इस इस प्रस्तुति में प्रमुख फल वाली फसलें, आम, अमरूद, आंवला, सेब, खुबानी, आड़ू, पीयर, पाम, लसोड़ा, स्ट्रॉ बेरी आदि जैविक उत्पादों से संबंधित जैसे जैविक खाद की आवश्यकता, कीट, रोग और उनके जैविक उपचार मिट्टी के गुणों, सूक्ष्म पोषक तत्वों और उपज की गुणवत्ता पर चर्चा की गई है।
GARLIC (Allium sativum Alliaceae) PLANTING, HARVESTING, CURING AND STORAGE...
जैविक खाद, कीटनाशक, खरपतवारनाशी - प्रकृति की ओर लौटने की तकनीक - कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक वरदान
1. जैविक खाद, कीटनाशक, खरपतिारनाशी - प्रक
ृ ति की ओर लौटने की
िकनीक - क
ृ वि पाररस्थिवतकी तंत्र क
े विए एक िरदान
Prof (Dr) Jai Singh (ARS)
M.Tech, Ph D
Retd Director, ICAR – CIPHET
Mob:8958463808 E mail : jsingh.sre@gmail.com
पररचय और सारांश
समग्र प्रणािी में की की जाने िािी जैविक फि ं की खेती वमट्टी क
े स्वास्थ्य, पाररस्थिवतक
संतुिन, पयाािरणीय गुणित्ता और थिूि तिा सूक्ष्म िनस्पवतक विविधता द न ं क बनाए
रखने में मदद करती है। यह प्रिा वकसान ं क कम िागत में वटकाऊ तरीक
े से प िण
संबंधी गुणित्ता िािे फि ं का अवधकतम उत्पादन प्राप्त करने में भी सहायक ह ती है।
जैविक विवध थिानीय रूप से उपिब्ध सस्ती सामग्री का उपय ग करक
े वबमाररय ,
खरपतिार ं, कीड ं और कीट ं क
े प्रबंधन का एक जैविक तरीका भी सुझाता है। यह प्रणािी
वकसान ं क 3 से 4 ििा में कम िागत पर वटकाऊ तरीक
े से प िण संबंधी गुणित्ता िािे फि ं
का वसंिेवटक क
ृ वि की तुिना में अवधकतम उत्पादन देना शुरू कर देती है। बगीचे की
फसि ं क
े उत्पादन में स्थिरता क
े विए काबावनक पदािों, जैविक नाइटर जन स्थिरीकरण,
फॉस्फ
े ट घुिनशीि सूक्ष्मजीि ं और आिश्यकता - आधाररत रासायवनक उिारक ं क
े उवचत
वमश्रण क शावमि करने िािी प्रबंधन प्रणािी भी प्रय ग में िाई जा सकती है।जैविक खाद
क
े कई महत्वपूणा फायद ं क
े साि-साि नाइटर जन की धीमी खवनजकरण दर जैविक खाद
का एक महत्वपूणा नुकसान है। यह धीमी प्रविया, फि िृक्ष फसि ं की त्वररत नाइटर जन
प िण संबंधी आिश्यकताओं क पूरा नहीं कर सकती है। इन पररस्थिवतय ं में जैविक
नाइटर जन क अकाबावनक वनिेचन (वमवश्रत वनिेचन) क
े साि पूरक करने की वसफाररश की
जाती है। ज , कई मामि ं में, अवधक यिािािादी दृविक ण प्रतीत ह ता है।
जैविक खाद और उनका एनपीक
े अनुपात:
जैविक खाद (बाय -पेस्टीसाइड) िह खवनज, पेड-पौध ं और पशु-आधाररत
संसाधन ं से प्राक
ृ वतक प शक तत्व क तैयार करता है। प िक तत्व ं क
े आधार पर
जैविक खाद और विवभन्न प्रकार क
े अिग-अिग ह सकते हैं, िेवकन अवधकतर
इनमें एक जैसे ही घटक ह ते हैं।
2. गोबर की खाद ( NPK अनुपात 2:1:1 से 3:2:1 तक); भेड और बकरी की खाद
(3 % N, 1 % P and 2 5 K ); क
ु क्क
ु ट खाद (3.03 5 N; 2.63 % P and 1.4 % K )
; खाद्य और अखाद्य तेि क
े क; वर्मीकम्पोस्ट (एनपीक
े अनुपात 2:1:1 से 3:2:2 तक) ;
नीर्म खली ( एनपीक
े (NPK) 4:1:2 से 6:1:2 तक) ; सरसोों की खली (एनपीक
े अनुपात
4:1:1); रॉक फॉस्फ
े ट (एनपीक
े अनुपात लगभग 0:20:0); एप्सर्म सॉल्ट (एनपीक
े
(NPK) वैल्यू 0-0-0); ब्लड र्मील (12-1.5-0.5 का एनपीक
े ); तफश र्मील (एनपीक
े
अनुपात (NPK ratio) 5: 2: 2 ); बोन र्मील (NPK) 3:15: 0; मिेशी शेड क
े अपवशि;
मानि आिास अपवशि; क
ृ वि उद्य ग - तेि क
े क, ख ई और प्रेस वमट्टी, फि और सब्जी
प्रसंस्करण अपवशि; फसि अपवशि; जिक
ुं भी, खरपतिार और टैंक गाद; हरी खाद िािी
फसिें; जैि उिारक; ग्र ि विकास प्रिताक (समुद्री घास का अक
ा ).
फि ं की फसि ं क
े विए उिारक: आम - FYM (वकग्रा / पेड) 10.00 एक ििा का
पौधा, 10.00 िाविाक / पौधा, 6 िें ििा से आगे 10 वकग्रा; क
े िा - FYM 10,000 5,000
30,000 (िमशः एक ििा, िाविाक 6ठे ििा से आगे); नारंगी - FYM 10.000 5.000 30.000;
अंगूर - 50, 50, 100 प्रवत बेि, अमरूद - एफिाईएम 50 वकि ग्राम/पेड, अनानास-
एफिाईएम 40-50 टन/हेक्टेयर; चीक
ू - 10: 10 : 50; पपीता - FYM 10 वकि ग्राम/पौधा;
अनार – 10 : 20 : 30 ; कटहि - 10:10:50; आंििा- 10; सेब - FYM 25; बेर- 20 : 50;
आडू में FYM 25 वकग्रा/पेड िगाएं ; नाशपाती FYM 25 वकि ; बेर FYM 30 वकि ; खुबानी
- 40 वकि ; स्टरॉ बेरी - 3 वकग्रा / िगा मीटर; पाम - 50 वकि ; िीची - 50 वकि ग बर की
खाद + 10 वकि िमीकम्प स्ट + 3 वकि नीम की खिी + जैि उिारक
(एज ट बैक्टर/एज स्स्पररिम, पीएसबी @200 ग्राम प्रत्येक) प्रवत ििा प्रवत पेड; आलूबुखारा:
शुरुआत में 10 वकि एफिाईएम, क
ु छ ििों क
े बाद एफिाईएम 30 वकि और 10 साि क
े
बाद 36 वकि एफिाईएम; अंजीर - FYM 36 वकग्रा + नीम क
े क 2.25 वकग्रा; कीिी -
FYM 20 वकि बेसि; कर ंदा – 10 वकि प्रवत पौधा; मेिबेरी - 10 वकग्रा/पौधा; नींबू -
30 वकि प्रवत पौधा; ग बर की खाद में 0.5 प्रवतशत N, 0.2 प्रवतशत P2O5 और .0.5
प्रवतशत K2O ह ता है।
जैववक कीटनाशी (बायो-पेस्टीसाइड):
जैतवक रसायन (बायो-पेस्टीसाइड) फफ
ू दी, बैक्टीररया तवषाणु िथा वनस्पति पर आधाररि
उत्पाद है जो फसलोों को कीटोों एवों रोगोों से सुरतिि करिे है and स्वास्थ्य एवों पयाावरण को
िति नहीों होिी है।
जैववक एजेन्ट (बायो-एजेन्ट) : इन्हें प्राक
ृ वतक शत्रु, वमत्र जीि, वमत्र कीट, वकसान वमत्र, बाय
एजेंट क
े नाम से जाना जाता है। इन्हें तीन समूह ं में िगीक
ृ त वकया गया है: (i) परभिी
3. (प्रीडेटर) जैतवक एजेन्ट, (ii) परजीवी (पैरासाइट) जैतवक एजेन्ट और (iii) र गजनक
एजेन्ट। तर्मत्र कीट - शत्रु कीटोों एवों खरपिवार को खािे हैं.
परभिी (प्रीडेटर) जैतवक एजेन्ट: प्रेइोंग र्मेन्टन्टस, इन्द्र गोप भृोंग, ड
र ोगेन फ्लाई, तकशोरी
र्मक्खी, तिक
े ट (झीोंगुर), ग्राउन्ड वीतटल, तर्मडो ग्रासहापर, वाटर वग, तर्मररड
वग,िाइसोपलाा, जाइगोग्रार्मा बाइकोलोराटा, र्मकडी आतद। जैतवक कीटनाशी क
े वल लतिि
कीटोों एवों रोगोों को प्रभातवि करिे हैं. भूतर्म र्में अपघतटि हो जािे हैं. प्रतिरोधक िर्मिा उत्पन्न
नहीों होिा है
परजीवी (पैरासाइट) जैतवक एजेन्ट: टराइकोग्रार्मा कोतलतनस, कम्पोलेतटस क्लोररडी,
एपैन्टेतलस, तसरतफड लाई, इपीरीक
े तनया र्मेलानोल्यूका आतद ।
र गजनक़ वमत्र कीट: यह सूक्ष्म जीव होिे हैं हातनकारक कीटोों र्में बीर्माररयाों. उत्पन्न
करक
े उन्हें नस्ट करते हैं। these are वायरस, बैक्टीररया, कवक और प्रोटोजोआ .
जैविक कीटनाशक ं (बायो-पेस्टीसाइड) : :
काओविन: काओवलन / बेंटोनाइट क्ले: तजसे चाइना क्ले भी कहा जािा है, एक
प्रकार की विट्टी है जो खतनज काओतलनाइट से बनी होिी है।
डायट मेवसयस वमट्टी: प्राक
ृ तिक रूप से पाई जाने वाली,
र्मुलायर्म, तसतलतसयस िलछटी चट्टान है तजसे बारीक सफ
े द से लेकर र्मटर्मैले
सफ
े द पाउडर र्में िोडा जा सकिा है। प्राक
ृ वतक शुष्कक और अपघिाक हैं. कीडोों,
घुनोों, कवक, बैक्टीररया से होने वाले नुकसान को तनयोंतत्रि करने .
नीम / नीमास्त्र / ब्रम्हास्त्र: )बीज, बीज का तेि, पवत्तयां, क
े क, बीज
वगरी का अक
ा , नीम क
े बीज का घ ि( - ग्रास हॉपर, िीफ हॉपर,
एवफड, जैवसड, बैक मॉि, इल्ली कीट, घुन या कवक तनयोंतत्रि कर हातनकारक
कीटोों को पौधे क
े पास आने से भी रोकिे हैं.
आग्नेयास्त्र : बेसरम की पत्ती + हरी तीखी वमचा + िहसुन + नीम की
पत्ती + ग मूत्र िपेट चेदक की वनयन्त्रण।
दशपणी सत: नीम की पत्ती + वनगुाण्डी की पत्ती + सपा गंधा पत्ती +
वगि य की पत्ती + सररफा की पत्ती + करंज की पत्ती + अरण्ड की पत्ती
+ िहसुन पेस्ट + हरी वमचा पेस्ट + ग मूत्र।
गौमूत्र : असंख्य कीड ं एिं र ग ं पर वनयंत्रण।
4. नीम - प्राक
ृ वतक पाइरेविन और चेन प वडयम एम्ब्र वसय इड्स, और स्स्पन सैड
जैसे माइि वबयि अक
ा - क
ै टरवपिर और छ टे कीट ं क तुरंत मारना,
नीम + पाइरेविन, पाइरेविन + क
ै न िा तेि, पाइरेविन + ब्यूिेररया
बैवसयाना किक, (बीटी + वमिाइि सैविवसिेट - कीट वनयंत्रण क
े
विए व्यापक स्पेक्टरम वनयंत्रण।
िाष्पशीि - िहसुन, वमचा और जडी-बूवटयााँ - अपनी तेज गंध से कीड ं क र कते
हैं,
प्याज, िहसुन, नीम, पाइरेिम, नीम का तेि, सबवडिा - पेट में जहर का काम
करती ह .
िहसुन - प्राक
ृ वतक कीटनाशक और कीट विकिाक कीट प्रवतकारक
पैरावफवनक तेि - प्रक प क र कने क
े विए छ टे कीड ं क धीमा कर
देता है
8. र टेन न (dermis plant) - leaf-feeding caterpillars, beetles, aphids and
thrips कीटनाशक क
े रूप में उपय ग वकया जाता है.
वनक टीन (तंबाक
ू का अक
ा - व्यापक रूप से एक कीटनाशक
अबवडिा (वििी बीज) - पौधोों की रिा िोंत्र को र्मजबूि करिा है;
रयावनया (रयान पौधे का वपसा हुआ तना) जैविक कीट नाशक - कीडोों क
े िोंतत्रका िोंत्र पर हर्मला
पाइरेिम (सूखे पाइरेिम फ
ू ि और बीज का अक
ा )- कीडोों क
े िोंतत्रका िोंत्र पर हर्मला . काबातनक
यौतगकोों का एक वगा है तजसर्में कीडोों क
े िोंतत्रका िोंत्र को लतिि करक
े शन्टिशाली कीटनाशक गतितवतध होिी है।;
बैवसिस िुररंवगएस्िस (बी.टी.) माइि वबयि 'सविय घटक उत्क
ृ ष्ट जैव
कीटनाशक जैव कीटनाशक : एक एरोतबक बीजाणु रूप है। इसे आर्मिौर
पर बीटी क
े नार्म से जाना जािा है। यह तर्मट्टी, पानी, कीडोों क
े र्मल, कीडोों, पौधोों की
सिहोों आतद र्में पाया जािा है। तििली क
ै टरतपलर क
े सोंिर्मण को तनयोंतत्रि करने क
े
तलए उपयोग तकया जािा है।
फ्ल र एसेटेट - आक या र्मदार (पौधे का अक
ा ) . फ्ल र एसेटेट (पौधे का अक
ा ) -
इसको र्मोंदार', आक, 'अक
क ' और अकौआ भी कहिे हैं . पादप तवषाणुओों का
वनयंत्रण;
काबोस्िन - (कवकनाशी और बीज रिक) काबोस्िन (पौधे का अक
ा ) चाय और
क
े ले क
े कचरे से तैयार वकया गैर-ववषाक्त सविय काबकन.
5. िैंटाना पत्ती अक
ा 10% स्प्रे 3 - 4 बार कीट विकिाक क
े रूप में काया करता है
बैतसलस थुररोंतजएन्टिस बैक्टीररया जैव कीटनाशक : एक एरोतबक बीजाणु
रूप है। इसे आर्मिौर पर बीटी क
े नार्म से जाना जािा है। यह तर्मट्टी, पानी, कीडोों क
े
र्मल, कीडोों, पौधोों की सिहोों आतद र्में पाया जािा है। तििली क
ै टरतपलर क
े सोंिर्मण
को तनयोंतत्रि करने क
े तलए उपयोग तकया जािा है।
काबोस्िन (पौधे का अक
ा ): चाय और क
े ले क
े कचरे से िैयार तकया गैर-तवषाि सतिय
काबान
फ्ल र एसेटेट: इसको र्मोंदार', आक, 'अक
ा ' और अकौआ भी कहिे हैं.
चेनोपोतडयर्म िेल : चेनोपोतडयर्म पौधे से बनाया जािा है, तजसे एपाजोट क
े नार्म से भी जाना
जािा है। चेनोपोतडयर्म िेल र्में एस्क
े ररडोल नार्मक जहरीला रसायन उच्च र्मात्रा र्में होिा है।
न्टस्पनोसैड : तर्मट्टी क
े जीवाणु द्वारा बनाया गया एक प्राक
ृ तिक पदाथा है जो कीडोों क
े तलए
जहरीला हो सकिा है।
टराइकोडरर्मा: फफ
ू दजतनि रोगोों र्में लाभप्रद पाया गया है। टराइकोडरर्मा क
े कवक
िोंिु हातनकारक फफ
ूों दी क
े कवकिोंिुओों को लपेट कर या सीधे अन्दर घुसकर
उसका रस चूस लेिे हैं।
. ब्यूवेररया बैवसयाना: फलीबेधक, पत्ती लपेटक, पत्ती खाने वाले कीट, चूसने वाले
कीटोों, भूतर्म र्में दीर्मक एवों सफ
े द तगडार आतद की रोकथार्म क
े तलए लाभकारी हैं।
स्यूडोिोनास फ्लोररसेन्स: जड सडन, िना सडन डैन्टम्पोंग आफ, उकठा, लाल
सडन, जीवाणु झुलसा, जीवाणुधारी आतद फफ
ूूँ दजतनि एवों जीवाणुजतनि रोगोों क
े
तनयोंत्रण क
े तलए प्रभावी पाया गया है।
िेटाराइवजयि एवनसोप्ली: फलीबेधक, पत्ती लपेटक, पत्ती खाने वाले कीट, चूसने
वाले कीट, भूतर्म र्में दीर्मक एवों सफ
े द तगडार आतद क
े रोकथार्म क
े तलए लाभकारी
हैं।
जैविक कीटनाशक:
सेरेनेड (बैवसिस सबवटविस) - एक माइि वबयि कीटनाशक, ब्यूिेररया
बैवसयाना किक; राइज वबयम, एज ट बैक्टर, एज स्स्पररवियम कल्चर और
एस्परवगिवसस जैि उिारक हैं; राइज वबयम कल्चर फविय ं क नाइटर जन आपूवता का
एक प्रभािी स्र त है; एज ट बैक्टर और एज स्स्पररवियम फसि ं क नाइटर जन
6. स्थिरीकरण और आपूवता में मदद करते हैं; बैवसिस, एस्परवगिस पौध ं क वमट्टी में
फास्फ रस उपिब्ध कराने में मदद करते हैं।
प्राक
ृ वतक कीटनाशक:- बैवसिस िुररंवजएस्िस (क
ु स्टााकी), बागिानी तेि,
कीटनाशक साबुन,एं ट म पैि जेवनक नेमाट ड और नीम उत्पाद।
माइि वबयि कीटनाशक: इसमें किक, बैक्टीररया, प्र ट ज अन, शैिाि, िायरस आवद
शावमि हैं। िे कीड ं की आबादी में बीमारी पैदा करते हैं।
खवनज कीटनाशक: खवनज आधाररत वनयंत्रण ं में सल्फर और चूना-सल्फर शावमि हैं।
सामान्य कीड ं क वनयंवत्रत करने क
े विए वछडकाि वकया गया। ख़स्ता फफ
ूं दी, क
ु छ
जंग, पत्ती झुिसा और फि सडन क वनयंवत्रत करें। मकडी क
े कण,
साइविड्स और विप्स; ब्लाइट एन्थ्िेक्न ज, पाउडरयुक्त फफ
ूं दी और स्क
े ल्स,
विप्स और एरीओफाइड माइट्स सवहत क
ु छ कीड ं जैसे र ग ं क वनयंवत्रत
करें।
िानस्पवतक कीटनाशक: कीटनाशक पौध ं से प्राप्त ह ते हैं। वनक टीन, नीम,
र टेन न, एनाबेवसन, एजावडरेस्क्टन, ररयावनया, आिश्यक तेि, सबवडिा और
पाइरेविन सभी अन्य पौध ं से प्राप्त ह ते हैं। उदाहरण क
े विए पाइरेविि, से
है।
एसेंस तेि कीटनाशक: वपस्सू, एवफड और घुन का वनयंत्रण। िैिेंडर तेि कीट विकिाक।
िाइम तेि, र जमेरी तेि और देिदार तेि।
जैविक खरपतिार प्रबंधन
पानी और प िक तत्व ं क
े विए खरपतिार प्रवतस्पधाा क कम करने क
े विए
खरपतिार वनयंत्रण आिश्यक है। जैविक खेती में प्रभािी खरपतिार वनयंत्रण
तकनीक ं की वसफाररश की जाती है जैसे वक इंटरकल्चर, किर फसिें, मल्च और
वमट्टी का सौरीकरण ।
फसि-िार प्रमुख कीट-नाशीक:
7. वनम्बू, संतरा क
े प्रमुख कीट: वसटर स िीफ माइनर, वसटर स साइिा,
वसटर स ब्लैकफ्लाई, वसटर स व्हाइटफ्लाई। साइटर स एवफड, साइटर स
फि चूसने िािा कीट, जंग घुन और छाि खाने िािी क
ै टरवपिर।
क
े िे क
े प्रमुख कीट: विप्स, एवफड्स, कॉमा िीविि, स्टेम िीविि और बवििंग
नेमाट ड।
आम क
े प्रमुख कीट: मैंग हॉपर, माइिबग, िीफ िेबर, विप्स, तना छे दक,
शूट ब रर, स्क
े ि कीट, दीमक, शूट गॉि साइिा, वमज, छाि खाने िािी
क
ै टरवपिर और फि मक्खी।
अनार क
े प्रमुख कीट: अनार में फि छे दक, विप्स, तना छे दक, छाि खाने
िािी इल्ली, फि छे दने/चूसने िािे कीट आवद।
चीक
ू क
े प्रमुख कीट: किी छे दक, चीक
ू क
े बीज छे दक, चीक
ू पत्ती िेबर, चीक
ू
फि मक्खी, पत्ती खवनक और मीिी बग, आवद।
अमरूद क
े प्रमुख कीट:फल र्मन्टक्खयाूँ (अर्मरूद फल र्मक्खी, क
ै रेतबयन फल र्मक्खी),
वीतवल, स्क
े ल कीट (ग्रीन स्क
े ल, ग्रीन शील्ड सेल), तिप्स (रेडबैंडेड तिप्स), रूट नॉट
नेर्माटोड आवद।
सेब और नाशपािी क
े प्रमुख कीट:
एतफड्स, कोतडोंग र्मोथ, घुन, रागोलेतटस पोर्मोनेला, नाशपािी साइला, प्लर्म कक
ुा तलयो,
स्क
े ल कीडे, भूरा र्मुरब्बा बदबूदार बग, सेब िना छे दक · यूरोपीय लाल घुन · धब्बेदार
घुन है · हरा सेब एतफड, सुई छे दक सुोंडी, आवद।
फि फसि ं पर उपज, गुणित्ता एिं मृदा स्वास्थ्य पर जैविक एिं जैि उिारक ं
का प्रभाि:
आम :
इन पहिुओं पर भारत और विदेश ं में भारी मात्रा में श ध साक्ष्य उपिब्ध हैं, वफर भी यहां क
े िि
क
ु छ का ही संक
े त वदया गया है। मस्ल्लका वकस्म क
े आम पर श ध पररणाम ं से पता चिा वक
अवधकतम फि उपज 160.30 वकि ग्राम प्रवत पेड, फि िजन। 300 ग्राम, बेहतर गुणित्ता
पैरामीटर और शुद्ध ररटना 128857 रुपये प्रवत हेक्टेयर बाय डायनावमक खाद (30 वकि ग्राम
प्रवत पेड + जैि-िधाक काउ पैट वपट- 100 ग्राम, बीडी- 500 और बीडी- 501 वमट्टी और पत्ते
स्प्रे क
े रूप में) क
े उपय ग क
े साि दजा वकया गया जबवक क
ृ वि रसायन 1000 ग्राम एनपीक
े प्रवत
पेड क
े प्रय ग पर प्रवत पेड 88.46 वकि ग्राम फि उपज, फि का िजन 327 ग्राम और शुद्ध
ररटना 58743 रुपये रह गया िा। एक अन्य श ध में जीिमृत @ 1000 िीटर/हेक्टेयर (8.0
8. िीटर/पेड) 15 वदन ं क
े अंतराि पर वमट्टी में माइि वबयि और एं जाइम गवतविवध क बढाकर
वमट्टी की प िक स्थिवत क
े अच्छे रखरखाि क
े साि 7.04 टन/हेक्टेयर की उच्चतम फि उपज
दजा की गई। बाय डायनावमक तरि कीटनाशक क
े प्रय ग से कीड ं से भी क ई नुकसान नहीं
देखा गया।
अमरूद: इिाहाबाद सफ
े दा और िाि गूदे िािे अमरूद पर श ध क
े नतीज ं से पता चिा है वक
बाय डायनावमक खाद, काउ पैट वपट, बीडी-500, बीडी-501 और बाय डायनावमक तरि
कीटनाशक ं जैसे विवभन्न जैविक आदान ं क
े उपय ग से फि ं की उपज और गुणित्ता में सुधार
हुआ और अवधकतम आविाक िाभ हुआ। अमरूद क
े पौध ं क फामा याडा खाद + एज ट बैक्टर
+ फॉस्फ रस सॉल्यूवबिाइजर + प टाश म वबिाइजर क
े साि उिाररत वकया गया और वनयंत्रण
भूखंड ं में प्रवत पौधा 18.0 वकि ग्राम की तुिना में अवधकतम 626.3 फि और 114 वकि ग्राम
प्रवत पौधा उपज वमिी।
सेब: सेब में जैविक उपचार से उपज में 30% की िृस्द्ध; रासायवनक खेती की तुिना में िाविाक
शुद्ध उत्पादन 504%। जैविक प्रबंधन में फास्फ रस, प टेवशयम, क
ु ि घुिनशीि शक
ा रा,
अनुमापन य ग्य अम्लता और विटावमन सी में िमशः 2.9%, 19.3%, 8.5%, 23.4% और 34.7%
की िृस्द्ध देखी गई। जैविक भूखंड ं में वमट्टी क
े जीिाणु बाय मास और एन पररसंचरण में
काबावनक पदािा अवधक िे और कीटनाशक अिशेि कम िे। जैविक बाग में पारंपररक
रासायवनक बाग क
े फि ं की तुिना में अवधक पीिे रंग की त्वचा की पृष्ठभूवम का रंग, फि ं की
त्वचा में ब्लश का उच्च प्रवतशत, उच्च घुिनशीि ठ स सामग्री, उच्च घनत्व, उच्च गूदा दृढता
और रसेट की उच्च गंभीरता पाई गई । यह भी बताया गया है वक सेब क
े बगीच ं में जैविक
प्रबंधन थिानीय प्राक
ृ वतक दुश्मन समुदाय और विशेि रूप से वशकारी बग आबादी क संरवक्षत
करता है, ज एवफड कॉि नी क
े शुरुआती दमन क
े विए आिश्यक है, वजससे फसि क
े समय
सेब की क्षवत कम ह जाती है। क
ु ि वमिाकर यह संक्षेप में कहा जा सकता है वक जैविक प्रबंधन
सेब क
े बगीचे की पाररस्थिवतक और आविाक िाभप्रदता द न ं क बढाता है
चीक
ू : ग बर की खाद -50 -100 वकग्रा/पौधा, िमीकम्प स्ट- 5 -10 वकग्रा/पौधा, सरस ं की
खिी - 5 वकग्रा/पौधा, अिग-अिग संय जन ं में और अिग-अिग समय पर प्रय ग पर वकए गए
श ध से अवधकतम 33.3 वकग्रा फि प्रवत पौधा प्राप्त हुआ, जबवक 18.4 वकग्रा. प्रवत पौधा प्रवत
ििा 400 ग्राम N, 100 ग्राम P2 O5 और 300 ग्राम K क
े प्रय ग पर प्राप्त हुआ । जैविक उपचार
में फि ं का उत्पादन, फि ं का िजन, गूदा सामग्री, गुणित्ता और स्व-जीिन भी अवधक िा।
अनार: अनुसंधान वनष्किों से पता चिा वक प्रवत पौधा फि ं की अवधकतम संख्या (59.50), प्रवत
पौधा उपज (12.41 वकि ग्राम), प्रवत हेक्टेयर उपज (19.86 टन), फि का िजन (239.39
ग्राम), फि का व्यास (7.55 सेमी), प्रवत फि एररि िजन (147.70 ग्राम), प्रवत फि रस की मात्रा
(97.55 वमिी), वछिक
े सवहत प्रवत फि वछिक
े का िजन (91.69 ग्राम): उपचार क
े तहत एररि
अनुपात (0.62) उल्लेखनीय रूप से न ट वकया गया, प ल्ट्री खाद क
े माध्यम से 100% आरडीएन
9. + 50 वमिी पीएसबी + 25 वमिी क
े एमबी + 5 ग्राम टराइक डमाा विराइड + 5 वमिी
पेवसि माइसेस वििावसनस। इसी उपचार में अवधकतम शुद्ध ररटना (4,12,840/हेक्टेयर) और
बीसीआर (3.26) भी प्राप्त हुआ।
पपीते: पपीते क
े फि में यह पाया गया वक 10 वकि ग्राम िमीकम्प स्ट + 100 ग्राम
एज ट बैक्टर + 100 ग्राम पीएसबी/पौधे क
े प्रय ग से अवधकतम फि प्राप्त हुए - 74.33, फि की
िंबाई - 22.66 सेमी, फि का िजन - 1486 ग्राम, प्रवत पौधा उपज - 71.32 वकग्रा, क
ु ि
घुिनशीि ठ स 14.26 %, क
ु ि शक
ा रा 10.31% अपचायक % 8.82%, एस्कॉवबाक एवसड -
52.00 वमिीग्राम/100 ग्राम, अम्लता का न्यूनतम प्रवतशत - 0.133।
स्टरॉबेरी:
पवत्तय ं और मुक
ु ट ं/पौध ं की संख्या, अंक
ु र और जड क
े ताजे और सूखे िजन क
े साि-साि जड
की िंबाई और फ
ू ि ं क
े टरस/पौधे की संख्या सवहत अवधकांश विकास मानदंड जैविक खेती में
बेहतर िे।
नाशपाती की फसि: फामा याडा खाद 90 वकि ग्राम प्रवत पौधा या 40 वकि ग्राम
िमीकम्प स्ट/पेड और 800 ग्राम नाइटर जन से नाशपाती की सिोत्तम उपज और गुणित्ता
वमिती है।
आलूबुखारा: शुरुआत में 10 वकि एफिाईएम, 50 ग्राम एन, 25 ग्राम पी और 60 ग्राम क
े क
े ,
क
ु छ ििों क
े बाद एफिाईएम 30 वकि और 500 ग्राम एन और पी और क
े प्रत्येक में 1 वकि
और 10 साि क
े बाद 36 वकि एफिाईएम + 360 ग्राम यूररया + 570 ग्राम पी + 375 ग्राम क
े .
अंगूर: 50, 50, 100 वकि ग्राम फामा याडा खाद डािें; एन - 10, 10, 20 ग्राम; पी- 8, 8 ,16 ग्राम ;
क
े - पहिे, दू सरे और तीसरे ििा क
े दौरान 30, 40, 60 ग्राम N P K प्रवत बेि।
फि ं में पौध ं की सुरक्षा क
े विए जैविक उत्पाद। फि ं में औिधीय सुरक्षा क
े विए
भौवतक, जुताई और जैविक तरीक
े : एक िीटर गौमूत्र क 10 िीटर पानी में
200-300 िीटर/हेक्टेयर की दर से वछडकाि करें। 12.5 वकि ग्राम ग बर
और 12.5 िीटर ग मूत्र वमश्रण क 1:10 पानी में 200 - 250
िीटर/हेक्टेयर की दर से स्प्रे करें। 2% नीम का तेि 40 -60 ग्राम
वडटजेंट, नीम क
े बीज की वगरी का अक
ा , वमचा िहसुन सूप स्प्रे क
े साि
वमिाया जाता है।
जैि किकनाशी पर ख ज उत्साहजनक है। रूट स्टॉक क
े विए उवचत जि वनकासी,
उवचत छं टाई, आंतररक पौधे क
े छत्र में अच्छे िायु पररसंचरण, सूया क
े प्रकाश क
े प्रिेश
की संभािना में मददऔर पुआि से मस्ल्चंग करना या हरी खाद िािी फसिें उगाना।
10. टराइक डमाा हावजायावनयम किक क
े कई फॉमूािेशन अब ग्रे म ल्ड (ब टरीवटस) क
े
वनयंत्रण क
े रूप में बाजार में आ गए हैं। अब उपिब्ध अन्य जैि किकनाशी में अंगूर
में ख़स्ता फफ
ूं दी क
े विए वनयंत्रण और पेड क
े घाि र गजनक ं क
े स्खिाफ सुरक्षा
शावमि है।
मैिी रेज एक जैविक कीटनाशक: अंगूर, आम, कस्टडा सेब, अमरूद, पपीता, अनार,
आवद क
े वमिी बग क
े प्रभािी उपचार।
टराइक डमाा हावजायावनयम किक: ग्रे म ल्ड (ब टरीवटस), ख़स्ता फफ
ूं दी, घाि
र गजनक ं क
े स्खिाफ सुरक्षा.
आिोप ड जैसे जीवित जीि ं का उपय ग फाइट सीउिस पवसावमविस और
मेटासीयुिस ऑिीडेंटविस क वनयंवत्रत करने क
े विए.
वमट्टी क
े गुण ं, सूक्ष्म प िक तत्व ं और उपज की गुणित्ता पर काबावनक
पदािों का प्रभाि
मृदा उिारता स्थिवत:
जैविक खाद से वमट्टी की उिारता और गुणित्ता में सुधार देखा गया। काबावनक काबान और मृदा
काबान में िमशः 39% और 22.3% की िृस्द्ध पाई गई। जैविक फ
ू िग भी की फसि में काबान
पृिक्करण 301.1 वकि ग्राम/हेक्टेयर/ििा बताया गया, जबवक पत्ताग भी में पारंपररक प्रणािी क
े
तहत 42.6 वकि ग्राम/हेक्टेयर/ििा िा। जैविक खाद से वमट्टी की उिारता और गुणित्ता में
सुधार ह ता है। रासायवनक खेती से जैविक काबान 39% और मृदा काबान 22.3%
बढ जाता है। जैविक खेती क
े तहत काबान पृिक्करण 301.1वकि ग्राम/हेक्टेयर/ििा
िा, जबवक ग भी में पारंपररक प्रणािी क
े तहत यह क
े िि 42.6
वकि ग्राम/हेक्टेयर/ििा िा।
वमट्टी क
े क
ृ विभौवतकीय गुण पर जैविक खेती का प्रभाि:
वमट्टी का ि क घनत्व (bulk density) वमट्टी की प्रभािशीिता और खेती क
े भविष्य की
उत्पादकता क वनधााररत करने में बहुत बडी भूवमका वनभाता है। यह वमट्टी की जि, िायु,
प िक तत्व और सूक्ष्मजीिी जीिन संचिन की क्षमता क दशााता है। जैविक खेती से वमट्टी का
ि क घनत्व (1.18 mg m−3) कम ह जाता है। यह वमट्टी की सरंध्रता (porosity) क 53.79%,
जि धारण क्षमता क 38.72%, जि-स्थिर वमट्टी क
े समुच्चय क 30 -50%, पानी क
े घुसपैठ
(infiltration)और संतृप्त हाइड
र विक चािकता क बढाता है िेवकन संघनन क
े विए वमट्टी की
संिेदनशीिता क कम करता है।
जि धारण क्षमता: वमट्टी क
े काबावनक पदािा में पानी क
े प्रवत प्राक
ृ वतक चुंबकत्व ह ता है।
काबावनक पदािा अपने िजन से 10 गुना अवधक पानी धारण करते हैं और अकाबावनक उिारक
11. क
े प्रय ग की तुिना में 2.87 से 18.72 प्रवतशत तक पानी धारण करते हैं। गाय का ग बर खाद
की तुिना में वमट्टी में अवधक पानी र क सकता है। वमट्टी में अवधक पानी जमा ह ने से बार-बार
वसंचाई पर खचा ह ने िािे समय, धन और ऊजाा की बचत ह ती है।
सूक्ष्म प िक तत्व ं की उपिब्धता:
क
ृ वत्रम रसायन ं क
े माध्यम से डािे गए सूक्ष्म प िक तत्व ं का क
े िि क
ु छ भाग ही फसिें ग्रहण
करती हैं और बाकी नि ह जाते हैं। यवद जैविक रूप से ज डा जाए, त आिश्यकता क
े अनुसार
फसि ं क
े विए उनकी उपिब्धता सुवनवित ह जाती है और बचा हुआ भाग अगिी फसि ं क
े
विए वमट्टी में स ख विया जाता है। यवद जैविक खाद क 10 टन/हेक्टेयर की दर से डािा जाता
है त यह 3.6 वकि ग्राम Fe, 0.85 Zn, 2.0 वकि ग्राम Mn, 0.14 वकि ग्राम Cu, 1.0 वकि ग्राम
B और 0.02 वकि ग्राम Mo/ha प्रदान करेगा, ज बराबर है- 19 वकि ग्राम फ
े रस सल्फ
े ट, 4.25
वकि ग्राम वजंक सल्फ
े ट, 6.7 वकग्रा मैंगनीज सल्फ
े ट, 4.2 वकग्रा कॉपर सल्फ
े ट, 0.9 वकग्रा
ब रेि और 0.0385 वकग्रा अम वनयम म विब्डेट।
जैविक खेती में वमट्टी-सूक्ष्मजीि आबादी:
वमट्टी में, सूक्ष्मजीि समुदाय सूक्ष्म, मेस और मैि जीि ं क
े रूप ं में प िक तत्व ं क
े पररितान
और पौध ं क
े विए उपिब्धता क
े विए ड
र ाइविंग इंजन क
े रूप में काया करते हैं। काबावनक पदािा
सामग्री वमट्टी क जीवित शरीर बनाने में सहायता करती है। ये मृदा अपरदन वनयंत्रण, कीट और
र ग प्रबंधन में भी मदद करते हैं। जैविक प्रणाविय ं में रासायवनक क
ृ वि प्रणािी की तुिना में
32% से 84% अवधक माइि वबयि बाय मास काबान, माइि वबयि बाय मास नाइटर जन, क
ु ि
फॉस्फ विवपड फ
ै टी-एवसड और वडहाइड
र जनेज, यूररया और प्र टीज गवतविवधयााँ पाई गईं।
जैविक खेती क
े तहत गुणित्तापूणा उत्पादन: जैविक उपज में रासायवनक रूप से उगाए गए
भ जन की तुिना में अवधक गुणित्ता िािे, विटावमन, खवनज, एं जाइम, टरेस तत्व, रंग, स्वाद,
चमक , बनािट और एं टीऑस्िडेंट ह ते हैं। यह देखा गया वक जैविक रूप से उगाए गए सेब,
आिू, नाशपाती, गेहं और स्वीट कॉना में क
ै स्ल्शयम की मात्रा औसतन 63% अवधक िी, 73
आयरन में % अवधक, मैग्नीवशयम में 118% अवधक, म विब्डेनम में 178% अवधक, फॉस्फ रस
में 91% अवधक, प टेवशयम में 125% अवधक और वजंक में 60% अवधक। जैविक उत्पाद
भंडारण हावन और बीमारी क भी कम करते हैं और कीटनाशक अिशेि ं और नाइटरेट सामग्री
क कम बनाए रखते हैं
आभार:
यह िघु समीक्षा आईसीएआर संथिान ं और क
ृ वि विश्वविद्यािय ं क
े श ध वनष्किों पर आधाररत
है। मैं सभी ज्ञात और अज्ञात क
े प्रवत आभार व्यक्त करता हं।