Honey bee is an important insect which provide us honey,wax,
propolish,royal jelly,bee venom and useful in pollination purpose.Landless peoples can adopt this activity and get additional income. It can help the poverty alleviation for our farmers.
1. मधुमक्खीपालन तथा समस्याएँ
जी. पी. पैंकरा वररष्ठ वैज्ञाननक एवं मुख्य अन्वेषक
अखखल भारतीय समन्न्वत मधुमक्खी पालन एवं परागण सहायक कीट अनुसन्धान
पररयोजना, राजमोहहनी देवी कृ षष महा षवद्यालय एवं अनुसन्धान क
ें द्र अंबिकापुर
न्जला – सरगुजा (छ ग )भारत
2. रणनीनतयाँ –
मधुमक्खी पालन क
े बारे में लोगो को जागरूक करना |
यूरोपपयन मधुमक्खी क
े सम्बन्ध में प्रशिक्षण|
भारतीय मधुमक्खी क
े सम्बन्ध में बताना |
मधुमक्खी पालन हेतु उपयोगी सामग्री की उपलब्धता |
मधुमक्खी क
े प्राकृ ततक दुश्मनों से सुरक्षा |
कीटनाशियों से मधुमक्खी की सुरक्षा |
3. मधुमक्खी क्या है ?
यह एक सामाजजक कीट है जो की समूहों में रहती है| इससे हमें मधु, प्रोपोशलस,
मधुमक्खी पिष, पराग, मोम, रॉयल जैली, परागण आदद की प्राजतत होती है|
मधुमक्खी की षवभभन्न प्रजानतयाां –
(अ) भारतीय मधुमक्खी (एपपस इांडिका )
(ब) भिर मधुमक्खी (एपपस िोरसता )
(स) यूरोपपयन मधुमक्खी (एपपस मेशलफ
े रा)
(द) छोटी मधुमक्खी (एपपस फ्लोरेया)
( य ) िांकदहन् मधुमक्खी ( िामर मधुमक्खी)
4. मधुमक्खी पररवार का संगठन –
(अ ) रानी - 1
(ब ) नर - 100-
(स ) कमेरी – 3000-4000
सदस्यों का जीवन चक्र -
अवस्था अंडा लावाा प्यूपा वयस्क
नर 3 5 8 16
कमेरी 3 7 14 24
रानी 3 6 12 20
5.
6. मधुमन्क्खयों की उपयोगगता –
(अ) मधु –
यह एक पौजटटक और लाभदायक भोजन है| इसमें तनम्न पदार्थ होते है
–
नमी – 20-25%
देक््रोस – 30-35%
लेिोलुस – 35 -40 %
सुक्रोस - 2 – 5 %
(ि) मोम –
(स ) डंक षवष –
(द ) प्रोपोभलस –
गोंद – 55 %
मोम – 30%
सुगजन्धत तेल – 10 %
पराग – 5 %
(य ) रॉयल जैली –
नमी – 66.05%
प्रोटीन – 12.34%
पिटाशमन – 0.82%
32. कीटनाभियों से मधुमन्क्खयों की सुरक्षा
कीटनाशियों का उपयोग फ
ू ल आने से पहले करने
से मधुमक्खी का भ्रमण नही होता इससे
नुकसान नही होता|
कीटनाशियों का उपयोग करना हो तो मधुमक्खी
पररिार को अन्यांर ले जाना चादहए |
कम पिषाक्त िाली कीटनािक का चयन करना
चादहए |
33. ( अ) अत्यगधक षवषाक्त (लाल)
मोनोक्रोटोफोस, लेम्दासय्लोहेगिन. इशमिा
क्लोपप्रि, एन्दोक्साकाबथ आदद
(ि) अगधक षवषाक्त (षपला)
मेलागर्यान, साईंपरमेगिन आदद
(स) मध्यम षवषाक्त (नीला)
एशसताशमपप्रि,नुिालुरान आदद
(द) कम षवषाक्त (हरा)
नीम तेल, करांज तेल अन्य जैपिक कीटनासक
36. फ्र
े म को तछलना िहद तनकालना
िहद भण्िारण
मधु प्रसां्करण सांयांर
37. िहद प्रसंकरण
मधु को पकाने क
े शलए फकसी चौिे बतथन में पानी भरकर आग या ्टोि पर
रखकर गमथ करे |
इस गमथ पानी िाले बतथन की नाप से छोटा बतथन लेकर उसमे ततन क
े सांगृहीत
मधु को कपिे से छान लेना चादहए|
मधु को आग से बचाने क
े शलए पानी उबलने िाले बतथन में 2 इांच मोटा लकिी
का तख्ता रखकर उसक
े उपर मधु से भरे बतथन को रख देना चादहए|
मधु को 65 सेंटीग्रेि पर 20 शमनट तक गमथ करने से उसमे उपज्र्त खमीर
न्ट हो जाती है|
सूया की रौिनी से पकाना
38. प्रभिक्षण कायाक्रम राष्रीय िी िोडा एवं अखखल भारतीय समन्न्वत मधुमक्खी
पालन एवं परागण सहायक कीट अनुसन्धान पररयोजना द्वारा हदनाक
08/01/18 से 14/01/18 को संपन्न