http://spiritualworld.co.in महानन्द व बिधी चन्द को उपदेश: एक दिन भाई महानंद व बिधी चन्द गुरु जी के पास आए| उस समय गुरु साहिब के दोनों समय कथा कीर्तन और उपदेश के दीवान लगते थे| तभी भाई महानन्द जी व बिधी चन्द जी ने प्रार्थना की कि महाराज! हमारे जन्म-मरण के बन्धन किस प्रकार कट सकते हैं? गुरु जी कहने लगे कि पहले आप अपना आप पहचानो, जिस से तुम्हारा यह जन्म मरण कट जाएगा| यह शरीर नश्वर है, झूठा है| यह आप नहीं है, आप तो वह है जो न कभी मरता है और न ही मारा जा सकता है| आप चेतन स्वरूप है| इस चेतन स्वरूप को जानो| उन्होंने कहा महाराज! हमें चेतन स्वरूप की पहचान कैसे हो सकती है? more on http://spiritualworld.co.in