http://spiritualworld.co.in श्री रामदास जी का अपना घट तोड़ कर धर्मशाला बनानी:
श्री गुरु रामदास ने आषाढ़ संवत् १६३४ को अमृत सरोवर की खुदाई का कार्य जोर-शोर से आरम्भ करा दिया| श्री गुरु अमरदास जी ने यह समझाया था कि यहां अमृत सरोवर तीर्थ प्रगट होगा| दुनीचन्द को अपने पिंगले जवाई के जब आरोग्य होने की खबर मिली| वह बड़े सत्कर के साथ गुरु जी को अपने घर पट्टी नगर में ले गया|
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2. श्री गुर रामदास ने आषाढ़ संवत् 1634 को
अमृत सरोवर की खुदाई का काय र जोर-शोर से
आरम्भ करा िदय ा| श्री गुर अमरदास जी ने
य ह समझाय ा था िक य हां अमृत सरोवर तीथर
प्रगट होगा| दुनीचन्द को अपने िपगले जवाई
के जब आरोग्य होने की खबर िमली| वह बड़े
सत्कर के साथ गुर जी को अपने घर पट्टी नगर
मे ले गय ा|
लाहौर के िसक्खो को जब य ह ज्ञात हुआ िक
गुर जी ऐसा सरोवर तैय ार करा रहे है जो
बड़ा ही शिक्तिवान है|
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3. िजिसके पविवित जिल मे स्नान करके काले कौए
हंस के समान हो जिाते है| विह गुर के दर्शनर्शन
करने गुर के चक आए| उन्होंने कुछ िदर्न विहां
कार-सेविा की| गुर जिी के दर्शनर्शन करके जिब विह
विािपवस जिाने लगे तो गुर जिी के ताए के पवुत
सहारी मल ने गुर जिी को लाहौर आने की
बेनती की और कहा िक महाराजि! एक बार
लाहौर चल कर अपवने विंशन और सम्बंिधियों को
दर्शनर्शन दर्ेकर कृताथ र्श करे| उनका प्रेम वि श्रद्धा
दर्ेखकर गुर जिी ने लाहौर जिाना स्विीकार कर
िलया|
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4. लाहौर आकर गुर जी ने अपना चूने मण्डी
वाला घर तोड़कर धर्मर्मशाला बनवा दी और
संगतो के स्नान पानी के िलए कुआं भी लगा
िदया| आप ने सभी िसक्खो को उपदेश देकर
कृताथ र्म िकया| आपके उपदेश से प्रभािवत
होकर कुछ श्रद्धालुओ ने िसक्खी धर्ारण कर
ली| धर्मर्मशाला की सेवा िसक्खो को सौंपकर
आप वािपस गुर के चक आ गए|
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