवक्रमी का अभाग्य शालिी िदन वीरिवरि आ गय ा| आप जी को चाँदनी चौक कोतवालिी के पास सूर्य र अस्त के समय बिंादशाह के हक्म से जल्लिाद ने तलिवारि के एक वारि से शहीद करि िदय ा| इस िनदरय सके का वणनरन गुर गोिबिंद िसह जी ने इस तरिह िकय ा- तेग बिंहादरि के चलित भय ो जगत को शोक|| हैर् हैर् हैर् सबिं जग भय ो जैर् जैर् जैर् सुरि लिोक||१६|| (दशम ग्रंथ: िबिंिचत नाटक, ५ अध्य ाय ) 10 of 11 Contd…
  • 12. For more Spiritual Content Kindly visit: http://spiritualworld.co.in 11 of 11 End इस अत्य ाचारि के समय इितहासकारि िलिखते है िक बिंहत भय ानक कालिी आंधी चलिी| िजसके अंधकारि मै आपजी का पिवत शीश भाई जैर्ता (जीऊन िसह) अपने कपड़ो मे लिपेटकरि जल्दी-जल्दी चलिकरि आनंदपुरि लिे आय ा| य हाँ आप जी के शीश को बिंड़े सत्कारि, वैर्रिाग्य तथा शोक सिहत अिग भेट िकय ा गय ा| इस स्थान गुरद्वारिा "शीश गंज" सुशोिभत हैर्| इसके पश्चात इस आंधी के गुबिंारि मे ही आप जी का पिवत धड़ एक लिुबिंाणना िसख अपनी बिंैर्लि गाड़ी के मालि मे लिे गय ा औरि अपनी कुटीरि मे रिख िदय ा| िफिरि उरसने आग लिगाकरि धड़ को वही अिग भेट करि िदय ा| इस स्थान परि "गुरद्वारिा रिकाबिंगंज" सुशोिभत हैर्|