8. प्रश्न.२. ‘ मको बुद् धू ी वनरा समझा ै’ , क कर लडकी क्या क ना
चा ती ै?
उ.२. लडकी य क ना चा ती ै वक चाँद उसे बुद् धू ना समझे, ि
चतुर ै और जानती ै वक चाँद को कोई बीमारी ै।
प्रश्न.१. कविता में ‘आप प ने हुए ो क
ु ल आकाश ‘ क कर लडकी
क्या क ना चा ती ै?
उ.१. कविता में लडकी क ना चा ती ै वक चाँद, तारोिं से जवडत
सिंपूर्ा आकाश-रूपी िस्त्र को प ने हुए ै।
9. प्रश्न.३. आशय बताओ:
‘ य मरज़ आपका अच्छा ी न ीिं ोने में आता ै।’
उ.३. इस पिंक्ति का आशय य ै वक लडकी को लगता ै वक चािंँँ द को
कोई बीमारी ै, जो वक ठीक ी न ीिं ो र ी ै क्योिंवक यवद िो घटते ैं तो
घटते ी जाते ैं और बढ़ते ैं तो बढ़ते ी चले जाते ैं, जब तक वक पूरे गोल
ना ो जाएिं ।
10. प्रश्न.१. कविता में बावलका ने चाँद की पोशाक वकसे बताया ै?
उ.१. कविता में बावलका ने पूरे आकाश को चाँद की पोशाक बताया ै।
प्रश्न.२. बावलका वकसे चाँद की बीमारी समझ र ी ै?
उ.२. बावलका चाँद क
े वतरछे पन को उसकी बीमारी समझ र ी ै।
प्रश्न.३. कविता क
े अनुसार चाँद आकाश में क
ै सा नज़र आता ै?
उ.३. कविता क
े अनुसार चाँद पूरे आकाश में गोल-मटोल और गोरा-वचट्टा
सा चमकता हुआ नज़र आता ै।
प्रश्न.४. बावलका क्योिं क ती ै वक चाँद की बीमारी ठीक ी न ीिं ोने को आ
र ी ै?
उ.४. बावलका ऐसा इसीवलए क ती ै क्योिंवक चाँद घटता ै तो घटता ी
चला जाता ै और बढ़ता ै तो बढ़ता ी जाता ै जब तक वक ि गोल ना ो
जाए। उसे ये एक बीमारी जान पडती ै।
11. 5. नई कविता में तुक या छिं द की बजाय वबिंब का प्रयोग अवधक ोता ै,
वबिंब ि तसिीर ोती ै जो शब्दोिं को पढ़ते समय मारे मन में उभरती
ै। कई बार क
ु छ कवि शब्दोिं की ध्ववन की मदद से ऐसी तस्वीर बनाते ैं
और क
ु छ कवि अक्षरोिं या शब्दोिं को इस तर छापने पर बल देते ैं वक
उनसे कई वचत्र मारे मन में बनें। इस कविता क
े अिंवतम व स्से में चाँद
को एकदम गोल बताने क
े वलए कवि ने वब ल क
ू ल शब्द क
े अक्षरोिं को
अलग-अलग करक
े वलखा ै। तुम इस कविता क
े और वकन शब्दोिं को
वचत्र की आक
ृ वत देना चा ोगे? ऐसे शब्दोिं को अपने ढिंग से वलखकर
वदखाओ।
उत्तर:- 1. गो – ल
2. वत – र – छे
3. वब – ल – क
ु – ल
12. भाषा की बात
6. चाँद सिंज्ञा ै। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषर् ै।
नीचे वदए गए विशेषर्ोिं को ध्यान से देखो और बताओ वक कौन-सा प्रत्यय
जुडने पर विशेषर् बन र े ैं। इन विशेषर्ोिं क
े वलए एक-एक उपयुि सिंज्ञा
भी वलखो -गुलाबी पगडी / मखमली घास / कीमती ग ने / ठिं डी रात /
जिंगली फ
ू ल / कश्मीरी भाषा
उत्तर:-
विशेषर् प्रत्यय एक और सिंज्ञा शब्द
गुलाबी ई गुलाबी साडी
मखमली ई मखमली कालीन
कीमती ई कीमती िस्त्र
ठिं डी ई ठिं डी बर्
ा
जिंगली ई जिंगली जानिर
कश्मीरी ई कश्मीरी पोशाक
13. 7. गोल-मटोल गोरा-वचट्टा
कविता में आए शब्दोिं क
े इन जोडोिं में अिंतर य ै वक वचट्टा का अथा सर्
े द
ै और गोरा से वमलता-जुलता ै जबवक मटोल अपने-आप में कोई शब्द
न ीिं ै। य शब्द ‘मोटा’ से बना ै। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर वलखो
और उनका िाक्योिं में प्रयोग करो।
उत्तर:- 1. मेल-जोल – में सबसे मेल-जोल बनाए रखना चाव ए।
2. अच्छा-बुरा – बच्ोिं को अपने अच्छे -बुरे का ज्ञान न ीिं ोता।
3. आज-कल – आज-कल म ँगाई बढ़ गई ै।
4. सुख-दुुःख – सुख-दुुःख जीिन क
े दो प लू ै।
10. गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी – क्या इन शब्दोिं क
े अथा में अिंतर ै? तुम्हें
क्या लगता ै? वलखो।
उत्तर:- गप्प – वबना काम की बात।
गप-शप – इधर -उधर की बातचीत।
गप्पबाज़ी – क
ु छ झूठी, क
ु छ सच्ी बात।
14.
15. 9. जोवक, चूँवक, ालाँवक – कविता की वजन पिंक्तियोिं में ये शब्द आए ैं,
उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो िाक्योिं को जोडने का काम करते ैं। इन
शब्दोिं का प्रयोग करते हुए दो-दो िाक्य बनाओ।
उत्तर:-
जोवक –
नीम का तेल जोवक गिंध ि स्वाद में कडिा ोता ै प्रथम श्रेर्ी की
कीटार्ुनाशक ोता ै।
य एक लडक
े की क ानी ै वजसका नाम मो न ै जोवक वदल्ली में आया
था !
चूँवक –
चूँवक प्रश्न कवठन थे इसवलए में उत्तर न ीिं वलख पाया।
चूँवक आज तेज बाररश थी इसवलए में आज स्क
ू ल न ीिं जा सका।
ालाँवक –
ालाँवक आज बाररश तेज ै वफर भी मुझे काम पर जाना ी ोगा।
ालाँवक मुझे तुम्हारा उत्तर पता ै वफर भी मैं तुमसे सुनना चा ता
16. गृ काया -
1. चािंद ने वकसकी और क
ै सी पोशाक प नी हुई ै?
2.लडकी क
े अनुसार चािंद उसे क्या समझ र ा ै?
लडकी क्या जानती ै?
3. लडकी ने चािंद क
े घटने की प्रविया पर क्या
कटाक्ष वकया ै?
4. बढ़ते समय चािंद कब तक दम न ीिं देता? लडकी
क
े अनुसार चाँद को क
ै सी बीमारी ै?
5.लडकी स्वयिं को बुद् धू न ीिं मानती क्योिं?
6.क
ृ ष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क
े विषय में आप क्या
जानते ैं?