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शोध क्या है?.....
डI अनुपम तिवारी
।
शोध (Research):
• शोध उस प्रक्रिया अथवा कायय का नाम है जिसमें बोधपूवयक प्रयत्न से िथ्यों
का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं वववेचक बुद्धध से उसका अवलोकन- ववशलेषण
करके नए िथ्यों या ससद्धांिों का उद्घाटन क्रकया िािा है।
• स्थूल अथों में शोध नवीन और ववस्मृत तत्वों का अनुसंधान है जिसको अंग्रेिी
में डिस्कवरी ऑफ फै क््स कहते हैं। और सूक्ष्म अथथ में वह ज्ञात साहहत्य के
पूनमूथलयांकन और नई व्याख्याओं का सूचक है।
-आचायय हिारी प्रसाद द्वववेदी (1969)
शोध
• शोध क्या है?....... ..
शोध ज्ञान का ववस्तार है
• शोध में क्या होना चाहहए ?...........
ज्ञान सीमा का ववस्तार
• ज्ञान क्या है?................
ज्ञान साथथक िीवन की समझ का नाम है
• ज्ञान ववस्तार क्या है?.....................
साथथक िीवन की समझ का समय समय पर
पूनमूथलयांकन और नवीनीकरण
शोध की पररभाषा
• रैडमैन और मोरी ने अपनी क्रकिाब “दद रोमांस ऑफ ररसचय” में शोध
का अथय स्पष्ट करिे हुए सलखा है, क्रक नवीन ज्ञान की प्राजति के
व्यवजस्थि प्रयत्न को हम शोध कहिे हैं।
• एडवांस्ड लनयर डडक्शनरी ऑफ करेंट इंजललश के अनुसार- क्रकसी भी
ज्ञान की शाखा में नवीन िथ्यों की खोि के सलए सावधानीपूवयक
क्रकए गए अन्वेषण या िांच- पड़िाल को शोध की संज्ञा दी िािी है।
• स्पार और स्वेन्सन ने शोध को पररभावषि करिे हुए अपनी पुस्िक
में सलखा है क्रक कोई भी ववद्विापूणय शोध ही सत्य के सलए, िथ्यों
के सलए, तनजचचििाओं के सलए अन्चेषण है।
• वहीं लुण्डबगय ने शोध को पररभावषि करिे हुए सलखा है, क्रक
अवलोक्रकि सामग्री का संभाववि वगीकरण, साधारणीकरण एवं
सत्यापन करिे हुए पयायति कमय ववषयक और व्यवजस्थि पद्वति है।
• शोध एक ऎसी व्यवजस्थि ववधध है जिसके द्वारा
नवीन िथ्यों की खोि िथा प्राचीन िथ्यों की पुजष्ट
की िािी है, िथा उन अनुिमों, पारस्पररक सम्बंधों
िथा कारणात्मक व्याख्याओं का अध्ययन करिी है
िो क्रक उन्हें तनयंत्रिि करिे हैं।
• Research may be defined as a systematic study of
discovering new facts or verifying old facts, their
sequences, inter-relationships and their
causativeexplantaions)
पी.वी.यंग (1966):
• शोध क्रकसी प्रचन अथवा समस्या अथवा
प्रस्िाववि उत्तरों की िााँच के सलए उत्तर
खोिने हेिु क्रकया िािा है।
• Research is done to seek an answer to a
question or to problem or to test answers
which have been suggested
एडवाडय (1969)
शोध की कु छ अन्य पररभाषाएाँ
शोध के अंग
Motivation
Collection of
facts
Conclusion
Rational analysis
and study
1. ज्ञान क्षेि की क्रकसी
समस्या को सुलझाने की
प्रेरणा
2. प्रासंधगक िथ्यों का
संकलन
3. वववेकपूणय ववशलेषण
और अध्ययण
पररणाम स्वरूप तनणयय
शोध का महत्व
• 1. शोध मानव ज्ञान को ददशा प्रदान करिा है िथा ज्ञान भंडार
को ववकससि एवं पररमाजियि करिा है
• 2. शोध से व्यावहाररक समस्याओं का समाधान होिा है
3. शोध से व्यजक्ित्व का बौद्धधक ववकास होिा है
4. शोध सामाजिक ववकास का सहायक है
5. शोध जिज्ञासा मूल प्रवृवत्त
(Curiosity Instinct) की संिुजष्ट करिा है
6. शोध अनेक नवीन कायय ववधधयों व उत्पादों को ववकससि
करिा है
7. शोध पूवायग्रहों के तनदान और तनवारण में सहायक है
8. शोध ज्ञान के ववववध पक्षों में गहणिा और सूक्ष्मिा प्रदान
करिा है
शोध करने हेिु प्रयोग की िाने वाली
पद्धतियााँ
• 1. सवेक्षण पद्धति (Survey method)
• 2. आलोचनात्मक पद्धति (Critical Method):
• 3. समस्यामूलक पद्धति (Problem based
method)
• 4. िुलनात्मक पद्धति (Comparative method)
• 5. वगीय अध्ययण पद्धति (Class based method)
• 6. क्षेिीय अध्ययन पद्धति (Regional method)
• 7. आगमन(induction)-
तनगमन (Deduction) पद्धति
आलोचनात्मक पद्धति (Critical
Method):
• क). काव्यशास्िीय पद्धति
(aesthetic/poetics method)
• ख). समािशास्िीय पद्धति
(Sociological method)
• ग). भाषावैज्ञातनक पद्धति
(Linguistic method)
• घ).शैली वैज्ञातनक पद्धति
(Stylistic method)
ङ). मनोवैज्ञातनक पद्धति
(Psychological method)
शोध के प्रकार
शोध के प्रकार
• उपयोग के आधार पर :
1. ववशुद्ध / मूल शोध
(Pure / fundamental Research)
2. प्रायोधगक /प्रयुक्ि या क्रियाशील शोध
(Applied Research)
• काल के आधार पर :
1. ऎतिहाससक शोध (Historical Research)
2. वणयनात्मक / वववरणात्मक शोध
(Descriptive Research)
शोध के कु छ मुख्य प्रकार-1
1. वणयनात्मक शोध-
शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण नहीं
होता। सवेक्षण पद्धनत का प्रयोग होता है। वतथमान
समय का वणथन होता है। मूल प्रश्न होता है: “क्या
है?”
2. ववचलेषणात्मक शोध (Analytical Research) –
शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण होता
है। शोधकताथ पहले से उपलब्ध सूचनाओं व तथ्यों
का अध्ययन करता है।
3. ववशुद्ध / मूल शोध -
इसमें ससद्धांत (Theory) ननमाथण होता है िो
ज्ञान का ववस्तार करता है। गणणत तथा मूल
ववज्ञान के शोध।
शोध के कु छ मुख्य प्रकार-2
4. प्रायोधगक / प्रयुक्ि शोध (Applied Research):
• समस्यामूलक पद्धति का उपयोग होिा है। क्रकसी सामाजिक या
व्यावहाररक समस्या का समाधान होिा है। इसमें ववशुद्ध शोध
से सहायिा ली िािी है।
5. मािात्मक शोध (Quantitative Research):
इस शोध में चरों (variables) का संख्या या मािा के आधार
पर ववचलेषन क्रकया िािा है।
6. गुणात्मक शोध (qualitative Research) :
इस शोध में चरों (variables) का उनके गुणों के आधार पर
ववचलेषन
क्रकया िािा है।
7. सैद्धांतिक शोध (Theoretical Research):
ससद्धांि तनमायण और ववकास पुस्िकालय शोध या उपलब्ध
डाटा के आधार पर क्रकया िािा है।
शोध के कु छ मुख्य प्रकार-3
• 8. आनुभववक शोध (Empirical Research):
इस शोध के िीन प्रकार हैं –
क) प्रेक्षण (Observation)
ख) सहसंबंधात्मक (Correlational)
ग) प्रयोगात्मक (Experimental)
• 9. अप्रयोगात्मक शोध (Non-Experimental Research) –
वणयनात्मक शोध के समान
• 10. ऎतिहाससक शोध (Historical Research):
इतिहास को ध्यान में रख कर शोध होिा है।
मूल प्रचन होिा है: “क्या था?”
• 11. नैदातनक शोध (Diagnostic / Clinical Research):
समस्याओं का पिा लगाने के सलए क्रकया िािा है।
•
उपयोगी शब्दावली:
• ✓चर (variable – वस्िु, घटना या गुण जिन्हें मापा िा सकिा है।
िैसे उम्र, िापमान, सलंग, भाषा, लंबाई, बुद्धध, प्रकाश, शोरगुल
• ✓शोध ववधध (Research Method): शोध करने में प्रयुक्ि सभी
ववधधयााँ या िरीके
• ✓शोध प्रववधध (Research Methodology): शोध प्रचन/ समस्या को
सुलझाने की पूरी योिना
• ✓अंिर-ववद्याविी / अंिर-अनुशासनात्मक शोध : Inter-disciplinary
Research – उदाहरण – िैव-प्रोद्यौधगकी (Biotechnology) शोध,
मनोभाषावैज्ञातनक (Psychollinguistics) शोध, कं तयूटर-भाषावैज्ञातनक
(Computational Linguistic) शोध, िैवपुराित्व शोध (Bio-
archaeology), स्नावतयक भाषाववज्ञान (Neurolinguistics) शोध, भाषा
सशक्षण शोध, नृवैज्ञातनक शोध (Anthropological Research)
शोध प्रबंध
की रूपरेखा
S
EW
N
Zoom
शीषयक
• · सही शीषयक का चुनाव ववषय वस्िु को ध्यान में
रख कर क्रकया िाए।
• · शीषयक ऎसा हो जिससे शोध तनबंध का उद्देचय
अच्छी िरह से स्पष्ट हो रहा हो।
• · शीषयक न िो अधधक लंबा ना ही अधधक छोटा
हो।
• · शीषयक में तनबंध में उपयोग क्रकए गए शब्दों का
ही िहााँ िक हो सके उपयोग हॊ।
• · शीषयक भ्रामक न हो।
• · शीषयक को रोचक अथवा आकषयक बनाने का
प्रयास होना चादहए।
• · शीषयक का चुनाव करिे समय शोध प्रचन को
भूसमका / प्रस्िावना
•
• · शोध प्रचन को यहााँ स्पष्ट करें।
• · भूसमका न िो बहुि बड़ी होनी चादहए न ही छोटी।
• · भूसमका में शोध ववषय के बारे में संक्षक्षति पररचय ददया िािा
है।
• · भूसमका को रोचक बनाने का प्रयास होना चादहए।
• · भूसमका में उस ववषय पर पूवय में क्रकए गए कायय को भी बिाया
िा सकिा है।
• · ववषय से िुड़ी हुईं अन्य बािें िैसे देश/प्रदेश/भाषा/िीवन की
िानकारी भी दी िा सकिी है।
• · आमिौर पर भूसमका ऎसी होनी चादहए जिससे कॊई भी पाठक (
चाहे वह क्रकसी भी ववषय का ववद्याथी हो) ववषय के बारे में िानकारी
ले सके ।
• · प्राकल्पना (Hypothesis) को यहााँ सलखा िाए।
• · आप आगे के पृष्ठों में क्या सलखने वाले हैं इसके बारे में भी
एक छोटा सा पररचय दें।
शोध की ववशेषिाएाँ
(Characteristics of Research):
• 1. शोध वस्तुननष्ठ (objective) होता है|
• 2. शोध क्रमबद्ध (systematic) होता है।
• 3. शोध में प्रनतकृ नत (Replicability) का गुण होता है।
• 4. शोध तार्कथ क (logical) होता है।
• 5. शोध में वैज्ञाननक दृजष्िकोण होता है।
• 6. शोध में यथाथथता (precision) होता है।
• 7. शोध ननष्पक्ष (impartial) होता है।
• 8. शोध में समय अवधध का गुण होता है।
• 9. शोध ववश्वास योग्य (Reliable) एवं प्रामाणणक
होता है।
• 10. शोध में तथ्यों या घिनाओं का प्रेक्षण
(observation) तथा वणथन होता है।
शोध की प्रेरणा
(Motivations in Research):
• 1. शोध डिग्री प्राप्त करके उसके पश्चात होने
वाले लाभों की प्राजप्त।
• 2. हल नहीं की गई समस्याओं को हल करने की
इच्छा।
• 3. शोध के द्वारा रचनात्मक कायथ करने की
इच्छा।
• 4. समाि सेवा करने का उद्देश्य
• 5. आदर प्राप्त करने की इच्छा।
• 6. सरकार द्वारा शोध करने के सलए ननदेश।
• 7. कारणात्मक संबंध (causal relationship) को
समझने की इच्छा।
शोध के उद्देचय (Objectives of
Research)
• 1. वैज्ञाननक कायथववधध (procedure) के उपयोग द्वारा
प्रश्नों
के उत्तर प्राप्त करना।
• 2. नछपे हुए सत्य का पता लगाना।
• 3. र्कसी घिना के बारे में नई िानकारी प्राप्त करना।
इस उद्देश्य`पर आधररत शोध अन्वेषणात्मक
(Exploratory) अथवा स्पष्िवादी (Formulative)
शोध कहलाता है।
• 4. र्कसी ववशेष व्यजक्त अथवा समूह या जस्थनत का
सही वणथन
प्रस्तुत करना।
• 5. र्कसी घिना के साथ सह-संबंध की आवृनत की
िानकारी प्राप्त करना।
• 6. र्कन्ही चरों के बीच के कारणात्मक संबंधों का
शोध दृजष्टकोण (Research approach)
• 1. मात्रात्मक दृजष्िकोण (Quantitative
approach)
• I. आनुमाननक दृजष्िकोण
(Inferential approach)
• II. अनुकरण दृजष्िकोण
• (Simulation approach)
• III. प्रयोगात्मक दृजष्िकोण
(Experimental approach)
• 2. गुणात्मक दृजष्िकोण (Qualitative approach)
अच्छा शोध कै सा हो?
• 1. शोध के उद्देचयों को स्पष्ट रूप से पररभावषि क्रकया िाना चादहए िथा
सामान्य अवधारणाओं का उपयोग क्रकया िाना चादहए।
• 2. शोध प्रक्रिया की पयायति रूप से व्याख्या की िानी चादहए जिससे क्रक
भववष्य में शोधकिाय इस पर अधधक कायय कर सकें ।
• 3. शोध प्रक्रिया की रूपरेखा सावधानी पूवयक तनयोजिि की िानी चादहए
जिससे क्रक िहााँ िक संभव हो उद्देचय पर आधाररि पररणाम प्राति क्रकए िा सके ।
• 4. शोध प्रतिवेदन में शोधकिाय को तनसंकोच अपने शोध की खासमयों को
स्पष्ट करना चादहए।
• 5. तनष्कषय वहीं िक सीसमि रहना चादहए िहााँ िक डाटा / आाँकड़ा की
सहायिा ली गई है।
• 6. शोध में उपयोग क्रकया डाटा / सामग्री/ सादहत्य ववचवसनीय होना चादहए।
• 7. शोध सुव्यवजस्थि होना चादहए।
• 8. शोध िाक्रकय क होना चादहए।
• 9. शोध आनुभववक होना चादहए।
• 10. शोध सुपररभावषि तनधायररि तनयमों पर आधाररि होना चादहए।
शोध प्रक्रिया : चरण -1
शोध समस्या का चयन एवं ननमाथण
Selection and formulation of Research Problem
•
प्रथम चरण शोध
• समस्या का चुनाव एवं सही ननमाथण करना है। ननम्न शतों के होने पर
शोध समस्य ववद्यमान होती है:
• 1. र्कसी वातावरण में समस्या से संबंधधत एक व्यजक्त, एक समूह
अथवा एक संगठन का होना आवश्यक है।
• 2. समस्या के समाधान के सलए कम से कम दो कायथप्रणासलयााँ
(course of action) होनी चाहहए।
• 3. कायथप्रणाली को प्रयोग करने के बाद र्कसी समस्या के कम से कम
दो संभाववत पररणाम होने चाहहए जिनमें से एक शोधकताथ को दूसरे से
अधधक उपयुक्त लगता हो।
• 4. कायथप्रणासलयााँ उद्देश्यों पर आधररत कायथ करने की सुववधा प्रदान
करने वाली हों। इन कायथप्रणासलयों में असमानताएाँ होनी चाहहए।
शोध समस्या dsतत्व
• 1. शोध उपभोक्ता (Research Consumer)
• 2. शोध उपभोक्ता का उद्देश्य (Research Consumer’s
Objective)
• 3. उद्देश्य की पूनतथ हेतु वैकजलपक साधन [वैकजलपक
कायथप्रणाली] (Alternative means to meet the objective)
• 4. कायथप्रणाली चयन में संदेह (Doubt with regard to
selection of course of action)
• 5. समस्या से संबंधधत कम से कम एक वातावरण का
होना (There must be some environment[s] pertaining to
difficulty)
शोध समस्या का चुनाव करिे समय तनम्नसलखखि बािों
का ध्यान ध्यान रखना चादहए:
• 1. ऎसा ववषय u pqusa जिस पर अत्याधधक कायथ
हो चुका हो,
• 2. समस्या न तो अनत संकीणथ हो और न ही
अनत व्यापक हो।
• 3. वववादास्पद ववषय के चुनाव से बचना
चाहहए।
• 4. शोध का ववषय पररधचत तथा संभाव्य होना
चाहहए
• 5. शोध समस्या का चुनाव करते समय अनेक
तत्वों को ध्यान में रखना चाहहए िैसे ववषय का
महत्व, योग्यताएाँ, प्रसशक्षण, समय, धन एवं शजक्त के
रूप में लगने वाला व्यय।
शोध समस्या का ननमाथण चरण
(Formulation of research problem):
• 1.. समस्या का सामान्य व व्यापक कथन
• (Statement of the problem in a general way): ।
• 2. समस्या की प्रकृ नत को समझना
• (Understanding the nature of the problem):
• 3. संबंधधत साहहत्य का सवेक्षण
• (Surveying the related literature):
• 4. पररचचाथ के द्वारा ववचारों का ववकास
• (Developing the Ideas through discussion):
• 5. शोध समस्या का पुनलेखन
• (Rephrasing the research problem):
शोध समस्या को पररभावषत करना
• 1. शोध समस्या के पररभाषा-कथन में उपयोग
र्कए गए तकनीकी या कहठन शब्दों को पररभावषत
करना चाहहए।
• 2. शोध के पूवाथनुमानों आहद का वणथन र्कया
िाना चाहहए।
• 3. शोध के लाभों का स्पष्ि वणथन होना चाहहए।
• 4. शोध की समय अवधध का उललेख
• 5. शोध का दायरा या सीमाओं (scope)का वणथन
शोध प्रर्क्रया: चरण – 2
संबंधधि सादहत्य का सवेक्षण
(Survey of related literature)
• संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण से िात्पयय उस अध्ययन से है िो शोध समस्या के चयन के पहले अथवा
बाद में उस समस्या पर पूवय में क्रकए गए शोध कायों, ववचारों, ससद्धांिों, काययववधधयों, िकनीक, शोध के
दौरान होने वाली समस्याओं आदद के बारे में िानने के सलए क्रकया िािा है।
• संबंधधि सादहत्य का सवेक्षण मुख्यि: दो प्रकार से क्रकया िािा है:
• 1. प्रारंसभक सादहत्य सवेक्षण (Preliminary survey of literature)
• प्रारंसभक साहहत्य सवेक्षण शोध कायथ प्रारंभ करने के पहले शोध समस्या के चयन तथा उसे पररभावषत
करने के सलए र्कया िाता है। इस साहहत्य सवेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य यह पता करना होता है र्क
आगे शोध में कौन-कौन सहायक संसाधन होंगे।
• 2. व्यापक सादहत्य सवेक्षण (Broad survey of literature)
• व्यापक साहहत्य सवेक्षण शोध प्रर्क्रया का एक चरण होता है। इसमें संबंधधत साहहत्य का व्यापक अध्ययन
र्कया िाता है। संबंधधत साहहत्य का व्यापक सवेक्षण शोध का प्रारूप के ननमाथण तथा िािा/तथ्य संकलन
के कायथ के पहले र्कया िाता
सादहत्य सवेक्षण के स्रोि
• 1. पाठ्य पुस्तक और अन्य ग्रंथ
• 2. शोध पत्र
• 3. सम्मेलन / सेसमनार में पढ़े गए
आलेख
• 4. शोध प्रबंध (Theses and
Dissertations)
• 5. पत्रत्रकाएाँ एवं समाचार पत्र
• 6. इंिरनेि
• 7. ऑडियो-ववडियो
• 8. साक्षात्कार (Interviews)
• 9. हस्तलेख अथवा अप्रकासशत पांिुसलवप
संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण के कु छ प्रमुख स्रोि:
• पाठ्यपुस्िक:
• शोध आलेख / पि
• सम्मेलन /सेसमनार में पढ़े गए शोध
पि:
• शोध प्रबंध
• पत्रिकाएाँ और समाचार-पि:
• इंटरनेट / अंिरिाल
पररकलपना
• िब शोधकताथ र्कसी समस्या का चयन कर
लेता है तो वह उसका एक अस्थायी समाधान
(Tentative solution) एक िााँचनीय प्रस्ताव
(Testable proposition) के रूप में करता है। इस
िााँचनीय प्रस्ताव को तकनीकी भाषा में
पररकलपना/प्राक्कलपना कहते हैं। इस तरह
पररकलपना / प्राकलपना र्कसी शोध समस्या
का एक प्रस्ताववत िााँचनीय उत्तर होती है।
पररकल्पना
• र्कसी घिना की व्याख्या करने वाला कोई सुझाव या अलग-
अलग प्रतीत होने वाली बहुत सी घिनाओं को के आपसी
सम्बन्ध की व्याख्या करने वाला कोई तकथ पूणथ सुझाव
पररकल्पना (hypothesis) कहलाता है। वैज्ञाननक ववधध के
ननयमानुसार आवश्यक है र्क कोई भी पररकलपना परीक्षणीय
होनी चाहहये।
• सामान्य व्यवहार में, पररकलपना का मतलब र्कसी अस्थायी
ववचार (provisional idea) से होता है जिसके गुणागुण
(merit) अभी सुननजश्चत नहीं हो पाये हों। आमतौर पर
वैज्ञाननक पररकलपनायें गखणिीय माडल के रूप में प्रस्तुत
की िाती हैं। िो पररकलपनायें अच्छी तरह परखने के बाद
सुस्थावपत (well established) हो िातीं हैं, उनको ससद्धान्ि
कहा िाता है।
शोध समस्या और शोध पररकलपना में अंतर
यह दो या दो से अधधक चरों
के बीच एक प्रश्नात्मक कथन
(interrogative statement) होता
है।
इसकी असभव्यजक्त एक
प्रश्नात्मक कथन के द्वारा की
िाती है।
इससे यह पता चलता है र्क
चरों के बीच के संबंधों की मुख्य
समस्या क्या है।
यह दो या दो से अधधक चरों के
बीच व्यक्त प्रश्नात्मक कथन का
अस्थायी समाधान होता है।
इसकी असभव्यजक्त एक घोषनात्मक
कथन (declarative statement) के
द्वारा की िाती है।
इसके द्वारा चरों के बीच के संबंधों
र्क समस्या के संभाववत हल का पता
चलता है।
शोध समस्या शोध
पररकल्पना
पररकलपना की ववशेषताएाँ
1
2
• पररकल्पना को िााँचनीय होना चदहए:
• बनाई गई पररकल्पना का िालमेल (harmony)अध्ययन के क्षेि की
अन्यपररकल्पनाओं के साथ होना चादहए:
3
4
• पररकल्पना को समिव्ययी (parsimonious)होना चादहए:
• पररकल्पना में िाक्रकय क पूणयिा (logical unity)और व्यापकिा का गुण होना
चादहए:
5
6
• पररकल्पना को समिव्ययी (parsimonious)होना चादहए:
• पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा ससद्धांिों एवं िथ्यों से संबंधधि
होना चादहए
• पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual)रूप से स्पष्ट होना चादहए:
इस िरह के गुण युक्ि पररकल्पना में शोध समस्या का उत्तर सीधे समल
िािा है। इस गुण के न होने से उत्तर प्राति करने के सलए
उपपररकल्पनाओं (sub-hypthesis) और िदथय पूवयकल्पनाओं (ad hoc
assumptions) का तनमायण करना पड़िा है।
• 5) पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा
ससद्धांिों एवं िथ्यों से संबंधधि होना चादहए
• 6) पररकल्पना से अधधक से अधधक अनुसमति
(deductions) क्रकया िाना संभव होना चादहए िथा उसका
स्वरूप न िो बहुि अधधक सामान्य होना चादहए
(general) और न ही बहुि अधधक ववसशष्ट (specific)।
• 7) पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual) रूप से
स्पष्ट होना चादहए: इसका अथय यह है क्रक पररकल्पना में
इस्िेमाल क्रकए गए संप्रत्यय /अवधारणाएाँ (concepts)
वस्िुतनष्ठ (objective) ढंग से पररभावषि होनी चादहए।
पररकलपना के प्रकार
• इस िरह की पररकल्पना में चरों की संख्या माि दो
होिी है और ससफय इन्ही दोनों चरों के संबंध द्वारा
शोध समस्या का प्रस्िाववि उत्तर ददया िािा है।
साधारण
पररकलपना:
• इस िरह की पररकल्पना में चरों की संख्या दो से
अधधक होिी है और उनमें एक ववशेष संबंध बिाकर
शोध समस्या का प्रस्िाववि उत्तर ददया िािा है। िैसे
पररकल्पना
• “शहर के उच्च-सामाजिक आधथयक स्िर के लोगों में
धूम्रपान करने क्रक प्रवृवत्त देहाि/ ग्रामीण के मध्यम-
सामाजिक आधथयक स्िर के लोगों की अपेक्षा अधधक
होिी है”।
िहिल
पररकलपना:
पररकलपना के चर
• पररकलपना में तीन चर हैं:
1)सामाजिक आधथथक स्तर,
2)धूम्रपान की प्रवृवत्त
3)शहरी-ग्रामीण क्षेत्र।
ववसशष्ट उद्देचय के आधार पर:
• 1. करणत्व पररकल्पना (causal Hypothesis):
इस िरह की पररकल्पना में शोध प्रचन का समाधान देिे हुए क्रकसी कारण की व्याख्या या उसके
प्रभाव की चचाय होिी है। िैसे “थकान से सीखने की गति में कमी होिी है”।
• 2. वणयनात्मक पररकल्पना (Descriptive Hypothesis):
• इस िरह की पररकल्पना में क्रकसी समस्या का समाधान देिे हुए समस्या के गुणों या उसकी
पररजस्थति पर प्रकाश डाला िािा है। िैसे “थकान से व्यजक्ि में आगे कायय करने की अतनच्छा होिी
है”।
• 3. नल पररकल्पना (Null Hypothesis):
• इस िरह की पररकल्पना में में शोधकिाय चरों के बीच कोई अंिर नहीं होने का उल्लेख करिा है।
नल पररकल्पना शोध पररकल्पना के ठीक ववपरीि होिी है। यह एक काल्पतनक मॉडल होिा है।
शोध प्रक्रिया में पररकल्पना का तनमायण:
• ✰शोध प्रक्रिया के अंिगयि शोध समस्या के तनमायण के बाद पररकल्पना या
पररकल्पनाएाँ बनाई िािी हैं। संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण से प्राति
अध्ययन के आधार पर शोधकिाय पहले के शोध पररणामों िथा ससद्धांिों
की असभधारणाओं (assumptions) के आधार पर वियमान समस्या के सलए
पररकल्पना बनािा है।
• पररकल्पना एक या एक से अधधक भी हो सकिी है। पररकल्पना का अथय
वह अनुमातनि कथन (hypothetical statement) है िो शोधकिाय शोध करने
के पहले बनािा है। शोधकिाय यह अनुमान लगािा है क्रक शोध में अमुक
पररणाम या तनष्कषय प्राति होगा।
✰पररकल्पना तनमायण के स्रोि:
• 1. व्यजक्िगि अनुभव
• 2. पहले क्रकए शोध के पररणाम
• 3. पुस्िकें , शोध पत्रिकाएाँ, शोध सार
आदद
• 4. उपलब्ध ससद्धांि
• 5. तनपुण ववद्वानों के तनदेशन में
पररकल्पना के मुख्य कायय:
क्रकसी घटना की
िााँच करना
नए ससद्धांिो
का प्रतिपादन
करना
(suggest a new theory)
ससद्धांिों
की िााँच
करना
मुख्य भाग
• · मुख्य भाग में ववषय-वस्िु की व्याख्या की
िािी है।
• · यह भाग आमिौर पर कई अन्य छोटे-छॊटे
भागों (उपशीषयकों के साथ) में बंटा होिा है।
• · उपशीषयकों का चयन शोध की ववषय-वस्िु
को ध्यान में रख कर क्रकया िाना चादहए।
• · मुख्य भाग में िासलकाओं, धचिों, आरेखों
आदद को ददया िा सकिा है।
• · मुख्य भाग ववचलेषण क्रकया िािा है।
तनष्कषय / उपसंहार
• · यहााँ शोध का सार (summary) सलखा
िािा है।
• · यहााँ आपके शोध प्रचन का उत्तर होिा
है।
• · तनष्कषय मुख्य भाग में क्रकए गए
ववचलेषण अथवा व्याख्या पर ही आधाररि
होना चादहए।
• · तनष्कषय संक्षक्षति होना चादहए।
संदभय सूची:
• · संदभय सूची में उन पुस्िकों, पत्रिकाओं, समाचार पिों,
अप्रकासशि पांडुसलवपयों, शोध लेखों का वववरण ददया िािा है
जिनका आपने शोध में उपयोग क्रकया है।
• · संदभय सूची में िहााँ िक संभव हो पुस्िक अथवा शोध लेख के
नाम के साथ लेखक, वषय, प्रकाशक, स्थान िथा पृष्ठ संख्या का
उल्लेख अवचय होना चादहए।
• · संदभय सूची में इंटरनेट की वेबसाईटॊं का भी उल्लेख क्रकया िा
सकिा है। उनकी पूरी कड़ी (link) के साथ उस वेबसाईट को क्रकस
िारीख को देखा गया है, इसका उल्लेख ब्रैके ट में करें।
शोध प्रक्रिया:
• शोध प्रक्रिया उन क्रियाओं अथवा चरणों का िमबद्ध
वववरण जिसके द्वारा क्रकसी शोध को सफलिा के साथ
संपन्न क्रकया िािा है।
• शोध प्रक्रिया के कई चरण होिे हैं।
• सभी चरण शोध प्रक्रिया में एक-दूसरे से पृथक एवं
स्विंि नहीं हैं।
• प्रत्येक चरण एक दूसरे पर तनभयर होिा है।
शोध प्रर्क्रया के चरण:
• 1. अनुसंधान समस्या का तनमायण
• 2. संबंधधि सादहत्य का व्यापक सवेक्षण
• 3. पररकल्पना/प्राकल्पना (Hypothesis) का तनमायण
• 4. शोध की रूपरेखा/शोध प्रारूप (Research Design) िैयार करना
• 5. आाँकड़ों का संकलन / िथ्यों का संग्रह
• 6. आाँकड़ो / िथ्यों का ववचलेषण
• 7. प्राकल्पना की िााँच
• 8. सामान्यीकरण एवं व्याख्या
• 9. शोध प्रतिवेदन िैयार करना
Research Process in Flow Chart
•धन्यवाद

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  • 1. शोध क्या है?..... डI अनुपम तिवारी ।
  • 2.
  • 3. शोध (Research): • शोध उस प्रक्रिया अथवा कायय का नाम है जिसमें बोधपूवयक प्रयत्न से िथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं वववेचक बुद्धध से उसका अवलोकन- ववशलेषण करके नए िथ्यों या ससद्धांिों का उद्घाटन क्रकया िािा है। • स्थूल अथों में शोध नवीन और ववस्मृत तत्वों का अनुसंधान है जिसको अंग्रेिी में डिस्कवरी ऑफ फै क््स कहते हैं। और सूक्ष्म अथथ में वह ज्ञात साहहत्य के पूनमूथलयांकन और नई व्याख्याओं का सूचक है। -आचायय हिारी प्रसाद द्वववेदी (1969)
  • 4. शोध • शोध क्या है?....... .. शोध ज्ञान का ववस्तार है • शोध में क्या होना चाहहए ?........... ज्ञान सीमा का ववस्तार • ज्ञान क्या है?................ ज्ञान साथथक िीवन की समझ का नाम है • ज्ञान ववस्तार क्या है?..................... साथथक िीवन की समझ का समय समय पर पूनमूथलयांकन और नवीनीकरण
  • 5. शोध की पररभाषा • रैडमैन और मोरी ने अपनी क्रकिाब “दद रोमांस ऑफ ररसचय” में शोध का अथय स्पष्ट करिे हुए सलखा है, क्रक नवीन ज्ञान की प्राजति के व्यवजस्थि प्रयत्न को हम शोध कहिे हैं। • एडवांस्ड लनयर डडक्शनरी ऑफ करेंट इंजललश के अनुसार- क्रकसी भी ज्ञान की शाखा में नवीन िथ्यों की खोि के सलए सावधानीपूवयक क्रकए गए अन्वेषण या िांच- पड़िाल को शोध की संज्ञा दी िािी है। • स्पार और स्वेन्सन ने शोध को पररभावषि करिे हुए अपनी पुस्िक में सलखा है क्रक कोई भी ववद्विापूणय शोध ही सत्य के सलए, िथ्यों के सलए, तनजचचििाओं के सलए अन्चेषण है। • वहीं लुण्डबगय ने शोध को पररभावषि करिे हुए सलखा है, क्रक अवलोक्रकि सामग्री का संभाववि वगीकरण, साधारणीकरण एवं सत्यापन करिे हुए पयायति कमय ववषयक और व्यवजस्थि पद्वति है।
  • 6. • शोध एक ऎसी व्यवजस्थि ववधध है जिसके द्वारा नवीन िथ्यों की खोि िथा प्राचीन िथ्यों की पुजष्ट की िािी है, िथा उन अनुिमों, पारस्पररक सम्बंधों िथा कारणात्मक व्याख्याओं का अध्ययन करिी है िो क्रक उन्हें तनयंत्रिि करिे हैं। • Research may be defined as a systematic study of discovering new facts or verifying old facts, their sequences, inter-relationships and their causativeexplantaions) पी.वी.यंग (1966): • शोध क्रकसी प्रचन अथवा समस्या अथवा प्रस्िाववि उत्तरों की िााँच के सलए उत्तर खोिने हेिु क्रकया िािा है। • Research is done to seek an answer to a question or to problem or to test answers which have been suggested एडवाडय (1969) शोध की कु छ अन्य पररभाषाएाँ
  • 7. शोध के अंग Motivation Collection of facts Conclusion Rational analysis and study 1. ज्ञान क्षेि की क्रकसी समस्या को सुलझाने की प्रेरणा 2. प्रासंधगक िथ्यों का संकलन 3. वववेकपूणय ववशलेषण और अध्ययण पररणाम स्वरूप तनणयय
  • 8. शोध का महत्व • 1. शोध मानव ज्ञान को ददशा प्रदान करिा है िथा ज्ञान भंडार को ववकससि एवं पररमाजियि करिा है • 2. शोध से व्यावहाररक समस्याओं का समाधान होिा है 3. शोध से व्यजक्ित्व का बौद्धधक ववकास होिा है 4. शोध सामाजिक ववकास का सहायक है 5. शोध जिज्ञासा मूल प्रवृवत्त (Curiosity Instinct) की संिुजष्ट करिा है 6. शोध अनेक नवीन कायय ववधधयों व उत्पादों को ववकससि करिा है 7. शोध पूवायग्रहों के तनदान और तनवारण में सहायक है 8. शोध ज्ञान के ववववध पक्षों में गहणिा और सूक्ष्मिा प्रदान करिा है
  • 9. शोध करने हेिु प्रयोग की िाने वाली पद्धतियााँ • 1. सवेक्षण पद्धति (Survey method) • 2. आलोचनात्मक पद्धति (Critical Method): • 3. समस्यामूलक पद्धति (Problem based method) • 4. िुलनात्मक पद्धति (Comparative method) • 5. वगीय अध्ययण पद्धति (Class based method) • 6. क्षेिीय अध्ययन पद्धति (Regional method) • 7. आगमन(induction)- तनगमन (Deduction) पद्धति
  • 10. आलोचनात्मक पद्धति (Critical Method): • क). काव्यशास्िीय पद्धति (aesthetic/poetics method) • ख). समािशास्िीय पद्धति (Sociological method) • ग). भाषावैज्ञातनक पद्धति (Linguistic method) • घ).शैली वैज्ञातनक पद्धति (Stylistic method) ङ). मनोवैज्ञातनक पद्धति (Psychological method)
  • 12. शोध के प्रकार • उपयोग के आधार पर : 1. ववशुद्ध / मूल शोध (Pure / fundamental Research) 2. प्रायोधगक /प्रयुक्ि या क्रियाशील शोध (Applied Research) • काल के आधार पर : 1. ऎतिहाससक शोध (Historical Research) 2. वणयनात्मक / वववरणात्मक शोध (Descriptive Research)
  • 13. शोध के कु छ मुख्य प्रकार-1 1. वणयनात्मक शोध- शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण नहीं होता। सवेक्षण पद्धनत का प्रयोग होता है। वतथमान समय का वणथन होता है। मूल प्रश्न होता है: “क्या है?” 2. ववचलेषणात्मक शोध (Analytical Research) – शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण होता है। शोधकताथ पहले से उपलब्ध सूचनाओं व तथ्यों का अध्ययन करता है। 3. ववशुद्ध / मूल शोध - इसमें ससद्धांत (Theory) ननमाथण होता है िो ज्ञान का ववस्तार करता है। गणणत तथा मूल ववज्ञान के शोध।
  • 14. शोध के कु छ मुख्य प्रकार-2 4. प्रायोधगक / प्रयुक्ि शोध (Applied Research): • समस्यामूलक पद्धति का उपयोग होिा है। क्रकसी सामाजिक या व्यावहाररक समस्या का समाधान होिा है। इसमें ववशुद्ध शोध से सहायिा ली िािी है। 5. मािात्मक शोध (Quantitative Research): इस शोध में चरों (variables) का संख्या या मािा के आधार पर ववचलेषन क्रकया िािा है। 6. गुणात्मक शोध (qualitative Research) : इस शोध में चरों (variables) का उनके गुणों के आधार पर ववचलेषन क्रकया िािा है। 7. सैद्धांतिक शोध (Theoretical Research): ससद्धांि तनमायण और ववकास पुस्िकालय शोध या उपलब्ध डाटा के आधार पर क्रकया िािा है।
  • 15. शोध के कु छ मुख्य प्रकार-3 • 8. आनुभववक शोध (Empirical Research): इस शोध के िीन प्रकार हैं – क) प्रेक्षण (Observation) ख) सहसंबंधात्मक (Correlational) ग) प्रयोगात्मक (Experimental) • 9. अप्रयोगात्मक शोध (Non-Experimental Research) – वणयनात्मक शोध के समान • 10. ऎतिहाससक शोध (Historical Research): इतिहास को ध्यान में रख कर शोध होिा है। मूल प्रचन होिा है: “क्या था?” • 11. नैदातनक शोध (Diagnostic / Clinical Research): समस्याओं का पिा लगाने के सलए क्रकया िािा है। •
  • 16. उपयोगी शब्दावली: • ✓चर (variable – वस्िु, घटना या गुण जिन्हें मापा िा सकिा है। िैसे उम्र, िापमान, सलंग, भाषा, लंबाई, बुद्धध, प्रकाश, शोरगुल • ✓शोध ववधध (Research Method): शोध करने में प्रयुक्ि सभी ववधधयााँ या िरीके • ✓शोध प्रववधध (Research Methodology): शोध प्रचन/ समस्या को सुलझाने की पूरी योिना • ✓अंिर-ववद्याविी / अंिर-अनुशासनात्मक शोध : Inter-disciplinary Research – उदाहरण – िैव-प्रोद्यौधगकी (Biotechnology) शोध, मनोभाषावैज्ञातनक (Psychollinguistics) शोध, कं तयूटर-भाषावैज्ञातनक (Computational Linguistic) शोध, िैवपुराित्व शोध (Bio- archaeology), स्नावतयक भाषाववज्ञान (Neurolinguistics) शोध, भाषा सशक्षण शोध, नृवैज्ञातनक शोध (Anthropological Research)
  • 18. शीषयक • · सही शीषयक का चुनाव ववषय वस्िु को ध्यान में रख कर क्रकया िाए। • · शीषयक ऎसा हो जिससे शोध तनबंध का उद्देचय अच्छी िरह से स्पष्ट हो रहा हो। • · शीषयक न िो अधधक लंबा ना ही अधधक छोटा हो। • · शीषयक में तनबंध में उपयोग क्रकए गए शब्दों का ही िहााँ िक हो सके उपयोग हॊ। • · शीषयक भ्रामक न हो। • · शीषयक को रोचक अथवा आकषयक बनाने का प्रयास होना चादहए। • · शीषयक का चुनाव करिे समय शोध प्रचन को
  • 19. भूसमका / प्रस्िावना • • · शोध प्रचन को यहााँ स्पष्ट करें। • · भूसमका न िो बहुि बड़ी होनी चादहए न ही छोटी। • · भूसमका में शोध ववषय के बारे में संक्षक्षति पररचय ददया िािा है। • · भूसमका को रोचक बनाने का प्रयास होना चादहए। • · भूसमका में उस ववषय पर पूवय में क्रकए गए कायय को भी बिाया िा सकिा है। • · ववषय से िुड़ी हुईं अन्य बािें िैसे देश/प्रदेश/भाषा/िीवन की िानकारी भी दी िा सकिी है। • · आमिौर पर भूसमका ऎसी होनी चादहए जिससे कॊई भी पाठक ( चाहे वह क्रकसी भी ववषय का ववद्याथी हो) ववषय के बारे में िानकारी ले सके । • · प्राकल्पना (Hypothesis) को यहााँ सलखा िाए। • · आप आगे के पृष्ठों में क्या सलखने वाले हैं इसके बारे में भी एक छोटा सा पररचय दें।
  • 20. शोध की ववशेषिाएाँ (Characteristics of Research): • 1. शोध वस्तुननष्ठ (objective) होता है| • 2. शोध क्रमबद्ध (systematic) होता है। • 3. शोध में प्रनतकृ नत (Replicability) का गुण होता है। • 4. शोध तार्कथ क (logical) होता है। • 5. शोध में वैज्ञाननक दृजष्िकोण होता है। • 6. शोध में यथाथथता (precision) होता है। • 7. शोध ननष्पक्ष (impartial) होता है। • 8. शोध में समय अवधध का गुण होता है। • 9. शोध ववश्वास योग्य (Reliable) एवं प्रामाणणक होता है। • 10. शोध में तथ्यों या घिनाओं का प्रेक्षण (observation) तथा वणथन होता है।
  • 21. शोध की प्रेरणा (Motivations in Research): • 1. शोध डिग्री प्राप्त करके उसके पश्चात होने वाले लाभों की प्राजप्त। • 2. हल नहीं की गई समस्याओं को हल करने की इच्छा। • 3. शोध के द्वारा रचनात्मक कायथ करने की इच्छा। • 4. समाि सेवा करने का उद्देश्य • 5. आदर प्राप्त करने की इच्छा। • 6. सरकार द्वारा शोध करने के सलए ननदेश। • 7. कारणात्मक संबंध (causal relationship) को समझने की इच्छा।
  • 22. शोध के उद्देचय (Objectives of Research) • 1. वैज्ञाननक कायथववधध (procedure) के उपयोग द्वारा प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करना। • 2. नछपे हुए सत्य का पता लगाना। • 3. र्कसी घिना के बारे में नई िानकारी प्राप्त करना। इस उद्देश्य`पर आधररत शोध अन्वेषणात्मक (Exploratory) अथवा स्पष्िवादी (Formulative) शोध कहलाता है। • 4. र्कसी ववशेष व्यजक्त अथवा समूह या जस्थनत का सही वणथन प्रस्तुत करना। • 5. र्कसी घिना के साथ सह-संबंध की आवृनत की िानकारी प्राप्त करना। • 6. र्कन्ही चरों के बीच के कारणात्मक संबंधों का
  • 23. शोध दृजष्टकोण (Research approach) • 1. मात्रात्मक दृजष्िकोण (Quantitative approach) • I. आनुमाननक दृजष्िकोण (Inferential approach) • II. अनुकरण दृजष्िकोण • (Simulation approach) • III. प्रयोगात्मक दृजष्िकोण (Experimental approach) • 2. गुणात्मक दृजष्िकोण (Qualitative approach)
  • 24. अच्छा शोध कै सा हो? • 1. शोध के उद्देचयों को स्पष्ट रूप से पररभावषि क्रकया िाना चादहए िथा सामान्य अवधारणाओं का उपयोग क्रकया िाना चादहए। • 2. शोध प्रक्रिया की पयायति रूप से व्याख्या की िानी चादहए जिससे क्रक भववष्य में शोधकिाय इस पर अधधक कायय कर सकें । • 3. शोध प्रक्रिया की रूपरेखा सावधानी पूवयक तनयोजिि की िानी चादहए जिससे क्रक िहााँ िक संभव हो उद्देचय पर आधाररि पररणाम प्राति क्रकए िा सके । • 4. शोध प्रतिवेदन में शोधकिाय को तनसंकोच अपने शोध की खासमयों को स्पष्ट करना चादहए। • 5. तनष्कषय वहीं िक सीसमि रहना चादहए िहााँ िक डाटा / आाँकड़ा की सहायिा ली गई है। • 6. शोध में उपयोग क्रकया डाटा / सामग्री/ सादहत्य ववचवसनीय होना चादहए। • 7. शोध सुव्यवजस्थि होना चादहए। • 8. शोध िाक्रकय क होना चादहए। • 9. शोध आनुभववक होना चादहए। • 10. शोध सुपररभावषि तनधायररि तनयमों पर आधाररि होना चादहए।
  • 26. शोध समस्या का चयन एवं ननमाथण Selection and formulation of Research Problem • प्रथम चरण शोध • समस्या का चुनाव एवं सही ननमाथण करना है। ननम्न शतों के होने पर शोध समस्य ववद्यमान होती है: • 1. र्कसी वातावरण में समस्या से संबंधधत एक व्यजक्त, एक समूह अथवा एक संगठन का होना आवश्यक है। • 2. समस्या के समाधान के सलए कम से कम दो कायथप्रणासलयााँ (course of action) होनी चाहहए। • 3. कायथप्रणाली को प्रयोग करने के बाद र्कसी समस्या के कम से कम दो संभाववत पररणाम होने चाहहए जिनमें से एक शोधकताथ को दूसरे से अधधक उपयुक्त लगता हो। • 4. कायथप्रणासलयााँ उद्देश्यों पर आधररत कायथ करने की सुववधा प्रदान करने वाली हों। इन कायथप्रणासलयों में असमानताएाँ होनी चाहहए।
  • 27. शोध समस्या dsतत्व • 1. शोध उपभोक्ता (Research Consumer) • 2. शोध उपभोक्ता का उद्देश्य (Research Consumer’s Objective) • 3. उद्देश्य की पूनतथ हेतु वैकजलपक साधन [वैकजलपक कायथप्रणाली] (Alternative means to meet the objective) • 4. कायथप्रणाली चयन में संदेह (Doubt with regard to selection of course of action) • 5. समस्या से संबंधधत कम से कम एक वातावरण का होना (There must be some environment[s] pertaining to difficulty)
  • 28. शोध समस्या का चुनाव करिे समय तनम्नसलखखि बािों का ध्यान ध्यान रखना चादहए: • 1. ऎसा ववषय u pqusa जिस पर अत्याधधक कायथ हो चुका हो, • 2. समस्या न तो अनत संकीणथ हो और न ही अनत व्यापक हो। • 3. वववादास्पद ववषय के चुनाव से बचना चाहहए। • 4. शोध का ववषय पररधचत तथा संभाव्य होना चाहहए • 5. शोध समस्या का चुनाव करते समय अनेक तत्वों को ध्यान में रखना चाहहए िैसे ववषय का महत्व, योग्यताएाँ, प्रसशक्षण, समय, धन एवं शजक्त के रूप में लगने वाला व्यय।
  • 29. शोध समस्या का ननमाथण चरण (Formulation of research problem): • 1.. समस्या का सामान्य व व्यापक कथन • (Statement of the problem in a general way): । • 2. समस्या की प्रकृ नत को समझना • (Understanding the nature of the problem): • 3. संबंधधत साहहत्य का सवेक्षण • (Surveying the related literature): • 4. पररचचाथ के द्वारा ववचारों का ववकास • (Developing the Ideas through discussion): • 5. शोध समस्या का पुनलेखन • (Rephrasing the research problem):
  • 30. शोध समस्या को पररभावषत करना • 1. शोध समस्या के पररभाषा-कथन में उपयोग र्कए गए तकनीकी या कहठन शब्दों को पररभावषत करना चाहहए। • 2. शोध के पूवाथनुमानों आहद का वणथन र्कया िाना चाहहए। • 3. शोध के लाभों का स्पष्ि वणथन होना चाहहए। • 4. शोध की समय अवधध का उललेख • 5. शोध का दायरा या सीमाओं (scope)का वणथन
  • 32. संबंधधि सादहत्य का सवेक्षण (Survey of related literature) • संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण से िात्पयय उस अध्ययन से है िो शोध समस्या के चयन के पहले अथवा बाद में उस समस्या पर पूवय में क्रकए गए शोध कायों, ववचारों, ससद्धांिों, काययववधधयों, िकनीक, शोध के दौरान होने वाली समस्याओं आदद के बारे में िानने के सलए क्रकया िािा है। • संबंधधि सादहत्य का सवेक्षण मुख्यि: दो प्रकार से क्रकया िािा है: • 1. प्रारंसभक सादहत्य सवेक्षण (Preliminary survey of literature) • प्रारंसभक साहहत्य सवेक्षण शोध कायथ प्रारंभ करने के पहले शोध समस्या के चयन तथा उसे पररभावषत करने के सलए र्कया िाता है। इस साहहत्य सवेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य यह पता करना होता है र्क आगे शोध में कौन-कौन सहायक संसाधन होंगे। • 2. व्यापक सादहत्य सवेक्षण (Broad survey of literature) • व्यापक साहहत्य सवेक्षण शोध प्रर्क्रया का एक चरण होता है। इसमें संबंधधत साहहत्य का व्यापक अध्ययन र्कया िाता है। संबंधधत साहहत्य का व्यापक सवेक्षण शोध का प्रारूप के ननमाथण तथा िािा/तथ्य संकलन के कायथ के पहले र्कया िाता
  • 33. सादहत्य सवेक्षण के स्रोि • 1. पाठ्य पुस्तक और अन्य ग्रंथ • 2. शोध पत्र • 3. सम्मेलन / सेसमनार में पढ़े गए आलेख • 4. शोध प्रबंध (Theses and Dissertations) • 5. पत्रत्रकाएाँ एवं समाचार पत्र • 6. इंिरनेि • 7. ऑडियो-ववडियो • 8. साक्षात्कार (Interviews) • 9. हस्तलेख अथवा अप्रकासशत पांिुसलवप
  • 34. संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण के कु छ प्रमुख स्रोि: • पाठ्यपुस्िक: • शोध आलेख / पि • सम्मेलन /सेसमनार में पढ़े गए शोध पि: • शोध प्रबंध • पत्रिकाएाँ और समाचार-पि: • इंटरनेट / अंिरिाल
  • 35. पररकलपना • िब शोधकताथ र्कसी समस्या का चयन कर लेता है तो वह उसका एक अस्थायी समाधान (Tentative solution) एक िााँचनीय प्रस्ताव (Testable proposition) के रूप में करता है। इस िााँचनीय प्रस्ताव को तकनीकी भाषा में पररकलपना/प्राक्कलपना कहते हैं। इस तरह पररकलपना / प्राकलपना र्कसी शोध समस्या का एक प्रस्ताववत िााँचनीय उत्तर होती है।
  • 36. पररकल्पना • र्कसी घिना की व्याख्या करने वाला कोई सुझाव या अलग- अलग प्रतीत होने वाली बहुत सी घिनाओं को के आपसी सम्बन्ध की व्याख्या करने वाला कोई तकथ पूणथ सुझाव पररकल्पना (hypothesis) कहलाता है। वैज्ञाननक ववधध के ननयमानुसार आवश्यक है र्क कोई भी पररकलपना परीक्षणीय होनी चाहहये। • सामान्य व्यवहार में, पररकलपना का मतलब र्कसी अस्थायी ववचार (provisional idea) से होता है जिसके गुणागुण (merit) अभी सुननजश्चत नहीं हो पाये हों। आमतौर पर वैज्ञाननक पररकलपनायें गखणिीय माडल के रूप में प्रस्तुत की िाती हैं। िो पररकलपनायें अच्छी तरह परखने के बाद सुस्थावपत (well established) हो िातीं हैं, उनको ससद्धान्ि कहा िाता है।
  • 37.
  • 38. शोध समस्या और शोध पररकलपना में अंतर यह दो या दो से अधधक चरों के बीच एक प्रश्नात्मक कथन (interrogative statement) होता है। इसकी असभव्यजक्त एक प्रश्नात्मक कथन के द्वारा की िाती है। इससे यह पता चलता है र्क चरों के बीच के संबंधों की मुख्य समस्या क्या है। यह दो या दो से अधधक चरों के बीच व्यक्त प्रश्नात्मक कथन का अस्थायी समाधान होता है। इसकी असभव्यजक्त एक घोषनात्मक कथन (declarative statement) के द्वारा की िाती है। इसके द्वारा चरों के बीच के संबंधों र्क समस्या के संभाववत हल का पता चलता है। शोध समस्या शोध पररकल्पना
  • 39. पररकलपना की ववशेषताएाँ 1 2 • पररकल्पना को िााँचनीय होना चदहए: • बनाई गई पररकल्पना का िालमेल (harmony)अध्ययन के क्षेि की अन्यपररकल्पनाओं के साथ होना चादहए: 3 4 • पररकल्पना को समिव्ययी (parsimonious)होना चादहए: • पररकल्पना में िाक्रकय क पूणयिा (logical unity)और व्यापकिा का गुण होना चादहए: 5 6 • पररकल्पना को समिव्ययी (parsimonious)होना चादहए: • पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा ससद्धांिों एवं िथ्यों से संबंधधि होना चादहए • पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual)रूप से स्पष्ट होना चादहए: इस िरह के गुण युक्ि पररकल्पना में शोध समस्या का उत्तर सीधे समल िािा है। इस गुण के न होने से उत्तर प्राति करने के सलए उपपररकल्पनाओं (sub-hypthesis) और िदथय पूवयकल्पनाओं (ad hoc assumptions) का तनमायण करना पड़िा है।
  • 40. • 5) पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा ससद्धांिों एवं िथ्यों से संबंधधि होना चादहए • 6) पररकल्पना से अधधक से अधधक अनुसमति (deductions) क्रकया िाना संभव होना चादहए िथा उसका स्वरूप न िो बहुि अधधक सामान्य होना चादहए (general) और न ही बहुि अधधक ववसशष्ट (specific)। • 7) पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual) रूप से स्पष्ट होना चादहए: इसका अथय यह है क्रक पररकल्पना में इस्िेमाल क्रकए गए संप्रत्यय /अवधारणाएाँ (concepts) वस्िुतनष्ठ (objective) ढंग से पररभावषि होनी चादहए।
  • 41. पररकलपना के प्रकार • इस िरह की पररकल्पना में चरों की संख्या माि दो होिी है और ससफय इन्ही दोनों चरों के संबंध द्वारा शोध समस्या का प्रस्िाववि उत्तर ददया िािा है। साधारण पररकलपना: • इस िरह की पररकल्पना में चरों की संख्या दो से अधधक होिी है और उनमें एक ववशेष संबंध बिाकर शोध समस्या का प्रस्िाववि उत्तर ददया िािा है। िैसे पररकल्पना • “शहर के उच्च-सामाजिक आधथयक स्िर के लोगों में धूम्रपान करने क्रक प्रवृवत्त देहाि/ ग्रामीण के मध्यम- सामाजिक आधथयक स्िर के लोगों की अपेक्षा अधधक होिी है”। िहिल पररकलपना:
  • 42. पररकलपना के चर • पररकलपना में तीन चर हैं: 1)सामाजिक आधथथक स्तर, 2)धूम्रपान की प्रवृवत्त 3)शहरी-ग्रामीण क्षेत्र।
  • 43. ववसशष्ट उद्देचय के आधार पर: • 1. करणत्व पररकल्पना (causal Hypothesis): इस िरह की पररकल्पना में शोध प्रचन का समाधान देिे हुए क्रकसी कारण की व्याख्या या उसके प्रभाव की चचाय होिी है। िैसे “थकान से सीखने की गति में कमी होिी है”। • 2. वणयनात्मक पररकल्पना (Descriptive Hypothesis): • इस िरह की पररकल्पना में क्रकसी समस्या का समाधान देिे हुए समस्या के गुणों या उसकी पररजस्थति पर प्रकाश डाला िािा है। िैसे “थकान से व्यजक्ि में आगे कायय करने की अतनच्छा होिी है”। • 3. नल पररकल्पना (Null Hypothesis): • इस िरह की पररकल्पना में में शोधकिाय चरों के बीच कोई अंिर नहीं होने का उल्लेख करिा है। नल पररकल्पना शोध पररकल्पना के ठीक ववपरीि होिी है। यह एक काल्पतनक मॉडल होिा है।
  • 44. शोध प्रक्रिया में पररकल्पना का तनमायण: • ✰शोध प्रक्रिया के अंिगयि शोध समस्या के तनमायण के बाद पररकल्पना या पररकल्पनाएाँ बनाई िािी हैं। संबंधधि सादहत्य के सवेक्षण से प्राति अध्ययन के आधार पर शोधकिाय पहले के शोध पररणामों िथा ससद्धांिों की असभधारणाओं (assumptions) के आधार पर वियमान समस्या के सलए पररकल्पना बनािा है। • पररकल्पना एक या एक से अधधक भी हो सकिी है। पररकल्पना का अथय वह अनुमातनि कथन (hypothetical statement) है िो शोधकिाय शोध करने के पहले बनािा है। शोधकिाय यह अनुमान लगािा है क्रक शोध में अमुक पररणाम या तनष्कषय प्राति होगा।
  • 45. ✰पररकल्पना तनमायण के स्रोि: • 1. व्यजक्िगि अनुभव • 2. पहले क्रकए शोध के पररणाम • 3. पुस्िकें , शोध पत्रिकाएाँ, शोध सार आदद • 4. उपलब्ध ससद्धांि • 5. तनपुण ववद्वानों के तनदेशन में
  • 46. पररकल्पना के मुख्य कायय: क्रकसी घटना की िााँच करना नए ससद्धांिो का प्रतिपादन करना (suggest a new theory) ससद्धांिों की िााँच करना
  • 47. मुख्य भाग • · मुख्य भाग में ववषय-वस्िु की व्याख्या की िािी है। • · यह भाग आमिौर पर कई अन्य छोटे-छॊटे भागों (उपशीषयकों के साथ) में बंटा होिा है। • · उपशीषयकों का चयन शोध की ववषय-वस्िु को ध्यान में रख कर क्रकया िाना चादहए। • · मुख्य भाग में िासलकाओं, धचिों, आरेखों आदद को ददया िा सकिा है। • · मुख्य भाग ववचलेषण क्रकया िािा है।
  • 48. तनष्कषय / उपसंहार • · यहााँ शोध का सार (summary) सलखा िािा है। • · यहााँ आपके शोध प्रचन का उत्तर होिा है। • · तनष्कषय मुख्य भाग में क्रकए गए ववचलेषण अथवा व्याख्या पर ही आधाररि होना चादहए। • · तनष्कषय संक्षक्षति होना चादहए।
  • 49. संदभय सूची: • · संदभय सूची में उन पुस्िकों, पत्रिकाओं, समाचार पिों, अप्रकासशि पांडुसलवपयों, शोध लेखों का वववरण ददया िािा है जिनका आपने शोध में उपयोग क्रकया है। • · संदभय सूची में िहााँ िक संभव हो पुस्िक अथवा शोध लेख के नाम के साथ लेखक, वषय, प्रकाशक, स्थान िथा पृष्ठ संख्या का उल्लेख अवचय होना चादहए। • · संदभय सूची में इंटरनेट की वेबसाईटॊं का भी उल्लेख क्रकया िा सकिा है। उनकी पूरी कड़ी (link) के साथ उस वेबसाईट को क्रकस िारीख को देखा गया है, इसका उल्लेख ब्रैके ट में करें।
  • 50. शोध प्रक्रिया: • शोध प्रक्रिया उन क्रियाओं अथवा चरणों का िमबद्ध वववरण जिसके द्वारा क्रकसी शोध को सफलिा के साथ संपन्न क्रकया िािा है। • शोध प्रक्रिया के कई चरण होिे हैं। • सभी चरण शोध प्रक्रिया में एक-दूसरे से पृथक एवं स्विंि नहीं हैं। • प्रत्येक चरण एक दूसरे पर तनभयर होिा है।
  • 51. शोध प्रर्क्रया के चरण: • 1. अनुसंधान समस्या का तनमायण • 2. संबंधधि सादहत्य का व्यापक सवेक्षण • 3. पररकल्पना/प्राकल्पना (Hypothesis) का तनमायण • 4. शोध की रूपरेखा/शोध प्रारूप (Research Design) िैयार करना • 5. आाँकड़ों का संकलन / िथ्यों का संग्रह • 6. आाँकड़ो / िथ्यों का ववचलेषण • 7. प्राकल्पना की िााँच • 8. सामान्यीकरण एवं व्याख्या • 9. शोध प्रतिवेदन िैयार करना
  • 52. Research Process in Flow Chart