This presentation contains :-
1.Growth
2. Development
3. Growth in hindi
4. Development on hindi
5. Factors affecting growth and development
6. child health nursing
1. वृद्धि एवं ववकास
Growth and Development
Presented By – Atul Yadav (RN,RM)
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2. वृद्धि (Growth):-
• वृद्धि (Growth) प्रत्येक बच्चे के जीवन का
आवश्यक एवं मुख्य गुण है। वृद्धि होने की
प्रक्रिया गर्ाािान (Conception) के समयसे ही
प्रारम्र् हो जाती है और बच्चे के पूणा वयस्क होने
तक ननरन्तर चलती रहती है।
• इसमें बच्चे के शरीर एवं शरीर के अंगों
कीलम्बाई, चौडाई एवं वजन आयु के अनुसार
बढ़ता जाता है। इस वृद्धि को सेंटीमीटर
(Centimeter) और क्रकलोग्राम (Kilogram)से नापा
जा सकता है।
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4. ववकास (Development):-
• ववकास (Development) के अन्तगात बच्चे की
मानससक (mental), र्ावनात्मक (emotional),
समाजजक (social )योग्यता को रखा गया है।
• क्रिर र्ी वृद्धि को मात्रा (quantity) के रूप में
समझ सकते हैं।वृद्धि और ववकास प्रत्येक
बच्चों में समान नहीं होता है।
• यह बच्चे के पोषण, वातावरण आदि बहुत से
कारकों (factor) सेप्रर्ाववत होता है।
5.
6. • सामान्यता शारीररक वृद्धि और ववकास की व्याख्या में
स्पष्ट रूप से अन्तर करना अत्यंत कदिन ससद्ि होता है।
बालकों में ववकास परस्पर समानान्तर गनत से होता है।
• शारीररक (ऊँ चाई, वजन एवं अंग-ववशेष की वृद्धि)
• मानससक (मांसपेसशयों एवं ववसर्न्न कायाकलापों पर ननयंत्रण
तथा िक्षता स्थावपत करना)
• र्ावात्मक (र्ावनाएँ, ववचार एवं दृजष्टकोण)।
• इस प्रकार शारीररक वृद्धि को सेन्टीमीटर, क्रकलोग्राम आदि
मापिण्डों के द्वारा नापा व मापा जा सकता है, क्रकन्तु
बालक के ववकास की जानकारी हेतु उसके शारीररक,
मानससक, र्ावात्मक एवं सामाजजक पहलूओं की जानकारी
उपलब्ि कराना अनतआवश्यक है।
7. • परिपक्वता (Maturation): शारीररक वृद्धि और ववकास पूणा होने पर
बालक पररपक्व (maturation) हो जाता है। पररपक्वहोने पर वह अपने
वंशानुगत पैतृक गुणों को जीन्स (genes) के द्वारा संचाररत करने में
समथा हो जाता है।
• वृद्धि का क्रम या नियम : बालकों की वृद्धि एक ननजश्चत िम के
अनुसार होती है, अथाात एक नवजात सशशु पहले बैिनाउसके बाि खडा
होना तत्पश्चात चलना सीखता है। इस िम की ववपरीत िशा किावप
संर्व नहीं है।
• वृद्धि की गनत : सशशु की शारीररक वृद्धिि के सलए कोई उधचत –
अनुधचत समय नहीं है। प्रत्येक बच्चा अन्य बच्चे से सवाथासर्न्न होता
है। अत: उसकी शारीररक वृद्धि र्ी ववसर्न्न समय में होती है। एक ही
पररवार के बच्चों की शारीररक वृद्धि अलग-अलगसमय पर होती हैं।
8. वद्धि औि ववकास को
प्रभाववत कििे वाले कािक
(Factor Affecting Growth and
Development)
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10. • 1. आिुवांशिक कािक (Genetic factor) :-
• आनुवांसशकता (hereditary) बच्चे के ववकास एव
वृद्धि को प्रर्ाववत करने वाला एक प्रमुख कारक
है, जैसे- चीन या नतब्बतमें रहने वाले व्यजक्तयों
के बच्चों की लम्बाई कम बढ़ती है, क्योंक्रक उनके
माता-वपता, िािा-िािी, नाना-नानी आदि सर्ी की
लम्बाई कम होती है। इसी प्रकार छाती (chest)
की बनावट तथा मोटापा र्ी आनुवांसशकता से
सम्बजन्ित होता है।
11. Cont…
• मूत्र में क्रिनाइल पाइरूववक अम्ल का पाया जाना
(phenyl ketonuria), थैलासीसमया (thalassemia) - एक
आनुवांसशक रक्तसंलायी (hemolytic-रूधिरवर्णाका
ववषटन) रोग, हीमोिीसलया (hemophilia)-एक
आनुवांसशक रक्तस्त्रावी रोग जजसमें क्रकसी रक्त
स्कन्िनकारक(blood coagulation factor) की कमी से
रक्त जमता नहीं है, गौलेक्टोरसीसमया (galactoscmia)
(जन्म से होने वाले चयापचयी।(metabolism) िोष के
रूप में नवजात सशशु के रक्त में गैलेक्टोज का पाया
जाना) आदि अनेक रोग एक पीढ़ी से second
generation म आते रहते हैं, जो बच्चे की वृद्धि तथा
ववकास को प्रर्ाववत करते हैं। प्रायः बुद्धिमान माता-
वपता की सन्तान बुद्धिमान ही होती है|
12. 2. पोषण सम्बन्िी कारक (Nutritional
factor)
• उधचत पोषण के अर्ाव में बच्चे की वृद्धि और ववकास पूणा
रूप से नहीं हो सकता है क्योंक्रक उधचत पोषण से ही बच्चे को
proteins, ववटासमन्स (vitamins), ववसर्न्न आवश्यक खननज
(minerals), आवश्यक अमीनो एससड (essential amino acid)
आदि तत्व प्राप्त होते हैं, जो ववकास और वृद्धि के सलए अनत
आवश्यक होते हैं।
• पोषण की मात्रा तथा गुणवत्ता (quantity and quality) िोनों ही
ववकास एवं वृद्धि को प्रर्ाववत करते हैं। बच्चे को age अनुसार
उधचत मात्रा तथा उत्तम प्रकार का पोषण िेने से बच्चे की
वृद्धि और ववकास िोनों ही अच्छी प्रकार से होती है। कु पोषण
के कारण अनेक रोग जैसे रक्ताल्पता (anaemia), प्रोटीन-
एनजीमाल-न्यूट्रीशन (protein-energy malnutrition), ववटासमन्स
की कमी के रोग (vitamin's deficiency) हो जाते हैं, जजससे बच्चे
की वृद्धि और ववकास रूक जाता है।
• इसी प्रकार आवश्यकता से अधिक पोषक आहार िेने से बच्चे
मे मोटापा होने की सम्र्ावना बनी रहती है।
13. 3. आधथाक कारण (Economic factors):-
• गरीब पररवार के बच्चों की शारीररक वृद्धि और
मानससक ववकास िनवान व्यजक्तयों की अपेक्षा कम
होता है।
• गरीब पररवार के बच्चों में प्राय: धचन्ता, असुरक्षा की
र्ावना पायी जाती है, जजससे बच्चों की वृद्धि और
ववकास प्रर्ाववत होताहै। अनाथ बच्चे या गरीब बच्चों
को माता-वपता का प्यार नहीं समल पाता है, जजससे
बच्चे उिास रहते हैं और कुं दित बुद्धि वाले होजाते हैं।
• गरीब बच्चों के चारों तरि कु पोषण, गन्िगी, उपेक्षा,
असुरक्षा धचन्ता, र्य का वातावरण रहता है। जजससे
बच्चे शारीररक एवंमानससक रोगों से पीदढ़त बने रहते
हैं। उनका उधचत ववकास या वृद्धि नहीं हो पाती है।
14. 4. वातावरण से सम्बजन्ित कारक
(Environmental factors)
• भ्रूण (foetus) माता के गर्ााशय में वृद्धि करता है। अत: माँ के स्वास््य
का प्रर्ाव भ्रुण पर पडता है, जैसे यदि माँ रक्ताल्पता(anaemia) से पीदढ़त
है तो भ्रूण के ववकास में कमी हो जाती है और भ्रूण (foetus) का आकार
(size) छोटा रह जाता है।यदि माँ तम्बाकू खाती है या ससगरेट पीती है
या शराब पीने की आिी है तो उसके गर्ा में पल रहे भ्रूण (foetus) की
वृद्धि मेंरूकावट पडती है।
• जजस माँ ने गर्ाावस्था के िौरान उधचत पोषक आहार सलया है तो जन्म
के समय बच्चे का वजन औसत होता है। जजसे मीउधचत पोषक आहार
नही सलया है, तो जन्म के समय उसके बच्चे का वजन औसत से कम
होता है।
• गर्ाावस्था के िौरान होने वाले रोग जैसे- उच्च रक्तचाप
(Hypertension), प्रीएक्लैम्पससया (preeclampsia) गर्ावस्यववषरक्तता
जजसकी ववशेषताएं उच्च रक्तचाप, मूत्र में एल्ब्यूसमन आना
(albuminuria) और पैरों पर शोि (edema) हाना है।
15. Cont…
• गर्ााशय में एक से अधिक भ्रूण (multiple pregnancy)
होने के कारण भ्रूण की वृद्धि िीक प्रकार से नहीं होती
है। ईसके अलावा गर्ावती मदहला को जीणा वृक्कपात
(chronic renal failure) संचयशील हृियपात (congestive
heart failure)र्ी भ्रूण की वृद्धि कम हो जाती है।
• कु छ िवाएं जैसे थैलीडोमाइड (thalidomide) आदि
गर्ाावस्था के पहले तीन माह के समय में िेने से भ्रूण
पर बुरा प्रर्ावडालती है।जमान रोमाजन्तका या खसरा
(rubella), ससक्रिसलस (syphilis), हैपेटाइदटस - बी
(hepatitis-B), एच. आई. वी. (HIV) आदिरोग की वृद्धि
एवं ववकास को प्रर्ाववत करते हैं।बच्चे की वृद्धि एवं
ववकास में आस-पास का, घर का एवं स्कू ल का
वातावरण र्ी एक कारक (factor) है ।
16. Cont…
• बच्चा जजस घर में रहता है, उस घर में सिाई रहती है या नहीं, सूया
का प्रकाश अन्िर आता है या नहीं, शुद्ि हवा का घर मेंप्रवेश हो पाता
है या नहीं, माता-वपता बच्चों को प्यार करते हैं या नहीं।
• बच्चे की माँ या वपता िूसरे (सौतेले) तो नहीं हैं। बच्चे के पररवार के
रहने का स्तर कै सा है। उस पररवार की समाज में कै सी प्रनतष्िा है।
बच्चे के र्ाई/बहनों तथा पररवार के अन्य सिस्यों के साथ सम्बन्ि कै से
हैं।
• स्कू ल के साधथयों तथा अध्यापकों के साथ बच्चे के सम्बन्ि िीक हैं
या नहीं। ये सर्ी कारण बच्चेके वृद्धि एवं ववकास प्रर्ावकारी कारक
है। यदि बच्चा क्रकसी कारण से उिास या कु जण्ित रहता है तो उसके
ववकास एवं वृद्धि मेंबािा पडती है।
• साि-सुथरे मकान, अच्छे वातावरण, अच्छा पौजष्टक आहार, माता-"ता
व पररवार के अन्य सिस्यों तथा समत्रों, स्कू लअध्यापकों, के साथ मिुर
सम्बन्ि होने पर बच्चे की वृद्धि का ववकास अच्छी प्रकार से होता है।