1. बचपन की देखभाल और शिक्षा (ई सी सी ई)
प्रस्तुतकतता- श्रुशि पंचगौड
एम एड २०२१-२२
मतर्ादर्ान- डॉ. सीमा एल. बरगट
सहायक प्रोफ
े सर
शर्क्षत शिभतर्
महात्मा गॉंधी अंिरराष्ट्र ीय शिश्वशिद्यालय, िधाा, महाराष्ट्र
2. प्रस्तािना
• जीिन क
े पहले छह िर्ा मानि जीिन क
े महत्वपूर्ा िर्ा होिे हैं। चूंशक, इन
िर्ों में शिकास की दर शिकास क
े शकसी भी अन्य चरर् की िुलना में अशधक
िीव्र है।
• िैशश्वक मस्तस्तष्क अनुसंधान हमें मस्तस्तष्क क
े शिकास क
े शलए प्रारंशभक िर्ों
क
े महत्व क
े बारे में भी सूशचि करिा है।
• अली चाइल्डहुड क
े यर एं ड एजुक
े िन (ईसीसीई) भारि सरकार द्वारा मशहला
और बाल शिकास मंत्रालय क
े िहि िुरू शकया गया एक कायाक्रम है जो
एक सकारात्मक योगदान देिा है बच्ों क
े दीर्ाकाशलक शिकास में ।
4. बचपन (EARLY CHILDHOOD)
• प्रारंशभक बचपन मनुष्य क
े शिकास और शिकास क
े प्रारंशभक चरर्
को दिाािा है।
• प्रारंशभक बचपन एक बच्े की जन्मपूिा अिस्था से लेकर 6 िर्ा की
आयु िक की अिशध को इंशगि करिा है।
6. बचपन की देखभाल और शिक्षा (ई सी सी ई)
(EARLY CHILDHOOD CARE EDUCATION)
अली चाइल्डहुड क
े यर एं ड एजुक
े िन (ईसीसीई) एक उभरिी हुई अिधारर्ा है जो जीिन
क
े पहले छह िर्ों में एक सक्षम और उत्तेजक िािािरर् की सुशिधा प्रदान करक
े एक बच्े
क
े समग्र शिकास से संबंशधि है।”
7. ईसीसीई कायाक्रम क
े व्यापक उद्देश्य
• बच्े का समग्र शिकास शजससे िह अपनी क्षमिा पहचान सक
े ।
• शिद्यालय क
े शलए िैयारी
• मशहलाओं और बच्ों क
े शलए सहायक सेिाएं प्रदान करना
• बालकों को स्वस्थ आदिों क
े शलए िैयार करना।
• बालकों में सुनने, बोलने संबंशधि कौिलों का शिकास करना ।
• बालकों को क
ु पोर्र् एिं अन्य रोगों से बचाना।
• बालकों को शिशभन्न गशिशिशधयों क
े माध्यम से बुस्ति और व्यस्तित्व का शिकास करना ।
• सुशनशिि करें शक प्रत्येक बच्े को महत्व शदया जाए, सम्मान शदया जाए, सुरशक्षि और सुरशक्षि महसूस शकया जाए और एक
सकारात्मक आत्म अिधारर्ा शिकशसि की जाए।
• इंशियों क
े शिकास और एकीकरर् को बढािा देना।
• सामाशजक-समथाक कौिल, सामाशजक क्षमिा और भािनात्मक भलाई क
े शिकास में िृस्ति।
• अच्छी पोर्र् शदनचयाा, स्वास्थ्य संबंधी आदिें, स्वच्छिा अभ्यास और स्वयं सहायिा कौिल को आत्मसाि करें।
• प्रभािी संचार क
े शलए बच्ों को सक्षम करें
12. सीखने/र्शतशिशि कॉनार
(LEARNING /ACTIVITY CORNER)
• रीशडंग एं ड स्टोरी बुक कॉनार- (कॉशमक्स, शपक्चर बुक, स्टोरी सीन्स, एशनमल बुक्स
आशद) बच्ों को शकिाबों से पररशचि कराने क
े शलए।
• नाटक क
े कोने-कोने खेलिे हैं- बच्े की िेज याददाश्त शिकशसि करने क
े शलए
• पहेशलयााँ और ब्लॉक कानार- एक बच्ा इनमें अंिर कर सकिा है
• आकार, आकार, रूप, शिशभन्न चीजों का रंग
• आटा कॉनार बनाना- सुंदर शलखािट क
े शलए ठीक मोटर मांसपेशियों का शिकास करना
• म्यूशजक कॉनार- एक बच्ा अलग-अलग संगीि को पहचान सकिा है उपकरर्।
13. देखभाल करने िाले/ईसीसीई शिक्षक की भूशमका
ईसीसीई कायाक्रम में देखभाल करने िाले/शिक्षक ऐसे सहायक होिे हैं जो संलग्न करिे हैं कई अनुभिों
में बच्े अपने सिाांगीर् शिकास को बढािा देिे हैं।
1. बच्ों की जरूरिों और क्षमिाओं की पहचान करने और बच्े क
े शिकास की गशि क
े साथ आगे बढने
क
े शलए उनका शनरीक्षर् करें।
2. मािा-शपिा क
े साथ साझेदारी में काम करें।
3. प्रत्येक बच्े की शनरंिर प्रगशि पर ध्यान दें।
4. पाठ्यचयाा क
े उद्देश्यों को पूरा करने क
े शलए बच्ों को सीखने में सुशिधा प्रदान करना।
5. बच्ों और बच्ों क
े बीच पोर्र् और सकारात्मक संबंध बनाएं ।
6. बच्ों क
े साथ िांि, सम्मानजनक और मैत्रीपूर्ा िरीक
े से मौस्तखक रूप से बािचीि करें।
7. बच्े और उस सामाशजक पररिेि का सम्मान करें शजससे बच्ा आिा है।
14. महत्व (IMPORTANCE)
• यह समझना बहुि महत्वपूर्ा है शक इस उम्र में एक बच्े क
े शलए सबसे अच्छा सीखने का माहौल िह है
जो सुरशक्षि, सुरशक्षि, प्यार करने िाला, शिशभन्न प्रकार क
े लोगों और खेल सामग्री (स्तखलौने या
प्राक
ृ शिक), और एक देखभाल करने िाले ियस्क की उपस्तस्थशि क
े साथ है, चाहे िह मााँ हो, दादा-
दादी हों, या पूिास्क
ू ली शिक्षक हों, या भाई-बहन हों।
• बाल क
े स्तिि दृशष्ट्कोर् और खेलने का िरीका जो सीखने को मनोरंजक बनािा है, छोटे बच्ों क
े शलए
आदिा रूप से अनुक
ू ल है। बच्े अन्य बच्ों की संगशि का आनंद लेिे हैं और बहुि जल्दी ऐसे काम
करना सीख जािे हैं जो अक्सर मािा-शपिा को भी आियाचशकि करिे हैं।
• उन बच्ों क
े शलए जो कशठन पररस्तस्थशियों में रहिे हैं या शजन्हें सीखने क
े शलए अशिररि सहायिा की
आिश्यकिा हो सकिी है, एक अच्छा पूिास्क
ू ली िािािरर् बहुि फायदेमंद माना जािा है।
• इसका मिलब यह नहीं है शक नसारी स्क
ू ल नहीं जाने िाले बच्े सीख नहीं रहे हैं। सभी बच्े
स्वाभाशिक रूप से सीखिे हैं। पूिास्क
ू ली अनुभि अन्य ियस्कों और अन्य िािािरर् और सामग्री क
े
शलए बच्े क
े जोस्तखम को बढाने में मदद करिे हैं; और इससे भी महत्वपूर्ा बाि यह है शक छोटे बच्े
को स्क
ू ली शिक्षा क
े शलए िैयार करना।
15. महत्व
• कई समुदायों में, शििेर् रूप से दू रदराज क
े इलाकों में रहने िाले या उनक
े
पास कम संसाधन िाले, स्क
ू ली उम्र क
े बडे बच्ों को अक्सर छोटे बच्ों की
देखभाल की शजम्मेदारी दी जािी है, क्ोंशक मािा-शपिा काम क
े शलए बाहर
जािे हैं। इसशलए छोटे बच्ों क
े शलए संस्थागि देखभाल बडे बच्े क
े शलए भी
फायदेमंद है क्ोंशक िह बाल देखभाल क
े काया से मुि हो जािा है और
स्क
ू ल जा सकिा है।
• इसक
े अलािा, ये सेिाएं आिश्यकिा पडने पर सीखने क
े अलािा पोर्र्,
स्वास्थ्य में भी हस्तक्षेप करिी हैं।
16. ईसीसीई क
े काया
• पूिा बाल्यािस्था सुरक्षा एिं शिक्षा (ECCE ) क
े शलये सभी साधन एिं राष्ट्र ीय संसाधनों को
प्रयोग में लाना। इसक
े शलए खोज, प्रशिक्षर्, शिकास और प्रसार शक्रयाओं को समझना।
• पूिा बाल्यािस्था सुरक्षा एिं शिक्षा द्वारा शिक्षा क
े क्षेत्र में राज्ों क
े शलये क्षमिा का शनमाार्
करना िथा इस शिभाग क
े अन्तगाि SCERT िथा DIET क
े शिकास हेिु सहायिा प्रदान
करना।
• पूिा बाल्यािस्था सुरक्षा एिं शिक्षा द्वारा पटमाशसक शडप्लोमा कोसा व्यिहार में लाना शजससे
राज् योजना कायाक्रम को लागू कर अध्यापकों, बालकों िथा अशभभािकों क
े शलये
आिश्यक शिकास कायाक्रम का शक्रयान्वयक सम्भि हो सक
े ।
17. ई.सी.सी.ई क
े ि क
े दैशनक शक्रयाकलाप
• स्वगि, स्वच्छिा की जााँच प्राथाना
• सफ
ू शिादायक शक्रयाएं
• िािाालाप
• संज्ञानात्मक शिकास हेिु शक्रयाएं
• कक्षा क
े अन्दर की खेल शक्रयाएं
• कक्षा क
े बाहर क
े खेल
• भार्ायी खेल
• कहानी गीि
18. E.CC.E क
े काया क्षेत्र
• राज् स्तर पर उपलब्ध खेल सामग्री का सिेक्षर् करना िथा शिक्षकों क
े शलए
शनदेि पुस्तस्तका िैयार करना
• बच्ों ि शिक्षकों क
े शलए SIDETAP, RASTIO, FILMM आशद िैयार करना
!
• बच्ों क
े शलए ‘शचत्र पुस्तस्तका’ िैयार करना शजससे शिशभन्न प्रकार की जानकारी
प्रदान की जा सक
े ।
• आकाििार्ी क
े माध्यम से शिशभन्न क
े िों से प्रसाररि होने िाले कायाक्रमों को
शिकशसि करना िथा उनका क्षेत्रीय भार्ा में रूपान्तररि करना |
19. ई. सी. सी. ई. संचालन हेिु संस्थाए
•आंगनिाडी
•बालिाडी
•पूिा प्राथशमक शिद्यालय
•शिशभन्न पोर्र् आहार कायाक्रम आशद
20. ई. सी. सी. ई. प्रोग्राम की शििेर्िाएं
• ई. सी. सी. ई. प्रोग्राम पूर्ािः बाल क
ें शिि है
• इस प्रोग्राम क
े माध्यम से बालक क
े पोर्र् पर शििेर् ध्यान शदया जािा है।
• ई. सी. सी. ई. कायाक्रम क
े द्वारा बालक क
े समग्र शिकास पर बल शदया जािा
है।
• इस कायाक्रम क
े माध्यम से बच्ा खेल खेल में शिक्षा ग्रहर् करने का प्रयास
करिा है।
• इस कायाक्रम क
े माध्यम से बालक में स्वयं काया करने की प्रिृशत्त जागृि
होिी है।