Coral reefs are a highly productive marine ecosystem.[2]
There are many different ecosystems on Earth. Left: Coral reefs are a highly productive marine ecosystem[1], right: Temperate rainforest on the Olympic Peninsula in Washington state.
An ecosystem is a community made up of living organisms and nonliving components such as air, water, and mineral soil
Coral reefs are a highly productive marine ecosystem.[2]
There are many different ecosystems on Earth. Left: Coral reefs are a highly productive marine ecosystem[1], right: Temperate rainforest on the Olympic Peninsula in Washington state.
An ecosystem is a community made up of living organisms and nonliving components such as air, water, and mineral soil
This document discusses the importance and relevance of Sanskrit. It begins by outlining an agenda covering why Sanskrit is important, how it is relevant today, the uses of learning Sanskrit, benefits for learning it, and how difficult it is to learn. It then discusses how Sanskrit is rooted in India's heritage and constitution. It provides examples of how Sanskrit influenced science, literature, and philosophy. While Sanskrit has a complex grammar, learning it in a step-by-step manner can help develop skills like memory and self-discipline that are valuable for modern life. Overall, the document argues that Sanskrit remains highly relevant and useful to learn despite its challenges.
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...Kshtriya Powar
श्री तुमेश जी पटले को द्वारा पोवारी भाषा मा लिखी यन किताब मा छत्तीस कविता इनको संग्रह आय। पोवारी भाषा छत्तीस कुर पोवार(पंवार) समाज की आपरी मातृभाषा आय। यन भाषा मा लिखी किताब, "पोवारी कुनबा को ठाठ" मा पोवारी संस्कृति अना खेती किसानी असो कई विषय परअ साजरी कविता इनको लिखान भई से।
This document discusses the importance and relevance of Sanskrit. It begins by outlining an agenda covering why Sanskrit is important, how it is relevant today, the uses of learning Sanskrit, benefits for learning it, and how difficult it is to learn. It then discusses how Sanskrit is rooted in India's heritage and constitution. It provides examples of how Sanskrit influenced science, literature, and philosophy. While Sanskrit has a complex grammar, learning it in a step-by-step manner can help develop skills like memory and self-discipline that are valuable for modern life. Overall, the document argues that Sanskrit remains highly relevant and useful to learn despite its challenges.
पोवारी कुनबा को ठाठ, श्री तुमेश जी पटले (सारथी) द्वारा पोवारी भाषा मा रचित वि...Kshtriya Powar
श्री तुमेश जी पटले को द्वारा पोवारी भाषा मा लिखी यन किताब मा छत्तीस कविता इनको संग्रह आय। पोवारी भाषा छत्तीस कुर पोवार(पंवार) समाज की आपरी मातृभाषा आय। यन भाषा मा लिखी किताब, "पोवारी कुनबा को ठाठ" मा पोवारी संस्कृति अना खेती किसानी असो कई विषय परअ साजरी कविता इनको लिखान भई से।
ABOUT Rabindranath Tagore
Born Rabindranath Thakur
7 May 1861
Calcutta, Bengal Presidency, British India
Died 7 August 1941 (aged 80)
Calcutta
Occupation Writer, painter
Language Bengali, English
Nationality Indian[citation needed]
Ethnicity Bengali
Literary movement Contextual Modernism
Notable works Gitanjali, Gora, Ghare-Baire, Jana Gana Mana, Rabindra Sangeet, Amar Shonar Bangla (other works)
Notable awards Nobel Prize in Literature
1913
Spouse Mrinalini Devi (m. 1883–1902)
Children five children, two of whom died in childhood
Relatives Tagore family
होली 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में होली के अनोखे रीति-रिवाज.pdfZoop india
वसंत ऋतु आते ही हवाओं में खुशबू और रंगों की उमंग घुल जाती है। फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला Holi, रंगों का त्योहार, न सिर्फ वसंत का स्वागत करता है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न भी मनाता है। यह त्योहार भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।
1. कक्षा - छठी
पाठ का नाम - लोकगीत
लेखक का नाम - भगवतशरण उपाध्याय
शशक्षण शवशि - प्रश्नोत्तर शैली
शशक्षक का नाम – वेद प्रकाश शमाा
जवाहर नवोदय शवद्यालय, साहेबगंज, झारखण्ड
2. विविष्ट उद्देश्य
१.लोकगीत परम्परा से पररशित कराना।
२.लोकगीत क
े प्रशत रूशि उत्पन्न करना।
३.लोकगीत क
े महत्त्व को समझाना।
पूिवज्ञान
बच्चे संगीत से पररशित
हैं।
3.
4.
5. प्रकरणः-
बच्चो आज हम लोग श्री भगवतशरण उपाध्याय द्वारा रशित लोकगीत का अध्ययन करेंगे।
प्रथम अन्विशतः-
लोकगीत अपनी........................रस बरसता है।
आदशा वािनः-
शशशक्षका द्वारा उशित आरोह अवरोह क
े साथ स्पष्ट एवं शुद्व रूप से पाठ का वािन शकया
गया।
अनुकरण वािनः- बच्चों द्वारा वािन काया शकया गया।
प्रिशलत लोकगीत-
१. श्रीरािे गोशवन्दा, मन भज ले हरर का प्यारा नाम है।
२. पीतल की मोरी गागरी शदल्ली से मैंने मोल मँगाई।
३. सासुल पशनयाँ क
ै से जाएँ रसीले दोऊ नैना।
४. होरी न्वखलत नंदलाल शवरज में ,होरी न्वखलत नंदलाल।
6. इस प्रकार गाँवों में आज भी हर रस्म पर ये गीत गाए जाते
हैं।लड़क
े की शादी में सीतापशत बरना तथा लड़की का शवदाई
गीत बहुत प्रशसद् घ है। उबटन क
े वक्त, मेंहदी क
े वक्त तथा फ
े रों
क
े समय पर मंगल गीत गाए जाते हैं।
7. उत्तर प्रदेश और शबहार क
े पशिमी प्रदेशों में - िैता, कजरी, बारहमासा खूब गाए
जाते हैं।
पहाड़ में - पहाड़ी गीतों का प्रिलन है। गढ़वाल ,शकन्नौर, काँगडा. आशद में गाए जाने वाले
गीतों को पहाड़ी गीत कहते हैं।
पंजाब में- माशहया हीर रांझा, सोनी मशहवाल को लेकर पंजाबी में लोकगीत रिे गए।
राजस्थान में- ढोला मारू की प्रेम गाथाओं क
े ऊपर राजस्थानी में लोकगीत बड़े िाव से गाए
जाते हैं।
8. मध्यप्रदेश, दकन, छोटा नागपुर में - आशदवासी जाशतयाँ गोंड-खांड, ओराँव-
मुंडा, भील-संथाल इनक
े गीतों से शदशाए गूँज उठती हैं।
ब्रज में – होली क
े अवसर पर रशसया बड़े हर्ा और उल्लास से गाया जाता है
बुन्देलखण्ड में - आल्हा-ऊदल की वीरता को लोकगीत क
े माध्यम से ही
वशणात शकया गया है।
शबहार में - भोजपुरी में शबदेशसया बहुत प्रिशलत है।
बंगाल में - बाउल और भशतयाली लोकगीत प्रशसद् घ है।
गुजरात में - दलीय गायन क
े रूप में गरबा है शजसे शवशेर् शवशि से घेरे में
घूम-घूमकर औरतें गाती है।
9.
10. उत्तर भारत में कहरवा, शबरहा, िोशबया आशद लोकगीत देहात में
बहुत गाए जाते हैं। इस प्रकार त्योहारों पर नशदयों में नहाते समय
क
े , शववाह क
े , मटकोड़, ज्योनार क
े , जन्म आशद अवसरों क
े
अलग-अलग गीत हैं। सि तो यह है शक इन देहाती गीतों क
े
रिशयता कोरी कल्पना को इतना मान न देकर अपने गीतों क
े
शवर्य रोजमराा क
े बहते जीवन से लेते हैं, शजससे वे सीिे ममा को
छ
ू लेते हैं।इन गीतों में हँसी-मजाक, उलाहना सब समाया हुआ है
जो जीवन को सरस बनाता है। इन गीतों में ढोलक, खंजड़ी और
मंजीरा ही बजाए जाते हैं।
शफल्ों में भी इनका प्रिलन आज से नहीं बहुत पहले से रहा है।
अभी हाल में ही यह गीत -
'' सखी सैंया तो खूबशहं कमात हैं, महँगाई डायन खाए जात है। ''
11.
12. १. लोकगीत लोकशप्रयता में शास्त्रीय संगीत क
ै से शभन्न है ?
उत्तर - अपनी लोि और ताज़गी क
े कारण ।
२. लोकगीत कब गाए जाते हैं ?
उत्तर - त्योहारों और शवशेर् अवसरों पर।
३. लोकगीतों क
े शलए शकन-शकन वाद् य यंत्ों की जरूरत पड़ती है ?
उत्तर- ढोलक, मंजीरा, झाँझ, करताल ।
४. लोकगीत शकसक
े गीत कहे जाते हैं ?
उत्तर- लोकगीत जनता क
े गीत कहे जाते हैं।
५. न्वस्त्रयों क
े खास गीत कौन से हैं ?
उत्तर- त्योहारों क
े , शववाह क
े , मटकोड़, ज्योनार क
े ।
बोध प्रश्न
16. अनुवती प्रश्नः-
लोक शब्द जोड़कर शब्द पररवार बनाइए ।
उत्तर - लोककला, लोकनृत्य, लोकसंस्क
ृ शत, लोकसंगीत, लोककथा,
लोकशप्रय ।
शजसका प्रथम पद संख्यावािी हो उसे शद्वगु समास कहते हैं।
उत्तर - पंिवटी, इकतारा
सप्तशर्ा, दोपहर, िौराहा, नवरात् शब्दों का समास शवग्रह कीशजए
उत्तर - सात ऋशर्यों का समूह, दो पहरों का समूह, िार राहों का समूह,
नौ रात्ों का समूह ।
17. १. सही गलत पर शनशान लगाइए।
क- लोकगीत को शास्त्रीय संगीत क
े समान माना जाता है।
ख- आशदवासी जीवन आज भी शनयमों की जकड़ में नहीं बँि सका।
ग- बाउल पंजाब का गीत है ।
घ- ढोला-मारू राजस्थान में गाया जाता है ।
बहुशवकल्पीय प्रश्नः-
१. भोजपुरी में कौन सा गीत लोक शप्रय है ?
क) पंजाबी, ख) शबदेशशया, ग) पहाड़ी ।
२. गरबा कहाँ का लोकगीत है ?
क) महाराष्टर का, ख) राजस्थान का, ग) गुजरात का।
18. ३. बुन्देलखंडी बोली में कौन सा गीत गाया जाता है ?
क) आल्हा, ख) रशसया, ग) भशतयाली
४. इस पाठ की शविा कौन सी है ?
क) संस्मरण, ख) शनबन्ध, ग) कहानी
पुनरावृशत्त प्रश्न :-
१. लोकगीतों का वास्तशवक रूप कहाँ देखने को शमलता है ?
२. मध्य प्रदेश की आशदवासी जाशतयों क
े नाम शलन्वखए ।
३. लोकगीत शकस बोली में गाए जाते हैं ?
४. कजरी कहाँ का लोकगीत है ?
19. गृहकायाः-
१. लोकगीतों क
े बारे में संशक्षप्त जानकारी दीशजए ।
२. ज्यौनार और मटकोड़ क
े बारे में शलन्वखए ।
३. इनक
े रागों क
े नाम शलन्वखए ।
४. लोकगीत शलखने वाले कौन होते हैं ?
प्रायोजना कायाः-
१. अपनी दादी जी या माँ से लोकगीत सुनकर शलन्वखए और कक्षा में सुनाइए ।
२. रेशडयो और टेलीशवजन क
े स्थानीय प्रसारणों में एक शनयत समय पर
लोकगीत प्रसाररत होते हैं।उन्हें सुनो और शलखो ।
20. प्रश्न 1:
शनबंि में लोकगीतों क
े शकन पक्षों की ििाा की गई है? शबंदुओं क
े रूप में उन्हें शलखो।
उत्तर:
(1) लोकगीतों का हमारे देश में महत्व
(2) लोकगीतों में न्वस्त्रयों का योगदान
(3) लोकगीतों में शवशभन्नता (प्रकार)
(4) लोकगीत और शास्त्रीय संगीत
(5) लोकगीतों का शवशभन्न अवसरों में प्रयोग
(6) लोकगीतों का इशतहास
(7) लोकगीत और संगीत यंत्
(8) लोकगीत और उनकी भार्ा
(9) नृत्य और लोकगीत
प्रश्न 2:
हमारे यहाँ न्वस्त्रयों क
े खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
हमारे यहाँ न्वस्त्रयों क
े शनम्नशलन्वखत खास गीत इस प्रकार हैं-
(1) शववाह क
े अवसरों पर गाए जाने वाले गीत
(2) जन्म पर गाए जाने वाले गीत
(3) समूहों में रशसकशप्रयों और शप्रयाओं को छे ड़ने वाले गीत
(4) सावन पर गाए जाने वाले गीत
(5) नशदयों पर, खेतों पर गाए जाने वाले गीत
(6) संबशियों से प्रेमयुक्त छे ड़छाड़ वाले गीत
(7) त्योहारों पर गाए जाने वाले गीत
21. प्रश्न 3:
शनबंि क
े आिार पर और अपने अनुभव क
े आिार पर (यशद तुम्हें लोकगीत
सुनने क
े मौक
े शमले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी शवशेर्ताएँ बता
सकते हो?
उत्तर:
लोकगीतों की शनम्नशलन्वखत शवशेर्ताएँ इस प्रकार हैं:-
(i) इनको गाते वक्त
़ एक उत्साह उत्पन्न होता है।
(ii) लोकगीतों में गाँवों क
े जन-जीवन की झलक प्राप्त होती है।
(iii) लोकगीतों को समूह में शमलकर गाया जाता है।
(iv) लोकगीतों को सािारण ढोलक, मंजीरा, मुरली, झाँझ, करतल क
े साथ
गाया जा सकता है।
(v) इनको गाने क
े शलए संगीत क
े ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती।
(vi) लोकगीतों से शवशेर् आनन्द प्राप्त होता है।
(vii) लोकगीत ऊ
ँ िी आवाज़ में और मस्त होकर गाए जाते हैं।
22. प्रश्न 4:
‘पर सारे देश क
े ……अपने-अपने शवद्यापशत हैं’ इस वाक्य का क्या अथा है? पाठ पढ़कर मालूम करो
और शलखो।
उत्तर:
इस वाक्य का अथा क
ु छ इस प्रकार है शक पूरब की बोशलयों में हमेशा मैशथल-कोशकल शवद्यापशत क
े
गीत गाए जाते हैं। शजन्होनें इन गीतों की रिना की थी और वो अपने गीतों क
े कारण पूरब में खासे
जाने गए हैं। परन्तु इसक
े शवपरीत सारे देश क
े अलग-अलग राज्यों में व उनक
े गाँवों में वहाँ क
े लोग
समय को व अवसर को देखकर स्वयं ही गीतों की रिना करने वाले रिनाकार (शवद्यापशत) आज भी
मौजूद हैं।
प्रश्न 1:
‘लोक’ शब्द में क
ु छ जोड़कर शजतने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूिी बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से
देखो और समझो शक उनमें अथा की दृशष्ट से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ। जैसे-
लोककला।
उत्तर:
लोकतंत्र :- भारत; शवश्व में लोकतंत् का सबसे बड़ा उदाहरण है।
लोकमंच :- लोकमंि में जनता की परेशाशनयों को उठाया जाता है।
लोकमत :- सरकार को िाशहए शक लोकमत क
े अनुसार काया करे।
लोकिाद्य :- लोगों द्वारा बजाने वाला यंत्।
23. प्रश्न 2:
‘बारहमासा’ गीत में साल क
े बारह महीनों का वणान होता है। नीिे शवशभन्न अंकों से जुड़े
क
ु छ शब्द शदए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ शक इनका क्या अथा है और वह
अथा क्यों है। इस सूिी में तुम अपने मन से सोिकर भी क
ु छ शब्द जोड़ सकते हो –
इकतारा सरपंि िारपाई सप्तशर्ा अठन्नी
शतराहा दोपहर छमाही नवरात्
24. इकतारा – एक तार से बजने वाला यंत्
सरपंच – पाँिों पंिो में प्रमुख
चारपाई– िार पैरों वाली
सप्तवषव – सात ऋशर्यों का समूह
अठन्नी– पिास पैसे का शसक्का
वतराहा– जहाँ तीन रास्ते आपस में शमलते हैं
दोपहर– जब शदन क
े दो पहर शमलते हो
छमाही– छह महीने में होने वाला
निरात्र– नौ रातों का समूह
उत्तर 2 :
25. प्रश्न 3:
को, में, से आशद वाक्य में संज्ञा का दू सरे शब्दों क
े साथ संबंि दशााते हैं। शपछले पाठ (झाँसी की रानी)
में तुमने का क
े बारे में जाना। नीिे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत क
े
एक लोकवाद्य का वणान शदया गया है। इसे पढ़ो और ररक्त स्थानों में उशित शब्द शलखो-
तुरही भारत क
े कई प्रांतों में प्रिशलत है। यह शदखने …….. .अंग्रेजी क
े एस या सी अक्षर ……… तरह
होती है। भारत …….. शवशभन्न प्रांतों में पीतल या काँसे. …….. बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ………
जाना जाता है। िातु की नली ……… घुमाकर एस ……… आकार इस तरह शदया जाता है शक उसका
एक शसरा संकरा रहे और दू सरा शसरा घंटीनुमा िौड़ा रहे। फ
ूँ क मारने ……… एक छोटी नली अलग
……… जोड़ी जाती है। राजस्थान ……… इसे बगूा कहते हैं। उत्तर प्रदेश ……… यह तूरी मध्य प्रदेश और
गुजरात ……… रणशसंघा और शहमािल प्रदेश ……… नरशसंघा ……… नाम से जानी जाती है। राजस्थान
और गुजरात में इसे काकड़शसंघी भी कहते हैं।
उत्तर:
तुरही भारत क
े कई प्रांतों में प्रिशलत है। यह शदखने में अंग्रेजी क
े एस या सी अक्षर की तरह होती है।
भारत क
े शवशभन्न प्रांतों में पीतल या काँसे से बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। िातु
की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह शदया जाता है शक उसका एक शसरा संकरा रहे और
दू सरा शसरा घंटीनुमा िौड़ा रहे। फ
ूँ क मारने पर एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है।
राजस्थान में इसे बगूा कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी मध्य प्रदेश और गुजरात में रणशसंघा और
शहमािल प्रदेश में नरशसंघा क
े नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़शसंघी भी
कहते हैं।