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प ांडवों और कौरवों के सेन पति
सुभ् ांशु प त्र द्व र
के न्द्रीय तवद्य लय क शीपुर, कोलक ि
प ठ क स र
 जब युतितिर ने श्रीक़ृ ष्ण से हततिन पुर क ह ल ज न िब युतितिर ने सेन को िैय र
करने के तलए कह और प ांडवों ने सेन को स ि भ गों में ब ाँट तलय । उन्द्होने रुपद,
तवर ट, िृष्टद्दुम्न, तशखांडी, स त्यतक, चेतकि न, भीमसेन को इन ड लो क न यक
बन य गय । िृष्टद्दुम्न को पूरी सेन आ न यक बन य गय । प ांडवों तक सेन चरो
तदश ओां से गूाँजिी हुई मैद न आ गयी । कौरवों के सेन के सेन पति भीष्म थे । भीष्म
प ांडवों को म रन नहीं च हिे थे । कणण ने यह हट लग ई थी की जब िक भीष्म युद्ध क्षेत्र
में है िब िक वह वह ाँ पर है वह वह ाँ नहीं ज एांगे । कौर व सेन भीष्म के नेिृत्व में युद्ध
क्षेत्र मे आ गयी । एक तदन बलर म ने युतितिर से कह की उन्द्होने श्रीक़ृ ष्ण से कह थ
की वह युद्ध से दूर ही रहे परांिु अजुणन से लग व होने के क रण वह चले गए । मैंने भीम
और दुयोिन को ही गद युद्ध सीख रखी है । मै उन्द्हे लड़िे – मरिे नहीं देख सकि । मै
यह पर नहीं रह सकि । रुक्मी ने सोच की श्रीक़ृ ष्ण से सांबांि रखने के तलए वह प ांडवों
की मदद करे इसीतलए वह सेन एकत्र करके वह उनकी सह यि के तलय चल गय ।
प ठ क स र
वह पहुाँचकर उसने अजुणन से पूछ
की क्य वह सह यि कर सकि
है । अजुणन ने कह की तबन शिण
सतहि िुम सह यि कर सकिे हो
। इससे अपम तनि होकर वह
दुयोिन के प स गय परांिु उसने
भी म न कर तदय इसीतलए उसने
िटतथ पर रहन उतचि समझ ।
जब युद्ध आरांभ हुआ िब दोनों
सेन ने व्यूह चक्र बन य । इिने
स रे वीरों को देखकर उनमे शांक
पैद हुई जो श्रीक़ृ ष्ण ने दूर कर
तदय । युतितिर ने बड़ो से
आशीव णद म ांग और युद्ध शुरू हो
गय ।
शब्द थण
शब्द
 उद्दांड
 तवरि
 न यकत्व
 तवर ग
 खेि रहन
अथण
 अभ्य स
 मुक्त
 अगुआई
 मुक्त
 म र ज न
प्रश्न उत्तर
प्र। प ांडवों की तवश ल सेन को तकिने तहतसो में ब ट गय ? इनके न यक कौन – कौन से
वीर थे ?
उ । कु रुक्षेत्र के मैद न मे युद्ध करने के तलए प ांडवों की तवश ल सेन को स ि भ गों मे
ब ट गय । इन सेन ओ के सेन पति रुपद, तवर ट, िृष्टद्दुम्न, तशखांडी, स त्यतक, चेतकि न,
भीमसेन थे ।
प्र । रुक्मी कौन थ ? उसने तकस अवसर पर क्य ल भ उठ न च ह ?
उ । रुक्मी भोजकट के र ज और श्रीक़ृ ष्ण तक पत्नी रुतक्मणी के भ ई थे । वह श्रीक़ृ ष्ण से
तमत्रि के तलए इसे अच्छ अवसर समझ रह थ ।
प्र । श्रीक़ृ ष्ण ने अजुणन के मन में उत्पन्द्न मोह को कै से दूर कै से तकय ?
उ । अजुणन ने अपने बांिु – बांिवों, तमत्रों और गुरुजनों को देखकर मोह क उत्पन्द्न हुआ ।
इसको दूर करने के तलए श्रीक़ृ ष्ण ने उनकी दश देख कमण योग क उपदेश तदय । इस
उपदेश से अजुणन क मोह दूर हो गय ।
“
”
िन्द्यव द
सुभ् ांशु प त्र
ब ल मह भ रि कथ

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पांडवों और कौरवों के सेनापति

  • 1. प ांडवों और कौरवों के सेन पति सुभ् ांशु प त्र द्व र के न्द्रीय तवद्य लय क शीपुर, कोलक ि
  • 2. प ठ क स र  जब युतितिर ने श्रीक़ृ ष्ण से हततिन पुर क ह ल ज न िब युतितिर ने सेन को िैय र करने के तलए कह और प ांडवों ने सेन को स ि भ गों में ब ाँट तलय । उन्द्होने रुपद, तवर ट, िृष्टद्दुम्न, तशखांडी, स त्यतक, चेतकि न, भीमसेन को इन ड लो क न यक बन य गय । िृष्टद्दुम्न को पूरी सेन आ न यक बन य गय । प ांडवों तक सेन चरो तदश ओां से गूाँजिी हुई मैद न आ गयी । कौरवों के सेन के सेन पति भीष्म थे । भीष्म प ांडवों को म रन नहीं च हिे थे । कणण ने यह हट लग ई थी की जब िक भीष्म युद्ध क्षेत्र में है िब िक वह वह ाँ पर है वह वह ाँ नहीं ज एांगे । कौर व सेन भीष्म के नेिृत्व में युद्ध क्षेत्र मे आ गयी । एक तदन बलर म ने युतितिर से कह की उन्द्होने श्रीक़ृ ष्ण से कह थ की वह युद्ध से दूर ही रहे परांिु अजुणन से लग व होने के क रण वह चले गए । मैंने भीम और दुयोिन को ही गद युद्ध सीख रखी है । मै उन्द्हे लड़िे – मरिे नहीं देख सकि । मै यह पर नहीं रह सकि । रुक्मी ने सोच की श्रीक़ृ ष्ण से सांबांि रखने के तलए वह प ांडवों की मदद करे इसीतलए वह सेन एकत्र करके वह उनकी सह यि के तलय चल गय ।
  • 3. प ठ क स र वह पहुाँचकर उसने अजुणन से पूछ की क्य वह सह यि कर सकि है । अजुणन ने कह की तबन शिण सतहि िुम सह यि कर सकिे हो । इससे अपम तनि होकर वह दुयोिन के प स गय परांिु उसने भी म न कर तदय इसीतलए उसने िटतथ पर रहन उतचि समझ । जब युद्ध आरांभ हुआ िब दोनों सेन ने व्यूह चक्र बन य । इिने स रे वीरों को देखकर उनमे शांक पैद हुई जो श्रीक़ृ ष्ण ने दूर कर तदय । युतितिर ने बड़ो से आशीव णद म ांग और युद्ध शुरू हो गय ।
  • 4. शब्द थण शब्द  उद्दांड  तवरि  न यकत्व  तवर ग  खेि रहन अथण  अभ्य स  मुक्त  अगुआई  मुक्त  म र ज न
  • 5. प्रश्न उत्तर प्र। प ांडवों की तवश ल सेन को तकिने तहतसो में ब ट गय ? इनके न यक कौन – कौन से वीर थे ? उ । कु रुक्षेत्र के मैद न मे युद्ध करने के तलए प ांडवों की तवश ल सेन को स ि भ गों मे ब ट गय । इन सेन ओ के सेन पति रुपद, तवर ट, िृष्टद्दुम्न, तशखांडी, स त्यतक, चेतकि न, भीमसेन थे । प्र । रुक्मी कौन थ ? उसने तकस अवसर पर क्य ल भ उठ न च ह ? उ । रुक्मी भोजकट के र ज और श्रीक़ृ ष्ण तक पत्नी रुतक्मणी के भ ई थे । वह श्रीक़ृ ष्ण से तमत्रि के तलए इसे अच्छ अवसर समझ रह थ । प्र । श्रीक़ृ ष्ण ने अजुणन के मन में उत्पन्द्न मोह को कै से दूर कै से तकय ? उ । अजुणन ने अपने बांिु – बांिवों, तमत्रों और गुरुजनों को देखकर मोह क उत्पन्द्न हुआ । इसको दूर करने के तलए श्रीक़ृ ष्ण ने उनकी दश देख कमण योग क उपदेश तदय । इस उपदेश से अजुणन क मोह दूर हो गय ।
  • 6. “ ” िन्द्यव द सुभ् ांशु प त्र ब ल मह भ रि कथ